news_websitWebsite,rrticle_url,news_headline,article_text,propaganda_label https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-amit-shah-address-51st-foundation-day-of-bureau-of-police-research-and-development-21990012.html,"अमित शाह बोले- लोकतंत्र हमारे देश का स्वभाव, बिना कानून व्यवस्था नहीं हो सकता सफल","नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजधानी दिल्ली में 'पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो' के 51वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में रजत पदक विजेता मीराबाई चानू को सम्मानित किया। मणिपुर सरकार ने मीराबाई चानू को पुलिस विभाग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खेल) के रूप में नियुक्त किया है। शाह ने कहा कि अजादी के पहले से लोकतंत्र हमारे देश का स्वभाव रहा है और बिना कानून व्यवस्था के यह सफल नहीं हो सकता है।पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के 51वें स्थापना दिवस के मौके पर अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र हमारे देश का स्वभाव है। अगर कोई कहता है कि लोकतंत्र 15 अगस्त 1947 के बाद या 1950 में संविधान अपनाने के बाद ही आया, तो यह गलत है। उन्होंने कहा कि पहले भी गांवों में 'पंच परमेश्वर' हुआ करते थे। हजारों साल पहले द्वारका में यादवों का गणतंत्र था। बिहार में गणतंत्र भी था, इसलिए लोकतंत्र हमारे देश का स्वभाव रहा है।गृह मंत्री ने कहा कि अगर कानून व्यवस्था ठीक नहीं है तो लोकतंत्र कभी सफल नहीं हो सकता है। कानून व्यवस्था को ठीक रखने का काम पुलिस करती है। पूरे सरकारी तंत्र में सबसे कठिन काम अगर किसी सरकारी कर्मचारी का है तो वह पुलिस के मित्रों का है। उन्होंने कहा कि कहा कि कोई भी संस्था हो, वह अपने क्षेत्र के अंदर 51 साल तक अपनी प्रासंगिकता को बना सकता है और बनाए रखता है तो उसका मतलब है उसके काम में प्रासंगिकता और दम दोनों हैं।समारोह के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 75 सालों में देश में 35,000 पुलिस के जवानों ने बलिदान दिया इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस स्मारक की रचना की जो बताता है कि पुलिस 35,000 बलिदानों के साथ देश की सेवा में खड़ी है।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-pm-narendra-modi-likely-to-visit-us-later-this-month-21989855.html,"इस महीने अमेरिका दौरे पर जा सकते हैं पीएम मोदी, जो बाइडन से कर सकते हैं मुलाकात","नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं। इस दौरान उनके अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन से भी मिलने की संभावना है। हालांकि अभी तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। एएनआइ को सूत्रों ने बताया कि कार्यक्रम को फिलहाल अंतिम रूप दिया जा रहा है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो फिर पीएम मोदी 23-24 सितंबर को अमेरिका के दौरे पर रहेंगे।पीएम मोदी आखिरी बार 2019 में अमेरिका गए थे। इस दौरान उन्होंने और तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ह्यूस्टन में एक विशाल प्रवासी कार्यक्रम को संबोधित किया था। जानकारी के अनुसार, वाशिंगटन के बाद, पीएम मोदी वार्षिक उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में भाग लेने के लिए न्यूयार्क जाएंगे। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक अस्थायी सदस्य है और इसकी एक महीने की अध्यक्षता अभी समाप्त हुई है। तालिबान के कब्जे के बाद संकट में घिरा अफगानिस्तान इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रमुख विषय होगा।अभी तक यात्रा की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, अगर यह कार्यक्रम तय हो जाता है तो यह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ पीएम मोदी की पहली व्यक्तिगत मुलाकात होगी। इस साल जनवरी में राष्ट्रपति जो बाइडन के पदभार संभालने के बाद से यह उनकी अमेरिका की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। पीएम मोदी और जो बाइडन के बीच क्वाड और जी 7 बैठकों जैसी विभिन्न बहुपक्षीय बैठकों में वर्चुअल मुलाकात हो चुकी है।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-election-commission-gets-reply-from-six-state-about-bypoll-amid-corona-crisis-21989238.html,"उपचुनावों को लेकर छह राज्यों ने EC को भेजा जवाब, बताया- कोरोना काल में यूं होगा चुनाव","नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना महामारी के बीच चुनावों का आयोजन एक मुश्किल काम है। इसे लेकर चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा व विधानसभा चुनावों को लेकर एहतियात बरता जा रहा है। आयोग ने जिन 16 राज्यों में लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव (Bypoll) होने हैं उनसे महामारी को देखते हुए चुनाव प्रक्रिया के आयोजन को लेकर विस्तार से जवाब मांगा था। जिसके बाद कम से कम छह राज्यों की ओर से चुनाव आयोग (Election Commission) को लिखित में कोरोना काल (Corona Pandemic) में चुनाव प्रक्रिया के समय और तरीके के बारे में अपना जवाब भेज दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि आयोग को शुक्रवार शाम तक कम से कम छह राज्यों से प्रतिक्रिया मिली और अन्य राज्यों से अनुरोध शनिवार तक आने की उम्मीद है। बुधवार को चुनाव आयोग ने मांगा था जवाब सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी के प्रसार से बचने के लिए लगाए जाने वाले प्रतिबंधों और उपचुनावों के समय पर अब तक की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग रही हैं। बुधवार को, चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने राज्य सरकारों से कहा था कि वे चुनाव के समय और तरीके पर अपनी प्रतिक्रिया लिखित में भेजें।चुनाव आयोग ने राज्यों से कोरोना महामारी, बाढ़, कानून व्यवस्था की स्थिति और आगामी त्योहारों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी थी।इन सीटों पर हैं चुनाव लोकसभा की तीन सीटों दादर और नगर हवेली व दमन और दीव, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की खंडवा और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मंडी में उपचुनाव होने हैं। जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें बंगाल की सात, उत्तर प्रदेश की चार और हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और असम की तीन-तीन सीटें शामिल हैं। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस जल्द से जल्द उपचुनाव कराने की इच्छुक है। विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से हारने वाली मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) को पद पर बने रहने के लिए पांच नवंबर तक राज्य विधानसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने की जरूरत है।",-1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/west-bengal-bhabanipur-assembly-seat-bypolls-on-30-september-election-commission-mamata-banerjee,पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी की भवानीपुर सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव,"चुनाव आयोग (EC) ने 30 सितंबर को पश्चिम बंगाल (West Bengal) के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराने का फैसला किया है, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) चुनाव लड़ेंगी. ममता बनर्जी को अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. इसी दिन पश्चिम बंगाल के समसेरगंज और जंगीपुर, और ओडिशा के पिपली में भी मतदान होगा. वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी.",-1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/kerala-cm-pinarayi-vijayan-denies-lockdown-in-state-huge-covid-19-surge,केरल में कोरोना की भीषण मार लेकिन मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन से किया इनकार,"केरल (Kerala) से देश में सबसे अधिक COVID के मामले सामने आ रहे हैं. जिसके बाद राज्य में एक बार फिर सख्त लॉकडाउन के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने लॉकडाउन से साफ इनकार कर दिया है.उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लगाना ""अर्थव्यवस्था और आजीविका के लिए एक बड़ा संकट पैदा करेगा."" साथ ही उन्होंने घोषणा की कि कोविड से निपटने के लिए सरकारी अधिकारियों, स्वयंसेवकों और आम लोगों की पड़ोस (Neighbourhood) निगरानी समितियों का गठन किया जाएगा.लोकल बॉडी के अधिकारियों से बात करते हुए उन्होंने कहा,कोई भी पूरे राज्य में लॉकडाउन जैसे उपायों का समर्थन नहीं करता है. यह अर्थव्यवस्था और आजीविका के लिए एक बड़ा संकट पैदा करेगा. विशेषज्ञों की राय है कि हमें सामाजिक एंटीबॉडी बनाकर वापस सामान्य होने की जरूरत है. सावधानी से समझौता नहीं किया जाना चाहिए.""मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि टेस्ट पॉजिटिविटी दर 18 से 20 प्रतिशत के बीच रही फिर भी केरल मृत्यु दर 0.5 प्रतिशत रखने में सक्षम रहा.उन्होंने आगे कहा कि ""जो लोग घरों में क्वारंटीन में हैं उन्हें बाहर नहीं जाना चाहिए, ऐसे व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया जाएगा.गौरतलब है कि केरल से हर रोज देश में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. बीते 24 घंटे में केरल से कोरोना के 29,322 नए मामले सामने आए जबकि 131 लोगों की मौत हुई है.उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्थानीय देखभाल ही सबसे ऊपर है. पड़ोस (Neigbourhood) मॉनिटरिंग कमेटी, रैपिड रिस्पांस टीम, वार्ड लेवल कमेटी, पुलिस और मजिस्ट्रेट के निर्देशों के आधार पर ही कोरोना प्रतिबंध लागू होने चाहिए.",-1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/politics/yediyurappa-hints-of-resigning-from-cms-post-post-26-july-b621/,"येदियुरप्पा ने दिए संकेत, 26 जुलाई के बाद देंगे सीएम पद से इस्तीफा","नए सीएम को लेकर बीजेपी नेतृत्व में माथा पच्ची शुरू.लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं येदियुरप्पा.येदियुरप्पा के बेटे बी वाय विजेंद्र को अहम जिम्मेदारी मिलने की संभावना.कर्नाटक में नेतृत्‍व परिवर्तन को लेकर चल रही अटकलों के बीच सीएम बीएस येदियुरप्‍पा गुरुवार को बचाव की मुद्रा में नजर आए. उन्‍होंने कहा, '26 जुलाई को उनके मौजूदा कार्यकाल के दो साल पूरे हो रहे हैं और इसके बाद आलाकमान के जो भी निर्देश होंगे उनका पालन करेंगे।' येदियुरप्‍पा ने कहा, 'आप सब जानते हैं कि मैंने दो माह पहले कहा था कि किसी और के लिए रास्‍ता बनाने को मैं इस्‍तीफा दे दूंगा. मैं पावर में रहूं या न रहूं, बीजेपी को फिर से सत्‍ता में लाना मेरा कर्तव्‍य है. मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से सहयोग का आग्रह करता हूं.'येदियुरप्‍पा का लिंगायत समुदाय में तगड़ा प्रभाव.बीते दिनों येदियुरप्पा को दिल्ली बुलाकर बीजेपी नेतृत्व ने उन्हें सीएम पद छोड़ने के लिए तैयार कर लिया था। हालांकि बीजेपी के सामने सबसे बड़ी दिक्कत नए नेता के चुनाव को लेकर है। लिंगायत समुदाय से आने वाले 78 वर्षीय नेता येदियुरप्पा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का उनके प्रति विशेष स्नेह एवं विश्वास है। उन लोगों को कोई पद नहीं दिया जाता जिनकी उम्र 75 साल से अधिक हो गयी है लेकिन मेरे काम की सराहना करते हुए उन्होंने 78 वर्ष की आयु पार करने के बावजूद मौका दिया। येदियुरप्पा ने कहा कि उनका इरादा आने वाले दिनों में पार्टी को मजबूत करना और उसे फिर से सत्ता में लाना है। नया सीएम चुनना बीजेपी के लिए तेढ़ी खीर.कर्नाटक में मुख्यमंत्री के पद छोड़ने के साफ संकेत देने के बाद बीजेपी नेतृत्व पर अब जल्द से जल्द नए नेता का चयन करना चुनौती बन गया है। येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं जो राज्य का सबसे बड़ा व प्रभावी समुदाय है। राज्य का दूसरा प्रभावी समुदाय वोकलिग्गा है। लगभग आधा दर्जन प्रमुख नेताओं के नाम भावी नेता के लिए चर्चा में हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने अभी स्थिति साफ नहीं की है। यह भी लगभग तय है कि येदियुरप्पा के बेटे और प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष बी वाय विजेंद्र को नेतृत्व परिवर्तन के बाद अहम भूमिका दी जाएगी।सीएम येदियुरप्‍पा को हटाने को लेकर मुहिम पिछले एक साल से चल रही है। इसके पीछे की वजह येदियुरप्‍पा परिवार का मंत्रालयों के तहत होने वाले ट्रांसफर और पोस्टिंग में हस्तक्षेप को बताया जा रहा है. येदियुरप्‍पा को पद से हटाने की एक वजह संघ के कद्दावर नेता बीएल संतोष से उनके संबंधों को भी बताया जा रहा हैं।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/union-minister-ramdas-athawale-bats-for-one-child-norm-to-control-population-growth-in-india,"अठावले की सलाह: देश के विकास के लिए बढ़ती जनसंख्या पर काबू पाना जरूरी, वन चाइल्ड पॉलिसी लागू होनी चाहिए","केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास आठवले ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मोदी सरकार को सलाह दी है। उन्होंने शनिवार को कहा कि देश के विकास के लिए देश की बढ़ती जनसंख्या पर काबू पाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उनकी पार्टी 'वन चाइल्ड पॉलिसी' का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए आबादी को नियंत्रित करने की जरूरत है, चाहे वह हिंदुओं की आबादी हो या मुसलमानों की। उन्होंने कहा कि यदि हम 'एक परिवार एक बच्चा' की नीति अपनाते हैं तो हम आबादी कम कर पाएंगे। अभी 'हम दो, हमारे दो' की नीति है। हमारी पार्टी मानती है कि आबादी घटाने के लिए हम दो हमारा एक (एक परिवार, एक बच्चा) कानून बने। आठवले ने कहा कि वह पीएम मोदी के सामने भी जल्द इस मुद्दे को उठाएंगे। देश में तभी तक संविधान और धर्मनिरपेक्षता रहेगी, जब तक हिंदू बहुसंख्यक हैं, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के इस बयान को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में आठवले ने कहा कि हिंदुओं की संख्या कम होने की कोई संभावना ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं नहीं मानता कि हिंदुओं की संख्या कम होने का कोई सवाल है। हिंदू हिंदू ही रहते हैं और मुस्लिम मुस्लिम ही रहते हैं। मुश्किल से एक या दो हिंदू या मुस्लिम धर्म बदलते हैं। संविधान लोगों को वह करने की आजादी देता है, जो उन्हें पसंद हैं, कोई जबरन धर्मांतरण नहीं करा सकता है। उन्होंने कहा कि हिंदू या मुस्लिम आबादी अनुपात में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/dabholkar-murder-case-prosecute-the-accused-under-uapa-cbi-demands-special-court,"दाभोलकर हत्याकांड: आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाएं, सीबीआई की अदालत से मांग","अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने वाले तर्कशास्त्री डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की 2013 में हुई हत्या के मामले में सीबीआई ने विशेष अदालत से पांच आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने की मांग की। जांच एजेंसी का कहना है कि आरोपियों ने दाभोलकर की हत्या कर लोगों के एक वर्ग के बीच आतंक पैदा करने का प्रयास किया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (विशेष अदालत के न्यायाधीश) एस आर नावंदर के समक्ष शुक्रवार को पांच आरोपियों डॉ. विरेन्द्र सिंह तावडे, शरद कलसकर, सचिन अंदुरे, वकील संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर दलीलें पेश की गईं। विशेष लोक अभियोजक प्रकाश सूर्यवंशी ने सीबीआई की ओर से दलीलें रखीं।सूर्यवंशी ने कहा कि आरोपियों पर आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र), 120 बी के साथ 302 (हत्या), शस्त्र कानून की संबंधित धाराओं और यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य के लिए सजा) के तहत आरोप लगाए गए। उन्होंने यूएपीए की धारा 16 पर जोर दिया और दलील दी कि इस मामले में इसे लागू करना कैसे न्यायोचित है। उन्होंने कहा, यूएपीए की धारा 15 की परिभाषा समाज या समाज के एक वर्ग के बीच आतंक पैदा करना है। मौजूदा मामले में हमारी दलील है कि लोगों के एक वर्ग के बीच आतंक पैदा करने के लिए डॉ.दाभोलकर की हत्या के लिए बंदूक का इस्तेमाल किया गया इसलिए यूएपीए की धारा 16 इस मामले में लगाई जानी चाहिए है। उन्होंने कहा कि सीबीआई को यूएपीए की धारा 16 लगाने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मिली थी।बहरहाल, बचाव पक्ष के वकील वीरेंद्र इचलकरांजिकर ने यूएपीए की धारा 16 को लगाने की मांग का विरोध किया। अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई 7 सितंबर को करेगी।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/representatives-of-the-confederation-of-ex-paramilitary-forces-welfare-association-called-on-president-ram-nath-kovind,केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की लंबित मांग: तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर ने प्रधामंत्री के पास फाइल भेजने का दिया भरोसा,"कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार शाम को भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है। एसोसिएशन की तरफ से राष्ट्रपति को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की लंबित पड़ी मांगों के बारे में अवगत कराया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एसोसिएशन द्वारा सौंपे गए ज्ञापन के बाद कहा कि वे जायज मुद्दों को अपनी सिफारिश के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजेंगे। एसोसिएशन द्वारा एसएससीजीडी 2018 के अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मसला भी राष्ट्रपति के समक्ष रखा गया।एसोसिएशन के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व महासचिव रणबीर सिंह ने किया था। उन्होंने बताया, पुरानी पेंशन बहाली व अन्य कल्याण संबंधित मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की लंबित मांगों को लेकर इससे पहले वे देश के गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, वित्तमंत्री, गृह राज्यमंत्री, गृह एवं कैबिनेट सचिव व अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मिल चुके थे। सभी ने मांगें पूरी करने का दिलासा दिया, लेकिन अभी तक कोई भी मांग पूरी नहीं हो सकी। वहां जब कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला तो उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति से मुलाकात की गुहार लगाई थी। राष्ट्रपति के साथ जिन मुद्दों पर चर्चा की गई, उनमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में लाना, राज्यों में अर्धसैनिक कल्याण बोर्डों का गठन करना, सीपीसी कैंटीन पर पचास फीसदी जीएसटी छूट देना, सरदार पटेल के नाम पर राज्यों की राजधानियों में अर्धसैनिक स्कूलों की स्थापना, शस्त्र-सेना झंडा दिवस की तर्ज पर अर्धसेना झंडा-दिवस कोष की स्थापना व सीजीएचएस डिस्पेंसरियों का विस्तार, आदि शामिल हैं।एसोसिएशन की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष जयेंद्र सिंह राणा ने तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर से गुहार लगाई कि तीन साल से नियुक्ति की बांट जोह रहे 55 हजार एसएससी जीडी मेडिकल फिट युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया जाए। इससे उन युवाओं को केंद्रीय सुरक्षा बलों में काम करने का मौका मिलेगा और दूसरा राष्ट्र का बाहरी एवं आंतरिक सुरक्षा घेरा मजबूत हो सकेगा। कोषाध्यक्ष वीएस कदम के अनुसार, आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि जब महामहिम राष्ट्रपति द्वारा पूर्व अर्धसैनिक बलों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के लिए रायसीना हिल्स यानी राष्ट्रपति भवन से बुलावा आया है। राष्ट्रपति ने पूर्व अर्धसैनिकों बलों के द्वारा देश के प्रति की गई सेवाओं की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उपरोक्त जायज मुद्दों को सिफारिश के साथ प्रधानमंत्री के पास भेजेंगे। इस अवसर पर पैरामिलिट्री फोर्सेस के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार की एक लाख से अधिक हस्ताक्षरित पिटिशन महामहिम राष्ट्रपति को सौंपी गई। इस मौके पर तारादत्त शर्मा कार्डिनेटर उत्तराखंड व मोहम्मद अय्यूम खान अध्यक्ष पुंछ-मैंढर जम्मू, भी बैठक में उपस्थित रहे।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/amar-ujala-national-webinar-hindi-hai-hum-topic-employment-prospects-in-mother-tongue-hindi-will-be-discussed,हिंदी हैं हम: रविवार को राष्ट्रीय वेबिनार में 'मातृभाषा हिंदी में रोजगार संभावनाएं' विषय पर होगी चर्चा,"हिंदी हमारी मातृभाषा है। यह विचारों, भावनाओं और संवेदनाओं को व्यक्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है। इसी के जरिये हम अपनी बात को सहजता और सुगमता से दूसरों तक पहुंचा पाते हैं। हिंदी की लोकप्रियता और पाठकों से उसके दिली रिश्तों को देखते हुए चलाए गए अमर उजाला के ‘हिंदी हैं हम’ अभियान से तो आप वाकिफ ही हैं।अब इसी अभियान की एक कड़ी के तहत रविवार पांच सितंबर को दोपहर तीन बजे से राष्ट्रीय स्तर पर वेबिनार आयोजित किया जा रहा है। यह एक ऐसा मंच होगा, जहां आप हिंदी के विशेषज्ञों से रूबरू हो सकते हैं, जो मातृभाषा के संवाहक हैं। इस वेबिनार का विषय 'मातृभाषा हिंदी में रोजगार संभावनाएं' रखा गया है।'हिंदी हैं हम' के राष्ट्रीय वेबिनार में हिंदी के कुछ विशेष प्राध्यापक शिरकत करेंगे। इनमें जेएनयू में भारतीय भाषा केंद्र के चेयरपर्सन प्रोफेसर ओपी सिंह, चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ में प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष नवीन चंद्र लोहानी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रोफेसर चंदा देवी, दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. मोहन, दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर श्योराज सिंह बेचैन, लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर योगेंद्र प्रताप सिंह, एसआसीसी में अर्थशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर अश्विनी कुमार शामिल हैं। जो हिंदी भाषा के प्रति रुझान रखते हैं और हिंदी की बेहतरी के लिए प्रयासरत हैं। अमर उजाला के पाठक भी इस वेबिनार के माध्यम से अभियान से जुड़कर मातृभाषा को और समृद्धशाली बना सकते हैं।",-1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/foreign-minister-s-jaishankar-on-india-china-relations-indo-pacific-quad-rajiv-gandhi,"भारत-चीन रिश्तों पर विदेश मंत्री ने राजीव गांधी का किया जिक्र, बताया बड़ी चुनौती","विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम में बहुपक्षवाद, इंडो-पैसिफिक और भारत-चीन के रिश्तों पर बात की. जेजी क्रॉफोर्ड ओरेशन में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा, ""एकपक्षवाद के दिन खत्म हो गए हैं, द्विपक्षीयता की अपनी सीमाएं हैं और बहुपक्षवाद सही ढंग से काम नहीं कर रहा है."" जयशंकर वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों और कोरोना वायरस महामारी से बढ़ते आर्थिक और इंसानी नुकसान के बीच इंडो-पैसिफिक और भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों पर भारत के दृष्टिकोण पर बोल रहे थे.",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/kerala-hc-weddings-under-sma-can-be-registered-without-a-bride-grooms-physical-presence?src=top-lead,"केरल हाईकोर्ट का फैसला : विवाह पंजीयन के लिए वर-वधू की मौजूदगी जरूरी नहीं, तकनीक का कर सकेंगे इस्तेमाल","केरल हाईकोर्ट ने विवाह पंजीयन के मामले में वर-वधु को सोमवार को बड़ी राहत दे दी। अब विशेष विवाह कानून (SMA) के तहत नवयुगलों की निजी तौर पर मौजूदगी के बगैर भी विवाह पंजीयन किया जा सकेगा। कोर्ट ने इसके लिए फेशियल रिग्निशन सॉफ्टवेयर या बायोमैट्रिक जैसी आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल की भी इजाजत दे दी।व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहे बगैर भी विवाह पंजीयन की अनुमति देते हुए हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि पंजीयन अधिकारी के लिए दोनों पक्षों की पहचान इसमें बड़ी चुनौती होगी, लेकिन इसके लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा सकता है।आईटी व विदेश मंत्रालय को बनाया पक्षकार.केरल हाईकोर्ट की कोच्चि पीठ के जस्टिस मुहम्मद मुश्ताक व कौसर एदप्पागत ने कहा कि ऐसे मामलों में तकनीक का किस तरह इस्तेमाल हो सकता है, उसकी उन्हें विशेषज्ञता नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय व विदेश मंत्रालय को भी पक्षकार बनाया।पीठ ने केंद्र सरकार के वकील को निर्देश दिया कि वह फेसिलय रिग्निशन तकनीक व व अन्य टूल के इस्तेमाल से संबंधित पक्षों की पहचान करने को लेकर सरकारी नीतियों की जानकारी पेश करे। हाईकोर्ट ने यह मामला एकल पीठ द्वारा बड़ी बेंच को भेजे जाने के बाद कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। इन याचिकाओं में सवाल उठाया गया था कि क्या वर वधू की भौतिक रूप से मौजूदगी के बगैर भी एसएमए के तहत विवाह पंजीयन कराया जा सकता है? याचिका में इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या आनलाइन तरीकों को सुझाया गया है।इससे पहले एकल पीठ के न्यायाधीश पी बी सुरेश कुमार ने इस मामले को एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया था, क्योंकि केरल हाईकोर्ट के दो अन्य जजों की पीठ ने फैसला सुनाया था कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एसएमए के तहत विवाह की अनुमति अधिनियम के प्रावधानों को कमजोर कर देगी। विवाह पंजीयन के लिए दोनों पक्षों की भौतिक उपस्थिति अनिवार्य है।पिछले माह दी थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पंजीयन की अनुमति.इससे पहले सात अगस्त को केरल हाईकोर्ट ने विदेश में काम करने वाले एक व्यक्ति को अपनी शादी का पंजीकरण कराने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होने की अनुमति दे दी थी । महामारी के कारण यात्रा संबंधी पाबंदी के कारण वह व्यक्ति स्वदेश नहीं आ पा रहा था। अदालत का यह आदेश व्यक्ति की 28 वर्षीय पत्नी की याचिका पर आया था, जिसने कहा कि उसका पति कनाडा में काम करता है और विशेष विवाह कानून के तहत दोनों की जुलाई 2019 में शादी हुई थी। महिला ने अपनी याचिका में कहा कि विवाह पंजीकरण नियम केरल, 2008 के तहत दंपति अपने विवाह के पंजीकरण के लिए पंचायत के विवाह पंजीयक के सामने पेश नहीं हो सका। महिला ने अदालत से अनुरोध किया कि शादी के पंजीकरण के लिए उसके पति को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होने की इजाजत दी जाए और इसे ही उपस्थिति का प्रमाण पत्र माना जाए। स्थिति का संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होने की अनुमति दे दी और विवाह पंजीयक को इसके लिए निर्देश जारी किया था।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/azadi-ka-amrut-mahotsav-satyagraha-to-swachhagraha-rath-yatra-will-be-organised-across-the-country-to-pledge-plastic-free-gram-sabhas,"आजादी का अमृत महोत्सव: देशभर में निकलेगी 'सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह रथ यात्रा', ग्राम सभाओं में पारित होगा प्लास्टिक मुक्त करने का संकल्प","मोदी सरकार के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के मद्देनजर केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने 'आजादी के अमृत महोत्सव' वर्ष में चार महत्वपूर्ण अभियानों के आयोजन का फैसला किया है। इनमें से दो अभियान शुरू हो गए हैं जबकि दो अन्य अभियानों का शुभारंभ आगमी 15 सितंबर से होने जा रहा है।इस क्रम में स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करने के लिए देश के सभी 36 राज्यों व केद्र शासित प्रदेशों की राजधानियों से 'सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह रथ यात्राएं' निकाली जाएंगी। ग्राम पंचायत स्तर पर जागृति यात्रा भी निकाली जाएगी। दूसरी ओर, स्वच्छता ही सेवा के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक से आजादी के अभियान का भी शंखनाद होगा। ये दोनों ही अभियान आगामी 15 सितंबर से आरंभ होकर दो अक्तूबर तक चलाए जाएंगे। जलशक्ति मंत्रालय ओडीएफ स्थाायित्व और ओडीएफ प्लस का लक्ष्य हासिल करने वाले स्वच्छता संवाद और स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान की शुरुआत पहले ही कर चुका है।देश की आजादी के 75वें वर्ष के आरंभ के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 12 मार्च को 'आजादी के अमृत महोत्सव' वर्ष का शुभारंभ किया था। इसके तहत आगामी देशभर में 15 अगस्त, 2022 तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 'आजादी के अमृत महोत्सव' वर्ष के मद्देनजर आरंभ किए गए अभियानों से ग्रामीण स्तर पर स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण के तहत ओडीएफ के स्थायित्व और सिंगल यूज प्लास्टिक से आजादी के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा।जल शक्ति मंत्रालय की सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह रथ यात्रा सभी 36 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानी से शुरू होगी। सभी जिलों में घूमकर स्वतंत्रता संग्राम में विशेष महत्व रखने वाले स्थान पर संपन्न होगी, जहां लोग एकत्रित होंगे। इसी प्रकार स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान में 100 दिन के दौरान 10 लाख सोख गढ्ढे सामुदायिक स्तर पर खोदे जाएंगे। स्वच्छता ही सेवा के तहत ग्राम सभा की खुली बैठकों में सिंगल यूज प्लास्टिक से 2022 तक आजादी और निर्धारित तिथि तक ओडीएफ प्लस बनने के लिए सभी उपाय करने को लेकर संकल्प पारित किए जाएंगे। स्वच्छता के लिए अच्छा काम करने वाले स्वच्छता सैनिकों को सम्मानित भी किया जाएगा।जलशक्ति मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अरुण बरोका ने राज्यों को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि स्थायित्व एवं सुजलाम अभियान में स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण, 15वें वित्त आयोग से मिले फंड और मनरेगा फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/chandrayaan-2-spacecraft-completes-over-9-000-orbits-around-moon-says-isro,"चंद्रयान-2 : चंद्रमा के 9000 चक्कर पूरे किए, दो साल होने पर इसरो ने कहा अच्छे से काम कर रहा है ऑर्बिटर","चंद्रयान-2 को दो साल पूरे होने के मौके पर इसरो ने सोमवार को चंद्र विज्ञान कार्यशाल आयोजित की। इसका उद्घाटन इसरो के प्रमुख के. सिवन ने किया। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-2 ने चंद्रमा के आसपास 9000 हजार से ज्यादा चक्कर पूरे कर लिए हैं। वह उसमें लगाए गए इमेजिंग व वैज्ञानिक उपकरणों के माध्यम से इसरो को उकृष्ट डाटा मुहैया करा रहा है।चंद्रयान-2 के आठ पेलोड चंद्रमा पर सुदूर संवेदी प्रौद्योगिकी के माध्यम से वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं। इसरो के प्रमुख सिवन ने कहा कि वैज्ञानिक आंकड़े शिक्षा जगत एवं संस्थानों के विश्लेषण के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि चंद्रयान-2 मिशन में और अधिक वैज्ञानिक साझेदारी हो सके।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद (ISRO) की दो दिनी कार्यशाला सोमवार से शुरू हुई। चंद्रमा के कक्ष में चंद्रयान-2 को चक्कर लगाते हुए दो साल पूरे होने के अवसर पर इसका आयोजन किया गया है।अपने उद्घाटन भाषण में इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने कहा कि आज दिनांक तक चंद्रयान-2 ने नौ हजार से ज्यादा चक्कर पूरे कर लिए हैं। सिवन अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी हैं। इसरो के बंगलूर स्थित मुख्यालय में उन्होंने चंद्रयान-2 से जुड़े डाटा प्रोडक्ट व विज्ञान दस्तावेज जारी किए। सिवन ने कहा कि अब तक के नतीजे काफी उत्साहवर्धक रहे हैं। कार्यशाला में इसरो के चेयरमैन एएस किरण कुमार ने कहा कि चंद्रयान-2 के उपकरणों से हमें उत्कृष्ट आंकड़े मिल रहे हैं।.यहां दिखाया जा रहा लाइव.दो दिनी कार्यशाला को इसरो की वेबसाइट और फेसबुक पेज पर लाइव दिखाया जा रहा है। छात्र, शिक्षा जगत और संस्थानों तक यह पहुंच सकें और चंद्रयान-2 के डेटा का साइंटिस्ट विश्लेषण कर सके। इसके अलावा इस वर्कशॉप में चंद्रयान-2 मिशन, निगरानी, अभियान और डेटा संग्रहण के पहलुओं पर भी व्याख्यान होंगे।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/maharashtra-minor-girl-abducted-and-raped-in-pune-8-held,"महाराष्ट्र: पुणे में 14 साल की बच्ची से अपहरण के बाद दुष्कर्म, दो रेलवे कर्मचारियों समेत आठ गिरफ्तार","महाराष्ट्र के पुणे में एक 14 साल की बच्ची से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस के मुताबिक, बच्ची का पहले अपहरण किया गया और इसके बादउसके साथ कई बार दुष्कर्म भी किया गया। पुलिस ने सोमवार को बताया कि मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें दो रेलवे के कर्मचारी और छह ऑटो रिक्शा ड्राइवर भी शामिल हैं। वनवाड़ी पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर दीपक लगड ने बताया कि हमारे पास लड़की के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत दर्ज करने के बाद हमने जांच शुरू की और हमने रविवार को लड़की को खोज निकाला।31 अगस्त की वारदात.उन्होंने बताया कि लड़की 31 अगस्त को अपने से निकलकर पुणे रेलवे स्टेशन आई थी और अपने दोस्त से मिलने के लिए ट्रेन पकड़ने वाली थी। तभी आरोपी ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने देखा कि लड़की अकेली है। उसने लड़की से कहा कि जिस ट्रेन के लिए वह स्टेशन आई है, वह उसे अगले दिन मिलेगी। उसने लड़की से कहा कि वह उसके साथ चले। वह उसके रुकने की ठीक व्यवस्था कर देगा।सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को पहचाना.उन्होंने एफआईआर का हवाला देते हुए बताया कि इसके बाद ऑटोरिक्शा ड्राइवरों ने लड़की के साथ शहर के अलग-अलग स्थानों पर दुष्कर्म किया। आरोपियों में छह रिक्शा चालक और चतुर्थ श्रेणी के दो कर्मचारी शामिल हैं। घटना की जानकारी होने पर पुणे पुलिस ने कुछ घंटों के भीतर सभी आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए मदद मिली। पुलिस ने अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया है। सभी आरोपियों को मेडिकल के लिए भेजा गया है। वानवाड़ी पुलिस ने कहा कि पीड़िता का इलाज चल रहा है और उसकी हालत स्थिर है। मामले की जांच चल रही है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/ants-in-the-plane-air-india-flight-going-to-london-had-to-be-canceled-later-passengers-departed-from-another-plane,"विमान में चीटियां : एयर इंडिया की लंदन जा रही उड़ान करना पड़ी रद्द, बाद में दूसरे विमान से रवाना हुए यात्री","दिल्ली एयरपोर्ट से एयर इंडिया की लंदन जाने वाली फ्लाइट संख्या AI-111 को सोमवार को बिजनेस क्लास की सीटों पर चीटियां नजर आने के कारण रद्द करना पड़ा।विमान के उड़ान भरने के ऐन वक्त पर यात्रियों की नजर चीटियों पर पड़ी तो खलबली मच गई। एयर इंडिया ने तत्काल इस विमान का टेक-ऑफ निरस्त किया। इसके बाद दूसरे विमान से यात्रियों को रवाना किया गया। इस विमान में भूटान के युवराज भी सवार थे।एयर इंडिया की दिल्ली-लंदन उड़ान को सोमवार दोपहर दो बजे आईजीआई हवाईअड्डे से रवाना होना था, उसी वक्त विमान की बिजनेस क्लास सीटों पर यात्रियों को चींटियों के झुंड नजर आए। इसके बाद यह उड़ान तीन घंटे से अधिक समय तक लेट हो गई। अधिकारियों ने बताया कि एआई-111 उड़ान दिल्ली हवाई अड्डे से दोपहर दो बजे के निर्धारित समय के बजाय शाम करीब पांच बजकर 20 मिनट पर रवाना हुई।सूत्रों के मुताबिक, विमान के लंदन के लिए उड़ान भरने से ठीक पहले बिजनेस क्लास के एक हिस्से में चींटियां पाई गईं। इस कारण यात्रियों को दूसरे बोइंग 787-8 में बैठाया गया।इस मामले पर बयान के लिए समाचार एजेंसी पीटीआई ने एयर इंडिया से संपर्क किया, लेकिन विमानन कंपनी का कोई जवाब नहीं मिला।पहले विमान में चमगादड़ उड़ता दिखा था.ऐसी ही घटना गत 27 मई को एयर इंडिया की अमेरिका के नेवार्क की उड़ान के दौरान हुई थी। दिल्ली से उड़ान भरने के बाद चालक दल को विमान के अंदर एक चमगादड़ को उड़ता दिखाई दिया। इसके बाद पायलटों ने तत्काल एटीसी से संपर्क कर इस बारे में सूचित किया। इस पर विमान को पुन: एयरपोर्ट पर लाया गया। विमान से सभी यात्रियों को उतारने के बाद विमान में दवा का छिड़काव किया गया। इससे चमगादड़ की मौत हो गई।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/climate-action-cannot-wait-for-covid-pandemic-to-end-220-journals-warn,"लांसेट समेत 220 पत्रिकाओं की चेतावनी: जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे, प्रकृति कोरोना खत्म होने का इंतजार नहीं करेगी","दुनिया की प्रमुख पत्रिकाओं ने दुनिया के नेताओं को जलवायु परिवर्तन पर ध्यान देने की सलाह दी है। द लांसेट और नेशनल मेडिकल जर्नल ऑफ इंडिया सहित 220 से अधिक प्रमुख जर्नल्स में प्रकाशित एक संपादकीय के अनुसार, विश्व के नेताओं को जलवायु परिवर्तन को सीमित करने, जैव विविधता को बहाल करने और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है। इसमें दुनियाभर की सरकारों को चेताया गया है कि हमें जलवायु परिवर्तन पर जरूरी काम करना होगा, क्योंकि प्रकृति कोरोना महामारी खत्म होने का इंतजार नहीं करने वाली। जलवायु पर यह संपादकीय संयुक्त राष्ट्र महासभा से पहले प्रकाशित किया गया है। यह नवंबर में ब्रिटेन के ग्लासगो में सीओपी-26 जलवायु सम्मेलन से पहले होने वाली अंतिम अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में से एक है।इसमें चेतावनी दी गई है कि भविष्य में वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने और प्रकृति को बचाने के लिए पर्याप्त कार्रवाई करने में विश्व नेताओं की निरंतर विफलता है। नेशनल मेडिकल जर्नल ऑफ इंडिया के प्रधान संपादक और संपादकीय के सह-लेखकों में से एक पीयूष साहनी ने कहा कि दुनियाभर में भीषण मौसम के हालिया उदाहरणों ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन वाकई में बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि हमें अभी कोई कदम उठाने होंगे। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। हम आने वाली पीढ़ियों के लिए इसके ऋणी हैं।लेखकों ने कहा कि उत्सर्जन को कम करने और प्रकृति के संरक्षण के लिए हाल में किए कामों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन यह पर्याप्त नहीं हैं और अभी तक विश्वसनीय लघु और दीर्घकालिक योजनाओं से मेल नहीं खाते हैं। उन्होंने सरकारों से आग्रह किया है कि वे समाज और अर्थव्यवस्थाओं को बदलने के लिए हस्तक्षेप करें। उदाहरण के लिए सरकारों को परिवहन प्रणालियों, शहरों, भोजन के उत्पादन और वितरण, वित्तीय निवेश के लिए बाजारों और स्वास्थ्य प्रणालियों के नए स्वरूप का समर्थन करना चाहिए।द लांसेट के प्रधान संपादक रिचर्ड हॉर्टन ने कहा कि जलवायु संकट पर तत्काल ध्यान देना बहुत जरूरी है। यह दुनिया की भलाई को आगे बढ़ाने के सबसे बड़े अवसरों में से एक है। हॉर्टन ने समझाया कि वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के लिए उठाए गए कदमों के लिए राजनीतिक नेताओं को जवाबदेह ठहराना बहुत जरूरी है। इसके लिए स्वास्थ्य समुदाय आवाज उठानी चाहिए। संपादकीय का तर्क है कि पर्याप्त वैश्विक कार्रवाई तभी हासिल की जा सकती है, जब उच्च आय वाले देश बाकी दुनिया का समर्थन करें और अपनी खपत को कम करने के लिए और अधिक प्रयास करें।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/hc-says-varavara-rao-need-not-surrender-till-sep-25-nia-opposes-his-bail-extension-plea,"वरवरा राव को मिली राहत : हाईकोर्ट ने 25 सितंबर तक दी सरेंडर से छूट, एनआईए ने किया जमानत अवधि बढ़ाने का विरोध","बॉम्बे हाईकोर्ट ने कवि व एक्टिविस्ट वरवरा राव की अंतरिम जमानत बढ़ाने की अर्जी पर सुनवाई 24 सितंबर तक स्थगित कर दी। वह यलगार परिषद माओवादी हिंसा मामले के आरोपी हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि राव को 25 सितंबर तक मुंबई की तलोजा जेल में सरेंडर करने की जरूरत नहीं है।एलगार परिषद व भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की जांच कर रही एनआईए ने मेडिकल आधार पर राव की जमानत अवधि बढ़ाने की अर्जी का विरोध किया। एनआईए ने कहा कि उनकी मेडिकल रिपोर्ट किसी गंभीर बीमारी का संकेत नहीं देती है।82 वर्षीय राव को इसी साल 22 फरवरी को अंतरिम जमानत प्रदान की गई थी। उन्हें 5 सितंबर को न्यायिक हिरासत के लिए सरेंडर करना था। लेकिन पिछले सप्ताह उनके वकील आर. सत्यनारायण व वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने जमानत अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन दायर कर दिया। इसमें राव ने अपने गृह नगर हैदराबाद में ही रहने देने की भी इजाजत मांगी है। उन्होंने कहा कि वह मुंबई में रहकर इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं।एनआई ने अर्जी का विरोध कर कही यह बात.अर्जी के जवाब में सोमवार को एनआईए ने हाईकोर्ट से कहा कि आवेदक द्वारा पेश की गई मेडिकल रिपोर्ट से किसी बड़ी बीमारी का संकेत नहीं मिलता है, जिसके कारण उन्हें हैदराबाद में रहकर इलाज कराना पड़े। साथ ही जमानत अवधि बढ़ाने का भी कोई आधार नहीं बनता है। नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल में इलाज के पर्याप्त साधन हैं और राव वहां श्रेष्ठ चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं। जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि राव की जमानत अवधि नहीं बढ़ाई जाना चाहिए और न ही उन्हें हैदराबाद शिफ्ट किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने गंभीर अपराध किया है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/navy-underscored-countrys-vision-of-being-preferred-security-partner-in-indian-ocean-region-kovind,"गोवा : नौसेना की एयर विंग को राष्ट्रपति ने प्रदान किया 'प्रेसीडेंट कलर', बताया हिंद महासागर में सुरक्षा की पसंदीदा साझेदार","राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को यहां भारतीय नौसेना की एविएशन विंग को 'प्रेसीडेंट कलर' से सम्मानित किया। इस मौके पर कोविंद ने कहा कि संकट के समय में नौसेना की त्वरित और प्रभावी तैनाती ने देश को हिंद महासागर क्षेत्र का 'पसंदीदा सुरक्षा साझेदार' और प्रतिक्रिया देने के मामले में अव्वल (फर्स्ट रिस्पांडर) बनाया है।कोविंद ने पणजी से 40 किलोमीटर दूर वास्को में स्थित आईएनएस हंसा बेस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। यहां उन्हें भारतीय नौसेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 'प्रेसीडेंट-कलर' किसी भी सैन्य इकाई को देश की असाधारण सेवा के लिए दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है।राष्ट्रपति कोविंद तीन दिनी गोवा यात्रा पर आए हैं। उन्होंने नौसेन प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की मौजूदगी में नवल एविएशन को 'प्रेसीडेंट कलर' प्रदान किया। इस मौके पर गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधर पिल्लई, मुख्ययमंत्री प्रमोद सावंत व अन्य अतिथि मौजूद थे।नौसेना मित्रों व साझीदारों की मदद को तत्पर.इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि नौसेना ने क्षेत्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में अपने मित्रों और साझेदारों के साथ राजनयिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। 'ऑपरेशन समुद्र सेतु' और 'मिशन सागर' जैसे अभियानों के माध्यम से उसने कोविड-19 के दौरान हिंद महासागर क्षेत्र में अपने पड़ोसियों को दवाएं व अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाई।आत्मनिर्भर भारत व मेक इंडिया को दिया महत्व.राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय नौसेना ने सक्रिय रूप से स्वदेशीकरण किया है। यह नौसेना की वर्तमान और भविष्य की खरीदी योजनाओं में स्पष्ट दिखाई देता है। केंद्र सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान व 'मेक इन इंडिया' में भी नौसेना एविएशन ने सतत प्रगति की है।नौसेना में महिलाओं को प्रोत्साहन.राष्ट्रपति कोविंद ने यह भी कहा कि नौसेना में महिलाओं को शामिल करने की दृष्टि से भी नेवल एविएशन सबसे आगे रहा है। मुझे बताया गया है कि नौसेना एविएशन में करीब 150 एटीएस अधिकारियों में से 84 महिलाएं हैं। महिला पायलटों को भी नौसेना एविएशन में शामिल किया गया है। नौसेना के 400 पर्यवेक्षकों में से 75 महिलाएं हैं। यह अच्छी प्रवृत्ति है, इसे और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।नौसेना की एविएशन विंग 1951 में बनी थी.भारतीय नौसेना की एविएशन विंग का गठन 1951 में हुआ था। नौसेना का एयरबेस 1953 में बना था। आज भारतीय नौसेना के नौ और तीन नेवल एयर-एंक्लेव हैं। नौसेना के जंगी बेड़े में आज 250 लड़ाकू विमान, टोही-विमान और हेलीकॉप्टर शामिल हैं। मिग-29के फाइटर जेट्स, लांग रेंज मेरीटाइम रेकोनेसेंस एयरक्राफ्ट, पी8आई, डोरनियर एयरक्राफ्ट, कामोव हेलीकॉप्टर, एएलएच हेलीकॉप्टर आदि उसके बेड़े में शामिल हैं।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/narendra-modi-meeting-at-prime-minister-residence-with-rajnath-singh-and-amit-shah-on-afghanistan-issue,"अफगानिस्तान पर अहम बैठक: प्रधानमंत्री आवास पर पीएम मोदी कर रहे मीटिंग, राजनाथ सिंह और अमित शाह भी मौजूद","अफगानिस्तान में जारी घटनाक्रम और तालिबान की ओर से कश्मीर पर दिए गए बयान के बाद भारत सतर्क हो गया है। वहां की नई सरकार का कश्मीर पर असर पड़ने के मद्देनजर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। गृह मंत्री शाह इसी हफ्ते अलग से जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने कश्मीर मामले में दखल देने की सार्वजनिक घोषणा की है। आतंकी संगठन अलकायदा, हिजबुल मुजाहिदीन ने भी कश्मीर को लेकर बयान दिए हैं। अफगानिस्तान में जिस प्रकार पाकिस्तान का प्रभाव बढ़ा है, उससे भारत चिंतित है। भारत को लगता है कि पाकिस्तान निकट भविष्य में इन आतंकी संगठनों का उपयोग कश्मीर में कर सकता है। निकट भविष्य में कश्मीर में बड़ी संख्या में घुसपैठ की कोशिश हो सकती है।तालिबान के बदले रवैये और कश्मीर पर अलकायदा और हिजबुल मुजाहिदीन के बयान के बाद बीते हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। करीब तीन घंटे चली इस बैठक में गृह मंत्री शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनएसए अजित डोभाल उपस्थित थे। इस बैठक में अफगानिस्तान की ताजा स्थिति के साथ-साथ कश्मीर को लेकर चर्चा हुई थी। इसके बाद पीएम ने सोमवार को एक बार फिर से खासतौर पर जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था और अफगानिस्तान की स्थिति पर उच्च स्तरीय बैठक की।इसी हफ्ते शाह करेंगे समीक्षा,इस क्रम में शाह इसी हफ्ते जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। इसमें राज्य के उपराज्यपाल, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक शामिल होंगे। इस दौरान सुरक्षा के संदर्भ में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक होगी। बैठक में राज्य की सुरक्षा की ताजा स्थिति के मद्देनजर एक प्रजेंटेशन भी दिया जाएगा। इस बैठक में एनएसए डोभाल भी उपस्थिति रह सकते हैं। बैठक में घुसपैठ रोकने की ठोस रणनीति तैयार की जाएगी। गौरतलब है कि केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद कश्मीर में घुसपैठ में उल्लेखनीय कमी आई है।हक्कानी नेटवर्क में है अलकायदा और हिजबुल का प्रभावअफगानिस्तान की नई सरकार में पाकिस्तान समर्थक हक्कानी नेटवर्क का दबदबा रहने की आशंका है। तालिबान के इस अहम गुट में अलकायदा और हिजबुल मुजाहिदीन का व्यापक प्रभाव है। पाकिस्तान पोषित ये दोनों संगठन पहले से कश्मीर में सक्रिय हैं। पाकिस्तान अब तालिबान के हक्कानी नेटवर्क गुट का भी कश्मीर में इस्तेमाल करना चाहता है। यही कारण है कि पाकिस्तान की पहली कोशिश नई सरकार में बरादर गुट की भूमिका को बेहद सीमित रखने की है।तालिबान में सरकार गठन की तैयारी तेजउधर, तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी सरकार के गठन की तैयारी तेज कर दी है। पाकिस्तान व चीन समेत छह देशों को शपथ कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता भेजा गया है। इन छह देशों में भारत का नाम नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार की भी वहां तेजी से बदल रहे घटनाक्रम पर सतत नजर बनी हुई है। बता दें, तालिबान ने सोमवार अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत पर भी कब्जे का दावा किया है। हालांकि प्रतिरोधी बल के प्रमुख अहमद मसूद ने कहा है कि उनके लड़ाके अभी भी पंजशीर में तालिबानी सेना से मुकाबला कर रहे हैं।तालिबान से चर्चा के लिए यूएन ने भेजा दूत,उधर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने विश्व संस्था के मानवीय मामलों के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स को तालिबान नेतृत्व के साथ बातचीत के लिए काबुल भेजा है। शिन्हुआ ने गुतेरस के प्रवक्ता स्टेफन दुजारिक के हवाले से कहा कि ग्रिफिथ्स इस समय काबुल में हैं। रविवार को उन्होंने काबुल में मानवीय मुद्दों पर तालिबानी अधिकारियों के साथ बातचीत की। काबुल में मुल्ला बरादर और तालिबान के नेतृत्व से मुलाकात की।अफगानिस्तान में करीब दो करोड़ लोगों को चाहिए सहायता.वर्तमान में अफगानिस्तान में 1.80 करोड़ लोगों को जीवित रहने के लिए मानवीय सहायता की आवश्यकता है। एक तिहाई को नहीं पता कि उनका अगला भोजन कहां से आएगा। पांच वर्ष से कम आयु के आधे से अधिक बच्चों को तीव्र कुपोषण का खतरा है। चार साल में दूसरा भयंकर सूखा आने वाले महीनों में भूख को और बढ़ा देगा।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/after-second-wave-of-covid-19-the-indian-railways-carry-more-freight-and-earnings-in-august-2021,"कोविड की दूसरी लहर के बाद भी रेलवे ने अगस्त 2021 में ज्यादा की माल ढुलाई और कमाई, मालगाड़ियों की स्पीड भी बढ़ी","कोरोना काल में चुनौतियों के बावजूद भारतीय रेलवे ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। रेलवे ने अगस्त 2021 महीने के दौरान रिकार्ड लदान और माल ढुलाई की हैं। इतना ही नहीं इस दौरान मालगाड़ियों की गति भी लगभग दोगुनी की गई है। रेलवे ने इसे आगे भी बरकरार रखने के लिए कार्ययोजना तैयार की है।भारतीय रेलवे ने कोविड महामारी की चुनौतियों के बावजूद माल ढुलाई में सामान लादने और उससे कमाई के मामले में लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा हैं। रेलवे ने अगस्त 2021 महीने के दौरान लदान और आय के मामले में माल ढुलाई के आंकड़ों में उच्च गति बनाए रखी है। अगस्त 2021 के दौरान भारतीय रेलवे की माल ढुलाई 110.55 मिलियन टन रही, जो अगस्त 2020 (94.59 मिलियन टन) की तुलना में 16.87 फीसदी अधिक है। इसी समान अवधि में भारतीय रेलवे ने अगस्त 2021 के दौरान माल ढुलाई से 10,866.20 करोड़ रुपये कमाए जो अगस्त 2020 की तुलना में 20.16 फीसदी अधिक है। अगस्त 2020 में भारतीय रेलवे ने 9,043.44 करोड़ रुपये कमाए थे।अगस्त 2021 महीने में ढुलाई के दौरान भेजी गई महत्वपूर्ण वस्तुओं में 47.94 मिलियन टन कोयला, 13.53 मिलियन टन लौह अयस्क, 5.77 मिलियन टन कच्चा लोहा और तैयार स्टील, 6.88 मिलियन टन खाद्यान्न, 4.16 मिलियन टन उर्वरक, 3.60 मिलियन टन खनिज तेल, 6.3 मिलियन टन सीमेंट (क्लिंकर को छोड़कर) और 4.51 मिलियन टन क्लिंकर शामिल रहे हैं। रेलवे माल ढुलाई को बहुत आकर्षक बनाने के लिए कई तरह की रियायतें/छूट भी दे रहा है। मौजूदा नेटवर्क में मालगाड़ियों की गति बढ़ा दी गई है। मालगाड़ियों की गति में सुधार से सभी हितधारकों के लिए लागत की बचत हो रही है।",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/press-release/delhi-manish-sisodia-instructs-principal-to-prepare-program-of-action-more-practical-in-iti-637094.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"दिल्ली: मनीष सिसोदिया का ITI में प्रैक्टिकल पर जोर, जल्दी से प्रोग्राम ऑफ एक्शन तैयार करने का निर्देश","नई दिल्ली, 3 सितंबर: दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि आटीआई में अब ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिकल कराने पर जोर दिया जाएगा। जिससे कि छात्रों का लर्निंग गैप खत्म हो और उन्हें कोर्स को का पूर्ण व्यवहारिक ज्ञान मिल सके। मनीष सिसोदिया ने सभी आटीआई प्रिंसिपल को जल्द से जल्द एक प्रोग्राम ऑफ एक्शन तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सिसोदिया ने कहा कि यह प्रोग्रम ऑफ एक्शन बनाकर विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिकल करने का मौका दिया जाए। जिसस कि जब वह अपने कोर्स को पूरा करने के बाद जॉब मार्केट में जाए तो उनके पास अपने कोर्स का पूर्ण व्यवहारिक ज्ञान हो।मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को दिल्ली सरकार के आईटीआई में क्रॉफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) में टॉप करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया। सीटीएस के तहत ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट में शिवा ने प्रथम, सुरुचि कुमारी ने दूसरा और आकाश मौर्य ने तीसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि सीटीएस के तहत दिल्ली स्टेट टॉपर्स के रूप में प्रीति ने पहला, सपना देवी ने दूसरा और हेमलता ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आईटीआई जैसी संस्थानों से ट्रेनिंग लेकर हुनरमंद छात्र भविष्य की नई इबारत लिखेंगे। हमारा देश विकसित तभी बनेगा जब देश का हर युवाओं में कौशल हो। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से संवाद भी किया।कोरोना से छात्रों का नुकसान.सिसोदिया ने कहा कि कोरोना के कारण छात्रों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है। इसलिए विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिकल कार्य करने में समय बिताने का मौका दिया जाए। उन्होंने आईटीआई को और बेहतर करने के लिए विद्यार्थियों से फीडबैक मांगे। ताकि उन्हें वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग दी जा सके।उल्लेखनीय है कि दिल्ली के 19 सरकारी आईटीआई में विद्यार्थियों को 49 ट्रेड्स में ट्रेनिंग करवाई जाती है। इन संस्थानों में लगभग 11 हजार विद्यार्थी दाखिला लेते हैं। ट्रेनिंग के बाद 80 फीसदी से ज्यादा विद्यार्थियों को रोजगार मिल जाता है। इस समारोह में कालकाजी विधायक आतिशी, प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा निदेशालय (डीटीटीई) सचिव एस.बी दीपक कुमार, डीटीटीई निदेशक रंजना देशवाल समेत अन्य लोग उपस्थित थे।",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/maharashtra/cbi-on-anil-deshmukh-probe-report-leak-cop-got-iphone-as-bribe-637124.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,सब-इंस्पेक्टर ने आईफोन12 प्रो लेकर लीक की थी अनिल देशमुख की जांच रिपोर्ट: CBI,"नई दिल्ली, 3 सितंबर: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में सीबीआई की जांच रिपोर्ट हाल ही में मीडिया में लीक हुई है। इस कथित रिपोर्ट में एनसीपी विधायक अनिल देशमुख को क्लीन चिट दी गई है। इस मामले को लेकर सीबीआई की ओर से बताया गया है कि जांच एजेंसी में कार्यरत एक सब-इंस्पेक्टर ने एक लाख रुपए से ज्यादा कीमत के मोबाइल फोन आईफोन-12 प्रो रिश्वत में लेकर ये रिपोर्ट लीक की थी।",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/kolkata/cid-summons-suvendu-adhikari-s-driver-and-his-friend-in-connection-with-subhabrata-chakraborty-death-637328.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,CID ने सुवेंदु अधिकारी के निजी गार्ड की मौत के मामले में उनके ड्राइवर शंभू मैती और एक करीबी को किया तलब,"कोलकाता, 5 सितंबर। भाजपा नेता व नंदीग्राम से विधायक सुवेंदु अधिकारी के निजी बॉडीगार्डी की सुभब्रत चक्रवर्ती की हत्या के मामले में CID ने उनके ड्राइवर शंभू मैती और उनके एक करीबी संजीव शुक्ला को 7 सितंबर को तलब किया है। इससे पहले शनिवार को सीआईडी ने इसी मामले में सुवेंदु अधिकारी को सोमवार सुबह 11 बजे कोलकाता के भवानी भवन स्थित सीआईडी ​​मुख्यालय में पेश होने को कहा था।सब-इंस्पेक्टर शुभब्रत चक्रवर्ती की मौत का मामला इसी साल जुलाई में सीआईडी ​​को सौंपा गया था। उसने 2018 में पुरबा मेदिनीपुर के कांठी में एक पुलिस बैरक में कथित तौर पर खुद को गोली मार ली थी। आपको बता दें कि इस मामले में सुवेंदु अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने अपने सुरक्षा गार्ड को आत्महत्या के लिए उकसाया था शुभब्रत चक्रवर्ती सुवेंदु अधिकारी के तृणमूल कांग्रेस के सांसद होने के समय से ही भाजपा विधायक की सुरक्षा टीम का हिस्सा थे।मामले की जांच के तहत इस साल जुलाई में चार सदस्यीय सीआईडी ​​टीम ने पूर्व मेदिनीपुर में सुवेंधु अधिकारी के आवास पर छापा मारा था। सीआईडी के ​​अधिकारी कथित तौर पर शुभब्रत चक्रवर्ती के पूर्व सहकर्मियों से पूछताछ और जानकारी इकट्ठा करने के बाद नंदीग्राम विधायक सुवेंदु अधिकारी के घर पहुंचे थे। उनकी पत्नी सुपर्णा चक्रवर्ती ने इस साल की शुरुआत में कांथी पुलिस थाने में एक नई शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उनके पति की मौत की जांच की मांग की गई थी। इस मामले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस कर रही थी।दरअसल में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था और नंदीग्राम से ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी। इसके बाद भाजपा ने सुवेंदु अधिकारी को पश्चिम बंगाल में विपक्ष का नेता नियुक्त किया।",-1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/rajasthan-panchayat-samiti-zila-parishad-election-result-bjp-cross-voting-congress-updates,"राजस्थान पंचायत समिति चुनाव में कांग्रेस ने BJP से छीनीं 22 सीट,78 में 49 पर जीत","राजस्थान (Rajasthan) के 6 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के लिए हुए चुनाव के नतीजे काफी दिलचस्प हैं. जहां पंचायत समिति सदस्यों के मामले में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने बाजी मारी, वहीं जब जिला परिषद के लिए जिला प्रमुख के चुनाव हुए तो इसमें बीजेपी ने पूरा गेम पलटकर रख दिया. जिसका सबसे बड़ा उदाहरण वीआईपी सीट जयपुर में देखने को मिला, जहां बीजेपी से दो वार्ड ज्यादा जीतने पर भी कांग्रेस अपना जिला प्रमुख नहीं बना पाई. क्योंकि कांग्रेस से जीतकर आईं उम्मीदवार को बीजेपी ने अपने पाले में शामिल कर उसे ही प्रमुख घोषित कर दिया.",-1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/foreign-minister-s-jaishankar-on-india-china-relations-indo-pacific-quad-rajiv-gandhi,"भारत-चीन रिश्तों पर विदेश मंत्री ने राजीव गांधी का किया जिक्र, बताया बड़ी चुनौती","विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम में बहुपक्षवाद, इंडो-पैसिफिक और भारत-चीन के रिश्तों पर बात की. जेजी क्रॉफोर्ड ओरेशन में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा, ""एकपक्षवाद के दिन खत्म हो गए हैं, द्विपक्षीयता की अपनी सीमाएं हैं और बहुपक्षवाद सही ढंग से काम नहीं कर रहा है."" जयशंकर वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों और कोरोना वायरस महामारी से बढ़ते आर्थिक और इंसानी नुकसान के बीच इंडो-पैसिफिक और भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों पर भारत के दृष्टिकोण पर बोल रहे थे.",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/lucknow/atiq-ahmed-and-his-wife-shaista-join-aimim-637636.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"AIMIM में शामिल हुए अतीक अहमद और उनकी पत्नी शाइस्ता, असदुद्दीन ओवैसी ने दिलाई पार्टी की सदस्यता","लखनऊ, 07 सितंबर: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से जुट गई हैं। इस बीच पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन ने आज यानी मंगलवार (07 सितंबर) को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) में शामिल हो गए हैं। बता दें, राजधानी लखनऊ में 12 बजे असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने अपनी और अतीक की ओर से भी सदस्यता ली। इस मौके पर असुदद्दीन ओवैसी ने कहा, अतीक पर दर्ज मुकदमे अभी चल रहे हैं किसी भी मामले में दोष साबित नहीं हुआ। कहा कि एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि भाजपा में सर्वाधिक विधायकों और सांसदों पर आपराधिक मुकदमे हैं। ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी अतीक और उनकी पत्नी को चुनाव लड़ा कर विधायक बनवाएगी। इस दौरान ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में सपा-बसपा से गठबंधन के सवाल पर कहा कि पहले सपा-बसपा को हमसे गठबंधन करने के लिए आने दीजिए। ओवैसी ने कहा, हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं। वे पहले बात तो करें।बता दें, औवैसी सदस्यता कार्यक्रम के बाद अयोध्या जाएंगे। रूदौली विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। वहां शेख मखदूम शाह की दरगाह पर जाएंगे। ओवैसी आठ सितंबर को सुल्तानपुर में वंचित शोषित समाज सम्मेलन को संबोधित करेंगे। फिर नौ सितंबर को बाराबंकी में भी वंचित शोषित समाज सम्मेलन करेंगे। इन सम्मेलनों में ब्राह्मण, दलित, ओबीसी, मुस्लिम सभी शामिल होंगे। शौकत अली ने कहा कि उनकी पार्टी यूपी में विकास के हैदराबाद मॉडल को लेकर आएगी। जहां मुअज्जिन (मस्जिद में अजान देने वाले) और मंदिर के पुजारी दोनों को वेतन दिया जाता है।""अतीक अहमद 5 बार रह चुके हैं विधायक.बता दें, बाहुबली सासंद अतीक अहमद पहले ही 5 बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और 5 बार विधायक भी रह चुके हैं। साल 2004 में एक बार सांसद रहे हैं। दो बार समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। साथ ही दो बार डॉ. सोनेलाल पटेल द्वारा शुरू किए गए अपना दल में भी रह चुके हैं। फिलहाल मौजूदा समय में उनका परिवार किसी भी पार्टी में नहीं था। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी ने अतीक अहमद को बाहर का रास्ता दिखा दिया था।""",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/press-release/haryana-jjp-state-president-nishan-singh-talk-on-jannayak-janata-party-bjp-candidate-rao-mansingh-637587.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,BJP-JJP प्रत्याशी राव मानसिंह के लिए दिग्गज नेता उतरेंगे चुनाव प्रचार के मैदान में: प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह,"गुरुग्राम/चंडीगढ़, 6 सितंबर 2021: धारुहेड़ा नगरपालिका के अध्यक्ष पद के लिए 12 सितंबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर जननायक जनता पार्टी की तैयारियां जोरों पर चल रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए निरंतर चुनावी रणनीति बना रहे है। इसी कड़ी में जेजेपी द्वारा धारुहेड़ा नगरपालिका उपचुनाव के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की गठित कमेटी ने सोमवार को गुरुग्राम में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन कर उपचुनाव को लेकर विचार-विमर्श किया तथा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।बैठक के बाद जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह ने बताया कि धारुहेड़ा नगरपालिका के अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी-जेजेपी के सांझे उम्मीदवार युवा जेजेपी नेता राव मान सिंह के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए जल्द पार्टी के कई दिग्गज नेता चुनाव प्रचार के मैदान में उतरेंगे। उन्होंने बताया कि सात सितंबर से वे खुद और 8, 9 व 10 सितंबर को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्य मंत्री अनूप धानक और 9 सितंबर को प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला धारुहेड़ा में कार्यक्रम करेंगे। वहीं पार्टी द्वारा अन्य वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम भी जल्द जारी किए जाएंगे।सरदार निशान सिंह ने बताया कि पार्टी द्वारा धारुहेड़ा उपचुनाव के लिए चार जिले रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम व झज्जर के पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की सभी 17 वार्डों में वार्ड वाइज अलग-अलग ड्यूटियां लगा दी गई है। इनके अलावा इस चुनाव में पार्टी के युवा, महिला प्रकोष्ठ व इनसो के पदाधिकारी-कार्यकर्ता भी चुनाव प्रचार करेंगे। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय प्रचार सचिव दलबीर धनखड़ चुनाव में प्रचार प्रसार का जिम्मा संभालेंगे। निशान सिंह ने कहा कि इस उपचुनाव में स्थानीय लोग धारुहेड़ा के हित में बीजेपी-जेजेपी के सांझे उम्मीदवार राव मान सिंह को भारी मतों से विजयी बनाएंगे और धारुहेड़ा नगरपालिका क्षेत्र तेजी से विकास की ओर अग्रसर होगा।किसानों के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का बड़ा बयान, सरकार को दी ये सलाह.इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनंतराम तंवर, राज्य मंत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनूप धानक, प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला, पूर्व मंत्री चौधरी हर्ष कुमार, पूर्व विधायक रामबीर पटौदी, पूर्व सीपीएस अनिता यादव, पूर्व विधायक गंगा राम, राष्ट्रीय प्रचार सचिव दलबीर धनखड़, प्रदेश महासचिव राव रमेश पालड़ी, रेवाड़ी से जिला प्रधान श्याम सुंदर सभरवाल, मनजीत जैलदार, गुरुग्राम से जिला प्रधान ऋषि राज राणा, सतवीर लाकड़ा, विनेश गुर्जर आदि मौजूद रहे।",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/punjab/arrest-warrant-against-aap-mp-sanjay-singh-from-ludhiana-court-637565.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी, कोर्ट ने पुलिस को दिया गिरफ्तार करने का निर्देश","नई दिल्ली, 07 सितंबर। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के खिलाफ पंजाब की लुधियाना कोर्ट ने अरेस्ट वारंट जारी किया है। उनके खिलाफ शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया ने मानहानि का केस दर्ज कराया था, जिसके बाद लुधियाना कोर्ट ने संजय सिंह के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। मजीठिया के वकील दमन दीप ने कहा कि संजय सिंह सोमवार को कोर्ट में पेश नहीं हुए। कोर्ट ने इसके बाद पुलिस को निर्देश दिया है कि वह संजय सिंह को गिरफ्तार करे और कोर्ट के सामने 17 सितंबर को पेश करे।अकाली दल के नेता महेश इंदर सिंह ग्रेवाल को संजय सिंह के साथ क्रॉस एग्जामिनेशन होना था। लेकिन संजय सिंह को वकीलों ने ऐसा करने से मना कर दिया। बता दें कि संजय सिंह के खिलाफ 2016 में बिक्रम मजीठिया ने केस दर्ज कराया था। इस केस में मनशरणजीत सिंह ढिल्लो, मनप्रीत सिंह अयाली, महेश इंद्र ग्रेवाल गवाह हैं। अबतक कोर्ट में इस मामले की कुल 71 तारीखों हो चुकी हैं लेकिन इसमे से संजय सिंह सिर्फ चार बार ही कोर्ट में पेश हुए हैं।इसे भी पढ़ें- अंग्रेजों ने गलतफहमियां पैदा कर हिन्दू-मुसलमान को लड़ाया: मोहन भागवत.जब संजय सिंह के वकील कोर्ट में पहुंचे तो कोर्ट ने संजय सिंह की उपस्थिति के बारे में पूछा लेकिन जब संजय सिंह हाजिर नहीं हुए तो जज ने संजय सिंह को 17 सितंबर तक गिरफ्ता करके पेश करने को कहा। बता दें कि संजय सिंह ने 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले मोगा में आयोजित रैली में कहा था कि शिरोमणि अकाली दल के नेता नशे के तस्कर हैं। जिसके बाद बिक्रम सिंह मजीठिया ने संजय सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/west-bengal-congress-not-to-field-any-candidate-from-bhabanipur-seat-for-upcoming-bypolls-confirm-by-adhir-ranjan-chowdhury?src=top-lead,"पश्चिम बंगाल: कांग्रेस भवानीपुर सीट पर नहीं उतारेगी उम्मीदवार, अधीर रंजन चौधरी ने दी जानकारी","पश्चिम बंगाल में होने जा रहे उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी भवानीपुर सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया को इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी ने इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला लिया है। बता दें कि इसी सीट पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उपचुनाव के मैदान में उतरने जा रही हैं।बंगाल में 30 सितंबर को उपचुनाव होने हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बंगाल के सीएम पद पर बने रहने के लिए उप-चुनाव में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। ऐसे में ममता बनर्जी इसी सीट के उपचुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्यता हासिल करना चाहती हैं। वहीं भाजपा भी इस सीट पर उम्मीदवार उतारने के लिए छह-छह नामों पर चर्चा कर चुकी है। बता दें कि दो दिन पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने ममता बनर्जी के भवानीपुर सीट, जंगीपुर सीट पर जाकिर हुसैन और समसेरपुर सीट पर अमीरुल इस्लाम को उतारने के फैसले की जानकारी दी थी।भवानीपुर सीट पर जीतने के लिए लड़ेंगे: भाजपा.पश्चिम बंगाल में भवानीपुर उपचुनाव को लेकर मंगलवार को भाजपा चुनाव समिति की बैठक हुई। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में आगामी भवानीपुर उपचुनाव में उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। हम नाम अपनी संसदीय समिति को देंगे और उसके बाद वे नामों की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि हम भवानीपुर सीट से लड़ने को तैयार हैं और जीतने के लिए ही लड़ेंगे। सुवेंदु अधिकारी ने एक बार ममता बनर्जी को हराया था, अब किसी और को मौका दिया जाएगा।सुवेंदु के खिलाफ कोई मामला नहीं था: दिलीप घोष.दिलीप घोष ने कहा कि सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ कोई मामला नहीं था जब वह टीएमसी में थे। उनके भाजपा में शामिल होने के बाद कार्रवाई शुरू की गई है। ऐसा लगता है कि उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एक साजिश रची जा रही है, इसलिए मुझे लगता है कि अदालत ने उनके लिए अंतरिम सुरक्षा का आदेश दिया है।तीन विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को मतदान.बता दें कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की कुल तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीख का एलान कर दिया है। इन तीन विधानसभा सीटों में पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट भी शामिल है, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनाव लड़ना है। इन तीनों विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को मतदान होगा और तीन अक्तूबर को मतगणना होगी। केंद्रीय चुनाव आयोग के शेड्यूल के मुताबिक पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों के लिए 13 सितंबर तक नामांकन किया जाएगा। 16 सितंबर तक नाम वापसी होगी। 30 सितंबर को मतदान और तीन अक्तूबर को मतगणना होगी।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/coronavirus-in-kerala-state-logs-25772-fresh-covid-cases-189-deaths-all-updates,"कोरोना: देश में चौथी बार रिकॉर्ड एक करोड़ से ज्यादा डोज लगे, केरल में 25772 नए मामले, 189 की मौत","देश में कोरोना टीकाकरण अभियान लगातार बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने कहा है कि अभी तक करीब 70 करोड़ लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। वहीं मंगलवार को केंद्र सरकार ने जानकारी दी कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 वैक्सीन की 1.13 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई गई हैं। ऐसा देश में चौथी बार हुआ है जब 24 घंटे में एक करोड़ से अधिक डोज लगाई गई हैं। बता दें कि सोमवार को भी एक करोड़ डोज लगाई गई थीं। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई भी दी थी।केवल 13 दिनों में रिकॉर्ड टीकाकरण: मंडाविया.कोरोना के खिलाफ जंग जीतने के लिए देश में टीकाकरण का दौर लगातार जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को बड़ी जानकारी देते हुए कहा कि देश में अब तक 70 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी हैं। मंडाविया ने कहा कि इनमें से 10 करोड़ से अधिक खुराक केवल पिछले 13 दिनों में दी गईं।मंडाविया ने ट्विटर पर जानकारी साझा करते हुए भारत के टीकाकरण कार्यक्रम की प्रगति पर एक ग्राफिक साझा किया। इसमें बताया गया कि जनवरी में देश में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने के बाद देश में पहले 10 करोड़ लोगों को टीका लगाने में भारत को 85 दिन लगे। वैक्सीन के अगले 10 करोड़ डोज देने में 45 दिन लगे, 29 दिन में 20-30 करोड़, 24 दिन में 30-40 करोड़, 40-50 करोड़ में 20 दिन, 50-60 करोड़ खुराक देने में 19 दिन लगे। केवल 13 दिनों में अब तक की सबसे तेज 60-70 करोड़ वैक्सीन लगाई गईं।केरल में 25 हजार से अधिक नए मामले.उधर, केरल में कई दिनों तक रोजाना 30,000 या इससे अधिक मामले दर्ज करने के बाद पिछले सप्ताह से नए मामलों की संख्या में धीरे-धीरे कमी देखी जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को कोरोना के 25,772 नए मामले राज्य में सामने आए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की संख्या अब 42,53,298 हो गई है। प्रदेश में अभी कोरोना के कुल 2,37,045 सक्रिय मामले हैं। वहीं 39,93,877 लोग ठीक भी हुए हैं ओर 21,820 लोगों की मौत हुई है।रविवार को लॉकडालन नहीं लगाने का फैसला लिया: मुख्यमंत्री विजयनप्रदेश के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने मंगलवार को कहा कि आज कोविड-19 को लेकर समीक्षा बैठक की गई। इसमें फैसला लिया गया है कि प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू को हटाया जाएगा। इसके साथ ही रविवार को लॉकडाउन नहीं लगाने का निर्णय भी लिया गया है।उन्होंने बताया कि बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष के छात्रों की कक्षाएं चार अक्तूबर से शुरू होंगी। शैक्षणिक संस्थानों को खोलने को लेकर दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं। स्कूलों को खोलने का निर्णय बाद में लिया जाएगा।झारखंड: ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई कोई मौत.झारखंड में ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई। राज्य सरकार की ओर से यह जानकारी विधानसभा में दी गई है।एक ही अस्पताल से लगवाएं स्पूतनिक वी की दोनों खुराक: डॉ. रेड्डीज.डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड ने रूस की वैक्सीन स्पूतनिक वी को लेकर एक बयान में कहा है कि देश में यह वैक्सीन 21 दिन के अंतराल में लगाई जा रही है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि इस वैक्सीन की दोनों खुराकें एक ही अस्पताल में लगवानी चाहिए।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/nipah-threat-karnataka-seals-borders-with-kerala-alert-issued-in-dakshina-kannada-district,"निपाह का खतरा: कर्नाटक ने केरल से लगती सीमाएं सील कीं, दक्षिण कन्नड़ जिले में अलर्ट जारी","निपाह वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए कर्नाटक ने केरल से लगती सीमाओं को सील कर दिया है। दक्षिण कन्नड़ जिले में भी अलर्ट जारी किया गया है। जिले के उपायुक्त केवी राजेंद्र ने लोगों से सावधानी बरतने को कहा है और स्वास्थ्य विभाग से एहतियाती उपाय करने के निर्देश दिए हैं।उपायुक्त राजेंद्र ने कहा कि दक्षिण कन्नड़ की सीमा केरल से लगती है और यहां से काफी लोग नौकरी और शिक्षा के लिए आते हैं। एहतियातन सीमा के इलाके में टीकाकरण और जांच को बढ़ा दिया गया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विशेषज्ञों को निर्देश दिए हैं कि निपाह को लेकर अध्ययन कर इससे निपटने के तरीके के बारे में अपने सुझाव दें।सीमा के इलाके में टीकाकरण और जांच को बढ़ा दिया गया है। केंद्र और राज्य सरकार को भी सतर्क रहने को कहा गया है। वहीं, केरल में निपाह वायरस से जान गंवाने 12 वर्षीय बच्चे के करीबी संपर्क में आए लोगों की जांच रिपोर्ट में संक्रमण नहीं होने की पुष्टि हुई है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि बच्चे के करीबी संपर्क में आए आठ लोगों के नमूनों की जांच रिपोर्ट आ गई है, जिनमें कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया है।गौरतलब है कि तीन सितंबर को केरल के कोझिकोड के 12 वर्षीय बच्चे की निपाह वायरस के कारण मौत हो गई थी। केरल की स्वास्थ्य मंत्री जार्ज ने बताया कि आठ लोगों के 24 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि अब और सैंपलों की जांच की जा रही है।.कर्नाटक सरकार ने जारी किया परामर्श.राज्य सरकार की ओर से ताजा हालात को लेकर मंगलवार को एक परामर्श भी जारी किया गया। इसमें कर्नाटक सरकार ने कहा है कि लोगों को अक्तूबर के अंत तक केरल जाने से बचना चाहिए। शैक्षणिक/नर्सिंग/पैरामेडिकल संस्थानों के अफसरों, अस्पतालों, कारखानों आदि के मालिकों से अपने कर्मचारियों आदि जो जो कर्नाटक नहीं लौटे हैं को अक्तूबर के अंत तक वापसी स्थगित करने का निर्देश देने के लिए भी कहा गया है।कर्नाटक सरकार ने उन सभी छात्रों और कर्मचारियों से जो अभी तक केरल से कर्नाटक नहीं लौटे हैं, कहा है कि केरल में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए अक्तूबी 2021 के अंत तक राज्य में अपनी वापसी को टालने या स्थगित कर दें।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/corona-third-wave-in-mumbai-maharashtra-lockdown-update-mayor-kishori-pednekar-statement-on-lockdown-restriction-in-mumbai,"महाराष्ट्र: मेयर किशोरी पेडनेकर की चेतावनी- मुंबई में आ गई है कोरोना की तीसरी लहर, कहा- हमें बेहद सावधान रहने की जरूरत","महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। इसकी जानकारी मेयर किशोरी पेडनेकर ने दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है। गणेश उत्सव पर मैं कहीं भी नहीं जाने वाली हूं, क्योंकि मुंबई में तीसरी लहर आ नहीं रही है आ गई है। लोगों को इस दौरान काफी सावधान रहने की जरूरत है। वहीं शहर में पाबंदियां लगाने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि पाबंदियां लगाने का हक तो राज्य सरकार को है। जरूरी होगा तो मुख्यमंत्री निर्णय लेंगे। लोगों से विनती है कि खुद को संभालें।किशोरी पेडनेकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अभी गणपति बप्पा आने वाले हैं, इसलिए मैंने एक एलान किया है कि 'मेरा घर मेरा बप्पा'। मैं अपने बप्पा को छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी। 'मेरा मंडल मेरा बप्पा', जो मंडल के लोग हैं, उनको भी मंडल में 10-10 कार्यकर्ताओं को शिफ्ट में काम देना चाहिए। इधर उधर घूमने और बिना मास्क के बैठने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। मंडल के लोग भी ज़िमेमदारी ले रहे हैं। मैं भी कहीं नहीं जाने वाली, क्योंकि तीसरी लहर आ रही है नहीं, आ गई है। नागपुर में एलान किया गया है। हर किसी को खुद का खयाल रखना चाहिए।नागपुर में भी कोरोना की तीसरी लहर ने दी दस्तक.वहीं महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितिन राउत बताया है कि नागपुर में भी कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है। नागपुर जिले के गार्जियन मंत्री नितिन राउत ने कहा कि नागपुर में कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है, जिसकी वजह से पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी हुई है। 13 पॉजिटिव पाए गए लोग ऐसे भी थे, जिसमें से 12 को वैक्सीन लग चुकी थी। बता दें कि नितिन राउत ने कोविड-19 की समीक्षा को लेकर संभागीय आयुक्त कार्यालय में बैठक की। आंकड़ों के मुताबिक नागपुर जिले में सख्त पाबंदियां लगाई जा सकती है।नागपुर में एमबीबीएस के 11 छात्र कोरोना संक्रमित.महाराष्ट्र के नागपुर के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के 11 छात्र कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। कॉलेज के डीन ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी है। वहीं 100 छात्रों को क्वारंटीन भी किया गया है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/eight-bangladesh-nationals-arrested-in-tamil-nadu-for-staying-without-valid-documents,"कार्रवाई: तमिलनाडु में आठ बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, वैध दस्तावेजों के बिना रहने के आरोप",तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में बिना वैध दस्तावेज के रह रहे आठ बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि सूचना के आधार पर चलाए गए एक तलाशी अभियान के दौरान यह गिरफ्तारी की गई। ये लोग एक बुनाई इकाई में काम कर रहे थे। इन सभी संदिग्ध आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।,-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/eight-year-old-boy-driving-an-e-rickshaw-is-filling-the-stomach-of-differently-abled-parents-and-family-video-viral,"धन्य है गोपाल : आठ साल का बालक ई रिक्शा चलाकर दिव्यांग माता-पिता व परिवार का भर रहा पेट, वीडियो वायरल","आमतौर पर शहरों में आठ साल के बच्चे दूसरी-तीसरी कक्षा में पढ़ रहे होते हैं और गांवों में इस उम्र के बच्चे खेत खलिहानों में काम व पशुपालन कर रहे होते हैं, लेकिन हैदराबाद का गोपाल कृष्ण तो कमाल कर रहा है। आठ साल का गोपाल अपने कंधे पर परिवार के पालन की जिम्मेदारी का पहाड़ उठा रहा है। सोशल मीडिया में गोपाल का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर आप भावुक हो सकते हैं।