Published June 25, 2024 | Version https://www.socialresearchfoundation.com/new/publish-journal.php?editID=9244
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मोटे अनाज (मिलेट्स) का परिचय व विभिन्न क्षेत्रों में इसकी उपयोगिता व महत्व (सिरीधान्य मिलेट्स पर विशेष अध्ययन)

  • 1. माणिक्यलाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय, भीलवाड़ा,राजस्थान, भारत

Description

मिलेट्स वास्तव में छोटे बीज वाली घास का एक समूह है जो व्यापक रूप से दुनियाभर में अनाज फसलों और मानव भोजन के लिए तथा चारे के रूप में उगाया जाता है। भारत के सबसे पुराने यजुर्वेद ग्रंथों में भी इनका उल्लेख किया गया है। 50 वर्ष पूर्व तक भारत में मिलेट्स प्रमुख अनाज थे। मिलेट्स की उपयोगिता को देखते हुए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को प्रस्ताव दिया था कि वर्ष 2023 को International year of Millet(IYOM) के रूप में घोषित किया जाए । भारत के इस प्रस्ताव को 72 देशों और यूनाइटेड ने समर्थन दिया था. जिसके बाद राष्ट्र महासभा ने 5 मार्च 2021 को घोषणा की कि वर्ष 2023 को IYOM के रूप में मनाया जाय। सतत् विकास लक्ष्य (sustainable development goals) में अच्छा स्वास्थ्य जो कि तीसरा महत्वपूर्ण लक्ष्य भी हैजिसे पूरा करने में भारतीय परम्परागत सकारात्मक अनाज मिलेट्स का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

डॉ. खादर वल्ली जिन्हें मिलेट मैन ऑफ इंडिया कहा जाता है ने मिलेट्स पर गहन अध्ययन किया है। ये कहते हैं कि सही भोजनसाधारण जीवन शैली और सही कृषि पद्धतियों से ही मानव समाज फिर से स्वस्थ समाज बन सकता है। डॉ. खादर वल्ली की प्रेरणा से उदयपुर निवासी समाज सेवा कर रहे श्री सतीश व्यास ने मधुमेह मुक्त राजस्थान का संकल्प लिया है तथा उन्होंने भी कई व्यक्तियों को आहार में मिलेट्स सेवन एवं जीवन शैली में परिवर्तन हेतु प्ररित किया है जिसके आश्चर्यजनक सकारात्मक प्रभाव सामने आए हैं।

प्रस्तुत शोधपत्र के माध्यम से सकारात्मक पोषक अनाज (मिलेट्स) के विस्तृत परिचय के साथ ही स्वास्थ्यरोजगार व कृषि क्षेत्र में मिलेट्स के महत्व पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है।

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Additional details

Dates

Submitted
2024-06-10
Accepted
2024-06-18

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