अवसाद और चिंता जैसे मनोरोगों में योग की भूमिका
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अवसाद और चिंता से ग्रस्त बहुत से रोगी व्यायाम, योग, गैर-औषधीय और गैर-पारंपरिक उपचारों की ओर रुख करते हैं।
विभिन्न विष्लेषणों व व्यवस्थित समीक्षाओं से ज्ञात होता है कि इस प्रकार के वैकल्पिक उपचार अवसाद और चिंता जैसे
मनोरोगों के लक्षणों में सुधार कर सकते हैं। एक वैकल्पिक उपचार या मोनोथेरेपी या सहायक चिकित्सा के रूप में ‘योग’
विशेष रूप से अवसाद व चिंता की स्थिति में सकारात्मक प्रभाव दिखाता है और यह चिंता जैसे विकार के उपचार की
सुविधा भी उपलब्ध करता है। इसका प्रभाव छह महीने या उससे अधिक समय तक रह सकता है; हालांकि चिंता रोग वाले
मरीजों में सकारात्मक निष्कर्ष कम प्राप्त होते हैं। मनोरोगों में ध्यान के कोई स्पष्ट नकारात्मक प्रभाव प्राप्त नहीं हैं, और
अवसाद और चिंता विकारों वाले मरीजों के लिए सामान्य स्वास्थ्य लाभ हेतु सहायक चिकित्सा के रूप में ध्यान उपयोग को
उचित ठहराया जाता हैं।
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