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/a-bjp-delegation-comprising-of-state-bjp-vice-president-pratap-banerjee-and-many-leaders-meet-election-officer-over-assembly-bypolls-in-west-bengal,"पश्चिम बंगाल: भवानीपुर उपचुनाव को लेकर भाजपा चुनाव समिति की बैठक समाप्त, इन मुद्दों पर हुई चर्चा","पश्चिम बंगाल में भवानीपुर उपचुनाव को लेकर मंगलवार को भाजपा चुनाव समिति की बैठक हुई। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैठक में आगामी भवानीपुर उपचुनाव में उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। हम नाम अपनी संसदीय समिति को देंगे और उसके बाद वे नामों की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि हम भवानीपुर सीट से लड़ने को तैयार हैं और जीतने के लिए ही लड़ेंगे। प्रत्याशी की घोषणा संसदीय समिति करेगी। सुवेंदु अधिकारी ने एक बार ममता बनर्जी को हराया था, अब किसी और को मौका दिया जाएगा।टीएमसी में रहने के दौरान सुवेंदु के खिलाफ कोई मामला नहीं था: दिलीप घोष.दिलीप घोष ने कहा कि सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ कोई मामला नहीं था जब वह टीएमसी में थे। उनके भाजपा में शामिल होने के बाद कार्रवाई शुरू की गई है। ऐसा लगता है कि उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एक साजिश रची जा रही है, इसलिए मुझे लगता है कि अदालत ने उनके लिए अंतरिम सुरक्षा का आदेश दिया है।अभिषेक बनर्जी दोषी हैं या नहीं यह कोर्ट तय करेगा: दिलीप घोष.वहीं कथित कोयला तस्करी मामले में टीएमसी नेता और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ ईडी की जांच लेकर उन्होंने कहा कि अभिषेक दोषी हैं या नहीं यह कोर्ट तय करेगा, प्रक्रिया अभी शुरू हुई है। इतने सारे प्रमुख नेताओं ने ईडी की जांच का सामना किया और निर्दोष निकले। इसमें डरने की क्या बात है?पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग कार्यालय पहुंचा भाजपा का प्रतिनिधिमंडल.राज्य में आगामी उपचुनाव पर चर्चा करने के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष प्रताप बनर्जी और बालुरघाट से सांसद सुकांत मजूमदार समेत भाजपा का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग कार्यालय पहुंचा है। यहां वे मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात करेंगे।तीन विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को मतदान.बता दें कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की कुल तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीख का एलान कर दिया है। इन तीन विधानसभा सीटों में पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट भी शामिल है, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनाव लड़ना है। इन तीनों विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को मतदान होगा और तीन अक्तूबर को मतगणना होगी। केंद्रीय चुनाव आयोग के शेड्यूल के मुताबिक पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों के लिए 13 सितंबर तक नामांकन किया जाएगा। 16 सितंबर तक नाम वापसी होगी। 30 सितंबर को मतदान और तीन अक्तूबर को मतगणना होगी।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/the-poor-children-living-in-rural-areas-have-suffered-the-most-in-studies-due-to-the-lockdown-caused-by-the-coronavirus-pandemic,"सर्वे में खुलासा: 48 फीसदी बच्चे भूले किताबें पढ़ना, 90 फीसदी अभिभावकों की मांग- जल्द खुलें स्कूल","कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन से पढ़ाई में सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले गरीब बच्चों को हुआ है। ग्रामीण स्कूलों के सिर्फ आठ फीसदी बच्चे ही ऑनलाइन पढ़ाई कर पा रहे हैं, तो शहरों में 24 फीसदी। वहीं ये भी देखने में आया कि शहरों में रहने वाले 42 फीसदी बच्चे कुछ शब्दों से ज्यादा नहीं पढ़ पा रहे हैं, वहीं ग्रामीण भारत में हालात ज्यादा खराब दिखाई दे रहे हैं यहां ऐसे बच्चे 48 फीसदी है। शहरों में 19 फीसदी बच्चे बिल्कुल पढ़ाई नहीं कर रहे थे, तो गांवों में ये आंकड़ा 37 फीसदी है।ये चौकाने वाले आंकड़े स्कूल चिल्ड्रेन ऑनलाइन एंड ऑफलाइन लर्निंग (स्कूल) सर्वे के हालिया सर्वे में निकलकर सामने आए है। संस्था द्वारा ये सर्वे अगस्त 2021 में 15 राज्यों में किया गया। इसमें असम, बिहार चंडीगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में किया गया। इस सर्वे में अपेक्षाकृत गरीब और वंचित बस्तियों पर ध्यान दिया गया। जहां अमूमन बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। जिन परिवारों से सर्वे में बात की गई है, उनमें से करीब 60 फीसदी परिवार ग्रामीण इलाके के हैं और करीब 60 फीसदी परिवार दलित व आदिवासी पृष्ठभूमि के हैं। इस सर्व का पहला राउंड अगस्त 2021 में 1362 घरों के कक्षा एक से आठ तक के 1362 बच्चों में किया गया।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/large-number-of-children-are-ending-their-lives-due-to-online-play-pubg-games,"पबजी : जिंदगी में 'मीठा जहर' सा घुल रहा ऑनलाइन गेम, सात दिन में कई सांसें गई रुक","आजकल बच्चों और युवाओं में पबजी गेम खेलने का नशा ऐसा चढ़ा है कि वो चंद मिनटों में अपनी जिंदगी ही खत्म कर ले रहे हैं। मोबाइल पर पबजी खेलते-खेलते युवा कब मौत को गले लगाते हैं, उन्हें खुद ही नहीं मालूम पड़ता है। इसकी लत इतनी गंदी है कि एक बार कोई बच्चा या युवा इसका शिकार हो गया तो उसकी जान जानी पक्की है। माता-पिता भी इस गेम से खासे चिंतित रहते हैं कि उनका बच्चा तो इसका शिकार नहीं हो रहा, लेकिन कई बार बच्चे घर में छुपकर या घर से बाहर जाकर भी गेम खेलने के दीवाने रहते हैं। देश में इन दिनों फिर से पबजी गेम की वजह से बच्चों की मौत होने की खबरें सामने आ रही हैं।मध्यप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बच्चे तेजी से इस गेम के शिकार हो रहे हैं। यूजर्स इस गेम में इस कदर मशगूल हो जाते हैं कि कब वह मौत को गले लगाते हैं उन्हें भी नहीं पता चलता। अमर उजाला वेबसाइट आज कुछ ऐसी ही खबरें आपके सामने पेश कर रही है, जिसमें देश के अलग-अलग जगहों पर पबजी खेलने वालों के साथ कौन-कौन सी घटनाएं हुई हैं।मध्यप्रदेश में छात्रा ने फांसी लगाई.इंदौर में एक छात्रा पबजी खेलते-खेलते फांसी के फंदे पर झूल गई। हीरानगर थाना क्षेत्र के न्यू गौरी नगर में छात्रा कंप्यूटर कोर्स करने के नाम पर कम्प्यूटर कोर्स शुरू की। इसी दौरान वह ऑनलाइन गेम पबजी खेलती थी और पिछले हफ्ते उसने खुदकुशी कर ली। जानकारी के मुताबिक, मृतक का भाई संजय ऑफिस से जब शाम को घर लौटा तो कमरे में राधा फंदे पर झूलती मिली। संजय ने बताया कि उसकी बहन को ऑनलाइन गेम पबजी खेलने का शौक था। एक दो दिन से वह तनाव में थी।देवास में पबजी खेलने के दौरान हार्ट अटैक से बच्चे की मौत.मध्यप्रदेश के देवास में पबजी खेलने के दौरान एक बच्चे को हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। दीपक राठौर नाम के एक युवक की मौत गेम खेलने के दौरान हो गई। दीपक पबजी गेम खेल रहा था, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। आशंका है कि दीपक पबजी नहीं, बल्कि बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया खेल रहा होगा या फ्री फायर खेल रहा होगा, क्योंकि आधिकारिक तौर पर पबजी भारत में बैन है। मौत के कारण की भी अभी पुष्टि नहीं हो सकी है लेकिन पहली नजर में इस हादसे को हार्ट अटैक बताया गया।खरगोन में बच्चा हुआ बेहोश मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के सनावद में एक नाबालिग पबजी का ऐसा शिकार हुआ कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। परिजनों के मुताबिक, ऑनलाइन गेम पबजी खेलने के बाद लड़का अचेत हो गया। आनन फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उसे इंदौर रेफर कर दिया है। बच्चे की हालत नाजुक बनी हुई है।चंदौली में युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान.उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में एक पिता को पबजी खेल रहे बेटे को डांटना भारी पड़ गया। पिता की डांट से नाराज 17 वर्षीय बेटे ने ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली। परिवार वालों का जब इसकी जानकारी मिली तो सभी हैरान रह गए। धीना थाना प्रभारी अतुल प्रजापति ने बताया कि बीती रात रेलवे ट्रैक पर मिली लाश कुतुबुद्दीन के तौर पर पहचानी गई , पुलिस ने बताया रात पिता की डांट फटकार के बाद युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।रोहतक में गेम खेलने के बाद पैसे चोरी का आरोप.हरियाणा के रोहतक शहर के सेक्टर-27 थाना क्षेत्र के रहने वाले व्यक्ति ने एक युवक पर उसके नाबालिग बेटे को पबजी गेम की आदत डालने के बाद दबाव बनाकर घर से पैसे चोरी करवाने का आरोप लगाया है। नाबालिग के पिता ने युवक को उसके बेटे से पैसे लेते पकड़ लिया। इसकी शिकायत सेक्टर-27 थाने में की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।गेम खेलने वाले बच्चों पर अभिभावक रखें नजर.दरअसल, भारत में पबजी बैन है। हाल ही में बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया भारत में लॉन्च हुआ था तो कंपनी ने कहा था कि गेम को 18 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं खेल सकेंगे। यदि ऐसे बच्चे गेम को खेलना चाहते हैं तो उन्हें अपने माता-पिता से इजाजत लेनी होगी और उनका मोबाइल नंबर देना होगा। फिर एक अभिभावक के तौर पर माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों के फोन पर नजर रखें और संभव हो तो उसे ज्यादा गेम खेलने से रोकें।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/central-armed-police-forces-cannot-get-army-like-status,'CAPF' की सेना से नहीं होगी बराबरी: उग्रवाद और नक्सल के मोर्चे पर डटे ये बल चीन-पाक को दे चुके हैं झटका,"लद्दाख के हॉट स्प्रिंग इलाके में चीन की सेना 'पीएलए' और सरदार पोस्ट पर पाकिस्तानी सेना की एक ब्रिगेड को धूल चटाने वाले केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को सेना जैसा दर्जा नहीं मिल सकता। अतीत में पंजाब का आतंकवाद, मौजूद जम्मू कश्मीर में आतंकियों का जमावड़ा, उत्तर-पूर्व में उग्रवाद और आधा दर्जन से अधिक राज्यों में नक्सल प्रभावित क्षेत्र, ऐसी सभी जगहों पर इन बलों ने अपनी बहादुरी का डंका बजाया है। देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ' की तरफ से जब केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास यह प्रस्ताव भेजा गया कि यहां पर भी आर्मी की तर्ज पर 15 दिन की बजाए 28 दिन की कैजुअल लीव कर दी जाए। मंत्रालय ने जवाब दिया है कि 7वें केंद्रीय वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार, यह संभव नहीं हो सकता। सीएपीएफ अनिवार्य तौर से एक सिविलियन फोर्स है। इसकी सेवा शर्तें डिफेंस फोर्सेज से अलग हैं।बता दें कि 'सीएपीएफ' जिसमें सीआरपीएफ, असम राइफल, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी जैसे बल शामिल हैं, वहां 15 दिन की कैजुअल लीव मंज़ूर करने का प्रावधान है। सेना में 28 दिन की कैजुअल लीव मिलती है। सीएपीएफ में सामान्य तौर पर बटालियन या ग्रुप सेंटर पर 15 दिन की कैजुअल लीव मिलती है। वजह, ऐसी पोस्टिंग वाली जगहों पर छह दिन का सप्ताह होता है। दूसरी तरफ, स्थायी लोकेशन जैसे मुख्यालय आदि पर तैनात स्टाफ को आठ दिन की केजुअल लीव मिलती है। इसका कारण, वहां पांच दिन का सप्ताह होता है। सीआरपीएफ की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजे गए केजुअल लीव बदलाव के प्रपोजल को सभी बलों के लिए नकार दिया गया है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/pune-court-orders-framing-of-charges-against-4-accused-in-2013-narendra-dabholkar-murder-case-under-many-sections,"दाभोलकर हत्याकांड: पुणे की अदालत ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश, 15 सितंबर को अगली सुनवाई","पुणे की एक अदालत ने 2013 के नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड मामले के चार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 120 (बी), 34 के साथ यूएपीए की धारा 16 और धारा 3 (25), 27 (1), 27 (3) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई अब 15 सितंबर को होगी। बता दें कि तर्कशास्त्री डॉ. नरेंद्र दाभोलकर अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने में अग्रसर रहे थे।सीबीआई ने अदालत से यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की मांग की थी बता दें कि डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की 2013 में हुई हत्या के मामले में सीबीआई ने विशेष अदालत से पांच आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाने की मांग की थी। जांच एजेंसी के अनुसार आरोपियों ने दाभोलकर की हत्या कर लोगों के एक वर्ग के बीच आतंक पैदा करने का प्रयास किया।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (विशेष अदालत के न्यायाधीश) एस आर नावंदर के समक्ष बीते शुक्रवार को पांच आरोपियों डॉ. विरेन्द्र सिंह तावडे, शरद कलसकर, सचिन अंदुरे, वकील संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर दलीलें पेश की गईं। विशेष लोक अभियोजक प्रकाश सूर्यवंशी ने सीबीआई की ओर से दलीलें रखीं।सूर्यवंशी ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र), 120 बी के साथ 302 (हत्या), शस्त्र कानून की संबंधित धाराओं और यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य के लिए सजा) के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। उन्होंने कहा, यूएपीए की धारा 15 की परिभाषा समाज या समाज के एक वर्ग के बीच आतंक पैदा करना है।मौजूदा मामले में हमारी दलील है कि लोगों के एक वर्ग के बीच आतंक पैदा करने के लिए डॉ.दाभोलकर की हत्या के लिए बंदूक का इस्तेमाल किया गया इसलिए यूएपीए की धारा 16 इस मामले में लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीबीआई को यूएपीए की धारा 16 लगाने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मिली थी।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/1-64-crore-seized-from-drug-smuggler-in-rajouri-jammu-kashmir-7053435/,जम्मू-कश्मीर के राजौरी में मादक पदार्थ तस्कर के घर से बरामद हुए 1.64 करोड़,"नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (jammu kashmir) के राजौरी जिले में सरयाह गांव में पुलिस और सेना की संयुक्त तलाशी में 1.64 करोड़ रुपए (1.64 crore seized) से भरे दो बैग मिले हैं। राजौरी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) शीमा नबी कस्बा ने इस संबंध में जानकारी साझा की है। मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।एसएसपी शीमा नबी ने दी जानकारी.शीमा नबी कस्बा ने बताया कि सरयाह गांव निवासी मंजूर अहमद के घर से दो थैलों से 1.64 करोड़ की रकम बरामद हुई है। फिलहाल पुलिस अहमद की गिरफ्तारी के लिए अभियान चला रही है। उन्होंने बताया कि अहमद (ahmad) के एक साथी को टीम ने हाल ही में गिरफ्तार किया था। अब पुलिस अहमद की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।मादक पदार्थ तस्कर का रिश्तेदार है अहमद.शीमा ने बताया कि अहमद मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले सिकंदर का रिश्तेदार है। जिसे हाल ही में पंजाब और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया था। मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में टीम को अब तक बड़ी रकम बरामद हो चुकी है।गौरतलब है कि पंजाब-जम्मू कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में राजौरी (rajauri) जिले के सरयाह गांव से सिकदंर को गिरफ्तार किया था। टीम को सिकंदर के घर से 29.5 लाख रुपए भी बरामद हुए थे। इस पूरे मामले में टीम के हाथ आज एक और सफलता लगी है। इस मामले में टीम का अभियान अभी जारी है, पुलिस को अभी और गिरफ्तारियों की उम्मीद है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/delhi-pollution-smog-tower-to-be-inaugurated-at-anand-vihar-7053216/,"Smog Tower in Delhi: दिल्ली के आनंद विहार इलाके में लगा स्मॉग टावर, जानिए किस तरह करता है काम","नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ( Delhi Pollution ) से लोगों को राहत देने के लिए केजरीवाल सरकार ( Kejriwal Govt )लगातार कोशिशों में जुटी है। इस बीच केंद्र सरकार ने आनंद विहार इलाके में भी स्मॉग टावर ( Smog Tower ) लगाया है। दिल्ली में ये दूसरा इलाका है जहां स्मॉग टावर लगाया गाय है। इससे पहले कनॉट प्लेस पर देश का पहला स्मॉग टावर लगाया गया था। इस टॉवर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लगाया था।बता दें कि स्मॉग टावर को बनने में एक साल का वक्त लगा और बताया जा रहा है कि स्मॉग टावर एक किलोमीटर की दूरी तक हवाओं को साफ करेगा।इसलिए आनंद विहार.दरअसल दिल्ली के आनंद विहार इलाके को स्मॉग टावर स्थापित करने के लिए इसलिए चुना, क्योंकि इस इलाके में पॉल्युशन काफी रहता है।रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन के अलावा यहां बस टर्मिनल भी है। यहीं से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के लिए बसें चलती है और नवंबर के आखिरी महीने, दिसम्बर और जनवरी में आनंद विहार इलाके में पॉल्युशन का लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस टॉवर के लगने के बाद काफी हद तक प्रदूषण में राहत मिलेगी।बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने स्मॉग टावर बनाने का फैसला लिया था। कुछ दिनों पहले दिल्ली सरकार ने कनॉट प्लेस इलाके में स्मॉग टावर का निर्माण कर उद्धघाटन किया तो अब केंद्र सरकार ने आनन्द विहार में स्मॉग टावर का उद्धघाटन कर दिया।ये स्मॉग टावर सही तरीके से काम करते हैं तो देश के अन्य प्रदूषित शहरों में भी इन्हें लगाया जा सकता है।इस तरह करेगा काम.यह स्‍मॉग टॉवर दूषित हवा को अपने अंदर खीचेंगा और साफ हवा को छोड़ेगा। यही नहीं, यह स्‍मॉग टॉवर तकरीबन एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की प्रदूषित हवा को अपने अंदर लेकर साफ हवा की आपूर्ति भी करेगा।एक नजर आंकड़ों पर- 24 मीटर है स्मॉट टॉवर की ऊंचाई- 01 सेकंड में 1000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करेगा टॉवर- 40 फैन इन स्मॉग टॉवर में लगाए गए हैं- 5000 एयर फिल्टर भी टॉवर में लगाए गए",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/dengue-cases-increased-in-dehli-after-three-year-amid-coronavirus-7053084/,"Dengue Cases in Dehli: कोरोना संकट के बीच दिल्ली में डेंगू का खतरा, तीन साल बाद सबसे ज्यादा केस आए सामने","नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) महामारी से जंग के बीच राजधानी दिल्ली में एक और मुसीबात पैर पसार रही है। ये मुसीबत है डेंगू। दिल्ली में डेंगू ( Dengue Case in Dehli )के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बीते तीन वर्षों में सबसे ज्यादा मामले इस साल डेंगू के देखने को मिले हैं।डेंगू के बढ़ते मामलों ने सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है। दरअसल जनवरी 2021 से लेकर अब तक कुल 124 डेंगू के मामले सामने आए हैं, जो 2018 के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है।सिर्फ अगस्त में आए 72 केस.राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू (Dengue) तेजी से पैर पसार रहा है। दिल्ली के लोग तेजी से डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। अब तक दिल्ली में डेंगू के कुल 124 मामले सामने आए हैं, इनमें से 72 मामले अकेले अगस्त में आए हैं।निगम की रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि एक जनवरी 2021 से लेकर 4 सितंबर तक राजधानी में कुल 124 डेंगू के मामले मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018 के बाद इस साल सर्वाधिक लोग डेंगू की चपेट में आए हैं।दरअसल 2018 में डेंगू के कुल 137 केस सामने आए थे।जबकि इस साल का आंकड़ा देखें तो इस साल डेंगू के कुल मामलों के 58% मामले केवल पिछले महीने आए हैं। ये आंकड़े डराने वाले हैं। इन सबके बीच एक राहत की खबर ये है कि अब तक डेंगू के चलते किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है।ये है डेंगू बढ़ने का बड़ा कारण.जानकारों की मानें तो दिल्ली में पिछले महीने करीब 3-4 बार मूसलाधार बारिश हुई। इस जोरदार बारिश के चलते सिविक एजेंसियां लाख कोशिशों के बावजूद बरसाती पानी की निकासी कराने में असफल रहीं। ऐसे में जगह-जगह जल जमाव की स्थिति बन गई।जल जमाव की स्थिति में ही डेंगू के मच्छर पनपते हैं। मच्छरों के लार्वा साफ व स्थिर पानी में तेजी से पनपता है। जमा हुआ बरसाती पानी डेंगू जनित मच्छरों के लिए सबसे अनुकूल है। इसका नतीजा अब दिल्लीवासियों के सामने है। डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/jammu-kashmir-new-website-launched-by-lg-manoj-sinha-for-kashmiri-pandits-7053022/,"Jammu Kashmir: कश्मीरी पंडितों के लिए लॉन्च हुई वेबसाइट, विस्थापितों को जमीन दिलाने में मिलेगी मदद","नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) में कश्मीरी पंडितों ( Kashmiri Pandits ) के लिए मंगलवार को श्रीनगर ( Srinagar ) में नई वेबसाइट लॉन्च की गई। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ( Monoj Sinha ) ने कश्मीरी प्रवासियों की जमीन और अचल संपत्तियों के बारे में शिकायत के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया।आवेदन करने के बाद यूनिक आईडी जेनरेट हो जाएगी। इसके बाद आवेदन उचित कार्यवाही के लिए संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के पास पहुंच जाएगा। इस संबंध में किभी भी जानकारी के लिए राहत एवं पुनर्वास आयुक्त कार्यालय जम्मू से 0191-2586218, 0191-2585458 पर संपर्क कर सकते हैं।Jammu and Kashmir Lieutenant Governor Manoj Sinha launches an online portal for complaints of Kashmiri migrants about their lands and other immovable properties. pic.twitter.com/mtlpnuphNU— ANI (@ANI) September 7, 202144 हजार परिवारों ने कराया रजिस्ट्रेशन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया, 'हमारे पास जो आंकड़ा है उसके मुताबिक मोटे तौर पर 44,000 परिवारों ने रजिस्ट्रेशेन कराया है। इसमें 40,142 हिंदू परिवार हैं, 2,684 मुस्लिम परिवार हैं और 1730 सिख परिवार हैं। सिन्हा ने कहा कि पोर्टल शुरू करने से पहले ही हमारे पास 745 शिकायतें आ चुकी हैं। उम्मीद है जल्द ही इनका निवारण भी होगा।विस्थापितों की वापसी होगी आसान.सरकार लगातार कश्मीरी विस्थापितों की वापसी के लिए काम कर रही है। इसी कड़ी में उप-राज्यपाल ने घाटी वापसी के इच्छुक परिवारों के लिए पंजीकरण को जरूरी बताते हुए संबंधित विभागों को पंजीकरण व्यवस्था के निर्देश दिए थे।जम्मू समेत देश और विदेशों में बसे कश्मीरी विस्थापित राहत एवं पुनर्वास विभाग के पास अब ऑनलाइन पंजीकरण भी करवा सकेंगे। घाटी में बनाए जा रहे 6 हजार ट्रांजिट आवास. दरअसल कश्मीर घाटी के विभिन्न इलाकों में कश्मीरी विस्थापित कर्मचारियों के लिए छह हजार ट्रांजिट आवास बनाए जा रहे हैं। उपराज्यपाल पहले ही कह चुके हैं कि इन आवासों का निर्माण समय से पूरा करने की प्रक्रिया के बीच कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।कुल छह हजार ट्रांजिट आवास में से कुलगाम में 208, बडगाम में 96, गांदरबल, शोपियां, बांदीपोरा, बारामुला, कुपवाड़ा में 1200 जबकि 07 अन्य स्थानों पर 2744 आवास बनाए जाने हैं।बता दें कि आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत कश्मीरी विस्थापितों की मतदाता सूचियों को दुरुस्त करने का भी काम किया जा रहा है। विस्थापित मतदाताओं की सूचियों में संशोधन, नाम हटाने व जोड़ने के अलावा जिन मतदाताओं के मतदाता पहचान पत्र में फोटो नहीं हैं, वह लगाए जा रहे हैं। इस कवायद के लिए कश्मीर के विभिन्न जिलों के जिला चुनाव अधिकारियों के निर्देशों पर टीमें विस्थापित शिविरों का दौरा कर रही है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/farmers-protest-kisan-mahapanchayat-in-karnal-internet-off-7052962/,"Farmers Protest : करनाल में किसान महापंचायत से पहले इंटरनेट बंद, पुलिस की 40 कंपनियां तैनात","नई दिल्ली। किसान नेताओं ने सोमवार को करनाल में किसान महापंचायत का ऐलान किया था जिसके बाद यहां पर सुरक्षा व्यवस्था अत्यधिक बढ़ा दी गई है। करनाल में इंटरनेट को बंद कर दिया गया है और सुरक्षा बलों की 40 कंपनियां तैनात कर दी गई है। इससे पहले जिले में सोमवार को धारा 144 लागू कर दी गई थी जिसके तहत जिले में पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी लगा दी गई थी।गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार करनाल तथा निकटवर्ती चार जिलों में सोमवार दोपहर 12.30 बजे से लेकर मंगलवार आधी रात तक के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। आदेश में कहा गया है कि भड़काऊ सामग्री और झूठी अफवाहें फैलाने के लिए इंटरनेट सेवाओं का दुरुपयोग कर करनाल जिला में कानून व्यवस्था को बिगाडा़ जा सकता है। ऐसे में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं, एसएमएस सेवाओं तथा अन्य डोंगल सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।करनाल के एसपी राम पूनिया ने कहा कि हम चाहते हैं कि आपसी बातचीत से विवाद का निपटारा हो और किसान महापंचायत शांतिपूर्ण तरीके से हो। उन्होंने कहा कि हमने इस मामले पर किसान नेताओं से बात की है और किसी भी तरह की कानून व्यवस्था बिगड़ने पर पुलिस कार्रवाई कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। एसपी ने बताया कि किसान महापंचायत को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के लिए जरूरी इंतजाम करते हुए पुलिस की 40 कंपनियां तैनात की है।उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि विधेयकों को निरस्त कराने की मांग को लेकर पिछले कई महीनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी को लेकर सोमवार को किसान नेताओं ने ऐलान किया था कि मंगलवार (7 सितंबर 2021) को किसान महापंचायत आयोजित की जाएगी।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/haryana-weather-news-updates-forecast-today-07-09-2021-7052907/,"Haryana Weather News Updates Forecast Today : हरियाणा राज्य में तेज वर्षा के आसार, 13 सितंबर तक मानसून रहेगा एक्टिवेट","नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) ने हरियाणा के कई क्षेत्रों में तेज बारिश की संभावनाएं जताई हैं। मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार राज्य में 11 सितंबर तक मानसून की वर्षा का दौर बना रहेगा। आज भी अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, नरवाना और जिंद सहित कई क्षेत्रों में भारी वर्षा होने के आसार बने हुए हैं।मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी मध्य बंगाल की खाड़ी पर एक निम्न दबाव वाला क्षेत्र बना हुआ है जिसके कारण चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण की ओर झुकाव के साथ हवा में ऊंचाई तक बना हुआ है। अगले 24 घंटों में यह अत्यधिक प्रबल हो जाएगा और यह जल्दी ही दक्षिण उड़ीसा और उत्तरी तटीय आंध्रप्रदेश को पार कर जाएगा। मौसम विभाग के अधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इन क्षेत्रों में तेज वर्षा के योग बने हुए हैं। माना जा रहा है कि यह सिस्टम 13 सितंबर तक एक्टिव बना रहेगा और उसके चलते राज्य में विभिन्न स्थानों पर वर्षा का दौर जारी रहेगा।हरियाणा के अलावा यह मानसूनी सिस्टम दक्षिणी भारत के राज्यों तथा मध्यप्रदेश और गुजरात में भी प्रभावी रहेगा। अगले कुछ दिनों तक हरियाणा राज्य के सीमान्त क्षेत्रों में भी मध्यम से भारी वर्षा होने के प्रबल आसान बने हुए हैं। मौसम के बदलने का असर तापमान पर भी पड़ेगा। आज तापमान चंडीगढ़ में 31.8 डिग्री सेल्सियस, अंबाला में 31 डिग्री सेल्सियस, हिसार में 30.8 डिग्री सेल्सियस, गुरुग्राम में 29.5 डिग्री सेल्सियस है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/bihar-weather-news-updates-forecast-today-07-09-2021-7052837/,Bihar Weather Forecast Today: कमजोर हुआ मानसून अब गर्मी और उमस से बेहाल हुआ बिहार,"नई दिल्ली। Bihar Weather Forecast Today. बीते कई दिनों से बारिश (rain in bihar) और बाढ़ (flood in bihar) से जूझ रहे बिहार को अब थोड़ी राहत मिलती नजर आ रही है। पश्चिम मानसून प्रदेश में बेहद कमजोर हो गया है। 10 सितंबर तक प्रदेश में मानसून की बारिश (monsoon in bihar) के आसार नहीं है। हालांकि प्रदेश के लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण-स्थानीय कारणों से प्रदेश के कुछ भागों में हल्की बारिश हो सकती हैं।पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि राज्य में मानसून कमजोर पड़ गया है। इसके चलते अब राजधानी समेत प्रदेश में तीखी धूप (sun in bihar) और उमस से लोग काफी परेशान है। उमस से लोगों को न घर में, न ही बाहर राहत मिल रही है। उन्होंने बताया कि 10 सितंबर तक इस तरह की स्थिति बने रहने की उम्मीद है।मौसम विभाग के अनुसार, मानसून का असर देश में अक्‍टूबर तक रह सकता है। जून के पहले हफ्ते में सक्रिय होने के बाद से मानसून ने बिहार (bihar) में लगातार अच्‍छी बारिश कराई है। सितंबर का महीना बारिश के लिहाज से कमजोर रहने की उम्‍मीद है। यह बहुत असामान्‍य भी नहीं है। आगे मानसून का रुख राज्‍य में बारिश की संभावनाओं को तय करेगा।गौरतलब है कि बिहार और नेपाल में बारिश (rain in bihar) के चलते राज्य की ज्यादातर नदियां उफान पर हैं। उत्‍तर बिहार के साथ-साथ सीमांचल और पूर्वी बिहार में भी नदियां (bihar rivers) उफान पर हैं। भागलपुर और मुंगेर में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। पूरे बिहार की बात करें तो गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, गंगा, महानंदा नदी सहित 10 प्रमुख नदियां अभी भी कई जगह खतरे के निशान के ऊपर हैं। कल बिहार में बाढ से हुए नुकसान का जायजा लेने एक केंद्रीय राज्य में पहुंची थी।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/delhi-aiims-expert-says-on-nipah-virus-eating-fruits-without-washing-is-dangerous-7052782/,"Nipah Virus: बिना धोए फल खाना हो सकता है खतरनाक, AIIMS एक्सपर्ट की चेतावनी","नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जंग के बीच इन दिनों निपाह वायरस ( Nipah Virus ) ने देश में हलचल बढ़ा दी है। केरल के कोझिकोड में रविवार को एक 12 साल के लड़के की निपाह वायरस संक्रमण से मौत हो गई। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है और लोगों से सावधानियां बरतने को कहा जा रहा है।इस बीच देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस ( AIIMS ) के विशेषज्ञ ने लोगों को सलाह दी है कि बिना धोए फल ( Fruit ) खाने की आदत जानलेवा साबित हो सकती है।फ्रूट बैट्स है बड़ी वजह.दिल्ली स्थिति एम्स के विशेषज्ञ प्रो. डॉ. आशुतोष बिस्वास की मानें तो निपाह वायरस फैलने की सबसे बड़ी वजह Fruit Bats ( फलों पर बैठने वाले जीव ) हैं। खास बात यह है कि ये संक्रमण मनुष्यों में आने के बाद इसके फैलने की गति और ज्यादा बढ़ जाती है।ऐसे फैलता है वायरस.प्रो. बिस्वास के मुताबिक फ्रूट बैट अपनी लार फल पर ही छोड़ देते हैं। फिर ये फल खाने वाले जानवर या इंसान निपाह वायरस से संक्रमित हो जाते हैं।डॉ. आशुतोष ने बताया कि फिलहाल इस बीमारी का विशेष इलाज नहीं है। इसलिए, हमें यह समझना होगा कि यह एक बहुत ही गंभीर बीमारी है।स्लिपओवर बढ़ा सकता है खतरा.डॉ आशुतोष बिस्वास के मुताबिक, देश में अब तक देखने में आया है कि फ्रूट बैट निपाह वायरस ( Nipah Virus ) को हमारे घरेलू जानवरों जैसे सूअर, बकरी, बिल्ली, घोड़े और अन्य में भी प्रसारित कर सकते हैं।यही वजह है कि वायरस का जानवरों से मनुष्यों में जाना काफी खतरनाक है। इसे स्पिलओवर ( Slipover ) कहा जाता है।धोए बिना फल खाना जानलेवा.एम्स एक्स्पर्ट के मुताबिक गिरे हुए या बिना धोए फल जानलेवा साबित हो सकते हैं। गिरे हुए फलों को धोए बिना खाना बहुत खतरनाक है। अगर हम फल धोकर नहीं खाते तो इससे वायरस का जानवरों से इंसानों में पहुंचना शुरू हो जाता है। एक बार जब यह वायरस मानव शरीर में आ जाए तो इसके फैलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।संक्रमित 90 फीसदी लोगों की हुई मौत.डॉ. बिस्वास के मुताबिक भारत में केरल और पश्चिम बंगाल निपाह वायरस की 1-1 लहर का सामना कर चुके हैं। पिछली लहर में संक्रमित हुए 90 फीसदी लोग मारे गए। हालांकि वर्ष 2019 में सिर्फ 1 केस आया। लेकिन 2021 में आए एक केस की मौत हो चुकी है। ऐसे में सावधान रहना ही इस वायरस से बचाव का सबसे कारगर तरीका है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/corona-cases-in-india-in-last-24-hours-today-7052735/,"भारत में कोरोना के नए मामलों में आई कमीं, मृतकों की संख्या में हुआ इजाफा","नई दिल्ली। भारत में पिछले दो दिनों से कोरोना मामलों (covid-19) में कमी देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आंकड़ों के मुक देश में बीते दिन कोरोना के 31,222 नए मामले (new COVID-19 case in india) सामने आए हैं। जानकारी के मुताबिक बीते दिन की तुलना में मामलों में कमी आई है, लेकिन कोरोना से मौतों का आंकड़ा बढ़ा है। बता दें कि पिछले 24 घंटे में इस महामारी से 290 मरीजों की मौत हो गई। जबकि एक दिन पहले कोरोना (corona) से 219 लोगों की मौत हुई थी।देश में कोरोना मरीजों की संख्या.इसके साथ ही देश में कोरोना संक्रमितों (corona in india) की संख्या 3,30,58,843 हो गई है। वहीं इस महामारी से अब तक 4,41,042 लोगों की जान ( covid-19 death) गई है। जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटे (covid new case in 24 hours) में 42,942 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। इसको मिलाकर अभी तक 3,22,24,937 लोग ठीक भी हुए हैं।केरल में करीब 20 हजार नए मामले.अगर राज्यों में कोरोना के हालातों की बात करें तो केरल में कोरोना महामारी चिंता बढ़ा रहा है। केरल (covid-19 in kerela) में हर रोज हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं।पिछले 24 घंटों में राज्य में कोरोना वायरस के 19,688 नए मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं 28,561 मरीज कोरोना से ठीक हुए और 135 मौतें हुईं है। फिलहाल राज्य में पाजिटिविटी दर 16.71 फीसदी है।गौरतलब है कि महाराष्ट्र (corona in maharashtra) भी केरल के बाद कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में है। राज्य के 5 जिलों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसके चलते सीएम उद्धव ठाकरे ने राजनीतिक पार्टियों से विरोध प्रदर्शन और जुलूस न निकालने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही जनता से भी कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करने की अपील की है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/security-agencies-alert-200-pakistan-terrorist-active-in-jammu-kashmir-7052636/,"Jammu Kashmir: सुरक्षा एजेंसियों का अलर्ट, घाटी में सक्रिय हैं 200 आतंकी पाकिस्तान के इशारे का कर रहे इंतजार","नई दिल्ली। अफगानिस्तान ( Afghanistan ) पर तालिबान ( Taliban ) के कब्जे के बाद पाकिस्तान ( Pakistan ) की खुफिया एजेंसी आईएसआईएस ( ISIS ) एक बार सक्रिय है। खास बात यह है कि पाकिस्तानी आतंकियों की नजर अब कश्मीर पर है। इसको लेकर भारतीय खुफिया एजेंसी ( Securiy Agency Alert ) अलर्ट भी जारी किया है।जम्‍मू कश्‍मीर ( Jammu Kashmir ) में इस समय करीब 200 आतंकी सक्रिय हैं। इनमें विदेशी आतंकी भी शामिल हैं। वे आतंकी हमले के लिए आईएसआई के इशारे का इंतजार कर रहे हैं। इस अलर्ट के बाद सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक अफगानिस्‍तान के बाद पाकिस्‍तान जम्‍मू कश्‍मीर ( Jammu Kashmir ) पर नजरें कर सकता है। इसके लिए आक्रामक रणनीति पर भी काम कर सकता है।दो महीनों की सक्रियता से मिले संकेत.दरअसल अफगानिस्‍तान पर तालिबान के कब्‍जे के पहले ही आईएसआई लश्‍कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्‍मद और अल बद्र जैसे आतंकी संगठनों के आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने का प्रयास कर चुकी है। पिछले दो महीनों में इस तरह की गतिविधियों के सक्रिय होने के लगातार संकेत मिले हैं।हालांकि भारतीय सुरक्षाबलों ने हर मोर्चे पर मुंहतोड़ जवाब दिया है, लेकिन सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है।सुरक्षाबलों की बढ़ाई गई तैनाती.आईएसआई के इन नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों ने सुरक्षा व्यवस्था को और बढ़ा दिया है। पाकिस्‍तान से लगी सीमा पर सर्विलांस और जवानों की संख्‍या लगातार बढ़ाई जा रही है।वहीं जम्‍मू कश्‍मीर में गांवों में घुसपैठ करके आने वाले विदेशी आतंकियों को पनाह न दी जाए, इसके लिए जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस लगातार उनके पनाहगारों की पहचान में जुटे हैं। दरअसल घाटी में कुछ लोग ऐसे हैं जो विदेशी आतंकियों को ना सिर्फ पनाह देते हैं, बल्कि उनके मंसूबों को सफल बनाने में भी स्थानीय स्तर पर उनकी मदद करते हैं। ऐसे में सुरक्षा बल के जवान ऐसे लोगों की पहचान में जुटी ताकि इस नेटवर्क को खत्म किया जा सके।अबतक 500 की गिरफ्तारी.मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक आतंकियों को पनाह देने वाले करीब 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। खुफिया एजेंसी के कुछ वरिष्‍ठ अफसरों का कहना है कि भारतीय एजेंसियां घुसपैठ और पाकिस्‍तान व पीओके में आतंकी लॉन्‍चपैड की घटनाओं को अफगानिस्‍तान में हो रही घटनाओं से जोड़कर नहीं देख रहे हैं, बल्कि इसे आईएसआई के गेम प्‍लान के रूप में देख रहे हैं।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/delhi-weather-news-updates-today-07-09-2021-light-rain-expected-7052565/,"Delhi Weather News Updates Today: दिल्ली में आज भी हल्की बारिश के आसार, पूरे हफ्ते जारी रहेगा सिलसिला","नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में मौसम ( Delhi Weather News Updates Today ) एक बार फिर सुहाना हो गया है। सोमवार के बाद मंगलवार को दिल्ली के कई इलाकों में हल्की बारिश ( Delhi Rains ) के आसार बने हुए हैं। भारतीय मौसम विभाग ( IMD ) के मुताबिक दिनभर मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को भी राजधानी में शाम साढ़े पांच बजे तक कुल 6.2 मिमि बारिश दर्ज की गई है। बारिश के इस दौर के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जिसने राजधानीवासियों को गर्मी से राहत दिलाई है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि दिल्ली में मंगलवार को भी हल्की बारिश हो सकती है और आसमान में बादल छाए रहने की संभावना है। वहीं तापमान की बात करें तो अधिकमत तापमान 33 तो न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है। यानी मंगलवार को भी राजधानी के लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। बता दें कि सोमवार को भी दिल्ली में न्यूनतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम के सामान्य तापमान से दो डिग्री सेल्सियस कम है। वहीं अधिकतम पारा 36.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। सप्ताहभर बारिश के आसार मौसम विभाग के मुताबिक इस पूरे हफ्ते दिल्ली में रुक-रुक बारिश का दौर जारी रहेगा। मंगलवार और बुधवार को हल्की बारिश की संभावना है, जबकि इसके बाद अगले पांच छह दिन तेज बारिश होने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने 12 सितंबर तक के लिए के ग्रीन और यलो अलर्ट जारी कर रखा है। टूट सकता है रिकॉर्ड मौसम वैज्ञानियों की मानें तो दिल्ली में सितंबर के महीने में अच्छी बारिश हो रही है। यही सिलसिला जारी रहने की अभी कुछ दिन और उम्मीद है, ऐसे में दिल्ली में बारिश के दशकों पुराने रिकॉर्ड टूट सकते हैं। बता दें कि सितंबर के पहले ही दिन राजधानी में रिकॉर्डतोड़ बारिश दर्ज की गई थी। इस दौरान दिल्ली में 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश का 19 वर्ष पुराना रिकॉर्ड टूटा था। सोमवार को भी राजधानी में मिलाजुला मौसम रहा। कई बार बादल छाए और कहीं कहीं बरसे भी। हवा में नमी का स्तर 57 से 92 फीसद रहा। जहां तक बारिश का सवाल है तो सुबह साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे तक सफदरजंग पर 6.2 मिमी, पीतमपुरा में 1.0 मिमी और पूसा में 0.5 मिमी बारिश रिकार्ड की गई।",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/gujarat/battle-broke-out-in-cricketer-ravindra-jadeja-s-house-why-there-is-conflict-between-wife-and-sister-638219.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"क्रिकेटर रवींद्र जडेजा के घर में छिड़ा सियासी संग्राम, पत्नी और बहन में क्यों हो रहा है टकराव ?जानिए","जामनगर, 10 सितंबर: क्रिकेटर रवींद्र जडेजा को अपने ही घर में छिड़े सियासी संग्राम का सामना करना पड़ रहा है। उनकी बहन नयनाबा जडेजा ने कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर एकबार फिर से अपनी भाभी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, जडेजा की शादी को करीब 5 साल हुए हैं, लेकिन ननद-भाभी के बीच करीब दो साल से भारी अदावत जारी है। जानकारी के मुताबिक मौजूदा राजनीतिक विवाद आने वाले विधानसभा चुनावों की वजह से है, जिसको लेकर दोनों के रास्ते पूरी तरह से जुदा हो चुके हैं।",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/west-bengal/west-bengal-cm-mamata-banerjee-files-nomination-for-bypolls-to-bhabanipur-seat-638206.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"भवानीपुर सीट से ममता बनर्जी ने किया नामांकन, BJP की प्रियंका टिबरेवाल से मुकाबला","कोलकाता, 10 सितंबर: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। भवानीपुर विधानसभा सीट पर आने वाली 30 सितंबर को वोट डाले जाएंगे और 3 अक्टूबर को मतगणना होगी। इस सीट पर ममता बनर्जी के मुकाबले में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी नेता और प्रियंका टिबरेवाल को टिकट देकर मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस पहले ही ऐलान कर चुकी है कि वो भवानीपुर सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर वो अपना उम्मीदवार उतारते हैं तो इससे भाजपा को ही फायदा होगा, जो कांग्रेस नहीं चाहती। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी अपनी परंपरागत सीट भवानीपुर छोड़कर, नंदीग्राम से चुनाव लड़ीं थी, लेकिन टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा। नंदीग्राम को सुवेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है। हालांकि ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में मतगणना के दौरान धांधली का आरोप लगाया और यह मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। ममता बनर्जी फिलहाल किसी भी सीट से विधानसभा की सदस्य नहीं हैं, इसलिए भवानीपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव में जीत दर्ज करने की उनके सामने दोहरी चुनौती है। ""कौन हैं प्रियंका टिबरेवाल, जो ममता को देंगी टक्कर वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने दिग्गज वकील और अपनी नेता प्रियंका टिबरेवाल को चुनाव मैदान में उतारा है। प्रियंका टिबरेवाल भाजपा की वही नेता हैं, जिन्होंने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में याचिका दाखिल की थी। इसके अलावा भाजपा ने भवानीपुर सीट पर ममता बनर्जी को घेरने के लिए तगड़ी तैयारी की है। भवानीपुर उपचुनाव के लिए भाजपा ने पार्टी सांसद अर्जुन सिंह को प्रभारी नियुक्त करते हुए, सांसद सौमित्र खान और ज्योतिर्मय सिंह महतो को सह प्रभारी बनाया है। साथ ही भाजपा के आठ विधायकों को भवानीपुर विधानसभा के आठ वार्डों का प्रभार दिया गया है। ऐसे में भवानीपुर में होने वाला उपचुनाव काफी रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है।""",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/west-bengal/tmc-leader-kunal-ghosh-granted-interim-bail-by-a-special-court-in-saradha-chit-fund-case-638086.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,शारदा चिटफंड मामला: कोर्ट ने दी TMC के कुणाल घोष को अंतरिम जमानत,"कोलकाता, सितंबर 09: शारदा चिटफंड घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर एक मामले में तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल महासचिव कुणाल घोष को गुरुवार को एक विशेष अदालत ने उनके समक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद अंतरिम जमानत दे दी। विशेष सीबीआई अदालत ने घोष को 20,000 रुपये के जमानत बांड के साथ 10,000 रुपये के दो जमानतदारों को प्रस्तुत करने और पीएमएलए मामले में जांच अधिकारी की सहायता करने का निर्देश दिया। शारदा मामले में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही ईडी की आग्रह पर अदालत ने 27 अगस्त को टीएमसी नेता और दो अन्य को 20 सितंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया था। घोष के वकील ने दावा किया कि उसने समन जारी होने की सूचना मिलने के तुरंत बाद गुरुवार को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने कहा कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक और निर्दोष हैं। जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी के विशेष लोक अभियोजक अभिजीत भद्रा ने अदालत से कहा कि आरोपी एक प्रभावशाली व्यक्ति है और मामले में उसके मुकदमे से बचने की पूरी गुंजाइश है। घोष पर मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन को अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग की आय हासिल करने में मदद करने का आरोप लगाया गया है। विशेष सीबीआई न्यायाधीश अनुपम मुखर्जी ने कहा कि घोष के संबंध में शारदा मामले में ईडी की जांच पूरी हो चुकी है। 1.5 साल नहीं सिर्फ 15 दिनों में करेंगे ये काम, वायुसेना प्रमुख से नितिन गडकरी का बड़ा वादा विशेष सीबीआई न्यायाधीश अनुपम मुखर्जी ने कहा कि उन्हें सलाखों के पीछे रखने का कोई कारण नहीं है। सारदा समूह ने पश्चिम बंगाल में कई पोंजी योजनाओं के जरिए कथित तौर पर लाखों लोगों को ठगा। सूत्र के मुताबिक शारदा मीडिया ग्रुप में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) घोष ने कथित तौर पर सेन को 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम के शोधन में मदद की। चट्टोपाध्याय ने कथित तौर पर अपनी दो कंपनियों के माध्यम से फर्जी लेनदेन कर धनशोधन किया।",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/chennai/tamil-nadu-income-tax-department-attaches-sasikala-s-assets-worth-100-crore-638021.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,तमिलनाडु: आयकर विभाग ने शशिकला की ₹100 करोड़ की संपत्ति कुर्क की,"चेन्नई, 9 सितंबर। आयकर विभाग ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में चेन्नई के बाहरी इलाके पय्यानूर गांव में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) की अंतरिम महासचिव वीके शशिकला की 100 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। नाम ना छापने की शर्त पर आयकर विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि यह बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988 के तहत एक नियमित अनुवर्ती कार्रवाई है। अधिकारियों के अनुसार एक बंगला और उससे जुड़ी कुल 49 एकड़ की जमीन को आईटी विभाग ने अपने कब्जे में लिया है, इस बंग्ले को 1994 में खरीदा गया था। अधिकारियों द्वारा इस पॉपर्टी पर कब्जे को लेकर एक सरकारी आदेश बंगला के गेट पर चिपका दिया गया है। साल 2014 में कर्नाटक की विशेष अदालत के न्यायाधीश जॉन माइकल कुन्हा ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता, शशिकला और उनके परिवार के सदस्यों इलावरसी और सुधाकरन की संपत्तियों को आय से अधिक संपत्तियों के रूप में सूचिबद्ध किया था, अदालत के फैसले पर तभी से आईटी विभाग लगातार उनकी संपत्तियों को जब्त कर रहा है। यह भी पढ़ें: चेन्नई: कोरोना से 100 दिन की लंबी लड़ाई लड़ अस्पताल से डिस्चार्ज हुआ युवक, डॉक्टरों ने कहा- ये चमत्कार है पिछले साल सितंबर में आईटी विभाग ने शशिकला के स्वामित्व वाले एक निर्माणाधीन बंगले को अपने कब्जे में लिया था, यह बंगला चेन्नई के पोज गार्डन में जयललिता के घर के सामने स्थित था। साल 2016 में जयललिता की मौत के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीश कुन्हा के आदेश को बरकार रखा था और शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को फरवरी 2017 में चार साल जेल की सजा हुई। उन्हें इसी साल जेल से रिहा किया गया था। जेल से रिहा होने के बाद शशिकला एआईएडीएमके में अपना खोया हुआ रुतबा हासिल करने की कोशिश में लग गई हैं। बता दें कि वीके शशिकला एआईएडीएमके की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकी हैं। वह तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की करीबियों में गिनी जाती थीं। जयललिता की मृत्यु के बाद पार्टी ने उन्हें महासचिव के रूप में चुना, लेकिन बाद में इस पद से उन्हें हटा दिया। साल 2017 में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। बाद में उन्होंने अपने भतीजे टी.टी.वी. दिनाकरन के साथ मिलकर 2018 में अम्मा मक्कल मुनेत्र कजगम (एएमएमके) का गठन किया था। जिसकी वो अध्यक्ष हैं।",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/entertainment/nusrat-jahan-blasts-over-question-of-the-name-of-her-son-s-father-637968.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"बेटे के पिता का नाम पूछने पर भड़कीं नुसरत जहां, रिपोर्टर की लगा डाली क्लास, दिया ये जवाब","कोलकाता, 09 सितंबर। एक्टिंग से राजनीति की दुनिया में कदम रखने वाली नुसरत जहां पिछले महीने एक बच्चे की मां बनी हैं। मां बनने के बाद पहली बार वह लोगों के सामने नजर आईं। कोलकाता में एक सैलून के उद्घाटन के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नुसरत जहां पहुंची थीं। इस दौरान नुसरत से उनके पति का नाम पूछा गया लेकिन इस सवाल के बाद नुसरत नाराज हो गईं। नुसरत अपनी व्यक्तिगत जिंदगी की वजह से अक्सर चर्चा में रहती हैं।",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/india/tripura-minister-pratima-bhoumik-procession-in-kathalia-cpim-office-damaged-vehicles-says-bijan-dhar-637927.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"त्रिपुरा: केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक के जुलूस में हिंसा, सीपीएम ऑफिस में तोड़फोड़, वाहनों में लगाई आग","अगरतला, 8 सितंबर: त्रिपुरा के कथलिया में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के एक जुलूस में कथित तौर पर जमकर हिंसा हुई है। इस जुलूस में शामिल लोगों ने सीपीआई (एम) के ऑफिस में तोड़फोड़ की और वहां खड़े वाहनों को निशाना बनाया। राज्य के सीपीएम के नेता बिजन धर ने कहा है कि केंद्रीय राज्यमंत्री और त्रिपुरा वेस्ट सीट से भाजपा की सांसद प्रतिमा भौमिक इस जुलूस का नेतृत्व कर रही थीं, जिसमें हिंसा हुई है। बिजन धर का कहना है कि प्रतिमा भौमिक के नेतृत्व में कथलिया में निकले जुलूस में उनकी पार्टी के दफ्तर को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा, बीजेपी के लोगों ने हमारे लोकल कमेटी के ढाई साल से बंद पड़े दफ्तर में तोड़फोड़ की है। पार्टी कार्यकर्ताओं के वहां खड़े वाहनों को निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ की गई। 1 वाहन में आग भी लगा दी गई। उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया है, साथ ही मामले में कार्रवाई की मांग की है।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/punjab-governments-big-decision-on-the-threat-of-corona-government-employees-who-do-not-take-a-single-dose-of-kovid-vaccine-will-be-sent-on-leave-punjab-to-become-first-state-to-open-anganwadi-128909984.html,"पंजाब सरकार का बड़ा फैसला: कोरोना वैक्सीन न लगवाने वाले कर्मचारी जबरन छुट्‌टी पर भेजे जाएंगे, कैप्टन बोले- इनकी लापरवाही की कीमत दूसरे क्यों चुकाएं","कोरोना के खतरे को देखते हुए पंजाब सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। शुक्रवार को कोविड रिव्यू मीटिंग में CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जिस कर्मचारी को कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी है, उसे जबरन छुट्‌टी पर भेजा जाएगा। इसके लिए 15 सितंबर तक की डेडलाइन तय कर दी गई है। इस आदेश से सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को छूट मिलेगी, जो स्वास्थ्य कारणों से वैक्सीन नहीं लगवा सकते। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह कदम पंजाब के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए उठाया गया है, ताकि जिन लोगों ने वैक्सीन लगवा ली है, उन्हें टीके से लगातार झिझकने वालों की कीमत न चुकानी पड़े। इसके अलावा उन्होंने उन टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को ड्यूटी जॉइन करने की इजाजत दे दी है, जिन्होंने कम से कम 4 हफ्ते पहले वैक्सीन की एक डोज ले ली हो। हालांकि, उन्हें कोविड टेस्ट की वीकली RTPCR नेगेटिव रिपोर्ट देनी होगी। जिन्हें साथ में कोई दूसरी बीमारियां हैं और वे कोविड की दोनों डोज ले चुके हैं, उन्हें सिर्फ एक ही बार यह रिपोर्ट देनी होगी। ""स्टाफ फुल वैक्सीनेट हो, तभी खुलेंगे आंगनवाड़ी सेंटर इसके अलावा कैप्टन ने पंजाब में इसी महीने में आंगनवाड़ी सेंटर खोलने के लिए सामाजिक सुरक्षा विभाग को इजाजत दे दी है। इसके लिए स्टाफ को वैक्सीन लगी होनी अनिवार्य है। पंजाब आंगनवाड़ी सेंटर खोलने वाला पूरे देश में पहला राज्य होगा।"" ""कोविड से जुड़ी बंदिशें 30 सितंबर तक बढ़ीं पंजाब सरकार ने कोविड से जुड़ी बंदिशें 30 सितंबर तक बढ़ा दी हैं। फेस्टिवल सीजन में सभी तरह की भीड़ इकट्‌ठी करने की लिमिट 300 कर दी गई है। इसमें राजनीतिक रैलियों और कार्यक्रमों को भी शामिल किया गया है। यहां भी मास्क और सोशल डिस्टेंस रखना अनिवार्य होगा। वहीं, ऐसे कार्यक्रमों के स्टाफ को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगी होनी अनिवार्य है।"" ""रेस्टोरेंट और मैरिज पैलेस की चेकिंग के लिए जॉइंट फ्लाइंट स्क्वॉड कैप्टन अमरिंदर सिंह ने DGP दिनकर गुप्ता को कहा कि पंजाब में कोविड की बंदिशों को सख्ती से लागू किया जाए। DGP ने कहा कि कोरोना केस कम होने के बाद मास्क को लेकर लोग ढील बरतने लगे हैं। सेहत विभाग को पुलिस की मदद से इसे सख्ती से लागू करना चाहिए।"" कैप्टन ने चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन को कहा कि वह पुलिस और प्रशासन की जॉइंट फ्लाइंग स्क्वॉड बनाए। हर जिले में ऐसी टीमें रेस्टोरेंट, मैरिज पैलेस और ऐसी अन्य जगहों पर रेड कर कोविड नियमों की जांच करेंगे।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/breaking-news-live-updates-mamata-banerjee-west-bengal-kolkata-bhwanipur-rajasthan-delhi-mp-uttar-pradesh-maharashtra-mumbai-news-coronavirus-vaccine-today-latest-news-128909327.html,"न्यूज क्लिक और न्यूज लॉन्ड्री के ऑफिस पहुंची इनकम टैक्स की टीम, टैक्स चोरी और पेमेंट में गड़बड़ी का मामला","ऑनलाइन पोर्टल न्यूज लॉन्ड्री और न्यूज क्लिक के ऑफिस में शुक्रवार को IT की टीम पहुंची। IT ने टैक्स चोरी की जांच के लिए यह कार्रवाई की थी। हालांकि, इस कार्रवाई को रेड की जगह सर्वे कहा गया है। IT अफसरों ने बताया कि विभाग की अलग-अलग टीमें न्यूज लॉन्ड्री और न्यूज क्लिक के परिसरों की जांच कर रही हैं। न्यूज लॉन्ड्री के एक कर्मचारी ने कहा कि IT ऑफिसर शुक्रवार सुबह करीब 11.30 बजे ऑफिस आए थे। उन्होंने स्टाफ को मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा था। ""न्यूज लॉन्ड्री और न्यूज क्लिक के बहीखातों की जांच की जा रही IT विभाग ने दोनों वेबसाइटों के ऑफिस में अफसरों के पहुंचने की पुष्टि की। विभाग के अधिकारी दोनों पोर्टल से जुड़े बहीखातों की जांच कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, शुक्रवार की कार्रवाई दोनों संस्थानों के टैक्स पेमेंट और दूसरे भुगतान की जांच के लिए की गई थी।"" न्यूज क्लिक और उसके फाउंडर्स पर ED ने भी छापा मारा था न्यूज क्लिक और उसके फाउंडर्स पर फरवरी में ED ने दिल्ली पुलिस की एक FIR के बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापा मारा था। कंपनी पर फाइनेंशियल इयर 2018 में अमेरिका की कंपनी वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स से 9.59 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) हासिल करने का आरोप था।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/fluent-english-phd-in-virology-former-chief-minister-buddhadeb-bhattacharjees-sister-in-laws-life-is-passing-on-the-footpath-128910182.html,"फुटपाथ पर मिलीं बंगाल के पूर्व CM की रिश्तेदार: फर्राटेदार अंग्रेजी, वायरोलॉजी में PhD; लेकिन सड़क पर रहने को मजबूर बंगाल के पूर्व CM की साली","फर्राटेदार अंग्रेजी, वायरोलॉजी में PhD, लेकिन फुटपाथ पर जिंदगी काटने को मजबूर। ये कहानी है इरा बसु की। इरा बसु पश्चिम बंगाल में दो बार मुख्यमंत्री रहे वामपंथी नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य की पत्नी मीरा भट्टाचार्य की बहन हैं। भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल में लेफ्ट फ्रंट की 34 साल की सरकार में आखिरी 10 साल (2000-2011) तक मुख्यमंत्री रहे। इरा बसु पिछले दो साल से फुटपाथ पर गुजर-बसर कर रही हैं। वे मानसिक रूप से बीमार बताई जा रही हैं। सोशल मीडिया में खबर वायरल होने के बाद प्रशासन उन्हें बेहतर इलाज के लिए कोलकाता के एक अस्पताल ले गया। ""बुद्धदेव से रिश्ते पर कहा- मुझे इससे परेशानी होती है बुद्धदेव भट्टाचार्य के परिवार के साथ संबंधों पर इरा कहती हैं, 'इससे उन्हें बहुत परेशानी होती है, मुझे उनसे कोई फायदा नहीं हुआ, मैं वीआईपी के साथ नहीं बैठना चाहती, कई लोगों को हमारे पारिवारिक रिश्ते के बारे में पता है।' इरा को बुद्धदेव भट्टाचार्य की कई सभाओं में भी देखा गया था।"" ""कभी भीख नहीं मांगी, बैंक अकाउंट का करती हैं इस्तेमाल स्थानीय लोगों का कहना है कि फुटपाथ पर रहने के बावजूद इरा ने कभी किसी से भीख नहीं मांगी। वे चाय तक अपने पैसे से खरीद कर पीती हैं। वे अपने पैसों से कई दुकानदारों को बिरयानी भी खिलाती हैं।"" एक होटल से रोजाना खुद के लिए भात, दाल, सब्जी खरीदकर ले जाती हैं। कोई खाना देता है तो लेने से इनकार कर देती हैं। इरा का अपना बैंक अकाउंट भी है, जिससे वे समय-समय पर अपनी जरूरत के हिसाब से रुपए निकालती हैं। ""पेपर जमा नहीं करवाए तो पेंशन शुरू नहीं हो पाई पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के डनलप इलाके के प्रियनाथ गर्ल्स हाई स्कूल में लाइफ साइंस की टीचर रहीं बसु को रिटायरमेंट के बाद पीएफ के रुपए मिले थे। हालांकि जरूरी कागजात जमा नहीं कर पाने के कारण अब तक उनकी पेंशन शुरू नहीं हो पाई है।"" 72 साल की इरा इसी जिले के डनलप मोड़ के पास स्थित एटीएम के कोने में रहती हैं। यहां उनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। इरा ने 1976 में बतौर शिक्षिका नौकरी शुरू की। 28 जून 2009 को उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया। एक समय वे जिले के बारानगर में रहती थीं। बाद में वे खरदाह के लिचु बागान इलाके में चली गईं। इसके बाद से वे डनलप में नजर आईं। ""स्टेट एथलेटिक्स में भी जीत चुकी हैं खिताब इरा बसु ने इस स्कूल में एक शिक्षक के रूप में 34 साल बिताए, लेकिन वे केवल शिक्षिका नहीं हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल राज्य स्तरीय एथलेटिक्स में 100 मीटर दौड़ का खिताब जीता। इसके अलावा उन्होंने टेबल टेनिस और क्रिकेट भी खेला।""",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/chhattisgarh/raipur/news/chief-ministers-father-nand-kumar-baghel-got-bail-bhupesh-baghels-father-released-from-jail-128910032.html,"छत्तीसगढ़ में CM के पिता को बेल: रायपुर कोर्ट के आदेश पर नंद कुमार जेल से रिहा, गिरफ्तारी के चौथे दिन लगाई थी जमानत याचिका","छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल को जमानत मिल गई है। शुक्रवार शाम को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। रायपुर जिला अदालत ने 10 हजार रुपए के बॉण्ड पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। नंद कुमार बघेल को जातिगत मामले में टिप्पणी मामले में 3 दिन पहले 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। तब उन्होंने जमानत लेने से इंकार करते हुए जेल जाना कबूल किया था। ""क्या कहा था नंद कुमार बघेल ने? लखनऊ में पिछले महीने एक कार्यक्रम के दौरान नंद कुमार बघेल ने कहा था, अब वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा। हम यह आंदोलन करेंगे। ब्राह्मणों को गंगा से वोल्गा (रूस की एक नदी) भेजेंगे, क्योंकि वे विदेशी हैं। जिस तरह से अंग्रेज आए और चले गए। उसी तरह से ये ब्राह्मण या तो सुधर जाएं या फिर गंगा से वोल्गा जाने को तैयार रहें।"" ""रायपुर के डीडी नगर थाने में FIR दर्ज कराई गई थी सर्व ब्राह्मण समाज की शिकायत पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल के खिलाफ रायपुर के डीडी नगर थाने में केस दर्ज किया गया है। नंद कुमार पर सामाजिक द्वेष पैदा करने का आरोप है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 505- समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने और धारा 153 ए के तहत सामाजिक तनाव बढ़ाने वाला बयान देने का आरोप है।"" ""रायगढ़ में भी ब्राह्मण समाज ने कार्रवाई को लेकर किया था प्रदर्शन करीब 3 दिन पहले नंद कुमार बघेल के बयान से नाराज ब्राह्मण समाज ने रायगढ़ में उनका पुतला दहन किया था। FIR दर्ज करने की मांग को लेकर सिटी कोतवाली का घेराव कर दिया। घंटों चले हंगामे के बाद पुलिस ने समाज के लोगों से शिकायत ले ली थी और कार्रवाई का भरोसा दिया था। हालांकि तब मामला दर्ज नहीं किया गया।"" ""विवादों से रहा है पुराना नाता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल प्रदेश में अपने बयानों से लगातार विवादों में घिरते रहे हैं। हालांकि यह पहली बार है कि जब उन्हें जेल जाना पड़ा हो। वैसे तो वे पहले से ही ब्राह्मण विरोधी बयान देते रहे हैं, लेकिन पहला चर्चित विवाद 2001 में उनकी पुस्तक ‘ब्राह्मण कुमार रावण को मत मारो’ पर हुआ था।"" इस किताब में उनका कहना था कि किताब मनु स्मृति, वाल्मिकी रामायण, रामचरितमानस और पेरियार की सच्ची रामायण की नए नजरिए से व्याख्या है। हालांकि इस किताब को प्रतिबंधित कर दिया गया। वे महिषासुर, रावण को महान योद्धा भी बता चुके हैं।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/delhi-ncr/news/unemployment-rate-in-the-country-increased-by-24-in-one-year-to-103-128909165.html,राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़े जारी: NSO के सर्वे के मुताबिक देश में एक साल में बेरोजगारी दर 2.4% बढ़कर 10.3% हुई,"राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने गुरुवार को बेरोजगारी दर के आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, देश के शहरी इलाके में बेरोजगारी दर पिछले एक साल में 2.4% बढ़ गई है। अक्टूबर से दिसंबर 2020 के बीच यह 10.3% रही, जबकि 2019 के इन्हीं 3 महीने में यह 7.8% थी। जुलाई से सितंबर 2020 के बीच यह दर 13.3% थी। इससे पता चलता है कि कोरोना की पाबंदियां हटने के साथ देश में रोजगार के अवसर खुले हैं। ""अक्टूबर-दिसंबर 2020 में शहरी क्षेत्र में श्रम बल भागीदारी दर 37.3% थी NSO के सर्वे के मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर 2020 की तिमाही में शहरी क्षेत्र में श्रम बल भागीदारी दर 37.3% थी। यह एक साल पहले की इसी तिमाही की दर 37.2% के मुकाबले अधिक रही। अप्रैल 2017 से NSO ने सर्वेक्षण शुरू किया था।"" ""सर्वे 1,71,553 लोगों के बीच किया गया इस सर्वे से हर महीने देश की बेरोजगारी दर, कामगार-आबादी अनुपात, श्रम बल भागीदारी दर और वर्तमान साप्ताहिक स्थिति के बारे में पता चलता है। अक्टूबर से दिसंबर के बीच सर्वे 43,693 परिवारों और 1,71,553 लोगों के बीच किया गया।""",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/maharashtra/mumbai/news/ambani-antilia-house-case-mumbai-ex-encounter-specialist-sachin-vaze-paid-salary-to-call-girl-128906157.html,"NIA की चार्जशीट में खुलासा: सचिन वझे हर महीने कॉल गर्ल को देता था 50 हजार, महिला ने बताया- एक बार 76 लाख के नोट भी गिनवाए","सचिन वझे एक कॉल गर्ल को हर महीने 50 हजार रुपए की सैलरी देता था। इसका खुलासा एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन की हत्या मामले में दायर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की चार्जशीट में हुआ है। महिला ने एजेंसी को बताया कि 2020 में उसने कॉलगर्ल का काम छोड़ दिया था। इसके बाद से उसे हर महीने वझे से सैलरी मिलती थी। NIA की चार्जशीट में इस बात का जिक्र है। महिला ने अफसरों को बताया था कि इसी साल फरवरी में सचिन वझे ने उसे कुल 76 लाख रुपए के नोट गिनने के लिए भी दिए थे। महिला का दावा है कि वह सचिन वझे को 2011 से जानती है। NIA से पूछताछ में महिला ने बताया कि सचिन वझे ने ही उसे एक कंपनी में डायरेक्टर बनवाया था, लेकिन इस कंपनी के अकाउंट में 1.25 करोड़ रुपए कहां से आए, इस बारे में उसे जानकारी नहीं है। उनसे कहा कि मुझे कंपनी के लेन-देने के बारे में कुछ भी नहीं पता होता था। मैं बस सचिन वझे के कहने पर ब्लैंक चेक पर साइन कर देती थी। ""5 दिन पहले NIA ने दायर की थी चार्जशीट एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन की हत्या मामले में NIA ने 5 दिन पहले चार्जशीट फाइल की थी। 10 हजार पेज की चार्जशीट में सचिन वझे समेत 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में कहा गया है कि मनसुख की हत्या करवाने के लिए 45 लाख रुपए दिए गए थे।"" मनसुख मामले में चार्जशीट पेश करने के लिए स्पेशल कोर्ट ने 9 जून को NIA को 2 महीने का वक्त दिया था। जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि अब तक 150 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। एक टीम ने जांच के लिए दिल्ली जाकर भी कुछ लोगों से पूछताछ की है। इन 10 लोगों को बनाया गया है आरोपी ""16 से 20 फरवरी के बीच सचिन वझे ने रची साजिश मुकेश अंबानी के घर के पास पार्क की गई महिंद्रा स्कॉर्पियो कार में भले ही विस्फोटक 25 फरवरी 2021 को मिले हो, परंतु सचिन वझे ने इसकी साजिश संभवत: 16 से 20 फरवरी के बीच ही रची थी, क्योंकि इन पांच दिनों तक वझे अपनी पहचान छिपाकर फाइव स्टार ऑबेरॉय होटल में रूका था। NIA को जांच के दौरान पता चला कि इस फाइव स्टार होटल का एक कमरा वझे ने 100 नाइट्स के लिए बुक किया था।""",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/delhi-ncr/news/simultaneous-hosting-of-cia-chief-and-russian-nsa-stirred-up-china-pakistan-128904263.html,अफगानिस्तान पर भारत का मास्टर स्ट्रोक: अमेरिकी खुफिया एजेंसी के चीफ और रूस के NSA को एक साथ दिल्ली बुलाया; चीन-पाकिस्तान में खलबली,"शीर्ष स्तर पर 16 दिन चली सघन कूटनीति के सकारात्मक परिणाम के रूप में बुधवार को आखिर भारत ने अफगानिस्तान के पेचीदा मुद्दे पर अमेरिका और रूस को एक जमीन पर ला खड़ा किया। काबुल में तालिबान पर नकेल कसने, आतंकवाद के खिलाफ उनसे प्रतिबद्धता हासिल करने और कानून का शासन बहाल करने की चुनौती को साकार करने के भारतीय प्रयासों के तहत अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के प्रमुख विलियम बर्न्स और रूसी सुरक्षा परिषद के प्रमुख निकोलाई पत्रूशेव को एक साथ नई दिल्ली बुला लिया गया। इससे चीन और पाकिस्तान में खलबली मची हुई है, क्योंकि दोनों तालिबान के मददगार बने हुए हैं। इसे अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भारत के मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, CIA चीफ की भारत यात्रा को गोपनीयता के पर्दे में रखा गया। उनकी यात्रा की पुष्टि या खंडन करने को भी कोई सरकारी सूत्र तैयार नहीं हुआ, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के जवाहर भवन में विदेश मंत्रालय और साउथ ब्लॉक में प्रधानमंत्री कार्यालय की हलचलों और सिक्योरिटी सायरनों की आवाजों से उनकी मौजूदगी छिप नहीं पाई। रूसी विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पत्रूशेव की भारत यात्रा 24 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर हुई बातचीत के ‘फॉलोअप’ के तौर पर हुई है। पत्रूशेव बुधवार को प्रधानमंत्री और NSA अजीत डोभाल से मिले। दूसरी ओर, विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकेन के बीच वार्ता से CIA की हाई प्रोफाइल टीम की भारत यात्रा का रोडमैप तैयार हुआ था। ""अमेरिकी एजेंडा: भारत ग्राउंड इंटेलीजेंस में मदद दे, रूस से कंसल्टेशन ब्रिज बना रहे भास्कर के सूत्रों के मुताबिक अमेरिका उस स्थिति से बेदाग निकलना चाहता है जो उसकी सेनाओं की वापसी की वजह से पैदा हुई है। तालिबान के कई गुटों पर अमेरिकी पकड़ है और रूस उसी का फायदा लेना चाहता है। अमेरिका चाहता है कि-"" ""रूस का एजेंडा: तालिबान को हर हाल में आतंकवाद के ट्रैक से अलग रखा जाए, अफगानिस्तान से पलायन रुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बनी सहमति को आगे बढ़ाते हुए रूसी सुरक्षा परिषद प्रमुख और एनएसए अजीत डोभाल के बीच इन मुद्दों पर फोकस किया गया-""",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/haryana/karnal/news/farmers-protest-in-karnal-due-to-no-internet-servicebusiness-of-60-crores-affected-childrens-online-classes-and-net-banking-stalled-128909326.html,"करनाल में 4 दिन बाद इंटरनेट सेवा बहाल: 60 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ, ऑनलाइन क्लास, कोरोना वैक्सीनेशन और नेटबैंकिंग ठप रही; मोबाइल कंपनियों का ट्रैफिक हुआ डबल","हरियाणा के करनाल शहर में इंटरनेट सेवा शुरू हो गई है। किसानों के धरने को देखते हुए प्रदेश सरकार ने पूरे जिले में 4 दिन मोबाइल इंटरनेट और BULK SMS सेवाएं सस्पेंड रखी थीं। इसकी वजह से आम लोग प्रभावित हुए। बच्चों की ऑनलाइन क्लास बंद हो गई तो मोबाइल शॉप्स सूनी पड़ी रहीं। व्यापारी और कारोबारी नेटबैंकिंग से कोई ट्रांजेक्शन नहीं कर पाया। कोरोना वैक्सीनेशन तीन दिन बंद रही। बैंकिंग सेवाओं पर भी असर पड़ा। धरने पर हजारों किसान बैठे हैं। उनके आसपास सुरक्षा प्रबंधों के मद्देनजर पुलिस व पैरामिलिट्री फोर्स के सैकड़ों जवान तैनात हैं। नए मोबाइल उपभोक्ताओं और इंटरनेट बंद होने के कारण कई गुना बढ़ चुकी वॉयस कॉलिंग से मोबाइल कंपनियों का नेटवर्क चरमरा गया। आलम ये रहा है कि मिनी सचिवालय के आसपास के एरिया में पहली बार में कॉल तक कनेक्ट नहीं हो रही थी। गौरतलब है कि 28 अगस्त को किसानों का सिर फोड़ने के आदेश देने वाले करनाल के तत्कालीन एसडीएम व IAS अधिकारी आयुष सिन्हा को सस्पेंड करने की मांग करते हुए किसान 7 सितंबर को शहर में मिनी सचिवालय के सामने टेंट गाड़कर पक्का मोर्चा लगा चुके हैं। पुलिस-प्रशासन के भी सैकड़ों कर्मचारी और अधिकारी यहां शिफ्टों में ड्यूटी निभा रहे हैं। इन सबके बीच जिले में इंटरनेट और SMS सेवा बंद पड़ी रही, जो 4 दिन बाद शुक्रवार को खुली। ""सचिवालय के आसपास पहली बार में नहीं मिलती कॉल करनाल मिनी सचिवालय में तकरीबन 40 विभागों के दफ्तर हैं। मिनी सचिवालय के आसपास वाले इलाके में तकरीबन 10 बीमा कंपनियों के अलावा 15 से अधिक बैंक और 40 निजी कंपनियों के दफ्तर हैं। इलाके में हर मोबाइल कंपनी का टावर लगा हुआ है। मोबाइल कंपनियां इलाके में अपने एक्टिव यूजर के अनुसार नेटवर्क की फ्रीक्वेंसी इन्हीं टावरों के जरिए तय करती हैं। किसानों के धरने से पहले यहां हर कंपनी के एक से दो हजार के बीच यूजर थे। टेलीकम्युनिकेशन से जुड़े एक्सपर्ट के अनुसार, किसान आंदोलन में पहुंचे लोगों की वजह से गुरुवार को इन यूजर की संख्या 10 से 20 गुना बढ़ चुकी है। मौजूदा नेटवर्क इस लोड को उठाने में सक्षम नहीं है। स्थिति ये है कि इस एरिया में पहली बार में कॉल कनेक्ट तक नहीं हो पा रही था। मोबाइल पर बात करने के लिए 3 से 4 बार डायल करना पड़ रहा था।"" ""वॉयस कॉलिंग पर निर्भरता से बढ़ी दिक्कत इंटरनेट बंद होने के कारण व्हाट्सऐप मैसेज, कॉल और वीडियो कॉल भी नहीं हो पा रहा। SMS भी बंद है। ऐसे में किसान, बाहर से आए पुलिसवाले, पैरामिलिट्री फोर्स के जवान और अधिकारी वॉयस कॉलिंग पर डिपेंड हो गए हैं। इसकी वजह से भी नेटवर्क ब्रेक रहा।"" ""मोबाइल ट्रैफिक डबल से ज्यादा, 7 सितंबर को था 4 गुणा सरकारी क्षेत्र की मोबाइल कंपनी, BSNL के एक अधिकारी ने बताया कि सचिवालय एरिया में सभी कंपनियों ने मिलाकर तकरीबन 10 हजार उपभोक्ताओं के लिए टावर नेटवर्क लगा रखा है, जबकि इस समय यहां मोबाइल ट्रैफिक बढ़कर 20 हजार से भी अधिक हो चुका है। महापंचायत वाले दिन 7 सितंबर को तो यहां मोबाइल ट्रैफिक 40 हजार को पार कर गया था।"" ""न भुगतान हो रहा, न ही पेमेंट आ रही: गर्ग अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव और हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों की समस्या हल करने की बजाय 4 दिन इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड रखीं। इसकी वजह से तीन दिनों में 60 करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित हुआ। क्योंकि हर ट्रेड और उद्योगों में लेनदेन इंटरनेट से ही होता है। इंटरनेट बंद होने से न भुगतान हो रहा है और न पेमेंट आ रही है। यहां तक कि जब कोई वाहन बेचा जाता है, तब भी ऑटो डीलर वाहन कंपनियों को भुगतान ऑनलाइन ही करते हैं। इंटरनेट बंद रहने से सबकुछ ठप हो गया।"" ""ऑनलाइन ही आती है पेमेंट मिनी सचिवालय के आसपास के ज्यादातर दुकानदारों ने बताया कि आजकल हर कोई ऑनलाइन पेमेंट करता है। 50% लोग तो नकदी लेकर चलते ही नहीं। जिन्हें जानते हैं उन्हें तो उधार सामान दे देते हैं, लेकिन जो ग्राहक जान-पहचान वाला नहीं है, वह खाली लौट जाता है। जिन दफ्तरों-घरों में वाईफाई की सुविधा है, वहीं पर इंटरनेट चल रहा था।"" ""सिर फोड़ने के आदेश पर बढ़ा विवाद 28 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भाजपा की संगठनात्मक मीटिंग ली थी। उसी मीटिंग का विरोध करने की कोशिश कर रहे किसानों की पुलिस से झड़प हो गई थी। जिसमें कई किसान घायल हो गए थे। 29 अगस्त को एक घायल किसान ने दम तोड़ दिया। 28 अगस्त को करनाल में ड्यूटी मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा का किसानों के सिर फोड़ने संबधी बयान सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। किसानों ने 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत कर आयुष सिन्हा को सस्पेंड करने की मांग की और ऐसा न होने पर मिनी सचिवालय का घेराव कर दिया।""",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/news/pakistan-sent-a-consignment-of-6-kg-heroin-through-drone-to-nowshera-dala-in-tarn-taran-128909775.html,"पड़ोसी मुल्क पाक की नापाक हरकत: तरनतारन के नौशहरा डाला में ड्रोन के जरिये भेजी 6 किलो हेरोइन की खेप, बीएसएफ के जवानों ने की 16 राउंड फायरिंग","पड़ोसी मुल्क पाक की तरफ से नापाक हरकतों का दौर लगातार जारी है। कभी हथियार भेज देता है तो कभी युवा भारत की नसें खोखली करने के लिए नशे की खेप सीमा के इस पार भेज दी जाती है। गुरुवार देर रात फिर से ऐसी ही एक हरकत सामने आई है। बताया जा है कि सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने देर रात पाकिस्तान की तरफ से आसमान पर हलचल महसूस की। जब फायरिंग शुरू की गई तो आसमान में नापाक मनसूबों के साथ उड़ाया गया लापता हो गया। इसके बाद शुक्रवार सुबह सर्च में सीमावर्ती इलाके में हेरोइन के 6 पैकेट बरामद किए गए हैं। अभी तक ड्रोन की गिरने या वापस लौटने की पुष्टि नहीं हो रही है। घटना तरनतारन जिले के गांव नौशहरा डाला के अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाके की है। मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार देर रात करीब सवा 11 बजे सराय अमानत खां पोस्ट के पास पाकिस्तान की तरफ से एक ड्रोन को भारतीय इलाके में दाखिल होते देखा। चौकसी बरतते हुए जवानों ने ड्रोन पर 16 राउंड फायर किए, जिसके चलते ड्रोन लौट गया। इसके बाद शुक्रवार सुबह साढ़े 4 बजे सर्च आभियान शुरू किया तो बीओपी नौशहरा के पास हेरोइन के 6 पैकेट देखे गए, जिनको कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि उस ड्रोन को बीएसएफ जवानों ने गिरा दिया है या वह वापस पाकिस्तान लौट गया है। हालांकि पाकिस्तान की तरफ से यह पहली घटना नहीं है। बीते वर्षों में कई बार हथियार और नशा ड्रोन के जरिये आ चुका है, वहीं ध्यान रहे कि हाल ही में 3 सितंबर की रात साढ़े 12 बजे खेमकरण सेक्टर के पास एक साथ दो ड्रोन देखे गए थे। जवानों ने फायर किए, मगर अगली सुबह सर्च आभियान के दौरान कुछ भी बरामद नहीं हो पाया था। दूसरी ओर पंजाब को दहलाने की साजिश बाबत कई सुराग हाथ लगने के बाद खुफिया एजेंसियों ने अगस्त माह में अलर्ट किया था। इसके बाद राज्यभर में असलाह, गोला बारूद, नशे की खेप पुलिस की और से बरामद की जा चुकी है। हालांकि यह भी रिपोर्ट है कि पाक की ओर से ड्रोन के माध्यम से राज्य में भारी संख्या में गोला बारूद और असलाह पंजाब पहुंचने की भी खबर है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/first-two-plus-two-talks-between-india-and-australia-today,"मजबूत होते संबंध: भारत और आस्ट्रेलिया के बीच पहली टू प्लस टू वार्ता शुरू, अफगानिस्तान पर भी होगी चर्चा","आस्ट्रेलियाई रक्षामंत्री ने कहा कि हम दोनों देश भारत-आस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने के इच्छुक हैं।"" भारत और आस्ट्रेलिया बीच आज ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता शुरू हो गई है। बैठक में ऑस्ट्रेलिआई रक्षा मंत्री पीटर डटन, विदेश मंत्री मारिस पायने और भारत की तरफ से समकक्ष राजनाथ सिंह एवं डॉ. एस जयशंकर मौजूद हैं।वहीं इस बैठक को लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हम ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब कोरोना जैसी खतरनाक महामारी के साथ-साथ हमारे पास एक भू-राजनीतिक वातावरण है जो कि तेजी से प्रवाह में है और हमें अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए पर्याप्त रूप से द्विपक्षीय रूप से प्रतिक्रिया देनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान संकट चर्चा का एक महत्वपूर्ण विषय होगा। यह बैठक व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करने और आगे बढ़ाने का एक अवसर है क्योंकि हम इस महीने के अंत में अमेरिका में अपने प्रधानमंत्रियों के बीच एक और बैठक की तैयारी कर रहे हैं। शुक्रवार को राजनाथ और डटन की हुई थी बैठक बता दें कि इस संवाद से पहले शुक्रवार को दोनों देशों के रक्षामंत्रियों ने समग्र द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत चर्चा की। डटन के साथ बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी मुक्त, खुले, समावेशी और नियम आधारित भारत-प्रशांत क्षेत्र के हमारे साझा दृष्टिकोण पर आधारित है। उन्होंने वार्ता को ‘सार्थक’ करार दिया और कहा कि बैठक के दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के साथ ही क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हमारी चर्चा का मुख्य फोकस द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने, सैन्य संपर्क विस्तार, रक्षा सूचनाओं को साझा करने को बढ़ाने, उभरती रक्षा प्रौद्योगिकी और आपसी लॉजिस्टिक मदद में सहयोग पर रहा। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मिलकर काम करने पर भी चर्चा की। दोनों ही देश मिलकर उत्पादन और डेवलपमेंट के लिए द्विपक्षीय सहयोग पर सहमत हुए। बैठक से पहले रक्षामंत्री ने कहा कि कोविड-19 के मुश्किल दौर के बावजूद, आपका भारत दौरा हमारी मजबूत दोस्ती का प्रमाण है। