Published December 25, 2021 | Version v1
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'दलित पैंथर ने दलित साहित्य का भूमण्डलीकरण किया '

  • 1. Assam University

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ज. वि .पवार दलित-पैंथर के संस्थापकों में एक रहे हैं। इस संगठन ने 1980 के दशक के शुरुआती वर्षों में अपनी गतिविधियों से भारत ही नहीं , दुनिया -भर का ध्यान खींचा था । इसी संगठन को दलित-साहित्य का जनक भी माना जाता रहा है। लेकिन तथ्य यह है कि ‘दलित-साहित्य’ ही ‘दलित-पैंथर’ का जनक रहा है। पवार  असम विश्वविद्यालय की शोध छात्रा राजश्री सैकिया से बातचीत के दौरान  एक कौंध की तरह यह ध्यान दिलाते हैं कि संगठन और आंदोलन से पहले साहित्य है, इसलिए दलित साहित्य को अधिक अहमियत दी जानी चाहिए। 

Notes

यह सच है कि दलित साहित्य का आरंभ मराठी दलित साहित्य ने ही किया,लेकिन आज की बात की जाए तो हमसे भी अच्छा दलित-आंबेडकरवादी साहित्य का निर्माण हिन्दी,तेलेगु,कन्नड़,पंजाबी इन सब में हो रहा हैं| मुझे विश्वास है एक दिन ऐसा होगा जब केवल आंबेडकरवादी साहित्य ही होगा- ज .वि. पवार

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J V Pawar in conversation with Rajshree Saikia _ on Dalit Panther.pdf

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