बौद्ध काल में शिक्षा एवं चिकित्सा के प्रमुख केन्द्रों का संक्षिप्त विवरण विवरण
Creators
- 1. पीजीटी-इतिहास, कर्मचारी आईडी – 079226, माध्यमिक शिक्षा, हरियाणा
Description
प्राचीन शिक्षा के केन्द्रों में शिक्षण कार्य भिक्षु करते थे, इनके निर्वाह का प्रबंध विद्यालय की ओर से रहता था । भारत में शिक्षा संस्थाओं का जन्म मठो या बौद्ध विहारों से हुआ है । महात्मा बुद्ध ने उपासकों की विधिवत शिक्षा-दीक्षा पर बहुत जोर दिया था । दस वर्ष तक अध्ययन करने के बाद उपासकों को श्प्रव्रज्याय दी जाती थी । उनके विहार गुरुकुलों के ही समान थे। विहारों का मुख्य आचार्य योग्य भिक्षु होता था । विहारों मठों में भोजन तथा वस्त्र आदि का सुभिता शिष्यों को मिलता था । विद्या समाप्ति पर गुरु दक्षिणा देना आचार माना जाता था । जो गुरुदक्षिणा नहीं चुकाते थे उनको समाज में हेय दृष्टि से देखा जाता था । अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कुछ प्रसिद्ध शिक्षा एवं चिकित्सा संस्थाओं का वर्णन इस प्रकार है-
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Identifiers
- EISSN
- 2456-6713
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- Is compiled by
- Journal article: 2456-6713 (EISSN)
Dates
- Accepted
-
2024-06-24OK