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच बहुत ही सहज और स्वाभाविक संबंध हैं तथा दोनों देश लोकतांत्रिक परंपराओं को साझा करते हैं। दोनों देशों भारत-प्रशांत क्षेत्र में समृद्ध, शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक साझेदारी है। कोरोना के खिलाफ जंग में आस्ट्रेलिया की मदद का भी जिक्र किया था। अफगानिस्तान के हालात समेत रक्षा और रणनीतिक संबंधों पर हो सकती है बात राजनयिक सूत्रों का कहना है कि ‘प्लस टू प्लस’ संवाद के दौरान दोनों देश अफगानिस्तान के हालात पर अपने विचार साझा कर सकते हैं और द्विपक्षीय रक्षा व रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने पर बात कर सकते हैं। साथ ही दोनों देशों के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता को देखते हुए इस क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी चर्चा करने की उम्मीद है। आस्ट्रेलिया और भारत क्वाड या ‘क्वाड्रिलेट्रल’ गठबंधन का हिस्सा हैं, जिसने स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया है। क्वाड के अन्य दो सदस्य अमेरिका और जापान हैं। सूत्रों ने कहा कि उम्मीद है कि समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करना वार्ता में दूसरा क्षेत्र होगा जिस पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग का विस्तार करने के लिए समग्र लक्ष्य के हिस्से के रूप में विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच वार्ता शुरू की गई है। पिछले कुछ वर्षों में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और सैन्य सहयोग बढ़ा है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/india-australia-meeting-update-s-jaishankar-rajnath-singh-marise-payne-peter-dutton,"भारत-ऑस्ट्रेलिया मंत्री स्तरीय वार्ता: दोनों देशों ने जारी किया साझा बयान, कहा- अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा पर बात हुई","रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पीटर डटन और मारिस पायने से मुलाकात की। राजनाथ सिंह ने बताया कि हमने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर मंत्री पायने और डटन के साथ गहन चर्चा की।"" भारत और ऑस्ट्रेलिया के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच गुरुवार को टू-प्लस-टू आधारित बैठक हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पीटर डटन और मारिस पायने से मुलाकात की। चारों नेताओं ने आर्थिक मुद्दों, साइबर सुरक्षा, अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर बातचीत की। इसके बाद दोनों देशों ने साझा बयान जारी किया। पत्रकारों से बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने अफगानिस्तान, हिंद-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षीय स्वरूपों में सहयोग और अन्य संबंधित विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। हमने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर मंत्री पायने और डटन के साथ गहन चर्चा की। हमने रक्षा सहयोग और वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई सहित व्यापक सहयोग के लिए विभिन्न संस्थागत फ्रेमवर्क पर भी बात की। वहीं, विदेश मंत्री विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि 4 जून 2020 को पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल लीडर्स समिट के दौरान हमारे प्रधानमंत्रियों ने हमारे संबंधों को एक व्यापक, रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। यह टू-प्लस-टू प्रारूप उस शिखर सम्मेलन का प्रत्यक्ष परिणाम है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन ने कहा कि 9/11 आतंकवाद के बर्बर कृत्यों की याद दिलाता है। भारत एक उभरती हुई इंडो-पैसिफिक महाशक्ति है। हम दोनों व्यापार और आर्थिक कल्याण के लिए इंडो-पैसिफिक में समुद्री लाइनों के लिए फ्री और ऑपेन एक्सेस पर निर्भर हैं। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य केंद्रीय चिंता का विषय बना हुआ है। हम नागरिकों, विदेशी नागरिकों और अन्य देशों के वीजा धारकों को सुरक्षित निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं।""",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/bihar/samastipur-jdu-former-mla-ram-balak-singh-and-his-brother-accused-in-case-of-attack-on-cpim-leader-638348.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,CPIM नेता पर जानलेवा हमले के मामले में 21 साल बाद JDU पूर्व विधायक राम बालक सिंह दोषी करार,"समस्तीपुर। जनता दल यूनाइटेड के पूर्व विधायक रामबालक सिंह आर्म्स एक्ट मामले में दोषी करार दिये गए हैं। समस्तीपुर व्यवहार न्यायालय एमपी-एमएलए एडीजे 3 के कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बता दें कि रामबालक सिंह विभूतिपुर से विधायक रह चुके हैं। साल 2000 में 4 जून को विभूतिपुर में सीपीआईएम के नेता ललन सिंह के साथ मारपीट के बाद उनके खिलाफ थाने में मामला दर्ज हुआ था। विभूतिपुर थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर में सीपीआईएम नेता ललन सिंह के ऊपर जानलेवा हमला करने का आरोप था। आर्म्स एक्ट में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जदयू के प्रदेश महासचिव और पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई लालबाबू सिंह को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। न्यायालय के द्वारा आगामी 13 सितंबर सोमवार के दिन सजा के बिंदू पर फैसला सुनाया जाएगा। पूर्व विधायक को दोषी करार दिये जाने की जानकारी मिलते ही उनके समर्थकों में मायूसी छा गई। वहीं पीड़ित सीपीआईएम नेता ललन सिंह ने जदयू के पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई को दोषी करार देने के मामले पर कहा कि 4 जून 2000 की घटना है। जब वह विभूतिपुर थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर में एक शादी समारोह में भाग लेने गए थे तो उसी जगह रामबालक सिंह और उनके भाई ने मारने का प्रयास किया लेकिन वहां पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर उन्हें बचा लिया था। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- तेजस्वी की हालत चिराग पासवान जैसी होगी उन्होंने बताया कि वे वहां से किसी तरह बच भी निकले लेकिन बाद में बाइक से पीछा कर रामबालक सिंह और उनके भाई ने उन्हें पकड़ लिया और उनके ऊपर गोली चला दी। इसमें वह घायल हो गए। वहीं, कोर्ट के द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद जनता दल यूनाइटेड के पूर्व विधायक रामबालक सिंह ने कहा कि वह कोर्ट का पूरे सम्मान करते हैं। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने पूरे घटनाक्रम को राजनीति से प्रेरित बताया।",-1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/entertainment/kangana-ranaut-film-thalaivi-in-controversy-aiadmk-leaders-got-angry-with-this-scene-638339.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"'थलाइवी' के इस सीन को देख नाराज हुए तमिलनाडु के नेता, विवादों में आई कंगना रनौत की फिल्म","मुंबई, 11 सितंबर। बॉलीवुड की धाकड़ ऐक्ट्रेस कंगना रनौत की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'थलाइवी' बीते शुक्रवार थिएटर्स में रिलीज हो गई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के किरदार में कंगना रनौत ने दर्शकों का दिल जीत लिया, लेकिन फिल्म के कुछ सीन को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। फिल्म को लेकर अन्नाद्रमुक के नेताओं ने दिवंगत जे. जयललिता और एम. जी. रामचंद्रन (एमजीआर) के बीच कुछ सीन को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी ने विवादित सीन को फिल्म से जल्द हटाने की मांग की है।",-1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/gujarat-chief-minister-vijay-rupani-resigns,"गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने दिया इस्तीफा, BJP नेताओं की बैठक शुरू","गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने अचानक अपना इस्तीफा दे दिया है. रुपाणी ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा है. फिलहाल ये साफ नहीं हुआ है कि रुपाणी ने किन कारणों से अपना इस्तीफा दिया है. अहमदाबाद में बीजेपी नेताओं की बैठक शुरू बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के अचानक इस्तीफे के बाद अहमदाबाद बीजेपी कार्यालय में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. जिसमें बीजेपी के तमाम सीनियर नेता पहुंच रहे हैं. मीटिंग में आगे की रणनीति पर चर्चा हो रही है. इस्तीफे के बाद विजय रुपाणी ने कहा कि, ""मैं बीजेपी का धन्यवाद देना चाहता हूं, जिसने मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने का मौका दिया. मैंने अपने कार्यकाल में मैंने पीएम मोदी के नेतृत्व में राज्य में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का काम किया. मुझे पार्टी के द्वारा अब जो भी​ जिम्मेदारी मिलेगी, मैं नई ऊर्जा के साथ प्रधानमंत्री के नेतृत्व और राष्ट्रीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में अवश्य काम करता रहूंगा."" विजय रुपाणी को बीजेपी ने 2016 में मुख्यमंत्री बनाया था. इससे पहले आनंदीबेन पटेल गुजरात की मुख्यमंत्री थीं. एक गैर पाटीदार नेता और जनता के बीच कम लोकप्रिय नेता को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने सभी को चौंका दिया था. विजय रूपाणी हाल के महीनों में मुख्यमंत्री पद छोड़ने वाले बीजेपी के चौथे मुख्यमंत्री हैं. जुलाई में बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उत्तराखंड में बीजेपी के तीरथ सिंह रावत ने त्रिवेंद्र रावत का स्थान लेने के चार महीने के अंदर इस्तीफा सौंप दिया था.",-1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/business/personal-finance/cng-png-prices-may-increase-by-10-11-per-cent-next-month-report/1818872/,"आम जनता की जेब पर बढ़ सकता है बोझ, सीएनजी और पीएनजी की कीमत में हो सकता है इजाफा","इतनी हो सकती हैं कीमतें रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर गैस वितरण कंपनियों को कीमतों में 10-11 प्रतिशत की बढ़ोतरी करनी होगी।’’ अंतरराष्ट्रीय बाजारों के रुख के अनुरूप अप्रैल, 2022 से सितंबर, 2022 के दौरान एपीएम गैस का दाम बढ़कर 5.93 डॉलर प्रति इकाई हो जाएगा। अक्टूबर, 2022 से मार्च, 2023 तक यह 7.65 डॉलर प्रति इकाई होगा। इसका मतलब है कि अप्रैल, 2022 में सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में 22-23 प्रतिशत की वृद्धि होगी। अक्टूबर, 2022 में दाम 11 से 12 प्रतिशत और बढ़ेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि एपीएम गैस मूल्य में बढ़ोतरी की वजह से अक्टूबर, 2021 से अक्टूबर, 2022 के दौरान एमजीएल और आईजीएल को कीमतों में 49 से 53 प्रतिशत की बढ़ोतरी करनी होगी।",-1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/national/gujarat-cm-resignation-myanmar-born-vijay-rupani-wanted-to-leave-politics-after-son-death-also-has-connection-with-rss-such-is-the-story/1818787/,"गुजरात CM का इस्तीफाः म्यांमार में जन्में विजय रूपाणी बेटे की मौत के बाद छोड़ना चाहते थे सियासत, RSS से भी है कनेक्शन; ऐसी है कहानी","गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलकर रूपाणी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफा देने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए रुपाणी ने कहा, ‘मैं भारतीय जनता पार्टी के प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूं कि मेरे जैसे एक कार्यकर्ता को गुजरात के मुख्यमंत्री पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी। इस दायित्व को अच्छी तरह से निभाते हुए मेरे कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का विशेष मार्गदर्शन मिलता रहा है। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में गुजरात ने नए आयाम छुए हैं।’",-1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/national/gujrat-chief-minister-vijay-rupani-resigns-from-his-post-after-meeting-governor/1818749/,"BJP शासित गुजरात के CM विजय रूपाणी का इस्तीफा, बोले- हम मोदी के नेतृत्व में लड़ते हैं, हमारे नेतृत्व का सवाल नहीं",अगले मुख्यमंत्री के सवाल पर रूपाणी ने कहा कि इसका फैसला पार्टी करेगी। विजय रूपाणी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पांच साल की उपलब्धियां गिनाईं। वह 2017 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। पिछले डेढ़ साल से संगठन और सरकार के बीच कुछ टकराव की खबरें आ रही थीं। नगर निगम के चुनाव में भी दो तिहाई से ज्यादा के बहुमत से भाजपा ने चुनाव जीता था। इसके बाद भी क्रिडिट को लेकर राज्य सरकार और संगठन के बीच तकरार देखी गई थी।,-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%aa%e0%a4%82%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%ac-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b7-2019-20-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a1%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%b0%e0%a5%87/,पंजाब में वर्ष 2019-20 में डायरेक्ट सैलिंग कारोबार 523 करोड़ के...,"इस अवसर पर राज्य सिविल सेवा अधिकारी और राज्य के खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विभाग के उप सचिव इंदर पाल, अतिरिक्त निदेशक सिमरजोत कौर तथा डायरैक्टर सैलिंग उद्योगों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%9b%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%b8%e0%a4%97%e0%a5%9d-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%8f%e0%a4%ae-%e0%a4%ac%e0%a4%98%e0%a5%87%e0%a4%b2-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b9/,"छत्तीसगढ़ के सीएम बघेल राहुल से मिले, पंजाब संगठन को...",वेणुगोपाल विधायकों की बात सुनेंगे और संभवता यह तय होगा कि पार्टी के ही बीच सत्ता हस्तांतरण कैसे होगा। बघेल खेमा अभी भी अपने नेता को ही मुख्यमंत्री पर जोर दे रहा है। बघेल खेमा अपने साथ 50 से ज्यादा विधायक होने का दावा कर रहा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया भी सक्रिय हैं। कहा जाता है कि उनकी उपस्थिति में 50 से ज्यादा विधायकों ने हस्ताक्षर करके बघेल को सीएम बनाए रखने की मांग वाला एक पत्र तैयार किया है।,-1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/india/foreign-defense-ministers-of-australia-call-on-pm-modi-b421/,"आस्ट्रेलिया के विदेश, रक्षा मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की","नयी दिल्ली, 11 सितंबर आस्ट्रेलिया के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शनिवार को हुई बैठक में एक नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और खुले एवं समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता पर चर्चा हुई। आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिसे पायने ने कहा कि बैठक में साझा प्रतिबद्धता पर चर्चा की गई। पायने और आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन ने अपने भारतीय समकक्षों एस जयशंकर तथा राजनाथ सिंह के साथ ‘टू प्लस टू’ वार्ता के बाद मोदी से मुलाकात की। पायने ने ट्वीट किया, ‘‘आस्ट्रेलिया और भारत लंबे समय से साझेदार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हमारी बैठक में, हमनें एक नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और खुला, समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र तथा आस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक संबंध मजबूत करने के प्रति अपने राष्ट्रों की साझा प्रतिबद्धता पर चर्चा की।’’ दोनों देशों ने ‘टू प्लस टू’ वार्ता में स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करने का संकल्प लिया। दरअसल, इस क्षेत्र में चीन की आक्रमकता बढ़ती हुई दिख रही है। वार्ता के बाद जयशंकर ने कहा कि वार्ता ने यह प्रदर्शित किया है कि दोनों पक्षों के द्विपक्षीय संबंध खासतौर पर रणनीतिक और सुरक्षा क्षेत्रों में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र का शांतिपूर्ण विकास भी हमारे संबंध के केंद्र बिंदु में है। दोनों देशों का मानना है कि इसे भागीदारी के साथ और सहयोगी तरीके से आकार लेना चाहिए। ’’ विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने क्षेत्र के सभी देशों में शांति,स्थिरता और समृद्धि के लिए मिल कर काम करना जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें एक नियम आधारित अंतराष्ट्रीय व्यवस्था, अंतराष्ट्रीय जल क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता, संपर्क को बढ़ावा देना तथा सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना शामिल है।",-1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/india/northeast-needs-more-ayush-colleges-center-ready-to-support-sonowal-b421/,"पूर्वोत्तर को और आयुष कॉलेजों की जरूरत, समर्थन को तैयार केंद्र : सोनोवाल","गुवाहाटी, 11 सितंबर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को कहा कि पूर्वोत्तर में और आयुष कॉलेज खोले जाने चाहिए और केंद्र इस पहल का समर्थन करने को उत्सुक है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने नए आयुष कॉलेज स्थापित करने के लिए राज्यों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता बढ़ा दी है। केंद्रीय आयुष और बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री ने कहा, “पूर्वोत्तर राज्यों में अधिक आयुष शिक्षण महाविद्यालयों की आवश्यकता है।… पहले राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के तहत, ऐसे कॉलेज खोलने के लिए राज्य सरकारों को 9 करोड़ रुपये दिए गए थे, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 70 करोड़ रुपये कर दिया गया है। राज्य इस अवसर का लाभ उठाने के लिए एनएएम दिशानिर्देशों के अनुसार भूमि और मानवशक्ति की पहचान कर सकते हैं।” सोनोवाल ने यहां 'आयुष प्रणालियों में विविध और शानदार करियर: पूर्वोत्तर में शिक्षा, उद्यमिता और रोजगार पर नजर' विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर में कुछ ही आयुष कॉलेज हैं और पारंपरिक दवाओं को केवल अधिक योग्य चिकित्सकों को उपलब्ध कराकर ही लोकप्रिय बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने यहां के सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज को 'उत्कृष्टता केंद्र' के रूप में विकसित करने के लिए 10 करोड़ रुपये तक की सहायता को सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी है। सोनोवाल ने कहा कि केंद्र स्नातक आयुष शिक्षण कॉलेजों के उन्नयन के लिए 5 करोड़ रुपये और पूर्वोत्तर में स्नातकोत्तर संस्थानों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 6 करोड़ रुपये प्रदान करता है।",-1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/india/explosion-in-house-in-patiala-one-girl-killed-three-other-children-injured-b421-1/,"पटियाला में घर में विस्फोट, एक लड़की की मौत, तीन अन्य बच्चे घायल","चंडीगढ़, 11 सितंबर पंजाब के पटियाला जिले में शनिवार को एक घर में हुए विस्फोट में 12 वर्षीय एक लड़की की मौत हो गई और तीन अन्य बच्चे घायल हो गए। इस घर में अवैध रूप से पटाखे बनाए जा रहे थे। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक जिले के जंडोली गांव में स्थित एक कमरे का यह मकान कृष्ण कुमार नामक एक व्यक्ति का है। पुलिस के मुताबिक विस्फोट के समय कृष्ण और उसके पड़ोसी के दो-दो बच्चे घर के भीतर थे। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि हादसे के समय बच्चे पटाखे बना रहे थे या नहीं। उन्होंने बताया कि सुबह करीब साढ़े दस बजे हुआ विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि घर की दीवारें और छत ढह गईं, जिससे बच्चे मलबे में दब गए। कृष्ण की बेटी मनप्रीत कौर (12) की मौत हो गयी और तीन अन्य बच्चे घायल हो गए। घायल हुए बच्चों की उम्र छह से 13 वर्ष के बीच बताई जा रही है। एक बच्चे को चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल में भर्ती कराया गया जबकि दो अन्य बच्चों को पटियाला के राजेन्द्र अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कृष्ण के घर से पटाखे बनाने में इस्तेमाल होने वाला पोटैशियम और अन्य सामग्री बरामद हुई है। विस्तृत जांच के लिए फॉरेंसिक टीम को विस्फोट स्थल पर बुलाया गया है।",-1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/india/uttarakhand-will-be-made-cultural-spiritual-capital-of-the-country-dhami-b421/,"उत्तराखंड को देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक राजधानी बनाया जाएगा: धामी","देहरादून, 11 सितंबर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि राज्य को देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी बनाया जाएगा। टिहरी जिला मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में इस बाबत घोषणा करते हुए धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को नंबर एक राज्य बनाने के लिए 10 साल के रोडमैप पर काम कर रही है। उन्होंने करीब 51 करोड़ रुपये की लागत वाली 12 परियोजनाओं की आधारशिला रखी और करीब 112 करोड़ रुपये लागत की 37 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। धामी ने टिहरी यूथ क्लब का भी उद्घाटन किया और हिलन्स तुलसी चाय नामक एक स्थानीय उत्पाद को जारी किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लाभार्थियों को इस अवसर पर चेक बांटे। धामी ने कहा कि टिहरी के लोग सौभाग्यशाली हैं क्योंकि इस स्थान पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि टिहरी को अति आधुनिक शहर बनाने के लिए विश्वस्तरीय परामर्शदाताओं की सेवाएं ली जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगातार दिशानिर्देश प्राप्त कर रही है।",-1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/india/mumbai-rape-case-cm-uddhav-thackeray-one-month-file-charge-sheet-urgent-meeting-all-senior-police-b507/,"साकीनाका रेप: बलात्कार और क्रूरता की शिकार महिला की मौत, सीएम उद्धव की पुलिस संग बैठक, 1 महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल करने के निर्देश","मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है। जांच में एक ही व्यक्ति के अपराध में शामिल होने की जानकारी मिली है। 21 सितंबर तक पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया। Mumbai Sakinaka Rape Case: मुंबई के उपनगरीय इलाके साकीनाका में बलात्कार व क्रूरता की शिकार बनी 32 वर्षीय महिला ने यहां नगरपालिका के एक अस्पताल में इलाज के दौरान शनिवार तड़के दम तोड़ दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी। मुंबई में हुई दुष्कर्म की इस घटना ने वर्ष 2012 दिल्ली में ‘निर्भया’ सामूहिक दुष्कर्म की याद ताजा कर दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई में सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की तत्काल बैठक बुलाई है। सीएम ने 1 महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल करने के निर्देश दिया। Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray has called an urgent meeting of all senior Police officers in Mumbai: Chief Minister's Office (CMO) (File photo) pic.twitter.com/0gHRlKpVuk — ANI (@ANI) September 11, 2021 मुख्यमंत्री सचिवालय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पुलिस को और अधिक सतर्क रहने और महिलाओं की सुरक्षा के उपाय करने के भी निर्देश दिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मुंबई एक सुरक्षित शहर है। इसकी छवि पर असर न पड़े। साकीनाका में पुलिस कंट्रोल रूम को घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महज दस मिनट में मौके पर पहुंची और घायल महिला को राजावाड़ी अस्पताल पहुंचाया। Mumbai rape | As soon as the police control room got information about the incident at Sakinaka, the police reached the spot in just ten minutes and rushed the injured woman to Rajawadi Hospital: Chief Minister's Secretariat — ANI (@ANI) September 11, 2021 यह घटना शुक्रवार तड़के हुई थी। घटना के कुछ घंटे के बाद ही गिरफ्तार संदिग्ध के खिलाफ दर्ज मामले में अब हत्या की धारा भी जोड़ी गई है। मुंबई पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की है। वहीं, राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा ने दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग की और सवाल किया है कि क्या महाराष्ट्र में महिलाएं सुरक्षित हैं? महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना को ‘मानवता पर धब्बा’’ करार दिया है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होगी और पीड़िता जिसकी मौत गंभीर जख्म की वजह से हुई है उसे न्याय मिलेगा।’’ ठाकरे ने बताया कि उन्होंने इस मामले पर राज्य के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल और मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले से बात की है। साकीनाका मुंबई का पश्चिमी उपनगर है और कई औद्योगिक इकाइयां इलाके में मौजूद हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी मोहन चौहान (45) वाहन चालक का काम करता है और उसी इलाके में फुटपाथ पर रहता है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने दुष्कर्म करने के बाद पीड़ित महिला के निजी अंग पर लोहे की छड़ से हमला किया जिसकी वजह से अत्यधिक खून का स्राव हुआ। महिला पर चाकू से भी हमला किया गया। पुलिस आयुक्त नागराले ने संवाददाताओं को बताया कि घटना की जानकारी तब हई जब खैरानी रोड स्थित कंपनी के चौकीदार ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचना दी कि एक व्यक्ति महिला पर हमला कर रहा है। उन्होंने बताया कि सूचना के 10 मिनट के भीतर ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और देखा कि पीड़ित महिला वहां खड़े टेम्पू में गंभीर अवस्था में मौजूद है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि पीड़िता की हालत को देखते हुए पुलिस ने उसे उसी वाहन से अस्पताल ले जाने का फैसला किया ताकि देरी नहीं हो। पुलिस को टेम्पू की चाबी चौकीदार से मिली और महिला को घाटकोपर स्थित राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरे की तस्वीर भी प्राप्त कर ली जिसमें दिखा कि मोहन चौहान टेम्पू से बाहर आ रहा है। अधिकारी ने बताया कि चौहान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर का रहने वाला है। उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 21 सितंबर तक पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया। नागराले ने बताया कि चौहान का खून से सना कपड़ा जब्त कर लिया गया है और उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा ताकि पता चल सके कि उसपर लगे खून के धब्बे पीड़िता के हैं या नहीं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है। पुलिस आयुक्त ने बताया,‘‘सहायक पुलिस आयुक्त ज्योत्सना रसम जांच अधिकारी होंगी। जांच एक महीने में पूरी की जाएगी और इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होगी जैसा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की है।’’ उन्होंने कहा,‘‘पीड़िता बेहोश थी, इसलिए उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका। इसलिए पुलिस इस बात से अंजान है कि आखिर क्या हुआ लेकिन जांच के दौरान सभी तथ्यों का पता लगाया जाएगा।’’ नागराले ने कहा कि अबतक कि जांच में एक ही व्यक्ति के अपराध में शामिल होने की जानकारी मिली है। पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक शुक्रवार को पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा-307 (हत्या का प्रयास), 376 (दुष्कर्म), 323 (हमला) और 34 (समान मंशा) के तहत मामला दर्ज किया था लेकिन पीड़िता की मौत के बाद धारा-302 (हत्या) जोड़ी गई है जबकि किसी अन्य के शामिल नहीं होने पर धारा-34 हटाई गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, ‘‘साकीनाका महिला दुष्कर्म मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होनी चाहिये ताकि आरोपी को जल्द से जल्द सजा मिल सके। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात कर उनसे इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में कराने का आग्रह करना चाहिए।’’ (इनपुट एजेंसी)",-1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/india/kovid-19-more-than-20-thousand-new-cases-in-kerala-1639-new-infected-in-tamil-nadu-too-b421/,"कोविड-19 : केरल में करीब 20 हजार से अधिक नए मामले, तमिलाडु में भी 1639 नये संक्रमित","तिरुवनंतपुरम/चेन्नई, 11 सितंबर केरल में शनिवार को कोविड-19 के 20,487 नए मामले आए जबकि 181 और मरीजों की मौत दर्ज की गई। इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 43,55,191 हो गई है जिनमें से 22,844 लोगों की जान गई है। पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में भी गत 24 घंटे के दौरान 1,639 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और 27 लोगों की महामारी से जान गई है। राज्य में अब तक कोविड-19 की चपेट में 26,32,231 लोग आए हैं और 35,146 मरीजों की मौत हुई है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक शनिवार को 26,155 मरीज संक्रमण मुक्त हुए जिन्हें मिलाकर अब तक 41,00,355 मरीज महामारी को मात दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि गत 24 घंटे के दौरान 1,34,861 नमूनों की कोविड-19 जांच की गई जिनमें से 15.19 नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई। जॉर्ज के मुताबिक त्रिशूर जिले में सबसे अधिक 2812 मामले आए जबकि एर्णाकुलम और तिरुवनंतपुरम में क्रमश: 2490 और 2217 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि इस समय राज्य में 2,31,792 मरीज उपचाराधीन हैं। इनमे से केवल 12.9 प्रतिशत मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा है। वहीं तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग ने चेन्नई में जारी बुलेटिन में बताया कि गत 24 घंटे के दौरान 1517 मरीज संक्रमण मुक्त हुए जिन्हें मिलाकर अबतक 25,80,686 मरीज महामारी को मात दे चुके हैं। बुलेटिन के मुताबिक इस समय राज्य में 16,399 मरीज उपचाराधीन हैं। विभाग ने बताया कि कोयंबटूर में सबसे अधिक 224 नए मामले आए जबकि चेन्नई, इरोड, चेंगलपेट और तंजवुर में क्रमश: 170,151,120 और 117 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%a4%e0%a5%88%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82/,सरकार बनाने की तैयारी में जुटा है तालिबान; कंधार में बैठकों...,"अफगानिस्तान पर पंजशीर को छोड़कर लगभग पूरा कब्ज़ा कर लेने के बाद अब तालिबान अपनी सरकार के गठन के गठन की तैयारी में जुट गया है। इसमें हालांकि अभी कुछ दिन लग सकते हैं। तालिबान ने फिलहाल मुल्ला हिब्तुल्लाह अखुंदजादा को अपना सर्वोच्च नेता बताया है और उनके तालिबान सरकार का प्रमुख बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इस बीच तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा है कि तालिबान कश्मीर समेत पूरी दुनिया के तमाम मुसलमानों की आवाज बनने का अधिकार रखता है। तालिबान ने पहले ही कहा है कि उसकी सरकार इस्लामिक सरकार होगी और सरकार के ऐलान में अभी कुछ वक्त लग सकता है। तालिबान के ज्यादातर नेता फिलहाल कंधार में हैं और सरकार के गठन को लेकर उनकी बातचीत जारी है। पंजशीर, जहाँ तालिबान कब्ज़ा नहीं कर पाया है, में उसे साझे गठबंधन से नुक्सान उठाना पड़ा है। पंजशीर पर हमले की उसकी अभी तक की कोशिशें असफल रही हैं। देश पर कब्जे के बावजूद तालिबान लड़ाकों को नॉर्थर्न एलायंस के विद्रोही पंजशीर में घुसने नहीं दे रहे। विद्रोहियों का दावा है कि उसने हाल के दिनों में दर्जनों तालिबान लड़ाकों को मौत के घाट उतार दिया है। इसके प्रमाण के रूप में उसने वीडियो भी जारी किये हैं। इनमें यह देखा जा सकता है कि विद्रोही (तालिबान विरोधी पंजशीर के विद्रोही) पहाड़ों से तालिबानियों पर जमकर गोलियां और रॉकेट दाग रहे हैं। यह भी दावा किया गया है कि दो दर्जन से ज्यादा तालिबानी लड़ाकों को पंजशीर की विद्रोही सेना ने पकड़ लिया है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल ने पहले भारत के साथ बेहतर तालमेल और रिश्तों की बात कही थी। हालांकि, अब उसने तालिबान के कश्मीर सहित सभी मुसलामानों की आवाज बनने की बात कही है। शाहीन ने कहा कि मुस्लिम हमारे अपने लोग हैं, हमारे नागरिक हैं और कानून के तहत उन्हें बराबरी का अधिकार है। वैसे अफगानिस्तान से तालिबान के विभिन्न गुटों के ब्यान विरोधाभासी भी दिखे हैं। उधर अफगानिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और हिज्ब-ए-इस्लामी गुलबुद्दीन पार्टी के नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा है कि तालिबान को अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी और देश के खिलाफ नहीं होने देने के अपने वादे पर टिकना चाहिए। हिकमतयार के मुताबिक अफगानिस्तान के लोग नहीं चाहते कि कश्मीर विवाद, भारत-चीन सीमा विवाद और तिब्बत जैसे मुद्दे अफगानिस्तान पहुंचें। हिकमतयार को पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई का ख़ास माना जाता है। दिलचस्प यह है कि तालिबान की चीन से भी लगातार बातचीत चल रही है। चीन काबुल में अपना दूतावास बनाये रखने की बात कह चुका है। इस बीच भारत अफगानिस्तान में फंसे अपने लोगों को निकालने के लिए तैयारी में जुटा है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि काबुल हवाई अड्डे पर आपरेशन दोबारा शुरू होते ही लोगों को निकालने का अभियान शुरू होगा। भारत तालिबान पर जोर दे रहा है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों के लिए न हो पाए।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%8d/,"केंद्र ने ‘संविधान का निर्माण’, ‘चित्रंजलि @ 75’ प्रदर्शनियों का उद्घाटन...","केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और जी कृष्णा रेडी ने आज नैशनल मीडिया सेंटर में आयोजित अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत ई–चित्र प्रदर्शनी और चित्रांजली @ 75 वर्चुअल फ़िल्म पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। ग़ौरतलब है कि संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के जश्न पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 23 अगस्त से 29 अगस्त तक आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है।ये आयोजन मंत्रालय के आइकॉनिक वीक’ समारोह के तहत किए जाएंगे। इस महोत्सव के तहत स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों और गौरव के साथ युवा, नए और प्रतिष्ठित भारतकी आकांक्षाओं और सपनों को प्रदर्शित किया जा रहा है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%a4/,महाराष्ट्र में भाजपा नेता नारायण राणे के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश,"महाराष्ट्र में भाजपा नेता नारायण राणे के द्वारा दिए गए विवादित बयान के चलते उन पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है। नारायण के खिलाफ गिरफ्तारी का आदेश नासिक पुलिस के सीपी द्वारा दिया गया है। नासिक क्राइम ब्रांच की एक टीम को चिपलुन जाकर राणे की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए है। यह आदेश कोरोना महामारी काल में आदेशों का उल्लंघन करने व तिरंगा यात्रा निकालने के चलते हुआ है। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान अपने एक भाषण में उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने वाला विवादित बयान भी दिया था जिस पर विवाद खड़ा हो गया। राणे ने अपने ब्यान में दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने ठाकरे के खिलाफ कुछ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। और यह भी कहा कि ठाकरे को इतना भी ज्ञात नहीं था कि देश की आज़ादी को कितने साल पूरे हो गए। शिवसेना के सांसद विनायक राउत ने राणे द्वारा दिए गए विवादित बयान पर कहा की, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की के मंत्रिमंडल में जगह प्राप्त करने के बाद से ही राणे अपना मानसिक संतुलन खो चुके है। व मोदी को उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बाहर कर देना चाहिए।“",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%ab%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d/,केंद्र सरकार ने अफगानिस्तान पर 26 को सर्वदलीय बैठक बुलाई ;...,"केंद्र सरकार ने 26 अगस्त को अफगानिस्तान पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में अफगानिस्तान को लेकर सरकार अपना रुख बता सकती है और विपक्ष से सुझाव मांग सकती है। इसके अलावा अफगानिस्तान में अभी तक फंसे भारतीयों को भारत वापस लाने को लेकर भी सरकार अपनी तैयारी की जानकारी विपक्ष को दे सकती है। इस बीच तालिबान ने सोमवार को अमेरिका को चेतावनी जारी करके 31 अगस्त तक देश से चले जाने को कहा है। यह बैठक 26 अगस्त को दोपहर 11 बजे होगी। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के इस बैठक में शामिल होने की संभावना है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुए संकट के बाद सरकार की विपक्ष से यह पहली बैठक होगी। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर संसद में सभी पार्टियों के नेताओं से यह चर्चा करेंगे। सरकार ने सभी दलों के संसद के नेताओं को इस बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया है। बैठक में जयशंकर अफगानिस्तान को लेकर सरकार की तरफ जानकारी देंगे। इस बीच अफगानिस्तान में एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर चुके तालिबान ने अमेरिका को चेतावनी 31 अगस्त तक देश से चले जाने को कहा है। बता दें काबुल में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट अभी तक अमेरिका के नियंत्रण में हैं। अमेरिकी सैनिक ही इस एयरपोर्ट से तमाम संचालन को देख रहे हैं। उधर काबुल से आज और 146 लोगों को सुरक्षित भारत लाया गया है। अफगानिस्तान के लोगों को लेकर आने वाली इंडिगो की फ्लाइट नंबर 6ई-1702 में दोहा से कुछ लोग दिल्ली एयरपोर्ट उतरे जबकि विस्तारा के जहाज से भी काफी लोग भारत पहुंचे हैं। इस बीच कतर से भारत आए 2 यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कतर से आई इस फ्लाइट में 30 यात्री मौजूद थे। उधर तालिबान और नॉर्थर्न एलायंस के बीच पंजशीर में युद्ध की स्थिति बन गयी है। तालिबान ने स्वीकार किया है कि उसके करीब 3000 लड़ाके पंजशीर के बाहर तखर, बदख्शां और अंदराब की ओर तैनात हैं। इस बीच जर्मन सेना ने कहा है कि काबुल एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर सोमवार सुबह अफगान सुरक्षा बलों और अज्ञात हमलावरों के बीच मुठभेड़ हो गई। इसमें अफगान सेना का जवान मारा गया और तीन घायल हो गए। बाद में अमेरिकी और जर्मन सेना भी इसमें शामिल हो गई। हमलावर कौन थे, यह अभी पता नहीं है। पंजशीर की तरफ जाने वाली अंद्राब घाटी में तालिबान और विरोधी फोर्स के बीच गोलबारी हुई है। इस लड़ाई में तालिबान के काफी नुकसान होने की खबर है। अहमद मसूद की कमान वाली नॉर्थर्न एलायंस फोर्स तालिबान का कड़ा मुकाबला कर रही है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%aa%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a4%bf%e0%a4%ae-%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%b8%e0%a4%ad/,पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा की जांच...,"पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) के सदस्यों द्वारा जांच का फैसला सुनाया है जो कि केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार पर आरोप लगाया था कि तृणमूल कांग्रेस ने जीत के बाद राज्य में बीजेपी के कार्यकर्ताओं और महिला सदस्यों पर कई हमले किए गए है। इन हमलों में भाजपा के कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़, हत्याएं, दुकानों व ऑफिस में लूटमार की गई है। और यह घटना खासतौर पर मतगणना के दिन हुई, जब राज्य की पुलिस का नियंत्रण पूर्ण रूप से चुनाव आयोग के हाथों में था। हालांकि, इस मामले में जुलाई में हुई हिंसा के आरोपों को ममता बनर्जी की सरकार ने सिरे से खारिज किया है। हाई कोर्ट का कहना है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष ने समिति को गठित किया है और उसकी रिपोर्ट के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि राज्य में चुनावो के बाद हिंसा हुई हैं।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a4%a4-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a5%87/,किसानों ने गलत जानकारी देने पर मौसम विभाग के खिलाफ कोर्ट...,"मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के किसान संगठन के नेता ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मौसम संबंधी गलत भविष्यवाणी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इससे हाल के दिनों में फसलों को नुकसान हुआ है और विभाग के खिलाफ अदालत में जाने की चेतावनी दी है। इस बीच, मौसम विभाग का कहना हैकि किसानों को गुमराह किया गया होगा, क्योंकि एक निजी मौसम सेवा ने आईएमडी के पूर्वानुमान के विपरीत इस साल मानसून जल्द आने की भविष्यवाणी की थी। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को यह जांचना चाहिए कि जानकारी क्या वास्तविक स्रोत से उनके पास आ रही हैद्ध भारतीय किसान संघ, मालवा प्रांत के प्रवक्ता भरत सिंह बैस ने बुधवार को एक एजेंसी से बातचीत में दावा किया कि ज्यादातर मामलों में आईएमडी द्वारा जारी मौसम की भविष्यवाणी असफल रही है। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि वे आईएमडी के गलत पूर्वानुमानों के खिलाफ अदालत में जाने की योजना बना रहे हैं और इस संबंध में अंतिम फैसला जल्द ही किया जाएगा। उज्जैन के किसान नेता बैस ने कहा कि कई बार किसान आईएमडी के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार बुवाई के लिए खुद को तैयार करते हैं, लेकिन गलत पूर्वानुमानों के कारण उन्हें नुकसान झेलना पड़ा है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%89%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9a-%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a4%af-%e0%a4%b5/,राजस्थान उच्च न्यायालय: विवाहित महिला का दूसरे पुरुष के साथ लिव-इन संबंध...,"राजस्थान उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि, विवाहित महिला का किसी दूसरे पुरुष के साथ लिव-इन संबंध में रहना अवैध है। यह आदेश न्यायमूर्ति सतीश कुमार शर्मा की एकल न्यायाधीश पीठ ने याचिकाकर्ताओं की अनुरोध याचिका को खारिज करते हुए सुनाया। यह याचिका 30 वर्षीय विवाहित महिला व 27 वर्षीय अविवाहित पुरूष के द्वारा संयुक्त रूप से दायर की गई थी। याचिका में उन्होंने कहा था कि, उन्हें प्रतिवादियों द्वारा उनके लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के कारण लगातार धमकियां दी जा रही है और उनकी जान को बेहद खतरा है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि, दोनों याचिकाकर्ता वयस्क हैं और सहमति से लिव-इन रिलेशनशिप में है। याचिका में कहा गया है कि महिला शादीशुदा है लेकिन पति द्वारा शारीरिक शोषण और क्रूरता के कारण उसे अलग रहने के लिए मजबूर किया गया है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%aa%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%8c%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a6/,पत्नी की मौत के मामले में दिल्ली के कोर्ट ने थरूर...,"दिल्‍ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता शशि थरूर को बड़ी राहत देते हुए उन्हें उनकी पत्नी सुनंदा पुष्‍कर की मौत से जुड़े मामले में बरी कर दिया है। याद रहे सुनंदा पुष्कर का शव 17 जनवरी, 2014 को दिल्‍ली के एक नामी होटल में संदिग्ध हालात में मिला था। दिल्‍ली पुलिस ने इस मामले में शशि थरूर को मुख्‍य आरोपी बनाया था। बता दें इस मामले में थरूर फिलहाल जमानत पर चल रहे थे। दिल्‍ली पुलिस ने उनके खिलाफ भादंसं की धारा 498ए और 306 के तहत चार्जशीट दायर की थी। अदालत का फैसला आने के बाद थरूर ने अदालत का शुक्रिया अदा किया और कहा – ‘ये साढ़े 7 साल मेरे लिए किसी टॉर्चर से कम नहीं रहे।’ याद रहे दिल्ली की विशेष अदालत में थरूर के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश पिछले महीने पांचवीं बार टल गया था। थरूर के लिए अदालत में लड़ रहे वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने मामले में अपने मुवक्किल को आरोप मुक्त करने की मांग करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने उनके मुवक्किल के खिलाफ मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना का आरोप नहीं लगाया है। पाहवा ने यह भी तर्क दिया कि पुलिस जांच पर चार साल बिताने के बाद भी सुनंदा पुष्कर की मौत के कारण का पता नहीं लगा सकी। पाहवा ने कहा कि कांग्रेस नेता थरूर के खिलाफ सबूत नहीं मिले इसलिए कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों को पूरी तरह से बरी कर दिया है। सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 की रात चाणक्यपुरी स्थित लीला पैलेस होटल के कमरे में मृत मिली थीं। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सांसद और कांग्रेस नेता शशि थरूर से लंबी पूछताछ की थी और जांच के आधार पर पुलिस ने अदालत को बताया था कि पति थरूर के साथ पुष्कर के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे थे, इसलिए वो मानसिक रूप से परेशान थीं। थरूर के ऊपर मानसिक उत्पीड़न करने और हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था। थरूर ने कई बार खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया था। थरूर और सुनंदा का विवाह 22 अगस्त, 2010 को हुआ था। जब पुष्कर होटल में मृत मिली थीं, उस समय उनके घर की मरम्मत का काम चल रहा था। अब आज के फैसले के बाद थरूर ने राहत की सांस ली है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%85%e0%a4%96%e0%a4%bf%e0%a4%b2-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%af-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0/,अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने दिया पार्टी...,"अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष व पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सुष्मिता देव असम के सिलचर से लोकसभा सदस्य भी रही है। व उन्हें असम की बंगाली भाषा बराक घाटी में कांग्रेस का एक बड़ा चेहरा माना जाता था। उनके पिता संतोष मोहन देव करीब सात बार सांसद रहे है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट बायो में कुछ बदलाव किए है। बदलाव की गई जानकारी में ‘पूर्व कांग्रेस सदस्य’ और ‘अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष’ लिखा है। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में उन्होंने पार्टी से त्यागपत्र की कोई ठोस वजह नहीं बताई है। लेकिन कहा है कि वे “जन सेवा का एक नया अध्याय शुरू करने जा रही है। व पार्टी में रहकर खुद को मिले मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया है।“ हालांकि, सुष्मिता ने अपने अगले राजनीतिक कदम की जानकारी फिलहाल साझा नहीं की है। परंतु सूत्रों के हवाले से खबर है कि वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकती है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%9f/,कांग्रेस पार्टी के ट्विटर अकाउंट को बैन हटा,"करीब एक हफ्ते तक सस्पेंड होने के बाद ट्विटर ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व अन्य कांग्रेसी नेता के सी वेणुगोपाल व अजय माकन सहित सभी के ट्विटर अकाउंट से बैन हटा दिया है। बैन हटने के बाद कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम के चेयरमैन रोहन गुप्ता ने ‘सत्यमेव जयते’ लिखकर ट्वीट भी किया है। दिल्ली में नौ वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार करने के बाद हत्या का मामला सामने आया था। कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी पीड़िता के परिवार से मुलाकात करने उनके निवास स्थान पर गए थे, जिसकी कुछ तस्वीरें उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा की थी। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राहुल गांधी के खिलाफ ट्वीट को शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने पीड़िता के माता-पिता की पहचान उजागर करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस पार्टी ने अपने नेताओं का अकाउंट बंद किये जाने का स्क्रीन शॉट फेसबुक पोस्ट मे साझा कर जानकारी दी थी। और कहा था कि, जब हमारे नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया था हम तब नही डरे थे तो अब ट्विटर अकाउंट बंद करने से क्या डरेंगे। हम कांग्रेस पार्टी है, जनता का संदेश है, हम लड़ेंगे और लड़ते रहेंगे।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%b2-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a7%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%85%e0%a4%ac-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%97/,राहुल गांधी के बाद अब कांग्रेस का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट...,"कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य नेताओं के बाद अब ट्विटर ने कांग्रेस का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ‘लॉक’ कर दिया है। कांग्रेस ने गुरुवार को यह आरोप लगाते हुए कहा कि ट्विटर ने पार्टी के आधिकारिक हैंडल @INCIndia को लॉक कर दिया है। कांग्रेस ने अपने फेसबुक पेज पर गुरुवार को यह जानकारी साझा की है। पार्टी ने कहा है कि वह और उसके नेता इससे डरने वाले नहीं। माना जा रहा है कि ट्विटर ने नियमों के उल्लंघन पर यह कार्रवाई की है। सोशल मीडिया कंपनी इससे पहले इसी तरह की कार्रवाई राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कर चुकी है। कांग्रेस ने अपने लॉक किए गए ट्विटर अकाउंट का स्क्रीनशॉट फेसबुक पेज पर साझा करते हुए आज लिखा – ‘जब हमारे नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया, हम तब नहीं डरे तो अब ट्विटर अकाउंट बंद करने से क्या ख़ाक डरेंगे। हम कांग्रेस हैं, जनता का संदेश है, हम लड़ेंगे, लड़ते रहेंगे। अगर बलात्कार पीड़िता बच्ची को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाना अपराध है, तो ये अपराध हम सौ बार करेंगे। जय हिंद…सत्यमेव जयते।’ बता दें कांग्रेस ने बुधवार देर रात दावा किया था कि रणदीप सुरजेवाला समेत पांच वरिष्ठ पार्टी नेताओं के अकाउंट के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की गई है। पार्टी ने कहा था कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन, लोकसभा में पार्टी के सचेतक मनिकम टैगोर, असम प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव के ट्विटर अकाउंट निलंबित कर दिए गए हैं। याद रहे राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते दिल्ली में कथित बलात्कार और हत्या की शिकार नौ वर्षीय बच्ची के परिवार के साथ की तस्वीरें ट्वीट की थीं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने राहुल गांधी के ट्वीट का संज्ञान लिया और ट्विटर को नाबालिग पीड़िता की निजता का उल्लंघन करने के लिए कांग्रेस नेता के अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। बुधवार को ट्विटर ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि राहुल गांधी के 4 अगस्त को किए ट्वीट ने कंपनी की नीतियों का उल्लंघन किया था। उन्होंने रेप पीड़िता के माता-पिता के साथ अपनी तस्वीर ट्वीट की थी। इसकी वजह से उनके अकाउंट को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%b8%e0%a5%82%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%95%e0%a4%b8%e0%a4%ad%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%8b/,मानसून सत्र में लोकसभा दो दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए...,"विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही भी शोर-शराबे की वजह से दोपहर 12 बजे तक के लिए टालनी पड़ी। इसके बाद कार्यवाही फिर से शुरू हुई। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक ही चलना है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी कहा कि वह संसद में कार्यवाही न होने से दुखी हैं। उन्होंने बताया कि मानसून सत्र में महज 22 फीसदी ही काम हो सका है। सत्र में कुल 20 विधेयक ही पारित किए गए। इस दौरान राज्यों को ओबीसी सूची के अधिकार वाला विधेयक भी पास कराया गया। इसी विधेयक पर सरकार को विपक्ष का साथ मिला। इसके अलावा ज्यादातर विधेयक बिना किसी चर्चा और बहस के मिनटों में हंगामे के बीच पारित करा लिए गए।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a5%80%e0%a4%a4%e0%a4%bf%e0%a4%95-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%89%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%ae/,“राजनीतिक पार्टियां उम्मीदवारों के एलान के 48 घंटे के भीतर मुकदमों की...,"सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि है अपराधीकरण से जुड़े मामले में राजनीतिक पार्टियों को अपने उम्मीदवारों के एलान के 48 घंटे के भीतर मुकदमों की जानकारी जारी करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला संबंधित हाईकोर्ट की मंजूरी के बगैर वापस नहीं लिया जा सकता है। शीर्ष अदालत के इस फैसले का उद्देश्य राजनीति में अपराधीकरण को कम करना है। फरवरी 2020 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक पार्टियों को आदेश दिया था कि उम्मीदवारों के चयन के 48 घंटों के भीतर या नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख से कम से कम दो सप्ताह पहले उनका विवरण प्रकाशित करना होगा। लेकिन आज के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि राजनीतिक पार्टियों को उम्मीदवारों के एलान के 48 घंटे के भीतर मुकदमों की जानकारी देनी होगी। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से आपराधिक इतिहास का खुलासा नहीं करने वाली पार्टियों के उम्मीदवारों के चुनाव चिन्ह को फ्रीज या निलंबित रखा जाने की अपील की है। । आयोग ने यह सुझाव सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश का उल्लंघन करने के मामले में दिया है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%93%e0%a4%ac%e0%a5%80%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%82%e0%a4%9a%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87/,ओबीसी सूची में राज्यों के अधिकार वाले विधेयक पर सरकार के...,"संसद के मानसून सत्र में तीन हफ्ते से जारी हंगामे और विरोध के बीच पहली बार आखिर सरकार को विपक्ष का साथ मिला है। दरअसल, केंद्र सरकार राज्यों को ओबीसी सूची में जातियों को शामिल करने का अधिकार देने का बिल लोकसभा में पेश किया। सोमवार को संविधान का 127वां संशोधन बिल पेश किया गया। विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि वे इस बिल को लेकर सरकार के साथ हैं। इस बिल के पास होने और संविधान संशोधन से राज्य को ये अधिकार मिल जाएगा कि वो ओबीसी की लिस्ट में अपनी मर्जी से जातियों की लिस्टिंग कर सकें। इससे महाराष्ट्र में मराठा, गुजरात में पटेल और कर्नाटक में लिंगायत को ओबीसी का दर्जा यानी आरक्षण का रास्ता साफ हो जाएगा। इससे पहले संसद के दोनों सदनों में पेगासस, किसानों से जुड़े कृषि कानूनो जैसे मुद्दों पर हंगामा कर रहे थे। संसद की कार्यवाही को एक तरह से ठप कर रखा था। हंगामे के बीच ही सरकार ने कुछ विधेयक पास कराए थे। ओबीसी आरक्षण सूची से जुड़े इसके बिल के लोकसभा के बाद राज्यसभा में बिल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति से मंजूरी मिलनी बाकी है। इसके बाद यह कानून बन जाएगा। सोमवार सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में विपक्ष के नेता हंगामा करने लगे। इसे देखते हुए सदन की कार्यवाही 11:30 बजे तक स्थगित कर दी गई। पेगासस पर हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित की गई। वहीं, लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के कुछ ही देर बाद 12 बजे तक स्थगित हुई, फिर इसे 12:30 बजे तक स्थगित करना पड़ा। दूसरी ओर, राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। वहीं, 12:30 बजे शुरू होने के बाद लोकसभा में हंगामे के बीच कुछ देर कामकाज हुआ और कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित की गई। विपक्ष का हंगामा नहीं थमने पर लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार तक स्थगित कर दी गई। 3 बजे शुरू होने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 3:30 बजे तक स्थगित हुई। इसके बाद, राज्यसभा में टैक्सेशन अमेंडमेंट बिल पर हंगामा हुआ। विपक्ष ने इसके विरोध में वॉकआउट कर दिया। बाद में इस बिल को वापस कर दिया गया।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%af%e0%a5%82%e0%a4%8f%e0%a4%a8%e0%a4%8f%e0%a4%b8%e0%a4%b8%e0%a5%80-9-%e0%a4%85%e0%a4%97%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a4%b9%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a4%be/,यूएनएससी: 9 अगस्त को पहली बार भारतीय पीएम करेंगे बैठक की...,"दुनिया की सबसे ताकतवर संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी की अगस्त माह में भारत अध्यक्षता कर रहा है। इस दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतिहास बनाने वाले हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यूएनएससी के कार्यक्रमों के बारे में वीरवार को जानकारी दी। इसमें बताया गया कि पहली बार भारत का कोई प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आयोजित होने वाली एक बैठक की अध्यक्षता करेगा। बागची ने बताया कि अध्यक्षता माह के दौरान हम एक सिग्नेचर इवेंट आयोजित करेंगे, जिसमें तीन अहम क्षेत्रों पर फोकस किया जाएगा। ये तीनों क्षेत्र समुद्र की सुरक्षा, शांति अभियान और आतंकवाद के खिलाफ होंगे। उन्होंने बताया कि 9 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक उच्चस्तरीय वर्चुअल खुली चर्चा की अध्यक्षता करेंगे। इस चर्चा का मुद्दा समुद्र की सुरक्षा बढ़ाना होगा। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के रखरखाव पर भी बातचीत की जाएगी। अरिंदम बागची ने कहा कि इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाएंगे। क्योंकि ऐसा पहली बार होगा, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बैठक की अध्यक्षता करेगा। अगले साल की आखिर में भी भारत को एक माह की अध्यक्षता का मौका मिलेगा। वर्तमान में भारत संयुक्त राष्ट्र में अस्थायी सदस्य के तौर पर शामिल है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a5%82%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a4%82/,"जासूसी, किसान मुद्दे पर संसद में हंगामे के बीच मिनटों में...","पेगासस जासूसी और किसानों के मुद्दे के लेकर जारी हंगामे से संसद के मानसून सत्र का तीसरा हफ्ते भी धुलता नजर आ रहा है। इससे पहले दो हफ्ते तकरीबन बिना कामकाज के ही हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। पेगासस मुद्दे को लेकर विपक्ष अपने कड़े तेवर बनाए हुए है जबकि सरर भी अपने रुख पर अड़ी है। खास बात यह है कि इसी बीच विपक्ष के विरोध की परवाह किए बिना सरकार मिनटों में फटाफट कई अहम विधेयक पारित करा ले रही है, जिससे जानकार हैरानी जता रहे हैं। लोगों का करोड़ों रुपया संसद की कार्यवाही में बर्बाद हो रहा है और सरकार महज इसे खानापूर्ति की तरह भरपाई करती नजर आ रही है। संसद सत्र के सुचारू संचालन न होने से विधायी कार्यों का सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। दूसरे दलों की राय को अहमियत दिए बिना और बिना चर्चा व बहस के कई अहम विधेयक मिनटों में मोदी सरकार पास करा रही है। ऐसा लग रहा है मानो विधेयक पास कराने की महज औपचारिकता पूरी की जा रही है। जबकि संसद को एक मिनट चलाने में करीब ढाई लाख रुपये खर्च होते हैं और इस हिसाब से जनता के करोड़ों रुपये स्वाहा हो रहे हैं। कानून बनाने की जगह संसद में किसी विधेयक पर कम चर्चा होने का मतलब है संसद में लोकतंत्र का नहीं होना। बहस में विपक्ष की राय न लिए जाने से महज औपचारिकता का एहसास होता है। विधेयक एक बार पारित हो गया और कानून की शक्ल में बदल गया तो इसमें बदलाव लाने में फिर लंबा वक्त लग जाता है। मिनटों में पास हुए एक या दोनों सदनों से अहम विधेयक फैक्टरिंग रेगुलेशन (अमेंडमेंट) विधेयक 2021- 26 जुलाई को लोकसभा से 13 मिनट में पारित, इसमें बिल पेश करने वाला समय भी शामिल राज्यसभा में यह बिल 14 मिनट में पारित, केवल पांच सांसदों ने बहस में हिस्सा लिया द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी इंटर्नप्नोयरशिप एंड मैनेजमेंट बिल 26 जुलाई को लोकसभा से छह मिनट में पारित द मरीन एड्स टू नेविगेशन बिल 2021 27 जुलाई को राज्यसभा से 40 मिनट में पारित जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटक्शन ऑफ चिल्ड्रन) संशोधन बिल, 2021 28 जुलाई को विपक्ष के शोर-शराबे के बीच राज्यसभा से 18 मिनट में पारित",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%af%e0%a5%87%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b8%e0%a5%80/,येद्दियुरप्पा की कुर्सी जाते ही भ्रष्टाचार मामले में नोटिस जारी,"कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येद्दियुरप्पा की कुर्सी जाते ही मुश्किलों का दौर शुरू हो गया है। भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने येदियुरप्पा को नोटिस जारी कर तलब किया है। आवासीय परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में मंगलवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और उनके बेटे के साथ ही भाजपा के प्रदेश उपाध्ययक्ष बी वाई विजयेंद्र, उनके परिवार के सदस्यों, पूर्व मंत्री एस टी सोमशेखर और भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी को भी नोटिस जारी किया है। जस्टिस एस सुनील दत्त यादव की एकल पीठ ने कार्यकर्ता टी जे अब्राहम की याचिका पर इन सभी के खिलाफ नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। इस साल आठ जुलाई को विशेष अदालत द्वारा जारी आदेश को याचिका के जरिए चुनौती दी गई है। विशेष अदालत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री येद्दियुरप्पा और तत्कालीन मंत्री सोमशेखर पर मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगने वाला मामला खारिज कर दिया था। यह मामला बेंगलुरु विकास प्राधिकरण की एक आवासीय परियोजना के लिए कथित रिश्वत लेने से जुड़ा हुआ है। इस विषय पर कर्नाटक विधानसभा में भी चर्चा हो चुकी है जब विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने एक अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था और गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं, येदियुरप्पा और उनके बेटे ने आरोपों को खरिज कर दिया था।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%8f%e0%a4%a1%e0%a4%bf%e0%a4%9f%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b8/,पेगासस मुद्दे पर एडिटर्स गिल्‍ड ऑफ इंडिया ने भी सुप्रीम कोर्ट...,"सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले को लेकर अब एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी याचिका दाखिल करते हुए एस.आई.टी से जांच कराने की मांग की है। पेगासस मुद्दे पर पहले ही शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं, जिन पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। साथ ही पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है। याचिका में केंद्र सरकार को निगरानी के लिए स्पाइवेयर तैनात करने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ किए गए अनुबंधों का विवरण देने के लिए कहा गया है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%ae/,पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते हो सकती है...,"पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है। जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते केस को लिस्ट कर सकता है। कपिल सिब्बल ने पेगासस मामले में वरिष्ठ पत्रकार की याचिका को न्यायाधीश एन वी रमना के समक्ष रखा और जल्द सुनवाई की मांग की है। मुख्‍य न्‍यायाधीश ने कहा कि वो अगले हफ्ते मामले की सुनवाई करेंगे लेकिन वर्क लोड भी देखना होगा। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत में ‘द हिंदू’ के पूर्व मुख्य संपादक एन राम और संस्थापक एशियानेट, शशि कुमार (निदेशक एसीजे) द्वारा एक और याचिका दाखिल की गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट से पेगासस स्पाइवेयर पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में के एक मौजूदा या सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में जांच की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर ये तीसरी याचिका है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%9f%e0%a4%95-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac%e0%a4%b8%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c-%e0%a4%ac%e0%a5%8b%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%ae/,कर्नाटक में बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली,"बीएस येद्दियुरप्पा कर्नाटक के चार बार मुख्यमंत्री रहे, लेकिन एक भी बार उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। भाजपा सरकार के दो साल के मौके पर इस्तीफे के बाद मंगलवार को बसवराज बोम्मई को नया मुख्यमंत्री का चेहरा चुना गया। बसवराज बोम्मई ने बुधवार को कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में किया जाएगा। बुधवार को शपथ लेने से पहले लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बोम्मई शपथ से पहले अंजनेय मंदिर में भगवान का आशीर्वाद लेने गए। शपथ लेने से पहले उन्होंने कहा कि आज हम एक कैबिनेट बैठक करेंगे, इसके बाद एक वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की जाएगी। राज्य में कोरोना के हालात और बारिश व बाढ़ को लेकर हालात की समीक्षा की जाएगी। 61 वर्षीय कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई जल संसाधन एवं सहयोग मंत्रालय के साथ-साथ उन्होंने हवेरी और उडुपी जिलों के प्रभारी मंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं। 1960 में जन्मे बोम्माई मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं और उन्होंने अपनी सियासी पारी की शुरुआत राज्य में जनता दल के साथ की थी। बोम्मई अभी राज्य के गृह मंत्री के साथ संसदीय कार्य मंत्री और कानून मंत्री का पद भी संभाल रहे थे। बोम्मई को बीएस येदियुरप्पा का करीबी माना जाता है। बोम्मई के पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बता दें कि राज्य में दो साल बाद चुनाव होने हैं, जिसमें लिंगायत समुदाय को साधना भाजपा के लिए जरूरी था। कर्नाटक की आबादी में लिंगायत समुदाय की भागीदारी करीब 17 फीसदी है। 224 सदस्यीय विधानसभा सीटों पर 100 से ज्यादा सीटों पर लिंगायत समुदाय प्रभावी माना जाता है। बसवराज 2008 में भाजपा में शामिल हुए और तभी लगातार पार्टी में अपने काम के बल पर पैठ बनाते गए।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%ae-%e0%a4%b8%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%86%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-75-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2/,सुप्रीम सवाल: आजादी के 75 साल बाद भी राजद्रोह कानून की...,"सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह या राजद्रोह कानून को अंग्रेजों के जमाने का कॉलोनियल कानून बताते हुए इस पर तल्ख टिप्पणियां की है। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि आजादी के 75 साल बाद भी देश में इस कानून की क्या जरूरत है। अदालत ने यह भी कहा कि संस्थानों के संचालन के लिए ये कानून बहुत गंभीर खतरा है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये अधिकारियों या एजेंसियों को कानून के गलत इस्तेमाल की बड़ी ताकत देता है और इसमें उनकी कोई जवाबदेही भी नहीं होती। इससे लोगों की अभिव्यिक्ति की स्वतंत्रता का भी खतरा है। बढ़ई के हाथ में कुल्हाड़ी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षत वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि राजद्रोह की धारा 124ए का बहुत ज्यादा दुरुपयोग हो रहा है। ये ऐसा है कि किसी बढ़ई को लकड़ी काटने के लिए कुल्हाड़ी दी गई हो और वो इसका इस्तेमाल पूरा जंगल काटने के लिए ही कर रहा हो। इस कानून का ऐसा असर पड़ रहा है। अगर कोई पुलिसवाला किसी गांव में किसी को फंसाना चाहता है तो वो इस कानून का इस्तेमाल करता है। लोग डरे हुए हैं। इसके आरोपों का सामना करने वाले बेहद कम लोग ही सजा पाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम किसी राज्य सरकार या केंद्र सरकार पर आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन देखिए कि आईटी एक्ट की धारा 66ए का अब भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि इसे असंवैधानिक घोषित किया जा चुका है। कितने ही दुर्भाग्यशाली लोग परेशान हो रहे हैं और इसके लिए किसी की भी जवाबदेही तय नहीं की गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ही इस पर आश्चर्य जताया था कि जिस धारा 66A को 2015 में खत्म कर दिया गया था, उसके तहत अभी भी एक हजार से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। हालांकि, अब केंद्र सरकार ने कहा है कि इसके तहत दर्ज मामले वापस लेगी और आगे भी कोई शिकायत दर्ज नहीं की जा जाएगी।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-2024-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%b5-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%aa/,कांग्रेस में 2024 के चुनाव से पहले संगठन में बड़े फेरबदल...,"कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव और उससे पहले होने वाले विधानसभाओं के चुनावों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर खुद को फिर मजबूती से खड़ा करने की कवायद शुरू कर दी है। राज्यों में नए अध्यक्षों की तैनाती से लेकर कांग्रेस संगठन में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट दिख रही है। पार्टी अध्यक्ष से लेकर लोकसभा और राज्यसभा में ज्यादा असरदार और प्रभावी दिखने के लिए कुछ नई तैनातियों की तैयारी भी हो सकती हैं। शुरुआत पंजाब से हो रही है जहाँ नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष पद देने के अलावा संगठन में उच्च स्तर पर कुछ और नियुक्तियां करने और सरकार में विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व संतुलित करने की तैयारी है। रफाल लड़ाकू विमान खरीद में अनियमितताओं की फ्रांस में जांच शुरू होने, हाल की दूसरे कोरोना लहर के कहर में मोदी सरकार के प्रति जनता का भरोसा डगमगाने, विकराल बेरोजगारी, महंगाई से आम जनता पर असर होने, देश की आर्थिक सेहत बिगड़ने जैसे बड़े मुद्दों के अब खुलकर सामने आने और जनता में इनसे उपजी नाराजगी को देखते हुए कांग्रेस ने कमर कसने की तैयारी की है। उसे लगता है कि अब उसके फिर से खड़े होने के लिए सही समय है। पार्टी ने जहाँ अपने मुख्यमंत्रियों को जनता से किये वादे पूरे करने और सरकार की छवि पर विशेष ध्यान देने के सख्त निर्देश देने का फैसला कर लिया है वहीं राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी नेताओं के रोल तय करने की भी तैयारी कर ली गयी है। ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेतृत्व और हाल तक बागी रुख अपनाने वाले जी-23 के गुलाम नबी आज़ाद, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल जैसे नेताओं को मना लिया गया है। खबर है कि कांग्रेस अनुभवी गुलाम नबी आज़ाद को तमिलनाड से राज्य सभा में वापस ला सकती ला सकती है, जहाँ उसकी डीएमके के साथ सरकार है। मनीष तिवारी को लोकसभा में जिम्मेवारी दी जा सकती है जबकि आनंद शर्मा को उनके गृह राज्य हिमाचल प्रदेश भेजा जा सकता है, जहाँ पार्टी ने हाल में अपने सबसे बड़े नेता वीरभद्र सिंह को खो दिया है। हिमाचल में अगले साल चुनाव भी हैं। कांग्रेस जल्दी ही पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा आदि को लेकर फैसला करने की तैयारी में है। शुरुआत पंजाब से हो सकती है जहाँ नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद देने की बात इसलिए सिरे चढ़ गयी है क्योंकि मुख्यमंत्री और अनुभवी कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह इसके लिए तैयार हो गए हैं। अमरिंदर अगले साल के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का मुख्य चेहरा रहेंगे। वहां हिन्दू वर्ग को बेहतर प्रतिनिधित्व देने की तैयारी है साथ ही विपक्षी अकाली दल-बसपा गठबंधन बनने से उपजे माहौल की हवा निकालने के लिए दलित उपमुख्यमंत्री बनाने की बात भी पार्टी के भीतर है। पार्टी में एक वर्ग सिद्धू के साथ दो कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाना चाहता है जिसमें हिन्दू-दलित प्रतिनिधित्व हो। राजस्थान में पार्टी के युवा चेहरे सचिन पॉयलट को भी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने की बात चल रही है। वे पहले प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनके समर्थकों को सरकार में ज्यादा प्रतिनिधित्व भी दिया जाएगा। पार्टी के भीतर के मसलों पर गहरी नजर और जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ नेता ने इस संवाददाता को बताया कि सोनिया गांधी से लेकर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी किसी भी नेता को अब पार्टी से बाहर जाने नहीं देना चाहते। गांधी संगठन को अब धार देने और भाजपा के खिलाफ मजबूती से खड़ा करने की तैयारी में जुट गए हैं। यह भी लगता है कि वरिष्ठ और युवा नेताओं में बेहतर समन्वय बनाने की गंभीर कोशिश भी शुरू की जा रही है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%af%e0%a5%81%e0%a4%b5%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%ac/,प्रधानमंत्री की युवा कैबिनेट: कैबिनेट में सबसे युवा मंत्री की उम्र 35...,"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार कैबिनेट में फेरबदल कर कैबिनेट का विस्तार किया है। पिछली परिषद में कैबिनेट परिषद की संख्या 21 व राज्य मंत्री की संख्या 32 थी। जिसे बढ़ाकर अब वर्तमान परिषद में 30 कैबिनेट व 47 राज्य मंत्री नियुक्त किए गए है। प्रधानमंत्री के नए मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की कुल संख्या 53 से बढ़कर 77 हो गई है। कैबिनेट में विस्तार के साथ युवाओं को जगह दी गई है। वर्तमान में मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयु 70 वर्ष है। कैबिनेट में सबसे उम्रदराज़ मंत्री सोमप्रकाश है। जिनकी आयु 72 वर्ष है। व मंत्रिपरिषद में सबसे कम उम्र के मंत्री भाजपा के पश्चिम बंगाल से कूचबिहार पहुंचे सांसद निशीथ प्रमाणिक है जो कि केवल 35 वर्ष के है। मंत्रिमंडल में अन्य मंत्रियों की आयु का आंकड़ा इस प्रकार है। तीन मंत्रियों की उम्र 70 से अधिक, 40 से कम उम्र के दो मंत्री, 40 से 50 के अंतर्गत उम्र के 10 मंत्री, 50 से 60 उम्र के 26 मंत्री और 36 मंत्री ऐसे है जिनकी उम्र 60 से 70 की है व मंत्रियों की औसत उम्र 58 वर्ष है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a1%e0%a4%b2-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%be/,मंत्रिमंडल विस्तार : बंगाल की हार का गम छिपाने और अगले...,"बंगाल में दो महीने पहले अप्रत्याशित हार और अगले साल पांच विधानसभा चुनावों की बड़ी चुनौती। मंत्रिमंडल का विस्तार संकेत करता है कि भाजपा ने पूरा फोकस चुनाव पर रखा है। कई बड़े मंत्रियों के इस्तीफे ले लिए गए हैं जिनमें से कुछ संगठन में ‘एडजस्ट’ किये जाने वाले हैं। भाजपा विधानसभा चुनाव वाले राज्यों पर तो फोकस कर ही रही है, उसने 2024 के लोकसभा चुनाव को भी नजर में रखा है। साथ ही उसकी नजर राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों पर भी है, जहाँ कांग्रेस खुद या गठबंधन में या टीएमसी सरकार में है। आज कुल 43 मंत्रियों की शपथ हुई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पीएम नरेंद्र मोदी और उप राष्ट्रपति वैंकैया नायडू भी अन्य के साथ उपस्थित थे। उत्तर प्रदेश का भी ख़ास ख्याल रखा गया है जहाँ अगले साल के विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए बहुत बड़ी चुनौती हैं। जेडीयू को एक ही मंत्री पद मिलना भी दिलचस्प है। हो सकता है इससे नीतीश कुमार की जेडीयू में हलचल हो। यह भी दिलचस्प है कि कई मंत्री राज्यसभा से बनाये गए हैं। युवा चेहरे लेकर युवाओं को लुभाने का प्रयास है, लेकिन इसके लिए सरकार को उन्हें रोजगार भी देना होगा। दलित/पिछड़े पर मोदी ने मेहरबानी बरती है, जो यह संकेत करता है कि भाजपा को इस वर्ग की नाराजगी का डर है। आज सरकार ने जिस बड़े पैमाने पर मंत्रियों की छुट्टी की है उससे यह संकेत गया है कि प्रधानमंत्री मान रहे हैं कि इन मंत्रियों का काम संतोषजनक नहीं रहा है। हाल में कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह लोग आक्सीजन की कमी से सड़कों पर ही मर गए उससे मोदी सरकार ही नहीं, खुद पीएम मोदी की छवि को ठेस लगी है। यह मंत्रिमंडल विस्तार, जातिगत गुणाभाग, इलाका प्रतिनिधित्व इस ठेस पर कितना मरहम लगा पायेगा, इसकी कुछ झलक अगले साल के विधानसभा चुनावों में ही मिल जाएगी। आज बड़ा मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। कुल 15 तो केबिनेट मंत्री ही हैं। शायद हाल के दशकों में ऐसा कम ही हुआ है। जाहिर है नए मंत्री बनने से सरकार पर खर्चा भी बढ़ेगा। बेहद खराब आर्थिक स्थिति के बीच विपक्ष इसे लेकर सरकार की निंदा कर रहा है। कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा सरकारी और जनता के पैसे से अगले चुनावों का प्रबंधन कर रही है। आज के मंत्रिमंडल विस्तार में मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात के अलावा कर्नाटक से भी काफी मंत्री लिए हैं। इससे उनकी चिंता लोकसभा के 2024 के चुनाव की दिखती है। बड़े राज्यों, जहाँ से ज्यादा लोकसभा सदस्य आते हैं, उन राज्यों पर ख़ास नजर रखी गयी है। पश्चिम बंगाल से चार मंत्री बनाना जताता है कि भले भाजपा विधानसभा में हार गयी हो, जिस तरह उसके लोग टीएमसी में जा रहे हैं, उसकी भरपाई मंत्री बनाकर पीएम मोदी ने की है। तमिलनाड से भी एक मंत्री बनाया है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b0%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b6%e0%a4%82%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a5%9c%e0%a5%87%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%8d/,"रविशंकर, जावड़ेकर, हर्षवर्धन सहित 12 मंत्रियों के इस्तीफे, 43 मंत्री बनने...","मंत्रिमंडल में विस्तार से कुछ घंटे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंत्रियों के इस्तीफे की कतार लग गयी है। इनमें प्रमुख मंत्री क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, देश में अपने कार्यकाल में नई शिक्षा नीति लाने वाले मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से लेकर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी शामिल हैं जिनके कार्यकाल में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश में जो कुछ हुआ उससे भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को बड़ा झटका लगा। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी का चिराग गुट पशुपति पारस को लोकसभा में पार्टी नेता बनाने के फैसले के खिलाफ कोर्ट में पहुँच गया है। भाजपा अपने कुछ मंत्रियों को संगठन में ला सकती है। बंगाल में चुनाव के बाद अब अगले साल होने वाले 6 राज्यों के चुनाव से पहले भाजपा मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार के जरिये एक नए तेवर के साथ जनता के सामने आना चाहती है। विस्तार से पहले जिन मंत्रियों के अभी तक इस्तीफे हो चुके हैं उनमें रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन और निशंक के अलावा जलशक्ति मंत्रालय राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया, केमिकल फर्टिलाइजर मंत्री सदानंद गौड़ा, प्रताप सारंगी, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, बाबुल सुप्रियो, अश्विनी चौबे, संतोष गंगवार, राव साहेब दानवे पाटिल, प्रताप सारंगी, देबोश्री चौधरी शामिल हैं जबकि थावरचंद गहलोत को दो दिन पहले राज्यपाल बना दिया गया था। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का इस्तीफा सबसे ज्यादा हैरान करने वाला है। उनसे इस्तीफा लेकर मोदी सरकार ने एक तरह से स्वीकार कर लिया है कि वह कोरोना की दूसरी लहार को सँभालने में नाकाम रही। उनके डेपुटी अश्विनी चौबे भी उनके साथ ही सरकार से बाहर हो गए हैं। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी का चिराग गुट पशुपति पारस को लोकसभा में पार्टी नेता बनाने के फैसले के खिलाफ कोर्ट में पहुँच गया है। आज शाम मंत्रिमंडल का फेरबदल और विस्तार है जिसमें कुल 43 मंत्री बन रहे हैं। इनमें कुछ पुराने प्रोमोशन वाले और बाकी नए होंगे। यूपी से 7 मंत्री बनने वाले हैं जबकि अनुराग ठाकुर जैसे भाजपा के युवा चेहरे को राज्यमंत्री से प्रोमोशन मिलने जा रही है। नीतीश भी अपने चार मंत्री बनवाले में सफल होने वाले हैं। आज मंत्री बनने वालों या प्रोमोट होने वालों में नारायण राणे, सर्वानंद सोनोवाल, वीरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, आरसीपी सिंह, अश्विनी वैष्णव, पशुपति पारस, किरण रिजुजू, राज कुमार सिंह, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मंडाविया, भूपेंद्र यादव, परषोतम रूपला, जी किशन रेडी, अनुराग सिंह ठाकुर, पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल, एसपीएएस बघेल, राजीव चंद्रशेखर, शोभा करदांजले, बीएपीएस वर्मा, डीवी जंद्रोष, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, ए नारायणसामी, कौशल किशोर, अजय भट्ट, बीएल वर्मा, अजय कुमार, देवू सिंह चौहान, भगवंथ खुबा, कपिल एम पाटिल, प्रतिमा भौमिक, सुभास सरकार, भगवंत कृष्ण राव कराड़, राजकुमार रंजन सिंह, भारती प्रवीण पवार, बिशेश्वर टुडू, शांतनु ठाकुर, मुंजापारा महेन्द्रभाई, जॉन बारला और एल मुरुगन।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a1%e0%a4%b2-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%b9/,"मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कई मंत्रियों के इस्तीफे, पारस को लेकर...","मंत्रिमंडल में विस्तार से कुछ घंटे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंत्रियों के इस्तीफे की कतार लग गयी है। इनमें प्रमुख मंत्री देश में अपने कार्यकाल में नई शिक्षा नीति लाने वाले मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से लेकर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी शामिल हैं जिनके कार्यकाल में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश में जो कुछ हुआ उससे भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को बड़ा झटका लगा। