स्वामी विवेकानन्द के शैक्षिक दर्शन एवं वर्तमान शैक्षिक प्र्तिमान का तुलनात्मक अध्ययन
- 1. एसोसिएट प्रोफेेसर एवं शोध निर्देशक, शिक्षा विभाग, मदरहुड विश्वविद्यालय, रूडकी, जिला. हरिद्धार
- 2. शोधकत्र्ता, शिक्षा विभाग, मदरहुड विश्वविद्यालय, रूडकी, जिला. हरिद्धार
Description
प्रस्तुत शोध पत्र ष्स्वामी विवेकानन्द के शैक्षिक विचारों की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उपयोगिता उद्देश्य स्वामी विवेकानन्द के विभिन्न शैक्षिक विचारों की वर्तमान में उपयोगिता को परिलक्षित करना है। प्रस्तुत शोध पत्र में ऐतिहासिक अनुसंधान विधि को आधार बनाया गया है तथा प्राथमिक एवं द्वितीयक स्रोतों के द्वारा निष्कर्ष निकाले गये है। स्वामी विवेकानन्द जी ने आधारभूत भारतीय जीवन मूल्यों एवं जनशिक्षा की अन्तर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में तर्कसंगत व्याख्या की हैं। स्वामी जी की शिक्षा में परम्पराए आधुनिकताए पूर्व.पश्चिम आध्यात्मिकता तथा वैज्ञानिकता का सामंजस्य एवं समन्वय विशेष उल्लेखनीय हैं। इस शिक्षा के द्वारा उन्होंने समाज सेवा एवं जनशिक्षाए आध्यात्मिक एवं धार्मिक पुनरुत्थान व जागृति को प्रमुख ध्येय माना हैं। उन्होंने अपने शिक्षा दर्शन में अपनी ओजस्वी वाणी भारतीय धर्म . साधना एवं ज्ञान.विज्ञान के चिरस्थायी मूल्यों की उपयोगिता का जयघोष किया । निष्कर्ष में पाया गया कि वर्तमान शोध अध्ययन के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि आधुनिक शिक्षा को औचित्य पूर्ण बनाने के लिए स्वामी विवेकानन्द के शैक्षिक विचारों तथा मूलभूत सिद्धान्तों का अमूल्य योगदान हैं। स्वामी जी की शिक्षा योजना के बिना आधुनिक शिक्षा योजना की स्थिति जड़ रहित वृक्ष की भांति होगी।
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Dates
- Issued
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2023-12-15Oct.-Nov.-Dec. 2023
References
- ए विवेकानंद राष्ट्र के लिए उनका आह्वान ए दिल्ली सेंट सहयोगी रोड ए कलकत्ता।