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी का चिराग गुट पशुपति पारस को लोकसभा में पार्टी नेता बनाने के फैसले के खिलाफ कोर्ट में पहुँच गया है। बंगाल में चुनाव के बाद अब अगले साल होने वाले 6 राज्यों के चुनाव से पहले भाजपा मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार के जरिये एक नए तेवर के साथ जनता के सामने आना चाहती है। विस्तार से पहले जिन मंत्रियों के अभी तक इस्तीफे हो चुके हैं उनमें हर्षवर्धन और निशंक के अलावा जलशक्ति मंत्रालय राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया, केमिकल फर्टिलाइजर मंत्री सदानंद गौड़ा, प्रताप सारंगी, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, बाबुल सुप्रियो, अश्विनी चौबे, संतोष गंगवार, राव साहेब दानवे पाटिल, प्रताप सारंगी, देबोश्री चौधरी शामिल हैं जबकि थावरचंद गहलोत को दो दिन पहले राज्यपाल बना दिया गया था। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का इस्तीफा सबसे ज्यादा हैरान करने वाला है। उनसे इस्तीफा लेकर मोदी सरकार ने एक तरह से स्वीकार कर लिया है कि वह कोरोना की दूसरी लहार को सँभालने में नाकाम रही। उनके डेपुटी अश्विनी चौबे भी उनके साथ ही सरकार से बाहर हो गए हैं। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी का चिराग गुट पशुपति पारस को लोकसभा में पार्टी नेता बनाने के फैसले के खिलाफ कोर्ट में पहुँच गया है। आज शाम मंत्रिमंडल का फेरबदल और विस्तार है जिसमें कुल 43 मंत्री बन रहे हैं। इनमें कुछ पुराने प्रोमोशन वाले और बाकी नए होंगे। यूपी से 7 मंत्री बनने वाले हैं जबकि अनुराग ठाकुर जैसे भाजपा के युवा चेहरे को राज्यमंत्री से प्रोमोशन मिलने जा रही है। नीतीश भी अपने चार मंत्री बनवाले में सफल होने वाले हैं। आज प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वालों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वानंद सोनोवाल, भूपेन्द्र यादव, आरसीपी सिंह, अजय भट्ट, पशुपति पारस, नारायण राणे, अनिल बलूनी, मीनाक्षी लेखी, शोभा करांडलजे, अनुप्रिया पटेल, हिना गावित, सुश्री प्रीतम मुंडे, कपिल पाटिल, शांतनु ठाकुर, बीएल वर्मा, अजय मिश्रा, सुनीता दुग्गल, भागवत कराड, भारती पवार, अनुराग ठाकुर, जी किशन रेड्डी और पुरुषोत्तम रुपाला आदि शामिल हैं।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%85%e0%a4%ae%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%85%e0%a4%a7%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%95%e0%a5%8d/,"अमरिंदर की पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बैठक शुरू, आज मिल...","पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह की पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ 10 जनपथ पर बैठक शुरू हो गयी है। इस बैठक को काफी महत्वपूर्व माना जा रहा है क्योंकि आज सुबह ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी सोनिया गांधी से मिले हैं। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के साथ नवजोत सिंह सिद्धू की पिछले हफ्ते मुलाकात के बाद कैप्टेन की पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ यह बैठक बहुत अहम है। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में दोनों (सिद्धू-अमरिंदर) के बीच तनातनी के मुद्दों के अलावा, जनता से किये वादे पूरे न होने, पंजाब में सरकार में दलित को उपमुख्यमंत्री बनाने और प्रचार समिति के अध्यक्ष पद के लिए चयन मुख्य मुद्दे होंगे।जनता को बिजली दरों में राहत की घोषणा भी आने वाले दिनों में सीएम कर सकते हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान पंजाब में हिन्दुओं को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए उपमुख्यमंत्री और अगले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार समिति के अध्यक्ष का पद उन्हें देना चाहती है, यदि सिद्दू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद दिया जाता है तो। वैसे तो मुख्यमंत्री अमरिंदर प्रदेश में दोनों मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद सिख को देने के खिआफ़ हैं, लेकिन यदि कोई फार्मूला बनाकर कांग्रेस आलाकमान ने ऐसा फैसला किया होगा तो शायद अमरिंदर उसे मानने को तैयार हो जाएँ। यह तय है कि अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाना शायद मुश्किल होगा। चुनाव तक उनके ही सीएम रहने की संभावना है। लेकिन चूँकि उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव के समय इसे अपना ‘आखिरी चुनाव’ बताया था, कांग्रेस अध्यक्ष उन्हें इसका ध्यान करवा सकती हैं। ऐसे में किसी और को चुनाव के समय आगे करने की बात बैठक में हो सकती है जबकि अमरिंदर को कांग्रेस संगठन में ऊँचा ओहदा देने की बात हो सकती है। फिलहाल आज की बैठक के बाद कुछ ठोस संकेत पंजाब कांग्रेस को लेकर मिल सकते हैं। यह भी ध्यान देने की बात है कि सिद्दू अभी भी अमरिंदर के खिलाफ तल्ख बने हुए हैं। पंजाब से मिल रही रिपोर्ट्स भी यही हैं कि कैप्टेन सरकार कई वाडे पूरे करने में नाकाम रही है, जिससे जनता में नाराजगी है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%af-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a4%b9%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%a4-%e0%a4%95%e0%a4%b0/,"केंद्रीय मंत्री गहलोत कर्नाटक के राज्यपाल बने, 7 और का दूसरे...","मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार से ऐन पहले वरिष्ठ भाजपा नेता थावरचंद गहलोत की केंद्रीय मंत्री पद से छुट्टी करते हुए उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त नियुक्त किया गया है। इसके अलावा सात लोगों की राज्यपाल पद पर नियुक्ति की गयी है या राज्यपालों को बदला गया है। गहलोत को संभवता 75 साल के दायरे में रखते हुए राज्यपाल बना दिया गया है। गहलोत को मंत्री पद से हटाकर राज्यपाल नियुक्त किया गया है। इन नामों में थावरचंद गहलोत सबसे ऊपर हैं जिन्हें केंद्रीय मंत्री से हटाकर कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। बता दें गहलोत को मोदी सरकार में बड़े दलित चेहरे के तौर पर देखा जाता था। जाहिर है उनकी जगह किसी दलित को मोदी सरकार में मंत्री पद मिलना तय हो गया है। इसके अलावा सरकार ने कई राज्यों के राज्यपाल भी बदल दिए हैं। सरकार ने हिमाचल के राज्यपाल भंडारू दत्तात्रेय को अब तबादला कर हरियाणा का गवर्नर नियुक्त किया है। इसके अलावा सत्यदेव नारायण आर्य का तबादला त्रिपुरा के गवर्नर के तौर पर हुआ है। उधर पीएस श्रीधरन पिल्लई को अब गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राजेंद्रन विश्वनाथ अर्लेकर को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। मंगूभाई चांगभाई पटेल को मध्य प्रदेश का राज्यपाल और हरि बाबू को मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।पूरी सूची * थावरचंद गहलोत : कर्नाटक * हरि बाबू कंभमपति : मिजोरम * मंगूभाई छगनभाई पटेल : मध्य प्रदेश * राजेंद्रन विश्वनाथ अर्लेकर : हिमाचल * पीएस श्रीधरन पिल्लई : गोवा * सत्यदेव नारायण आर्य : त्रिपुरा * रमेश बैस : झारखंड * बंडारू दत्तात्रेय : हरियाणा",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%ae%e0%a4%a3-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a4%a4-%e0%a4%89/,निर्मला सीतारमण के राहत उपायों को मिली कैबिनेट से मंजूरी,"दिल्ली में आज कैबिनेट और आर्थिक मामलों की केंद्रीय समिति की बैठक हुई थी। जिसके अंतर्गत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दो दिन पहले कोरोना महामारी के दौरान घोषित किए गए चौथे राहत पैकेज पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिससे की महामारी के दौरान लोगों को सरकार की तरफ से जल्द से जल्द मदद मिल सके कोविड-19 के दौरान दिक्कतों का सामना कर रहे सभी क्षेत्रों को वित्त मंत्री द्वारा 6 लाख 28 हजार करोड़ की मदद का खाका बताया गया था। जिसे आज की कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि, इस बैठक में पावर और टेलिकॉम सेक्टर पर अहम फैसले लिए गया है। इसमें पावर डिस्ट्रीब्यूशन रिफॉर्म के लिए 3.03 लाख करोड़ रुपयो व भारत नेट प्रोजेक्ट को 19 हजार करोड़ रूपये के आवंटन को मंजूरी दे दी गई है। आपको बता दें कि, भारत नेट गांवों में प्रत्येक ग्राम पंचायत में ब्रॉडबैंड कनेक्शन पहुंचाने की एक बड़ी योजना है। इस योजना में केंद्रीय सरकार द्वारा 42 हजार करोड़ रुपये पहले दे दिए जा चुके थे और अब इसमें 19 हजार करोड़ रुपये की अधिक राशि दी जा रही है जिससे की इस मद में कुल राशि 61 हजार करोड़ हो गई है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/pilots-non-adherence-to-standard-operating-procedure-probable-cause-for-kozhikode-plane-crash-aaib-report-revealed?src=top-lead,"कोझिकोड विमान हादसा: जांच रिपोर्ट में खुलासा- पायलट ने नहीं किया एसओपी का पालन, 21 लोगों की गई थी जान","पिछले साल अगस्त में केरल के कोझिकोड में हुए विमान हादसे को लेकर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने शनिवार को करीब एक साल बाद जांच रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे की संभावित वजह पायलट का मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं करना हो सकती है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हादसे के लिए प्रणालीगत विफलताओं (सिस्टेमिक फेलियर) की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। बता दें कि 7 अगस्त 2020 को बोइंग 737-800 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। हादसे के वक्त उसमें 190 यात्री सवार थे। भारी बारिश के बीच केरल के कोझिकोड हवाईअड्डे पर उतरने की कोशिश के दौरान विमान रनवे से आगे निकल गया था। इसमें उसके टुकड़े-टुकड़े हो गए थे। हादसे में दो पायलटों सहित 21 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/cji-says-allahabad-hcs-1975-verdict-disqualifying-then-pm-indira-gandhi-was-the-judgment-of-great-courage,सीजेआई रमण की राय : 1975 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी को अयोग्य घोषित करना बड़ा साहसी फैसला था,"देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने शनिवार को एक कार्यक्रम में बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चुनावी अनियमितता के चलते अयोग्य ठहराने का फैसला बड़ा साहसी निर्णय था। इस निर्णय ने देश को झकझोर दिया था और इसके चलते देश में आपातकाल लगा था। सीजेआई रमण ने शनिवार को इलाहाबाद में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के साथ कई कार्यक्रमों में शिरकत की। उन्होंने उत्तर प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी व हाईकोर्ट के नए भवन परिसर की आधार शिला भी रखी। इस मौके पर जस्टिस रमण ने देश की समृद्ध परंपराओं और सबसे पुरानी हाईकोर्टों में से एक इलाहाबाद हाईकोर्ट के योगदान को याद किया। सीजेआई रमण ने कहा, '1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जगमोहन लाल सिन्हा ने एक निर्णय सुनाया था, उससे देश हिल गया था। उन्होंने इंदिरा गांधी को अयोग्य घोषित कर दिया था। वह बड़ा ही साहसी फैसला था। कहा जाता है कि इसी के चलते आपातकाल की घोषणा की गई थी। आपातकाल के अंजाम को विस्तार में मैं नहीं बताना चाहता।' सीजेआई ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का 150 से अधिक वर्षों का इतिहास है और इसके बार और बेंच ने देश के कुछ महान कानूनी दिग्गजों को पैदा किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जगमोहन लाल सिन्हा द्वारा 12 जून, 1975 को दिए गए फैसले ने तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को चुनावी कदाचार का दोषी ठहराया था। इसके साथ ही उन्हें जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत किसी भी निर्वाचित पद पर रहने से रोक दिया था। माना जाता है कि इस फैसले के कारण 25 जून, 1975 को आपातकाल लगा दिया गया था। इंदिरा गांधी ने 1971 का लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से अपने प्रतिद्वंद्वी राज नारायण को हराकर जीता था। पराजित नेता ने चुनावी कदाचार का आरोप लगाते हुए उनके चुनाव को चुनौती दी थी। राज नारायण ने कहा था कि इंदिरा गांधी के चुनाव एजेंट यशपाल कपूर एक सरकारी कर्मचारी थे। इंदिरा गांधी ने निजी चुनाव कार्यों के लिए सरकारी अधिकारियों का इस्तेमाल किया था।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/corona-3075-new-corona-cases-found-in-maharashtra-more-than-1600-new-cases-in-tamil-nadu,"कोरोना: महाराष्ट्र में 3075 तो मुंबई में 365 नए केस मिले, तमिलनाडु में 1600 से ज्यादा नए मामले","देश में दूसरी कोरोना लहर अभी जारी है। इसके चलते कुछ राज्यों में अब भी बड़ी संख्या में नए संक्रमित मिल रहे हैं। शनिवार को महाराष्ट्र में 3075 तो तमिलनाडु में 1600 नए केस मिले। इस बीच अच्छी खबर आई है कि जॉयडस कैडिला की कोरोना रोधी वैक्सीन जॉयकोव-डी अक्तूबर के आरंभ तक आ जाएगी। दवा कंपनी जॉयडस कैडिला से कंपनी से जुड़े सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। यह वैक्सीन 12 साल तक के बच्चों को भी लगाई जा सकेगी। महाराष्ट्र में गत 24 घंटे में जहां 3075 नए मरीज मिले हैं, वहीं 3056 लोग ठीक हुए हैं। 35 लोगों की महामारी के चलते मौत हो गई। राज्य में अभी 16,672 सक्रिय केस हैं। महानगर मुंबई में शनिवार को कोरोना संक्रमण के 365 नए मामले सामने आए और चार लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही मुंबई में अब तक कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,34,702 हो गई है। वहीं मृतक संख्या बढ़कर 16015 हो गई है। मुंबई में रिकवरी रेट 97 फीसदी है। फिलहाल शहर में कोई कंटनेमेंट जोन नहीं है। पांच या इससे ज्यादा केस मिलने पर 43 बिल्डिंगों को सील किया गया है। गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन जारी इस बीच, मुंबई में शनिवार को गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला भी शुरू हो गया। शनिवार को 563 प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। विसर्जन की प्रक्रिया बृहन्मुंबई नगर पालिका व पुलिस के सहयोग से की जा रही है, क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए भीड़ से बचाव हो सके। तमिलनाडु में 27 की मौत उधर, तमिलनाडु में बीते 24 घंटे में 1639 नए कोरोना मरीज मिले हैं। इस दौरान 27 की मौत हो गई। 1517 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिली है। राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या अब 26,32,231 हो गई है। बता दें, देश में दूसरी लहर का असर अभी खत्म नहीं हुआ है, वहीं अगले माह तक तीसरी कोरोना लहर का अंदेशा जताया जा रहा है। इसे देखते हुए शुक्रवार को पीएम मोदी ने राज्यों के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने दवाओं व अस्पतालों में बेड का पर्याप्त इंतजाम रखने के निर्देश दिए हैं।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/kerala-test-results-of-20-more-people-from-nipah-contact-list-turned-negative,"निपाह: मृत संक्रमित के संपर्क में आए लोगों में से 20 और के टेस्ट निगेटिव, अब तक 108 की जांच में नहीं मिला संक्रमण","केरल में निपाह वायरस से संक्रमित लड़के के संपर्क में आए 20 और लोगों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन 20 सैंपल में से दो की जांच एनआईवी पुणे में और 18 की कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में स्थापित विशेष लैब में जांच की गई थी। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि इन 20 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अब तक कुल 108 की रिपोर्ट में निपाह वायरस का संक्रमण नहीं मिला है। कोझिकोड में मृत संक्रमित लड़के के संपर्क में 200 से ज्यादा लोग आए थे। इन्हें आइसोलेट किया गया है। इनमें से कुछ में लक्षण मिले थे। हालांकि मृतक के अलावा अब तक किसी अन्य में इस घातक वायरस का संक्रमण नहीं मिला है। Test results of 20 more people, from Nipah contact list, turned negative. 2 samples were tested in NIV Pune & remaining 18 were tested in a specially set up lab at Kozhikode Medical College. With this 108 samples were found negative: Kerala Health Min Veena George (File pic) pic.twitter.com/qkjQ4qhi9i — ANI (@ANI) September 11, 2021",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/bjp-why-do-you-have-to-change-leadership-again-and-again-don-t-hesitate-to-change-chief-minister-to-win-elections,"भाजपा: क्यों करना पड़ रहा है बार-बार नेतृत्व परिवर्तन, चुनाव जीतने के लिए मुख्यमंत्री बदलने से भी गुरेज नहीं","विजय रूपाणी जब गांधीनगर में पाटीदार समुदाय के एक शैक्षिक परिसर के शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ थे तो किसी को अंदाजा नहीं था वे कुछ घंटे बाद इस्तीफा दे देंगे। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने वर्चुअल संबोधन किया था। गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में मुख्यमंत्री बदला जा रहा है। मुख्यमंत्री पद से विजय रूपाणी के इस्तीफे के नाम चार नामों पर मंथन जारी है। बीते कुछ समय से गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें लग रही थीं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि भाजपा को उत्तराखंड और कर्नाटक के बाद गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत महसूस हुई। चुनाव जीतना पहला लक्ष्य भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं लिखे जाने की शर्त पर बताया-देखिए किसी भी राजनीतिक दल का पहला लक्ष्य होता है चुनाव जीतना और चुनाव जीतने के लिए सर्व सहमति के नेतृत्व की बड़ी शर्त होती है। यदि नेतृत्व संतोषजनक नहीं है या किसी भी तरह की सत्ताविरोधी लहर देखी जाती है तो आलाकमान को यह देखना ही पड़ता है कि चुनाव जीतने के लिए क्या किया जा सकता है। कहीं न कहीं रूपाणी पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था और वे वैसा सियासी प्रभाव नहीं जमा सके थे जैसी पार्टी को उम्मीद थी। पार्टी चाहती है कि कोई ऐसा मुख्यमंत्री बने जो शीर्ष नेतृत्व की आशाओं और उम्मीद के अनुरूप काम कर जिससे लोग रूपाणी सरकार के कामकाज के बजाए नए मुख्यमंत्री के कामकाज का आकलन करें और उसी नाम पर चुनाव लड़ा जाए। भाजपा के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल के पद संभालने के बाद रूपाणी को लेकर प्रदेश से अंसतोष की कई आवाजें सुनाई दीं। लिहाजा सीआर पाटिल ने पार्टी को यह साफ कर दिया कि अगर अगले साल चुनाव में बड़ी जीत हासिल करनी है तो फिर नेतृत्व परिवर्तन पर विचार करना ही होगा। दूसरी तरफ रूपाणी भले ही मृदुभाषी मुख्यमंत्री रहे हों, लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इससे उनकी 'कमजोर' मुख्यमंत्री होने की छवि बन गई जिससे नौकरशाह महत्वपूर्ण निर्णय लेने में हावी हो गए। दरअसल पार्टी ने पिछला विधानसभा चुनाव जैसे-तैसे जीत कर अपनी प्रतिष्ठा बचाई थी। यहां भाजपा को बड़ी मुश्किल से जीत हासिल हुई थी। भाजपा ने राज्य में लगातार छठी बार जीत तो दर्ज की लेकिन उसे 99 सीटों पर संतोष करना पड़ा था, जबकि कांग्रेस को इस चुनाव में 77 सीटें मिली थीं। गुजरात में विधानसभा की 182 सीटें हैं। पिछले तीन चुनाव में भाजपा की सीटें यहां लगातार घट रही थीं और कांग्रेस आगे बढ़ रही थी। 2007 में भाजपा ने 117 सीटें जीती थीं, जो 2017 के चुनाव में घटकर 99 पर आ गई। वहीं कांग्रेस ने 2007 के चुनाव में 59 सीटें जीती थी, जो 2017 के चुनाव में बढ़कर 77 हो गईं। गुजरात नरेंद्र मोदी का गृहराज्य माना जाता है ऐसे में यहां चुनाव जीतना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा के सवाल से कम नहीं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2002 का पहला गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ा था। जिसमें प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को 127 सीटें मिली थीं। यह अब तक भाजपा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा था। गुजरात की सत्ता में भाजपा पहली बार 1995 में आई थी। जिसका श्रेय केशुभाई पटेल को दिया जाता है। 1995 में राज्य की 182 सीटों में बीजेपी को 121 सीटें मिली थी। रूपाणी के जरिए जातीय समीकरण साधना मुश्किल था रूपाणी के इस्तीफे की दूसरी बड़ी वजह गुजरात का जातीय समीकरण भी बताया जाता है। रूपाणी के रहने से पार्टी चुनाव में जातीय समीकरण नहीं साध पाती। राज्य में पिछले ढाई दशक से राजनीति पाटीदार समाज के इर्द गिर्द ही घूमते नजर आती है, केंद्र व गुजरात सरकार में भी पाटीदार समाज के लोगों को कई अहम मंत्रालय मिले हैं। कुछ शीर्ष समुदाय के नेताओं ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि गुजरात का अगला मुख्यमंत्री पाटीदार होना चाहिए। इसी समीकरण को साधने के लिए ही कुछ समय पहले केंद्र के मंत्रिमंडल विस्तार में मनसुख मंडाविया को जगह दी गई है। रूपाणी के लिए कोरोना की दूसरी लहर भी उनकी कुर्सी के लिए खतरे की घंटी बजा कर गई। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गुजरात में अव्यवस्था की कई खबरों से प्रधानमंत्री नाराज बताए जा रहे थे। लिहाजा पार्टी नहीं चाहती कि कोई भी ऐसी स्थिति बनी रहे जिससे पार्टी के लिए चुनाव जीतना मुश्किल हो जाए। विशेषज्ञ बताते हैं कि यही बात भाजपा को दूसरी पार्टियों से अलग करती है, वो चुनाव जीतने के लिए नेतृत्व परिवर्तन से भी पीछे नहीं हटती है। जो काम कांग्रेस नहीं कर पाती, वह भाजपा बहुत आसानी से कल लेती है। रावत और येदियुरप्पा की कुर्सी भी इसी वजह से गई भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के लिए कर्नाटक और उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदलना भी चुनाव जीतने की पहली शर्त के तहत ही लिया गया फैसला था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कुर्सी भी इसलिए गई क्योंकि उन्होंने कुछ ऐसे फैसले किए थे जिससे पार्टी को चुनाव में नुकसान होने का डर था। दरअसल रावत ने गढ़वाल के हिस्से गैरसैंण मंडल में कुमांऊ के दो जिलों अल्मोड़ा और बागेश्वर को शामिल करने का फैसला किया था जिसे कुमांऊ की अस्मिता और पहचान पर हमला माना गया। सरकार के इस फैसले के खिलाफ पूरे कुमाऊं के भाजपा नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के सामने मोर्चा खोल दिया था। वहीं रावत पर अफसरशाही को बढ़ावा देने का भी आरोप था। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रावत के इन फैसलों को पार्टी ने खतरनाक माना केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें समझा दिया कि अब उनकी विदाई का वक्त आ गया है। बीएस येदियुरप्पा चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन अपने चौथे कार्यकाल में भी वो कुर्सी पर केवल दो साल ही टिक पाए। उनके खिलाफ पार्टी में असंतोष पैदा हो रहा था। सीनियर नेताओं ने उनकी अनदेखी करने का आरोप लगाया था। उन पर भ्रष्टाचार में शामिल होने और उनके बेटे के सरकारी कामकाज में दखल होने के भी आरोप लग रह थे। पार्टी में मुख्यमंत्री के खिलाफ यदि असंतोष हो तो पार्टी के लिए चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है, इसी फॉर्मूले के तहत येदियुरप्पा से मुख्यमंत्री की कुर्सी छीन ली गई। वे 2019 में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। आगे क्या उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, लोकसभा सांसद सीआर पाटिल और पुरषोत्तम रुपाला का नाम इस रेस में शामिल है। मंडाविया का नाम इस दौड़ में सबसे आगे बताया जा रहा है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। मांडविया पाटीदार समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। कोरोना महामारी के बीच में जब उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी तभी राजनीतिक पंडितों ने यह अनुमान लगाया था कि वे मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं। इसी तरह पुरुषोत्तम रूपाला भी पाटीदार समुदाय से आते हैं। सीआर पाटिल भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं। उन्हें पिछले साल जुलाई में गुजरात का पार्टी अध्यक्ष बनाया गया। वे नवसारी से तीसरी बार सांसद बने हैं। वे 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के इंचार्ज थे। इसके अलावा गोरधन जदाफिया का भी नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में है। जदाफिया गुजरात में भाजपा के उपाध्यक्ष हैं और 2002 के दंगों के दौरान गृह राज्य मंत्री थे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा वैसे प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ‘सरप्राइज’ देने के लिए जाने जाते हैं इसलिए हो सकता है जो नाम मीडिया के सामने नहीं है उनमें से किसी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया जाए। दिल्ली से कोई गया तो विधानसभा भंग होने की संभावना राजनीतिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि मांडविया, रूपाला या पाटिल में किसी को भी दिल्ली से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए भेजा जाता है तो इसका मतलब है कि विधानसभा जल्द भंग कर दी जाएगी। इन तीनों नामों में कोई मुख्यमंत्री बनते हैं तो उन्हें छह महीने के अंदर विधानसभा चुनाव लड़ना पड़ेगा। यहां चुनाव नवंबर 2022 में होने हैं। इस लिहाज से चुनाव आयोग यहां विधानसभा चुनाव नहीं कराएगा। चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक यदि विधानसभा चुनाव में छह महीने का समय बचा हो तो विशेष परिस्थितियों को छोड़कर चुनाव आयोग उपचुनाव नहीं कराता है। इसी वजह से उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देना पड़ा था। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि किसी को दिल्ली से तो इसका मतलब है कि विधानसभा भंग कर दी जाएगी और अगले साल फरवरी में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ ही गुजरात विधानसभा चुनाव भी करा लिया जाए।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/andhra-pradesh-fir-registered-in-fibernet-scam-of-rs-321-crore-responsibility-of-investigation-entrusted-to-cid,"आंध्रप्रदेश : 321 करोड़ रुपये के फाइबरनेट घोटाले में एफआईआर दर्ज, सीआईडी कर रहा भ्रष्टाचार की जांच","करीब दो माह की पड़ताल के बाद आंध्रप्रदेश के अपराध अनुसंधान विभाग सीआईडी ने एपी स्टेट फाइबरनेट लिमिटेड में हुए 321 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली। फाइबरनेट प्रोजेक्ट के तहत आंध्रप्रदेश के हर घर में टेलीफोन व इंटरनेट सेवा पहुंचाने का कार्य शुरू किया गया है। यह केंद्र सरकार की भारत नेट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। केंद्र ने इसके लिए आरंभिक रूप से 3840 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया कराई थी। यह मदद नेशनल आप्टिक फाइबर नेटवर्क के अंतर्गत दी गई थी। नौ सितंबर को दर्ज की गई एफआईआर की प्रतिलिपि शनिवार को सार्वजनिक की गई। इसमें दो कंपनियों और 16 लोगों के बतौर आरोपी के रूप में नाम हैं। शिकायत एपीएसएफएल के चेयरमैन पी. गौतम रेड्डी ने दर्ज कराई है। सीआईडी ने कहा कि ई-गवर्नेंस अथॉरिटी के शासी निकाय के तत्कालीन सदस्य वेमुरी हरिकृष्ण प्रसाद ने टेरा सॉफ्टवेयर लिमिटेड के साथ मिलीभगत कर इस कंपनी को अवैध रूप से 321 करोड़ रुपये का टेंडर दिलाया। जबकि कंपनी के पास यह टेंडर पाने की आवश्यक पात्रता नहीं थी। वेमुरी कुमार के अलावा सीआईडी ने इंफ्रास्ट्रक्चर कार्पोरेशन के तत्कालीन एमडी के. संबाशिवा राव, टेरा सॉफ्टवेयर के चेयरमैन एसएसआर कोटेश्वरराव, एमडी टी. गोपी चंद व छह अन्य निदेशकों को भी आरोपी बनाया है। इनके अलावा एक अन्य कंपनी हिमाचल फ्यूचरिस्टिक कम्युनिकेशंस लि. के छह अन्य निदेशकों को भी आरोपियों के रूप में नामजद किया गया है। कई अज्ञात सरकारी अधिकारी भी केस में आरोपी बनाए गए हैं।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/india-australia-meeting-update-s-jaishankar-rajnath-singh-marise-payne-peter-dutton,"भारत-ऑस्ट्रेलिया मंत्री स्तरीय वार्ता: दोनों देशों ने जारी किया साझा बयान, कहा- अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा पर बात हुई","भारत और ऑस्ट्रेलिया के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच गुरुवार को टू-प्लस-टू आधारित बैठक हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पीटर डटन और मारिस पायने से मुलाकात की। चारों नेताओं ने आर्थिक मुद्दों, साइबर सुरक्षा, अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर बातचीत की। इसके बाद दोनों देशों ने साझा बयान जारी किया। पत्रकारों से बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने अफगानिस्तान, हिंद-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षीय स्वरूपों में सहयोग और अन्य संबंधित विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। हमने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर मंत्री पायने और डटन के साथ गहन चर्चा की। हमने रक्षा सहयोग और वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई सहित व्यापक सहयोग के लिए विभिन्न संस्थागत फ्रेमवर्क पर भी बात की। वहीं, विदेश मंत्री विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि 4 जून 2020 को पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल लीडर्स समिट के दौरान हमारे प्रधानमंत्रियों ने हमारे संबंधों को एक व्यापक, रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। यह टू-प्लस-टू प्रारूप उस शिखर सम्मेलन का प्रत्यक्ष परिणाम है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन ने कहा कि 9/11 आतंकवाद के बर्बर कृत्यों की याद दिलाता है। भारत एक उभरती हुई इंडो-पैसिफिक महाशक्ति है। हम दोनों व्यापार और आर्थिक कल्याण के लिए इंडो-पैसिफिक में समुद्री लाइनों के लिए फ्री और ऑपेन एक्सेस पर निर्भर हैं। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य केंद्रीय चिंता का विषय बना हुआ है। हम नागरिकों, विदेशी नागरिकों और अन्य देशों के वीजा धारकों को सुरक्षित निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं। पीएम मोदी से की मुलाकात इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेता शुक्रवार को तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए थे। वे यहां 12 सितंबर तक रहेंगे। Delhi: Australian Foreign Minister Marise Payne and Defence Minister Peter Dutton called on Prime Minister Narendra Modi today. pic.twitter.com/Ikz0dURsIM — ANI (@ANI) September 11, 2021",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/medicines-from-the-sky-project-launched-by-jyotiradtiya-scindia-says-medicine-delivery-by-drones-to-be-piloted-in-16-green-zones,"बड़ी पहल: तेलंगाना में 'मेडिसिन फ्रॉम द स्काई' प्रोजेक्ट हुआ लॉन्च, सिंधिया बोले- ड्रोन से होगी दवाओं की होम डिलीवरी","केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को तेलंगाना के मंत्री के टी रामाराव के साथ राज्य में 'मेडिसिन फ्रॉम द स्काई' परियोजना की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसका उद्देश्य ड्रोन का उपयोग करके दूर-दराज के क्षेत्रों में टीकों और आवश्यक दवाओं को घर-घर पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए 16 ग्रीन जोन को चुना गया है। सिंधिया ने आगे कहा कि केंद्र में एनडीए सरकार द्वारा लाई गई नई ड्रोन नीति ने हाल ही में देश में ड्रोन संचालन के नियमों को आसान बना दिया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने फॉर्मों की संख्या और शुल्क के प्रकारों को कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन के तहत ड्रोन उड़ाने के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं है। जबकि येलो जोन में परमिशन की जरूरत होती है जबकि रेड जोन नो फ्लाई एरिया है। उन्होंने आगे कहा कि 16 ग्रीन जोन में इस 'मेडिसिन फ्रॉम द स्काई' प्रोजेक्ट को हाथ में लिया जाएगा। तीन महीने के लिए डेटा का विश्लेषण किया जाएगा। हम स्वास्थ्य मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, राज्य सरकार और केंद्र के साथ मिलकर डेटा का विश्लेषण करेंगे और पूरे देश के लिए मॉडल बनाएंगे। मंत्री ने कहा कि आज का दिन न केवल तेलंगाना के लिए बल्कि पूरे देश के लिए क्रांतिकारी दिन है। बना पहला राज्य मेडिसिन फ्रॉम द स्काई प्रोजेक्ट वाला तेलंगाना पहला राज्य बन गया है। यहां दवाओं की डिलीवरी ड्रोन के माध्यम से होगी। लंबी दूरी और भारी पेलोड पर ड्रोन की क्षमता आंकने के लिए अधिकारी टेस्ट कर रहे हैं।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/pm-modi-will-inaugurate-sardardham-bhavan-in-ahmedabad-today,"गुजरात: पीएम मोदी ने किया सरदार धाम भवन का लोकार्पण, बोले- युवाओं को मिल रहीं नई दिशाएं","प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहमदाबाद में सरदारधाम भवन का उद्घाटन किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने सरदारधाम फेज-2 बालिका छात्रावास का भूमिपूजन भी किया। पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी शुभ काम से पहले हमारे यहां गणेश पूजा की परंपरा है और सौभाग्य से सरदारधाम भवन का श्रीगणेश भी गणेश पूजन के पवित्र त्योहार के अवसर पर हो रहा है। पीएम मोदी ने शिकागो में दिए गए स्वामी विवेकानंद के भाषण को याद करते हुए कहा कि आज के ही दिन 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद का आयोजन हुआ था। पीएम मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने वैश्विक मंच पर खड़े होकर दुनिया को भारत के मानवीय मूल्यों से परिचित करवाया था। पीएम मोदी ने कहा कि युवाओं को आज नई दिशाएं मिल रही हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि त्रासदी का समाधान मानवीय मूल्यों से होगा। अमेरिका में 9/11 के हमलों ने दुनिया को बहुत कुछ सिखाया- पीएम मोदी पीएम ने अमेरिका में 9/11 की 20वीं बरसी पर कहा कि इन हमलों ने दुनिया को बहुत कुछ सिखाया है। यह हमला मानवता पर हमले का दिन है। हमें इन आतंकी घटनाओं के सबक को याद रखना होगा । साथ ही मानवीय मूल्यों के लिए पूरी आस्था के साथ प्रयास भी करते रहना होगा। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तब देश ने सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास का मंत्र दिया है। गुजरात तो अतीत से लेकर आजतक साझा प्रयासों की धरती रही है। आजादी की लड़ाई में गांधीजी ने यहीं से दांडी मार्च का आगाज किया था। वहीं, खेड़ा आंदोलन में सरदार पटेल के नेतृत्व में किसान, नौजवानों की एकजुटता ने अंग्रेजी हुकूमतों को झुकने पर मजबूर कर दिया था। इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल वहां मौजूद रहे। पीएम मोदी ने सुब्रमण्यम भारती का किया जिक्र सरदारधाम भवन के शुभारंभ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने तमिल कवि सुब्रमयण्म भारती का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज और राष्ट्र की प्रगति में न्यौछावर कर दिया। सुब्रमण्यम भारती जी हमेशा भारत की एकता, मानवमात्र की एकता पर विशेष बल दिया। उनका ये आदर्श भारत के विचार और दर्शन का अभिन्न हिस्सा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज इस अवसर पर मैं एक महत्वपूर्ण घोषणा कर रहा हूं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में सुब्रमण्य भारती जी के नाम से एक चेयर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। तमिल स्टडिज पर ‘सुब्रमण्य भारती चेयर’ BHU के फेकल्टी ऑफ आर्ट्स में स्थापित होगी। Speaking at the programme to mark the Lokarpan of Sardardham Bhavan. https://t.co/IJWRzeYrNz — Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2021 गुजरात के लोग व्यापार को नई पहचान देते हैं- पीएम मोदी पीएम मोदी ने नई शिक्षा नीति, स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया समेत अन्य योजनाओं के बारे में चर्चा की। पीएम ने कहा कि स्किल इंडिया के जरिए आज युवा अपना टैलेंट निखार रहे हैं, गुजरात के युवा स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया के जरिए आगे बढ़ रहे हैं। गुजरात के लोग जहां कहीं भी जाते हैं व्यापार को एक नई पहचान देते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात के लोगों ने जो योगदान दिया है वह महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने कोरोना महामारी की चर्चा करते हुए कहा कि जब दुनिया की अर्थव्यवस्था बिगड़ रही थी तो भारत की जीडीपी आगे बढ़ रही थी। 21वीं सदी में भारत के पास अवसरों की कमी नहीं है। हमें खुद को ग्लोबल लीडर के रूप में देखना है। कन्या छात्रावास में 2000 लड़कियों को रहने की सुविधा यह भवन बेहतर नौकरी की इच्छा रखने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के लड़कियों और लड़कों को छात्रावास की सुविधा मुहैया करवाएगा। पाटीदार समाज द्वारा बनाया गया यह कॉम्प्लेक्स छात्रों को उचित दर पर ट्रेनिंग, बोर्डिंग, लॉज की सुविधाएं प्रदान करेगा। कन्या छात्रावास में 2,000 लड़कियों के लिए एक छात्रावास की सुविधा होगी।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/maharashtra-palghar-boisar-paint-chemical-factory-gutted-in-major-fire-on-saturday,"महाराष्ट्र: बोईसर की केमिकल फैक्ट्री में लगी भीषण आग, आसपास के इलाकों को कराया गया खाली","महाराष्ट्र के पालघर के बोईसर तारापुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में शनिवार सुबह भीषण आग लग गई। तकरीबन पांच घंटे के प्रयास के बाद आग पर काबू पा लिया गया है। आग को फैलते देख प्रशासन ने आसपास के इलाकों को तेजी से खाली करवा दिया। अधिकारियों के मुताबिक इस आग से कंपनी को भारी नुकसान हुआ। राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी भी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख विवेकानंद कदम ने बताया कि बोईसर के तारापुर एमआईडीसी स्थित इकाई में तड़के करीब दो बजे लगी आग में कोई हताहत नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह एक भीषण आग थी और आग की लपटों को दूर से देखा जा सकता था। इसके कारण तेज आवाज के साथ पेंट वाले कई ड्रम फट गए। शुक्रवार को गणेश चतुर्थी के कारण छुट्टी थी, इसलिए केवल दो गार्ड मौजूद थे। राहत की बात यह रही कि दोनों सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि एमआईडीसी दमकल केंद्र की तीन दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया और तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। सूचना मिलने पर स्थानीय दमकल कर्मियों के अलावा आपदा नियंत्रण प्रकोष्ठ और पुलिस की टीमें भी मौके पर पहुंचीं। कदम ने कहा कि फिलहाल कूलिंग ऑपरेशन चल रहा है। फैक्ट्री में लगी आग से इलाके में दुर्गंध फैल गई।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/pm-modi-remembers-poet-subramania-bharati-on-his-100th-death-anniversary,"श्रद्धांजलि: महान कवि सुब्रमण्यम भारती की 100वीं पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी ने ट्वीट कर किया नमन","तमिलनाडु के महान कवि सुब्रमण्यम भारती की आज 100वीं पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने उनके बहुमुखी योगदान को याद करते हुए ट्वीट किया। पीएम ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा महान कवि सुब्रमण्यम भारती को श्रद्धांजलि। हम उनकी समृद्ध विद्वता,अपने राष्ट्र के लिए उल्लेखनीय योगदान, सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण पर महान आदर्शों को याद करते हैं। पीएम मोदी ने ट्विटर पर एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें दिसंबर 2020 में पीएम मोदी ने महान कवि सुब्रमण्यम भारती पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। Prime Minister Narendra Modi remembers poet Subramania Bharati ""for his multi-faceted contributions"", on his 100th death anniversary. pic.twitter.com/klqrDE7p5h — ANI (@ANI) September 11, 2021",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/india-and-us-to-launch-climate-action-and-finance-mobilisation-john-kerry-would-travel-to-india-next-week,"मंथन: जलवायु संबंधित अमेरिका के विशेष दूत जॉन केरी अगले सप्ताह आएंगे भारत, कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा","अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के जलवायु संबंधित विशेष दूत जॉन केरी अगले सप्ताह भारत आ रहे हैं। इस दौरान वे वैश्विक जलवायु लक्ष्यों और भारत के स्वच्छ ऊर्जा एजेंडे पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा दोनों देश क्लाइमेट एक्शन और फाइनेंस मोबिलाइजेशन की भी शुरुआत करेंगे। विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि जॉन केरी की यात्रा के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग (सीएएफएमडी) लॉन्च करेंगे, जो यूएस-इंडिया एजेंडा 2030 पार्टनरशिप के दो मुख्य समझौतों में से एक है, जिसमें राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हैं। विदेश विभाग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जलवायु संकट से निपटने के मुद्दे पर केरी भारत सरकार के अपने समकक्षों और निजी क्षेत्र के नेताओं से मुलाकात करेंगे तथा वैश्विक जलवायु महत्वाकांक्षा बढ़ाने और भारत में स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन की गति तेज करने के प्रयासों पर मंथन करेंगे। ब्रिटिश मीडिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार केरी जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी) में 26वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी26) के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र द्विपक्षीय और बहुपक्षीय जलवायु प्रयासों को और मजबूत करेंगे। यह सम्मेलन ब्रिटेन के ग्लास्गो में 31 अक्टूबर से 12 नवंबर 2021 तक आयोजित किया जाएगा।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/the-power-of-vaccines-as-covid19-vaccination-increases-deaths-have-decreased-in-second-wave,टीके की ताकत : कोविड टीकाकरण बढ़ने के साथ-साध कम होती चली गईं लोगों की मौतें,"एक दिन पहले केंद्र सरकार ने नेशनल वैक्सीन ट्रैकर सिस्टम लॉन्च करने की घोषणा करते हुए कहा था कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद 97 फीसदी से भी अधिक मृत्यु की आशंका को कम किया जा सकता है। इसी ट्रैकर की बदौलत सरकार को टीकाकरण का असर पता चला है। टीके की ताकत ऐसी है कि जैसे-जैसे टीकाकरण बढ़ता चला गया, कोरोना से लोगों की मौतें कम होती चली गईं। 18 अप्रैल से नौ मई के बीच जब देश महामारी की दूसरी लहर का संकट झेल रहा था, तब टीकाकरण सबसे निचले पायदान पर था। शायद यह भी एक वजह थी कि उस दौरान सप्ताह में औसतन 10 लाख की आबादी पर 28 से भी अधिक लोगों की मौत दर्ज की जा रही थी लेकिन इसके बाद सरकार को स्थिति संभालने में करीब एक महीने का वक्त लगा और फिर 16 मई के बाद से टीकाकरण बढ़ता चला गया, मौत कम होती चली गई। 12 अप्रैल से 15 अगस्त के बीच कोरोना से हुईं मौतों का जब गणितीय अध्ययन किया गया तो पता चला है कि 12 से 18 अप्रैल के बीच 10 लाख की आबादी पर टीका लेने वाले 19.2 लोगों की मौत हुई। जबकि पहली खुराक ले चुके 1.72 और दोनों खुराक ले चुके 0.46 लोगों की मौत दर्ज की गई। 25 अप्रैल के सप्ताह में टीका न लगवाने वालाें में 22.52, दो मई के सप्ताह में 27.23 और नौ मई के सप्ताह में 28.89 यानी करीब 29 लोगों की मौत हुई। नौ मई के सप्ताह में पहली खुराक लेने वाले 10 लाख में से 1.87 की मौत हुई और दो खुराक ले चुके 1.1 लोगों की मौत हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त निदेशक ने कहा, उन दिनों के हालात कभी यादों से खत्म नहीं हो सकते। चारों तरफ हंगामा और अफरा-तफरी के बीच नुकसान होता जा रहा था। मंत्रालय भी इसकी चपेट में आ चुका था लेकिन रात-दिन लड़ाई जारी रखने के बाद टीकाकरण को बढ़ाने पर ध्यान अधिक दिया। नौ मई के बाद जब 23 मई को दो सप्ताह की हमने समीक्षा की तो पाया कि वैक्सीन न लेने वालों में मौत 28.89 से कम होकर 22 तक पहुंची और वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वालों की संख्या एक फीसदी से भी नीचे आ गई। यहीं से टीकाकरण का जमीनी पटल पर असर दिखाई देने लगा। ट्रैकर भ्रांति भी दूर करेगा संयुक्त निदेशक का कहना है कि वैक्सीन की ताकत का पता लगाने के लिए यह ट्रैकर सबसे बड़ा गवाह है जिसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। देश का कोई भी व्यक्ति अपने फोन या फिर कंप्यूटर पर यह ट्रैकर चैक कर सकता है और उन लोगों में वैक्सीन के प्रति भ्रांति दूर कर सकता है जो किसी न किसी डर की वजह से अब तक टीका नहीं लगवा पाए हैं।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/photo-gallery/india-news/hindi-news-headlines-11-september-today-important-and-big-news-stories-of-11-september-updates-on-amar-ujala,"11 सितंबर: आज दिनभर इन खबरों पर बनी रहेगी नजर, जिनका होगा आप पर असर","हर रोज हम अलग-अलग खबरों से दो-चार होते हैं। हमारी आंखों के सामने से कई सारी खबरें गुजरती हैं। इनमें से कुछ ऐसी अहम खबरें होती हैं, जिनका हमारे जीवन पर असर पड़ता है...",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/up-assembly-elections-if-krishna-patel-accepts-the-proposal-of-union-minister-anupriya-then-there-will-be-one-apna-dal,यूपी विधानसभा चुनाव : केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया के प्रस्ताव को कृष्णा पटेल ने स्वीकार किया तो एक होगा अपना दल,"अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने अगर अपना दल (एस) की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया के प्रस्ताव को स्वीकार किया तो अपना दल के दोनों कुनबे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले साथ आ सकते हैं। अनुप्रिया ने बहन पल्लवी पटेल और उनके पति को राजनीति से दूर रखने की शर्त पर अपनी मां के सामने मंत्री पद के साथ पार्टी का अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव दिया है। दोनों धड़ों को एक करने के लिए अनुप्रिया ने कृष्णा के समक्ष अपने एमएससी पति आशीष पटेल का इस्तीफा करा कर उनकी जगह कृष्णा को विधानसभा परिषद भेजने का भी प्रस्ताव दिया है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की जानकारी में हो रही इस पहल पर अब अपना दल को एक करने की जिम्मेदारी कृष्णा पटेल की है। विलय में मुख्य पेच अनुप्रिया की बहन पल्लवी पटेल और उनके पति आशीष निरंजन हैं। अनुप्रिया के करीबियों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री अपना दल में विवाद के लिए इन्हीं दोनों को जिम्मेदार मानते हैं। साल 2015 में जब अपना दल दो हिस्सों में बंटा तब पल्लवी ने अनुप्रिया के खिलाफ न सिर्फ गबन से संबंधित मामला दर्ज कराया, बल्कि विवाद के बाद सारी पैतृक संपत्ति का वसीयत अपने नाम करा लिया। पैतृक संपत्ति में सोनेवाल परिवार की कुंआरी बेटी अमन पटेल को भी कोई हिस्सा नहीं दिया गया। इसलिए अनुप्रिया नहीं चाहतीं कि विलय के बाद पल्लवी और उनके पति अपनी राजनीतिक सक्रियता जारी रखें। गबन का मामला प्रारंभिक जांच के बाद ही खारिज हो गया था। प्रस्ताव पर भाजपा नेतृत्व की सहमति अपना दल की ओर से इस प्रस्ताव पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ भी चर्चा हुई है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व विलय की स्थिति में कृष्णा पटेल को मंत्री बनाने के लिए तैयार है। भाजपा का मानना है कि इससे राज्य में बेहद प्रभाव रखने वाली कुर्मी बिरादरी पर राजग की पकड़ और मजबूत होगी। जबकि अपना दल (एस) को लगता है कि इससे वह विधानसभा चुनाव में भाजपा से अधिक सीटें हासिल कर पाएंगी।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/isro-says-chandrayaan-2-orbiter-payloads-made-discovery-class-findings,चंद्रयान-2: फेल लैंडिंग में भी दिए चंद्रमा की सतह के अंदर जलीय बर्फ और बाहर ज्वालामुखी की मौजूदगी के सबूत,"दो साल पहले चंद्रमा पर लैंडिंग करते समय संपर्क टूट जाने के कारण विफल घोषित कर दिए गए चंद्रयान-2 अभियान ने इस असफलता के बावजूद वैज्ञानिक समुदाय को ऐसा डाटा उपलब्ध कराया है, जिसे नई खोज की श्रेणी में शामिल किया जा सकता है। यह दावा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किया है। इनमें चंद्रमा की सतह के अंदर जलीय बर्फ और बाहर ज्वालामुखी की मौजूदगी के सबूत भी शामिल हैं। इन दोनों खोज को बेहद अहम माना जा रहा है। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान में लगे उपकरणों से हाल ही में जुड़े संपर्क से हासिल हुए डाटा ने इस अभियान को 98 फीसदी तक सफल साबित किया है। इतना ही नहीं यान का ऑर्बिटर अब भी काम कर रहा है और अगले पांच साल तक लगातार अहम डाटा भेजता रहेगा यानी अभी चंद्रयान-2 के जरिये चंद्रमा की सतह के बारे में जानने के कई मौके मिलेंगे। इस मौके पर 2021 का उद्घाटन किया गया. इस मौके पर इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने वैज्ञानिकों के उपयोग के लिए चंद्रयान-2 से हासिल हुए आंकड़े और विज्ञान दस्तावेजों को जारी किया। साथ ही उन्होंने चंद्रयान-2 के कक्ष पेलोड का डाटा भी जारी किया। ऑनलाइन माध्यम से आयोजित कार्यशाला में अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) में सचिव की भी भूमिका निभा रहे सिवन ने कहा, चंद्रयान-2 में लगे उपकरणों से आए डाटा से कई दिलचस्प वैज्ञानिक निष्कर्ष निकले हैं। इन्हें साइंस जर्नल में प्रकाशित कराया जा रहा है और अंतरराष्ट्रीय बैठकों में भी पेश किया जा रहा है। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 में लगे मास स्पेक्ट्रोमीटर चेस-2 ने पहली बार एक ध्रुवीय कक्षीय मंच से चंद्रमा के बाहरी वातावरण की आवेशहीन संरचना का अध्ययन किया है। इस दौरान चंद्रमा के मध्य और उच्च अक्षांशों पर एरगॉन-40 की परिवर्तनशीलता से जुड़ी अहम जानकारी मिली है। साथ ही इसके आर्बिटर में लगे लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (क्लास) उपकरण ने एक्स-रे स्पेक्ट्रम के जरिये चंद्रमा की सतह पर क्रोमियम और मैंगनीज जैसे मूल्यवान खनिजों की मौजूदगी के संकेत दिए हैं। इसरो ने कहा कि चंद्रयान-2 ने अपने इमेजिंग इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर उपकरण (आईआईआरएस) की मदद से पहली बार चंद्रमा की जलयोजन विशेषताओं का पता लगाया है। इस उपकरण ने चंद्रमा की सतह पर हाइड्रोक्सिल (ओएच) के साथ ही पानी (एच2ओ) की बर्फ की मौजूदगी के भी स्पष्ट संकेत दिए हैं। इससे पहले चंद्रयान-1 और नासा के क्लेमेंटाइन मिशन ने भी चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी के संकेत दिए थे, लेकिन वे पानी की प्रकृति को स्पष्ट नहीं कर पाए थे। डीएफएसएआर उपकरण ने ध्रुवीय क्षेत्रों में चंद्रमा की आकृति संबंधी विशेषताओं की सफल हाई रेजोल्यूशन मैपिंग की है। चंद्रयान-2 ने 100 किमी की दूरी से चंद्रमा की तस्वीरें ली हैं। इनमें चंद्र सतह पर पहाड़ों की आकृति और ज्वालामुखी के टीले स्पष्ट पहचाने गए हैं। सूर्य की माइक्रोफ्लेयर का अहम डाटा मिला सौर एक्स-रे मॉनिटर (एक्सएसएम) उपकरण ने सूर्य से आने वाले रेडिएशन के माध्यम से चंद्रमा का अध्ययन करने के अलावा, सौर माइक्रोफ्लेयर्स के बारे में अहम जानकारी जमा की है। एक्सएसएम ने पहली बार सक्त्रिस्य क्षेत्र के बाहर बड़ी संख्या में माइक्त्रसेफ्लेयर देखे हैं, और इसरो के अनुसार, इसका सौर कोरोना (सूर्य का बाहरी वायुमंडल) को गर्म करने के पीछे के तंत्र की समझ पर बहुत प्रभाव पड़ता है, जो कई दशकों से एक समस्या रही है। आठ उपकरण लगे हुए हैं आर्बिटर में इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में आठ उपकरण लगे हैं, जो अलग-अलग तरीकों के जरिए लगातार चंद्रमा को लेकर अपने प्रयोग कर रहे हैं और डाटा भेज रहे हैं। इन उपकरणों में लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (क्लास), सोलर एक्स-रे मॉनिटर (एक्सएसएम), चंद्र एटमॉस्फेरिक कंपोजिशन एक्सप्लोरर-2 (चेस-2), ड्युल फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक अपर्चर रडार (डीएफएसएआर), इमेजिंग इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर (आईआईआरएस), टेरेन मैपिंग कैमरा (टीएमसी), ऑर्बिटर हाई रेजोल्यूशन कैमरा (ओएचआरसी) और ड्युल फ्रीेक्वेंसी रेडियो साइंस (डीएफआरएस) शामिल हैं। यह था चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की पहली बार छानबीन के लिए इसरो ने अपने चंद्रयान-2 अंतरिक्ष मिशन को 22 जुलाई, 2019 को रवाना किया था। इस यान में प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर लगे हुए थे, जिन्हें चंद्रमा की सतह पर लैंड करना था। चंद्रमा पर 6 सितंबर को लैंडिंग के दौरान इसरो का संपर्क रोवर और लैंडर से टूट गया था। लेकिन चंद्रयान-2 का आर्बिटर अब भी काम कर रहा है और लगातार अपना डाटा भेज रहा है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/supreme-court-says-mere-dismissal-of-filing-does-not-give-ownership-of-property,सुप्रीम कोर्ट: महज दाखिल खारिज होने से नहीं मिल जाता संपत्ति पर मालिकाना हक,"सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि महज राजस्व रिकॉर्ड में दाखिल खारिज की प्रविष्टि से संपति पर किसी व्यक्ति का मालिकाना हक पक्का नहीं हो जाता। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी संपति का दाखिल खारिज महज नगर निगम के राजस्व रिकॉर्ड में ‘टाइटल एंट्री’ से जुड़ा एक बदलाव है, जिसके वित्तीय उद्देश्य होते हैं। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं हो सकता है कि किसी वसीयत के आधार पर अधिकार का दावा उस वसीयत के कर्ता की मृत्यु के बाद ही किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि कानून के तय नियमों के अनुसार, महज दाखिल खारिज प्रविष्टि से किसी व्यक्ति का किसी संपत्ति पर मालिकाना हक नही बन जाता। यदि मालिकाना हक को लेकर कोई विवाद है और खासतौर पर जब वसीयत के आधार पर दाखिल खारिज प्रविष्टि की मांग की जाती है, तो जो मालिकाना हक का दावा कर रहे पक्ष को उचित अदालत का दरवाजा खटखटाना होगा। सुप्रीम कोर्ट के कई पुराने फैसलों का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड में संपत्ति का दाखिल खारिज न तो संपत्ति पर मालिकाना हक बनाता है और न ही समाप्त करता है। इस तरह की प्रविष्टियां केवल भू-राजस्व एकत्र करने के उद्देश्य से प्रासंगिक हैं। रीवा के एक मामले में दिया फैसला सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय मध्य प्रदेश के रीवा के एक मामले में दिया। इस मामले में रीवा के अपर आयुक्त ने याचिकाकर्ता की तरफ से प्रस्तुत वसीयत के आधार पर राजस्व रिकॉर्ड में उसका नाम बदलने का निर्देश दिया। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कुछ पक्षों द्वारा दायर एक याचिका पर अपर आयुक्त के आदेश को रद्द कर दिया और याचिकाकर्ता को कथित वसीयत के आधार पर अपने अधिकार तय कराने के लिए उपयुक्त अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट के इस आदेश को याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/dgtr-recommends-imposition-of-anti-dumping-duty-on-select-aluminum-products-coming-from-china,वाणिज्य मंत्रालय : डीजीटीआर ने चीन से आने वाले चुनिंदा एल्युमीनियम उत्पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की,"केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की जांच यूनिट डीजीटीआर ने चीन से आने वाले चुनिंदा एल्युमीनियम उत्पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश की है। इसका मकसद घरेलू विनिर्माताओं को सस्ते आयात से हो रहे नुकसान से बचाना है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच यूनिट ने प्रति टन 449 डॉलर तक शुल्क लगाने का किया है प्रस्ताव व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने जांच में पाया कि चीन से आयात किए जाने वाले एल्युमीनियम के कुछ फ्लैट-रोल्ड उत्पादों के सस्ते आयात की वजह से घरेलू उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा कि सस्ते आयात की वजह से घरेलू उद्योग को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। प्राधिकार ने चीन में उत्पादित और वहां से निर्यात होने वाले एल्युमीनियम उत्पादों के आयात पर एंटी डंपिंग ड्यूटी को लगाने की सिफारिश करना जरूरी समझा। डीजीटीआर ने आयात पर 65 डॉलर प्रति टन से लेकर 449 डॉलर प्रति टन तक का शुल्क लगाने की सिफारिश की है। एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने का आखिरी फैसला वित्त मंत्रालय लेगा। अंतरराष्ट्रीय व्यापार की भाषा में, डंपिंग उसे कहते हैं जब एक देश या एक कंपनी अपने घरेलू बाजार में उत्पाद के मूल्य से कम कीमत पर किसी उत्पाद का निर्यात करता है। डंपिंग से आयातक देश में उस उत्पाद की कीमत पर असर पड़ता है और और विनिर्माता कंपनियों के लाभांश एवं फायदे पर बुरा असर पड़ता है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के मुताबिक, एक देश अपने घरेलू विनिर्माताओं को एक समान अवसर मुहैया कराने के लिए ऐसे सस्ते उत्पादों के आयात पर शुल्क लगाने के लिए स्वतंत्र है। यह शुल्क एक न्यायिक संस्था द्वारा जांच के बाद ही लगाया जा सकता है। देश में यह काम डीजीटीआर करता है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/notice-to-1800-home-buyers-of-amrapali-group-including-ms-dhoni,फ्लैट आवंटन मामला: ‘कैप्टन कूल’ एमएस धोनी समेत आम्रपाली समूह के 1800 घर खरीदारों को नोटिस,"भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी समेत उन 1800 लोगों को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त रिसीवर ने बकाया भुगतान का नोटिस भेजा है, जिन्होंने नोएडा में आम्रपाली समूह की विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में घर खरीद रखे हैं। रिसीवर ने इन सभी को 15 दिन के अंदर बकाया पैसा जमा कराने का निर्देश दिया है। साथ ही रिसीवर ने इस पब्लिक नोटिस में यह भी कहा है कि यदि फ्लैट खरीदार रिसीवर द्वारा बनाई गई ग्राहकों की सूची में अपना नाम दर्ज कराने में विफल रहते हैं और 15 दिन के भीतर भुगतान शुरू नहीं करते हैं, तो उनका फ्लैट आवंटन अपने आप रद्द हो जाएगा। यह नोटिस आम्रपाली समूह की नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बंद पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए गठित आम्रपाली स्टाल्ड प्रोजेक्ट्स इन्वेस्टमेंट रिकंस्ट्रक्शन एस्टेब्लिशमेंट (एस्पायर) ने बृहस्पतिवार को समाचार पत्रों के जरिये जारी किया था। समूह की 20 से अधिक आवासीय परियोजनाओं के निर्माण को करीब 8000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ अदालत की तरफ से नियुक्त समिति की निगरानी में पूरा करने की जिम्मेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी को दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली आवासीय परियोजनाओं का अधिग्रहण करने के बाद सभी घर खरीदारों को अपना विवरण दर्ज कराने और शेष राशि का भुगतान करने के लिए कहा था। लेकिन जुलाई, 2019 में आए सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद भी महेंद्र सिंह धोनी समेत 1800 खरीदारों ने कोई कदम नहीं उठाया है। दो फ्लैट बुक करा रखे हैं धोनी ने रिसीवर की तरफ से जारी नोटिस के मुताबिक, एमएस धोनी ने नोएडा के सेक्टर-45 में आम्रपाली समूह की परियोजना सैफायर फेज-1 में दो फ्लैट सी-पी5 और सी-पी6 बुक करा रखे हैं, जबकि धोनी से जुड़ी कंपनी रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के चेयरमैन अरुण पांडे का भी इसी परियोजना में फ्लैट संख्या सी-पी4 बुक है। अरुण पांडे ने भी इस नोटिस पर मांगी गई प्रतिक्रिया का जवाब नहीं दिया है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/income-tax-department-raids-three-arhtiyas-of-punjab,"कार्रवाई: आयकर विभाग का पंजाब के तीन आढ़तियों पर छापा, पकड़ी करोड़ों की कर चोरी","आयकर विभाग ने पंजाब में तीन प्रमुख आढ़ती (मंडी कमीशन एजेंट) समूहों के ठिकानों पर छापे मारकर करोड़ों रुपये की कर चोरी का पता लगाया है। सीबीडीटी ने शुक्रवार को बताया कि आयकर टीमों ने यह छापे बुधवार को इन तीनों आढ़तियों के पंजाब व हरियाणा में कई जगह स्थित ठिकानों पर मारे, जहां तलाशी के दौरान व्यापार से जुड़ी बेनामी रसीदों को ‘छिपाने’ और खर्चों को बढ़ा चढ़ाकर दिखाते हुए की जा रही इस कर चोरी के सबूत मिले हैं। मंडियों में कमीशन पर किसानों की फसलें खरीदने वाले ये आढ़ती समूह इसके अलावा स्टील रोलिंग मिल, कोल्ड स्टोरेज, ज्वैलरी शॉप, पोल्ट्री फार्म, चावल मिल, तेल मिल, आटा मिल जैसे करीब एक दर्जन व्यवसाय भी चला रहे हैं। सीबीडीटी ने कहा कि तलाशी में इन समूहों के अपने व्यावसायिक लेनदेन से जुटाए धन को छिपाने और खर्च को ज्यादा दिखाने के सबूत मिले हैं। साथ ही ज्यादातर लेनदेन नकदी में बिना पक्के कागजों के किया जा रहा था। इससे जुड़े दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। छापे में 1.70 करोड़ रुपये की बेनामी नकदी और 1.50 करोड़ रुपये के आभूषण मिले हैं। साथ ही 1.50 करोड़ रुपये का बिना किसी हिसाब-किताब वाला आटा स्टॉक भी मिला है। करीब आठ बैंक लॉकर मिले हैं, जिनकी जांच जारी है। कच्ची खाता बही में करोड़ों का लेनदेन आयकर टीमों को जांच में इन समूहों की कच्चा खाता बही मिली, जिसमें करोड़ों रुपये के बिना हिसाब-किताब वाले लेनदेन दर्ज हैं। इन कच्चे बही खातों को विशेषज्ञ की मदद से समझा जा रहा है। सीबीडीटी ने कहा कि कर अधिकारियों को कुछ व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खातों की किताबों के समानांतर सेट भी मिले, जो सालाना आधार पर करोड़ों में चल रही सकल व्यापार आय को छिपाने के प्रयासों को दर्शाते हैं। किसानों से सस्ती खरीद, बाद में महंगी बिक्री सीबीडीटी ने बताया कि जांच में किसानों से सस्ते दामों पर फसलें खरीदकर कोल्ड स्टोरेज की मदद से बाद में महंगे दामों पर बेचने के भी सबूत मिले हैं। एक समूह मौसम में बेहद सस्ते दाम पर फलों की खरीद करने के बाद कोल्ड स्टोरेज में रखता है और बाद में सीजन खत्म होने पर इन फलों को महंगे दामों पर बेचकर मुनाफा कमाता है। किसानों को मोटी दर पर देते हैं कर्ज, नकदी में लेते हैं ब्याज सीबीडीटी के मुताबिक, इन आढ़ती समूहों ने किसानों को करोड़ों रुपये का कर्ज बांट रखा है, जिसपर 1.5 से 3 फीसदी मासिक (18 से 36 फीसदी सालाना) तक का मोटा ब्याज वसूला जा रहा है। यह ब्याज नकदी में लिया जाता है और इसे बहीखातों में दर्ज नहीं किया जाता। कर्मचारियों के नाम पर बना रखी मुखौटा फर्म इन आढ़ती समूहों के कर्मचारियों के नाम से दो संदिग्ध बेनामी फर्मों के दस्तावेज मिले हैं, जिनका करोड़ों रुपये सालाना का टर्नओवर दिखाया गया है। करीब 3.40 करोड़ रुपये का बेनामी निवेश अचल संपत्तियों में किए जाने के दस्तावेज भी मिले हैं। साथ ही अपने परिजनों व रिश्तेदारों को ब्याज मुक्त कर्ज बांटकर भी बिजनेस फंड डायवर्ट किए गए हैं।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/the-convict-claimed-to-be-a-minor-after-36-years,सुप्रीम कोर्ट में गुहार : हत्यारा ठहराए जाने के 36 वर्ष बाद दोषी ने किया नाबालिग होने का दावा,"सुप्रीम कोर्ट के सामने एक अनूठा मामला आया है। हत्या के एक मामले में दोषी घोषित हो चुके एक शख्स ने वारदात के 40 साल और दोषसिद्धि के 36 साल बाद अब खुद को नाबालिग बताते हुए सजा कम करने की अपील की है। उम्रकैद के सजायाफ्ता याचिकाकर्ता का कहना है कि वारदात के समय वह नाबालिग था और इसके चलते उसे अधिकतम 3 साल की सजा मिलनी चाहिए। 56 वर्षीय याचिकाकर्ता ने नाबालिग होने का दावा इलाहाबाद हाईकोर्ट में 35 साल बाद दोषसिद्धि के खिलाफ दायर अपनी अपील खारिज होने के बाद किया है। दोषी ठहराए जा चुके आरोपी ने इतने लंबे समय बाद अपने नाबालिग होने का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के आधार पर उठाया है, जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि कोई भी आरोपी नाबालिगा होने का मुद्दा किसी भी समय उठा सकता है। जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ के सामने पेश याचिका में याचिकाकर्ता अवधेश ने कहा कि हत्या की वारदात वर्ष 1981 में हुई थी। उसने कहा कि उसका जन्म 1965 में हुआ था और इस वारदात के समय वह करीब 16 वर्ष का था। अवधेश ने सीतापुर के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें घटना के समय उसके नाबालिग होने की बात कही गई थी। अवधेश का कहना है कि इसके चलते उसे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट का लाभ मिलना चाहिए और उसकी सजा का निर्धारण इसी आधार पर होना चाहिए। सनद रहे कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत नाबालिग को जेल में नहीं रखा जाता बल्कि उसे अधिकतम तीन साल तक बाल सुधार गृह में रखने का प्रावधान है। 1981 में हुई हत्या के इस मामले में वर्ष 1985 में निचली अदालत ने अवधेश व कुछ अन्य लोगों को दोषी ठहराया था। इसके खिलाफ की गई अपील को वर्ष 2020 में हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। यूपी सरकार को भी दिया था शीर्ष अदालत ने नोटिस सुप्रीम कोर्ट ने दोषी के नाबालिग होने के दावे पर उत्तर प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी कर पक्ष रखने के लिए कहा था। पीठ ने पाया कि दोषी ने नाबालिग होने का दावा उमरिया कलां के प्राथमिक विद्यालय स्कूल के प्रमाणपत्र के आधार पर किया है। उस प्रमाणपत्र में याचिकाकर्ता की जन्मतिथि 12 फरवरी, 1965 दर्ज है। वहीं, यूपी सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि आधार कार्ड में याचिकाकर्ता की उम्र एक जनवरी, 1965 दर्ज है। इसलिए उलझ रही है बात आधार कार्ड और स्कूल प्रमाणपत्र में अलग-अलग जन्मतिथि के अलावा कई अन्य कारण से भी याचिकाकर्ता की सही उम्र तय करने का मसला उलझ रहा है। दरअसल शीर्ष अदालत की पीठ ने पाया कि जिस स्कूल रिकॉर्ड के आधार पर याचिकाकर्ता ने घटना के समय नाबालिग होने का दावा किया है, उससे जुड़े मूल दस्तावेज अब उपलब्ध नहीं हैं। साथ ही वर्ष 1976 की राजस्व खतौनी में याचिकाकर्ता की उम्र 14 साल दर्ज की गई है। रिकॉर्ड में जन्मतिथि अलग-अलग होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे में सत्र न्यायाधीश से नाबालिग के दावे की जांच कराना जरूरी है। लिहाजा संबंधित सत्र न्यायालय जांच कर दो महीने में रिपोर्ट पेश करे।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/meghalaya-mla-syntar-klas-sunn-died-due-to-covid-19,"दुखद: मेघालय के विधायक का कोरोना वायरस से निधन, नहीं लगवाया था कोई टीका","मेघालय के निर्दलीय विधायक सिंटार क्लास सुन का शुक्रवार को कोरोना से निधन हो गया। सुन मावफलांग से विधायक थे। उन्होंने कोरोना जांच करवाई थी, इसमें वो पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद उनकी तबियत बिगड़ती चली गई और मावंगप में अपने आवास पर उनकी मृत्यु हो गई। विधानसभा के एक अधिकारी के मुताबिक, निर्दलीय विधायक सिंटार क्लास सुन ने कोई टीका नहीं लिया था, यह राज्य के सात गैर-टीकाकरण वाले विधायकों में शामिल थे। सुन पर्यावरण पर विधानसभा समिति के अध्यक्ष और राष्ट्रीय फुटबॉलर यूजीनसन लिंगदोह के पिता थे। उनकी राजनीति के बारे में बात की जाए तो 2016 में राज्य पीएचई के मुख्य अभियंता के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद वह राजनीति में शामिल हो गए थे। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में मावफलांग सीट से सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था। मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मावफलांग के माननीय विधायक सिंटार सुन ने सार्वजनिक सेवा में प्रशंसनीय काम किए थे। उनके परिवार, प्रियजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। बता दें कि सुन के निधन के बाद 2018 के बाद से वर्तमान विधानसभा ने पांच सदस्यों को खो दिया है। 2018 में कांग्रेस विधायक क्लेमेंट मारक की मृत्यु हो गई थी, वहीं अध्यक्ष डोनकुपर रॉय ने 2019 में अंतिम सांस ली। इसी साल कांग्रेस के दो और विधायक डेविड ए नोंग्रुम और डॉ आजाद जमान का 2 फरवरी और 4 मार्च को निधन हो गया था।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/uapa-magistrate-does-not-have-the-right-to-extend-the-time-of-investigation-supreme-court-said-the-only-special-court-can-do-this,"यूएपीए: जांच का समय बढ़ाने का अधिकार मजिस्ट्रेट को नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- विशेष अदालत ही कर सकती है ऐसा","सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी मजिस्ट्रेट को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) से जुड़े मामलों की जांच का समय बढ़ाने का अधिकार नहीं होता है। जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस. रविंद्र भट्ट और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, केवल राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम (एनआईए एक्ट) के तहत गठित विशेष अदालतों के पास ही जांच का समय बढ़ाने के आवेदन पर विचार करने का प्राधिकार होता है। यह बात यूएपीए अधिनियम की धारा 43-डी (2) (बी) में यह प्राधिकार पूरी तरह स्पष्ट किया गया है। पीठ ने यह फैसला 7 सितंबर को सादिक व अन्य के मामले में सुनवाई के दौरान सुनाया, जिन्होंने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। सादिक और अन्य आरोपियों को भोपाल के एसटीएफ/एटीएस पुलिस थाने में दर्ज एक अपराध में शस्त्र अधिनियम और यूपीपीए के विभिन्न प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। यूएपीए की धारा 43-डी(2)(बी) के तहत जांच टीम की ओर से दाखिल आवेदन पर भोपाल के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने जांच पूरी करने की अवधि बढ़ा दी थी। अपनी हिरासत के 90 दिन पूरे होने पर आरोपियों ने आरोप पत्र दाखिल नहीं होने के आधार पर जमानत के लिए सीजेएम कोर्ट में याचिका दाखिल की, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। सादिक व अन्य ने इसके खिलाफ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अपील दाखिल की, लेकिन वहां भी सीजेएम कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए जांच पूरी करने के लिए 180 दिन का समय माना गया और याचिका खारिज कर दी गई। सादिक व अन्य ने हाईकोर्ट के इस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/supreme-court-government-should-keep-taxation-system-convenient-simple-not-arbitrary-says,"सुप्रीम कोर्ट : हर व्यक्ति के लिए निश्चित हो कर, मनमाना नहीं, कराधान व्यवस्था को सरल बनाने की सलाह","सुप्रीम कोर्ट ने आयकर अधिनियम की धारा-14ए से जुड़े एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को कराधान व्यवस्था (टैक्सेशन सिस्टम) को सरल और सुविधाजनक बनाने की सलाह दी। शीर्ष अदालत ने 18वीं सदी के प्रख्यात अर्थशास्त्री एडम स्मिथ का हवाला देते हुए कहा कि हर व्यक्ति के लिए चुकाया जाने वाला कर निश्चित होना चाहिए और यह मनमाना नहीं होना चाहिए। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कराधान व्यवस्था को सुविधाजनक और सरल बनाए रखने का प्रयास करे। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ विभिन्न बैंकों की तरफ से दायर उन अपीलों पर विचार कर रही थी, जिनमें आयकर अधिनियम की धारा-14 ए से संबंधित कर अधिकारियों के अधिकारों का मुद्दा उठाया गया था। पीठ ने अपने फैसले में कहा, यह देखने की जरूरत है कि कराधान व्यवस्था में अनुमान के लिए कोई जगह नहीं है। एक व्यक्ति या एक कॉरपोरेट को कर का भुगतान करना होता है और वह इसके लिए योजना तैयार करता है। सरकार को कराधान नीति को सुविधाजनक और सरल रखने का प्रयास करना चाहिए। जिस तरह सरकार किसी व्यक्ति के कर देने से बचने को पसंद नहीं करती है। उसी तरह यह शासन की जिम्मेदारी है कि वह ऐसी कर प्रणाली तैयार करे, जिसके लिए लोग अपनी सुविधा के हिसाब से बजट और योजना बना सके। यदि इन दोनों के बीच उचित संतुलन प्राप्त कर लिया जाता है तो राजस्व सृजन की प्रक्रिया से समझौता किए बिना अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचा जा सकता है। 'वेल्थ ऑफ नेशंस’ की टिप्पणी को दोहराया पीठ ने इस दौरान 18वीं सदी के अर्थशास्त्री एडम स्मिथ की किताब 'वेल्थ ऑफ नेशंस' की टिप्पणी को दोहराया। इसमें कहा गया है कि हर व्यक्ति के लिए चुकाया जाने वाला कर निश्चित होना चाहिए और यह मनमाना नहीं होना चाहिए। कर भुगतान का समय, भुगतान का तरीका और कितना भुगतान करना है, यह सबकुछ योगदानकर्ता और हर दूसरे व्यक्ति के लिए स्पष्ट होना चाहिए। पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि कर मुक्त बॉन्ड में में किए निवेश के लिए आयकर अधिनियम की धारा-14 ए के तहत ब्याज की आनुपातिक अस्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। सरकार जैसे किसी व्यक्ति के कर देने से बचने को पसंद नहीं करती है। उसी तरह शासन की भी जिम्मेदारी है कि वह ऐसी कर प्रणाली तैयार करे, जिससे करदाता अपना बजट और भविष्य की योजना तैयार कर सकें। अगर इन दोनों के बीच उचित संतुलन बना लिया जाए तो राजस्व जुटाने की प्रक्रिया से समझौता किए बिना अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचा जा सकता है। क्या है धारा-14ए आयकर अधिनियम की धारा-14ए कुल आय में शामिल न होने वाली आय से जुड़े खर्च से संबंधित है। यह धारा आय के तहत कर देयता से बचने के लिए करदाता की तरफ से दिखाए ऐसे खर्च को अस्वीकार करने का प्रावधान करती है, जो उनकी कुल आय का हिस्सा नहीं है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/monsoon-in-the-month-of-august-the-country-received-the-lowest-rainfall-in-19-years-the-meteorological-department-recorded-a-decrease-of-24-percent,"मानसून : अगस्त माह में देश में 19 साल में सबसे कम बारिश हुई, मध्य भारत का सबसे बुरा हाल","इस साल अगस्त महीने में पिछले 19 साल में सबसे कम बारिश हुई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को बताया कि अगस्त में बारिश में 24 फीसदी की कमी दर्ज की गई। मानसून काल 30 सितंबर को खत्म हो जाएगा। बचे 20 दिनों में बारिश की कमी कितनी भरपाई हो सकेगी, इसे लेकर मौसम विभाग ने अभी कोई अनुमान जारी नहीं किया है। ऐसे में कुल मिलाकर देश में इस बार अल्प वर्षा का खतरा मंडराने लगा है। आईएमडी के अनुसार, कमजोर मानसून के दो अहम दौर देशभर में 9 से 16 अगस्त और 23 से 27 अगस्त के बीच सक्रिय रहे। इस दौरान भारत के उत्तर-पश्चिम, मध्य तथा आसपास के प्रायद्वीपीय और पश्चिमी तट पर कम बारिश दर्ज की गई। अगस्त 2021 में, पूरे देशभर में बारिश दीर्घावधि औसत (एलपीए) से कम से कम 24 प्रतिशत कम थी, जो 2002 से यानी पिछले 19 से सबसे कम रही। आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून आधिकारिक तौर पर एक जून को आता है और 30 सितंबर तक सक्रिय रहता है। जून में 10 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई, लेकिन जुलाई और अगस्त दोनों में बारिश में क्रमश: 7 और 24 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। मध्य भारत में 39 फीसदी कमी मौसम विभाग के अनुसार अगस्त में देश में सामान्य से 24 प्रतिशत कम बारिश हुई। आईएमडी के चार मौसम संभागों में से मध्य भारत में 39 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई। देश के इस हिस्से में महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा का एक बड़ा क्षेत्र शामिल है। उत्तर-पश्चिम भारत, जिसमें उत्तरी भारतीय राज्य शामिल हैं, वहां 30 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई। दक्षिण प्रायद्वीप में 10 फीसदी कम जबकि पूर्वी और उत्तरपूर्वी डिवीजन में सामान्य से दो फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई। विभाग ने अगस्त के दौरान सामान्य बारिश का अनुमान लगाया था।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/pm-modi-to-launch-sansad-tv-on-september-15-say-sources,"संसद टीवी : 15 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी करेंगे नए चैनल का शुभारंभ, लोकसभा व राज्यसभा टीवी का हुआ इसमें विलय","संसद चलेगी तब दो चैनल चलेंगे सूत्रों के अनुसार जब संसद का सत्र चलेगा तब संसद टीवी के दो चैनल होंगे, ताकि इन पर लोकसभा व राज्यसभा की कार्यवाही का लगातार प्रसारण हो सके। संसद भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को संसद टीवी का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर उप राष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति वेकैंया नायडू व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला मौजूद रहेंगे। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी व पूर्व कपड़ा सचिव रवि कपूर संसद टीवी के सीईओ बनाए गए हैं, जबकि लोकसभा सचिवालय में संयुक्त सचिव मनोज अरोरा इसके ओएसडी होंगे।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/lawyer-seeks-urgent-hearing-in-sc-on-pil-seeking-uniform-code-for-religious-and-charitable-endowments,याचिका: 'धार्मिक और परोपकारी चंदे के लिए सरकार बनाए समान कानून' सुप्रीम कोर्ट से की तत्काल सुनवाई की मांग,"धार्मिक और परोपकारी चंदे के लिए समान कानून बनाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। वकीलों ने सर्वोच्च न्यायालय से इसी याचिका की जल्द सुनवाई करने की मांग की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि देश के करीब चार लाख मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण है, जबकि मस्जिद और चर्च के मामले में ऐसा नहीं है। इसके साथ ही मांग की गई है कि वह सरकार को निर्देश दे कि वह धर्म और धार्मिक चंदे को लेकर समान कानून बनाए। जिससे सभी धर्म के अनुयायियों के अधिकारों की रक्षा की जा सके। वकील और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की ओर से जुलाई में दायर जनहित याचिका को गुरुवार को शीर्ष अदालत के रजिस्ट्रार के सामने तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए आई। संभावना जताई जा रही है कि कोर्ट अगले हफ्ते मामले पर सुनवाई कर सकता है। वकील अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दाखिल याचिका में दलील दी गई है कि हिंदू, जैन, बौद्ध और सिखों को अपने धार्मिक स्थलों की स्थापना, प्रबंधन और देखरेख के लिए वैसे ही अधिकार मिलने चाहिए, जैसे मुस्लिम, पारसी और ईसाइयों को मिले हैं। सरकार इस अधिकार को कम नहीं कर सकती। याचिका में दलील दी गई है कि अनुच्छेद 26 के तहत संस्थानों के प्रबंधन का अधिकार सभी समुदायों के लिए प्राकृतिक आधार है, लेकिन हिंदुओं, जैन, बौद्ध और सिखों को इससे वंचित रखा गया है। जनहित याचिका में कहा गया है कि देश में नौ लाख में से करीब चार लाख मंदिर सरकार के नियंत्रण में हैं। इसमें कहा गया कि किसी धार्मिक संस्था से जुड़ी एक भी मस्जिद या चर्च ऐसा नहीं है जहां सरकार का कोई नियंत्रण या हस्तक्षेप हो। जहां तक कर भुगतान या दान की बात है तो देश के चर्चों और मस्जिदों की ओर से कर का भुगतान नहीं किया जाता। इन्हीं कारणों से हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम 1951 और राज्यों द्वारा समय-समय पर लागू किए गए ऐसे अन्य कानूनों में बदलाव की जरूरत है। याचिका में कहा गया कि यह अधिनियम सरकार को मंदिरों के साथ-साथ उनकी संपत्तियों को नियंत्रित करने की अनुमति देता है। मंदिरों पर लगभग 13 से 18 फीसदी सेवा शुल्क लगाया जाता है। हमारे देश में लगभग 15 राज्य ऐसे हैं, जो हिंदू धार्मिक संस्थानों पर नियंत्रण रखते हैं। जब सेवा शुल्क मंदिरों पर लागू किया जाता है, यह मूल रूप से सामुदायिक अधिकारों के साथ-साथ उन संसाधनों को भी छीन लेता है जो इसके हितों की रक्षा कर रहे हैं।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/man-arrested-for-the-alleged-rape-of-a-30-year-old-woman-in-mumbai-latest-news-update,"मुंबई: महिला के साथ हैवानियत, दुष्कर्म के बाद बुरी तरह पीटा, एक आरोपी गिरफ्तार","महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 30 साल की महिला के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। मंबई पुलिस ने कथित दुष्कर्म के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है। बता दें कि गुरुवार की रात खैरानी रोड पर महिला बेहोशी की हालत में पाई गई थी। फिलहाल महिला का शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इस संगीन अपराध के आरोप में पुलिस ने जिस शख्स को पकड़ा है, उसका नाम मोहन चौहान बताया जा रहा है। 45 साल के व्यक्ति को पुलिस ने घटना के कुछ ही घंटों पर दबोच लिया। पुलिस ने बताया कि कंट्रोल रूम को सूचना मिली थी कि एक महिला को एक शख्स बुरी तरह से पीट रहा है। इसके बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। यहां सड़क पर महिला खून से लथपथ पड़ी हुई थीं। इसके बाद महिला को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि महिला के साथ दुष्कर्म हुआ है। पुलिस का कहना है कि सड़क किनारे खड़े एक टेम्पो के अंदर महिला के साथ यह हैवानियत की गई। ऑटो के अंदर खून के छींटे भी मिले हैं। चिकित्सकों के मुताबिक, महिला की हालत अभी चिंताजनक बनी हुई है। पुलिस का कहना है कि आरोपी चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (दुष्कर्म की कोशिश) और 376 (दुष्कर्म) के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले में आगे की जांच भी की जा रही है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/gujarat-media-and-real-estate-group-raided-unaccounted-transactions-worth-rs-1000-crore-exposed,"गुजरात : सीबीडीटी का कारोबारी समूह पर छापा, 1000 करोड़ रुपये का बेहिसाबी लेनदेन उजागर","आयकर विभाग ने गुजरात के मीडिया व रियल एस्टेट कारोबारी संभव समूह के खिलाफ कर चोरी की जांच शुरू की है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को बताया कि बीते तीन दिनों से जारी जांच में अब तक 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के बेहिसाबी लेनदेन का पता लगाया जा चुका है। संभव ग्रुप का मुख्यालय अहमदाबाद में है। सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि आठ सितंबर को संभव समूह के 20 परिसरों में तलाशी शुरू की गई जो गुजरात के प्रमुख व्यापारिक घरानों में से एक है। जांच अब भी जारी है। अधिकारियों ने बताया कि संभव समूह की मीडिया इकाई में इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटव व प्रिंट तीनों मीडिया शामिल हैं। जबकि इसकी रियल एस्टेट इकाई में सस्ते आवास बनाने व शहरी बुनियादी ढांचे के विकास का काम किया जाता है। सीबीडीटी के बयान में दावा किया गया है कि अब तक की जांच में 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बेहिसाबी लेनदेन का पता चला है। यह विभिन्न कर आकलन वर्षों से जुड़ा है। छापों के दौरान एक करोड़ रुपये नकद और 2.70 करोड़ रुपये के आभूषण भी जब्त किए गए हैं। समूह के 14 लॉकरों को सील कर दिया गया है। संभव ग्रुप की मीडिया इकाई में गुजराती न्यूज चैनल वीटीवी न्यूज, अभियान मैगजीन, इवनिंग न्यूजपेपर संभव मेट्रो और रेडियो स्टेशन टॉप एफएम शामिल हैं। इसके चैनल हेड हेमंत गोलानी ने बुधवार को कहा था कि वीटीवी न्यूज के परिसरों में छापेमारी की जा रही है। सीबीडीटी के अनुसार जांच में आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं। ये 500 करोड़ रुपये से अधिक के नकद लेनदेन का संकेत देते हैं। अचल संपत्ति परियोजनाओं और जमीनों के सौदों में ऑन-मनी के 350 करोड़ रुपये से अधिक साक्ष्य मिले हैं। करीब 150 करोड़ रुपये के नकद ऋण व ब्याज भुगतान व पुनर्भुगतान के भी सबूत मिले हैं। संपत्तियां व परियोजनाएं भी छद्म लोगों के नाम पर मिली हैं।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/cyber-fraud-hackers-hacked-the-crpf-jawan-account-in-name-of-sim-card-block-kyc-update,"CRPF सिपाही को लाखों की चपत: घर मरम्मत के लिए जीपीएफ से निकाली थी रकम, हैकर्स ने चंद मिनटों में उड़ाए","देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ' के सिपाही/सफाई कर्मचारी नंद कुमार सिंह को पौने छह लाख रुपये की चपत लग गई है। उन्होंने अपने घर की मरम्मत के लिए अपने जीपीएफ खाते से सात लाख रुपये निकाले थे। वह राशि उनके खाते में जमा थी। साइबर फ्रॉड को अंजाम देने वालों ने केवाईसी डॉक्यूमेंट अपडेट कराने को लेकर नंद कुमार से बातचीत की। आरोपियों ने सीआरपीएफ कर्मी को सिम कार्ड बंद होने का भय दिखाया। नंद कुमार उनकी बातों में आ गया और 5,71,999 रुपये का नुकसान खा बैठा। हैकर्स ने उसके खाते से यह राशि आठ बार में निकाली है। सीआरपीएफ की 244वीं बटालियन द्वारा जारी सूचना के मुताबिक, चार सितंबर 2021 को नंद कुमार के मोबाइल फोन पर एक मैसेज आया था। उसमें कहा गया था कि केवाईसी दस्तावेज अपडेट न होने के कारण अगले 24 घंटे में आपका सिम कार्ड बंद हो जाएगा। अगर आप चाहते हैं कि सिम कार्ड बंद न हो तो इस नंबर पर संपर्क करें। सिपाही नंद कुमार ने उस नंबर पर कॉल की। फर्जी कस्टमर केयर वालों ने उससे गूगल प्ले स्टोर में जाकर क्विक सपोर्ट एप डाउनलोड करने को कहा। सिपाही ने वैसा ही किया। कुछ ही देर बाद उसके मोबाइल फोन पर एक मैसेज आया, जिसे देखते ही नंद कुमार हैरान रह गया। जो पहला मैसेज आया, उसमें लिखा था कि उसके खाते से 99,999 रुपये निकल गए हैं। इससे पहले कि वह किसी को शिकायत करता, तुरंत दूसरा मैसेज आ गया। इस बार खाते से 95,000 रुपये कम हो गए। तीसरे मैसेज में 98,000, चौथे मैसेज में 80,000, पांचवें मैसेज में 99,000, छठे मैसेज में 25,000, सातवें मैसेज में 50,000 और आठवें मैसेज में 25,000 रुपये निकाले जाने की सूचना प्राप्त हुई। इस तरह से उसके खाते से 5,71,999 रुपये निकाल लिए गए। इस बाबत नंद कुमार ने एसबीआई ब्रांच सेकमे, इंफाल को सूचित कर दिया है। साइबर क्राइम ब्रांच ग्वालियर को भी मामले की सूचना दी गई है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/income-tax-raids-on-three-commission-agents-of-punjab-and-haryana-seized-cash-and-jewelry-worth-more-than-three-crores,"कार्रवाई : आयकर ने पंजाब और हरियाणा के तीन कमीशन एजेंटों पर मारे छापे, तीन करोड़ से ज्यादा के नकदी व आभूषण जब्त","आयकर विभाग ने पंजाब व हरियाणा के तीन कमीशन एजेंट समूहों पर आठ सितंबर को छापे मारे। इस दौरान तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की नकद राशि व आभूषण जब्त किए गए। समूह के लॉकरों को भी सील कर दिया गया है। इस कार्रवाई के बारे में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को जानकारी दी। बोर्ड ने बताया कि इन कमीशन एजेंट समूहों के पंजाब और हरियाणा में परिसरों की जांच की गई। ये समूह कमीशन एजेंट के कारोबार के अलावा स्टील रोलिंग मिल, कोल्ड स्टोरेज, जनरल मिल्स, ज्वेलरी शॉप, राइस मिल्स, फ्लोर मिल चलाने में भी लगे हुए हैं। जांच के दौरान 1.70 करोड़ रुपये नकद मिले और 1.50 करोड़ रुपये के आभूषण भी पाए गए। ये बेहिसाबी होने से जब्त किए गए। करीब 1.50 करोड़ रुपये का बेहिसाबी आटा भी जब्त किया गया। आठ बैंक लॉकरों को सील किया गया है। कुछ परिसरों की जांच में डिजिटल सबूत भी मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। जांच के दौरान इन समूहों के 3.40 करोड़ रुपये के बेहिसाबी निवेश और अचल संपत्तियों का भी पता चला है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/meghalaya-troops-during-a-special-operation-recovered-two-ieds-13-gelatin-sticks-in-tikrikilla,"मेघालय : पश्चिमी गारो पर्वत इलाके से सुरक्षा बलों ने दो आईडी व 13 जिलेटिन छड़ें जब्त की, बड़ा खतरा टला","सुरक्षा बलों ने मेघालय में विशेष अभियान चलाकर पश्चिम गारो पर्वत इलाके से दो आईईडी व 13 जिलेटिन की छड़ें व तीन इलेक्ट्रिक डिटोनेटर बरामद किए हैं। यह विस्फोटक सामग्री टिक्रिकिल्ला इलाके में मिली। सीआरपीएफ ने बताया कि आईईडी को निष्क्रिय कर दिया गया है। Meghalaya | Troops of 120 Bn during a special operation recovered two IEDs, 13 gelatin sticks and three electric detonators in Tikrikilla, West Garo Hills; IEDs neutralised: CRPF pic.twitter.com/mfj2d6LCoO — ANI (@ANI) September 10, 2021",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/pm-narendra-modi-will-perform-the-lokarpan-of-sardardham-bhavan-in-ahmedabad,"गुजरात: प्रधानमंत्री सरदारधाम भवन का करेंगे लोकार्पण, सीएम रुपाणी भी रहेंगे मौजूद","प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद स्थित सरदारधाम भवन का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से लोकार्पण करेंगे। साथ ही इस परियोजना के दूसरे चरण का भूमि पूजन कर शिलान्यास भी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। परियोजना के दूसरे चरण में कन्या छात्रालय बनना है। इसमें 2000 कन्याओं के लिए छात्रावास की सुविधा होगी। पीएमओ के मुताबिक सरदारधाम शैक्षिक और सामाजिक बदलाव के साथ ही समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहा है। सरदारधाम में छात्रों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है। अहमदाबाद में वैष्णोदेवी सर्कल के पास सरदारधाम परिसर में यह भवन बना है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/hc-court-rejected-plea-of-anil-deshmukh-advocate-bail,"मुंबई वसूलीकांड: कोर्ट ने अनिल देशमुख के वकील की जमानत याचिका खारिज किया , सीबीआई से जवाब मांगा","दिल्ली उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा की जमानत याचिका पर शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा।न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने याचिका पर नोटिस जारी किया और इस पर सुनवाई की अगली तारीख 27 सितंबर तय की। बंबई उच्च न्यायालय ने देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था और इसे कथित तौर पर बाधित करने के प्रयास के मामले में डागा को गिरफ्तार किया गया था। यहां की विशेष सीबीआई अदालत ने आठ सितंबर को डागा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है और जांच के दौरान बरामद वस्तुएं इस मामले से जुड़ते हैं। विशेष न्यायाधीश विमल कुमार यादव ने कहा था कि आरोपी खुद वकील है और कानूनी प्रक्रिया से अच्छी तरह परिचित है। अदालत ने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर सकता है। न्यायाधीश ने कहा था, ‘‘इसलिए तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए इस चरण में आरोपी की जमानत पर विचार नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘डागा गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।’’ जांच की कॉपी लीक होने पर हुई शर्मिंदगी सीबीआई ने उप निरीक्षक अभिषेक तिवारी और नागपुर के रहने वाले अधिवक्ता समेत अन्य लोगों के खिलाफ अनुचित लाभ लेने समेत कई आरोपों में मामला दर्ज किया था। प्रारंभिक जांच की एक रिपोर्ट लीक हो गई थी, जिसमें कथित तौर पर देशमुख को क्लीन चिट दी गई थी और इस वजह से एजेंसी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था। इस मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की थी जिसमें पता चला कि प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों को प्रभावित किया गया है।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/nipah-virus-india-first-test-kit-will-tell-report-negative-or-positive-within-an-hour,"निपाह वायरस: भारत को मिला हथियार, एक घंटे के अंदर टेस्ट किट बताएगी रिपोर्ट निगेटिव या पॉजिटिव","कोरोना के बाद निपाह वायरस के बढ़ते खतरे के बीच भारत को बड़ा हथियार मिला है। ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की ओर से निपाह वाायस की जांच के लिए गोवा की मोल्बियो डायग्नोस्टिक की टेस्ट किट को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। ट्रूनेट नाम की यह टेस्ट किट से आरटीपीसीआर प्लेटफार्म पर आधारित है। निपाह वायरस की जांच के लिए अनुमोदित यह भारत की पहली टेस्ट किट है। पूरी तरह स्वदेशी और पोर्टेबल है किट ट्रूनेट पूरी तरह से स्वदेशी, बैटरी से चलने वाली और आरटीपीसीआर प्लेटफॉर्म पर आधारित है। इसके माध्यम से करीब 30 बीमारियों की जांच की जा सकती है और एक घंटे से भी कम समय में इसके नतीजे सामने आ जाते हैं। इस किट से टीबी, कोरोना, डेंगू, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस, एचपीवी जैसी बीमारियों की जांच की जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पेटेंट मीडिया से बात करते हुए मोल्बियो के सीटीओ चंद्रशेखर नायर ने बताया कि इस टेस्ट किट को ब्रिफकेस में रखकर कहीं भी ले जाया सकता है। उन्होंने कहा कि टेस्ट किट को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ले जाया गया है और हर जगह से पेटेंट कराया गया। उन्होंने बताया कि इस किट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि कम समय के प्रशिक्षण के बाद भी इसे प्रयोग में लाया जा सकेगा। गौरतलब है कि केरल के कोझिकोड के अलावा भारत में निपाह वायरस के तीन मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। सबसे पहले 2001 में सिलीगुड़ी में यह वायरस मिला था, इसके बाद 2007 में पंश्चिम बंगाल और केरल के कोझिकोड और मल्लपुरम में 2018 में यह संक्रमण सामने आया था।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/thar-express-running-between-india-pakistan-is-closed-for-two-years-7060555/,जानिए दो साल से क्यों बंद है भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को जोड़ती रेलगाड़ी थार एक्सप्रेस,"बाड़मेर । पाकिस्तान में हिन्दुओं के जबरन धर्म परिवर्तन के साथ बहन-बेटियों से निकाह की घटनाएं बढ़ी है। सिंध से लेकर कराची तक दो साल पहले बड़ी संख्या में हिन्दू परिवार भारत आकर सुकून पा रहे थे लेकिन अब यह रास्ता भी बंद हो गया है। भारत आए पाक विस्थापित मुसीबत के इस दौर में अपनों से मिलकर दिलासा देना भी चाहे तो मुश्किल है क्योंकि दो साल पहले थार एक्सप्रेस (Thar Express) को बंद कर दिया गया है, जिसमें हर हफ्ते करीब आठ सौ लोग दोनों मुल्कों के बीच में सफर कर रहे थे। ""क्यों हुई बंद- जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 निष्क्रिय करने के बाद भारत-पाक संबंधों में तनाव हुआ और रिश्तों की रेल को बंद कर दिया गया। ट्रेन आखिरी फेरा 9 अगस्त 2019 को भगत की कोठी से पाकिस्तान गया था, जो वापस पाकिस्तान से 10 अगस्त को रवाना होकर 11 अगस्त को जोधपुर आया था। यह रेल जोधपुर से रवाना होती, जो बाड़मेर के मुनाबाव (अंतिम रेलवे स्टेशन ) पहुंचती है। जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का रेलवे प्लेटफार्म है।"" ""1965 के बाद खुला था मार्ग- 1965 के युद्ध से पहले भारत-पाकिस्तान रेल का संचालन जोधपुर से कराची तक होता था। 1965 के युद्ध में पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई और रेल बंद 18 फरवरी 2006 को 41 साल बाद इस रेल को पुन: प्रारंभ किया गया था थार रेल में अब तक 4 लाख से अधिक यात्री दोनों ओर से यात्रा कर चुके हैं।""",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/pm-modi-high-level-meeting-on-covid-19-7059497/,पीएम मोदी ने महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच की अहम बैठक,"नई दिल्ली। देश में शुक्रवार को गणेश चतुर्थी उत्सव के साथ त्योहारी सीजन की शुरुआत हो गई है। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोरोना वायरस के मौजूदा हालात और टीकाकरण की स्थिति का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच स्वास्थ्य विभाग की तैयारी, मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ ही कोरोना वैक्सीन के उत्पादन, आपूर्ति और वितरण की समीक्षा की। यह भी चर्चा की गई कि दुनिया के कई देशों में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या लगातार ज्यादा बनी हुई है। भारत में रोजाना सामने आने वाले कोरोना के नए मामलों में केरल और महाराष्ट्र से सर्वाधिक संख्या में केस आना जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में कम से कम 35 जिले अभी भी 10 प्रतिशत से अधिक की साप्ताहिक कोरोना सकारात्मकता दर रिपोर्ट कर रहे हैं। जबकि 30 जिले पांच से 10 प्रतिशत के बीच पॉजिटिविटी रेट वाले हैं। पीएम मोदी ने कोरोना के नए म्यूटेंट के पैदा होने पर लगातार निगरानी के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की जरूरत पर भी बल दिया। अधिकारियों ने बताया कि देश में INSACOG की 28 प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं। इन प्रयोगशालाओं को अस्पतालों से भी जोड़ा गया है। वहीं, जीनोम पर निगरानी के लिए सीवेज सैंपल भी टेस्ट किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड इमरजेंसी रिस्पॉन्स पैकेज टू के अंतर्गत बाल चिकित्सा देखभाल के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता में बढ़ोतरी और अन्य आवश्यक सेवाओं की भी समीक्षा की। महामारी की तीसरी लहर के खतरों और आशंका के बीच भारत ने शुक्रवार सुबह तक 72.37 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण पूरा कर लिया है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 2.31 प्रतिशत आने के साथ ही कोरोना महामारी की स्थिति भी नियंत्रण में है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत की आधी से अधिक वयस्क आबादी को टीके की कम से कम एक खुराक मिली है, जबकि 18 प्रतिशत जनसंख्या ने दोनों खुराक प्राप्त की हैं। लोगों के इकट्ठा होने और घूमने को प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि टीकाकरण के बाद भी लोगों में संक्रमण होने का खतरा होता है। कोरोना की वैक्सीन लगाने का मतलब यह नहीं है कि यह महामारी नहीं होगी। त्योहारी सीजन से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उत्सव कम महत्वपूर्ण होने चाहिए। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा, ""इससे हमें अगले साल बड़े पैमाने पर त्योहार मनाने का मौका मिलेगा।"" डॉ भार्गव ने कहा था, ""ये टीके रोग की गंभीरता से बचाने वाले हैं और रोग-निवारक नहीं हैं। इसलिए, टीकाकरण के बाद भी संक्रमण होगा। इसलिए हम मास्क के निरंतर इस्तेमाल और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की सलाह देते हैं। टीकाकरण के बाद भी मास्क का उपयोग जारी रखना बहुत महत्वपूर्ण है।""",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/gurmit-singh-appointed-as-governor-of-uttarakhand-7058095/,"पंजाब के राज्यपाल होंगे बनवारीलाल पुरोहित, गुरमीत सिंह बनेंगे उत्तराखंड के गवर्नर","नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्या (Rani Maurya) का इस्तीफा गुरुवार को स्वीकार कर लिया। वहीं, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह (governor gurmeet singh) को राज्य के राज्यपाल का जिम्मा सौंप दिया। राष्ट्रपति भवन की ओर से पुष्टि की गई कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मौर्या का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को यह जिम्मा दिया है। बनवारीलाल पुरोहित को पंजाब का राज्यपाल बनाया राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को पंजाब और उत्तराखंड सहित नागालैंड में राज्यपाल की नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी। तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को पंजाब का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं, नागालैंड के राज्यपाल आरएन रवि को तमिलनाडु का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। असम के राज्यपाल जगदीश मुखी को नागालैंड के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/one-vaccine-dose-prevents-96-6-percent-covid19-deaths-icmr-7057851/,"ICMR का दावा, वैक्सीन की एक खुराक मौत को रोकने में 96.6 फीसदी तक सक्षम","नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) से जंग लड़ने के लिए वैक्सीनेशन ही एक मात्र उपाय बन गया है। यहीं कारण है कि देश में तेजी से वैक्सीनेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव का कहना है कि कोविड-19 टीके की एक डोज लेने पर 96.6 फीसदी तक मौत की संभावना कम हो जाती है। वहीं दोनों डोज मृत्यु को 97.5 प्रतिशत तक रोक देती है। 18 अप्रैल से 15 अगस्त 2021 तक एकत्र करे आंकड़ों पर बोलते हुए बलराम भार्गव ने कहा कि टीकाकरण मौत को रोक देता है। उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई में कोविड-19 की दूसरी लहर में अधिकांश मौतें बिना टीकाकरण के कारण हुईं थी। टीका लगवाने के लिए मिलने वाली यह सुरक्षा सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए है। चाहे वो 60 वर्ष या फिर उससे ज्यादा के हो या फिर 45-59 या फिर 18-44 वर्ष के लोग हों। अब तक 72 करोड़ वैक्सीन की डोज दी नीति आयोग के सदस्य और कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल के अनुसार यह स्पष्ट है कि दो खुराक पूरी सुरक्षा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से ऊपर के 58 फीसदी लोगों को सिंगल डोज दी गई, जो कि 100 प्रतिशत होनी चाहिए। पॉल के अनुसार कोई भी पीछे नहीं रहना चाहिए। करीब 72 करोड़ वैक्सीन डोज दी गई। जो बचे हैं उन्हें हर्ड इम्युनिटी विकसित करने के लिए प्रशासित करा जाना चाहिए। एक दिन में लग रहे 78 लाख डोज वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अनुसार टीकाकरण की गति को बढ़ाया जा रही है। प्रतिदिन दी जाने वाली खुराक मई में 20 लाख थी जो सितंबर 78 लाख तक हो गई है। टीकाकरण की गति अभी और बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हमने सितंबर के पहले सात दिनों में मई के 30 दिनों की तुलना में ज्यादा टीके लगाए हैं। बीते 24 घंटों में 36 लाख खुराकें दी गई हैं। देश में त्योहारों से पहले वैक्सीनेशन की गति बढ़ानी होगी। केरल में 68.59 प्रतिशत मामले स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश के 35 जिलों में साप्ताहिक कोविड संक्रमण दर दस प्रतिशत से ज्यादा है। वहीं 30 जिलों में यह दर 5 से 10 प्रतिशत के बीच है। उन्होंने देश के सभी हिस्सों से नए मामलों का ब्योरा उपलब्ध कराया और कहा कि बीते हफ्ते सामने आए कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में 68.59 प्रतिशत केरल से थे।",-1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/138-recovered-from-covid-19-in-jk-1454732,"138 संक्रमितों ने दी कोरोना को मात, 14 यात्रियों सहित 146 नए मामलों की पुष्टि","जम्मू : जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमण से आज 138 संक्रमितों ने जंग जीती जिसकेचलते अब तक 3,21,086 संक्रमितों ने कोरोना को मात दी है। जम्मू कश्मीर में आज 146 नए मामलों की पुष्टि हुई जिनमें से 121 कश्मीर संभाग से सामने आए हैं। आज कटरा में वैष्णो देवी के दर्शनों के आए 3 तीर्थयात्री कोरोना संक्रमित पाए गए। आज जम्मू कश्मीर में ब्लैक फंगस का एक नया मामला सामने आया। केन्द्र शासित प्रदेश में अब तक कुल 46 ब्लैक फंगस के मामले हो गए हैं। 1301 एक्टिव मामले जम्मू संभाग से आज 25 और कश्मीर संभाग से 121 नए कोरोना के मामलों की पुष्टि हुई है। जम्मू कश्मीर में 146 नए मामलों में से 14 यात्री व 132 स्थानीय व अन्य लोग शामिल हैं। जम्मू कश्मीर में अब तक 3,26,799 कोरोना के पाजिटिव मामले हो गए हैं, इनमें से 1,23,285 जम्मू संभाग और 2,03,514 मामले कश्मीर संभाग से संबंधित हैं। जम्मू कश्मीर में 1,301 मामले एक्टिव हैं, इनमें से जम्मू संभाग में 229 और कश्मीर संभाग में 1072 मामले एक्टिव हैं। 3,21,086संक्रमितों ने दी कोरोना को मात जम्मू कश्मीर में अब तक 3,21,086कोरोना संक्रमितों ने कोरोना को मात दी है। जिनमें जम्मू संभाग से 1,20,889 और कश्मीर संभाग से 2,00,197 रोगी ठीक हुए हैं। आज 138 कोरोना संक्रमित ठीक हुए हैं, इनमें कश्मीर संभाग से 111 और जम्मू संभाग से 27 लोग स्वस्थ हुए हैं। आज तक जम्मू कश्मीर में 91,98,452 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इनमें से अब तक 45 वर्ष के आयु वर्ग के 84,54,930 लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। मरने वालों का आंकड़ा पहुंचा 4,412 अब तक जम्मू संभाग से 2167 और कश्मीर संभाग से 2245 कोरोना रोगियों ने उपचार के दौरान दम तोड़ा है जिसके चलते मरने वालों का कुल आंकड़ा 4,412 पहुंच गया है। श्रीनगर में 837, बारामूल्ला में 282, बडग़ाम में 207, पुलवामा में 194, कुपवाड़ा में 166, अनंतनाग में 205, बांदीपुरा में 101, गांदरबल में 78, कुलगाम मे 117, शोपियां में 58 मौतें हुई हैं जबकि जम्मू संभाग में जम्मू में 1142, ऊधमपुर में 137, राजौरी में 236, डोडा में 130, कठुआ में 151, साम्बा में 120, किश्तवाड़ में 44, पुंछ में 97, रामबन में 67 और रियासी में 43 लोगों ने उपचार के दौरान दम तोड़ा। होम क्वारंटाइन मेंं 7,742 लोग जम्मू कश्मीर में अब तक कोरोना वायरस की 1,38,87,059 सैंपल की रिपोर्ट उपलब्ध हुई है जिनमें से 1,35,60,260 मामले नैगेटिव पाए गए हैं। वहीं 33,76,795 लोगों को निगरानी में रखा गया है जबकि होम क्वारंटाइन मेंं 7,742 लोगों को रखा गया है और 1,301 संक्रमित अस्पताल आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं। घरों में 4,65,584 लोगों को निगरानी में रखा गया है जबकि 28,97,756 लोगों ने निगरानी अवधि पूरी कर ली है। 5 जिलों से नहीं आया कोई मामला आज सबसे अधिक 72 मामले कश्मीर संभाग के श्रीनगर जिले से सामने आए हैं जबकि जम्मू संभाग के डोडा जिले से सबसे अधिक 13 नए मामलों की पुष्टि हुई है। आज बारामूल्ला में 15, बडगाम में 9, पुलवामा में 3, कुपवाड़ा में 7, अनंतनाग में 1, बांदीपोरा में 3, गांदरबल में 6, कुलगाम में 5, जम्मू में 4, ऊधमपुर में 3, डोडा में 13, कठुआ में 1, पुंछ में 1, और रियासी में 3 कोरोना पाजिटिव के मामले सामने आए हैं। आज कश्मीर संभाग के शोपियां और जम्मू संभाग के राजौरी, साम्बा, किश्तवाड़ और रामबन जिले से कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है। जम्मू कश्मीर 3,26,799 कुल केस 1,301 एक्टिव केस 3,21,086 ठीक हुए 4,412 मौतें",-1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/lg-sinha-order-for-full-vaccination-before-opening-schools-1454730,"एलजी सिन्हा का आदेश, स्कूल खोलने से पहले छात्रों का हो टीकाकरण","श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में शैक्षणिक संस्थानों को दोबारा खोलने के लिए 18 साल से अधिक उम्र के विद्यार्थियों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। यहां शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआईसीसी) में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में सिन्हा ने कहा कि ज्यादातर शैक्षणिक कर्मचारियों को पहले ही टीका लग चुका है। उन्होंने कहा, ""हम संस्थानों को फिर से खोलने के लक्ष्य के साथ प्राथमिकता के आधार पर 18 वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्राध्यापकों एवं शिक्षकों के टीकाकरण का प्रयास कर रहे हैं।"" सिन्हा ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के विद्यार्थियों के टीकाकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा क्योंकि अधिकतर शिक्षकों को पहले ही टीका लग चुका है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उपराज्यपाल ने ज्यादा टिप्पणी किए बिना कहा कि सब ठीक है।"" इससे पहले, सिन्हा ने एसकेआईसीसी में केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर और लद्दाख की प्रमाणन रिपोर्ट का विश्लेषण शीर्षक वाली पुस्तक का विमोचन किया।",-1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/kozhikode-plane-accident-report-of-accident-released-after-a-year-1454713,"कोझीकोड विमान हादसा: AAIB ने जारी की रिपोर्ट, पायलट को बताया जिम्मेदार, तकनीकी खामियों का भी दिया हवाला","नई दिल्लीः विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने पिछले साल अगस्त में कोझीकोड हवाईअड्डे पर हुई विमान दुर्घटना की जांच रिपोर्ट शनिवार को जारी की। इस दुर्घटना में कम से कम 20 लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे। 257 पन्नों की रिपोर्ट कहती है कि पायलट द्वारा मानक संचानल प्रक्रिया का पालन नहीं करना संभावित कारण हो सकता है लेकिन एक सहायक कारक के रूप में प्रणालीगत विफलताओं की भूमिका की अनदेखी नहीं की जा सकती है। पिछले साल सात अगस्त को एयर इंडिया एक्सप्रेस का बी737-800 विमान केरल के कोझीकोड हवाई अड्डे पर दुर्घटना का शिकार हो गया था। विमान दुबई से आ रहा था और कोझीकोड हवाई अड्डे पर रनवे से बाहर निकल गया था और फिर इसके टुकड़े टुकड़े हो गए थे। इस विमान में 190 लोग सवार थे और दोनो पायलटों समेत कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी तथा कई अन्य घायल हो गए थे। दुर्घटना के लगभग साल भर बाद जारी रिपोर्ट कहती है, ""दुर्घटना का संभावित कारण पीएफ (पायलट फ्लाइंग) द्वारा एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) का पालन नहीं करना था"" रिपोर्ट के मुताबिक, पायलट ने अस्थिर दृष्टिकोण जारी रखा और विमान को उतराने वाले जोन से आगे उतारा, आधे रनवे पर उतारा, बावजूद इसके पायलट मॉनिटरिंग (पीएम) ने विमान को उड़ाने (‘गो अराउंड) को कहा था।",-1 https://www.punjabkesari.in,https://haryana.punjabkesari.in/national/news/listen-to-this-mother-too-any-painful-plea-this-child-was-snatched-away-1454710,"इस मां की भी सुनो कोई दर्द भरी गुहार, छीन लिया गया इससे मासूम बच्चा","साइबर सिटी गुरुग्राम में एक माँ अपने मासूम बेटे को गोद मे उठाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है,लेकिन उसकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली शहनाज ने गुरुग्राम के चक्करपुर में रहने वाले संदीप से वर्ष 2017 में प्रेम विवाह किया था। शहनाज मुस्लिम है, जबकि संदीप हिन्दू धर्म से है। विवाह से पहले शहनाज़ ने हिन्दू धर्म अपनाया और संदीप से विवाह बंधन में बंध गई। लेकिन दोनों के ही परिजन इस विवाह से खुश नही हुए और उन्होंने सम्बन्ध खत्म कर दिया। संदीप और शहनाज किराए पर रहने लगे। दोनों का प्रेम परवान चढ़ा और घ्रस्त जीवन खुशी-खुशी व्यतीत करने लगे। इसी बीच दोनों को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। शहनाज का आरोप है कि उसके ससुराल वाले उसके बेटे को जबरदस्ती छीन कर ले गए है और उससे मिलने नही दे रहे।",-1 https://www.punjabkesari.in,https://haryana.punjabkesari.in/national/news/daughter-in-law-wanted-to-get-the-housework-done-by-mother-in-law-1454709,"बहू सास से करवाना चाहती थी घर का काम, MAID रखने की बात पर की पिटाई, VIDEO VIRAL","गुरुग्राम जिले के राजेंद्र पार्क में एक बहू का अपनी सास से मारपीट का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में नजर आ रहा है कि बहू अपनी सास से मारपीट कर रही है. कलयुगी बहू खुलेआम सास पर थप्पड़ बरसा रही है, जबकि घर के अन्य सदस्य मौके पर मौजूद हैं. हद तो जब हो गई जब घर में झगड़ा देख पड़ोसी इस पूरे विवाद को सुलझाने के लिए घर पर पहुंचे उन पड़ोसियों के साथ भी इस महिला ने मारपीट की. ",-1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/24-hour-record-also-broken-highest-rainfall-in-september-after-77-years-1454688,"Delhi-NCR Rain Live: 24 घंटे का रिकॉर्ड भी टूटा रिकॉर्ड, सितंबर में 77 साल बाद सबसे अधिक हुई बारिश","नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में शनिवार को भारी बारिश दर्ज की गई, जिससे दिल्ली में मानसून के दौरान बारिश का 77 साल का रिकॉर्ड टूट गया। बारिश से कई इलाकों में भारी जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार इस महीने दिल्ली में शनिवार शाम तक मानसून ने 383.4 मिमी बारिश दर्ज की है, जो सितंबर में 77 वर्षों में सबसे अधिक है। दिल्ली में 121 साल का रिकॉर्ड टूटा आईएमडी के आरके जेनामणि ने बताया कि दिल्ली में इस साल 121 साल में सबसे ज्यादा 24 घंटे बारिश हुई। सितंबर में 77 साल में सबसे ज्यादा 390 मिमी बारिश हुई है। सितंबर 1944 में 417 मिमी के बाद यह सबसे ज्यादा है। दिल्ली में चार महीनों में 1139 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो कि बीते 46 साल में सबसे अधिक है। साल 1975 में 1155 मिमी बारिश हुई थी। पालम फ्लाईओवर के नीचे फंस गई थी बस, 40 यात्री सुरक्षित दिल्ली दमकल सेवा के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि भारी बारिश के कारण शनिवार को आईजीआई हवाई अड्डे के पास की कई सड़कें और अंडरपास जलमग्न हो गए। हवाईअड्डे के कुछ इलाके भी जलमग्न हो गए। भारी जलभराव के कारण 40 यात्रियों वाली एक बस पालम फ्लाईओवर के नीचे फंस गई। दो दमकल गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। सभी यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। दिल्ली: कल सुबह तक जारी रहेगी भारी बारिश मौसम विभाग के आरके जेन्नामणि ने बताया कि दिल्ली में भारी बारिश कल (रविवार) सुबह तक जारी रहेगी। जो दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और राजस्थान को कवर करेगी। पूर्वी राजस्थान और बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने वाले सिस्टम के और तेज होने की संभावना है। दिल्ली में 17-18 सितंबर तक बारिश होगी। दिल्ली के कई इलाकों में भरा पानी दिल्ली के मोती बाग और आरके पुरम समेत शहर के कई हिस्सों से जलभराव की खबरें आई हैं। नगर निगमों के अनुसार, मोती बाग और आरके पुरम के अलावा मधु विहार, हरी नगर, रोहतक रोड, बदरपुर, सोम विहार, आईपी स्टेशन के समीप रिंग रोड, विकास मार्ग, संगम विहार, महरौली-बदरपुर रोड, पुल प्रह्लादपुर अंडरपास, मुनीरका, राजपुर खुर्द, नांगलोई और किराड़ी समेत अन्य मार्गों पर भी जलभराव देखा गया। लोगों ने सड़कों पर जलभराव की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए।",-1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/water-entered-delhi-airport-premises-due-to-heavy-rain-1454654,"भारी बारिश से दिल्ली हवाईअड्डे के प्रांगण में घुसा पानी, तीन उड़ानें रद्द, पांच उड़ानों का मार्ग डायवर्ट","दिल्ली में शनिवार सुबह भारी बारिश के कारण हवाईअड्डे के प्रांगण में जलभराव हो गया, तीन उड़ानों को रद्द कर दिया गया और पांच विमानों का मार्ग परिवर्तित कर जयपुर और अहमदाबाद कर दिया गया। शहर के अन्य हिस्सों में भी जलभराव की खबरें आयी। दिल्ली हवाईअड्डे की कई वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट की गयी जिसमें प्रांगण में कारों को जलमग्न दिखाया गया। वीडियो में लोगों को हवाईअड्डे के प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए या तो पानी से गुजरते हुए या पानी से बचने के लिए ऊंचाई वाले स्थानों पर खड़े हुए भी देखा गया। विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया कि उन्होंने हवाईअड्डा अधिकारियों से बात की है और ‘‘उन्हें बताया गया कि प्रांगण में भरे पानी की 30 मिनट के भीतर निकासी कर दी गयी।'' हवाईअड्डे के पास एयरोसिटी इलाके में भी सुबह जलभराव देखा गया और लोगों को जलमग्न सड़कों से अपनी कारों को निकालने की कोशिश करते हुए देखा गया। इस इलाके में कई लग्जरी होटल स्थित है। वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने ट्वीटर पर बताया कि ‘‘अचानक भारी बारिश आने के कारण हवाईअड्डे के प्रांगण में थोड़े समय के लिए जलभराव हो गया।'' उसने कहा, ‘‘हमारी टीम ने फौरन समस्या पर गौर किया और इसे हल कर लिया गया है।'' डायल ने बताया कि सुबह नौ बजे से कामकाज सामान्य हो गया है। सूत्रों ने बताया कि खराब मौसम के कारण शनिवार सुबह हवाईअड्डे से पांच उड़ानों का मार्ग परिवर्तित किया गया। स्पाइसजेट की दो और इंडिगो तथा गो फर्स्ट की एक-एक उड़ानों का मार्ग परिवर्तित कर जयपुर की ओर कर दिया गया है। दुबई से दिल्ली आ रहे एक अंतरराष्ट्रीय विमान का मार्ग परिवर्तित कर अहमदाबाद कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली से रवाना होने वाली इंडिगो की तीन उड़ानों को खराब मौसम के कारण रद्द कर दिया गया है।",-1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/bus-stuck-in-underpass-due-to-waterlogging-in-delhi-1454644,"दिल्ली में जलभराव के कारण अंडरपास में फंसी बस, 40 यात्री बचाए गए","दिल्ली अग्निशमन सेवा ने शनिवार को भारी बारिश के बाद यहां एक अंडरपास में जलभराव हो जाने से उसमें फंस गई एक निजी बस की 40 सवारियों को बचाया। अधिकारियों ने बताया कि बस मथुरा जा रही थी लेकिन पालम फ्लाईओवर के अंडर पास में फंस गई। बस में सवार सवारियों में महिलाएं एवं बच्चे भी थे। न्होंने बताया कि अग्निशमन सेवा को सुबह करीब साढ़े 11 बजे मदद के लिए कॉल आई, जिसके बाद दमकल की दो गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया, “ सवारियों से भरी एक बस जलभराव के कारण पालम फ्लाईओवर के अंडरपास में फंस गई। दमकल की दो गाड़ियों को मौके पर भेजा गया और सभी सवारियों को बचा लिया गया और वे सुरक्षित हैं।” राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह से ही भारी बारिश हो रही है, जिसके बाद शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया। नगर निकाय एजेंसियों के मुताबिक, मोती बाग, आरके पुरम, मधु विहार, हरि नगर, रोहतक रोड, बदरपुर, सोम विहार, आईपी स्टेशन के पास रिंग रोड, विकास मार्ग, संगम विहार, महरौली-बदरपुर रोड, पुल प्रह्लादपुर अंडरपास, मुनिरका, राजपुर खुर्द, नांगलोई और किराड़ी समेत शहर के कई इलाकों में जलभराव हुआ। लोगों ने सड़कों व गलियों में जलभराव की तस्वीरों और वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। दिल्ली यातायात पुलिस ने लोगों को ट्विटर के माध्यम से उन इलाकों के बारे में जानकारी दी, जहां जलभराव हो सकता है।",-1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/ncc-alumni-union-will-be-formed-modi-rajnath-and-smriti-irani-will-be-members-1454640,"एनसीसी पूर्व छात्रों की बनाएगी यूनियन, मोदी, राजनाथ और स्मृति ईरानी होंगे मेंबर","राष्ट्रीय कैडेट कोर की अपने पूर्वछात्रों (एलम्नाई) का संघ बनाने की योजना है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी शामिल होंगे। कोर के महानिदेशक तरुण कुमार आइच ने शनिवार को यह जानकारी दी। लेफ्टिनेंट जनरल आइच ने एक कार्यक्रम में बताया, “एनसीसी पूर्वछात्र संघ में पहले कोर का हिस्सा रहे गौरवशाली कैडेट्स शामिल होंगे जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी और कई अन्य असैनिक हस्तियां शामिल हैं। हम चाहते हैं कि ये शख्सियतें एनसीसी कैडेट्स के संपर्क में रहें एनसीसी के उद्देश्य के लिये उन्हें प्रेरित करें।” वह यहां कर्नाटक और गोवा एनसीसी निदेशालय के अधिकारियों, कर्मचारियों और एनसीसी कैडेटों को संबोधित करने और कैडेटों को एनसीसी डीजी प्रशस्ति पत्र प्रदान करने के लिए आए थे। लेफ्टिनेंट जनरल आइच ने कहा कि पूर्वछात्र संघ स्थापित करने के पीछे मकसद उनका उनका मार्गदर्शन, मदद और कई पहलों को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि वह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एनसीसी को पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में देखना चाहते हैं क्योंकि युवाओं में इससे जुड़ने का उत्साह है। एनसीसी के महानिदेशक ने कहा, “युवाओं में एनसीसी का हिस्सा बनने की तीव्र इच्छा है और वे चाहते हैं कि यह पाठ्यक्रम का हिस्सा हो। अगर ऐसा होता है, तो एनसीसी को वह महत्व मिलेगा, जो उसे अभी तक नहीं मिला है।”",-1 https://www.punjabkesari.in,https://mp.punjabkesari.in/national/news/cat-had-to-drink-milk-by-stealing-expensive-1454614,"बिल्ली को चोरी से दूध पीना पड़ा महंगा, लोटे में फंस गया सिर...सारे गांव का लगाया चक्कर(video)","मंदसौर(प्रीत शर्मा): मंदसौर के गोपालपुरा में एक बिल्ली को चोरी से दूध पीना महंगा पड़ गया। दरअसल एक बिल्ली ने लोटे से दूध पीते समय उसमें मुंह इतना अंदर घुसा लिया कि उसका सिर लोटे में ही फंस गया। जैसे ही बिल्ली को इस बात की समझ आई वह घबराकर घर से बाहर निकली और इधर उधर भागने लगी। उसने लोटे से मुंह बाहर निकालने की लाख कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुई। इस दौरान किसी ने बिल्ली का वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वहीं बिल्ली की हालत को देख गांव वाले भी सकते में आ गए। कोई उसके मजे लेने लगा तो कोई तरस खाकर पकड़ने की कोशिश करने लगा ताकि लोटे से उसका मुंह निकाला जा सके। लेकिन बिल्ली डर के मारे आगे आगे और गांव वाले उसके पीछे पीछे। काफी दौड़ धूप और मशक्कत के बाद बिल्ली उनके हाथ लगी और लोटे से उसको आजादी मिली।",-1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/national/babul-supriyo-how-became-singer-story-told-in-aap-ki-adalat-struggle-in-mumbai/1829451/,"घर वालों के लाख मना करने पर भी झगड़ा कर तब मुंबई चले गए थे बाबुल सुप्रियो, स्टेशन पर बन गया था फिल्मी माहौल; जानें- पूरा किस्सा","बाबुल सुप्रियो ने आप की अदालत में बताया था कि जब वह मुंबई जा र हे थे तो घर वालों ने बहुत मना किया था। रेलवे स्टेशन पर फिल्मी माहौल था फिर भी वह नहीं माने। उन्होंने यह भी बताया कि टीटीई को पैसे देकर उन्हें ट्रेन में सीट मिली थी। टीएमसी में शामिल हुए बाबुल सुप्रियो। फोटो- एएनआई ट्विटर केंद्र की भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे बाबुल सुप्रियो ने कुछ महीने पहले ही पार्टी का साथ छोड़ा था और ऐलान किया था कि अब वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। अब अचानक टीएमसी में शामिल होकर उन्होंने लोगों को चौंका दिया है। भाजपा छोड़ते वक्त बाबुल को संगीत की याद आ रही थी। हालांकि अब वह फिर से राजनीत में ही आ गए हैं। बाबुल सुप्रियो को गायक और ऐक्टर के रूप में काफी शोहरत हासिल हुई। वह बचपन से ही सिंगर बनना चाहते थे। हालांकि उन्होंने पश्चिम बंगाल के सेरामपुर कॉलेज से कॉमर्स की डिग्री ली और फिर कोलकाता में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में काम करने लगे। सिंगर बनने का सपना पूरा करना उनके लिए आसान काम नहीं था। वह मुंबई जाना चाहते थे लेकिन वह उनके घर वाले नहीं चाहते थे कि वह घर छोड़कर जाएं। आप की अदालत कार्यक्रम में बाबुल सुप्रियो ने बताया था कि 20 साल की उम्र में वह बैंक में काम करने लगे थे। उनके दादा, पिता और मां नहीं चाहती थीं कि वह सिंगर बनने मुंबई जाएं। सभी उनको मुंबई जाने से मना कर रहे थे। उनके आंख में आसूं थे फिर भी वह झगड़ा करके मुंबई चले गए थे। वह जब जा रहे थे तो हावड़ा स्टेशन पर एकदम फिल्मी माहौल था। सभी उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वह अपने सपने के पीछ निकल पड़े। उन्होंने कहा था, ‘जिंदगी में एक बार ही मौका आता है और तब अपने दिल की सुननी चाहिए क्योंकि अपने जीवन में खुश रहना बहुत जरूरी है।’ बाहुल सुप्रियो ने इंटरव्यू के दौरान बताया था कि संगीत विरासत में मिला था। मुझे लगा कि था कि अगर भगवान ने मुझे गाने की क्षमता दी है और बॉलिवुड सिंगर बनने की इच्छा है तो दोनों एक दूसरे को गले लगा रहे हैं। जहां बॉलिवुड है तो वहां तक तो जाऊंगा। अगर वहां जाकर मैं लक्ष्य हासिल कर लेता हूं तो पिता जी को भी खुशी मिलेगी। फेल होऊंगा तो कौन सा पेपर में आने वाला है। बाबुल सुप्रियो ने स्ट्रगल की बात करते हुए बताया था कि जब भी वह म्यूजिक डायरेक्टर को कॉल करते थे वह यही बताते थे कि टॉइलट में हूं। मुझे लगता था कि जब ये हमेशा टॉइलट में रहते हैं तो म्यूजिक कब बनाते थे। उन्होंने बताया था, जहां वह रहते थे वहां रहने वाले सभी कई सालों से स्ट्रगल कर रहे थे। अपनी पहली सक्सेस की बात बताते हुए बाबुल सुप्रियो ने मजाकिया अंदाज में बताया था कि कुली को 12 रुपये देने पर उसने सीट दे दी थी। बता दें कि बाबुल सुप्रियो को फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ से बॉलिवुड में पहला ब्रेक मिला था। यह फिल्म ऋतिक रोशन की भी पहली फिल्म थी। इसके बाद उन्होंने, हम तुम, हंगामा, फना और कई फिल्मों में गाने गए। उन्होंने बंगाली फिल्मों में गाने गाए और फिल्मों में अभिनय भी किया। साल 2004 उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से की थी।",-1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/rajya/delhi-sdm-issued-order-to-close-bangla-sahib-gurudwara-for-visitors-citing-violation-of-covid-norms/1829433/,"कोरोना नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए एसडीएम ने बंगला साहिब गुरुद्वारा बंद करने का दिया आदेश, अकाली नेता ने की अधिकारी पर कार्रवाई की मांग","चाणक्यपुरी की एसडीएम गीता ग्रोवर के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि गुरुद्वारा ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उस आदेश का उल्लंघन किया है जिसमें कहा गया था कि धार्मिक स्थलों को खोले जाने के बावजूद उसमें श्रद्धालुओं को अनुमति नहीं दी जाएगी। दिल्ली सरकार के अधिकारी की तरफ से कोरोना नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए गुरुद्वारा बंगला साहिब को बंद करने का आदेश दिया गया है। (एक्सप्रेस फोटो) दिल्ली सरकार ने कोरोना नियमों का उल्लंघन करने का हवाला देते हुए लुटियंस इलाके में स्थित बंगला साहिब गुरुद्वारा को बंद करने का आदेश दिया है। चाणक्यपुरी की एसडीएम गीता ग्रोवर के द्वारा यह आदेश जारी किया गया है। श्रद्धालुओं के लिए गुरुद्वारा बंद करने वाले आदेश से खफा अकाली नेता और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने नोटिस भेजने वाले दिल्ली सरकार के अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है। 16 सितंबर को चाणक्यपुरी की एसडीएम गीता ग्रोवर द्वारा के द्वारा यह आदेश जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि गुरुद्वारा ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उस आदेश का उल्लंघन किया है जिसमें कहा गया था कि धार्मिक स्थलों को खोले जाने के बावजूद उसमें श्रद्धालुओं को अनुमति नहीं दी जाएगी। एसडीएम गीता ग्रोवर ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि मैं जिला आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और महामारी रोकथाम अधिनियम के तहत बंगला साहिब गुरुद्वारे को तत्काल आगंतुकों के लिए बंद करने का आदेश देती हूं। चाणक्यपुरी की एसडीएम गीता ग्रोवर ने इस मामले पर इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी टीम ने 16 सितंबर को गुरुद्वारे का दौरा किया था और वहां श्रद्धालु मिले थे। जिसके बाद यह आदेश जारी किया गया। हमने गुरुद्वारा को बंद नहीं किया है हमने इसे केवल आगंतुकों के लिए बंद करने का आदेश दिया है। जब तक डीडीएमए आगंतुकों की अनुमति का आदेश नहीं देता है तब तक उन्हें गुरुद्वारे को बंद रखना होगा। एसडीएम ने आदेश में नियमों का पालन नहीं करने पर क़ानूनी कार्रवाई की भी बात कही है। एसडीएम द्वारा जारी यह आदेश बांगला साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन और संसद मार्ग थाने के एसएचओ को भी भेजा गया है। गुरुद्वारा को बंद करने का नोटिस मिलने के बाद शिरोमणि अकाली दल के नेता और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा भड़क गए। सिरसा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से नोटिस भेजने वाले एसडीएम और चाणक्यपुरी के डीएम पर कार्रवाई की मांग की है। अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस मामले पर वीडियो जारी कर कहा कि दिल्ली सरकार के अधिकारी व चाणक्यपुरी के एसडीएम गीता ग्रोवर के द्वारा एक घटिया आर्डर जारी किया गया है। उन्होंने दर्शन करने आने वाले लोगों के लिए बंगला साहिब गुरुद्वारा को बंद करने का आदेश दिया है। आपको यह आर्डर देते वक्त शर्म नहीं आई। ये वही गुरुद्वारा है जिससे आप लोगों के लिए लंगर भेजने और कोरोना के लिए अस्पताल बनवाने का आग्रह किया करते थे। इसलिए मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कहना चाहता हूं कि अगर यह आपकी जानकारी में हुआ तो आपके ऊपर लानत है और अगर आपको इसकी जानकारी नहीं है तो यह आदेश देने वाले एसडीएम और डीसी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें।",-1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/rajya/bjp-nominated-union-ministers-sarbananda-sonowal-and-l-murugan-for-rajya-sabha-bye-elections/1829345/,"RS उपचुनाव: मोदी सरकार में मंत्री सोनोवाल असम से उम्मीदवार, MP में इन्हें दिया मौका; कांग्रेस नहीं उतारेगी कैंडिडेट","मध्यप्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु की खाली हुई राज्यसभा सीटों के लिए 4 अक्टूबर को वोटिंग होगी। भाजपा ने राज्यसभा उपचुनावों के लिए केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राज्य मंत्री एल मुरुगन को उम्मीदवार घोषित किया है। (एक्सप्रेस फोटो/ पीटीआई) राज्यसभा की खाली हुई सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। बीजेपी ने असम से केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मध्यप्रदेश से केंद्रीय राज्यमंत्री एल मुरुगन को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने मध्यप्रदेश की खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। उम्मीदवार नहीं उतारने की स्थिति में भाजपा के विधायकों की संख्या ज्यादा होने के कारण एल मुरुगन इस सीट से चुन लिए जायेंगे। शनिवार को भाजपा ने राज्यसभा उपचुनावों के लिए केंद्रीय मंत्रियों सर्बानंद सोनोवाल और एल मुरुगन को असम तथा मध्य प्रदेश से अपना उम्मीदवार घोषित किया। इन दोनों मंत्रियों को बीते जुलाई महीने में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया था। दोनों मंत्री वर्तमान में किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। इसलिए उन्हें मंत्री बने रहने के लिए छह महीने के अंदर संसद सदस्य बनना होगा। सोनोवाल और मुरुगन का राज्यसभा में आना लगभग तय है क्योंकि भाजपा को दोनों राज्यों की विधानसभा में बहुमत प्राप्त है। वहीं मध्यप्रदेश कोटे से राज्यसभा सांसद थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाए जाने के बाद हुई खाली सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने कहा कि पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि कांग्रेस पार्टी राज्यसभा उपचुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। कहा जा रहा है कि विधायकों की संख्या कम होने की वजह से ही कांग्रेस ने यह फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु की खाली हुई राज्यसभा सीटों पर 4 अक्टूबर को उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश कोटे से राज्यसभा सदस्य थावरचंद गहलोत, असम से सांसद विश्वजीत डमरे, पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद मानस रंजन भुनिया और तमिलनाडु से राज्यसभा सदस्य केपी मुनुस्वामी और आर वैथीलिंगम के इस्तीफे के बाद कुल छह सीट खाली हुई है। वहीं महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य रहे राजीव साटव के निधन के बाद भी एक सीट खाली हुई है। उम्मीदवार इन सीटों के लिए 22 सितंबर तक अपना नामांकन दर्ज करा सकेंगे और 27 सितंबर तक उम्मीदवार अपने नामांकन को वापस ले सकेंगे। 4 अक्टूबर को शाम 4 बजे तक खाली हुई सीटों के लिए वोटिंग होगी और 5 बजे तक परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/saudi-arabia-foreign-minister-prince-faisal-will-meet-pm-narendra-modi-on-three-day-visit-to-india,"भारत दौरा: सऊदी अरब के विदेश मंत्री पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात, अफगानिस्तान पर होगी बात","फैसल 19 सितंबर को हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर से मुलाकात करेंगे। इसके बाद 20 सितंबर को फैसल पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। प्रिंस फैसल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिल सकते हैं।"" सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन रहमान अल साउद शनिवार रात भारत पहुंच गए हैं। उनका भारत दौरा तीन दिनों का होगा और वे पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। मंत्रालय के मुताबिक, फैसल 20 सितंबर की रात न्यूयॉर्क के लिए रवाना हो जाएंगे। प्रिंस फैसल विदेश मंत्री के रूप में पहली बार भारत आ रहे हैं। इस दौरान अफगान मुद्दे को लेकर दोनों देश बातचीत कर सकते हैं। फैसल 19 सितंबर को हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर से मुलाकात करेंगे। इसके बाद 20 सितंबर को फैसल पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। प्रिंस फैसल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिल सकते हैं। इस दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत होगी। इसके साथ ही अफगानिस्तान पर भी विस्तार से बातचीत होने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि सऊदी अरब और ईरान जैसे देश अफगानिस्तान को लेकर भारत से बात करना चाहते हैं। ऐसे में ईरान के विदेश मंत्री भी जल्द ही भारत का दौरा कर सकते हैं। बता दें कि 1996 में पिछले तालिबान शासन के उलट अबकी सऊदी अरब ने तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है और न ही सऊदी अरब के दूतावास काबुल में सक्रिय हैं। हालांकि सऊदी अरब ने तालिबान से संपर्क बनाए रखा है।""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/house-disruptions-delay-course-of-law-making-rs-chairman-naidu,"Rajya Sabha uproar: वेंकैया नायडू ने बताया, हंगामा होने पर क्यों कर देते हैं तुरंत सदन स्थगित","वेंकैया नायडू ने एक बार फिर ऊपरी सदन में व्यवधान पर नाखुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि विधायिका को जनता के प्रतिनिधि के तौर पर लोगों के लिए ही काम करना चाहिए। इसे उत्पादक होना चाहिए न कि व्यवधान पैदा करने वाला।"" राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि व्यवधान के बाद सदन को स्थगित करने से सदन का कार्य बुरी तरह प्रभावित होता है, संसदीय कार्यवाही में हिस्सा लेने वाले सदस्यों को निराशा होती है और कानून निर्माण की प्रक्रिया प्रभावित होती है। राज्यसभा सभापति नायडू ने दूसरे राम जेठमलानी मेमोरियल कार्यक्रम के दौरान ये बात कही। इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि आखिर क्यों वह हंगामा होने के साथ ही सदन स्थगित कर देते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि व्यवधान के कारण विधेयकों के प्रतिपालन में देरी का सामाजिक-आर्थिक असर होता है। विधायिका को जनता के प्रतिनिधि के तौर पर लोगों के लिए ही काम करना चाहिए। इसे उत्पादक होना चाहिए न कि व्यवधान पैदा करने वाला। राज्यसभा सभापति ने कहा कि लोग मुझसे पूछते हैं कि हंगामा होने पर मैं सदन की कार्यवाही स्थगित क्यों कर देता हूं, इस पर मैं कहता हूं ऐसा इसलिए कि मैं नहीं चाहता कि लोग सदन का हंगामा और इसका गलत रूप देखें। लेकिन इसका एक और पहलू है कि लोगों को पता होना चाहिए कि किस तरह का व्यवधान उत्पन्न होता है और वह अपने कदम (सदन स्थगन) पर दोबारा विचार कर रहे हैं। सभापति नायडू ने इस दौरान कहा कि इस संबंध में राज्यसभा की एथिक्स कमेटी ने 14 सूत्रीय आचार संहिता बनाई है और इसे सदन ने स्वीकार भी किया है। सदस्यों को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिसका असर संसद की गरिमा और विश्वसनीयता पर पड़े। उन्होंने कहा कि सवाल ये है कि इस तरह के व्यवधान से क्या संसद की गरिमा बढ़ती है? निश्चित तौर पर नहीं। कार्यवाही के दौरान सांसदों की अभिव्यक्ति की आजादी के बारे में सबसे अधिक बात की जाती है लेकिन इसे अक्सर नकारात्मकता के साथ लिया जाता है।""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/preparation-of-ayush-diet-youth-will-be-saved-from-junk-food-ministry-will-take-over-the-field-to-keep-healthy,"'आयुष आहार' की तैयारी: युवाओं को जंक फूड से बचाया जाएगा, स्वस्थ रखने के लिए मंत्रालय संभालेगा मैदान","केंद्रीय आयुष मंत्रालय एक और बड़ी पहल करने जा रहा है। वह लोगों के खानपान व जीवनशैली में सुधार लाकर उन्हें रोगों से बचाने के उपाय करेगा।"" तमाम बीमारियों व महामारी से घिरे देशवासियों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय नया बीड़ा उठाने जा रहा हैै। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंत्रालय को देश में 'आयुष आहार' के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का निर्देश दिया। इसके जरिए जंक फूड में जकड़े युवाओं को वैकल्पिक खाद्य सामग्री के प्रति प्रेरित किया जाएगा। शनिवार को सोनोवाल ने दिल्ली के जनकपुरी स्थित सेंट्रल काउंसिल्स कॉमन बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स का दौरा किया। उन्होंने परिसर में स्थित मंत्रालय के तहत सभी पांच अनुसंधान परिषदों और दो राष्ट्रीय आयोगों के अधिकारियों और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की। 'सुपोषित भारत' का लक्ष्य दरअसल, आयुष मंत्रालय आयुष आधारित आहार और जीवन शैली को बढ़ावा दे रहा है और 'सुपोषित भारत' के अंतिम लक्ष्य को साकार करने के लिए पोषण अभियान में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर आयुष आहार पर दिशा-निर्देशों का मसौदा भी जारी किया है, जो मानक आधारित आयुष आहार की सुविधा प्रदान करेगा। पांचों रिसर्च काउंसिलों की ली जाएगी मदद मंत्रालय ने अपनी पांचों रिसर्च काउंसिलों- आयुर्वेदिक, योग, नेचुरोपैथी, यूनानी और होम्योपैथी के वैज्ञानिकों से कहा है कि आयुष संबंधी सभी बातें अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के प्रयास करें। ऐसी व्यवस्था की जाए कि वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों, डॉक्टरों और तकनीकी रूप से सक्षम लोगों की काबिलियत का देशहित में इस्तेमाल किया जाए। जनजातियों की परंपराओं को समझा जाए केंद्रीय आयुष मंत्री सोनोवाल ने उक्त काउंसिलों से कहा है कि वे देश की जनजातियों के बेहतर स्वास्थ्य को देखते हुए उनकी स्थानीय स्वास्थ्य परंपराओं को समझें। उन पर शोध किए जाएं कि वे कैसे आधुनिकी चिकित्सा पद्धतियों के इस्तेमाल के बगैर भी स्वस्थ रहती हैं। उनकी चीजों को और गहराई से समझना होगा। सोनोवाल ने 'क्वालिटी एंड सेफ्टी ऑफ सेलेक्ट रसकल्प- मेटल एंड मिनरल बेस्ड आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन, वॉल्यूम: 6' नाम की पुस्तक का भी विमोचन किया।""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/good-news-big-relief-to-airlines-will-be-able-to-fix-the-fare-for-15-days-in-a-month,"खुशखबर: एयरलाइंस कंपनियों को बड़ी राहत, महीने में 15 दिनों का तय कर सकेंगी किराया","किराए बैंड के तहत सरकार अब तक सबसे कम और सबसे ज्यादा किराए की लिमिट तय कर रही थी, लेकिन अब इसमें छूट दी गई है।"" केंद्र सरकार की ओर से शनिवार को एयरलाइंस कंपनियों को बड़ी राहत मिली। अब कंपनियां महीने में 15 दिनों तक किराया तय कर सकती हैं। इसके अलावा बाकी 15 दिनों तक उन्हें सरकार द्वारा तय किए गए किराए बैंड के अनुसार ही चलना होगा। किराए बैंड के तहत सरकार अब तक सबसे कम और सबसे ज्यादा किराए की लिमिट तय कर रही थी, लेकिन अब इसमें छूट दी गई है। अब सरकार महीने में 15 दिन ही यह लिमिट तय करेगी, जबकि बाकी 15 दिनों तक एयरलाइंस कंपनियां इसे अपने हिसाब से तय कर सकेंगी। इसके अलावा नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्री क्षमता को 72.5 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी कर दिया है। यानी अब घरेलू उड़ानों में पहले की तुलना में अधिक यात्री सफर कर सकेंगे। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से एयरलाइंस कंपनियां काफी ज्यादा प्रभावित हुई हैं। लॉकडाउन के चलते कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले साल कोरोना महामारी के दस्तक देने पर विमान सेवाओं को रोक दिया गया था। कई महीने तक सेवा बंद रहने के बाद घरेलू उड़ान सेवाएं शुरू तो हुईं, लेकिन यात्री संख्या को 50 फीसदी कर दिया गया। बाद में इसे 72.5 फीसदी कर दिया गया। अब मंत्रालय ने इसे बढ़ाकर 85 फीसदी कर दिया है। इससे कंपनियों को कुछ राहत जरूर मिलेगी।""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/25-crore-rupees-will-be-spent-in-the-welfare-of-orphaned-children-during-the-corona-period-latest-news-update,"सुप्रीम कोर्ट: कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों पर खर्च होंगे 25 करोड़ रुपये, जानिए क्या है मामला","महामारी की दूसरी लहर से सर्वाधिक प्रभावित रहे राज्यों में से एक महाराष्ट्र ने मेडिकल कॉलेज प्रवेश से संबंधित एक पुराने मामले में शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में ये रुपये जमा किए थे। अब इसका इस्तेमाल अनाथ बच्चों पर किया जा सकता है।"" सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की वजह से परिजनों को खो चुके बच्चों की मदद के लिए अहम फैसला किया है। दरअसल, पांच साल पहले के एक मामले में महाराष्ट्र सरकार से शीर्ष कोर्ट की रजिस्ट्री में 20 करोड़ रुपये की राशि जमा कराई गई थी। ब्याज के चलते अब वह राशि बढ़कर 25 करोड़ रुपये हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इसका इस्तेमाल महाराष्ट्र में कोरोना के दौरान अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के कल्याण के लिए करने का समर्थन किया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने इस सप्ताह के शुरू में कहा था कि महाराष्ट्र में लगभग 19,000 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता में से एक की मौत कोरोना की वजह से हुई है। 593 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता दोनों की मौत इस महामारी की वजह से हो गई। बता दें कि महामारी की दूसरी लहर से सर्वाधिक प्रभावित रहे राज्यों में से एक महाराष्ट्र ने मेडिकल कॉलेज प्रवेश से संबंधित एक पुराने मामले में शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में ये रुपये जमा किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने 17 जून 2021 को एक नीति तैयार की थी, जिसमें महामारी की वजह से अपने माता-पिता दोनों को खो चुके बच्चों के लिए पांच-पांच लाख रुपये की राशि फिक्स्ड डिपोजिट करने की बात कही गई थी। यह राशि बच्चों को बालिग होने पर मिलती। शीर्ष अदालत ने कहा कि राशि महाराष्ट्र सरकार को जारी करने का निर्देश दिए जाने से पहले वह एक शपथपत्र के जरिये ठोस बयान चाहती है। दूसरी ओर केंद्र सरकार कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों के मासिक वजीफे को 2,000 से बढ़ाकर 4,000 रुपये करने की योजना बना रही है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले दिनों कहा था कि इस संबंध में एक प्रस्ताव अगले कुछ हफ्तों में मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जा सकता है।""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/good-initiative-by-delhi-police-commissioner-rakesh-asthana-personnel-above-50-years-of-age-will-get-desired-posting,दिल्ली पुलिस की अनूठी पहल: 50 साल से अधिक आयु वाले कर्मियों को मिलेगी मनचाही 'पोस्टिंग',"पुलिस मुख्यालय के अनुसार, मनचाही पोस्टिंग देने से पहले पुलिस कर्मियों से उसकी वजह पूछी जाएगी। वे फलां जगह पर पोस्टिंग क्यों चाहते हैं। इसके लिए पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन पर मैसेज भेजा जा रहा है। यह मैसेज ट्रायल के तौर पर है। इसमें पुलिस कर्मियों को नई पोस्टिंग की वजह बतानी होगी..."" दिल्ली पुलिस ने एक अनूठी पहल की है। अगर दिल्ली पुलिस का कोई कर्मचारी 50 साल से अधिक आयु का है, तो वह मनचाही पोस्टिंग के लिए आवेदन कर सकता है। यह नई व्यवस्था दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने शुरू की है। पुलिसकर्मी अपनी मर्जी की पांच पोस्टिंग बता सकता है। इससे कर्मचारियों को उनके घर के निकट तैनाती मिल सकती है। दूसरा, वे कर्मी जो फील्ड में सही तरह से काम नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में उन्हें मुख्यालय या दफ्तर वाली किसी दूसरी जगह पर भेजा जा सकता है। इस अनूठी योजना में सिपाही से लेकर उप निरीक्षक तक शामिल रहेंगे। बता दें कि दिल्ली पुलिस की कुछ इकाइयां ऐसी हैं, जहां पर कर्मचारी को सख्त ड्यूटी देनी पड़ती है। अगर आयु ज्यादा है तो उसके लिए वह ड्यूटी करना मुश्किल भरा कार्य होता है। जैसे ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी काफी सख्त मानी जाती है। खासतौर पर उस वक्त, जब वीवीआईपी रूट लगा हो या जलभराव और धरना प्रदर्शन के चलते जाम लग गया हो। थानों में भी कई बार लंबे समय तक ड्यूटी देनी पड़ती है। जिन कर्मियों की आयु पचास साल से अधिक हो जाती है, उनके लिए दस-बारह घंटे की ड्यूटी देना आसान नहीं होता। देखने में आया है कि कुछ पुलिसकर्मी आयु के इस पड़ाव पर आते-आते कई बीमारियों की जकड़ में आ जाते हैं। उनके लिए सख्त ड्यूटी देना आसान नहीं होता। दूसरी जगह उनका तबादला होना भी आसान नहीं था। कई बार तबादला कराने में कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। आगे पढ़ें""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/nitin-gadkari-petrol-and-diesel-prices-being-out-of-reach-of-common-man-bringing-new-vehicle-policy,"गडकरी बोले: आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतें, ऐसे देंगे राहत","नितिन गडकरी ने कहा कि जल्दी ही वाहन निर्माताओं को लिए एक नीति बनाई जा रही है जिसके तहत सभी वाहनों में फ्लैक्सी इंजन लगाना जरूरी कर दिया जाएगा। और क्या-क्या कहा गडकरी ने जानिए।"" सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि फ्लैक्सी इंजन लगे वाहन निर्माण की नीति बनाई जा रही है ताकि लोगों को पेट्रोल-डीजल की जगह एथेनॉल के इस्तेमाल का विकल्प मिल सके। गडकरी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रही हैं इसलिए सरकार जनता को राहत देने के लिए फ्लैक्सी इंजन लगे वाहन निर्माण की नीति बनाई जा रही है। इससे लोग डीजल-पेट्रोल की जगह आसानी से एथेनॉल का इस्तेमाल कर सकेंगे। नितिन गडकरी ने कहा कि जल्दी ही वाहन निमार्ताओं को लिए एक नीति बनाई जा रही है जिसके तहत सभी वाहनों में फ्लैक्सी इंजन लगाना जरूरी कर दिया जाएगा। इसके तहत लोग वाहन में पेट्रोल और डीजल की जगह एथेनॉल का इस्तेमाल कर सकेंगे। गडकरी ने कहा कि एथेनॉल का उत्पादन बड़ी मात्रा में करने की रणनीति पर भी काम चल रहा है। एथेनॉल गन्ना भूसा, धान आदि से तैयार होता है। किसान अच्छी पैदावार कर रहा है और उसकी मेहनत का पूरा लाभ उसे मिले, इसमें स्वच्छ ईंधन एथेनॉल महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 12 लाख करोड़ रुपये का डीजल और पेट्रोल आयात किया जाता है। एथेनॉल के इस्तेमाल से पेट्रोल और डीजल के आयात को कम करके अगर चार-पांच लाख करोड़ रुपये बचते हैं तो उसका फायदा किसानों को मिलेगा। बता दें कि नितिन गडकरी इससे पहले भी इथेनॉल व अन्य वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कह चुके हैं। भारत अपना इथेनॉल उत्पादन लगातार बढ़ा रहा है। हाल में सरकार ने पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिलाने की समयसीमा को 2030 से घटाकर 2025 कर दिया है। अभी देश में प्रति लीटर पेट्रोल में 8.5 इथेनॉल मिलाया जाता है।""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/mumbai-police-also-arrested-a-suspect-the-terrorists-caught-this-week-are-connected-to-the-module,"साजिश नाकाम: मुंबई पुलिस ने भी एक संदिग्ध को किया गिरफ्तार, दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए छह आतंकियों से जुड़े हैं तार","दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इसी सप्ताह छह आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद मुंबई पुलिस की टीम ने भी एक संदिग्ध को उठाया है।"" देश में बड़े बम धमाकों की साजिश की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। शनिवार को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच व महाराष्ट्र एटीएस की टीम ने जोगेश्वरी इलाके से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि इस संदिग्ध आतंकी के तार भी उसी आतंकी माड्यूल से जुड़े हैं, जिसके छह आतंकियों को 15 सितंबर को गिरफ्तार करके दिल्ली पुलिस ने बड़ी साजिश का भंडाफोड किया था। महाराष्ट्र एटीएस द्वारा गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी जाकिर हुसैन शेख को मुंबई की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे सोमवार तक रिमांड पर सौंप दिया। इससे पूछताछ में साजिश के तार और खुल सकते हैं। बता दें, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को पाकिस्तान प्रायोजित एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए छह संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इसमें एक महाराष्ट्र, एक दिल्ली और चार युवक यूपी के लखनऊ, बहराइच, रायबरेली और प्रयागराज के रहने वाले हैं। गणेश उत्सव को लेकर पुलिस हाई अलर्ट गणेश उत्सव को लेकर मुंबई पुलिस हाई अलर्ट पर है। रविवार को गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के 10वें और आखिरी दिन के लिए शहरभर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खासकर आतंकी संदिग्धों की हालिया गिरफ्तारी के मद्देनजर पुलिस पूरी मुस्तैदी से सुरक्षा की कमान संभाले हुए हैं। महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस द्वारा उजागर की गई एक कथित आतंकी साजिश के सिलसिले में मुंबई से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। पाकिस्तान से प्रायोजित था आतंकी मॉड्यूल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद बताया था कि यह मॉड्यूल पाक से प्रायोजित था। सीमा पार से आईईडी की व्यवस्था की गई थी। इस मॉड्यूल को एक स्लीपर सेल संचालक के द्वारा आरडीएक्स आधारित बम, पिस्तौल और कारतूस सप्लाई किए जा चुके थे। दिल्ली से मुंबई और देश के अन्य हिस्सों में अन्य आतंकी गुर्गों को यह विस्फोटक सौंपे जाने थे। इसके बदले इन लोगों को हवाला के जरिए पैसे दिए जाने थे। आईएसआई से सीधे संपर्क में था प्रयागराज का हुमैद जांच एजेंसियों को अहम जानकारियां मिली हैं। पता चला है कि पता चला है कि आातंकी मॉड्यूल का मास्टरमाइंड प्रयागराज का रहने वाला हुमैद उर रहमान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के सीधे संपर्क में था। अब तक कि जांच में लगभग साफ हो गया है कि उसने ही दिल्ली में रहने वाले अपने भतीजे ओसाम उर्फ शामी और करेली के जीशान कमर को मस्कट भेजकर आईएसआई एजेंटों से मिलवाया। जिसके बाद उन्हें पाकिस्तान ले जाकर ट्रेनिंग दी गई। जांच एजेंसियों की पड़ताल में सामने आया है कि हुमैद ने ही जीशान और अपने भतीजे ओसामा को पाकिस्तान भेजकर उनकी ट्रेनिंग कराई। वह आईएसआई के सीधे संपर्क में था। उसने ओसाम व जीशान को पहले ओमान के मस्कट भेजा। वहां आईएसआई के खुफिया एजेंट उनसे मिले। इसके बाद एजेंट ही दोनों को समुद्र के रास्ते से ग्वादर पोर्ट पर ले गए और इसके बाद उन्हें विस्फोटक और बम बनाने की ट्रेनिंग दी गई। A joint team of Maharashtra ATS and Mumbai Police Crime Branch has taken a person into custody from Jogeshwari area of the city in connection with the terror module busted by Delhi Police earlier this week: Maharashtra ATS pic.twitter.com/ZYmIungyPl — ANI (@ANI) September 18, 2021""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/courts-can-t-exercise-power-to-summon-as-accused-in-casual-cavalier-manner-sc,"सटीक: बिना सबूत किसी को भी समन न भेजें अदालतें, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में की बड़ी टिप्पणी","सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब किसी व्यक्ति के खिलाफ पर्याप्त और पुख्ता सबूत हों, तभी धारा 319 का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।"" सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति आरोपी नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि उसने अपराध किया है, तो ऐसे मामलों में अदालतें लापरवाह तरीके अधिकारों का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालतें ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल तभी कर सकती हैं, जब उसके खिलाफ पर्याप्त और पुख्ता सबूत हों। दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 319 के तहत जब किसी अपराध की जांच या मुकदमे के दौरान सबूतों से यह लगता है कि मामले में आरोपी नहीं बनाए गए किसी व्यक्ति ने अपराध किया है, तो अदालत ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही कर सकती है। न्यायमूर्ति के एम जोसफ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने एक आपराधिक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यह एक और मामला है, जिसमें सीआरपीसी की धारा 319 के तहत शक्ति का प्रयोग करते हुए किसी नए व्यक्ति के खिलाफ समन जारी करके उसे इस अदालत में लाया गया है। पीठ ने कहा कि जब किसी व्यक्ति के खिलाफ पर्याप्त और पुख्ता सबूत हों, तभी धारा 319 का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने रमेश चंद्र श्रीवास्तव द्वारा दायर एक याचिका पर फैसला सुनाते समय यह टिप्पणी की। श्रीवास्तव के ड्राइवर का शव 2015 में मिला था। मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया और अदालत में बयान दिया है कि श्रीवास्तव को आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन उसने अपने दोस्तों की मदद से उसके पति की हत्या कर दी। निचली अदालत ने मृतक की पत्नी के बयान के आधार पर श्रीवास्तव को आरोपी के रूप में तलब किया था। श्रीवास्तव ने तब निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन हाई कोर्ट में उसकी याचिका खारिज कर दी गई, जिसके बाद उसने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने श्रीवास्तव की अपील को स्वीकार कर लिया और इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले व एक आरोपी के रूप में उसे तलब करने के निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया। पीठ ने कहा कि सत्र न्यायाधीश 30 सितंबर, 2021 को इस मामले की सुनवाई करेंगे। उक्त दिन सभी पक्षकार मौजूद रहेंगे। इसके बाद अदालत हरदीप सिंह मामले (2014 के फैसले) में इस अदालत द्वारा निर्धारित सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए उचित आदेश पारित करेगी।""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/water-arrived-from-115-countries-for-ram-mandir-defense-minister-rajnath-singh-said-water-should-come-from-all-countries,"राम मंदिर: निर्माण के लिए 115 देशों से पहुंचा जल, रक्षा मंत्री बोले- जलाभिषेक में पूरी दुनिया दे योगदान","हाल ही में एक गैर सरकारी संगठन ने राम मंदिर निर्माण के लिहए 115 देशों से पानी लाने का दावा किया था।"" अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 115 देशों से पानी लाया गया है। शनिवार को इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि राम लला के जलाभिषेक के सभी देशों से जल आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने पूरे विश्व को अपना परिवार माना है। हमने दुनिया को 'वसुधैव कुटुम्बकम' का संदेश दिया है। इसलिए राम मंदिर निर्माण व जलाभिषके लिए विश्व के सभी देशों से जल आना चाहिए। बता दें, हाल ही में मीडिया में खबरें आई थीं कि राम मंदिर निर्माण के लिए 115 देशों से जल लाया जाएगा। इस जल को प्राप्त करने के बाद रक्षा मंत्री का यह बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह अभिवन सोच है। हर भारतवासी के लिए गौरव का विषय है। जाति-धर्म के आधार पर नहीं बांट सकते भारत को रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत कभी हिंसा का समर्थन नहीं करता। राम मंदिर का निर्माण तब शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुना दिया। यह सकारात्मक शुरुआत है। भारत को कभी जाति, धर्म या समुदाय के आधार पर नहीं बांटा जा सकता। India is the only country where sages considered entire world their family &gave message of 'Vasudhaiva Kutumbakam'. So water for 'jalabhishek' & construction should come from all nations: Defence Min Rajnath Singh at event to receive water from 115 nations for Ayodhya Ram Temple pic.twitter.com/8ClzpIR7ge — ANI (@ANI) September 18, 2021 गैर सरकारी संगठन ने किया था दावा बता दें, अभी हाल ही में दिल्ली के एक गैर सरकारी संगठन ने दावा किया था कि उसने राम मंदिर निर्माण के लिए 115 देशों से पानी मंगवाया है। इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लोदेश, अफगानिस्तान, कनाडा, कंबोडिया, जर्मनी, इटली जैसे देश शामिल हैं।""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/world-media-reaction-on-india-record-vaccination-on-pm-narendra-modi-nyt-reuters-birthday,"रिकॉर्ड टीकाकरण पर दुनिया गदगद: रॉयटर्स ने बताया पीएम मोदी को मिला बेहतरीन तोहफा, न्यूयॉर्क टाइम्स ने ऐसे की तारीफ","एक अमेरिकी मीडिया ग्रुप ने कहा, """"भारत कुछ महीने पहले ही खतरनाक कोरोना लहर से गुजरा और अपनी आबादी को ध्यान में रखते हुए वैक्सीन का निर्यात बंद कर दिया। अब केसों के नीचे आने के बाद भारत का टीकाकरण अभियान जोर पकड़ रहा है।"""""" भारत ने कोरोनावायरस से लड़ाई में 17 सितंबर (शुक्रवार) को अहम उपलब्धि हासिल की। देशभर में कल पूरे दिन में 2.50 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाए गए। यानी भारत ने एक ही दिन में ऑस्ट्रेलिया की पूरी आबादी के बराबर लोगों को वैक्सीन की डोज दे दी। भारत की इस उपलब्धि की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। मीडिया समूहों ने भी इस खबर को प्राथमिकता से जगह दी है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने जहां इसे भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन का गिफ्ट करार दिया, वहीं न्यूयॉर्क टाइम्स ने शुरुआती झटकों से उबरने के बाद भारत के टीकाकरण अभियान के पटरी पर लौटने की बात कही।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/bjp-candidates-declared-from-assam-and-madhya-pradesh-for-upcoming-by-polls-to-rajya-sabha,"राज्यसभा की तैयारी: असम व मध्य प्रदेश से भाजपा के उम्मीदवार घोषित, इन मंत्रियों को उतारा मैदान में","दोनों ही राज्यों की राज्यसभा सीट पर होने वाले उप चुनावों में भाजपा की जीत निश्चित मानी जा रही है। क्योंकि दोनों ही राज्यों में पार्टी को बहुमत प्राप्त है।"" असम व मध्य प्रदेश की राज्यसभा सीट के लिए भाजपा ने अपनी कमर कस ली है। इन सीटों से होने वाले उपचुनावों के लिए पार्टी की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। भारतीय जनता पार्टी ने असम से जहां केंद्रीय मंत्री सर्बानंदा सोनोवाल को उम्मीदवार घोषित किया है, तो वहीं मध्य प्रदेश से राज्य मंत्री डॉ. अल. मुरुगन को मैदान में उतारा गया है। हाल ही में पीएम मोदी के मंत्रिपरिषद में हुए थे शामिल बता दें भाजपा ने जिन मंत्रियों को राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार बनाया है, उन्हें हाल ही में पीएम मोदी के मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। संसद में बने रहने के लिए छह महीने के भीतर दोनों का चुनाव जरूरी है। तय मानी जा रही जीत राज्यसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में भाजपा की जीत तय मानी जा रही है। क्योंकि दोंनो ही जगह भाजपा को बहुमत प्राप्त है। असम में बिस्वजीत दैमारी के विधानसभा स्पीकर बनने के बाद यह सीट खाली हो गई थी तो वहीं मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत के कर्नाटक के राज्यपाल बनने के बाद से यह सीट खाली है। असम से राज्यसभा के लिए उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद सर्बानंदा सोनोवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने मुझे इस योग्य समझा। आने वाले दिनों में मैं राष्ट्रहित में पूरी ईमानदारी से काम करूंगा। I thank to PM Modi, BJP chief JP Nadda, HM Amit Shah, senior leader BL Santhosh & others. They've given me an opportunity, I'll have to work for nation with devotion & honesty in days to come: Union Min Sarbananda Sonowal on being named as BJP candidate for RS by-poll in Assam pic.twitter.com/os5v3I6Pce — ANI (@ANI) September 18, 2021""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/pm-modi-interacts-with-healthcare-workers-and-vaccine-beneficiaries-of-goa,"संवाद: पीएम मोदी ने कोरोना योद्धाओं से की बातचीत, बोले- रिकॉर्ड टीकाकरण देख एक पार्टी को आया बुखार","पीएम मोदी ने शनिवार को गोवा के कोरोना वॉरियर्स के साथ बातचीत की और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। इस दौरान पीएम मोदी ने रिकॉर्ड टीकाकरण को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। पीएम मोदी ने कहा कि एक दिन में ढाई करोड़ टीकाकरण होने से एक दल को बुखार आ गया अब इसका क्या किया जाए।"" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गोवा के स्वास्थ्यकर्मी, गोवा के कोरोना योद्धा और फ्रंटलाइन वर्क्स के साथ संवाद किया। इसके अलावा टीकाकरण के लाभार्थियों से भी चर्चा की । दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना भी साधा। पीएम मोदी ने कहा कि शुक्रवार (17 सितंबर) को रिकॉर्ड टीकाकरण होने से एक पार्टी को बुखार आ गया है। अब इस राजनीतिक बुखार का इलाज क्या है? पीएम ने कहा कि पार्टी के नेता ज्यादा वैक्सीनेशन होने पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि शुक्रावर को 2.5 करोड़ टीकाकरण हुआ, जन्मदिन आएंगे जाएंगे लेकिन कल यानी 17 सितंबर का दिन मेरे लिए खास और भावुक करने वाला था। संक्रमण कम होने से पर्यटकों की बढ़ेगी संख्या- पीएम पीएम मोदी ने इस दौरान गोवा के विकास के लिए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को भी धन्यवाद दिया। गोवा विकास के कई कामों में आगे है। गोवा के हर घर में आज बिजली पानी पहुंच रहा है। गोवा के ग्रामीण इलाकों में भी आज घर-घर जल पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में गोवा की अहम भूमिका है। संक्रमण कम होने से पर्यटकों की संख्या बढ़ने वाली है। हालांकि, उन्होंने कहा कि संक्रमण कम हुआ, लेकिन इसे अभी हल्के में लेने की जरूरत नहीं है। कोविड विहेवियर का पालन करना हमें जरूरी है। इस कार्यक्रम में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद रहे। इसके अलावा बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी और कोरोना वारियर्स शामिल हैं।",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/pm-narendra-modi-hold-review-meeting-with-secretaries-of-various-ministries-and-departments,"मंथन: पीएम मोदी सभी मंत्रालयों के सचिवों के साथ आज करेंगे बैठक, कामकाज की होगी समीक्षा","प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम साढ़े चार बजे सभी मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा करेंगे। पीएम मोदी की समीक्षा बैठक में सभी मंत्रालयों के सचिव शामिल होंगे और अपने-अपने विभागों के कामकाज के बारे में पीएम को जानकारी देंगे"" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (18 सितंबर) को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिवों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ हुए चिंतन शिविर के बाद प्रधानमंत्री ने यह समीक्षा बैठक बुलाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 18 सितंबर को सचिवों के साथ होने वाली बैठक शाम में होगी। हालांकि, बैठक किन मुद्दों पर बुलाई गई है, इस पर अभी तक कोई विस्तृत जानकारी नहीं मिली है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से जीवनयापन में आए बदलाव और चुनौतियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर तैयारियों का जायजा लिया जाएगा। पीएम मोदी ने मंत्रियों के साथ की थी चिंतन बैठक बीते दिनों पीएम मोदी ने धर्मेंद्र प्रधान समेत कई मंत्रियों के साथ चिंतन बैठक की थी। सूत्रों की मानें तो सभी मंत्रियों के साथ पीएम मोदी वन टू वन करने वाले हैं। आने वाले समय में मंत्रिपरिषद की ऐसी चार बैठकें और होने की संभावना है। मंत्रिपरिषद की पिछली बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि मंत्री एक दूसरे के साथ विचारों का आदान-प्रदान हमेशा करें।""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/supreme-court-says-that-provoke-someone-to-commit-suicide-is-a-mental-process,"सुप्रीम कोर्ट ने कहा: आत्महत्या के लिए भड़काना एक मानसिक प्रक्रिया, मेरठ की महिला को दी राहत","कोर्ट ने कहा कि आत्महत्या के लिए भड़काना एक मानसिक और सीधे मदद देने की प्रक्रिया है। आरोपी द्वारा किए काम का इरादा व्यक्ति को आत्महत्या की ओर धकेलने वाला होना चाहिए।"" सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि किसी को आत्महत्या के लिए भड़काना एक मानसिक प्रक्रिया है। किसी व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाना या सक्रिय मदद देना ही भड़काना माना जा सकता है। एक महिला पर आत्महत्या के लिए भड़काने और एससी-एसटी एक्ट में की जा रही कानूनी कार्रवाई व गैर जमानती वारंट खारिज करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने यह बात कही। जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस ऋषिकेश राय की बेंच में कहा कि जब किसी व्यक्ति को आत्महत्या करने में सीधी मदद न दी जाए या कोई ऐसा काम न किया जाए जिस से व्यक्ति आत्महत्या कर ले तो आरोपी को आईपीसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसावे का दोषी नहीं माना जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए महिला द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ की गई अपील स्वीकार की। हाईकोर्ट ने महिला पर धारा 306 में हो रही कानूनी कार्रवाई रद्द करने से इनकार किया था।""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/ed-disclosed-anil-deshmukh-apart-from-recovery-from-bar-pub-also-collected-huge-amount-in-transfer-of-dcp,ईडी का खुलासा: देशमुख ने बार-पब से वसूली के अलावा डीसीपी के तबादले में भी ऐंठी मोटी रकम,"ईडी के आरोपपत्र के मुताबिक सचिन वाजे ने बताया कि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने जुलाई 2020 में मुंबई के 10 पुलिस उपायुक्तों का तबादला कर दिया था। परमबीर के इस आदेश से देशमुख खुश नही थे। तबादला आदेश रोकने के लिए अनिल देशमुख और शिवसेना नेता अनिल परब ने मुंबई के दस पुलिस उपायुक्तों से 40 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी।"" प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपपत्र में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के कथित कारनामों का काला चिट्ठा खुल गया है। देशमुख ने बार और पब से वसूली के अलावा डीसीपी के तबादले में भी मोटी रकम ऐंठी थी। बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने ईडी को बताया कि 15 साल के बाद उसे पुलिस सेवा में बहाल करने के लिए भी देशमुख ने दो करोड़ रुपये मांगे थे। वाजे ने देशमुख के अलावा परिवहन मंत्री अनिल परब पर भी कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। ईडी के आरोपपत्र के मुताबिक सचिन वाजे ने बताया कि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने जुलाई 2020 में मुंबई के 10 पुलिस उपायुक्तों का तबादला कर दिया था। परमबीर के इस आदेश से देशमुख खुश नही थे। तबादला आदेश रोकने के लिए अनिल देशमुख और शिवसेना नेता अनिल परब ने मुंबई के दस पुलिस उपायुक्तों से 40 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। ईडी ने देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली से संबंधित कई आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया कि तत्कालीन गृहमंत्री देशमुख ने क्राइम इंटेलिजेंट यूनिट (सीआईयू) चीफ और अब बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को 4.6 करोड़ रुपये अपने निजी सहायक कुंदन शिंदे को देने के लिए कहा था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वाजे ने यह रकम 16 बैग में भरकर मुंबई के मालाबार हिल स्थित सरकारी सह्याद्री गेस्ट हाउस और राजभवन के बाहर पहुंचाया था। इस रकम का इस्तेमाल देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख ने किया था और दिल्ली की एक कंपनी से यह रकम देशमुख परिवार के श्री सांई शिक्षण संस्थान ट्रस्ट को दान के रूप में भेजी गई थी। आरोप पत्र में यह भी जिक्र है कि अनिल देशमुख ने यह रकम अवैध तरीके से डांस-बार से जुटाने के लिए कहा था। 14 आरोपी बनाए पर देशमुख व परिवार का नाम नहीं आरोपपत्र में ईडी ने 14 लोगों को आरोपी बनाया है लेकिन एनसीपी नेता अनिल देशमुख या उनके परिवार के किसी भी सदस्य का नाम आरोपी के रूप में शामिल नहीं किया गया है। इसकी वजह यह है कि पांच बार बुलाए जाने के बाद भी देशमुख ईडी के सामने पेश नहीं हुए। इसलिए अभी यह तय नहीं हो पाया है कि मनी लॉन्ड्रिंग के खेल में देशमुख की क्या भूमिका थी। वहीं, पलांडे और शिंदे न्यायिक हिरासत में हैं। देशमुख ने बनाया कंपनियों का जाल ईडी ने आरोप लगाया है कि देशमुख परिवार के नाम पर 13 कंपनियां थी। उतनी ही कंपनी उनके करीबियों के नाम पर भी थीं। इस तरह कंपनियों का जाल बना था जिसके माध्यम से ही पूरा पैसा एक-दूसरे के बीच ट्रांसफर होता था। यह कंपनियां भंडारण, रसद और परिवहन, रीयल इस्टेट, होटल और रेस्टोरेंट आदि कारोबार से संबंधित थी। इसमें से कई ऐसी भी कंपनियां थी जिसमें कोई व्यापार ही नहीं होता था।""",-1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/kerala-sabarimala-temple-opened-for-devotees-read-here-some-important-news-of-the-country,"केरल: श्रद्धालुओं के लिए खुला सबरीमाला मंदिर, यहां पढ़ें देश की कुछ अहम खबरें","""सार केरल में सबरीमाला मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए भले ही खोल दिया गया है। परंतु दर्शन करने के लिए कोरोना वैक्सीन लगवा चुके भक्तों को ही प्रवेश की अनुमति देवस्वम बोर्ड की ओर से दी गई है।"" ""विस्तार केरल में सबरीमाला मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। देवस्वम बोर्ड ने कहा कि श्रद्धालुओं को 21 सितंबर तक भगवान अयप्पा की मासिक पूजा की अनुमति दी है। बोर्ड ने यह भी कहा कि मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए कोरोना वैक्सीन प्रमाणपत्र अनिवार्य है। साथ ही परिसर के अंदर कोरोना से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। एक दिन में केवल 15,000 लोगों को ही मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति है।",-1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%85%e0%a4%b8%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%a3%e0%a5%81%e0%a4%a4/,"महामारी में भी असहिष्णुता, हिंसा और आतंकवाद की बढ़ोतरी चिंताजनक: भारत...","महासभा में भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल उसके खिलाफ नफरत भरा भाषण देने के लिए करने पर पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया। मैत्रा ने कहा कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर और सीमा पार हिंसा की संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा – ‘हमने भारत के खिलाफ नफरत भरे भाषण के लिए संयुक्त राष्ट्र मंच का दुरुपयोग करने के पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की एक और कोशिश को देखा जबकि उनका देश अपनी सरजमीं और सीमा पार भी हिंसा की संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है।’",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-venkaiah-naidu-says-house-disruptions-delay-course-of-law-making-22033910.html,वेंकैया नायडू बोले- संसद के हंगामे से पैदा होती हैं सामाजिक और आर्थिक समस्याएं,"वेंकैया नायडू ने बताया कि राज्यसभा की आचरण समिति ने सांसदों के सदन में आचरण के लिए 14 बिंदुओं वाली सिफारिशें की हैं। इसके अनुसार सदस्यों को ऐसा कुछ नहीं करना है जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो। नई दिल्ली, प्रेट्र। संसद में होने वाले हंगामे के कारण न चाहते हुए कार्यवाही को स्थगित करना होता है। इसका नतीजा यह होता है कि कानून बनने में देरी होती है। यह बात शनिवार को राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राम जेठमलानी स्मृति व्याख्यानमाला में कही। वेंकैया ने कहा, सदन में होने वाले हंगामे से कई तरह की आर्थिक मुश्किलें पैदा होती हैं जिनका सीधा असर सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था पर होता है। सांसद और विधायक जनता के प्रतिनिधि के तौर पर कार्य करते हैं। उनसे उम्मीद की जाती है कि वे जनता के फायदे के लिए कार्य करेंगे, न कि हंगामा करेंगे। राज्यसभा के सभापति ने कहा, लोग अक्सर उनसे पूछते हैं कि हंगामे के दौरान सदन की कार्यवाही स्थगित क्यों कर दी जाती है? इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वह नहीं चाहते कि सदन में चुने हुए प्रतिनिधि किस तरह से हंगामा कर रहे हैं, इसे लोग देखें। निश्चित तौर पर इसे उन्हें चुनने वाले मतदाता अच्छे तौर पर नहीं लेंगे। नायडू ने बताया कि राज्यसभा की आचरण समिति ने सांसदों के सदन में आचरण के लिए 14 बिंदुओं वाली सिफारिशें की हैं। इसके अनुसार सदस्यों को ऐसा कुछ नहीं करना है जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो। उन्होंने कहा, सदन में सभी को बोलने की स्वतंत्रता है। हर मसले पर सांसद अपने विचार रख सकते हैं। इस विशेषाधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए। इससे पहले संसद भवन परिसर में आयोजित महाकवि सुब्रमण्यम भारती के 100 वीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति ने महिलाओं को लेकर हर तरह का भेदभाव खत्म किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, हंगामे को खबर बनाना गलत है। इससे हंगामा करने वाले उत्साहित होते हैं और उसी के लिए मौका तलाशते रहते हैं। सांसदों के पास विशेषाधिकार होते हैं, इसलिए उन्हें जिम्मेदार भी बनना चाहिए। इस मौके पर सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, किसी भी सांसद की विद्वत्ता और बुद्धिमानी तभी प्रदर्शित होती है जब वह कोई हंगामा न करे। सदन में होने वाले हंगामे से लोगों के मन में नकारात्मक छवि बनती है। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-pm-narendra-modi-holds-meeting-with-secretaries-of-central-govt-departments-22033511.html,"पीएम मोदी ने विभागों के सचिवों के साथ की मैराथन बैठक, नौकरशाहों के इस कार्य व्‍यवहार पर जताई हैरानी, दिए खास टिप्‍स","प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केंद्र के विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ एक लंबी बैठक की। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बड़े फेरबदल के महीनों बाद हुई यह बैठक चार घंटे से ज्‍यादा समय तक चली। जानें इस बैठक में क्‍या हुआ... नई दिल्‍ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को केंद्र के विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ एक लंबी बैठक की। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात पर हैरानी हो रही है कि विकास पर स्‍पष्‍ट नजरिया होने के बावजूद नौकरशाह इनको अंजाम तक पहुंचाने में पिछड़ जाते हैं। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बड़े फेरबदल के महीनों बाद हुई यह बैठक चार घंटे से ज्‍यादा समय तक चली। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कई सचिवों ने विभिन्न नीतिगत मामलों पर अपना नजरिया साझा किया। अधिकारियों ने शासन में सुधार के साथ साथ जमीनी स्तर पर कार्यक्रमों और योजनाओं को उतारने के बारे में अपनी राय दी। सचिवों की बातें सुनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बेहद अच्‍छी बात है कि सभी शीर्ष अधिकारियों के पास दृष्टिकोण हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इस पर हैरानी जताई कि आखिरकार इन दृष्टिकोणों का विकास कार्यों के रूप में डिलिवरी क्यों नहीं हो पा रही है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने बैठक में सचिवों से कहा कि उनको अपने विभाग के सचिव के रूप में व्‍यवहार करने के बजाय टीम लीडर के तौर पर काम करना चाहिए। दरअसल कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के बाद प्रधानमंत्री मोदी केंद्रीय मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं। इन बैठकों में पीएम मोदी नौकरशाहों और मंत्रियों में नई ऊर्जा भरने के लिए उन्‍हें प्रोत्‍साहित भी कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी की विभिन्‍न विभागों के सचिवों के साथ हुई यह बैठक उसी कवायद का हिस्सा थी। सूत्रों ने बताया कि कुछ अधिकारी ऐसा महसूस कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के साथ यह बैठक मंत्रिपरिषद के बाद अब नौकरशाही में फेरबदल का संकेत हो सकती है। गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में पीएम मोदी ने राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों के साथ लगातार बैठकें की थी और उन्‍हें महामारी से लड़ते रहने को प्रेरित किया था। यही नहीं उन्‍होंने थल सेना और एयरफोर्स के प्रमुखों के साथ भी बैठकें करके सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की समीक्षा की थी।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-ncr-sonu-sood-surrounded-in-tax-evasion-know-what-are-allegations-politics-also-heats-up-22033007.html,"कर चोरी में घिरे सोनू सूद को लेकर गरमाई सियासत, केजरीवाल बोले- लाखों दुआएं हैं साथ, जानें क्‍या हैं आरोप","बालीवुड अभिनेता सोनू सूद कर चोरी मामले में घिरते नजर आ रहे हैं। वहीं इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है। केजरीवाल ने कहा कि सोनू सूद के साथ लाखों परिवारों की दुवाएं साथ हैं। जानें सोनू सूद पर क्‍या हैं आरोप... नई दिल्ली, एजेंसियां। बालीवुड अभिनेता सोनू सूद कर चोरी मामले में घिरते नजर आ रहे हैं। वहीं इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि सोनू सूद के साथ लाखों परिवारों की दुवाएं साथ हैं। वहीं सीबीडीटी का कहना है कि सोनू सूद ने कथित तौर पर अपनी बिना हिसाब की आय को कई फर्जी संस्थानों से लिए गए फर्जी असुरक्षित कर्ज के रूप में दिखाया है। लाखों परिवारों की प्रार्थनाएं सूद के साथ : केजरीवाल सोनू सूद ने पिछले साल कोविड-19 के कारण लागू लाकडाउन में प्रवासी कामगारों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए छेड़े गए अभियान की वजह से देश-विदेश में वाहवाही बटोरी थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें हाल ही में आम आदमी पार्टी सरकार के देश के मेंटर्स कार्यक्रम का ब्रांड एंबेसडर बनाया है। केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि उन लाखों परिवारों की प्रार्थनाएं सूद के साथ हैं, जिन्हें मुश्किल समय में उनका साथ मिला। आय को कर्ज के रूप में दिखाया वहीं समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शनिवार को अभिनेता व उनके सहयोगियों पर 20 करोड़ रुपये की कर चोरी का आरोप लगाते हुए दावा किया कि आयकर विभाग को उनके और उनसे जुड़े लखनऊ स्थित इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रुप के ठिकानों के सर्वे में पता चला कि उन्होंने अपनी बिना हिसाब की आय को कई फर्जी संस्थानों से लिए गए फर्जी असुरक्षित कर्ज के रूप में दिखाया है। विदेशी अंशदान विनिमय कानून के उल्‍लंघन का आरोप सीबीडीटी ने सूद पर विदेशी अंशदान विनिमय कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। आयकर विभाग ने 48 वर्षीय अभिनेता व लखनऊ स्थित उद्योग समूह के परिसरों में 15 सितंबर को सर्वे किया था। सीबीडीटी ने सर्वे अब भी जारी रहने की जानकारी देते हुए एक बयान में कहा, 'अभिनेता अपनी बेहिसाब आय को कई फर्जी संस्थाओं से फर्जी असुरक्षित ऋण के रूप में तब्दील करते थे। अबतक इस प्रकार की 20 प्रविष्टियों की जानकारी मिली है।' फर्जी कर्ज से खरीदी गईं संपत्तियां सीबीडीटी ने कहा, 'फर्जी प्रविष्टयां (एंट्रीज) मुहैया कराने वालों ने नकद के बदले चेक जारी करने की बात स्वीकार की है। कर चोरी के लिए पेशेवर रसीदों को खातों में कर्ज के रूप में दिखाया गया। इन फर्जी कर्ज का इस्तेमाल निवेश व संपत्तियां खरीदने के लिए किया गया।' एफसीआरए का उल्लंघन कर जुटाया 2.1 करोड़ का विदेशी चंदा सीबीडीटी के बयान के अनुसार, 'अभिनेता द्वारा कोविड महामारी के दौरान 21 जुलाई, 2020 को स्थापित परमार्थ संगठन ने एक अप्रैल, 2021 से अबतक 18.94 करोड़ रुपये का चंदा जुटाया है। विभिन्न राहत कार्यो में करीब 1.9 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि शेष राशि बैंक खाते में पड़ी है। जांच में पाया गया कि एफसीआरए नियमों का उल्लंघन करते हुए संगठन ने एक क्राउडफंडिंग (चंदा) के जरिये विदेशी दानदाताओं से 2.1 करोड़ रुपये जुटाए।' 175 करोड़ के संदिग्ध लेनदेन का आरोप सीबीडीटी ने कहा है कि अभिनेता ने लखनऊ स्थित इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रुप के साथ एक संयुक्त उपक्रम शुरू किया। सर्वे में पता चला कि उक्त ग्रुप ने उप-अनुबंध व्यय की फर्जी बिलिंग व धन की हेराफेरी की। अबतक इसमें 65 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की बात सामने आई है। लखनऊ के ग्रुप ने जयपुर स्थित एक कंपनी के साथ 175 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेनदेन भी किया।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-union-govt-strengthen-tourism-sector-pm-modi-says-five-lakh-tourists-will-be-given-free-visa-22032751.html,"टीकाकरण में रिकार्ड तेजी देख पर्यटन क्षेत्र को मजबूती देने में जुटी सरकार, पीएम मोदी बोले- पांच लाख पर्यटकों को दिया जाएगा मुफ्त वीजा","गुजरात कांग्रेस के संगठन और नेतृत्व का चेहरा बदलने को लेकर लंबे अर्से से दुविधा में घिरे पार्टी आलाकमान के लिए अब पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले युवा नेता हार्दिक पटेल की संगठन में बड़ी भूमिका की दावेदारी को नजरअंदाज करना आसान नहीं रह गया। नई दिल्ली, संजय मिश्र। गुजरात कांग्रेस के संगठन और नेतृत्व का चेहरा बदलने को लेकर लंबे अर्से से दुविधा में घिरे पार्टी आलाकमान के लिए अब पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले युवा नेता हार्दिक पटेल की संगठन में बड़ी भूमिका की दावेदारी को नजरअंदाज करना आसान नहीं रह गया। मुख्यमंत्री समेत गुजरात की पूरी सरकार बदल देने के भाजपा के वैक्सीनेशन में रिकार्ड तोड़ तेजी के बीच अब सरकार पर्यटन व्यवसाय को आगे बढ़ाने की तैयारी में जुट गई है। पर्यटन क्षेत्र को हर मदद का आश्वासन देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पांच लाख विदेशी पर्यटकों को मुफ्त वीजा दिया जाएगा। नई दिल्ली [जागरण ब्‍यूरो]। कोरोना की तीसरी लहर की कम होती आशंका और वैक्सीनेशन में रिकार्ड तोड़ तेजी के बीच अब सरकार पर्यटन व्यवसाय को आगे बढ़ाने की तैयारी में जुट गई है। पर्यटन क्षेत्र को हर मदद का आश्वासन देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पांच लाख विदेशी पर्यटकों को मुफ्त वीजा दिया जाएगा। पर्यटन क्षेत्र से जुड़े साझेदारों को सौ फीसद सरकारी गारंटी के साथ 10 लाख रुपये तक के लोन का इंतजाम किया गया है। वैक्सीनेशन के वक्त भी पर्यटन क्षेत्रों की जरूरत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिकता के तौर पर इसका ध्यान रख रही थी। लेकिन डर था कि इस पर भी राजनीति होगी। शुक्रवार को हुए रिकार्ड वैक्सीनेशन पर कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया पर भी उन्होंने तंज करते हुए कहा कि इससे एक राजनीतिक दल को बुखार आ गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ महीने पहले तक वैक्सीनेशन बहुत बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ था। एक तरफ जहां विपक्षी दल सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे थे, वहीं कई राज्य अपने खर्च पर वैक्सीन देने का वादा भी कर रहे थे और केंद्र सरकार से बार-बार गुहार भी लगा रहे थे कि वह वैक्सीनेशन का भार उठाए। अब जबकि भारत विश्व में सबसे अधिक और सबसे तेज गति से वैक्सीन देने वाला देश बन गया है तो विपक्षी दलों में चुप्पी है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी की जन्मतिथि पर जब एक दिन मे ढाई करोड़ डोज लगी तो राहुल गांधी और पी चिदंबरम चुप नहीं रहे। राहुल ने कहा कि वैक्सीनेशन की यही रफ्तार देश को चाहिए। गोवा के स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत में मोदी ने इस तरह की प्रतिक्रिया पर तंज किया और डाक्टर से पूछा-वैक्सीन लेने के बाद कुछ लोगों को बुखार तो आता है, लेकिन कल एक राजनीतिक दल को बुखार आ गया। पीएम मोदी ने कहा कि टीकाकरण में शुक्रवार की तेजी अचंभित करने वाली थी। हर सेकेंड 434 डोज लग रही थी। हर मिनट 2,600 और हर घंटे 15.62 लाख। आंकड़े तो यह भी बताते हैं कि शुक्रवार को पूरे विश्व में जितनी डोज वैक्सीन दी गई, उसकी 82 फीसद केवल भारत में लगी। गोवा विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है और ऐसे में प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य के साथ-साथ वैक्सीनेशन को पर्यटन से जोड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार एक सोच के साथ आगे बढ़ रही थी। कुछ दिन पहले हिमाचल शत-प्रतिशत पहली डोज देने वाला प्रदेश बना। अब गोवा, सिक्किम, लद्दाख, चंडीगढ़, लक्षद्वीप जैसे पर्यटन स्थल भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इससे पर्यटकों के मन में भी सुरक्षा की भावना होती है। हालांकि उन्होंने आगाह किया कि अभी सतर्क रहने की जरूरत है। वायरस अभी गया नहीं है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार पर्यटन को गति देने के लिए हर मोड़ पर खड़ी होगी।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-union-govt-scales-down-babul-supriyo-security-cover-z-category-to-y-category-22032126.html,"टीएमसी का दामन थामने वाले बाबुल सुप्र‍ियो की सुरक्षा घटाई गई, केंद्र ने जेड से वाई श्रेणी में किया तब्‍दील","केंद्र सरकार ने बाबुल सुप्रियो को दिए गए केंद्रीय अर्धसैनिक कमांडो के सशस्त्र सुरक्षा कवर को कम कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद बाबुल सुप्रियो के सुरक्षा कवर को जेड श्रेणी के दूसरे उच्चतम स्तर से घटाकर वाई श्रेणी में तब्‍दील कर दिया गया है। नई दिल्‍ली, पीटीआइ। भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress, TMC) में शामिल हो गए। अब केंद्र सरकार ने बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) को दिए गए केंद्रीय अर्धसैनिक कमांडो के सशस्त्र सुरक्षा कवर को कम कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद बाबुल सुप्रियो के सुरक्षा कवर को जेड श्रेणी के दूसरे उच्चतम स्तर से घटाकर वाई श्रेणी में तब्‍दील कर दिया गया है। केंद्रीय योजना के तहत वीवीआईपी और उच्‍च जोखिम वाले शख्‍सीयतों को केंद्र सरकार की ओर से Z+ से लेकर Z, Y+, Y और X श्रेणियों तक सुरक्षा कवर मुहैया कराया जाता है। अचानक सुप्रियो की सुरक्षा श्रेणी को कम किए जाने पर सूत्रों ने बताया कि इस बारे में केंद्रीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की ओर से एक सिफारिश की गई थी। इसी सिफारिश को ध्‍यान में रखते हुए सुप्रियो के सुरक्षा कवर को कम किया गया है। सूत्रों ने बताया कि अब छह-सात कमांडो की जगह सुप्रियो के सा दो सशस्त्र कर्मी तैनात रहेंगे। सूत्रों ने संकेत दिया कि आने वाले वक्‍त में भी बाबुल सुप्रियो की सुरक्षा की समीक्षा की जा सकती है। यही नहीं उनकी सुरक्षा का काम पूरी तरह से पश्चिम बंगाल पुलिस को सौंपा जा सकता है। इस बीच बाबुल सुप्रियो ने संवाददाताओं से कहा कि मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से बहुत उत्साहित हूं। मैं पश्चिम बंगाल के विकास के लिए काम करता रहूंगा। उल्‍लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। पिछले महीने सुप्रियो ने घोषणा की थी कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं। सुप्रियो ने कहा था कि वह अब सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं रहेंगे। हालांकि बाद में वरिष्‍ठ नेताओं के काफी समझाने के बाद उन्‍होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देने की बात कही थी।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-uma-bharti-to-implement-liquor-prohibition-law-in-madhya-pradesh-by-early-2022-know-all-details-22031820.html,मध्य प्रदेश में 2022 की शुरुआत तक शराबबंदी कानून लागू कराने को लेकर उमा भारती ने दिया ताजा बयान,"मध्य प्रदेश में 15 जनवरी 2022 के बाद शराब बंदी कानून लागू करने को लेकर उमा भारती ने ताजा बयान दिया है। उन्होंने कहा मैं 15 जनवरी 2022 के बाद यहां शराब बंदी कानून लागू करवा कर ही रहूंगी। भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में 15 जनवरी 2022 के बाद शराब बंदी कानून लागू करने को लेकर उमा भारती ने ताजा बयान दिया है। उन्होंने कहा,' मैं 15 जनवरी 2022 के बाद यहां शराब बंदी कानून लागू करवा कर ही रहूंगी।' उन्होंने कहा कि मैं अभी गंगाजी को गंगा सागर छोड़कर आऊंगी, तब तक मध्य प्रदेश में जागरुकता अभियान चलेगा। मध्य प्रदेश में 15 जनवरी के बाद शराब बंदी लागू होकर रहेगी, यही गंगा सागर से तय करके आऊंगी। आगे उन्होंने कहा कि ये अभियान शराब बंदी के लिए अधिकार प्राप्त प्राधिकरण बनाने के लिए होगा। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराब बंदी माडल की तारीफ की। उमा भारती ने कहा कि गंगाजी की यात्रा 15 जनवरी 2022 को पूरी कर रही हूं। गंगाजी को गंगासागर छोड़कर आऊंगी और वहां से यही तय करके लौटूंगी कि मध्य प्रदेश में शराब बंदी होकर रहेगी। उन्होंने कहा कि जब मैं प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी, तब घोषणा पत्र में नहीं डाला था कि शराब बंदी करेंगे, पर मेरी आत्मा में था। मैंने अधिकारियों से कहा था राजस्व (सरकार की आमदनी) के लिए अलग से रास्ता निकालें। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में यह देखा कि एक भी व्यक्ति शराब से नहीं मरा। क्योंकि दुकानें बंद थीं। शराब की दुकानें खुलने के बाद कई लोगों की मौत हुई है। वे शराब बंदी अभियान चला रहीं महिलाओं से चर्चा भी करेंगी। उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा था कि अबकी बार ऐसी सरकार हो, जो गांधीजी के आदर्शों पर चले। इस साल के शुरुआत में भी चर्चा में आई थी उमा भारती वहीं इस साल की शुरुआत में उमा भारती का पर्सनल सेक्रेटरी बता किसी ने बिहार आवास बोर्ड के कार्यपालक अभियंता को फोन पर धमकी दी थी। भू-माफिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने वाले अफसर से कहा- सीएम हाउस में बात हुई सहयाोयग करो नहीं तो भुगतो।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-bjp-names-union-ministers-sonowal-and-murugan-as-its-candidates-for-rajya-sabha-bypolls-22031638.html,"भाजपा ने जारी की राज्यसभा उपचुनाव के लिए सूची, असम से सोनोवाल को बनाया उम्मीदवार","असम में बिस्वजीत दैमारी के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई थी। वहीं मध्य प्रदेश में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत के कर्नाटक के राज्यपाल के रूप में नियुक्ति के बाद उच्च सदन की एक सीट खाली हो गई थी। नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को राज्यसभा उपचुवानों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित किए। पार्टी के एक बयान के मुताबिक केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को असम और एल मुरुगन को मध्य प्रदेश में राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों नेताओं को हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। मंत्रिपरिषद में शामिल नेताओं को छह महीने के अंदर संसद का सदस्य बनना होता है। राज्यसभा के लिए दोनों नेताओं का चुनाव लगभग तय है, क्योंकि दोनों राज्यों की विधानसभाओं में भाजपा के पास बहुमत है। BJP names Union Minister Sarbananada Sonowal and Minister of State (MoS) L Murugan as its candidate for upcoming by-polls to Rajya Sabha from Assam and Madhya Pradesh respectively. pic.twitter.com/xTJ51lU57z असम में बिस्वजीत दैमारी के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई थी। वहीं, मध्य प्रदेश में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत के कर्नाटक के राज्यपाल के रूप में नियुक्ति के बाद उच्च सदन की एक सीट खाली हो गई थी। इससे पहले सर्बानंद सोनोवाल असम के मुख्‍यमंत्री भी रह चुके हैं। साल 2014 में वो असम की लखीमपुर सीट से भाजपा के टिकट पर जीते थे। इसके बाद जब वर्ष 2016 में असम में विधान सभा चुनाव हुआ था तो उन्‍हें वहां के सीएम पद की जिम्‍मेदारी सौंपी गई थी।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-amit-shah-to-visit-jabalpu-to-launch-the-pradhan-mantri-ujjwala-yojana-22031241.html,मध्य प्रदेश: जबलपुर मे बोले अमित शाह- स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को करेंगे पुनर्जीवित,"अमित शाह गोंडवाना के शासक अमर बलिदानी राजा शंकर शाह व कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां संसदीय क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों को संबोधित करने के साथ ही वे उज्जवला योजना 2.0 का शुभारंभ भी करेंगे। जबलपुर, जेएनएन। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जबलपुर के दौरे पर पहुंचे हैं। गृह मंत्री ने जबलपुर में वीर बलिदानी राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहे। गृह मंत्री ने जबलपुर में जनजातीय गौरव समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को पुनर्जीवित करेंगे और उनके बलिदान और जज्बे को युवा पीढ़ी में रोपित करने का काम करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि उन लोगों के प्रयासों को सफल न होने दें जो लोगों और समाज को अलग करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा फायदा देश और खुद की बेहतरी के लिए सभी समुदायों की एकता में है। We will always be inspired by the sacrifices of Raja Shankar Shah and Raghunath Shah and will be committed to the development of India. We are breathing the air of 75th year of independence because of their sacrifices: Union Home Minister Amit Shah in Jabalpur, Madhya Pradesh pic.twitter.com/2P2PePCxno गृहमंत्री आज जबलपुर में आठ घंटे रहेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। अमित शाह यहां संसदीय क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों को संबोधित करने के साथ ही वे उज्ज्वला योजना 2.0 का शुभारंभ भी करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित राज्य के कई मंत्री शामिल होंगे। गृहमंत्री की सभा में मुख्यमंत्री के साथ अन्य कई मंत्री होंगे शामिल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय गृहमंत्री के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इसके अलावा केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय तेल एवं प्राकृतिक गैस तथा श्रम, रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली, प्रदेश के सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डा. अरविंद सिंह भदौरिया, वन मंत्री डा. कुंवर विजय शाह भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रमों में शामिल होंगे। Madhya Pradesh | Union Home Minister Amit Shah and CM Shivraj Singh Chouhan visit a photo exhibition in Jabalpur dedicated to tribal leaders who participated in the independence movement pic.twitter.com/8EMeMBpgDh गृह मंत्री का पूरा कार्यक्रम शाह दोपहर 12.10 बजे आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत बलिदान दिवस पर जनजातीय नायकों का पुण्य स्मरण कर गैरिसन ग्राउंड में सभा को संबोधित करेंगे। दोपहर 1.50 बजे से दोपहर 2.40 बजे तक का समय आरक्षित रहेगा। दोपहर 2.45 बजे वेटरनरी कालेज ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में उज्जवला 2.0 योजना का शुभारंभ करेंगे। शाम 4.30 बजे शहीद स्मारक परिसर गोलबाजार में आयोजित संसदीय क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के कार्यक्रम में शामिल होंगे। शाम 6.10 बजे शास्त्री ब्रिज के समीप स्थित नरसिंह मंदिर एवं शाम 6.35 बजे तिलवाराघाट स्थित दयोदय तीर्थ जाएंगे। शाम 7.30 बजे डुमना विमानतल से बीएसएफ के विमान से वे नई दिल्ली रवाना हो जाएंगे।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-kerala-cpim-cautions-against-luring-educated-women-to-terrorism-amid-narcotic-and-love-jihad-row-22029487.html,"माकपा का आतंकवाद पर बड़ा बयान, कहा, चरमपंथी ताकतें मुख्यधारा के मुस्लिम संगठनों में कर रही हैं घुसपैठ","केरल में सत्तारूढ़ भारतीय मा‌र्क्सवादी पार्टी (माकपा) ने लव और नार्कोटिक्स जिहाद की चर्चाओं के बीच पढ़ी-लिखी युवतियों को भी आतंकवाद की राह पर ले जाने की कोशिशों पर चिंता जताई और उसके प्रति आगाह किया। पढ़ें यह रिपोर्ट... तिरुअनंतपुरम, पीटीआइ। लव और नार्कोटिक्स जिहाद की चर्चाओं के बीच भारतीय मा‌र्क्सवादी पार्टी (माकपा) ने पढ़ी-लिखी युवतियों को भी आतंकवाद की राह पर ले जाने की कोशिशों पर चिंता जताई और उसके प्रति आगाह किया। केरल में सत्तारूढ़ माकपा ने यहां व्यावसायिक कालेजों में पढ़ रहीं युवतियों को लुभाकर सांप्रदायिकता व आतंकवाद की राह पर ले जाने के एक वर्ग की कोशिशों के प्रति सावधान किया है। केरल में पार्टी के आगामी सम्मेलनों को लेकर सत्तारूढ़ दल द्वारा तैयार एक आंतरिक नोट में इस तरह की बातें कही गईं। पार्टी ने कहा कि चरमपंथी ताकतें मुख्यधारा के मुस्लिम संगठनों में घुसपैठ कर रही हैं और केरल में इस मुद्दे को हवा देने की कोशिश कर रही हैं। माकपा ने यह भी कहा कि संघ परिवार से जुड़ी ताकतों की गतिविधियों ने अल्पसंख्यक समूहों में असुरक्षा की भावना पैदा की है। वाम दल ने अपने कार्यकर्ताओं को भी इन मुद्दों के प्रति सतर्क रहने को कहा। नोट में कहा गया कि राज्य में ईसाई समुदाय के लोग आम तौर पर सांप्रदायिक विचारधाराओं का समर्थन नहीं करते, लेकिन हाल के दिनों में इस समुदाय के एक छोटे से वर्ग में पनप रहे कट्टरपंथी प्रभाव को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उधर इस मुद्दे पर विपक्षी दल कांग्रेस ने माकपा पर हमला बोला और आरोपों के बारे में सुबूत दिखाने को कहा जबकि भाजपा ने आरोप लगाया कि वह केरल को कथित तौर पर चरमपंथी ताकतों के लिए उर्वर भूमि में तब्दील कर रही है। हाल ही में बिशप जोसेफ कल्लारंगट ने कोट्टायम जिले के कुरुविलांगड में मार्थ मरियम पिलग्रिम चर्च में कहा था कि केरल में गैर-मुसलमानों को नारकोटिक जिहाद का शिकार होना पड़ता है। उन्‍होंने (Bishop Joseph Kallarangatt) कहा था कि यह जिहाद दो तरह है- नारकोटिक जिहाद और लव जिहाद... मौजूदा वक्‍त में नारकोटिक जिहाद गैर-मुस्लिम युवाओं को नशे का आदी बनाकर उनके जीवन को बर्बाद कर रहा है। इस बयान को लेकर बिशप जोसेफ कल्लारंगट (Bishop Joseph Kallarangatt) का भारी विरोध हुआ था जिसके बाद केरल भाजपा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बिशप कल्लारंगट को सुरक्षा दिए जाने की मांग की थी। गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में पार्टी के राज्य महासचिव एवं अखिल भारतीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष जार्ज कुरियन ने कहा था कि पाला के आर्क बिशप जोसेफ बिशप कल्लारंगट को सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए क्‍योंकि इस्लामिक संगठनों की ओर से उन्‍हें खुले तौर पर धमकियां दी जा रही हैं।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-s-jaishankar-said-that-resolution-of-the-border-dispute-is-necessary-for-relations-with-china-22030178.html,"चीन से संबंधों के विकास के लिए सीमा विवाद का शीघ्र समाधान जरूरी, जयशंकर और वांग फिर वार्ता शुरू करने पर सहमत","विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और चीन के संबंधों के विकास के लिए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से जुड़े विवाद का शीघ्र समाधान जरूरी है। आपसी संबंधों की मधुरता के लिए सीमा पर शांति और यथास्थिति बनी रहना आवश्यक है। नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत और चीन के संबंधों के विकास के लिए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से जुड़े विवाद का शीघ्र समाधान जरूरी है। आपसी संबंधों की मधुरता के लिए सीमा पर शांति और यथास्थिति बनी रहना आवश्यक है। यह बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग ई से मुलाकात में कही है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर फिर से वार्ता कायम करने की सहमति बनी है। उल्लेखनीय है कि भारतीय इलाके देपसांग पर चीन ने अभी भी कब्जा बनाए रखा है जबकि पैंगोंग झील के किनारे समेत कुछ स्थानों से चीनी सैनिक पीछे भी हटे हैं। ये चीनी सैनिक मई 2020 में कोरोना काल का फायदा उठाकर भारतीय जमीन पर आ गए थे। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में पहुंचे दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मसलों पर वार्ता हुई। शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार विदेश मंत्री वांग ई ने कहा, सीमा विवाद सुलझाने की दिशा में भारत और चीन ने आधा रास्ता तय कर लिया है। यह रास्ता संबंधों में स्थिरता बनाए रखते हुए तय किया गया है। यहां तक पहुंचने के लिए दोनों देशों ने जल्द विवाद सुलझाने के नियमित बातचीत और प्रबंधन के तरीके का सहारा लिया। वांग ई के साथ मुलाकात में जयशंकर ने जोर देकर कहा था कि भारत के साथ अपने संबंधों को चीन किसी तीसरे देश के नजरिये से न देखे। जवाब में चीन ने इस पर सहमति जताई थी। जयशंकर ने कहा, दोनों देशों के संबंधों की अपनी तासीर है। इसलिए उसी के अनुसार दोनों देशों को कार्य करना चाहिए। जवाब में चीन ने कहा, दोनों देशों के संबंधों को कोई तीसरा देश कमजोर नहीं कर सकता और न ही किसी तीसरे देश से रिश्ते के आधार पर ये संबंध निर्धारित होंगे। जाहिर है कि भारत और चीन का इशारा पाकिस्तान और अमेरिका को लेकर था। जयशंकर ने कहा, एशिया की एकजुटता भारत और चीन के संबंधों पर निर्भर करेगी, इस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए। भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों विदेश मंत्रियों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी के मौजूदा हालात और वैश्विक स्थिति पर चर्चा की है। दोनों देशों ने सीमा विवाद के जल्द निपटारे के लिए राजनयिकों और सैन्य अधिकारियों की वार्ता फिर से कायम करने का फैसला किया है। ये वार्ता तब तक कायम रहेगी, जब तक विवाद खत्म नहीं हो जाता। जयशंकर ने ईरान, आर्मेनिया और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों से भी द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा की है।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-mp-politics-shivraj-singh-chauhan-says-third-wave-of-corona-will-collapse-economic-system-22030299.html,"कोरोना की तीसरी लहर आई तो ध्वस्त हो जाएगी आर्थिक व्यवस्था, इसे रोकना हम सबकी जिम्मेदारी : सीएम शिवराज","मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि अगर राज्य में कोरोना की तीसरी लहर आई तो आर्थिक व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। इसलिए तीसरी लहर को रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री शिवराज पत्नी साधना सिंह चौहान के साथ दोपहर साढे़ तीन बजे विदिशा पहुंचे। विदिशा, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि अगर राज्य में कोरोना की तीसरी लहर आई तो आर्थिक व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। इसलिए तीसरी लहर को रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को विदिशा के पूरनपुरा क्षेत्र में बनाए गए टीकाकरण केंद्र का जायजा लेने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने यह बात कही। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पत्नी साधना सिंह चौहान के साथ दोपहर साढे़ तीन बजे विदिशा पहुंचे। हेलिपैड से वे सीधे टीकाकरण केंद्र पहुंचे। यहां उन्होंने मौजूद स्टाफ और टीकाकरण के लिए आए लोगों से चर्चा की। इसके बाद एक कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी है। तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है, लेकिन हमें सावधानी बरतकर इस लहर को प्रदेश में आने ही नहीं देना है। शिवराज चौहान ने आगे कहा कि लोग कोरोना की दूसरी लहर का दर्द भूले नहीं हैं। कई लोगों ने अपनों को खोया है। महीनों बाजार बंद रहे हैं। ऐसे हालात अब नहीं बनने चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर में लोग मास्क पहनना भूल गए हैं। उन्हें मास्क जरूर पहनना चाहिए। उन्होंने कलेक्टर उमाशंकर भार्गव को निर्देश दिए कि टीकाकरण के लिए सारे संसाधन झोंक दो, लक्ष्य पूरा होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आखिर में मजाकिया लहजे में कहा कि कोरोना के नियमों का पालन करने की मेरी बात नवंबर--दिसंबर तक सुन लो। इसके बाद सब छूट दे दूंगा। कार्यक्रम में जिले के विधायकगण भी मौजूद थे। मध्य प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण की छह मामले सामने आए। इसके साथ ही राज्य में कुल मामलों की संख्य सात लाख 92 हजार 380 हो गई, जबकि मरने वालों की संख्या 10 हजार 517 है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। राज्य में 109 सक्रिय मामले हैं और सात लाख 81 हाजर 754 मरीज कोरोना से उबर गए हैं।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-congress-constitutes-screening-committee-for-forthcoming-up-polls-know-more-22029876.html,"कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में प्रत्याशी तय करने के लिए बनाई स्क्रीनिंग कमेटी, जानें- कौन-कौन हैं शामिल","कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गांधी परिवार के करीबी भवंर जितेंद्र सिंह को स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य व राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुडडा और वर्षा गायकवाड भी कमेटी में शामिल हैं। जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को मुकाबले की दौड़ में लाने की कोशिश कर रही कांग्रेस ने टिकट बंटवारे के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गांधी परिवार के करीबी भवंर जितेंद्र सिंह को स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य व राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुडडा और वर्षा गायकवाड भी कमेटी में शामिल हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने स्क्री¨नग कमेटी के गठन की घोषणा की। प्रियंका गांधी सूबे की प्रभारी के नाते बतौर पदेन सदस्य होंगी तो उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधायक दल की नेता अराधाना मिश्रा के अलावा उत्तर प्रदेश के सभी प्रभारी कांग्रेस सचिव भी कमेटी के सदस्य होंगे। स्क्रीनिंग कमेटी पार्टी की प्रदेश चुनाव समिति की ओर से उम्मीदवारों के नाम के भेजे गए पैनल की छानबीन कर टिकट दावेदारों का पैनल तैयार करेगी। इसके बाद कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति टिकट का अंतिम फैसला करेगी। इस समिति के गठन के जरिये कांग्रेस ने सूबे में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कांग्रेस को लड़ाई में लाना बड़ी चुनौती उत्तर प्रदेश का अगला चुनाव सूबे में कांग्रेस को मुख्य धारा की सियासत में वापसी के लिहाज से बहुत बड़ी चुनौती तो है ही साथ ही प्रियंका के लिए भी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। खासकर यह देखते हुए कि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के बाद भी कांग्रेस को उसके सियासी इतिहास की सबसे कम सीटें मिलीं और पार्टी के विधायकों की संख्या दहाई में भी नहीं पहुंच पाई थी। इतना ही नहीं बीते लोकसभा चुनाव में भी कमोबेश यही कहानी दोहराई गई और केवल सोनिया गांधी ही राय बरेली से जीत हासिल कर पायीं। संगठन को सक्रिय करने में जुटी हैं प्रियंका जाहिर तौर पर कांग्रेस की इस दयनीय सियासी स्थिति को बदलने की कोशिश आसान नहीं है मगर प्रियंका ने पिछले कुछ समय से सूबे के संगठन को सक्रिय कर पार्टी के ढांचे को ट्रैक पर लाने की कोशिश शुरू की है। अभी हाल में हुए सूबे के अपने पांच दिन के दौरे के दौरान भी कांग्रेस महसचिव ने संगठन के साथ चुनाव की जमीनी सियासत की टोह ली और इसके बाद ही पार्टी नेतृत्व ने स्क्रीनिंग कमेटी का गठन कर उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को जल्द शुरू करने के अपने इरादों का संदेश दे दिया।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-prime-minister-narendra-modi-to-address-sco-summit-online-today-22028538.html,"SCO Summit : पीएम मोदी ने कहा- कट्टरता दुनिया के लिए बड़ी मुसीबत, अफगानिस्तान के हाल के घटनाक्रम ने चुनौती बढ़ाई","शंघाई कोआपरेशन आर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में भारत क्षेत्रीय सुरक्षा खासकर अफगानिस्तान के राजनीतिक हालात कोरोना महामारी का असर एससीओ के सदस्यों की संख्या बढ़ाने और बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा करेगा। पीएम मोदी आनलाइन मीटिंग को संबोधित करेंगे। नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई कोआपरेशन आर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, कट्टरता दुनिया के लिए बड़ी मुसीबत है और हाल के अफगानिस्तान के घटनाक्रम ने चुनौती को और बढ़ा दिया है। पीएम मोदी ने आनलाइन बैठक को संबोधित करते हुए ईरान को एससीओ का नया सदस्य देश बनने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा, इस साल हम एससीओ की 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह खुशी की बात है कि इस शुभ अवसर पर हमारे साथ नए मित्र जुड़ रहे हैं। मैं ईरान का एससीओ के नए सदस्य देश के रूप में स्वागत करता हूं। पीएम मोदी ने कहा, 'भारत में और एससीओ के लगभग सभी देशों में, इस्लाम से जुड़ी उदारवादी, सहिष्णु और समावेशी संस्थाएं और परम्पराएं हैं। एससीओ को इनके बीच एक मजबूत तंत्र विकसित करने के लिए काम करना चाहिए।' यह बैठक ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में चल रही है। इसमें भारत के अलावा चीन, रूस, पाकिस्तान और कुछ मध्य एशियाई देश भी शामिल हुए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मीटिंग के लिए दुशांबे में उपस्थित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा और विश्वास के लिए जरूरी है, बल्कि युवाओं का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत सेंट्रल एशिया के साथ अपने रिश्ते बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि लैंड लाक्ड सेंट्रल एशियाई देशों को भारत के विशाल बाजार से जुड़ कर अपार लाभ हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि कनेक्टिविटी की कोई भी पहल वन-वे स्ट्रीट नहीं हो सकती। आपसी विश्वास सुनिश्चित करने के लिए कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स को कंसल्टिव, पारदर्शी और भागीदारी वाला होना चाहिए। इनमें सभी देशों की टेरीटोरियल इंटीग्रिटी का सम्मान निहित होना चाहिए। बैठक में पीएम मोदी ने रुपये कार्ड, यूपीआइ और कोविन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, चाहे वित्तीय समावेशन बढ़ाने के लिए यूपीआइ और रुपेय कार्ड जैसी तकनीक हों, या कोविड से लड़ाई में हमारे आरोग्य-सेतु और कोविन जैसे डिजिटल प्लेटफार्म्स इन सभी को हमने स्वेच्छा से अन्य देशों के साथ भी साझा किया है।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-president-ram-nath-kovind-extends-wishes-to-pm-narendra-modi-on-the-occasion-of-his-birthday-22028453.html,"पीएम मोदी के जन्मदिन पर राष्ट्रपति ने दी बधाई, कहा- स्वस्थ रहें और दीर्घायु प्राप्त कर राष्ट्र सेवा करते रहें","भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन को भव्य तरीके से मनाने की तैयारी में जुटी है। भाजपा ने 20 दिन के राष्ट्रव्यापी अभियान की योजना बनाई है जो आज से शुरू होकर सात अक्टूबर को खत्म होगा। नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शु्क्रवार को अपना 71वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने उन्हें बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि पीएम मोदी स्वस्थ रहें और सर्वविदित भावना के साथ राष्‍ट्र सेवा का कार्य करते रहें। राष्ट्रपति ने ट्वीट में लिखा, 'भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। मेरी शुभेच्‍छा है कि आप स्‍वस्‍थ रहें और दीर्घायु प्राप्‍त कर ‘अहर्निशं सेवामहे’ की अपनी सर्वविदित भावना के साथ राष्‍ट्र सेवा का कार्य करते रहें।' भारत के प्रधानमंत्री श्री @narendramodi को जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। मेरी शुभेच्‍छा है कि आप स्‍वस्‍थ रहें और दीर्घायु प्राप्‍त कर ‘अहर्निशं सेवामहे’ की अपनी सर्वविदित भावना के साथ राष्‍ट्र सेवा का कार्य करते रहें। गृह मंत्री ने भी दी बधाई गृह मंत्री अमित शाह ने भी पीएम मोदी को जन्मदिवस की बधाई दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'देश के सर्वप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य व सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं। मोदी जी ने न सिर्फ देश को समय से आगे सोचने और परिश्रम की पराकाष्ठा से संकल्प को सिद्ध करने की सोच दी बल्कि उसको चरितार्थ करके भी दिखाया।' सभी वर्गों के उत्थान के लिए आपके द्वारा किए गए कार्य प्रेरणादायक : जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि सभी वर्गों और समुदायों के उत्थान के लिए आपके द्वारा किए गए कार्य प्रेरणादायक हैं। राहुल गांधी ने किया बर्थडे विश इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, जन्मदिन मुबारक मोदी जी। Happy birthday, Modi ji. भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री के जन्मदिन को भव्य तरीके से मनाने की तैयारी में जुटी है। भाजपा ने 20 दिन के राष्ट्रव्यापी अभियान की योजना बनाई है जो आज से शुरू होकर सात अक्टूबर को खत्म होगा।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-prime-minister-narendra-modi-to-attend-review-meet-with-secretaries-22028010.html,18 सितंबर को सचिवों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे पीएम मोदी,"कोरोना महामारी के मद्देनजर लोगों के जीवन के साथ ही अर्थव्यवस्था पर पड़े असर को कम करने के लिए सरकार लगातार कुछ न कुछ कदम उठा रही है। अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए भी सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 18 सितंबर को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिवों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ हुए चिंतन शिविर के बाद प्रधानमंत्री ने यह समीक्षा बैठक बुलाई है। सूत्रों ने बताया कि 18 सितंबर को सचिवों के साथ होने वाली बैठक शाम में होगी। बैठक के एजेंडे के बारे में अभी तक कोई विस्तृत जानकारी नहीं आई है। कोरोना महामारी के मद्देनजर लोगों के जीवन के साथ ही अर्थव्यवस्था पर पड़े असर को कम करने के लिए सरकार लगातार कुछ न कुछ कदम उठा रही है। अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए भी सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। इस साल जुलाई में प्रधानमंत्री ने अपनी मंत्रिपरिषद में विस्तार और फेरबदल किया था। यह कदम अगले साल सात राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को दृष्टिगत रखते हुए उठाया गया था। जिन राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें छह राज्यों में भाजपा की सरकार है।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-21st-century-seva-gram-will-be-established-in-nava-raipur-on-the-lines-of-wardha-cm-bhupesh-baghel-gave-instructions-22026911.html,"वर्धा की तर्ज पर नवा रायपुर में स्थापित होगा 21 वीं सदी का सेवा ग्राम, सीएम भूपेश बघेल ने दिए निर्देश","महात्मा गांधी की ग्राम-स्वराज की संकल्पना को अक्षुण्ण रखने के लिए नवा-रायपुर में भी वर्धा की तर्ज पर सेवा-ग्राम की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए नवा-रायपुर 75 से 100 एकड़ की जमीन चिन्हांकित करने के निर्देश दिए हैं। रायपुर, जेएनएन। आजादी के 75वें वर्ष में आजादी की लड़ाई के मूल्यों, सिद्धांतों, आदर्शों तथा महात्मा गांधी की ग्राम-स्वराज की संकल्पना को अक्षुण्ण रखने के लिए नवा-रायपुर में भी वर्धा की तर्ज पर सेवा-ग्राम की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए नवा-रायपुर 75 से 100 एकड़ की जमीन चिन्हांकित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि संस्थान में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने एवं आत्मनिर्भर-ग्राम की कल्पना को साकार करने के लिए सभी प्रकार के कारीगरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था का प्रावधान भी किया जाए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 02 अक्टूबर 2021 से पहले इस संबंध में कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना के अनुरूप कार्यों को आगे बढ़ाएगी परियोजना गौरतलब है कि इस परियोजना के पीछे महाराष्ट्र के वर्धा में स्थित सेवाग्राम है, जिसकी स्थापना वर्ष 1936 में महात्मा गांधी और उनकी सहधर्मिणी कस्तूरबा के निवास के रूप की गई थी, ताकि वहां से वे मध्य भारत में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व कर सकें। वर्धा का यह संस्थान महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप ग्रामीण भारत के पुननिर्माण का केंद्र भी था। गांधीजी का मानना था कि भारत की स्थितियों में स्थायी रूप से सुधार के लिए ग्राम-सुधार ही एकमात्र विकल्प है। स्वतंत्रता आंदोलन की यादों और राष्ट्रीय इतिहास को रखा जाएगा जीवंत अब 21वीं सदी में महात्मा गांधी के उन्हीं सपनों के अनुरूप ग्राम-सुधार के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए नवा-रायपुर में सेवा-ग्राम की स्थापना की जा रही है। इस सेवा-ग्राम का निर्माण मिट्टी, चूना, पत्थर जैसी प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करते हुए किया जाएगा। यह परियोजना गांधी-दर्शन को याद रखने और सीखने की प्रेरणा देगी। साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन की यादों और राष्ट्रीय इतिहास को भी इसके माध्यम से जीवंत रखा जा सकेगा। रायपुर के सेवा ग्राम में बुजुर्गों के लिए 'दूसरा घर' और वंचितों के लिए स्कूल भी किया जाएगा स्थापित रायपुर में प्रस्तावित सेवाग्राम में गांधीवादी सिद्धांतों, ग्रामीण कला और शिल्प के केंद्र विकसित किए जाएंगे, जहां अतिथि विषय-विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा। साथ ही वहां वृद्धाश्रम तथा वंचितों के लिए स्कूल भी स्थापित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य पर्यटन के अवसरों को बढ़ा देकर, छत्तीसगढ़ की लोक कलाओं को प्रोत्साहन देकर, बुजुर्गों को दूसरा-घर देकर और वैचारिक आदान-प्रादन के लिए छत्तीसगढ़ में एक विश्वस्तरीय व्यवस्था का निर्माण करके स्थानीय लोगों का सशक्तिकरण करना है। सेवा-ग्राम में प्रस्तावित 'विजिटर्स सेंटर' सीखने, निर्वाह करने और गांधी के सिद्धांतों का स्मरण करने का केंद्र जगह होगा। मिट्टी, चूना, पत्थर जैसी प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करते हुए किया जाएगा सेवा-ग्राम का निर्माण छत्तीसगढ़ अपनी विशिष्ट कला और शिल्प के लिए जाना जाता है। छत्तीसगढ़ के बस्तर, रायगढ़ और अन्य जिलों में बेल मेटल, लौह, टेराकोटा, पत्थर, कपड़े और बांस का उपयोग करके विभिन्न कलात्मक वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। सेवाग्राम एक ऐसा स्थान होगा जहां आगंतुक स्थानीय कला और शिल्प, स्थानीय व्यंजनों को बारे में जान सकेंगे। अपनी जानकारियों और अनुभवों को साझा कर सकेंगे। सेवा ग्राम में एक ओपन थियेटर भी होगा, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-kerala-news-g-rethikumar-joins-cpim-hours-after-resigning-from-congress-22024902.html,कांग्रेस को छोड़ जी रेतिकुमार ने सीपीआई (एम) से मिलाया हाथ,"कांग्रेस नेता जी रेतिकुमार (G Rethikumar) ने बुधवार को कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी से हाथ मिला लिया। रेतिकुमार केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व महासचिव हैं। उन्होंने आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान कर दिया। रेतिकुमार ने अपना इस्तीफा केपीसीसी के अध्यक्ष को भेज दिया। तिरुअनंतपुरम, एएनआइ। कांग्रेस नेता जी रेतिकुमार (G Rethikumar) ने बुधवार को कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी से हाथ मिला लिया। रेतिकुमार केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व महासचिव हैं। उन्होंने आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान कर दिया। रेतिकुमार ने अपना इस्तीफा केपीसीसी के अध्यक्ष को भेज दिया। पिछले 40 सालों से रेतीकुमार पार्टी के लिए काम कर रहे थे। उन्होंने अपने इस्तीफे में इस बात का भी जिक्र किया है कि उन्होंने केपीसीसी अध्यक्ष के सुधाकरण से संगठन के कुछ मुद्दों से जुड़ी बात करने की कोशिश की थी लेकिन यह हो नहीं पाया। इस्तीफे के बाद उन्होंने CPI(M) नेताओं से AKG सेंटर में मुलाकात की। यह सेंटर प्रदेश में CPI(M) का कार्यालय है। यहां उन्होंने मीडिया से बताया कि भविष्य में वे CPI(M)के साथ मिलकर काम करेंगे। इससे पहले केरल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता केपी अनिल कुमार ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और सत्तारूढ़ पार्टी CPIM में शामिल हो गए। दरअसल सार्वजनिक रूप से राज्य के पार्टी नेतृत्व की आलोचना करने के लिए पार्टी से उउन्हें निलंबित कर दिया गया था। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव केपी अनिल कुमार ने तिरुवनंतपुरम में अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य इकाई के अधिकांश वर्तमान पदाधिकारियों ने उनके साथ सत्तावादी तरीके से व्यवहार किया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सुधाकरन पर कुछ अन्य गंभीर आरोप भी लगाए। वहीं कांग्रेस कमेटी के प्रमुख ने कहा कि कुमार को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था जिसके बाद उन्होंने सीपीआई (एम) को ‘वेस्ट बिन’ के समान बताया जो असंतुष्ट नेताओं को इकट्ठा कर रही है। बता दें कि कांग्रेस से ही एक और निष्कासित नेता पीएस प्रशांत माकपा में शामिल हो गए थे। नए नेतृत्व के बाद कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई में कलह चल रही थी और 28 अगस्त को जिला कांग्रेस अध्यक्षों की घोषणा के बाद स्थिति और खराब हो गई।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-parliament-tv-will-become-the-new-voice-of-democracy-and-public-representatives-pm-modi-said-22023298.html,संसद टीवी संसदीय व्यवस्था में एक और अहम अध्याय : पीएम मोदी,"उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को संसद टीवी का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन हमारी संसदीय व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है। नई दिल्ली, प्रेट्र। उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को संयुक्त रूप से 'संसद टीवी' की शुरुआत की। यह चैनल लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी को मिलाकर बनाया गया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन भारतीय संसदीय व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का एक ऐसा माध्यम मिल रहा है, जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज के रूप में काम करेगा। नायडू, बिरला और पीएम ने किया नए चैनल का शुभारंभ पीएम ने कहा कि तेजी से बदलते समय में मीडिया और टीवी चैनलों की भूमिका भी बहुत तेजी से बदल रही है। 21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिये क्रांति ला रही है।उन्होंने कहा कि ऐसे में स्वाभाविक हो जाता है कि संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को बदलें। मुझे खुशी है कि संसद टीवी के तौर पर आज एक नई शुरुआत हो रही है। अपने नए अवतार में यह सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी रहेगा। इसका अपना एक एप भी होगा। भारत के लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है बल्कि एक विचार अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा कि जब लोकतंत्र की बात होती है तो भारत की जिम्मेदारी कहीं ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि भारत लोकतंत्र का जनक है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है बल्कि एक विचार है। भारत में लोकतंत्र सिर्फ संवैधानिक ढांचा ही नहीं है बल्कि एक भावना है। भारत में लोकतंत्र संविधान की धाराओं का संग्रह ही नहीं है यह तो हमारी जीवनधारा है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के दिन संसद टीवी की लांचिंग होना अपने आप में बहुत प्रासंगिक हो जाता है। ज्ञात हो कि छह सदस्यीय समिति ने राज्यसभा टीवी और लोकसभा टीवी का विलय कर संसद टीवी बनाने की सिफारिश की थी। संसद सत्र के दौरान संसद टीवी के दो प्लेटफार्म उपलब्ध रहेंगे, जिनमें से एक पर राज्यसभा और दूसरे पर लोकसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होगा। संसद सत्र नहीं चलने पर संसद टीवी एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा। संसद टीवी के सीईओ सेवानिवृत्त अधिकारी रवि कपूर हैं। उनकी नियुक्ति मार्च, 2021 में एक साल के लिए की गई है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार कांग्रेस नेता कर्ण सिंह, अर्थशास्त्री विवेक देबरॉय, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और अधिवक्ता हेमंत बत्रा नए चैनल पर अलग-अलग शो की मेजबानी करेंगे।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-external-affairs-minister-s-jaishankar-said-democracy-is-not-an-option-for-india-it-is-a-way-of-life-22024130.html,"विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, भारत के लिए लोकतंत्र विकल्प नहीं, एक जीवन शैली","विदेश मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र केवल डिलीवरी के बिना अधूरा नहीं है यह इसकी विश्वसनीयता को भी प्रभावित कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि चाहे वह शौचालय बिजली और पानी पहुंचाना हो या बैंक खाता खुलवाना लोकतांत्रिक साधन अब लोकतांत्रिक उद्देश्यों को साकार कर रहे हैं। नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत के लिए लोकतंत्र कोई विकल्प नहीं है, बल्कि एक जीवन शैली है। भारत का जैसे-जैसे विकास होगा, उसकी क्षमताएं बढ़ेंगी, स्वाभाविक रूप से वह दुनिया के लिए अधिक योगदान करेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आजाद भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत और अधिक लोकतांत्रिक होता जाएगा, लोकतंत्र भी अपनी संवेदनशीलता और बनावट दोनों में और अधिक भारतीय होता जाएगा। भारत के लिए लोकतंत्र कोई विकल्प नहीं था 'अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस' पर बुधवार को आयोजित इस वेबिनार में जयशंकर ने कहा, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में लोकतंत्र का अंतरराष्ट्रीय दिवस बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। भारत के लिए लोकतंत्र कोई विकल्प नहीं था, जिसे हमने 1947 में चुना था, बल्कि उससे बहुत पहले से उसके लिए यह जीवन जीने का एक तरीका था। कुछ समाज अनेकवाद से इसकी तुलना कर सकते हैं जो हमारी ऐतिहासिक विशेषता रही है।' शौचालय निर्माण से लेकर बैंक खाते खुलवाने तक लोकतांत्रिक उद्देश्यों को साकार कर रहे विदेश मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र केवल डिलीवरी के बिना अधूरा नहीं है, यह इसकी विश्वसनीयता को भी प्रभावित कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि चाहे वह शौचालय, बिजली और पानी पहुंचाना हो या बैंक खाता खुलवाना, लोकतांत्रिक साधन अब लोकतांत्रिक उद्देश्यों को साकार कर रहे हैं। मतदान की समानता का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने कहा, 'वोट की समानता खासतौर पर मानवीय गरिमा की समानता के साथ सह-अस्तित्व में होनी चाहिए। दोनों एक दूसरे की पूरक हैं।' उन्होंने कहा कि इस ढांचे पर रखकर देखा जाए तो भारत की उपलब्धियां उसकी लोकतांत्रिक साख को सही साबित कर रही हैं।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-increasing-incidents-of-bad-behavior-of-public-representatives-hurt-the-image-of-democratic-institutions-says-om-birla-22022919.html,जनप्रतिनिधियों के बुरे व्यवहार की बढ़ती घटनाएं लोकतांत्रिक संस्थानों की छवि को चोट : ओम बिरला,"संसद और अन्य विधानसभाओं में अनुशासन और मर्यादा बनाए रखने पर जोर देते हुए बिरला ने याद दिलाया कि इस मुद्दे पर 1992 1997 और 2001 में विभिन्न सम्मेलन आयोजित किए गए थे। स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर देश में सांसदों-विधायकों का मेगा सम्मेलन आयोजित हो सकता है। नई दिल्ली, एएनआइ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को कहा कि हाल के वर्षों में जनप्रतिनिधियों के असंसदीय व्यवहार की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे लोकतांत्रिक संस्थानों की छवि खराब हुई है। बिरला ने कहा कि अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। वह संसद भवन एनेक्सी में 81वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर बोलते हुए, बिरला ने कहा कि विधायिकाओं की विश्वसनीयता उनके सदस्यों के आचरण और व्यवहार से जुड़ी होती है और यही कारण है कि सदस्यों से विधायिकाओं के अंदर और बाहर अनुशासन और शिष्टाचार के उच्चतम मानकों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है। बिरला ने कहा कि एक निर्वाचित जन प्रतिनिधि होने के नाते, एक सदस्य के पास कुछ विशेषाधिकार होते हैं और ये विशेषाधिकार, जो जिम्मेदारियों के साथ आते हैं, सांसदों के रूप में अपने कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से और बिना किसी बाधा के निभाने के लिए होते हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के रूप में सदस्यों द्वारा व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से उनके आचरण, अनुशासन और मर्यादा के बारे में आत्मनिरीक्षण करने का आह्वान किया। विधायिकाओं के सुचारू कामकाज से लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद मिलने की बात कहकर लोकसभा अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि विधायिकाओं को नियमों और परंपराओं के अनुसार जनहित में प्रभावी ढंग से कार्य करना चाहिए, ताकि लोगों की आशाएं और आकांक्षाएं पूरी हों और लोकतांत्रिक संस्थानों में उनका विश्वास बढ़े। संसद और अन्य विधानसभाओं में अनुशासन और मर्यादा बनाए रखने पर जोर देते हुए, बिरला ने याद दिलाया कि इस मुद्दे पर 1992, 1997 और 2001 में विभिन्न सम्मेलन आयोजित किए गए थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनहित में उन सम्मेलनों में लिए गए प्रस्तावों और निर्णयों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए पीठासीन अधिकारियों, सभी दलों के नेताओं द्वारा सामूहिक और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। लोकसभा अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि वर्ष 2022 में अगले सम्मेलन का एजेंडा 'लोकतांत्रिक संस्थानों में अनुशासन और मर्यादा और इन संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना' होना चाहिए। बिरला ने आगे सुझाव दिया कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर देश में सांसदों और विधायकों का एक मेगा सम्मेलन आयोजित किया जा सकता है। साथ ही स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर वर्तमान एवं पूर्व सांसदों एवं 75 वर्ष से अधिक आयु के विधायकों के सम्मेलन अपने-अपने राज्यों में आयोजित किए जा सकते हैं। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि लोक लेखा समिति का शताब्दी वर्ष अगले 4-5 दिसंबर को मनाया जाएगा। लोक सभा और राज्य सोभा के वर्तमान और पूर्व पीठासीन अधिकारियों, राज्य विधानमंडलों के अध्यक्षों, संसद की लोक लेखा समितियों के अध्यक्षों और सभी राज्यों के विधान मंडलों के अध्यक्षों, राष्ट्रमंडल देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को विशेष आयोजन के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। बिरला ने सुझाव दिया कि लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने में महिलाओं और युवा सांसदों और विधायकों की भूमिका पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-prime-minister-narendra-modi-to-launch-sansad-tv-22021942.html,"आज संसद टीवी लांच करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देखी जा सकेगी संसद की कार्यवाही","संसद सत्र के दौरान संसद टीवी के दो प्लेटपार्म उपलब्ध रहेंगे जिनमें से एक पर राज्यसभा और दूसरे पर लोकसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होगा। संसद सत्र नहीं चलने की सूरत में संसद टीवी एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा। नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को संसद टीवी लांच करेंगे। इस अवसर पर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी उपस्थित रहेंगे। छह सदस्यी समिति ने राज्यसभा टीवी और लोकसभा टीवी का विलय कर संसद टीवी बनाने की सिफारिश की थी। संसद सत्र के दौरान संसद टीवी के दो प्लेटफार्म उपलब्ध रहेंगे, जिनमें से एक पर राज्यसभा और दूसरे पर लोकसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होगा। संसद सत्र नहीं चलने की सूरत में संसद टीवी एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा। सेवानिवृत्त अधिकारी रवि कपूर संसद टीवी के सीईओ हैं। उनकी नियुक्ति मार्च, 2021 में एक साल के लिए की गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, संसद टीवी के कार्यक्रम प्राथमिक तौर पर चार वर्गों में विभक्त होंगे। इनमें संसद और लोकतांत्रिक संस्थानों की कार्य प्रणाली, शासन व योजनाओं का क्रियान्वयन, भारतीय इतिहास व संस्कृति और समसामयिक प्रकृति के मुद्दे, अभिरुचि व सरोकार शामिल हैं। बता दें कि लोकसभा टीवी व राज्यसभा टीवी के एकीकरण का निर्णय फरवरी में लिया गया था। समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार कांग्रेस के दिग्गज नेता कर्ण सिंह, अर्थशास्त्री विवेक देबरॉय, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और अधिवक्ता हेमंत बत्रा नए चैनल पर अलग-अलग शो की मेजबानी करेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि संसद टीवी को बौद्धिक चैनल के रूप में तैनात किया जा रहा है जो देश के लोकतांत्रिक लोकाचार और संस्थानों से संबंधित विषयों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करेगा। इसके अलावा अलग-अलग शो भी संसद टीवी पर दिखाए जाएंगे। कांग्रेस नेता कर्ण सिंह, अर्थशास्त्री विवेक देबरॉय, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और अधिवक्ता हेमंत बत्रा नए चैनल पर अलग-अलग शो की मेजबानी करेंगे। कर्ण सिंह विभिन्न धर्मों, बिबेक देबरॉय इतिहास और अमिताभ कांत 'भारत के परिवर्तन' पर एक शो की मेजबानी करेंगे। वहीं, सार्क ला के उपाध्यक्ष हेमंत बत्रा द्वारा कानूनी मामलों पर एक शो की मेजबानी की जाएगी। इसके अलावा वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल अर्थव्यवस्था पर एक शो करेंगे, जबकि एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ अंबरीश स्वास्थ्य मुद्दों पर एक शो को मॉडरेट करेंगे।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-cabinet-meeting-in-rashtrapati-bhavan-auditorium-under-the-chairmanship-of-pm-22021029.html,"पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट का 'चिंतन शिविर', सादगी को जीवन मंत्र बनाने की सलाह","सूत्रों के मुताबिक ऐसे चार और सत्र आयोजित किए जाएंगे जहां विभिन्न केंद्रीय मंत्री प्रस्तुतियां देंगे। दोनों मंत्रियों ने समय प्रबंधन दक्षता समस्याओं के मूल कारण विश्लेषण और व्यक्तिगत कर्मचारियों के चयन पर अच्छी प्रथाओं को साझा किया। नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की। राष्ट्रपति भवन सभागार में पांच घंटे चली इस बैठक को चिंतन शिविर कहा गया है। बैठक में सादगी ही जीवन का तरीका है पर जोर दिया गया। बैठक में केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दक्षता और समय प्रबंधन पर प्रेजेंटेशन दिए। उन्होंने कहा कि शासन में और सुधार के लिए ऐसे चार और चिंतन शिविर आयोजित किए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, ऐसे चार और सत्र आयोजित किए जाएंगे जहां विभिन्न केंद्रीय मंत्री प्रस्तुतियां देंगे। दोनों मंत्रियों ने समय प्रबंधन, दक्षता, समस्याओं के मूल कारण विश्लेषण और व्यक्तिगत कर्मचारियों के चयन पर अच्छी प्रथाओं को साझा किया। कुछ बुनियादी मुद्दे जैसे लोगों के साथ व्यवहार करना, पत्रों का तुरंत जवाब देना भी उनकी प्रस्तुतियों में शामिल रहे। बैठक में मोदी ने मंत्रियों से अपने सहयोगियों की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने को कहा। दिवंगत केंद्रीय मंत्री मनोहर पर्रिकर को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सादगी, जीवन का एक तरीका है। पीएम मोदी ने अपने गुजरात के दिनों में टिफिन मीटिंग्स के बारे में बात की यह कहते हुए कि साझा करना देखभाल कर रहा है, मोदी ने अपने गुजरात के दिनों में टिफिन मीटिंग्स के बारे में बात की, जहां हर कोई बैठकों में अपने-अपने टिफिन लाता था और भोजन के साथ-साथ विचारों को भी साझा करता था। सूत्रों ने कहा कि बैठक को चिंतन शिवर कहा गया, जो दक्षता और शासन में समग्र सुधार के लिए एक चिंतन सत्र था। प्रधान मंत्री मंत्रिपरिषद की नियमित बैठकें करते हैं जहां विभिन्न मंत्रालय महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रेजेंटेशन देते हैं। बैठकें मंत्रियों को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से खुद को अपडेट रखने में भी मदद करती हैं।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-home-minister-amit-shah-said-children-who-do-not-speak-in-their-mother-tongue-are-cut-off-from-their-roots-22020528.html,"गृह मंत्री अमित शाह बोले, आत्मनिर्भर भारत के लिए भाषाओं की आत्मनिर्भरता भी जरूरी","केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी भारतीय भाषाओं के प्रचार और प्रोत्साहन की वकालत की और कहा कि हिंदी क्षेत्रीय भाषाओं की सखी है। शाह ने अभिभावकों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों के साथ मातृभाषा में घर पर संवाद करें। नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए भाषाओं की आत्मनिर्भरता को जरूरी बताया है। हिंदी दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी का किसी स्थानीय भाषा से कोई मतभेद नहीं है। हिंदी भारत की सभी भाषाओं की सखी है और यह सहअस्तित्व से ही आगे बढ़ सकती है।उनके अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर इस साल राजभाषा को बढ़ावा देने, संरक्षित, संवर्धित और प्रचार-प्रसार के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। भारतीय भाषाओं को आगे बढ़ाने और नई शिक्षा नीति में उसकी अहमियत स्थापित करने की मोदी सरकार की कोशिशों की सराहना करते हुए कहा कि भाषाओं के मामले में आत्मनिर्भर बने बिना आत्मनिर्भर भारत का कोई मायने नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि एक समय देश में भाषा की लड़ाई की आशंका गहरा गई थी। लेकिन अब साबित हो गया है कि हम ये लड़ाई कभी नहीं हारेंगे। युगों-युगों तक अपनी भाषाओं को संभालकर, संजोकर रखेंगे और साथ ही उन्हें लचीला व लोकोपयोगी भी बनाएंगे। पीएम मोदी ने हमेशा हिंदी में बात की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब भी राष्ट्र को संबोधित किया, उन्होंने हमेशा हिंदी में बात की। इसके चलते उनका संदेश जमीनी स्तर तक पहुंचा। यही वजह है कि कोरोना जैसी विपत्ति से हम लोग सामूहिक प्रयासों से बखूबी निपट पाए। 'हिंदी दिवस समारोह-२०२१’ के अवसर पर मेरा संबोधन। https://t.co/v9arN9CosW गृहमंत्री ने कहा, हिंदी स्थानीय भाषाओं की सखी है, विरोधी नहीं अमित शाह ने कहा कि एक समय था जब हिंदी बोलने वाले को अंग्रेजी बोलने वालों की तुलना में कमतर आंका जाता था। लेकिन अब वह जमाना चला गया है। अब आपका मूल्यांकन काम और क्षमताओं के आधार पर होता है, भाषा के आधार पर नहीं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश-विदेश में हिंदी में भाषण देने का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके बाद किसी को भी हिंदी बोलने में हिचकने या खुद कमतर आंकने की जरूरत नहीं है। अपनी जड़ों से कट जाते हैं मातृभाषा के ज्ञान से वंचित बच्चे उन्होंने अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से भी घर और परिवार में हिंदी में बात करने की जरूरत बताते हुए कहा कि जब बच्चा अपनी मातृभाषा के ज्ञान से वंचित हो जाएगा तो वह अपनी जड़ों से कट जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग अपनी जड़ों से कट जाते हैं वो लोग कभी ऊपर नहीं जाते। ऊपर तो वही जाता है जिस वृक्ष की जड़ें गहरी, मजबूत और फैली हों। उन्होंने कहा कि कोई बाहर की भाषा हमें इस देश के गौरवपूर्ण इतिहास से परिचित नहीं करा सकती।अमित शाह के अनुसार आजादी के 75वें साल में राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। इस दौरान जितने भी कार्यक्रम होंगे, उनमें आजादी के आंदोलन में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के योगदान की थीम पर कार्यक्रम किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी नई पीढ़ी के लिए यह जानना जरूरी है कि आजादी की लड़ाई में अन्य चीजों के साथ-साथ स्थानीय भाषा और हिंदी का अहम योगदान था। उनके अनुसार 1857 से 1947 तक आजादी लड़ाई में भारतीय भाषाओं और हिंदी में हुई पत्रकारिता का बहुत बड़ा योगदान है। सरकार उन्हें सामने लाने के लिए उनका संकलन करने करने जा रही है। इसके तहत स्थानीय भाषाओं में लिखित भारत के आजादी के आंदोलन के इतिहास का अनुवाद भी कराया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के दौरान राजभाषा हिंदी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मंत्रालयों, विभागों उपक्रमों को राजभाषा कीर्ति और राजभाषा गौरव पुरस्कार से सम्मानित भी किया।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-assembly-elections-2022-top-bjp-leaders-to-meet-morcha-chiefs-ahead-of-assembly-polls-in-5-states-22019380.html,Assembly Elections 2022: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले मोर्चा प्रमुखों से मिलेंगे भाजपा के बड़े नेता,"Assembly Elections 2022 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले 26 सितंबर को संगठन के सभी मोर्चा के अध्यक्षों से मुलाकात करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे मुलाकात। कई बड़े नेता भी मिलेंगे। नई दिल्ली, एएनआइ। Assembly Elections 2022, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के महासचिव बीएल संतोष और पार्टी के अन्य प्रमुख पदाधिकारी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर 26 सितंबर को संगठन के सभी मोर्चा के अध्यक्षों से मुलाकात करेंगे। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है। चुनाव वाले राज्यों के चुनाव प्रभारी नियुक्त करने के बाद पार्टी अब अपने विभिन्न मोर्चा प्रमुखों से मिलने और आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए उन्हें जानकारी देने का लक्ष्य लेकर चल रही है। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान संगठन के विस्तार को लेकर भी चर्चा हो सकती है। इस बैठक के दौरान मोर्चों को पूर्व में सौंपे गए दायित्वों और कार्यों की भी समीक्षा की जाएगी। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने उत्तर प्रदेश चुनाव की जिम्मेदारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को दी है। पंजाब में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चुनाव प्रभारी बनाया है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मणिपुर का प्रभारी बनाया गया है। जबकि उत्तराखंड में पार्टी ने केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी को चुनाव प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी दी है, जिन्होंने केरल में चुनावों का भी निरीक्षण किया। गोवा में भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को चुनाव प्रभारी बनाने का फैसला किया है। यूपी का खास मोर्चा तैयार 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव का जिम्मा केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान को सौंपा गया है। धर्मेंद्र प्रधान के साथ केंद्रीय मंत्रियों अनुराग सिंह ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल, शोभा करंदलाजे, अन्नपूर्णा देवी के अलावा पार्टी महासचिव सरोज पांडे, हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर को सह प्रभारी बनाया गया है। इन पांच राज्यों में से 4 में भाजपा की सरकार 2022 में जिन पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, उसमें चार जगहों पर भाजपा की ही सरकार है। उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में भाजपा शासित सरकार है तो वहीं पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में भाजपा ने अभी से ही कमर कसनी शुरू कर दी है।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-ncr-aap-got-information-about-getting-funds-from-america-from-the-diary-of-sukhpal-khaira-22017511.html,आम आदमी पार्टी को प्रवर्तन निदेशालय से मिले नोटिस के बारे में ये है नया अपडेट,"Aam Aadmi Party News पंजाब के पिछले विधानसभा चुनाव से पहले 2016 में अमेरिका से धन जुटाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पंजाब के पिछले विधानसभा चुनाव से पहले 2016 में अमेरिका से धन जुटाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। ईडी के अनुसार आप के विधायक रहे सुखपाल सिंह खैरा के यहां छापे में मिली डायरी के सिलसिले में उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है। आप के विधायक रहे खैरा के ठिकानों पर छापे में ईडी को मिली थी यह डायरी खैरा की डायरी में आप को अमेरिका से लाखों डालर धन मिलने का जिक्र है, लेकिन पूछताछ में खैरा ने साफ कर दिया कि इस बारे में उन्हें बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। यह पार्टी से जुड़ा मसला है और पंजाब चुनाव के पहले जो पैसा इकट्ठा किया गया था वह पार्टी का है, लिहाजा इस मामले में वह बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पंकज गुप्ता को आरोपित या चश्मदीद गवाह के तौर पर नहीं बुलाया गया है, बल्कि उन्हें सिर्फ स्पष्टीकरण देने के लिए समन भेजा गया है। आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता को ईडी ने पूछताछ के लिए भेजा समन ईडी यह जानना चाहती है कि खैरा की डायरी में अमेरिका से पार्टी फंड में आए जिस धन का जिक्र किया गया है, उसके बारे में आप ने आयकर और अन्य संबंधित विभागों को जानकारी दी थी या नहीं। साथ ही अमेरिका से आए धन को किस तरह से जुटाया गया था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एजेंसी उसके ठीक पहले अमेरिका का दौरा करने वाले आप नेताओं की विस्तृत जानकारी भी जुटा रही है। खैरा के खिलाफ कई मामलों की जांच कर रही है ईडी जाहिर है कि बाद में उनसे धन जुटाने और उन्हें भारत भेजने के बारे में पूछताछ की जाएगी। ईडी ने साफ कर दिया है कि अभी इस मामले में आप के खिलाफ अलग से मनी लांड्रिंग का कोई केस दर्ज नहीं किया गया है, बल्कि खैरा के खिलाफ दर्ज केस के सिलसिले में भी सिर्फ पूछताछ के लिए बुलाया गया है। दरअसल, ईडी खैरा के खिलाफ कई मामलों की जांच कर रही है, जिनमें ड्रग तस्करी से अवैध संपत्ति बनाने और फर्जी दस्तावेजों के सहारे लोगों का पासपोर्ट बनाने का मामला शामिल है।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-us-special-envoy-for-climate-john-kerry-meets-union-power-minister-in-delhi-as-part-of-his-india-trip-22016413.html,दिल्ली में बोले राष्ट्रपति बाइडन के विशेष दूत जान केरी- भारत ने दिखाया आर्थिक विकास और स्वच्छ ऊर्जा साथ-साथ चल सकते हैं,"जलवायु संकट से निपटने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के विशेष दूत जान केरी भारतीय समकक्षों से बातचीत के लिए 12 से 14 सितंबर तक भारत के दौरे पर हैं। उन्होंने आज केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से मुलाकात की। नई दिल्ली, एएनआइ। जलवायु संकट से निपटने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन(Joe Biden) के विशेष दूत जान केरी(John Kerry) भारतीय समकक्षों से बातचीत के लिए 12 से 14 सितंबर तक भारत दौरे पर हैं। जलवायु संकट से निपटने के लिए अपनी भारत यात्रा के हिस्से के रूप में अमेरिका के विशेष दूत जान केरी ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की। इसके बाद जलवायु के लिए विशेष अमेरिकी राष्ट्रपति के दूत जान केरी ने कहा कि भारत यह प्रदर्शित करने में विश्व में अग्रणी है कि आर्थिक विकास और स्वच्छ ऊर्जा साथ-साथ चल सकती है। हमें पूरा विश्वास है कि लक्ष्य के रूप में 450 गीगावाट तक पहुंचा जा सकता है और हम भारत के साथ साझेदारी करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में बहुत महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं। 2-30 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य दुनिया के सबसे शक्तिशाली लक्ष्यों में से एक है। आप पहले ही लगभग 100 GW तक पहुँच चुके हैं। मैं उल्लेखनीय मील के पत्थर के लिए भारत को बधाई देता हूं। उन्होंने आगे कहा कि इसे प्राप्त करने के लिए, आज हम जिस क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग की घोषणा कर रहे हैं, वह यूएस-इंडिया सहयोग के लिए एक शक्तिशाली अवसर के रूप में काम करेगा। भारत आर्थिक विकास का प्रदर्शन करने में एक विश्व नेता है और स्वच्छ ऊर्जा कोई विकल्प नहीं है, आप उन दोनों को एक ही समय में कर सकते हैं। मैं इस महत्वाकांक्षा को देखने के लिए उत्सुक हूं, उम्मीद है कि ग्लासगो में सीओपी में इसका उचित श्रेय दिया जाएगा। विशेष दूत की यात्रा संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) में पार्टियों के 26वें सम्मेलन (सीओपी26) से पहले अमेरिका के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय जलवायु प्रयासों को बढ़ावा देगी जो 31 अक्टूबर से 12 नवंबर 2021 तक आयोजित किया जाएगा।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-student-suicide-over-neet-echoes-in-assembly-cm-introduces-bill-to-exempt-tn-from-test-22016391.html,"तमिलनाडु में NEET परीक्षा से पहले एक छात्र ने किया सुसाइड, CM ने पेश किया विधेयक","तमिलनाडु में विधानसभा में मेडिकल एंट्रेस के लिए NEET (राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा) के विरोध में विधेयक पेश किया गया है। इसके माध्यम से प्रदेश सरकार नीट परीक्षा से स्थायी तौर पर छूट देने की मांग होगी। परीक्षा देने से पहले एक छात्र ने रविवार को सुसाइड किया। चेन्नई, पीटीआइ। तमिलनाडु में विधानसभा में मेडिकल एंट्रेस के लिए NEET (राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा) के विरोध में विधेयक पेश किया गया है। इसके माध्यम से प्रदेश सरकार नीट परीक्षा से स्थायी तौर पर छूट देने की मांग होगी। परीक्षा देने से पहले एक छात्र ने रविवार को सुसाइड कर लिया था। 19 वर्षीय छात्र घर में मृत पाया गया था। अधिकारियों ने कहा कि परीक्षा में असफल होने के डर से कथित तौर पर आत्महत्या से छात्र की मौत होने का संदेह है क्योंकि यह उसका तीसरा प्रयास था। इस घटना को लेकर प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों के बीच घमासान शुरू हो गया, जिसकी गूंज आज विधानसभा में भी सुनाई दी। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री पर साधा निशाना बता दें कि एक दिन पहले ही 19 साल के लड़के ने परीक्षा देने से पहले आत्महत्या कर लेने के बाद से इस मामले ने तूल पकड़ लिया है, जिसकी गूंज आज विधानसभा तक सुनने को मिली। सोमवार को तमिलनाडु विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने सरकार पर निशाना साधा। वहीं इसके जवाब में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए नीट को समाप्त करने और बारहवीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रदान करने के लिए एक विधेयक पेश किया। विपक्ष ने धनुष के परिवार के एक व्यक्ति के लिए सरकारी नौकरी की मांग की आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता के. पलानीस्वामी ने रविवार को अपने पैतृक सलेम जिले में 19 वर्षीय धनुष की आत्महत्या से हुई मौत का जिक्र किया और मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हालांकि द्रमुक ने नीट रद्द करने का वादा किया था, लेकिन वह अपना वादा पूरा नहीं कर पाए, जिसके चलते कई छात्रों ने अच्छे से तैयारी नहीं की थी। इसके साथ ही उन्होंने धनुष के परिवार के एक व्यक्ति के लिए नौकरी की मांग की है।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-inderjeet-singh-grandson-of-former-president-giani-zail-singh-joins-bjp-today-22016417.html,"पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह ने थामा भाजपा का दामन, हरदीप सिंह पुरी ने दिलाई सदस्यता","पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह आज भाजपा में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा का दामन थामा है। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पुरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह आज भाजपा में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा का दामन थामा। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पुरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। पांच राज्यों में होने वाले हैं विधानसभा चुनाव बता दें कि इस साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां अपने आप को मजबूत करने की पूरी कोशिश में लगी हुई हैं। ऐसे में दूसरी पार्टी के बड़े चेहरों, जानी-पहचानी हस्तियों को अपनी तरफ मिलाने की खबरें भी लगातार आ रही है। भाजपा में शामिल होते ही कांग्रेस पर जमकर बरसे इंद्रजीत सिंह कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा में शामिल होते ही इंद्रजीत सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इतने सालों तक कांग्रेस के लिए कार्य करने के बाद भी उनके दादा ज्ञानी जैल सिंह को वह सम्मान नहीं मिला, जिसे वह हकदार थे। भाजपा ने पहले ही दिए थे संकेत बता दें कि भाजपा के तरफ से बताया गया था कि आज कोई प्रख्यात शख्सियत उनकी पार्टी का दामन थामने वाला है। बता दें कि अगले साल पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होंगे। ये राज्य -उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर है। उत्तराखंड विधायक राजकुमार भी भाजपा में हुए थे शामिल, कांग्रेस को मिला था झटका इससे पहले उत्तराखंड में पुरोला से विधायक राजकुमार भाजपा में शामिल हुए थे। इनसे पहले उक्रांद नेता व धनौल्टी विधायक प्रीतम पंवार भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। राजकुमार 2007 में सहसपुर सीट से भाजपा के ही टिकट पर विधायक बने थे। इसके बाद साल 2012 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में राजकुमार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। अब वह कांग्रेस का दामन छोड़ कर भाजपा में फिर से शामिल हुए हैं।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-sonia-gandhi-constitutes-political-affairs-committee-in-telangana-22015833.html,"सोनिया गांधी ने तेलंगाना कांग्रेस के लिए बनाई राजनीतिक मामलों की समिति, मनिकम टैगोर होंगे समिति के अध्यक्ष","बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने रविवार को तेलंगाना में राजनीतिक मामलों की समिति का गठन किया। समिति में राज्य के सभी प्रमुख नेताओं को जगह दी गई है। राज्यके प्रभारी मनिकम टैगोर को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की तेलंगाना इकाई के लिए राजनीतिक मामलों की समिति का गठन किया है। समिति का अध्यक्ष मनिकम टैगोर को नियुक्त किया गया है। वह राज्य कांग्रेस के प्रभारी भी हैं, जबकि मुहम्मद शब्बीर अली समिति के संयोजक होंगे। अन्य सदस्यों में तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी, वरिष्ठ नेता मल्लू बी. विक्रमार्क, वी. हनुमंत राव, पी. लक्ष्मैया, के. जना रेड्डी व एन. उत्तम कुमार रेड्डी शामिल हैं। टी. जीवन रेड्डी, रेणुका चौधरी, पी. बलराम नाइक, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, डी. श्रीधर बाबू, पोड्डेम वीरैया, अनसूया (सीथक्का) और कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी भी समिति के सदस्य होंगे। इनके अलावा सभी राज्य इकाइयों के अध्यक्षों, कार्यकारी अध्यक्षों, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा अनुमोदित समितियों के सभी अध्यक्षों, तेलंगाना के सभी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) सचिवों और सभी एआइसीसी प्रभारी सचिवों को भी राजनीतिक मामलों की समिति में बतौर सदस्य शामिल किया गया है। कांग्रेस ने हाल ही में रेवंत रेड्डी को तेलंगाना में नया कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया था, लेकिन इससे पार्टी में उथल-पुथल मच गई। वरिष्ठ नेता और भोंगिर के सांसद कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने पार्टी मुख्यालय गांधी भवन में प्रवेश नहीं करने की कसम खाई थी, जबकि कुछ अन्य नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। पद के लिए प्रबल दावेदार वेंकट रेड्डी ने आरोप लगाया कि नियुक्ति 'नोट फोर वाट' की तर्ज पर हुई है। 2015 में रेवंत रेड्डी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) में थे। उस समय उनको भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एक मनोनीत विधायक के लिए 50 लाख रुपये नकद लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था, ताकि उन्हें विधान परिषद चुनाव में टीडीपी उम्मीदवार के लिए वोट दिया जा सके। वेंकट रेड्डी ने यह भी आरोप लगाया था कि कांग्रेस तेलंगाना प्रभारी मनिकम टैगोर ने मौद्रिक लाभ के लिए रेवंत रेड्डी का पक्ष लिया था।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-who-will-be-the-next-cm-of-gujarat-after-vijay-rupani-22013014.html,"Gujarat Updates: राज्यपाल से मिले भूपेंद्र पटेल, कल होगा मुख्यमंत्री पद का शपथ समारोह","गुजरात के मुख्यमंत्री रूपाणी ने शनिवार को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। उन्होंने इस्तीफा दिसंबर 2022 में होने वाली 182 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव से 15 महीने पहले दिया है। आज विधायक दल की बैठक में भूपेंद्र पटेल का नाम मुख्यमंत्री के लिए चुना गया है। नई दिल्ली, एजेंसी। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य में सीएम के नए चेहरे की तलाश पूरी हो गई है। गांधीनगर में पार्टी के मुख्यालय में विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री पद के लिए भूपेंद्र पटेल का नाम सामने आया है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भूपेंद्र पटेल के नाम का एलान किया है। इसके पहले विधायक दल की बैठक में पूर्व सीएम विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री पद के लिए भूपेंद्र पटेल के नाम का प्रस्ताव रखा था। वहीं, अब भूपेंद्र पटेल राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलने उनके आवास पहुंचे। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार भूपेंद्र पटेल सोमवार को दोपहर दो बजे सीएम पद की शपथ लेेंगे। Convoy of Gujarat-elect CM Bhupendra Patel reaches Governor's house in Gandhinagar. pic.twitter.com/BirlzDIo5x बता दें कि भूपेंद्र पटेल पाटीदार सामाज के नेता हैं। पटेल गुजरात के घाठलोडिया सीट से मौजूदा विधायक हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में पटेल ने रिकार्ड वोटों से जीत दर्ज की थी। इससे पहले भूपेंद्र पटेल अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (AUDA) चेयरमैन भी रहे हैं। पटेल ने अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (AMC) की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भी रह चुके हैं। मालूम हो कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और नरेंद्र सिंह तोमर को केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया है। राज्य में विधानसभा चुनाव से लगभग सवा साल पहले मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपना इस्तीफा राज्यपाल आचार्य देवव्रत को सौंपा था। गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिये चुनाव दिसंबर 2022 में होने हैं। विधायक दल की बैठक में नए नाम की घोषणा कोरोना वायरस महामारी के दौरान भाजपा शासित राज्यों में पद छोड़ने वाले चौथे मुख्यमंत्री रूपाणी (65) ने दिसंबर 2017 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। रूपाणी के इस्तीफे की घोषणा के तुरंत बाद भाजपा के महासचिव (संगठन) बी एल संतोष और गुजरात राज्य इकाई के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि रविवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में रूपाणी के उत्तराधिकारी के मुद्दे पर चर्चा की गई है। रूपाणी के बाद इन नामों पर थी चर्चा विजय रूपानी के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के नाम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थी। राज्य के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे माने जा रहे थे। इसके अलवा केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और पूर्व गृह राज्यमंत्री प्रफुल्ल पटेल को भी मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में देखा जा रहा था। तीन महीने में बदले तीन राज्यों के मुख्यमंत्री भाजपा ने तीन महीनों के भीतर तीन राज्यों के मुख्यमंत्री बदल चुकी है। कर्नाटक में भाजपा बीएस येदियुरप्पा की जगह पर बासवराज बोम्मई को लेकर आई। वहीं, उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाया गया और फिर पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। तीरथ सिंह रावत ने दो जुलाई, जबकि येदियुरप्पा ने 26 जुलाई को अपना इस्तीफा दिया था।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-mp-government-wants-to-name-school-buildings-after-freddom-fighters-says-state-minister-usha-thakur-22013378.html,"एमपी की मंत्री ने कहा, स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर स्कूल भवनों का नाम रखना चाहती है राज्य सरकार","ठाकुर ने कहा हम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर स्कूल भवनों का नाम रखना चाहते हैं और हमने इस मामले पर संबंधित विभागों के साथ चर्चा की है। इन क्रांतिकारियों के जीवन मूल्यों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाली तस्वीर भी स्कूलों के बाहर लगाई जाएगी। भोपाल, एएनआइ। मध्य प्रदेश की संस्कृति और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार स्कूल भवनों का नाम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखना चाहती है। इस संबंध में उन्होंने संबंधित विभागों और अधिकारियों से चर्चा की है। शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए, ठाकुर ने कहा, 'हम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर स्कूल भवनों का नाम रखना चाहते हैं और हमने इस मामले पर संबंधित विभागों के साथ चर्चा की है। इन क्रांतिकारियों के जीवन मूल्यों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाली तस्वीर भी स्कूलों के बाहर लगाई जाएगी।' कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए मंत्री ने कहा, 'कांग्रेस के शासन के दौरान, इस तरह की पहल को बढ़ावा नहीं दिया गया था। हमारा लक्ष्य अपने समय में इस तरह की पहल को बढ़ावा देना है।' संघ की तुलना तालिबान से करने वालों को अफगानिस्तान भेजने की बात कहने वाले महामंडलेश्वर को जान से मारने की धमकी पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना तालिबान से करने वालों को अफगानिस्तान भेजने संबंधी बयान देने वाले मप्र के इंदौर निवासी महामंडलेश्वर राधेराधे बाबा को फोन पर धमकी मिली है। इंदौर के छत्रीपुरा थाना पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर प्रकरण दर्ज कर लिया है। मोबाइल नेपाल का होना पाया है। आरोपित ने फोन पर जान से मारने व लाशों का ढेर लगाने जैसी बातें कही हैं। छत्रीपुरा थाना टीआइ पवन सिंघल के मुताबिक महंत मनमोहनदास उर्फ राधेराधे बाबा ने बताया कि वे शनिवार रात करीब आठ बजे अस्पताल की तरफ से आश्रम आ रहे थे, तभी मोबाइन नंबर 9779...900 से आए फोन पर आरोपित ने कहा कि 'तुम्हारे घर के सामने तुम्हारे इतने चीथड़े उड़ेंगे कि बोटियां गिन नहीं पाओगे। घर के सामने लाशों का ढेर लगा देंगे। एक महीने के अंदर परिणाम देख लेना'। टीआइ के मुताबिक बाबा ने धमकी की रिकार्डिंग पुलिस को सौंपी है। बाबा ने मीडिया को बताया कि उन्होंने पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना तालिबान से करने वाले लोगों के खिलाफ आवाज उठाई थी। शायर जावेद अख्तर की टिप्पणी से नाराज बाबा ने उन्हें भी अफगानिस्तान भेजने की मांग की थी। घटना के बाद एएसपी व टीआइ बाबा से मिलने पहुंचे और सुरक्षा लगा दी।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-rahul-gandhi-alleges-china-encroached-on-landmass-as-big-as-delhi-in-ladakh-22013223.html,"राहुल गांधी ने लगाए गंभीर आरोप, बोले- चीन ने लद्दाख में दिल्ली के बराबर भूखंड का किया अतिक्रमण","कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआइ के सदस्यों से मुलाकात के दौरान आरोप लगाया कि चीन ने लद्दाख में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जितने बड़े भूखंड का अतिक्रमण किया है। राहुल ने आरोप लगाया कि मीडिया भाजपानीत सरकार की कार्रवाई पर चुप्पी साधे हुए है। नई दिल्ली, एएनआइ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआइ (National Students' Union of India) के सदस्यों से मुलाकात के दौरान आरोप लगाया कि चीन ने लद्दाख में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जितने बड़े भूखंड का अतिक्रमण किया है। सूत्रों ने बताया कि बैठक को संबोधित कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि मीडिया भाजपानीत सरकार की कार्रवाई पर चुप्पी साधे हुए है, जबकि कांग्रेस की नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की आलोचना करती रहती थी। सूत्रों ने कहा, 'राहुल गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआइ) के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चीन ने लद्दाख में भारत की दिल्ली जितने बड़े भूखंड का अतिक्रमण कर लिया है। अगर संप्रग सरकार के दौरान ऐसा होता तो मीडिया इसका चौबीसों घंटे आलोचना करती रहती। मीडिया ने कहा था कि संप्रग सरकार ने देश को बर्बाद कर दिया, लेकिन आज वही चुप है।' सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2008 के मुंबई हमले को याद करते हुए राहुल गांधी ने कहा, '26 सितंबर को हुए हमले के बाद मीडिया ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बेकार करार दे दिया था, लेकिन पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निर्भीक बताया गया। मीडिया उस दिन बेकार हो जाएगा, जब हम सीधे लोगों तक पहुंचना शुरू कर देंगे।' सूत्रों ने बताया कि राहुल इतने पर ही नहीं रुके, बल्कि मीडिया पर हमला करते हुए कहा, 'आजादी से पहले स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान समाचार पत्र ब्रिटिश सरकार का समर्थन करते थे, जैसा कि आज की सरकार का कर रहे हैं। मीडिया का एक वर्ग उस समय महात्मा गांधी की लगातार आलोचना करता रहता था।'",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-vijay-rupani-is-the-fourth-bjp-leader-to-resign-as-chief-minister-in-the-last-six-months-22011936.html,पिछले छह महीने में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले चौथे भाजपा नेता हैं विजय रूपाणी,"विजय रूपाणी ने शनिवार को गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वह पिछले छह महीने में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले चौथे भाजपा नेता हैं। जुलाई में कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दिया था। नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। विजय रूपाणी ने शनिवार को गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वह पिछले छह महीने में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले चौथे भाजपा नेता हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में चुनाव से एक साल पहले यह पद छोड़ा है। गुजरात विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए काफी अहम होगा। पार्टी की नजर लगातार तीसरी बार सत्ता में आने पर होगी। विजय रूपाणी से पहले जुलाई में कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दिया था। उनके इस्तीफे की चर्चा काफी समय से चल रही थी। उन्होंने कई बार इन कयासों का खंडन किया था। उनके इस्तीफे के बाद बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया गया वहीं उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत ने त्रिवेंद्र रावत की जगह लेने के लगभग चार महीने बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। पुष्कर सिंह धामी को यहां का मुख्यमंत्री बनाया गया। गुजरात और उत्तराखंड दोनों राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। बता दें कि तीरथ रावत का छोटा सा कार्यकाल विवादों से भरा रहा। उत्तराखंड के भाजपा नेताओं ने आलाकमान से उनके कुछ बयानों को लेकर जनता के गुस्से की शिकायत की थी। इसमें अमेरिका के बारे में चौंकाने वाली टिप्पणी शामिल थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने भारत पर 200 साल शासन किया था। रूपाणी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि उन्होंने नई ऊर्जा और शक्ति के साथ राज्य को और विकसित करने के लिए इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने अपने मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को भी धन्यवाद दिया। सूत्रों ने कहा कि मनसुख मंडाविया, जिन्होंने जुलाई में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में शपथ ली थी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल संभावित उनकी जगह ले सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि दादरा और नगर हवेली और लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल भी सीएम बन सकते हैं।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-parl-panel-to-govt-sign-ftas-with-us-and-eu-for-helping-domestic-exporters-22011651.html,"अमेरिका और यूरोप के साथ जल्द मुक्त व्यापार समझौता करे सरकार, संसदीय समिति ने सिफारिश की","केंद्र सरकार सक्रिय प्रयासों से उन अड़चनों को खत्म करे जो अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के मार्ग में बाधा बन रही हैं। यह बात संसद की वाणिज्य मामलों की स्थायी समिति ने कही है। नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार सक्रिय प्रयासों से उन अड़चनों को खत्म करे जो अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के मार्ग में बाधा बन रही हैं। यह समझौता न होने से घरेलू निर्यात को नुकसान हो रहा है। यह बात संसद की वाणिज्य मामलों की स्थायी समिति ने कही है। उसने शनिवार को अपनी रिपोर्ट दी है। वाइएसआर कांग्रेस के सांसद विजयसाईं रेड्डी की अध्यक्षता वाली इस समिति ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को यह रिपोर्ट सौंपी है। इसमें 2019-20 में देश के निर्यात को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। 2020 में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देश का निर्यात - 15.73 प्रतिशत (ऋणात्मक) रहा था। समिति ने कहा है कि किसी भी देश के आर्थिक विकास में उसके निर्यात का बड़ा योगदान होता है। इसलिए निर्यात का ऋणात्मक आंकड़ा गंभीर चिंता का विषय है। इसलिए निर्यात को बढ़ावा देने वाले बड़े प्रयासों की जरूरत है। हर संभव प्रयास कर वैश्विक निर्यात बढ़ाया जाए। संसदीय समिति ने कहा, अमेरिका और यूरोपीय देशों के बाजार में भारतीय निर्यातक मुक्त व्यापार जैसा कोई समझौता न होने से पिछड़ जाते हैं। इसलिए सरकार अविलंब मुक्त व्यापार समझौते के लिए स्थितियां तैयार करे और उन पर दस्तखत करे। समिति ने कहा, बड़े व्यापार सहयोगी देशों के साथ यह समझौता जरूरी है। इस तरह के समझौतों से बाजार और निर्यातकों के बीच संतुलन बना रहता है। समिति ने देश में रेल और सड़क के जरिये माल ढुलाई की मात्रा में भारी अंतर पर भी चिंता जताई। देश में होने वाली माल ढुलाई में रेलवे का प्रतिशत महज 35 प्रतिशत का है। जबकि सभी विकसित देशों में स्थिति ठीक उलट है। समिति ने रेल मंत्रालय से कम ढुलाई के प्रतिशत का कारण तलाशने के लिए कहा है। समिति ने कहा है कि मंत्रालय रेलवे से माल ढुलाई बढ़ाने के प्रयासों पर जोर दे। समिति ने भारत में माल निर्यात में ज्यादा भाड़ा लगने पर भी चिंता जताई है। कहा है कि इससे माल की लागत बढ़ जाती है और विदेश पहुंचकर भारतीय माल की कीमत बढ़ जाती है। इससे भी भारतीय माल की मांग कमजोर पड़ जाती है। समिति ने निर्यात से जुड़े वर्गो के साथ सात बैठकें करके ये सिफारिशें की हैं।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-kerala-governor-arif-mohammad-khan-said-that-students-should-get-opportunity-to-study-different-ideologies-22011514.html,छात्रों को विभिन्न विचारधाराओं का अध्ययन करने का अवसर मिलना चाहिए : आरिफ मोहम्मद खान,"केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा विश्वविद्यालय और कक्षाएं ऐसी जगह हैं जहां छात्रों को कई तरह के विचारों से अवगत कराया जाता है। किसी चीज का आंख मूंदकर विरोध करने के अलावा लोगों को तथ्यों का अध्ययन करना चाहिए। तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। कन्नूर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में एमएस गोलवलकर, वीर सावरकर और दीनदयाल उपाध्याय की पुस्तकों को शामिल करने की आलोचना पर केरल के राज्यपाल व विश्वविद्यालयों के चांसलर आरिफ मोहम्मद खान ने प्रतिक्रिया दी है। शनिवार को उन्होंने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि छात्रों को विभिन्न विचारधाराओं का अध्ययन करने का अवसर मिलना चाहिए। कन्नूर विश्वविद्यालय के विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खान ने कहा कि मैं कन्नूर विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम मामले से पूरी तरह अवगत नहीं हूं। लेकिन मुझे लगता है कि विश्वविद्यालय और कक्षाएं ऐसी जगह हैं जहां छात्रों को कई तरह के विचारों से अवगत कराया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि अधिक रचनात्मक विचारों को विकसित करने के लिए हर विचारधारा का अध्ययन किया जाना चाहिए। किसी चीज का आंख मूंदकर विरोध करने के अलावा, लोगों को तथ्यों का अध्ययन करना चाहिए। शुक्रवार को विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर गोपीनाथ रवींद्रन ने कहा था कि पाठ को खारिज या प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है। पहले उन्हें पढ़ा जाना चाहिए और फिर या तो स्वीकार या अस्वीकार कर दिया जाना चाहिए। कन्नूर विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम का भगवाकरण करने के आरोप गलत हैं। सावरकर और गोलवलकर के पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर भगवाकरण को नहीं देखा जाना चाहिए। केरल के उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने इसके लिए रवींद्रन से स्पष्टीकरण मांगा था। बता दें कि केरल छात्र संघ (केएसयू), कांग्रेस की छात्र शाखा ने कन्नूर विश्वविद्यालय में एमएस गोलवलकर, वीर सावरकर और दीनदयाल उपाध्याय की पुस्तकों को पढ़ाई में शामिल करने के लिए एक मार्च निकाला था। केएसयू कार्यकर्ताओं ने स्नातकोत्तर लोक प्रशासन पाठ्यक्रम के तीसरे सेमेस्टर के लिए पुस्तकों को शामिल करने के लिए वाइस चांसलर गोपीनाथ रवींद्रन को रोका। इससे पहले इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की छात्र इकाई मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) ने भी अलग मार्च निकाला।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-covid-third-wave-we-ready-to-fight-train-4-lakh-volunteers-in-2-lakh-villages-said-jp-nadda-22007719.html,"कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए देश तैयार, वालिंटियर्स को दी जा रही ट्रेनिंग- जेपी नड्डा","अगर तीसरी लहर देश में दस्तक दे भी देती है तो उसके लिए हमने 2 लाख गावों में 4 लाख वालिंटियर्स को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का समर्थन करने के लिए प्रशिक्षित किया है। साथ ही मंत्री ने बताया कि 43 दिनों में हमने 6.88 लाख वालिंटियर्स को प्रशिक्षित किया है। नई दिल्ली, एएनआइ। देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका की बीच जेपी नड्डा का बयान आया है। भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने कहा कि हम कोरोना की संभावित तीसरी लहर से जंग लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। क्योंकि अगर तीसरी लहर देश में दस्तक दे भी देती है तो उसके लिए हमने जुलाई में 2 लाख गावों में 4 लाख वालिंटियर्स को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का समर्थन करने के लिए प्रशिक्षित किया है। साथ ही मंत्री ने बताया कि 43 दिनों में हमने 6.88 लाख वालिंटियर्स को प्रशिक्षित किया है और बहुत जल्द 8 लाख का आंकड़ा छूने की उम्मीद कर रहे हैं। पीएम मोदी के बर्थडे पर भाजपा कार्यकर्ता बूथ स्तर पर टीकाकररण के लिए करेंगे कार्य इसके साथ ही जेपी नड्डा ने कहा कि 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर बूथ स्तर पर भाजपा कार्यकर्ता अधिक संख्या में टीकाकरण लगाने के लिए लोगों को कोरोना के खिलाफ टीका लगाने में मदद करेंगे। देश में कोरोना की ताजा स्थिति बता दें कि देश इस वक्त कोरोना की दूसरी लहर से लड़ रहा है। प्रत्येक दिन कोरोना के मामलों में उतार-चढ़ाव जारी है। ताजा मामलों की बात करें तो देश में पिछले 24 घंटे में 34,973 मामले सामने आए थे और इस दौरान 260 कोरोना के मरीजों की मौत हो गई है।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार इसकी जानकारी दी गई है। देश में अभी तक कोरोना वैक्सीन की 72,37,84,586 डोज दी चुकी है देश में अब तक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3,31,74,954 तक पहुंच गया है और ठीक होने वालों की संख्या 3,23,42,299 हो गई है। फिलहाल 3,90,646 सक्रिय मामले हैं और मरने वालों का आंकड़ा 4,42,009 हो गया है। देश में अभी तक कोरोना वैक्सीन की 72,37,84,586 डोज दी जा चुकी हैं। सरकार की तरफ से लगातार एहतियात बरतने को कहा जा रहा है।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-congress-committee-first-meeting-to-be-held-on-14th-september-to-plan-movements-against-centers-policies-22007784.html,"सोनिया गांधी द्वारा गठित समिति की 14 सितंबर को होगी पहली बैठक, केंद्र की नीतियों के खिलाफ आंदोलनों को लेकर तैयार होगी रणनीति","बैठक की अध्यक्षता पार्टी नेता दिग्विजय सिंह करेंगे। प्रियंका गांधी वाड्रा भी समिति की सदस्य हैं। इससे पहले कई कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को लेकर एनडीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। नई दिल्ली, एएनआइ। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित कांग्रेस की समिति की पहली बैठक 14 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होगी, जिसमें केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ पार्टी द्वारा किए जाने वाले अभियान आंदोलनों पर विचार-विमर्श और रणनीति तैयार की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, बैठक की अध्यक्षता पार्टी नेता दिग्विजय सिंह करेंगे। प्रियंका गांधी वाड्रा भी समिति की सदस्य हैं। इससे पहले, कई कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन ((National Monetisation Pipeline, NMP)) को लेकर एनडीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रस्तावित राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला था। कांग्रेस नेता ने ट्वीट करते हुए कहा था, 'सबसे पहली चीज जो उन्होंने बेची वह थी सम्मान और अब #IndiaOnSale।' केंद्र की नीतियों को लेकर दिग्विजय ने कहा कि 1947-2014 तक कांग्रेस द्वारा निर्मित परियोजनाओं या संपत्तियों को बेचने के लिए मुद्रीकरण पाइपलाइन है। पार्टी ने जाति जनगणना से संबंधित मामलों का अध्ययन करने के लिए सात सदस्यीय समिति का भी गठन किया है।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/nia-raids-jammu-and-kashmir-16-locations-massive-crackdown-terror-activities-129009270.html,"जम्मू-कश्मीर में 16 जगहों पर NIA की छापेमारी: युवाओं को भड़काने के आरोप में VOH मैगजीन के ठिकानों पर कार्रवाई, TRF से जुड़े दहशतगर्द भी निशाने पर","जम्मू-कश्मीर में 16 जगहों पर NIA की छापेमारी:युवाओं को भड़काने के आरोप में VOH मैगजीन के ठिकानों पर कार्रवाई, TRF से जुड़े दहशतगर्द भी निशाने पर श्रीनगर NIA ने CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद से केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न जिलों में तलाशी अभियान चलाया। (फाइल फोटो) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने ‘वॉइस ऑफ हिंद’ मैगजीन के प्रकाशन और IED की बरामदगी मामले में जम्मू-कश्मीर में 16 जगहों पर छापेमारी की। एजेंसी ने रविवार को श्रीनगर, अनंतनाग, कुलगाम और बारामूला में ही 9 स्थानों पर छापे मारे। NIA ने हासन रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी में ड्राइवर आरीपोरा जेवान निवासी नईम अहमद भट के घर पर छापेमारी की। वहीं बागी नंद सिंह चट्टाबल में मुश्ताक अहमद डार के घर पर भी छापेमारी हुई। इस दौरान संदिग्धों के पास से पांच मोबाइल फोन बरामद किए गए। फरवरी, 2020 से VOH नाम की ऑनलाइन मासिक पत्रिका का प्रकाशन हो रहा है। इसके प्रकाशकों पर मैगजीन के जरिए घाटी में मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने का आरोप है। इस जिहादी पत्रिका को चलाने वाले लंबे समय से जांच एजेंसी को चकमा दे रहे थे। अलग-अलग VPN नंबर के जरिए इस वेबसाइट को ऑपरेट किया जा रहा है। ISIS से जुड़ी सामग्रियां ऑनलाइन शेयर की जा रहीं आतंकी संगठन ISIS की इस साजिश के सिलसिले में इसी साल 29 जून को मामला दर्ज किया गया था। भारत के खिलाफ हिंसक जिहाद छेड़ने के लिए देश में मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की योजना है। NIA ने बताया कि ISIS के आतंकी भारत में अलग-अलग जगहों से ऑपरेट कर रहे हैं। इन्होंने फर्जी-ऑनलाइन पहचान बनाकर अपना एक नेटवर्क खड़ा किया है। इसके जरिए ISIS से जुड़ी सामग्रियां शेयर की जा रही हैं। NIA ने इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक में छापेमारी की NIA ने इसी मामले में इस साल 11 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में कई तलाशी ली थी। इस दौरान तीन आरोपियों- उमर निसार, तनवीर अहमद भट और रमीज अहमद लोन को गिरफ्तार किया था, जो कि अनंतनाग जिले के अचबल इलाके के रहने वाले हैं। NIA ने कर्नाटक के भटकल में भी दो जगहों पर छापेमारी की थी और ISIS-VOH मामले में मुख्य आरोपी जुफरी जवाहर दामुदी को गिरफ्तार किया था। TRF के कमांडर सज्जाद गुल के घर भी छापेमारी की खबर बताया जा रहा है कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के कमांडर सज्जाद गुल के घर पर छापेमारी हुई है। TRF का मामला जम्मू के भटिंडी में 5 किलोग्राम IED के साथ पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी से जुड़ा है। जम्मू में IED विस्फोट करने की लश्कर-ए-तैयबा की योजना की NIA जांच के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर में छापे मारे गए थे। यह छापेमारी 27 जून को भारतीय सेना के अड्डे पर ड्रोन हमले से कुछ घंटे पहले हुई थी। बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले एक हफ्ते में नागरिकों पर आतंकी हमलों के बाद घाटी से 570 लोगों को हिरासत में लिया है।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/cruise-drug-party-case-8th-day-updates-aryan-khan-bail-plea-submitted-in-session-court-by-satish-manshinde-129009161.html,"क्रूज ड्रग्स केस LIVE: NCB ने नाइजीरिया के नागरिक को गोरेगांव से गिरफ्तार किया, उसके पास कोकीन भी मिली; केस में 20 लोग अरेस्ट","क्रूज ड्रग्स केस LIVE:NCB ने नाइजीरिया के नागरिक को गोरेगांव से गिरफ्तार किया, उसके पास कोकीन भी मिली; केस में 20 लोग अरेस्ट मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में NCB ने गोरेगांव से दूसरे विदेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने उसके पास से काफी मात्रा में कोकीन बरामद की हैं। NCB ने बताया कि यह नाइजीरिया का नागरिक है। इसका नाम ओकारो औजामा है। यह विदेशी नागरिक ड्रग्स केस की अहम कड़ी है। इसे जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसको मिलाकर क्रूज ड्रग्स केस में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इधर, क्रूज ड्रग्स केस में मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद आर्यन खान की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। 6 रातें NCB कस्टडी में काटने के बाद वे दो रातें ज्युडिशियल कस्टडी में बिता चुके हैं, लेकिन उन्हें जमानत मिलने पर अभी भी कई सवाल हैं। उनके वकील सतीश मानशिंदे ने शनिवार शाम को सेशन कोर्ट में उनकी जमानत की याचिका दायर की थी, लेकिन इस पर सुनवाई सोमवार को होगी। यानी आर्यन को अभी एक और रात आर्थर रोड जेल में बितानी होगी। आर्यन की जमानत का विरोध करेगी NCB NCB भी आर्यन की जमानत का विरोध करने वाली है। दरअसल ड्रग्स केस में गिरफ्तार किए गए अचित कुमार भी ज्युडिशियल कस्टडी में है। NCB कोर्ट में यह दलील दे सकती है कि वह दोनों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करना चाहती है, इसलिए आर्यन को बेल न दी जाए। अगर कोर्ट ने NCB की यह दलील मान ली, तो आर्यन को कुछ और दिन जेल में बिताने होंगे। NCB ने नहीं किया था अचित कुमार की ज्युडिशियल कस्टडी का विरोध अचित कुमार को गिरफ्तार करने के बाद जब NCB ने उसे कोर्ट में पेश किया, तो कोर्ट ने उसे NCB की कस्टडी में न भेजकर सीधे ज्युडिशियल कस्टडी में भेज दिया। NCB ने इसका विरोध नहीं किया, क्योंकि आर्यन पहले से ही ज्युडिशियल कस्टडी में थे। अचित और आर्यन के एक ही जेल में होने के कारण NCB के लिए दोनों से एक साथ पूछताछ करना बहुत आसान है। इसी बात को आधार बनाकर NCB सेशन कोर्ट में आर्यन की जमानत का विरोध कर सकती है। आर्यन ने कबूली ड्रग्स लेने की बात शनिवार को आर्यन और अरबाज मर्चेंट ने NCB की पूछताछ के दौरान ड्रग्स लेने की बात कबूल की। आर्यन ने कहा कि वे चरस पीते हैं और क्रूज पार्टी के दौरान भी चरस लेने वाले थे। NCB ने अदालत में दिए पंचनामे में बताया है कि तलाशी के दौरान अरबाज ने जूते से ड्रग्स का पाउच निकालकर दिया था। अरबाज के पास से 6 ग्राम चरस बरामद हुई थी। ASG अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि ड्रग्स सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार अचित कुमार और आर्यन की एक चैट NCB के हाथ लगी है। इसमें आर्यन उससे कोडवर्ड में 'फुटबॉल' लाने की बात कह रहे हैं। बता दें कि अचित कुमार ड्रग्स पैडलर है। उसे NCB ने आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट की निशानदेही पर पवई इलाके से गिरफ्तार किया है।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/kolkata-durga-pooja-news-photo-update-pandals-decorated-in-support-of-farmers-memories-from-lakhimpur-kheri-to-delhi-border-showed-mamta-in-power-129009009.html,"10 फोटोज में देखें कोलकाता की दुर्गा पूजा: किसानों के समर्थन में सजे पंडाल; लखीमपुर खीरी से लेकर दिल्ली बॉर्डर तक की यादें, ममता को शक्ति रूप में दिखाया","10 फोटोज में देखें कोलकाता की दुर्गा पूजा:किसानों के समर्थन में सजे पंडाल; लखीमपुर खीरी से लेकर दिल्ली बॉर्डर तक की यादें, ममता को शक्ति रूप में दिखाया कोलकाता पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है। राजधानी कोलकाता की दुर्गा पूजा दुनियाभर में अपनी खास मूर्तियों और पंडालों के लिए जानी जाती है। हर साल यहां माता की मूर्तियां और पंडाल के जरिए सामाजिक, राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों को उठाकर विशेष संदेश दिए जाते हैं। इस बार भी किसान आंदोलन, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी और कोरोना की दूसरी लहर जैसे मुद्दों के जरिए इस परम्परा को जीवित रखा गया है। आइए 10 तस्वीरों के जरिए देखते हैं इस बार के पंडालों की विशेष थीम... कोलकाता के दमदम में एक पूजा पंडाल में किसान आंदोलन के समर्थन में विशेष आकृतियां प्रदर्शित की गई हैं। पंडाल के प्रवेश द्वार पर किसानों के ट्रैक्टर से खेत जोतने की एक विशाल प्रतिकृति लगाई गई है। उसके आसपास एक कार का एक स्केच है और उसके रास्ते में एक किसान लेटा है। नीचे बंगाली में लिखा है- मोटर गाड़ी उड़े धुलो, नीचे पोरे चासीगुलो। यानी कार धुंआ उड़ाती हुई जा रही है और किसान उसके पहिए के नीचे आ रहे हैं। दमदम पार्क के ही पंडाल में किसानों की व्यथा दिखाने के लिए ‘चप्पलों’ का प्रदर्शन किया गया है। इसे किसानों के संघर्ष से जोड़कर उनकी व्यथा दिखाई गई है। पंडाल में सैकड़ों चप्पल हैं जो प्रदर्शन के बाद के दृश्य को दर्शाते हैं। यहां दो पैर के निशान बनाए गए हैं जिस पर कुछ किसानों के चेहरे लगाए गए हैं। हालांकि इस पंडाल पर भाजपा ने आपत्ति जताई है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि दुर्गा पंडाल में इस तरह चप्पल लगाना देवी-देवताओं का अपमान है। दमदम सेवा संघ पूजा पंडाल के अध्यक्ष गौतम विश्वास ने कहा, कार के नीचे आ रहे किसान की तस्वीर का विचार तीन महीने पहले आया था। हम इसे पूंजीवादी युग में मरते हुए किसान के तौर पर दिखाना चाहते थे। लेकिन आज के समय में ये व्यावहारिक हो गया। उन्होंने कहा, हम अब तक आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। पंडाल से जुड़े मानब चक्रवर्ती ने कहा, हमारे पंडाल में त्योहारों के उत्साह के बीच किसानों के संघर्ष को सामने रखा है। इस पंडाल की थीम किसानों की दुर्दशा को सामने ला रही है और लोगों को यह संदेश देती है कि किसानों के दर्द को भुलाया नहीं जा सकता। कोलकाता में शनिवार को देवी दुर्गा पूजा उत्सव से पहले लोगों में कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक कलाकार ने दुर्गा पूजा पंडाल को स्लाइन की बोतलों से सजाया। पंडाल को सजाने के लिए मेडिकल ग्लव्स का भी इस्तेमाल किया गया है। प्रसिद्ध मूर्तिकार मिंटू पाल अपने कुम्हारटोली स्टूडियो में फाइबरग्लास की मूर्ति बना रहे हैं, जिसमें 'मां दुर्गा' को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की पसंदीदा सफेद रंग की तांत की साड़ी पहनाई गई है और साथ ही उनकी पहचान बन चुकी फ्लिप-फ्लाप चप्पल पहनाई गई है। उन्होंने बताया कि मां दुर्गा के 10 हाथों में हथियारों के बजाय कन्याश्री, स्वास्थ्य साथी, रूपाश्री, सबुजसाथी और लक्ष्मी भंडार जैसी राज्य सरकार की परियोजनाएं दिखाई जाएंगी। दरअसल, आयोजक ममता सरकार द्वारा शुरू की गई कई विकास परियोजनाओं के बारे में लोगों को बताना चाहते हैं, जिनकी वैश्विक रूप से सराहना की गई है। भाजपा ने इसे भी हिन्दुओं की धार्मिक भावना को आहत करने वाला बताया है। कोलकाता के एक पंडाल को एनआरसी की थीम पर बनाया गया है। इसमें एक परिवार को दिखाया गया है जो दो देशों की सीमाओं पर बनी एक जेल में अपने चार बच्चों के साथ बैठी हुई है। उसकी गोद में मां दुर्गा की प्रतिमा है। राजधानी कोलकाता के बंधु महल क्लब ने मां दुर्गा की खास मूर्ति की तस्वीरें शेयर की हैं। क्लब के मुताबिक, दुर्गा की मूर्ति को गोल्ड डिजाइनर साड़ी से सजाया है। मां दुर्गा की अनोखी मूर्ति के बारे में बंधु महल क्लब के प्रेसिडेंट कार्तिक घोष ने बताया कि, मूर्ति को सोने का मास्क, आंखें और सोने की साड़ी पहनाई गई है। जो साड़ी सोने की है। उसकी कीमत 1.50 लाख रुपए है। टीएमसी नेता बाबुल सुप्रियो कोलकाता में ममता बनर्जी के साथ दिखे। सुप्रियो अपनी पार्टी के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' के लिए आगामी दुर्गा पूजा उत्सव के लिए एक विशेष अंक के विमोचन के दौरान ममता बनर्जी को एक म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट भेंट करते हुए। ममता सरकार ने दुर्गापूजा कमेटियों को 50-50 हजार रुपए आर्थिक मदद व पूजा पंडालों में निशुल्क बिजली दे रही है। बाबा नागेश्वर पटना के नवलखा दुर्गा मंदिर में नवरात्रि पर्व के पहले दिन देवी दुर्गा की मूर्ति के सामने अपने सीने पर 'गंगाजल' से भरे 21 कलश रखे हुए हैं।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/india-china-13th-round-of-corps-commander-level-talks-between-today-129009145.html,"LAC के तनाव पर भारत-चीन की बातचीत खत्म: सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के सैन्य कमांडर 13वीं बार मिले, करीब 8.30 घंटे चली मीटिंग","LAC के तनाव पर भारत-चीन की बातचीत खत्म:सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के सैन्य कमांडर 13वीं बार मिले, करीब 8.30 घंटे चली मीटिंग नई दिल्ली कोर कमांडर लेवल की पिछले दौर की बातचीत 31 जुलाई को हुई थी। इस दौरान दोनों पक्ष गोगरा की पहाड़ियों से सैनिक हटाने को तैयार हो गए थे। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव कम करने और विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन के कोर कमांडर्स ने मीटिंग की। 13वें दौर की यह बातचीत रविवार सुबह 10.30 बजे चीन के हिस्से वाले मोल्डो में शुरू हुई। भारतीय टीम का नेतृत्व लेह स्थित XIV कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया। चीन की ओर से दक्षिण शिनजियांग जिले के सैन्य कमांडर मेजर जनरल लियू लिन शामिल हुए। सेना के सूत्रों के मुताबिक, कोर कमांडर लेवल की यह मीटिंग शाम करीब 7 बजे खत्म हुई। इसका मकसद पूर्वी लद्दाख सेक्टर में सैन्य गतिरोध पर बात करना और उसका समाधान करना था। दोनों देशों के बीच लद्दाख सीमा पर लंबे समय से सैनिक गतिरोध बना हुआ है। LAC के पास इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में जुटा चीन शनिवार शाम सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि चीन अपने इलाके में इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है। इसका मतलब है कि वह यहां लंबे समय तक रुकने वाला है। नरवणे ने यह भी कहा कि दोनों ही देश LAC के पश्चिमी इलाके में बुनियादी ढांचे का विकास कर रहे हैं, जो कि पिछले साल लाए गए अतिरिक्त सैनिकों और सैन्य उपकरणों की सुविधा के लिए बनाए जा रहे हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते पूर्वी लद्दाख के दौरे के दौरान भी इसी तरह की टिप्पणी की थी। हॉट स्प्रिंग्स पर डटे हुए हैं सैनिक पैंगोंग त्सो और गोगरा पोस्ट के उत्तर व दक्षिण तट पर सैनिक पीछे हट गए हैं, लेकिन हॉट स्प्रिंग्स पर डटे हुए हैं। मई, 2020 में चीनियों के LAC पार करने के बाद से ही यहां सेनाएं एक-दूसरे के सामने हैं। भारतीय सैनिकों को चीनी देपसांग मैदान के ट्रेडिशनल पेट्रोलिंग पॉइंट्स पर भी जाने से रोक रहे हैं। यह इलाका काराकोरम दर्रे के पास दौलत बेग ओल्डी में स्थित रणनीतिक भारतीय चौकी से ज्यादा दूर नहीं है। अरुणाचल के तवांग सेक्टर में पिछले हफ्ते चीनी सैनिकों से झड़प लद्दाख में ही नहीं बल्कि अरुणाचल प्रदेश में भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में पिछले हफ्ते भारतीय जवानों की चीन के सैनिकों से झड़प हो गई थी। पेट्रोलिंग के दौरान सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हो गए थे और कुछ घंटों तक यह सिलसिला चला था। हालांकि इसमें भारतीय जवानों को कोई नुकसान नहीं हुआ और प्रोटोकॉल के मुताबिक बातचीत से विवाद सुलझा लिया गया। चीनी सैनिकों ने उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में घुसपैठ की पिछले दिनों खबर आई थी कि चीन के 100 सैनिकों ने 30 अगस्त को उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में घुसपैठ की थी और 3 घंटे वहां रहने के बाद लौट गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घोड़ों पर आए चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर तोड़फोड़ की और लौटने से पहले एक पुल भी तोड़ दिया था। बता दें कि बाराहोती वही इलाका है जिसमें चीन ने 1962 की जंग से पहले भी घुसपैठ की थी।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/mp/news/coal-left-for-making-electricity-for-only-3-days-if-arrangements-are-not-made-festivals-may-have-to-be-cut-129009239.html,"MP में फिर छा सकता है अंधेरा !: 3 दिन का ही कोयला बचा है, कैपेसिटी से आधी बिजली भी नहीं बना रहे थर्मल प्लांट; केंद्र की मदद से चल रहे लाइट-पंखे","MP में फिर छा सकता है अंधेरा !:3 दिन का ही कोयला बचा है, कैपेसिटी से आधी बिजली भी नहीं बना रहे थर्मल प्लांट; केंद्र की मदद से चल रहे लाइट-पंखे जबलपुर लेखक: संतोष सिंह मध्यप्रदेश के थर्मल प्लांट सहित पूरा बिजली उत्पादन 40% तक आ गया है, बाकी 60 फीसदी बिजली सेंट्रल सेक्टर से लेनी पड़ रही है। उसकी भी एक लिमिट है। उससे ज्यादा बिजली ले नहीं सकते, अगर ली तो कंपनियों पर जुर्माना लगेगा और इसकी भरपाई बिजली महंगी करके होगी। यह भार भी कस्टमर पर ही पड़ेगा, यानी एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई वाला मामला है। ग्राफिक्स: राजकुमार गुप्ता",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/bollywood-make-up-artists-house-stolen-in-jalandhar-the-family-was-sleeping-on-the-ground-floor-thieves-took-away-cash-jewelry-from-the-first-floor-129009248.html,"जालंधर में बॉलीवुड मेकअप आर्टिस्ट के घर चोरी: ग्राउंड फ्लोर पर नींद में था परिवार, पहली मंजिल से कैश-गहने ले उड़े चोर; ताला टूटा नहीं मिला तो पुलिस बोली- मामला संदिग्ध","जालंधर में बॉलीवुड मेकअप आर्टिस्ट के घर चोरी:ग्राउंड फ्लोर पर नींद में था परिवार, पहली मंजिल से कैश-गहने ले उड़े चोर; ताला टूटा नहीं मिला तो पुलिस बोली- मामला संदिग्ध जालंधर मेकअप आर्टिस्ट का घर, जहां चोरी हुई। जालंधर में मशहूर बॉलीवुड मेकअप आर्टिस्ट निक्स नीलू के घर शनिवार रात चोरों ने धावा बोल दिया। चोरी के वक्त पूरा परिवार ग्राउंड फ्लोर पर सो रखा था। चोर पहली मंजिल में रखा कैश और गहने समेत करीब 5 लाख का माल ले उड़े। वारदात की सूचना के बाद थाना भार्गव कैंप की पुलिस मौके पर पहुंची। फिलहाल सीसीटीवी और फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की मदद से सुबूत खंगाले जा रहे हैं। हालांकि शुरूआती जांच में पुलिस चोरी की घटना को संदिग्ध बता रही है। पुलिस को ग्राउंड फ्लोर के सीसीटीवी कैमरे में चोर जाते नहीं दिखे। वहीं, कहीं ताला टूटा भी नजर नहीं आया। चोरी की जानकारी देते सतनाम सिंह। ग्रीन एवेन्यू में रहने वाले मेकअप आर्टिस्ट नीलू के भाई सतनाम ने बताया कि उनके घर की पहली मंजिल पर कैश और गहने पड़े हुए थे। वह रोजाना ऊपर ही सोता था। शनिवार को वह भी परिवार के साथ नीचे सो गया। इसके बाद सुबह उन्हें पता चला कि ऊपर से करीब 40 हजार कैश, किट्‌टी सैट, अंगूठियां और बाकी गहने चोर ले गए। उन्होंने कहा कि घर के पिछली तरफ सीढ़ी लगी हुई है। उन्होंने शक जताया कि चोर वहीं से आया होगा। चोरी का जायज़ा लेने थाना भार्गव कैंप से पहुंचा पुलिसकर्मी। मौके पर पहुंची थाना भार्गव कैंप की पुलिस ने कहा कि घटनास्थल की छानबीन की गई है। आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी भी चैक किए जा रहे हैं। फिलहाल मामला संदिग्ध लग रहा है क्योंकि घर का ताला नहीं टूटा है। यह काम किसी घर के भेदी का ही हो सकता है। पूरे मामले की पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/uttar-pradesh/lucknow/news/union-minister-of-state-for-home-ajay-mishras-son-ashish-mishra-will-appear-before-the-investigating-agency-today-arrest-may-be-made-after-interrogation-lakhimpur-kheri-violence-129005542.html,"लखीमपुर खीरी हिंसा: केंद्रीय मंत्री का बेटा आशीष जेल भेजा गया, 11 अक्टूबर को होगी कोर्ट में सुनवाई; हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और आपराधिक साजिश का केस","लखीमपुर खीरी हिंसा:केंद्रीय मंत्री का बेटा आशीष जेल भेजा गया, 11 अक्टूबर को होगी कोर्ट में सुनवाई; हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और आपराधिक साजिश का केस लखनऊ लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अब 11 अक्टूबर को कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले करीब 12 घंटे तक उससे पूछताछ हुई। आशीष पर मर्डर, एक्सीडेंट में मौत, आपराधिक साजिश और लापरवाही से वाहन चलाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। मजिस्ट्रेट के सामने कलमबंद उसके बयान दर्ज किए गए हैं। आशीष का क्राइम ब्रांच में ही मेडिकल टेस्ट हुआ। डीआईजी उपेंद्र कुमार ने बताया कि आशीष मिश्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहा। कुछ सवालों के जवाब भी नहीं दे सके। इसलिए उसे गिरफ्तार किया गया है। अब कोर्ट में पेश किया जाएगा। आशीष मिश्र को लखीमपुर जेल कड़ी सुरक्षा में ले जाया गया है। वहीं, आशीष को क्राइम ब्रांच में VIP ट्रीटमेंट मिला। उसे मेडिकल परीक्षण के लिए लखीमपुर जिला अस्पताल ले जाया गया। इसके लिए इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. अखिलेश कुमार क्राइम ब्रांच में पहुंचे और मेडिकल टेस्ट किया गया। इससे पहले आशीष घटना के सातवें दिन शनिवार को क्राइम ब्रांच के सामने सुबह 10:36 पर पेश हुआ। इस दौरान उसने रुमाल से अपना मुंह छिपा रखा था। और पिछले दरवाजे से इंट्री की थी। 12 घंटे की पूछताछ में 14 बार भेजा गया चाय-नाश्ता क्राइम ब्रांच में पूछताछ के दौरान 14 बार चाय और नाश्ता अंदर गया। आशीष मिश्रा के साथ उनके वकील अवधेश सिंह और मंत्री अजय मिश्र टेनी के प्रतिनिधि अरविंद सिंह संजय और भाजपा के सदर विधायक योगेश वर्मा भी अंदर मौजूद रहे। क्राइम ब्रांच के दफ्तर में SDM सदर भी मौजूद रहे। पूछताछ में 10 एफिडेविट और एक पेन ड्राइव के साथ दो मोबाइल पेश किए गए। इनसे SIT संतुष्ट नहीं दिखी। बताया जा रहा है कि 13 वीडियो SIT को दिए गए हैं। इनकी जांच फॉरेंसिक एक्सपर्ट करेंगे। लखीमपुर के क्राइम ब्रांच ऑफिस में बड़ी संख्या में पुलिसवालों को तैनात किया गया है। आशीष ने दंगल में होने के वीडियो पेश किए आशीष से 6 लोगों की टीम ने पूछताछ की। लखीमपुर में क्राइम ब्रांच के दफ्तर में आशीष मिश्रा से मजिस्ट्रेट के सामने सवाल-जवाब किए गए। आशीष अपने वकील के साथ मौजूद रहा। पूछताछ में डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल और लखीमपुर के एसडीएम भी शामिल रहे। आशीष मिश्रा ने अपने पक्ष में कई वीडियो पेश किए। उन्होंने 10 लोगों के बयान का हलफनामा भी पेश किया, जो बताते हैं कि वो काफिले के साथ नहीं था, दंगल मैदान में था। किसानों ने खोल रखा था मोर्चा संयुक्त किसान मोर्चा लगातार मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है। किसान अजय मिश्र को मंत्री पद से हटाने और आशीष मिश्रा को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। मोर्चे ने इस घटना को लेकर आगे के कार्यक्रमों का भी ऐलान किया है। अजय मिश्र बोले- हम आपके साथ हैं लखीमपुर में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने BJP दफ्तर की बालकनी में आकर समर्थकों से शांत कराया। उन्होंने कहा कि बेटा पूछताछ के लिए गया है। इस सरकार में निष्पक्ष जांच होगी। ऐसी-वैसी कोई बात नहीं है। ऐसी-वैसी कोई बात होगी तो हम आपके साथ हैं। अजय मिश्रा के इस बयान को एक तरह से गिरफ्तारी की स्थिति में सरकार के लिए चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। कार्यालय पर मौजूद समर्थकों ने कहा कि आशीष भैया दंगल में थे। घटनास्थल पर किसानों के रूप में आतंकवादी थे। सिद्धू ने तोड़ा मौन व्रत इधर, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने अपना मौन व्रत तोड़ दिया है। सिद्धू शुक्रवार को लखीमपुर पहुंचे थे। सिद्धू पहले हिंसा में मारे गए किसान लवप्रीत और फिर पत्रकार रमन के यहां पहुंचे। उन्होंने लिखकर कहा था कि जब तक केंद्रीय मंत्री का आरोपी बेटा गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, तब तक मौन धारण कर भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे। सिद्धू करीब 20 घंटे से मौन व्रत पर थे। LIVE अपडेटस... आशीष 12 से ज्यादा पेन ड्राइव लेकर पहुंचे थे। सूत्र बताते हैं कि पेन ड्राइव में वह सभी वीडियो हैं जो उनकी मौजूदगी साबित करेंगे की घटना के वक्त वह कहां मौजूद थे? आशीष से पूछताछ के लिए करीब 40 सवालों की लंबी फेहरिस्त बनाई गई। उससे पूछा गया कि वह हिंसा के वक्त कहां था? लखीमपुर में पुलिस लाइन के सामने भारी भीड़ रही। इसे देखते हुए SP ने कहा कि समय-समय पर अपडेट दिया जाएगा। भीड़ न लगाएं। आशीष के कानूनी सलाहकार अवधेश कुमार ने कहा था कि हम नोटिस का सम्मान करेंगे और जांच में सहयोग करेंगे। मंत्री अजय मिश्र लखीमपुर में अपने कार्यालय पर ही रहे। उनके कार्यालय पर काफी गहमागहमी रही। आशीष मिश्र की गिरफ्तारी तय थी आशीष मिश्र से पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही थी। स्थानीय लोगों का दावा है कि जिस थार जीप ने किसानों को कुचला था, उसके पीछे निकली फॉर्च्यूनर में आशीष मिश्र बैठे थे। माना जा रहा है कि यह सबूत सामने आने पर आशीष की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इससे पहले लखीमपुर पुलिस ने शुक्रवार को मंत्री के घर पर दोबारा नोटिस चिपकाकर कर आशीष को शनिवार सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया था। इससे पहले पुलिस ने गुरुवार को नोटिस लगाकर शुक्रवार को 10 बजे पेश होने के लिए कहा था, लेकिन आशीष नहीं पहुंचा। बाद में आशीष ने एक चिट्‌ठी लिखकर बताया था कि वह बीमार है इसलिए 9 अक्टूबर को पुलिस के सामने पेश होगा। पुलिस लाइन में बैरिकेडिंग की गई। मीडिया को भी दूर कर दिया गया। बड़े नेता के इशारे पर हुई आशीष की पेशी गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र दिल्ली में थे। सूत्रों का कहना है कि आशीष को पुलिस के सामने पेश होने के लिए अजय मिश्र के पास किसी बड़े नेता ने संदेश भेजा था। इसके बाद वे लखनऊ के लिए रवाना हुए और कहा कि आशीष शनिवार को पुलिस के सामने सामने पेश हो जाएंगे और जांच में सहयोग करेंगे। केंद्रीय मंत्री का ये बयान सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सामने आया है, क्योंकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार को फटकार लगाई है। लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसान लवप्रीत के घर में हिंसा का वीडियो देखते हुए नवजोत लखीमपुर में तीसरी बार बंद हुई इंटरनेट सेवाएं लखीमपुर में 3 अक्टूबर को हिंसा के बाद पहली बार इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। इसके बाद 5 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी, सीतापुर और बहराइच में इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं। अब 8 अक्टूबर की शाम से लखीमपुर में इंटरनेट फिर से बंद कर दिया गया है। शुक्रवार को दिन भर क्या-क्या हुआ? मंत्री अजय मिश्र लखनऊ पहुंचे। उन्होंने बेटे आशीष का बचाव किया। कहा, ""मेरा बेटा कहीं भागा नहीं है, वह निर्दोष है।"" इसके अलावा इस्तीफे की मांग को लेकर अजय मिश्र ने कहा कि विपक्ष का काम ही है इस्तीफा मांगना। अजय मिश्र शुक्रवार को लखनऊ में सांसद-विधायकों और संगठन की मीटिंग में शामिल हुए। उधर, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने UP सरकार को नोटिस जारी कर लखीमपुर हिंसा की पूरी रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार से पूछा कि जब मामला 302 (हत्या) का है तो गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हुई? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जांच के लिए UP सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह बहराइच गए। उन्होंने 2 पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनकी बात करवाई। केजरीवाल ने कहा कि आरोपी अब तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं, पूरा देश देख रहा है। लोगों में बहुत गुस्सा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बहराइच में दो पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र का इस्तीफा और उनके बेटे की गिरफ्तारी की मांग उठाई।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/a-big-mistake-on-the-stage-of-ramlila-in-punjab-the-artist-swung-a-bottle-of-liquor-on-the-song-sab-to-mila-ke-peete-hai-hindu-takht-punished-by-getting-false-utensils-made-129009168.html,पंजाब में रामलीला के नाम पर मखौल: पटियाला में शराब की बोतल लेकर मंच पर झूमा कलाकार; रोपड़ में बंदूक लेकर नाचा रावण,"पंजाब में रामलीला के नाम पर मखौल:पटियाला में शराब की बोतल लेकर मंच पर झूमा कलाकार; रोपड़ में बंदूक लेकर नाचा रावण जालंधर स्टेज पर शराब की बोतल लेकर डांस करता कलाकार। पंजाब में रामलीला मंचन के नाम पर मखौल किया जा रहा है। पटियाला में एक कलाकार शराब की बोतल लेकर मंच पर झूमने लगा। वहीं रोपड़ में रावण मंच पर बंदूक लेकर नाचता दिखाई दे रहा है। यह दोनों वीडियो वायरल हुई तो सोशल मीडिया पर जमकर विरोध भी हुआ। पटियाला वाले वीडियो के बाद हिंदू तख्त ने कलाकार और रामलीला आयोजकों को झूठे बर्तन मांजने की सजा सुनाई। वहीं रोपड़ का वीडियो कब का है, इसके बारे में पुष्टि नहीं हो सकी। धार्मिक भावनाओं के आहत होने के मद्देनजर इस तरह के मामलों में हिंदू संगठन कड़ा विरोध जता रहे हैं। सब तो मिला के पीते हैं... गाने पर शराब की बोतल संग नाचा कलाकार पटियाला से सामने आई वीडियो के बारे में पता चला है कि जीरकपुर प्रभात एरिया में श्री सनातन धर्म क्लब रामलीला मंचन करवा रहा है। 5 अक्टूबर को एक कलाकार शराब की बोतल लेकर मंच पर चढ़ गया। इसके बाद उसने 'सब तो मिला के पीते हैं...' गाने पर डांस शुरू कर दिया। फिर दर्शकों में इसको लेकर कानाफूसी शुरू हो गई। शराब की बोतल के साथ मंच पर कलाकार। श्री काली माता मंदिर में 5 शनिवार धोएंगे झूठे बर्तन असल विवाद तब बढ़ा, जब इसका वीडियो सामने आया। फिर हिंदू तख्त के धर्माधीश जगदगुरु पंचानंद गिरी जी महाराज ने रामलीला मंचन करवा रहे आयोजक और आरोपी कलाकार को तलब कर लिया। दोनों को झूठे बर्तन धोने की सजा सुनाई गई हे। क्लब के चेयरमैन, प्रधान, महासचिव, सचिव और कलाकार ने लंगर में 4 घंटे झूठे बर्तन धोए। तख्त ने उन्हें अगले 5 शनिवार श्री काली माता मंदिर में भक्तों के झूठे बर्तन साफ करने को कहा है। सजा के तौर पर झूठे बर्तन मांजते कलाकार और रामलीला आयोजक। रोपड़ में मित्रां दा नां चलदा पर नाच रहा रावण रोपड़ से जो वीडियो सामने आई है, उसमें रावण स्टेज पर बंदूक लेकर नाच रहा है। उसके पीछे पंजाबी गायक हरजीत हरमन का मित्रां दा नां चलदा गीत बज रहा है। इस दौरान दर्शक भी खूब शोर मचा रहे हैं। रामलीला के ऐतिहासिक महत्व के उलट इसे सिर्फ मनोरंजन का जरिया बनाकर रख दिया गया है। स्टेज पर बंदूक लेकर नाचता रावण। बठिंडा और जालंधर में ताड़का को लेकर मच चुका है बवाल पंजाब में रामलीला को लेकर पहले भी बवाल मच चुका है। बठिंडा में ताड़का का रोल न मिला तो युवक ने रामलीला के मंच पर हमला कर दिया था। कुर्सियां उठाकर फेंक दी और जमकर तोड़फोड़ की। जालंधर में ताड़का के मुंह से निकली आग दर्शकों पर गिर गई। इसमें बाप-बेटी झुलस गए। तब भी दर्शकों ने कलाकारों को घेर लिया, लेकिन बाद में वह मामला निपट गया।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/dream11-suspends-operation-in-karnataka-after-cab-drives-fir-129009814.html,"ड्रीम-11 के को-फाउंडर्स पर FIR: हर्ष जैन और भावित सेठ पर बैन के बावजूद फैंटेसी ऐप चलाने का आरोप, 42 साल के कैब ड्राइवर ने दर्ज कराया मुकदमा","ड्रीम-11 के को-फाउंडर्स पर FIR:हर्ष जैन और भावित सेठ पर बैन के बावजूद फैंटेसी ऐप चलाने का आरोप, 42 साल के कैब ड्राइवर ने दर्ज कराया मुकदमा कुछ ही क्षण पहले स्पोर्ट्स गेमिंग ऐप ड्रीम-11 ने दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में अपनी सेवाएं बंद कर दीं। यह एक्शन कंपनी के को फाउंडर हर्ष जैन और भावित सेठ के खिलाफ कर्नाटक में दर्ज की गई FIR के बाद लिया गया है। पुलिस दोनों को समन भेजने की तैयारी कर रही है। इस कंपनी का संचालन टाइगर ग्लोबल कंपनी करती है। कंपनी ने बयान जारी किया रविवार को सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर कंपनी ने लिखा कि हाल ही में सामने आए मीडिया कवरेज के बाद हमारे कर्नाटक के यूजर्स ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। अपने ग्राहकों की चिंता को समझते हुए हमने कर्नाटक में अपनी सेवाएं बंद करने का फैसला लिया है। निर्णय कानूनी दायरे में रहकर पूर्वाग्रह के बिना लिया गया है। क्यों दर्ज किया गया मामला हाल ही में कर्नाटक में ऑनलाइन गेमिंग पर रोक लगा दी गई है। शनिवार को 42 वर्षीय एक कैब ड्राइवर मंजूनाथ ने बेंगलुरु पुलिस को ड्रीम-11 ऐप के चालू होने की शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने कंपनी के CEO के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। FIR बेंगलुरु के अन्नपूर्णेश्वरी नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। किस कानून का शिकार बना ड्रीम-11 कर्नाटक में पिछले सप्ताह ही एक कानून लागू हुआ है। इसके मुताबिक राज्य में ऑनलाइन जुए-सट्‌टे से जुड़े सभी ऐप का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। इसके अलावा भी उन सभी ऐप्स का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, जिनमें पैसे का जोखिम शामिल हो। कानून पर क्या बोली कंपनी ड्रीम-11 के स्पोक्सपर्सन ने कहा है कि वे कर्नाटक सरकार के कानून पर अपने सलाहकार से राय ले रहे हैं। कंपनी ने अपने बयान में यह भी कहा कि वे जिम्मेदार और कानून के दायरे में रहकर काम करने वाली संस्था है।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/gujarat/news/police-bring-sachin-dixit-and-his-wife-to-gandhinagar-shivanshs-real-mothers-secret-intact-129009386.html,"बच्चे को छोड़कर भागा पिता, पुलिस ने खोजा: डेढ़ साल के बच्चे के पिता को खोजने के लिए जुटे 100 पुलिसकर्मी, 65 CCTV खंगाले, 45 गांवों में पूछताछ की; कोटा से पकड़ा","बच्चे को छोड़कर भागा पिता, पुलिस ने खोजा:डेढ़ साल के बच्चे के पिता को खोजने के लिए जुटे 100 पुलिसकर्मी, 65 CCTV खंगाले, 45 गांवों में पूछताछ की; कोटा से पकड़ा गांधीनगर बच्चे को देखते ही माता-पिता की दिनभर की थकावट दूर हो जाती है, लेकिन गुजरात में एक पिता अपने डेढ़ साल के बच्चे को गोशाला में छोड़कर भाग गया। गांधीनगर गोशाला के गेट पर बच्चे के रोने की आवाज सुनकर शुक्रवार की रात करीब 8.30 बजे एक कर्मचारी ने पुलिस को फोन किया। इसके बाद पुलिस ने खोजबीन शुरू की। मामले की जानकारी गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सिंघवी को मिली, तो उन्होंने तुरंत बच्चे के पिता का पता लगाने को कहा। गृह मंत्री के निर्देश के बाद पुलिस एक्शन मोड में आई। गांधीनगर के SP मयूर चावड़ा ने करीब 100 पुलिसकर्मियों को बच्चे के पिता को खोजने के काम में लगाया। गोशाला से शुरू करके गांधीनगर शहर के 65 CCTV कैमरों के फुटेज खंगाले गए। इसी दौरान पता चला कि गोशाला के पास एक कार आई थी। नंबर ट्रेस करने पर कार सचिन दीक्षित के नाम पर निकली। मोबाइल लोकेशन ट्रेस करते हुए कोटा पहुंची पुलिस कार का सुराग मिलने के बाद आसपास के 45 गांवों में पूछताछ की गई। साथ ही सचिन के मोबाइल की जानकारी निकाली गई। मोबाइल नंबर मिलने पर उसकी लोकेशन ट्रेस की गई। एक के बाद एक कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस ने आखिरकार बच्चे के पिता की लोकेशन का पता लगा ही लिया। पूरे 24 घंटे की मेहनत के बाद शनिवार रात को गुजरात पुलिस राजस्थान के कोटा पहुंची, जहां से बच्चे के पिता को गांधीनगर लाया गया। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर गोशाला के सेवकों ने पुलिस को जानकारी दी। बच्चे को गोशाला के सामने छोड़कर कोटा भागा था पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि सचिन दीक्षित ने ही बच्चे को गोशाला के गेट पर छोड़ा था। इसके बाद वह कोटा भाग निकला था। उसकी सेंट्रो कार से बच्चे का एक जूता भी पुलिस मिला है। पूछताछ में सचिन ने बताया कि बच्चे का नाम शिवांश है। गांधीनगर स्थित स्वामीनारायण गोशाला, जहां बच्चे को छोड़कर भाग निकला था पिता। सचिन की पत्नी ने बताया कि वह इस बच्चे की मां नहीं पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि वडोदरा की एक कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर की नौकरी करने वाले सचिन के परिवार में माता-पिता, पत्नी और 5 साल का बेटा है। उसकी पत्नी अनुराधा GIDC में अपनी कंपनी चलाती है।अनुराधा ने पुलिस की पूछताछ में कहा है कि वह इस बच्चे की मां नहीं है। साथ ही उन्होंने इस बच्चे के बारे में कोई जानकारी होने से भी इनकार किया है। इस जानकारी के बाद पुलिस के सामने सवाल खड़ा हो गया कि बच्चे की असली मां कौन है? सचिन ने किन कारणों से अपने ही बेटे को गोशाला में छोड़ दिया था। इन सभी सवालों के जवाब पाने के लिए सचिन से पूछताछ की जा रही है। जवाब मिलने के बाद ही इस राज से पर्दा उठ पाएगा। गांधीनगर की कॉर्पोरेटर दीप्ती पटेल ने मां की तरह बच्चे की देखभाल कर रही हैं। पार्षद दीप्तिबेन कर रही हैं बच्चे की देखभाल एक तरफ पुलिस बच्चे के पिता को खोज रही थी, दूसरी तरफ पुलिस को उसके स्वास्थ्य की भी चिंता थी। पुलिस ने शुक्रवार रात को ही गांधीनगर सिविल अस्पताल में बच्चे की मेडिकल जांच कराई। बच्चे के स्वस्थ होने की जानकारी मिलने पर सबने राहत की सांस ली। बच्चे को मां की कमी न खले, इसलिए पार्षद दिप्तीबेन पटेल ने उसकी देखभाल की जिम्मेदारी संभाली। जब तक बच्चे के नाम का पता नहीं चला था, तब तक उसके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए सभी उसे मुस्कान नाम से ही बुला रहे थे।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/security-forces-detained-over-700-people-in-jammu-and-kashmir-after-attack-on-civilians-129009812.html,"कश्मीर में आतंक पर शिकंजा: आम लोगों की हत्याओं के बाद कश्मीर में 700 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए, आतंकियों के मददगार होने का शक","कश्मीर में आतंक पर शिकंजा:आम लोगों की हत्याओं के बाद कश्मीर में 700 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए, आतंकियों के मददगार होने का शक श्रीनगर जम्मू-कश्मीर में आम लोगों पर हमलों के बाद हरकत में आए सुरक्षाबलों ने 700 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। इन्हें आतंकियों का मददगार बताया जा रहा है। न्यूज एजेंसी AFP ने यह दावा किया है। पिछले एक हफ्ते में घाटी में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित, हिन्दू और सिख समुदाय के लोगों के साथ स्थानीय नागरिकों को भी निशाना बनाया है। उन्होंने 7 लोगों की हत्या कर दी। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया है कि हिरासत में लिए गए 500 लोगों के प्रतिबंधित धार्मिक और आतंकी समूहों से लिंक हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों के हत्यारों को खोजने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। इस मसले पर भास्कर ने जम्मू-कश्मीर के IG विजय कुमार से बात की, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। कश्मीर में कश्मीरी पंडितों और सिखों पर हमले के बाद आम लोगों में गुस्सा है। आतंकी हमलों के विरोध में यहां रोज जुलूस निकाले जा रहे हैं। युवाओं को भड़काने के आरोप में मैगजीन के ठिकानों पर रेड राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में 16 जगहों पर छापेमारी की। ये छापे श्रीनगर, अनंतनाग, कुलगाम और बारामूला में मारे गए। यह कार्रवाई वॉइस ऑफ हिंद मैगजीन के पब्लिकेशन और IED की बरामदगी मामले में की गई है। मैगजीन पर युवाओं को भड़काने वाला कंटेंट पब्लिश करने का आरोप है। यह मैगजीन फरवरी, 2020 से हर महीने ऑनलाइन पब्लिश हो रही है। हाल में कश्मीर में हुए आतंकी हमले जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों ने ईदगाह इलाके में एक स्कूल में घुसकर दो टीचर्स की हत्या कर दी थी। इनमें प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चांद शामिल थे। सुपिंदर सिख समुदाय से और दीपक चांद कश्मीरी पंडित थे। दोनों श्रीनगर के अलोचीबाग के रहने वाले थे। आतंकियों ने दोनों के आईडी कार्ड चेक करने के बाद उन्हें गोली मारी थी। श्रीनगर के इकबाल पार्क क्षेत्र में प्रसिद्ध फार्मासिस्ट माखनलाल बिंद्रू को आतंकियों ने उनके मेडिकल स्टोर में घुसकर गोली मार दी थी। 68 साल के बिंद्रू उन चुनिंदा लोगों में थे, जिन्होंने 90 के दशक में भी कश्मीर नहीं छोड़ा था। आतंकियों ने बाहरी लोगों को धमकी दी कि वे कश्मीर आकर स्थानीय लोगों के रोजगार न छीनें। बिंद्रू पर हमले के एक घंटे बाद अवंतीपोरा के हवला इलाके में आतंकियों ने बिहार के वीरेंद्र पासवान को मार डाला था। वीरेंद्र भेलपूरी और गोलगप्पे का ठेला लगाते थे। वे भागलपुर के रहने वाले थे। इसके कुछ मिनट बाद बांदीपोरा के मो. शफी लोन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। श्रीनगर के नाटीपोरा इलाके में आतंकियों ने शुक्रवार रात पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में लश्कर का एक आतंकी मारा गया। दूसरा भागने में कामयाब रहा। मारा गया आतंकी ट्रेंज शोपियां का रहने वाला आकिब बशीर कुमार था। वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/haryana/karnal/news/one-crushed-five-by-car-in-karnal-129009297.html,"करनाल में सनकी युवक ने गाड़ी से 5 को कुचला: गली में शादी के चलते परिवार ने आराम से ड्राइविंग करने को कहा तो तैश में चढ़ा दी गाड़ी; महिला समेत 2 की मौत, 3 घायल","करनाल में सनकी युवक ने गाड़ी से 5 को कुचला:गली में शादी के चलते परिवार ने आराम से ड्राइविंग करने को कहा तो तैश में चढ़ा दी गाड़ी; महिला समेत 2 की मौत, 3 घायल करनालएक घंटा पहले मौके पर पहुंची एएसपी हिमाद्री परिजनों से बातचीत करते हुए। हरियाणा के करनाल जिले के नीलोखेड़ी कस्बे में एक युवक ने गाड़ी से 5 लोगों का कुचल दिया। घटना में एक महिला समेत 2 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 3 घायलों का इलाज जारी है। मृतकों में राजी नाम की महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सुभाष नाम के व्यक्ति ने रविवार शाम करीब 6 बजे इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। एएसपी हिमाद्री ने भी मौके का मुआयना किया और आरोपी को पकड़ने के आदेश दिए। मृतका के परिजनों ने बताया कि कॉलोनी का युवक अक्सर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाता है। उनके घर में शादी के कारण मेहमान और बच्चे आए हुए हैं तो इसलिए उन्होंने युवक को गाड़ी आराम से चलाने के लिए समझाया तो वह तैश में आ गया और वारदात अंजाम दे दी। हादसे के बाद गली में खड़े परिजन और ग्रामीण। आगे और पीछे का पहिया ऊपर से निकला हैफेड कॉलोनी नीलोखेड़ी निवासी रितू ने बताया कि आरोपी युवक अजय रोजाना यहां से तेज रफ्तार में गाड़ी चलाकर निकलता है। उनके घर में परसो शादी थी। कल उनके घर में रिसेप्शन का कार्यक्रम था। सुबह के समय घर के बाहर खड़े होकर परिवार के सदस्य बातचीत कर रहे थे। इस दौरान एंडेवर गाड़ी चलाते हुए आया और घर के सामने रैंप पर खड़े सदस्यों के ऊपर चढ़ा दी। टक्कर लगने से सभी नीचे गिर गए और चाची राजी के ऊपर से आगे और पीछे वाला पहिया गुजर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। ताऊ सुभाष ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। भाभी की हालत भी गंभीर है। मां की टांग टूट गई है। आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। दुर्घटना स्थल से सैंपल लेते हुए पुलिस टीम। जानबूझकर चढ़ाई गाड़ी, जल्द करेंगे गिरफ्तार एएसपी हिमाद्री ने बताया कि दो लोगों की मौत हुई है। तीन घायल हैं। मामले की जांच चल रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अभी तक की जांच में सामने आया कि युवक ने जानबूझकर गाड़ी चढ़ाई है।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/punjab-connection-of-heroin-recovered-from-gujarat-ed-seizes-indian-and-foreign-currency-worth-79-lakhs-from-9-places-in-amritsar-wires-related-to-3-thousand-kg-heroin-recovered-from-mundra-port-129009453.html,गुजरात से बरामद हेरोइन का पंजाब कनेक्शन: अमृतसर में 9 जगह से ED ने जब्त की 79 लाख की करंसी; मुंद्रा पोर्ट से बरामद 3 हजार किलो हेरोइन से जुड़े तार,"गुजरात से बरामद हेरोइन का पंजाब कनेक्शन:अमृतसर में 9 जगह से ED ने जब्त की 79 लाख की करंसी; मुंद्रा पोर्ट से बरामद 3 हजार किलो हेरोइन से जुड़े तार जालंधर NIA के साथ ED की टीम ने भी अमृतसर में सर्च की थी। गुजरात के मुद्रा पोर्ट से बरामद 3 हजार करोड़ की हेरोइन बरामदगी के बाद पंजाब में एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। ED ने अमृतसर में 9 जगहों पर रेड कर 79 लाख की भारतीय और विदेशी करंसी बरामद की है। जिसे ड्रग मनी से जोड़कर देखा जा रहा है। कैश बरामदगी वाली जगहों में अमृतसर के पूर्व अकाली नेता अनवर मसीह की प्रॉपर्टी भी शामिल है। जिसकी कोठी से जनवरी 2020 में 194 किलो हेरोइन बरामद हुई थी। ED के जालंधर ऑफिस ने यह सर्च शुक्रवार को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की रेड के दौरान ही की थी। ED इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई कर रही है। पूर्व अकाली नेता अनवर मसीह, जिसकी कोठी से 194 किलो हेरोइन बरामद हुई थी। अमृतसर में मनी चेंजर के घर भी की रेड; 3 लोगों पर किंगपिन होने का शक ED ने शुक्रवार को पूर्व अकाली नेता अनवर मसीह की प्रॉपर्टी के अलावा अमृतसर में एक मनी चेंजर के ऑफिस पर रेड की थी। जिस पर हवाला के जरिए विदेश में ड्रग मनी भेजने का शक है। इसके अलावा अंकुश कपूर की प्रॉपर्टी पर भी ED ने रेड की थी। अंकुश को ऑस्ट्रेलिया में रह रहे तनवीर बेदी और इटली में रहने वाले सिमरनजीत सिंह संधू के साथ इस इंटरनेशनल ड्रग रैकेट का किंगपिन माना जा रहा है। ED के मुताबिक कपूर और उसके साथियों सुखविंदर सिंह, मेजर सिंह, तमन्ना गुप्ता और अफगानी नागरिक अरमान बशर ने अनवर मसीह के अमृतसर स्थित घर को अपना ठिकाना बना रखा था। जालंधर में ED का ऑफिस। बेदी इंटरनेशनल ड्रग रैकेट का किंगपिन, मुंद्रा रिकवरी केस में भी हो रही जांच पंजाब पुलिस की इंटेलिजेंस विंग के मुताबिक तनवीर बेदी पूरे इंटरनेशनल ड्रग रैकेट को चला रहा है। उसके लिंक दुबई, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से जुड़े हुए हैं। वह हवाला और फर्जी कंपनियों के जरिए पैसा ले रहे हैं। तनवीर बेदी का नाम पहले भी पूर्व सरपंच गुरदीप रानो ड्रग केस में सामने आ चुका है। जिस रैकेट को स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने नवंबर 2020 में बेनकाब किया था। अब NIA और ED मुद्रा ड्रग रिकवरी केस में बेदी और संधू की भूमिका की जांच कर रहे हैं। गुजरात के मुंद्रा पोर्ट से बरामद की गई हेरोइन। टैल्कम पाउडर की आड़ में 2 कंटेनरों से मिली थी हेरोइन करीब दो हफ्ते पहले राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने गुजरात के कच्छ के मुंद्रा पोर्ट से 3 हजार किलो हेरोइन बरामद की थी। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इसकी कीमत 21 हजार करोड़ रुपए बताई गई थी। ड्रग 2 कंटेनर्स से जब्त की गई है। एक में 2,000 किलो और दूसरे में 1,000 किलो हेरोइन मिली। अफगानिस्तान से रवाना यह खेप 13 सितंबर को ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह से गुजरात रवाना हुई थी और इसे आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा पहुंचाना था। इसे टेल्कम पाउडर के नाम पर भेजा गया था। जिसके बाद NIA के साथ ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के लिहाज से इसकी जांच शुरू कर दी थी।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/mp/ujjain/news/dance-went-viral-on-social-media-temple-pundits-and-hindu-organizations-demanded-to-ban-womens-entry-in-the-temple-129005895.html,"महाकाल मंदिर में महिला के डांस का VIDEO: फिल्मी गाने पर वीडियो शूट करने पर बवाल; पुजारी बोले- यह अभद्र प्रदर्शन है, कार्रवाई होनी चाहिए","महाकाल मंदिर में महिला के डांस का VIDEO:फिल्मी गाने पर वीडियो शूट करने पर बवाल; पुजारी बोले- यह अभद्र प्रदर्शन है, कार्रवाई होनी चाहिए उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में एक महिला का फिल्मी गाने पर बनाया गया वीडियो वायरल हो गया। महिला ने मंदिर के अंदर का वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर अपलोड किया था। इंस्टाग्राम पर उसके डेढ़ लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं। वीडियो वायरल होने के बाद महाकाल मंदिर के पुजारी ने इसे आपत्तिजनक बताया। उन्होंने मांग की कि महिला के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगाई जाए। विवाद बढ़ा तो महिला ने माफी मांग ली और वीडियो को इंस्टाग्राम से हटा दिया। क्या है पूरा विवाद? मनीषा रोशन नाम की महिला ने महाकाल मंदिर में एक वीडियो शूट किया। वीडियो में उन्होंने फिल्मी गाने 'रग-रग में इस तरह तू समाने लगा' की मिक्सिंग कर दी और इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया। यह वीडियो महाकाल ज्योतिर्लिंग के ठीक ऊपर बने ओंकारेश्वर मंदिर के पास बने पिलरों पर फिल्माया गया है। वीडियो वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि मंदिर में इस तरह के डांस करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। महाकाल मंदिर के वरिष्ठ पंडित महेश पुजारी ने कहा कि वीडियो आपत्तिजनक है। देव स्थान पर इस तरह फिल्मी गानों पर अभद्र प्रदर्शन करना बिल्कुल जायज नहीं है। महाकाल करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र हैं। ये जगह फिल्मी गानों के लिए नहीं है। ऐ​​से सभी श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित करना चाहिए। वहीं बजरंग दल के जिला संयोजक पिंटू कौशल ने कहा कि महिलाएं इस तरह हिन्दू धर्म का अपमान करेंगी तो बजरंग दल उनके खिलाफ उज्जैन कलेक्टर समेत मंदिर प्रशासन को शिकायत दर्ज करवाएगा। मंदिर में डांस की ये तस्वीरें मनीषा के वीडियो से ली गई हैं। कौन हैं मनीषा रोशन ​मनीषा रोशन इंदौर की रहने वाली हैं। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर महाकाल मंदिर के दो वीडियो अपलोड किए थे, हालांकि विवाद बढ़ने के बाद ये दोनों वीडियो डिलीट कर दिए गए। इनमें से एक वीडियो 7 सेकेंड और दूसरा 14 सेकेंड का था। मनीषा ने अब माफी मांगते हुए वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा है कि महाकाल मंदिर में बनाए गए वीडियो से किसी संगठन या व्यक्ति को ठेस पहुंची हो तो माफी मांगती हूं। मेरी भावना किसी को आहत करने की नहीं थी। मैं आगे भी ध्यान रखूंगी कि किसी की भावना आहत न हो। ये भी देखें.. मंदिर के गेट पर युवती के डांस का VIDEO:छतरपुर में सेकेंड हैंड जवानी गाने पर थिरकी; बवाल शुरू, महंत बोले- मंदिरों को बदनाम न करें लखनऊ के बड़े इमामबाड़े में डांस पर विवाद:लड़की के डांस का 30 सेकेंड का वीडियो सामने आया, योगी के मंत्री ने कार्रवाई के लिए कहा; धर्मगुरु बोले- टूरिस्टों की एंट्री रोकी जाए महाकाल मंदिर में पहले भी हो चुके हैं ऐसे विवाद ये पहला मामला नहीं है जब महाकाल मंदिर में महिलाओं को लेकर विवाद खड़ा हुआ हो। इससे पहले भी एक युवती अपने कुत्ते के साथ मंदिर में पहुंच गई थी। इसके अलावा मंदिर की सुरक्षा में लगी महिला पुलिस ने अपने जन्मदिन पर मंदिर के अंदर ही केक काट दिया था। इन दोनों घटनाओं पर भी काफी विवाद हुआ था।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/forum-fines-dominos-pizza-in-jalandhar-price-refund-order-129005756.html,12 रुपए का कैरीबैग ढाई हजार में पड़ा: जालंधर में कंज्यूमर फोरम ने डोमिनोज पिज्जा को ठोका जुर्माना; कीमत भी लौटाने के आदेश,"12 रुपए का कैरीबैग ढाई हजार में पड़ा:जालंधर में कंज्यूमर फोरम ने डोमिनोज पिज्जा को ठोका जुर्माना; कीमत भी लौटाने के आदेश जालंधर कैरीबैग के बदले 12 रुपए वसूलना जालंधर में डोमिनोज पिज्जा को ढाई हजार में पड़ा। कंज्यूमर फोरम ने इसे गलत करार देते हुए जुर्माना ठोका। इसके साथ ही डोमिनोज को कैरीबैग की कीमत भी लौटाने को कहा। फोरम ने अपने फैसले में ऐसे बड़े स्टोर की मनमानी को लेकर कई तल्ख टिप्पणियां भी की। छोटी बारादरी पार्ट -1 निवासी एडवोकेट जतिंदर अरोड़ा ने डोमिनोज से खाने का सामान खरीदा था। जिसका कुल बिल 243.40 रुपए बना। इसके अलावा पेपर बैग के बदले भी डोमिनोज ने 12 रुपए अलग से वसूले। जब उन्होंने विरोध जताया तो कैश काउंटर पर बैठे कर्मचारी ने उनके साथ मिसबिहैव किया। डोमिनोज का तर्क, कस्टमर की इच्छा से बेचते हैं कैरीबैग फोरम ने इस मामले में नोटिस निकाला तो डोमिनोज ने प्लास्टिक वेस्ट (मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग) रूल्स 2011 का हवाला दिया। जिसके जरिए दावा किया गया कि वे कस्टमर को फ्री कैरीबैग देने के लिए मजबूर नहीं हैं। हालांकि इस बारे में वे कोई रिकॉर्ड पेश नहीं कर सके। डोमिनोज ने कबूला कि उन्होंने कैरीबैग के 12 रुपए वसूले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह कस्टमर की इच्छा पर निर्भर है। उन्होंने कस्टमर की सहमति लेकर ही कैरीबैग दिया। फोरम ने कहा : बाहर से नहीं लाने देते तो यह इच्छा नहीं मजबूरी लेकिन फोरम इस तर्क से सहमत नहीं हुआ। फोरम ने कहा कि डोमिनोज जैसे बड़े स्टोर कस्टमर को अपना कैरीबैग नहीं लाने देते। वे जानते हैं कि अगर ऐसा नहीं होगा तो फिर कस्टमर आसानी से उन्हें कैरीबैग के लिए सहमति नहीं देगा। फोरम ने कहा कि कैरीबैग की कीमत प्रोडक्ट के प्रॉफिट में शामिल होती है। ऐसे में अलग से कीमत वसूलना अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस है। 45 दिन में अदायगी के आदेश फोरम ने कहा कि डोमिनोज कैरीबैग के बदले लिए 12 रुपए लौटाए। इसके अलावा कस्टमर को 500 रुपए का हर्जाना और एक हजार रुपए केस खर्च के अदा करे। वहीं, डोमिनोज को एक हजार रुपए कंज्यूमर लीगल एड अकाउंट में भी जमा कराने को कहा गया। इसके लिए 45 दिन का वक्त दिया गया है।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/farmers-gathered-with-black-flags-the-agitated-protesters-said-they-would-have-allowed-the-tears-of-the-lakhimpur-violence-victims-to-dry-up-129005796.html,सियासी रैली से भड़के किसान: जालंधर में बसपा की रैली में आ रहे SAD अध्यक्ष सुखबीर बादल की गाड़ी पर फेंका जूता; किसानों ने जमकर की नारेबाजी,"सियासी रैली से भड़के किसान:जालंधर में बसपा की रैली में आ रहे SAD अध्यक्ष सुखबीर बादल की गाड़ी पर फेंका जूता; किसानों ने जमकर की नारेबाजी जालंधर सुखबीर बादल की गाड़ी पर फेंका गया जूता। (लाल घेरे में) शिरोमणि अकाली दल (SAD) बादल के प्रधान सुखबीर बादल के जालंधर रैली में आने का किसानों ने उग्र विरोध किया। भड़के किसानों ने काफिले में जाते समय सुखबीर की गाड़ी पर जूता फेंक दिया। इस दौरान किसानों ने सुखबीर बादल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि जालंधर में बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने यह रैली रखी थी और इसमें हिस्सा लेने के लिए सुखबीर आए थे। विरोध के बावजूद सुखबीर बादल रैली में पहुंचे। गौरतलब है कि कुछ समय पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों से रैलियां न करने को कहा था। इसके बाद सुखबीर ने अपनी 100 दिन की ""गल्ल पंजाब दी' सियासी कार्यक्रम टाल दिया। बैरिकेड लगाकर किसानों को रैली की जगह पर जाने से रोकती पुलिस। काली झंडियां लेकर डट गए थे किसान इससे पहले सुखबीर के जालंधर में होने वाली रैली में पहुंचने की सूचना के मद्देनजर किसान काली झंडियां लेकर इकट्‌ठा हो गए। भड़के किसानों ने कहा कि राजनीतिक दलों को कम से कम लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के आंखों के आंसू तो सूखने देने चाहिए थे। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बसपा के साथ अकाली दल ने गठजोड़ किया है। इसलिए सुखबीर बादल भी बसपा की रैली को संबोधित करना था। इसे देखते हुए किसान विरोध करने पहुंच गए हैं। किसानों ने कहा कि नेता उत्तर प्रदेश जाकर राजनीति कर रहे हैं। अगर अकाली दल को किसानों की इतनी चिंता होती तो राजनीतिक रैलियां न करते। सुखबीर बादल के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते किसान। नशा और बेअदबी पर सुखबीर को देना होगा जवाब उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा में मरे किसानों के परिवार की आंख के आंसू भी नहीं सूखे और यह राजनीतिक रैलियां करने पर आ गए। अकाली दल को भी उनकी सरकार में नशा और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी का जवाब देना होगा। उस वक्त सुखबीर बादल के पास ही गृह विभाग था। फिर उनके राज में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई। चुनाव की अभी घोषणा भी नहीं हुई, जिद न करें नेता : जंडियाला भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रवक्ता कश्मीर सिंह जंडियाला ने कहा कि जब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने पार्टियों को रैली करने से रोका है तो फिर उन्हें जिद नहीं करनी चाहिए। इसके बावजूद सुखबीर बादल चुनावी रैली करने आ रहे हैं। चुनाव में अभी काफी वक्त बचा है। इसकी घोषणा तक नहीं हुई। ऐसे में दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देने के बजाय नेता रैलियां कर रहे हैं।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/the-asi-of-punjab-police-slapped-the-street-vendors-the-act-was-imprisoned-in-the-cctv-129005916.html,"पंजाब पुलिस के ASI की दादागीरी: बठिंडा में सड़क किनारे खड़े रेहड़ी वाले को थप्पड़ जड़ा; CCTV में कैद हुई करतूत, पहले भी ऐसे कई मामले हो चुके हैं","पंजाब पुलिस के ASI की दादागीरी:बठिंडा में सड़क किनारे खड़े रेहड़ी वाले को थप्पड़ जड़ा; CCTV में कैद हुई करतूत, पहले भी ऐसे कई मामले हो चुके हैं जालंधर रेहड़ी वाले को पीटता एएसआई। पंजाब के बठिंडा शहर में पुलिस के सहायक सब इंस्पेक्टर (ASI) की दादागीरी सामने आई है। ASI ने सड़क किनारे रेहड़ी लगाकर खड़े व्यक्ति को थप्पड़ जड़ दिया। यह करतूत वहां लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई। हालांकि अभी तक पुलिस अफसरों ने कानून के उलट काम करने वाले पुलिस कर्मी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। मामला भट्‌टी रोड पर सामने आया। पुलिस के मुताबिक, यहां रेहड़ी लगाने की वजह से ट्रैफिक बाधित होता था। कई बार रेहड़ी वाले को समझाया गया था कि वे यहां रेहड़ी न लगाएं। इसके बावजूद वे नहीं माने तो एएसआई सरकारी गाड़ी में वहां पहुंचा। रेहड़ी वाले को देखते ही उसका पारा चढ़ गया। उसने उतरकर रेहड़ी वाले को कुछ नहीं कहा और सीधे थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद वह अपनी गाड़ी में बैठकर चला गया। रेहड़ी वाले को पीटने के बाद वापस लौटता एएसआई। बठिंडा के थाना सिविल लाइन के एसएचओ रविंदर सिंह ने इतना जरूर कहा कि उसे समझाकर हटा सकते थे, लेकिन थप्पड़ मारना ठीक नहीं है। अफसर भी मानते हैं कि अगर रेहड़ी वाला नहीं मान रहा था तो उसकी रेहड़ी जब्त की जा सकती थी। पुलिस उसके खिलाफ ट्रैफिक बाधित करने का केस भी दर्ज कर सकती थी। डीएसपी गुरजीत रोमाणा की यह तस्वीरें सामने आई थी। डीएसपी ने सीएम वाली चारपाई पर रखा था पैर बठिंडा पुलिस का यह पहला कारनामा नहीं है। इससे पहले भी यहां के डीएसपी गुरजीत रोमाणा का एक वीडियो सामने आया था। रोमाणा उस चारपाई पर पैर रखकर खड़े थे, जिस पर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी बैठे थे। इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना गया। हालांकि रोमाणा का कहना था कि चारपाई उस हिस्से से उठी हुई थी। इस वजह से उन्होंने पैर रखकर उसे दबाया था। फगवाड़ा के एसएचओ नवदीप सिंह ने इस तरह टोकरी को लात मारी थी। फगवाड़ा में SHO ने सब्जी की टोकरी को मारी थी लात इससे पहले फगवाड़ा में मामला सामने आया था। जहां एसएचओ नवदीप सिंह ने सब्जी की टोकरी को लात मार दी थी। एसएचओ ने तर्क दिया था कि कोरोना फैलने की वजह से उन्हें दुकान न लगाने को कहा गया था। इसके बावजूद वे नहीं माने। हालांकि मामला वायरल होने के बाद तत्कालीन डीजीपी दिनकर गुप्ता ने एसएचओ को सस्पेंड कर दिया था। दिव्यांग व्यक्ति को पीटता जालंधर पुलिस का एएसआई, जिसे बाद में सस्पेंड किया गया। जालंधर में दिव्यांग को मारे थे लात-थप्पड़ इससे पहले जालंधर में पैरों से लाचार 90% दिव्यांग व्यक्ति को बस्ती बावा खेल में तैनात ASI रघुवीर सिंह पहले लात मारी थी। फिर उसके मुंह पर थप्पड़ मारे थे। इस दौरान दिव्यांग अपने बचाव के लिए खड़ा या वहां से आगे-पीछे भी नहीं हो सका। ASI की यह करतूत वहां लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई। जिसके बाद पीड़ित ने इसकी शिकायत कर दी। इस मामले में DGP, IG व पुलिस कमिश्नर के स्तर पर तो कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन नेशनल SC कमीशन ने पुलिस कमिश्नर से रिपोर्ट तलब कर ली। जिसके बाद ASI रघुवीर सिंह को सस्पेंड किया गया था।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/amritsar/news/nia-team-reached-anwar-masihs-house-for-investigation-talked-to-family-and-searched-the-house-129002755.html,"गुजरात से बरामद हेरोइन का पंजाब कनेक्शन: NIA ने अमृतसर में अकाली नेता अनवर मसीह के घर पर रेड की, 2 साल पुराने हेरोइन केस में जेल में है मसीह","गुजरात से बरामद हेरोइन का पंजाब कनेक्शन:NIA ने अमृतसर में अकाली नेता अनवर मसीह के घर पर रेड की, 2 साल पुराने हेरोइन केस में जेल में है मसीह अमृतसर NIA की टीम अनवर के घर से रवाना होते हुए। गुजरात पोर्ट पर पकड़ी गई 3000 किलो हेरोइन के तार पंजाब के अमृतसर से जुड़ रहे है। NIA ने शुक्रवार को पूर्व अकाली नेता और पंजाब सबऑर्डिनेट सर्विसेस बोर्ड के पूर्व सदस्य अनवर मसीह के घर दबिश दी। जांच टीम ने करीब 2 घंटे तक मसीह के परिवार से बात की। NIA की टीम सुबह 10 से 11 बजे के बीच अनवर के घर पहुंची। घर की तलाशी लेने के बाद टीम एक बैग में कुछ दस्तावेज लेकर करीब 12.30 बजे वहां से रवाना हुई। पिछले दिनों गुजरात के एक पोर्ट से 3000 किलो हेरोइन जब्त हुई थी। इस मामले में NIA ने एक व्यापारी को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के बाद अनवर मसीह का नाम सामने आया। 30 जनवरी 2020 को अनवर मसीह की अमृतसर कोठी से 197 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी। NIA के हाथ कुछ ऐसे सबूत लगे हैं, जिससे 3000 किलो हेरोइन मामले में भी अनवर के शामिल होने की बात सामने आई है। अनवर मसीह के घर पहुंचे NIA के अधिकारी। पुराना केस भी NIA ने अपने हाथ में लिया गुजरात में पकड़े गए हेरोइन के कंसाइनमेंट से मसीह का कनेक्शन सामने आने के बाद NIA ने पहले मिली 197 किलोग्राम हेरोइन केस की जांच भी अपने हाथ में ले ली है। उस मामले में जमानत के लिए अनवर मसीह कई बार याचिका लगा चुका है, लेकिन हर बार कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। अनवर ने कोर्ट से जमानत करवाने के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। इस पर STF ने अनवर की तस्वीरें कोर्ट में पेश की थीं, जिनमें वह केस रद्द कराने के लिए प्रदर्शन कर रहा था। इसके बाद कोर्ट ने उसे सरेंडर करने के लिए कहा। कोर्ट की सख्ती के बाद उसने सरेंडर कर हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका लगाई। STF ने NIA की जांच का हवाला देते हुए उसे जमानत नहीं लेने दी। वह तभी से जेल में है। मसीह ने केस रद्द कराने को डाला था दबाव अनवर मसीह ने इसी साल जुलाई महीने में STF पर केस रद्द करने के लिए दबाव डाला था। उसने कहा था कि उसे बेवजह परेशान किया जा रहा है। उसने पुलिस पर झूठे केस दर्ज करने का आरोप लगाया था। इससे पहले उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है। मसीह ने जत्थेबंदियों और धार्मिक नेताओं के साथ मसीह के खिलाफ केस रद्द करवाने के लिए रोष मार्च निकालकर STF दफ्तर के सामने 2 घंटे प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान मसीह ने जेब से शीशी निकालकर संदिग्ध पदार्थ निगल लिया था, इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया था। STF ने पकड़ी थी 197 किलो हेरोइन पंजाब STF ने अमृतसर के सुल्तानविंड इलाके में स्थित कोठी से 30 जनवरी 2020 को 197 किलो हेरोइन और 200 किलो से ज्यादा सिंथेटिक केमिकल बरामद किया था। इस मामले में एक अफगानी नागरिक समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस कोठी का मालिक पंजाब सबऑर्डिनेट सर्विसेस बोर्ड का सदस्य अनवर मसीह था। मसीह को STF ने जब किरायेदार के कागज दिखाने के लिए कहा था तो दिखा नहीं पाया था। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/tech-auto/news/facebook-apologises-for-second-outage-in-a-week-services-back-129005797.html,"फिर डाउन हुए फेसबुक-इंस्टाग्राम: 5 दिन में दूसरी बार फेसबुक और इंस्टाग्राम का सर्वर फेल, कंपनी को माफी मांगनी पड़ी","फिर डाउन हुए फेसबुक-इंस्टाग्राम:5 दिन में दूसरी बार फेसबुक और इंस्टाग्राम का सर्वर फेल, कंपनी को माफी मांगनी पड़ी नई दिल्ली सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम शुक्रवार की रात एक बार फिर डाउन हो गए। इस आउटेज पर कंपनी ने कहा कि कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म में आई तकनीकी खराबी के चलते ये दोनों प्लेटफॉर्म डाउन हो गए। इसी वजह से कई यूजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ा। 5 दिन के अंदर फेसबुक आउटेज का ये दूसरा मौका है। इससे पहले 4 अक्टूबर की रात को फेसबुक के साथ इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप 6 घंटे से भी ज्यादा देर के लिए डाउन हो गए थे। इस बार फेसबुक आउटेज का असर भारत में नहीं हुआ। जिन देशों में फेसबुक और इंस्टाग्राम डाउन हुए उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, पोलैंड और जर्मनी के कुछ हिस्से शामिल रहे। सर्वर डाउन होने के बाद ट्विटर पर #instagramdownagain हैशटैग भी ट्रेंड करने लगा। फेसबुक और इंस्टाग्राम भारतीय समय अनुसार रात 12:11 बजे पर डाउन हुए थे। इस दौरान इंस्टाग्राम यूजर्स को फीड रिफ्रेश करने में मुश्किल आ रही थी। इसके साथ ही फोटो अपलोड करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। फेसबुक ने खेद जताया सप्ताह भर के अंदर आए दूसरे आउटेज के लिए फेसबुक ने माफी मांगी है। फेसबुक ने रात 2:47 पर माफी मांगते हुए कहा कि कुछ लोगों को हमारे ऐप्स और वेबसाइट तक पहुंचने में समस्या हो रही है। अगर आप हमारी सर्विस इस्तेमाल नहीं कर पा रहे, तो हमें खेद है। हम जानते हैं कि आप एक दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए हम पर कितना निर्भर हैं। अब हमने समस्या को हल कर दिया है। इस बार भी अपना धैर्य बनाए रखने के लिए फिर से धन्यवाद। इधर इंस्टाग्राम ने भी अपने यूजर्स से माफी मांगते हुए लिखा कि आप में से कुछ लोगों को अभी इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करने में कुछ समस्या हो रही होगी। हमें बहुत खेद है। चीजें अब ठीक हो गई हैं और अब सब कुछ सामान्य हो जाना चाहिए। हमारा सहयोग करने के लिए धन्यवाद। 4 दिन पहले भी मांगी थी माफी सप्ताह के शुरुआत में जब फेसबुक आउटेज हुआ था तब फेसबुक के साथ वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम बंद हो गए थे। आउटेज की समस्या कई घंटे बीतने के बाद भी बनी रही, ऐसे में लोग न मैसेज भेज पा रहे थे और न ही रिसीव कर पा रहे थे। कंपनी के सर्वर डाउन होने की वजह से ये दिक्कत आई थी। आउटेज ट्रैकिंग कंपनी Downdetector.com के मुताबिक दुनियाभर में 1.06 करोड़ यूजर्स ने सर्विसेज बंद होने की शिकायतें दर्ज करवाई थीं। ऐसे में फेसबुक ने माफी मांगते हुए लिखा था... कुछ लोगों को ऐप इस्तेमाल करने में दिक्कत हो रही है। हम इसके लिए माफी मांगते हैं। जल्द ही इस समस्या को ठीक कर लिया जाएगा। वहीं, वॉट्सऐप की ओर से सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा गया कि हमें पता है कि इस समय कुछ लोगों को समस्या आ रही है। आपके धैर्य के लिए धन्यवाद। टेलीग्राम से 7 करोड़ यूजर्स जुड़े 5 अक्टूबर को टेलीग्राम ऐप से 7 करोड़ यूजर्स जुड़े। टेलीग्राम की इस बड़ी कामयाबी के पीछे फेसबुक आउटेज का बड़ा हाथ रहा। दरअसल, इसी दिन शाम को फेसबुक समेत वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम ठप हो गए थे। जो 6 घंटे से ज्यादा बंद रहे। इन प्लेटफॉर्म के बंद होने का फायदा टेलीग्राम को मिला। टेलीग्राम पर मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 500 मिलियन (50 करोड़) के पार हो गई है।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/maharashtra/news/aryan-khan-drug-peddler-whatsapp-chat-ncb-on-mumbai-cruise-ship-case-129005791.html,"बॉलीवुड के ड्रग्स कोडवर्ड: NCB का दावा- आर्यन ने पैडलर को 'फुटबॉल' लाने के लिए कहा था, इसका मतलब है ड्रग्स की बल्क क्वांटिटी","बॉलीवुड के ड्रग्स कोडवर्ड:NCB का दावा- आर्यन ने पैडलर को 'फुटबॉल' लाने के लिए कहा था, इसका मतलब है ड्रग्स की बल्क क्वांटिटी मुंबई लेखक: विनोद यादव कोर्डवर्ड ‘फुटबॉल’ के मतलब का खुलासा NCB की ओर से ASG अनिल सिंह ने किला कोर्ट में किया है। -फाइल फोटो क्रूज ड्रग्स केस में गिरफ्तार अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान मुंबई की आर्थर रोड जेल में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं। शुक्रवार को आर्यन की जमानत अर्जी पर मुंबई की किला कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने आर्यन की व्हाट्स ऐप चैट के हवाले से बड़ा खुलासा किया। ASG अनिल सिंह ने अदालत को बताया कि आर्यन और ड्रग्स सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार अचित कुमार की एक चैट NCB के हाथ लगी है। इसमें आर्यन उनसे कोडवर्ड में 'फुटबॉल' लाने की बात कह रहे हैं। बता दें कि अचित कुमार ड्रग्स पेडलर है। उसे NCB ने आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट की निशानदेही पर पवई इलाके से गिरफ्तार किया है। NCB ने क्या बताया 'फुटबॉल' का मतलब? कोर्डवर्ड ‘फुटबॉल’ के मतलब का खुलासा NCB की ओर से ASG अनिल सिंह ने किला कोर्ट में किया है। उन्होंने कहा कि NCB को संदेह है कि ‘फुटबॉल’ का मतलब 'बल्क क्वांटिटी' में ड्रग्स से है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि खुली अदालत में ऐसे कोडवर्ड के बारे में वे अधिक नहीं बोलना चाहते। दीपिका के ड्रग्स चैट भी हुए थे लीक अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले में ड्रग्स एंगल सामने आने पर NCB के हवाले से एक वॉट्सएप चैट भी लीक होकर वायरल हुआ था। जिसमें 'हैश' व 'वीड' जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल किया गया था। NCB के मुताबिक, इसका मतलब 'हशीश' और 'गांजा' था। इस मामले में दीपिका की मैनेजर करिश्मा प्रकाश से भी NCB ने घंटों पूछताछ की थी। दीपिका को भी NCB दफ्तर बुलाकर कई घंटे पूछताछ की गई थी। हालांकि, पूछताछ में एक्ट्रेस ने कहा था कि वे बड़ी सिगरेट और छोटी सिगरेट के बारे में बात कर रहीं थीं। रिया चक्रवर्ती का भी कोड वर्ड आया था सामने रिया चक्रवर्ती और शोविक के बीच हुई वॉट्सएप चैट में 'बड' नामक कोर्डवर्ड इस्तेमाल हुआ था। इसी प्रकार अभिनेता सुशांत सिंह सुसाइड केस की जांच के दौरान 'रुपया', 'डॉलर' और 'पाउंड' जैसे कोडवर्ड भी ड्रग्स के लिए इस्तेमाल हुए थे।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/maharashtra/news/cruise-ship-raid-case-news-and-update-raid-being-conducted-at-the-residence-and-office-of-film-producer-imtiyaz-khatri-129005641.html,"क्रूज ड्रग्स केस में NCB का एक्शन तेज: शाहरुख खान के ड्राइवर को समन, वही आर्यन को क्रूज तक लेकर गया था; अरबाज को ड्रग्स सप्लाई करने वाला पैडलर अरेस्ट","क्रूज ड्रग्स केस में NCB का एक्शन तेज:शाहरुख खान के ड्राइवर को समन, वही आर्यन को क्रूज तक लेकर गया था; अरबाज को ड्रग्स सप्लाई करने वाला पैडलर अरेस्ट मुंबई क्रूज पर ड्रग पार्टी केस में किंग खान के बेटे आर्यन जेल भेजे जा चुके हैं। उन पर ड्रग्स लेने का आरोप है। अब NCB ने शाहरुख खान के ड्राइवर को समन भेजा है। राजेश मिश्रा नाम का यही ड्राइवर आर्यन को क्रूज तक लेकर गया था। जांच एजेंसी को शक है कि क्रूज पर पार्टी में शामिल होने के लिए जाते समय आर्यन ने कार में ही ड्रग्स का सेवन किया था। NCB ने शनिवार शाम को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई के खार वेस्ट इलाके से एक ड्रग पैडलर को अरेस्ट किया हुई। क्रूज ड्रग्स केस में यह NCB की 19वीं गिरफ्तारी है। इस शख्स पर अरबाज मर्चेंट को ड्रग्स सप्लाई करने का आरोप है। क्रूज पर ड्रग्स पार्टी के मामले में गिरफ्तार आर्यन खान जेल में हैं। किला कोर्ट से शुक्रवार को जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आर्यन के वकील सतीश मानशिंदे अब सेशन कोर्ट में जमानत की अपील करेंगे। इस बीच पता चला है कि आर्यन और अरबाज मर्चेंट ने NCB की पूछताछ के दौरान ड्रग्स लेने की बात कबूल की है। आर्यन ने कहा है कि वे चरस पीते हैं और क्रूज पार्टी के दौरान भी चरस लेने वाले थे। NCB ने अदालत में दिए पंचनामे में बताया है कि तलाशी के दौरान अरबाज ने जूते से ड्रग्स का पाउच निकालकर दिया था। अरबाज के पास से 6 ग्राम चरस बरामद हुई थी। कार्रवाई से पहले NCB ने NDPS की धाराएं बताईं पंचनामे के मुताबिक NCB अफसर आशीष रंजन प्रसाद ने आर्यन और अरबाज को पूछताछ की वजह बताई। इसके बाद प्रसाद ने दोनों को NDPS एक्ट की धारा-50 के बारे में समझाया। NCB ने आर्यन और अरबाज को ये विकल्प भी दिया कि अगर वे चाहें तो उनकी तलाशी गजेटेड अधिकारी या फिर मजिस्ट्रेट के सामने ली जा सकती है, लेकिन दोनों ने इससे इनकार कर दिया। आर्यन और अरबाज ने ड्रग्स होने की बात मानी पंचनामे के मुताबिक जांच अधिकारी ने आर्यन और अरबाज से पूछा कि क्या उनके पास किसी तरह की नारकोटिक्स ड्रग्स है? जवाब में दोनों ने प्रतिबंधित ड्रग्स होने की बात कबूल की। अरबाज ने NCB अधिकारियों को बताया कि उसके जूतों में चरस है। इसके बाद अरबाज ने जूतों में रखे एक जिप लॉक पाउच को खुद ही निकालकर दे दिया। दोनों ने ड्रग्स लाकर पार्टी में जाने की बात मानी इस पाउच के अंदर काले रंग का चिपचिपा पदार्थ था। डीडी किट से इसकी जांच की गई तो पुष्टि हुई कि ये चरस है। पंचनामे के मुताबिक अरबाज ने माना कि वह आर्यन के साथ चरस का सेवन करता है और वे इस क्रूज सफर पर धमाल मचाने के लिए ले जा रहे थे। इसके बाद जब आर्यन खान से पूछताछ की गई तो उन्होंने भी माना कि वे चरस लेते हैं ये चरस क्रूज पर सफर के दौरान स्मोकिंग के लिए थी। आर्यन की जमानत पर सोमवार को नई स्ट्रैटजी बनाएंगे वकील आर्यन के वकील सतीश मानशिंदे का कहना है कि पहले वे किला कोर्ट के आदेश की कॉपी देखेंगे और फिर सोमवार को तय करेंगे कि क्या करना है। मानशिंदे ने शुक्रवार को कोर्ट में दलील दी थी कि आर्यन की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं रही है। वे बॉलीवुड से हैं और इनविटेशन पर क्रूज पर गए थे। उनके मोबाइल का डेटा फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इसके अलावा उनके पास कुछ बरामद नहीं हुआ है। मानशिंदे ने ये दलील भी दी थी कि आर्यन का परिवार मुंबई में रहता है। उनके पास भारतीय पासपोर्ट है और ऐसा नहीं है कि वे फरार हो जाएंगे। साथ ही कहा था कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ का सवाल ही नहीं उठता है, इसीलिए आर्यन को जमानत दी जानी चाहिए। वहीं NCB ने ये कहकर विरोध किया कि इस मामले में जमानत पर सुनवाई सेशन कोर्ट में होनी चाहिए।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/maharashtra/mumbai/news/filmmaker-imtiaz-khatris-house-and-office-were-raided-by-ncb-sushant-was-also-accused-of-supplying-drugs-129005709.html,"क्रूज ड्रग्स पार्टी: फिल्म निर्माता इम्तियाज खत्री के घर और ऑफिस पर NCB ने 8 घंटे तक की छापेमारी, सोमवार को फिर से पूछताछ के लिए समन किया","क्रूज ड्रग्स पार्टी:फिल्म निर्माता इम्तियाज खत्री के घर और ऑफिस पर NCB ने 8 घंटे तक की छापेमारी, सोमवार को फिर से पूछताछ के लिए समन किया मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में NCB ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बिल्डर और फिल्म प्रोड्यूसर इम्तियाज खत्री के बांद्रा स्थित घर और ऑफिस में 8 घंटे तक छापेमारी की है। ​​​​​इम्तियाज का नाम अचित कुमार की पूछताछ में सामने आया है। अचित को NCB ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था। इम्तियाज पर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को भी ड्रग्स सप्लाई करने का आरोप लगा था। इम्तियाज के बॉलीवुड के बड़े सितारों के साथ कनेक्शन हैं। जांच में सामने आया है कि शाहरुख खान और आर्यन खान से भी उनके काफी अच्छे संबंध हैं। NCB ने आज की छापेमारी के बाद खत्री को फिर से पूछताछ के लिए सोमवार को बुलाया है। सुशांत ड्रग्स मामले से खत्री का कनेक्शन सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी के वकील अशोक सरावगी ने दावा किया था कि रिया और सुशांत को खत्री नाम का एक व्यक्ति ड्रग्स देता था। उन्होंने कहा था कि खत्री का पूरा नाम उन्हें नहीं पता, लेकिन वह बॉलीवुड का बड़ा ड्रग सप्लायर है। कौन हैं इम्तियाज खत्री? इम्तियाज खत्री फिल्म प्रोड्यूसर तो हैं ही, साथ ही बिल्डर भी हैं। उनकी INK इंफ्रास्ट्रक्चर नाम की कंपनी है। 2017 में VVIP यूनिवर्सल एंटरनेटमेंट नाम की एक कंपनी बनाई गई थी, जो बॉलीवुड में नए कलाकारों को मौका देती है। इसके डायरेक्टर के तौर पर इम्तियाज का नाम दर्ज है। मुंबई में इम्तियाज की अपनी एक क्रिकेट टीम भी है और वे बॉलीवुड फिल्मों में भी पैसा लगाते हैं। इम्तियाज ने मराठी फिल्म 'हृदयांतर' बनाई है।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/maharashtra/news/mumbai-lucknow-pushpak-express-woman-gangraped-and-passengers-robbed-in-train-four-arrested-129005937.html,"चलती ट्रेन में गैंगरेप: लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में 20 साल की महिला से हुई ज्यादती, 4 आरोपी गिरफ्तार; यात्रियों से लूटपाट भी की थी","चलती ट्रेन में गैंगरेप:लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में 20 साल की महिला से हुई ज्यादती, 4 आरोपी गिरफ्तार; यात्रियों से लूटपाट भी की थी मुंबई चलती ट्रेन में गैंगरेप की घटना शुक्रवार रात महाराष्ट्र के इगतपुरी से कल्याण के बीच हुई है।- फाइल फोटो। महाराष्ट्र में लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में 20 साल की महिला से गैंगरेप का मामला सामने आया है। इस मामले में शनिवार को चार आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं चार आरोपियों की तलाश जारी है। महिला अपने पति के साथ यात्रा कर रही थी। मुंबई GRP कमिश्नर कैसर खालिद के ने बताया कि इगतपुरी से पुष्पक एक्सप्रेस में 8 बदमाश सवार हुए थे, उन्होंने चलती ट्रेन में पहले लूटपाट की और फिर एक महिला से दुष्कर्म किया। ये घटना शुक्रवार रात की बताई जा रही है। यात्रियों ने रात 8 बजे कॉल करके वारदात की जानकारी दी और मदद मांगी। पुलिस ने टीम रवाना कर औरंगाबाद के इगतपुरी, कसारा रेलवे स्टेशन के बीच बदमाशों को दबोच लिया। इस मामले में कल्याण रेलवे पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। रेलवे पुलिस के मुताबिक आरोपी औरंगाबाद रेलवे डिस्ट्रिक्ट में पड़ने वाले इगतपुरी से स्लीपर बोगी के कोच नंबर डी-2 में सवार हुए थे। उन्होंने इगतपुरी से कल्याण के बीच वारदात की थी। 15 से 20 यात्रियों से लूटपाट भी की आरोपियों ने 15 से 20 यात्रियों से लूटपाट भी की है। उन्होंने यात्रियों से नगदी, मोबाइल और कीमती सामान छीन लिए। रेलवे पुलिस ने इस मामले में IPC और भारतीय रेलवे एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। पीड़ित यात्रियों ने 96,390 रुपए के लूटपाट की जानकारी दी। बदमाशों के पास से लूटे गए रुपयों में से 34,200 रुपए बरामद कर लिए गए हैं। श्रावस्ती से मुंबई जा रहे थे पीड़ित यात्री, लखनऊ से पकड़े थे ट्रेन कमिश्नर खालिद कैसर ने बताया कि पीड़ित यात्री यूपी के श्रावस्ती जिले के रहने वाले हैं। सभी मुंबई में नौकरी और मजदूरी करते हैं। गुरुवार को सभी पीड़ित लखनऊ से मुंबई जाने के लिए पुष्पक एक्सप्रेस पर सवार हुए थे। बदमाशों ने लूटपाट शुरू की तो इनमे एक यात्री की पत्नी ने विरोध किया। बदमाशों ने विरोध करने वाली महिला से गैंगरेप किया।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/shahrukh-khan-on-the-target-of-trollers-after-closing-byjus-ads-users-said-book-from-the-app-charas-ganja-heroin-129006038.html,"इन मीम्स के चलते BYJU'S ने शाहरुख के ऐड रोके: आर्यन खान केस के बाद ट्रोल हुआ BYJU's, यूजर्स बोले- नशेड़ी के बाप के सारे ऐड बंद","इन मीम्स के चलते BYJU'S ने शाहरुख के ऐड रोके:आर्यन खान केस के बाद ट्रोल हुआ BYJU's, यूजर्स बोले- नशेड़ी के बाप के सारे ऐड बंद क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले में गिरफ्तार आर्यन खान के केस का असर अब उनके पिता शाहरुख खान के प्रोफेशन पर पड़ता दिख रहा है। अब हाल ही में एक खबर सामने आई है कि लर्निंग ऐप BYJU'S (बायजूस) ने शाहरुख खान द्वारा किए गए सभी विज्ञापन रोक दिए हैं। आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद से ही शाहरुख खान लगातार ट्रोलर्स के निशाने पर रहे हैं। देखिए किस तरह ट्रोल हुए शाहरुख खान.. कपिल मकरानी ने ट्वीट कर लिखा, BYJU'S ने नशेड़ी के बाप के सारे ऐड पर लगाई रोक, अब हिंदुस्तान में डर लगने लगेगा। शाहरुख खान की फोटो के साथ BYJU'S के एक पोस्टर को एडिट कर लिखा है- BYJU'S ऐप पर घर से बुक करें- चरस, गांजा, हेरोइन। BYJU'S के एक पोस्टर को और पोस्टर को एडिट कर लिखा है, आइए प्यार में पड़ें चरस, कोकेन, हेरोइन के साथ। एमएल बागरी ने नशे करते हुए एक बच्ची की कार्टून फोटो शेयर कर लिखा, शाहरुख से प्रेरित BYJU'S के छात्र। अभिषेक नाग ने BYJU'S का एडिटेड पोस्टर शेयर किया है, पोस्टर पर लिखा- गांजा की क्लास जल्द शुरू। अमरजीत सिंह ने 2 फोटो का कोलाज शेयर किया। पहली फोटो में स्टूडेंट्स पढ़ाई करते दिख रहे हैं। वहीं, दूसरी फोटो में एक व्यक्ति नशा करते दिख रहा है। पहली फोटो पर लिखा, नॉर्मल स्टूडेंट्स और दूसरी फोटो पर लिखा है, बायजूस स्टूडेंट्स। कौशिक ने शाहरुख और आर्यन की फोटो शेयर कर लिखा- ब्रांड एंबेसडर शाहरुख खान जो कैंसर पैदा करने वाले गुटखा पान मसाला को बढ़ावा देते थे, उनके बेटे आर्यन खान को रेव पार्टी में रंगे हाथों पकड़ा गया। इस तरह से BYJUS के ग्राहक इससे अपना करियर बनाएंगे? सुमंत तिवारी ने लिखा- लर्निंग ऐप बायजूस को शाहरुख खान को अपना ब्रांड एंबेसडर पद से तुरंत हटा देना चाहिए। गोविंद ने एक मीम शेयर कर लिखा, बायजूस चाहता है कि शाहरुख खान माता-पिता को प्रेरित करें कि वे अपने बच्चों को बायजूस से पढ़ाएं, लेकिन शाहरुख का खुद का बेटा रेव पार्टी से गिरफ्तार हो गया।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/shah-rukh-khan-byjus-ads-how-much-aryan-khan-father-fees-for-advertisement-129005898.html,"किंग खान को बड़ा झटका: BYJU'S ने शाहरुख खान के सभी विज्ञापन रोके, प्री-बुकिंग के बावजूद रिलीज नहीं किए जा रहे ऐड","किंग खान को बड़ा झटका:BYJU'S ने शाहरुख खान के सभी विज्ञापन रोके, प्री-बुकिंग के बावजूद रिलीज नहीं किए जा रहे ऐड ड्रग्स केस में फंसे आर्यन खान के केस का बुरा असर अब उनके पिता शाहरुख खान के प्रोफेशन पर पड़ने लगा है। लर्निंग ऐप BYJU'S (बायजूस) ने बॉलीवुड एक्टर के सभी विज्ञापनों पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं शाहरुख के प्री-बुकिंग ऐड की रिलीजिंग भी नहीं की जा रही है। शाहरुख की स्पॉन्सरशिप डील्स में बायजूस सबसे बड़ा ब्रांड था। इस ब्रांड को एंडोर्स करने के बदले शाहरुख को सालाना 3 से 4 करोड़ रुपए मिलते थे। वे 2017 से कंपनी के ब्रांड एंबेसडर हैं। इसके अलावा उनके पास ICICI बैंक, रिलायंस जियो, LG, दुबई टूरिज्म, हुंडई जैसी करीब 40 कंपनियों का एंडोर्समेंट हैं। शाहरुख खान के बेटे ने ड्रग्स लेने की बात मानी, NCB को बताया- मैं चरस पीता हूं कंपनी को क्यों लेना पड़ा फैसला आर्यन की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर शाहरुख की ट्रोलिंग शुरू हो गई थी। लोगों ने ब्रांड्स को भी टारगेट करना शुरू कर दिया था, जिनका विज्ञापन शाहरुख करते हैं। सोशल मीडिया पर लोग BYJU'S से सवाल पूछ रहे थे कि कंपनी शाहरुख को ब्रांड एंबेसडर बनाकर क्या संदेश दे रही है? क्या एक्टर अपने बेटे को यही सब सिखाते हैं। बॉलीवुड के ड्रग्स कोडवर्ड: यहां फुटबॉल का मतलब है ड्रग्स की बल्क क्वांटिटी कोचिंग क्लास से शुरू हुआ BYJU'S का सफर 39 वर्षीय रविंद्रन ने 2007 में कैट की तैयारी कराने के लिए कोचिंग क्लास शुरू की थी। 2009 में उनके कई छात्र उनके साथ हो गए थे। 2011 में उन्होंने थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड नाम के साथ अपनी कंपनी रजिस्टर्ड की। 2015 में एप लांच करने के बा कंपनी को बड़ी सफलता मिली। इसके बाद दुनियाभर के प्रतिष्ठित निवेशकों ने कंपनी में पैसे लगाए। 2018 में उनकी कंपनी का वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर हो चुका था।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/aryan-khan-friend-munmun-dhamecha-hides-drugs-in-sanitary-pads-129006256.html,"ड्रग छिपाने का VIDEO: सैनिटरी पैड्स में ड्रग छिपाकर क्रूज पर ले गई थी मुनमुन धमीचा, NCB ने रेड का VIDEO जारी कर दिखाया","ड्रग छिपाने का VIDEO:सैनिटरी पैड्स में ड्रग छिपाकर क्रूज पर ले गई थी मुनमुन धमीचा, NCB ने रेड का VIDEO जारी कर दिखाया मुंबई लेखक: आशीष राय मुंबई में क्रूज रेव पार्टी में पकड़े गए आरोपियों ने ड्रग्स छिपाने के लिए बेहद महफूज तरीके अपनाए थे। लड़कों ने जूतों में तो लड़कियों ने सैनिटरी पैड्स में ड्रग्स छिपा रखी थीं। NCB ने शनिवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें सैनिटरी पैड्स में छिपाकर रखी गईं ड्रग पिल्स को दिखाया गया। जांच एजेंसी के मुताबिक, 'कॉर्डेलिया द इम्प्रेस' क्रूज से पकड़ी गई आरोपी मुनमुन धमीचा ने इस तरीके से ड्रग्स को छिपाया था। NCB ने बताया है कि यह मुनमुन के कमरे से सीजरिंग का वीडियो है और इसे क्रूज पर सर्चिंग के दौरान बनाया गया था। NCB ने मुनमुन के खिलाफ NDPS एक्ट की धारा 8(c), 20(b), 27 और 35 के तहत मामला दर्ज किया है। वे अभी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। मॉडल हैं ड्रग्स पार्टी में पकड़ी गई मुनमुन ड्रग्स केस में आर्यन खान के साथ गिरफ्तार हुई दिल्ली की मुनमुन धमीचा के पास से NCB को ड्रग्स मिली हैं। मुनमुन एक मॉडल हैं और अक्सर पार्टियों में दिखती हैं। कई जगह वे गुरु रंधावा, सुयश राय और अर्जुन रामपाल जैसी हस्तियों के साथ दिखी हैं। मॉडल मुनमुन धमीचा हाई प्रोफाइल पार्टियों में देखी जाती हैं। मध्य प्रदेश के सागर की रहने वाली हैं मुनमुन मुनमुन मूल रूप से मध्य प्रदेश के सागर की रहने वाली हैं। उनकी स्कूलिंग भी सागर में हुई और हायर एजुकेशन के लिए वे भोपाल शिफ्ट हो गईं। हालांकि, अब सागर में उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं रहता है। मुनमुन के पिता का कई साल पहले और उनकी मां का पिछले साल निधन हो गया था। साल 2014 से वे अपने भाई के साथ दिल्ली में रहती हैं। वे एक प्राइवेट कंपनी में बड़ी पोस्ट पर काम करते हैं। मुनमुन मध्य प्रदेश के सागर की रहने वाली हैं। हालांकि, वहां उनके घर पर ताला पड़ा है। सोशल मीडिया पर मुनमुन के 11 हजार फॉलोअर्स मुनमुन ने अपने सोशल मीडिया पेज पर शूटिंग स्टूडियो और फोटोशूट की तस्वीरें भी शेयर की हुई हैं। मुनमुन के Instagram पर करीब 11 हजार फॉलोअर्स हैं और उन्‍होंने इसमें अपनी मॉडलिंग शूट्स की कई फोटोज पोस्‍ट की हैं। मुनमुन धमीचा सोशल मीडिया पर खासी एक्टिव हैं और उनके 11 हजार फॉलोअर्स हैं। हाईप्रोफाइल लोग क्रूज पर ड्रग्स छिपाकर ले गए थे इस केस में NCB ने पहले दिन ही अंदेशा जताया था कि हाईप्रोफाइल लोग अंडरगारमेंट्स में ड्रग्स छिपाकर ले गए थे। सूत्रों के मुताबिक, क्रूज पर जो रेव पार्टी चल रही थी उसमें शामिल लोग अपनी पैंट की सिलाई में, महिलाओं के पर्स के हैंडल में, अंडरवियर के सिलाई वाले हिस्से में और कॉलर की सिलाई में छिपाकर ड्रग्स ले गए थे।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/international/news/jagjit-singh-in-the-dark-shadow-of-life-who-if-called-pandit-of-music-then-equally-big-maestro-129008968.html,जगजीत की बरसी पर उनकी पत्नी चित्रा सिंह का पत्र: जिंदगी की धूप में घने साए से जगजीत सिंह... जो अगर संगीत के ‘पंडित’ कहे गए तो उतने ही बड़े ‘उस्ताद’ भी,"जगजीत की बरसी पर उनकी पत्नी चित्रा सिंह का पत्र:जिंदगी की धूप में घने साए से जगजीत सिंह... जो अगर संगीत के ‘पंडित’ कहे गए तो उतने ही बड़े ‘उस्ताद’ भी साल 2021-22 जगजीत का 81वां जयंती वर्ष है। आज ही के दिन 10 साल पहले जगजीत सिंह हम सबसे दूर चले गए थे। दुनिया ने एक आला दर्जे का संगीतकार और उतना ही अद्भुत इंसान खो दिया था। दुनिया भले उन्हें गायक, संगीतकार के रूप में जानती हो, लेकिन उनकी हदें बस इतनी नहीं थी। दयालुता, ईमानदारी, समर्पण, आध्यात्मिक चेतना, बुद्धिमत्ता, बिना शर्त प्रेम। ऐसे कौन से गुण उनमें नहीं थे। दुनियाभर के लोग अगर आज भी दिल की गहराई से उन्हें याद किया करते हैं, तो उसकी यही तो तमाम वजहें हैं। उनकी आवाज सुनने वालों के कानों में अगर शहद की तरह उतरी तो उसके पीछे भी यही वजहें थीं। और उनके संगीत ने अगर लोगों के दिलों की गहराई में पैठ पाया तो उसमें भी। उन्होंने अपने संगीत को लोगों तक पहुंचाने का जरिया ‘गजल’ को बनाया। तब जबकि लोक संगीत के अलावा फिल्म और शास्त्रीय संगीत ही आम लोगों के बीच लोकप्रिय होता था। उर्दू शेरो-शायरी के लिए प्यार, शास्त्रीय संगीत की प्रशिक्षा, संगीत की अपनी समझ और ऑर्केस्ट्रा संयोजन, ध्वनि नियंत्रण, मिश्रण, संपादन जैसी तमाम तकनीकी दक्षताओं के साथ वे लोगों के सामने आए तो लाजवाब आए। गजल, भक्ति संगीत, फिल्म संगीत, ठुमरी, दादरा और शास्त्रीय भी। संगीत की ऐसी कोई शैली नहीं बची, जो उन्होंने छुई नहीं। और जिसने उनके छुए जाते ही लोगों के दिलों को छुआ नहीं। इसीलिए वे अगर संगीत के ‘पंडित’ कहे गए तो उतने ही बड़े ‘उस्ताद’ भी कहे जाते थे। मेरे वे गुरु थे। हमसफर और दोस्त भी। इससे भी ऊपर मेरे संरक्षक। उन्होंने मेरे पूरे परिवार को अपना सुरक्षा कवच दे रखा था। मेरे माता-पिता के लिए भी वे बेटे की तरह थे। हम सबका और हमारा ही क्या हर किसी का दुख-दर्द जैसे उनकी नजदीकी भर से दूर हो जाता था। उनकी जगह कोई नहीं ले सकता। जगजीत जैसी प्रतिभा की खोज के लिए सालभर चलेगी शृंखला जगजीत सिंह के जाने के बाद गजल ही नहीं पूरी संगीत की दुनिया में एक खालीपन सा है। यह तब तक नहीं भर सकता, जब तक जगजीत जैसा कोई कलाकार सामने नहीं आता। यह थोड़ी दूर की बात है। फिर भी हमने ‘जगजीत सिंह फाउंडेशन’ बनाकर कोशिशें शुरू की हैं। साल 2021-22 जगजीत का 81वां जयंती वर्ष भी है। इस मौके पर फाउंडेशन दुनियाभर से संगीत-प्रतिभाओं की खोज के लिए शृंखला चलाएगाा। अंत में चुनी गई प्रतिभाओं को ऑनलाइन संगीत समारोह में जगजीत की 80 गजलें गाने का मौका मिलेगा। पद्म भूषण (2003) जगजीत को भारत रत्न मिले, ऐसी दुनियाभर के उनके प्रशंसकों की इच्छा है।",-1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/dainik-bhaskar-knowledge-series-update-news-today-10-10-2021-aao-jaane-apna-bharat-quiz-contest-chance-to-win-prizes-worth-over-rupees-11-lakh-in-75-days-129008944.html,"दैनिक भास्कर नॉलेज सीरीज: 'आओ जानें अपना भारत' क्विज कॉन्टेस्ट, 75 दिन में 11 लाख रुपए से अधिक के पुरस्कार जीतने का मौका","दैनिक भास्कर नॉलेज सीरीज:'आओ जानें अपना भारत' क्विज कॉन्टेस्ट, 75 दिन में 11 लाख रुपए से अधिक के पुरस्कार जीतने का मौका आजादी के 75वें साल के जश्न में भास्कर के पाठकों के लिए खास पेशकश। हमने 15 अगस्त से ‘आओ जानें अपना भारत’ क्विज शुरू की है। इसमें हिस्सा लेकर अपना नॉलेज बढ़ाएं। साथ ही कुल 11 लाख रुपए से अधिक के इनाम में विजेता बनने का मौका भी पाएं। दैनिक भास्कर समाचार पत्र में रोज 3 सवाल प्रकाशित होंगे और सही जवाब देने वालों में से लॉटरी पद्धति से रोज 2 विजेता चुने जाएंगे। हर दिन प्रत्येक विजेता को आकर्षक पुरस्कार मिलेंगे। आप 9190000072 पर मिस्ड कॉल देकर इस क्विज में शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही https://forms.gle/HouURG5R86tDuobS8 पर ऑनलाइन सवालों का जवाब दे सकते हैं। क्विज में शामिल होने का तरीका भी बेहद आसान है। आप 9190000072 पर मिस्ड कॉल देकर इसका हिस्सा बन सकते हैं। आपके मोबाइल पर एक लिंक मैसेज आएगा जिसे क्लिक करके आप बेहद आसानी से जवाब दाखिल कर सकते हैं। क्विज का ऑनलाइन लिंक रोज सुबह 6 बजे से दोपहर 3 बजे तक खुला रहेगा। सिर्फ ऑनलाइन लिंक के जरिए दिए गए सवालों के जवाब ही मान्य होंगे। विजेताओं के नाम की घोषणा अगले दिन अखबार के फ्रंट पेज पर की जाएगी।",-1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/india/latest-news-updates-10-october-india-china-talk-lakhimpur-violence-aryan-khan-news,"केरल: पिछले 24 घंटों में 10,691 नए कोविड मामले सामने आएं, 85 लोगों की हुई मौत","केरल में कोविड का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा. पिछले 24 घंटों में 10,691 नए कोविड मामले सामने आएं. 12,655 मरीज रिकवर हुए जबकि कोविड संक्रमण के कारण 85 लोगों की मौत हो गयी.",-1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/hariyana-cm-manohar-lal-khattar-meets-home-minister-amit-shah-over-reopening-of-singhu-border-blocked-by-farmers,किसान आंदोलन पर अमित शाह से बातचीत के बाद CM खट्टर- जल्द खुल जाएंगे बॉर्डर,"गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar lal Khattar) के बीच दिल्ली में बैठक हुई. जिसमें सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन को लेकर चर्चा की गई. साथ ही राज्यभर में अलग-अलग हिस्सों में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर भी सीएम ने अमित शाह को जानकारी दी. इस मुलाकात के बाद हरियाणा के सीएम खट्टर ने जानकारी देते हुए कहा- """"""मैंने (मनोहर लाल खट्टर) आज अमित शाह जी से मुलाकात की, जहां उन्हें सिंघु और टिकरी बॉर्डर को खोलने के मुद्दे पर जानकारी दी गई. मैंने उन्हें राज्य में कई स्थानों पर हो रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में भी बताया है. मुझे उम्मीद है कि बॉर्डर जल्द ही खुल जाएंगे."""" मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री, हरियाणा"" ""मैंने (मनोहर लाल खट्टर) आज अमित शाह जी से मुलाकात की, जहां उन्हें सिंघु और टिकरी बॉर्डर को खोलने के मुद्दे पर जानकारी दी गई. मैंने उन्हें राज्य में कई स्थानों पर हो रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में भी बताया है. मुझे उम्मीद है कि बॉर्डर जल्द ही खुल जाएंगे."" मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री, हरियाणा सीएम खट्टर ने ये भी बताया कि ""सिंघु बॉर्डर से सटे के सोनीपत जिले के आसपास के गांवों के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल मुझसे मिलने आया और सिंघु बॉर्डर तक की सड़क खोलने की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका संज्ञान लिया है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा"". कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मुलाकात में केवल इतनी ही बातचीत नहीं हुई है बल्कि ऐलानाबाद में होने वाले उप चुनावों को लेकर भी चर्चा की गई. बॉर्डर को खोलने को लेकर मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि ""हमने उन लोगों (किसानों) से शांतिपूर्वक आंदोलन करने की अपील की है, गृह मंत्री ने कहा है कि यह अपील रखी जानी चाहिए कि वे शांति से विरोध करें, हमें कोई आपत्ति नहीं है"". इससे पहले सितंबर में हरियाणा सरकार ने सिंघु बॉर्डर पर नेशनल हाईवे-44 पर नाकेबंदी हटाने के लिए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से बात करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया था. सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर को हरियाणा के सोनीपत के निवासियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें किसानों द्वारा सिंघु बॉर्डर को बंद करने की वजह कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था. कोर्ट ने उन्हें राहत के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा था क्योंकि हाईकोर्ट वहां कि स्थानीय समस्याओं से पूरी तरह परिचित थी.",-1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/uttar-pradesh-elections/abp-c-voter-up-election-2022-bjp-can-form-govt-but-lose-many-seats-yogi-adityanath,"ABP-C Voter सर्वे: यूपी में BJP को बड़ा नुकसान, लेकिन बन सकती है सरकार","उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से ठीक पहले एक और सर्वे सामने आया है. एबीपी-सी वोटर के ताजा सर्वे में भी बताया गया है कि, यूपी में एक बार फिर बीजेपी सरकार बना सकती है. लेकिन इस बार सीटों की संख्या काफी कम होगी. सर्वे के मुताबिक बीजेपी को कुल 403 सीटों में से 241 से लेकर 249 सीटें मिल सकती हैं. वहीं समाजवादी पार्टी को 130-138 सीटें मिलने का अनुमान है. तीसरे नंबर पर मायावती की बीएसपी है, जिसे 15-19 सीटें मिल सकती हैं. कांग्रेस को 3 से लेकर 7 सीटें मिलती दिख रही हैं. वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को 41 फीसदी वोट शेयर मिलता दिखाया गया है. वहीं समाजवादी पार्टी को 32 फीसदी, बीएसपी को 15 फीसदी और कांग्रेस को 6 फीसदी वोट मिल सकता है. लखीमपुर पर क्या सोचते हैं लोग? लखीमपुर हिंसा को लेकर भी इस सर्वे में सवाल पूछा गया था, लोगों से पूछा गया कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के बयान से क्या लखीमपुर में हिंसा भड़की? इस सवाल पर 61 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया. जबकि बाकी 39 फीसदी लोगों ने नहीं कहा. जब लोगों से पूछा गया कि क्या लखीमपुर कांड से बीजेपी को नुकसान हुआ है? इस पर 70 फीसदी लोगों ने माना कि हां बीजेपी को इससे नुकसान हुआ है. 30 फीसदी लोगों ने नहीं में जवाब दिया. इतना ही नहीं सर्वे में बताया गया है कि लोगों को अब यूपी की कानून व्यवस्था खराब होती नजर आ रही है. जब लोगों से पूछा गया कि पिछले कुछ दिनों में यूपी की कानून व्यवस्था क्या खराब हुई है... इस पर 63 फीसदी लोग सहमत दिखे. जबकि बाकी 37 फीसदी लोगों ने इससे इनकार किया. यूपी चुनाव से ठीक पहले राज्य के लोगों से जब ये सवाल पूछा गया कि किसान आंदोलन को लेकर कौन सही है... सरकार या फिर किसान? इसके जवाब में ज्यादातर लोगों ने किसानों के पक्ष में अपना मत दिया. 59 फीसदी लोगों ने किसानों को सही बताया, बाकी के 41 फीसदी सरकार की तरफ खड़े नजर आए.",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/west-bengal-post-poll-violence-cbi-arrests-11-people-7113201/,"West Bengal Post Poll Violence: एक्शन में सीबीआई, 11 आरोपियों को किया गिरफ्तार","नई दिल्ली। West Bengal Post Poll Violence. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले में सीबीआई ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक इन आरोपियों को सीबीआई ने पूर्वी मेदिनीपुर से गिरफ्तार किया है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा में कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने करीब 31 मामले दर्ज कर जांच शुरू की थी। वहीं इस मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि इस मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज 31 मामलों में 17 हत्या के मामले हैं। वहीं 6 मामले दुष्कर्म के हैं। सीबीआई इस मामले की सक्रियता से जांच कर रही है। इसके चलते सीबीआई ने जांच में शामिल लोगों की छुट्टियां भी रद्द कर दी हैं। Correction: The 11 accused have been arrested by CBI from East* Medinipur in connection with post-poll violence in West Bengal — ANI (@ANI) October 9, 2021 गौरतलब है कि इसी साल पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। इसके साथ ही इस दौरान हिंसा की खबरें भी सामने आई थीं। कई बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के घरों में आगजनी की गई। इस दौरान कई लोगों की मौत भी हो गई थी।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/chemical-waste-was-dumped-in-the-pond-farming-is-happening-there-the-7111873/,"तालाब में डलता था रसायनिक कचरा, वहां हो रही खेती, संगठन बोले सिंघाड़े हटाने से नहीं जमीन के अंदर जहर हटाना जरूरी","भोपाल. यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री परिसर में रासायनिक कचरे को डंप करने के लिए २१ साइटों के अलावा तीन तालाब भी बनाए थे। इन तालाबों में पन्नी बिछाकर रासायनिक कचरा डाला जाता रहा। चंद वर्षों में ही पानी जहरीला हो गया था, पीने से पशुओं की मृत्यु होने लगी। इस बात का खुलासा ७ जुलाई १९७८ को यानि आज से ठीक ४३ वर्ष पहले पशुओं की मौत के बाद यूका को लिखे गए प्रीवेंशनल एंड कंट्रोल ऑफ वॉटर पॉल्यूशन बोर्ड और वर्तमान में एमपीपीसीबी (एमपी पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड) के पत्र से हो चुका है। इसके बाद भी तालाब में सिंघाड़ों की खेती की जा रही है। कहने को तालाबों की नियमित सफाई के दौरान इसे भी साफ किया जा रहा है, लेकिन ये इतनी मात्रा में है कि इसे साफ करना फिलहाल संभव नहीं है। इसी बीच लोग इसमें से सिंघाड़े ले जा रहे हैं। गैस पीडि़त संघटनों की मांग है कि सिर्फ संघाड़े साफ करने से कुछ नहीं होगा, जमीन के अंदर जब तक सफाई नहीं होगा कुछ नहीं हो सकता। पोल खुलने के डर से तालाब के सिंघाड़ों की जांच भी नहीं कराई जाती। गैस कांड वर्ष १९८४ तक इसमें कई पशुओं की मौत हुई, अगर उसी समय जिम्मेदार इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच करते तो शायद ये नौबत नहीं आती। माना की वर्षों से उसमें जहरीला कचरा नहीं मिला, लेकिन नीचे जमा केमिकल, पारा। सिंघाड़े की खेती को विषेला बना रहा है। इन सिंघाड़ों को लोग वर्षों से खा रहे हैं। धीमा जहर उनके शरीर में जा रहा होगा। एमपीपीसीबी (एमपी पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड) के अधिकारी इस मामले की गंभीरता से जांच करें तो आने वाले समय में गंभीर घटना होने से बच सकती है। ३३७ मीट्रिक वो कचरा जिसे हादसे के बाद समेट कर रखा यूका के कर्मचारी टीआर चौहान ने बताया कि हादसे के बाद ३३७ मीट्रिक टन कचरा वो है जिसे हादसे के बाद समेटकर गोदामों में रखा है। इसमें लाइम स्टोन, कास्टिक सोडा, एसिडिक मटेरियल व अन्य कचरा है। फैक्ट्री का काफी एरिया बाद में डिस्मेंटल कर दिया गया। अब तो सिर्फ बेकार का ढांचा ही खड़ा है। जो जगह खतरनाक है, उनमें आज भी कई स्थानों पर लोग नहीं जा सकते। उनके लिए अनुमति लेना जरूरी है। हादसे के बाद भी काफी समय तक हम लोग वहां ड्यूटी करते थे। बाद में सब बंद कर दिया। बंद फैक्ट्री में काफी हिस्से एेसे हैं जिनमें पारा और रसायनों की गंध आज भी भरी है। अगर इनका वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण नहीं हुआ तो कोई फायदा नहीं होगा। वर्जन हमारा कहना है कि सिर्फ सिंघाड़े साफ करने से तालाब साफ नहीं होगा। इसके अंदर और आस-पास जमीन में २१ जगह दबे गड्ढों को के रसायनों को साफ करना होगा। वर्ना लोग इसी प्रकार धीमा जहर लेते रहेंगे। जिम्मदार सिंघाड़े की जांच भी नहीं कराते हैं। रचना ढींगरा, सदस्य, भोपाल ग्रुप इंफॉर्मेशन एंड एक्शन",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/lalu-yadav-is-comming-back-bihar-politics-on-october-20-7111651/,"20 अक्टूबर को बिहार की राजनीति में होगी लालू यादव की वापसी, उपचुनाव के लिए करेंगे प्रचार","नई दिल्ली। बिहार विधानसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। सभी पार्टियां उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों और स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर रही हैं। इसी बीच बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने भी अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। खास बात यह है कि इस लिस्ट में पार्टी सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव का नाम पहले नंबर पर है। लालू की वापसी से पार्टी को मिलेगी मजबूती बता दें कि बिहार विधानसभा की दो सीटों पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होना है। इसी बीच जानकारी मिल रही है कि लालू प्रसाद यादव 20 अक्टूबर को पटना आ रहे हैं। यह खबर सामने आने के बाद से पार्टी में खुशी का माहौल है। माना जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव की पटना में मौजूदगी से पार्टी को ताकत मिलेगी। विधायकों को दिए गए ये निर्देश जानकारी के मुताबिक आज राबड़ी आवास पर बिहार विधानसभा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में राजद की बैठक हुई है। इस दौरान उपचुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई। इस दौरान विधायकों को निर्देश दिए गए कि चुनाव प्रचार के दौरान हाटलों में रुकने के बजाए पंचायतों में जाकर रहें। जिससे जनता के बीच हमारी पकड़ और मजबूत हो। खास बात यह है कि इस बैठक में तेज प्रताप यादव शामिल नहीं थे। बता दें कि तेज प्रताप यादव काफी दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक नया संगठन भी बनाया है। वहीं पार्टी नेता शिवानंद ने दावा किया था कि तेज प्रताप को पार्टी से निष्काषित कर दिया गया है। शिवानंद का कहना है कि उन्होंने अलग संगठन बना लिया है अब उन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने की भी इजाज़त नहीं है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/lakhimpur-kheri-case-punjab-cm-charanjit-singh-channi-meet-amit-shah-7106678/,"पंजाब सीएम चन्नी ने गृहमंत्री अमित शाह से की मुलाकात, लखीमपुर खीरी-ड्रग्स तस्करी समेत कई मुद्दों पर चर्चा","नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद पंजाब सीएम ने मीडिया को बताया कि इस दौरान कई अहम मुद्दों पर बात हुई। मैंने लखीमपुर खीरी की घटना पर अपनी बात कही। इसके साथ ही तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग भी की। इसके साथ ही मैंने उनसे ड्रग्स और हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए पंजाब के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील करने का आग्रह भी किया है। जानकारी के मुताबिक मुलाकात के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने लखीमपुर खीरी की घटना को शर्मनाक बताया। पंजाब सीएन चरणजीत सिंह चन्नी ने बताया कि मैंने अमित शाह से ये भी कहा कि हम लोग उत्तर प्रदेश में हो रही बर्बर हत्याओं को नजरअंदाज नहीं करेंगे। प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल इसके साथ ही प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाए और उन्हें रिहा करने की मांग की। हमारे नेताओं को गिरफ्तार करने का ये सिस्टम बंद होना चाहिए। इसके साथ ही मैंने उनसे जल्द से जल्द करतारपुर कॉरिडोर खोलने की भी अपील की है। उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया कि सरकार इसे लेकर जल्द फैसला लेगी। The incident at Lakhimpur Kheri has brought back horrendous memories of Jallianwala Bagh. Those who massacred the farmers are roaming free while @priyankagandhi has been detained illegally. I appeal to the Union Govt to repeal the three farm laws immediately. pic.twitter.com/UbZrzsk3cI — Charanjit S Channi (@CHARANJITCHANNI) October 5, 2021 गौरलतब है कि पंजाब सीएम ने अमित शाह से मुलाकात से पहले भी लखीमपुर खीरी की घटना पर प्रतिक्रिया दी थी। सीएन चन्नी ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना ने जलियांवाला बाग कांड की यादें ताजा कर दीं। इसके साथ ही उन्होंने प्रिंयका गांधी की गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाते हुए उसे अवैध करार दिया था।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/gandhinagar-municipal-corporation-election-results-bjp-won-41-out-of-44-seat-in-gujarat-7105765/,GMC Election Results: गांधी नगर निकाय चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत 44 में से 41 सीट पर जमाया कब्जा,"नई दिल्ली। गुजरात के गांधी नगर निकाय चुनाव ( GMC Election Result ) के नतीजे आ चुके हैं। नतीजों में भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) ने बंपर जीत हासिल की है। बीजेपी कुल 44 सीटों में से 41 सीट पर कब्जा जमाने में कामयाब रही है। भूपेंद्र पटेल के सीएम पद संभालने के बाद बीजेपी की ये पहली बड़ी जीत है। गुजरात ( Gujarat ) की राजधानी गांधीनगर ( Gandhi Nagar Municipal Corporation Election Result ) में रविवार को महानगर पालिका के लिए वोट डाले गए थे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन ने 99 वर्ष की उम्र में घर से निकलकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। गुजरात के गांधीनगर निकाय चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर शानदार जीत दर्ज की है। खास बात यह है कि सूरत में अच्छा प्रदर्शन करने वाली आम आदमी पार्टी ( AAP ) को यहां खास सफलता नहीं मिली। सभी सीटों की काउंटिंग पूरी हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) पीएम मोदी के गढ़ में 90 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। वहीं कांग्रेस को महज दो सीट और AAP को एक सीट से संतोष करना पड़ा है। बता दें कि गांधीनगर के 11 वार्डों की 44 सीटों के लिए कुल 162 उम्मीदवार मैदान में थे। आम आदमी पार्टी ( AAP ) के आने के साथ ही इस बार चुनाव परिणाम तीन तरफा होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन अब यह एकतरफा दिखाई दे रहा है। वहीं इस बढ़त पर भाजपा नेताओं का कहना है कि हमने विकास के नाम पर वोट मांगे हैं और जनता का साथ हमेशा बीजेपी के साथ रहा है। बता दें कि चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 44 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। जबकि आम आदमी पार्टी ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा। मैदान में अन्य उम्मीदवारों में बसपा के 14, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दो, अन्य दलों के छह और 11 निर्दलीय उम्मीदवार शामिल थे। गांधीनगर नगर निगम चुनाव में रविवार को हुए मतदान का अंतिम आंकड़ा 56.24 फीसदी रहा था।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/mamta-banerjee-will-take-oath-of-membership-of-assembly-on-october-7-7104370/,पश्चिम बंगाल: 7 अक्टूबर को विधानसभा की सदस्यता की शपथ लेंगी सीएम ममता बनर्जी,"नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में टीएमसी ने जीत दर्ज की है। राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने भी भवानीपुर सीट पर जीत हासिल की है। अब ममता बनर्जी 7 अक्टूबर को विधानसभा की सदस्यता की शपथ लेंगी। हाल ही में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को हार का सामना करना पड़ा था। वहीं सीएम पद पर बने रहने के लिए उनका विधायक बनना जरूरी था। ऐसा न होने पर ममता की मुश्किलें बढ़ सकती थीं। 30 सितंबर को हुआ था मतदान बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा की तीन सीटों भवानीपुर और मुर्शिदाबाद जिले की समसेरगंज के साथ जांगीपुर सीट पर बीते 30 अक्टूबर को मतदान हुआ था। इन तीनों सीटों पर टीएमसी ने कब्जा कर लिया है। इसके बाद से टीएमसी कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है। West Bengal CM Mamata Banerjee to take oath in the Legislative Assembly on 7th October. We have requested the Governor to attend the CM's oath-taking: West Bengal minister Partha Chatterjee pic.twitter.com/BOvjKD1WWO — ANI (@ANI) October 4, 2021 शुभेंदु अधिकारी ने ममता को दी थी मात हाल ही में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से मैदान में उतरी थीं। यहां शुभेंदु अधिकारी और ममता बनर्जी की कड़ी टक्कर देखने को मिली। वहीं देर शाम आए चुनावी नतीजों में शुभेंदु ने ममता बनर्जी को 1956 वोटों से मात दे दी। इसके बाद पार्टी के पास बहुमत होने के कारण टीएमसी की सरकार बनने के साथ ममता बनर्जी सीएम तो बन गईं, लेकिन वो राज्य की विधायक नहीं थे। ऐसे में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती थीं। अब राज्य की भवानीपुर सीट पर जीत दर्ज करने के बाद ममता बनर्जी 7 अक्टूबर को विधानसभा की सदस्यता की शपथ ग्रहण करेंगी।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/west-bengal-by-election-result-mamata-banerjee-reaction-after-record-win-7102317/,"West Bengal By Election Result: ममता ने भवानीपुर के लोगों को दिया धन्यवाद, जानिए हार के बाद क्या बोलीं- बीजेपी प्रत्याशी","नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल ( West Bengal By Election Result )के भवानीपुर ( Bhawanipur ) उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं। ममता बनर्जी ने यहां शानदार जीत दर्ज की है। टीएमसी ( TMC ) प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee ) ने बीजेपी ( BJP ) की प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल ( Priyanka Tibrewal ) को 58,832 वोटों से हराया है। अपनी जीत से ममता बनर्जी काफी खुश नजर आईं। वहीं उन्होंने इस जीत को लेकर भवानीपुर की जनता को धन्यवाद दिया। ममता बनर्जी ने कहा, मेरी पार्टी के खिलाफ काफी साजिश हुई। लेकिन अंत में जीत सत्य की हुई। वहीं हार के बाद भी बीजेपी प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल निराश नजर नहीं आईं। प्रियंका ने कहा, भले चुनाव हार गई, लेकिन इस चुनाव की मैन द ऑफ मैच मैं ही हूं। #UPDATE | West Bengal CM Mamata Banerjee leads by 58,389 votes in Bhabanipur Assembly bypolls after the last round of counting https://t.co/0cJTMeJ1uR — ANI (@ANI) October 3, 2021 ममता बनर्जी ने भवानीपुर की जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा- जब बंगाल का चुनाव शुरू हुआ था तब से हमारी पार्टी के खिलाफ बहुत षड़यंत्र हुआ था। केंद्र सरकार ने षड़यंत्र करके हमलोगों को हटाने का बंदोबस्त किया था, लेकिन मैं जनता की आभारी हूं कि जनता ने हमें जिताया। मैंने खुद चुनाव लड़ा था लेकिन अभी वो मामला न्यायालय में है। चुनाव आयोग का भी जताया आभार क्या-क्या षड़यंत्र नहीं हुआ था। मुझे पैर में भी चोट कर दिया गया था ताकि हम चुनाव न लड़ पाएं। उसके बाद उपचुनाव आया। मैं चुनाव आयोग की आभारी हूं कि उन्होंने समय पर चुनाव की घोषणा की। बता दें कि 2011 में ममता बनर्जी 50 हजार से ज्यादा वोट से जीती थीं। इस बार उन्होंने अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ा है। चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों का ऐलान ममता बने इसके साथ ही चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों का ऐलान किया। इसमें शांतिपुर से ब्रजकिशोर गोस्वामी, दिनहाटा से उदयन गुहा, खड़दह से शोभनदेव चट्टोपाध्याय उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया. गोसाबा उम्मीदवार के नाम बपादित्य नस्कर और सुब्रत मंडल का नाम है। इस बारे में बाद में फैसला करने का ममता बनर्जी ने घोषणा की। भले वे यह चुनाव जीतीं हैं लेकिन इस खेल की मैन ऑफ द मैच मैं हूं क्योंकि ममता बनर्जी के गढ़ में जाकर चुनाव लड़ा और 25,000 से ज़्यादा मत मिले हैं...उनके उपाध्यक्ष कैमरे पर फर्जी वोटरों को बूथ में घुसाते हुए दिखाई दिए थे: चुनाव नतीजों के बाद भाजपा नेता प्रियंका टिबरेवाल pic.twitter.com/iggDLOYO2T — ANI_HindiNews (@AHindinews) October 3, 2021 ये बोलीं प्रियंका टिबरेवाल भले वे यह चुनाव जीतीं हैं लेकिन इस खेल की मैन ऑफ द मैच मैं हूं क्योंकि ममता बनर्जी के गढ़ में जाकर चुनाव लड़ा और 25,000 से ज़्यादा मत मिले हैं। उनके उपाध्यक्ष कैमरे पर फर्जी वोटरों को बूथ में घुसाते हुए दिखाई दिए थे। बता दें कि ममता बनर्जी ने बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल को 58832 वोटों से करारी शिकस्त दी है। ममता बनर्जी के लिए ये सीट प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ था। इस उपचुनाव में ममता बनर्जी को कुल 84709 वोट मिले, बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल 26320 वोट पाईं, जबकि सीपीएम कैंडिडेट श्रीजीब को मात्र 4201 वोट हासिल हुए हैं।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/gujarat-gandhinagar-municipal-corporation-polls-pm-modi-mother-heeraben-casts-vote-at-the-age-of-99-7101967/,"Gujarat: गांधीनगर नगर निगम के 11 वार्डों के लिए मतदान जारी, PM मोदी की मां हीराबेन ने 99 की उम्र ने डाला वोट","नई दिल्ली। गुजरात में गांधीनगर नगर निगम ( GMC ) के 11 वार्डों में 44 पार्षदों के चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। वोटिंग शाम 6 बजे तक जा रही रहेगी और इसका परिणाम 5 अक्टूबर को घोषित कर दिया जाएगा। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने पहुंचीं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां 99 वर्ष की हो चुकी हैं, इसके बावजूद वह पैदल चलकर मतदान केंद्र तक गईं। पीएम मोदी की मां को सुरक्षाकर्मी और परिवार के लोग सहारा देकर मतदान केंद्र तक लाए थे। पीएम मोदी की मां हीराबेन ने भाजपा की जीत का भरोसा जताया है। Gujarat: Heeraben Modi, the mother of PM Narendra Modi, casts vote in Gandhinagar Municipal Corporation (GMC) elections at a polling centre in Raysan village in the city pic.twitter.com/KddJtXzg1X — ANI (@ANI) October 3, 2021 गांधीनगर नगर निगम (जीएमसी) के 11 वार्डों की 44 सीटों पर चुनाव अप्रैल में होने थे। हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते चुनावों को स्थगित कर दिया था। गांधीनगर में 2.8 लाख पंजीकृत मतदाता हैं, जो अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। वहीं, इस चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच है। बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव में सभी 44 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। जबकि आम आदमी पार्टी ने 40 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं, बीएसपी ने 16, एनसीपी ने 2 और 11 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। बता दें गांधीनगर नगर निगम ( GMC ) के चुनावों में जीत दर्ज करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी के साथ-साथ आप भी पूरा जोर लगाया है। चुनाव प्रचार के आखिर दिन गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल के साथ रोड शो में भाग लिया था। सूरत के बाद आप की गांधीनगर पर नजर सूरत में अच्छी नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी को गांधी नगर से भी काफी उम्मीदें हैं। यही वजह है कि यहां पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने रोश शो और डोर-टू-डोर कैंपेन के जरिए जनता को पार्टी की नीतियों से अवगत कराया।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/west-bengal-by-election-result-mamata-banerjee-fate-as-cm-to-be-decided-today-7101906/,"West Bengal By Election Result: ममता बनर्जी बनी रहेंगी बंगाल की मुख्यमंत्री, भवानीपुर से 58 हजार से ज्यादा मतों से जीतीं","नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल ( West Bengal By Election Result ) की कमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) के हाथ में ही रहेगी। भवानीपुर ( Bhabanipur ) के उपचुनाव में ममता बनर्जी ने अपनी प्रतिद्व्ंदी बीजेपी प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल को 58,832 मतों से पराजित किया है। ममता बनर्जी को कुल 84709 वोट मिले हैं, बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल को 26320 वोट मिले हैं, जबकि सीपीएम कैंडिडेट श्रीजीब को मात्र 4201 वोट हासिल हुए हैं। भवानीपुर के अलावा समसेरगंज और जंगीपुर विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हुए थे। 30 सितंबर को तीनों सीटों के लिए वोट डाले गए थे। ये जो ‘ममता दीदी जी’ की जीत है वही तो ‘सत्यमेव जयते’ की रीत है@MamataOfficial @AITCofficial — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 3, 2021 अखिलेश ने दी बधाई मतगणना के रुझानों के बीच यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि है ये ममता दीदी की जो जीत है वही, सत्यमेव जयते की रीत है। #WATCH | TMC workers & supporters celebrate outside the residence of West Bengal CM Mamata Banerjee in Kolkata as she leads by 28,825 votes in Bhabanipur bypolls after 9th round of counting pic.twitter.com/XlZhaJPB0n — ANI (@ANI) October 3, 2021 West Bengal: TMC supporters celebrate outside CM Mamata Banerjee’s residence in Kolkata as she leads in the Bhabanipur Assembly by-election pic.twitter.com/roWsaX9moK — ANI (@ANI) October 3, 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, भवानीपुर सीट पर 2 राउंड की काउंटिंग पूरी हो चुकी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC प्रमुख ममता बनर्जी BJP उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल से 2,377 वोटों से आगे चल रही हैं। टिबरेवाल को पहले चरण में 881 वोट मिले। टीएमसी ने जंगीपुर, समसेरगंज सीटों पर लीड बना रखी है। उपचुनाव के अंतिम नतीजे अभी समय लगेगा, लेकिन TMC कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देकने को मिल रहा है। उन्होंने अभी से जश्न मनाना शुरू कर दिया है। पश्चिम बंगाल: मुर्शिदाबाद की जंगीपुर विधानसभा उपचुनाव की मतगणना चल रहा है। (तस्वीरें जंगीपुर सरकारी पॉलिटेक्निक मतगणना केंद्र के बाहर से हैं।) pic.twitter.com/GMLYilOHqL — ANI_HindiNews (@AHindinews) October 3, 2021 दरअसल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से हार गई थीं। अब मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें इस उपचुनाव में जीत हासिल करनी होगी। वहीं, दो उम्मीदवारों की मौत के बाद अप्रैल में जंगीपुर और समसेरगंज में चुनाव रद्द करना पड़ा था। यहां पर भी टीएमसी के उम्मीदवारों के जीतने की संभावना ज्यादा है। पश्चिम बंगाल की तीनों विधानसभा सीटों पर पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी हो चुकी है। फिलहाल भवानीपुर में ममता बनर्जी 775 वोटों से आगे चल रही हैं, वहीं समसेरगंज और जांगीपुर सीट पर भी टीएमसी को बढ़त हासिल है। 21 राउंड में होगी वोटों की गिनती पश्चिम बंगाल की हाईवॉल्टेज सीट भवानीपुर पर वोटों की गिनती शुरू हो गई है। इस सीट पर कुल 21 राउंड की मतगणना होगी। बता दें कि चुनाव आयोग के मुताबिक तीन सीटों में से सबसे कम मतदान भवानीपुर में हुआ। यहां पर 53.32 फीसदी वोटिंग हुई। इसके अलावा मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर में 76.12 फीसदी लोगों ने मतदान किया, जबकि समसेरगंज में 78.60 फीसदी वोटिंग हुई। 24 कंपनियां तैनात काउंटिंग के लिए चुनाव आयोग की ओर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। मतगणना केंद्र पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए केंद्रीय बलों की 24 कंपनियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही राज्य पुलिस को भी सुरक्षा व्‍यवस्‍था में लगाया गया है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/ljp-party-symbol-freeze-by-election-commission-of-india-7100718/,"बिहार विधानसभा उपचुनाव से पहले LJP को बड़ा झटका, चुनाव आयोग ने जब्त किया पार्टी का चुनाव चिह्न","नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद से पार्टी में दो गुट नजर आ रहे हैं। एक गुट रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के पक्ष में है तो वहीं दूसरा गुट पशुपति पारस का समर्थन कर रहा है। पार्टी में चल रहे इसी विवाद को लेकर अब चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने लोजपा में गुटों के विवाद सुलझने तक के लिए पार्टी के चुनाव चिह्न को जब्त कर लिया है। लोजपा को नहीं प्रतीक चिन्ह इस्तेमाल करने की इजाज़त इस संबंध में एक आदेश जारी करते हुए जब तक आयोग इस बारे में पार्टी द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट नहीं हो जाता, तब तक पार्टी का चुनाव चिह्न जब्त रहेगा। बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले इसे लोजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई इस पाबंदी के बाद से पार्टी को चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को अंतरिम उपाय के रूप में, उनके समूहों के नाम और प्रतीक को चुनने के लिए कहा है। गौरतलब है कि इससे पहले लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दावा किया था कि पार्टी का चुनाव चिन्ह 'बंगला' है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/punjab-cm-charanjit-singh-channi-will-meet-with-pm-modi-today-7099059/,"पंजाब CM चरणजीत सिंह चन्नी ने PM मोदी से की मुलाकात, कृषि कानूनों सहित इन मुद्दों पर हुई चर्चा","नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में मचे सियासी घमासान के बीच आज मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान पंजाब सीएम केंद्र से उस पत्र को वापस लेने की मांग की, जिसमें एक अक्टूबर से राज्य में धान की खरीद प्रक्रिया को स्थगित करने को कहा गया है। साथ ही इस मुलाकात में कृषि कानूनों पर भी चर्चा हुई। इन मुद्दों पर होगी चर्चा बता दें कि चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब की कमान संभालने के बाद आज पहली बार पीएम मोदी से मुलाकात की है। इस दौरान चन्नी राज्य में धान की सरकारी खरीद तुरंत शुरू करने की मांग की। बता दें कि गुरुवार को पंजाब सीएम ने केंद्र से एक अक्टूबर से धान की खरीद को स्थगित करने के लिए जारी पत्र को वापस लेने की मांग की है। इसी संबंध में आज चन्नी दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की है। The Chief Minister of Punjab, Shri @CHARANJITCHANNI called on PM @narendramodi. @CMOPb pic.twitter.com/SOnaKFYd9O — PMO India (@PMOIndia) October 1, 2021 पार्टी नेताओं से भी मिल सकते हैं सीएम चन्नी पंजाब में आम तौर पर धान की खरीब अक्टूबर में शुरू होती है। ऐसे में केंद्र द्वारा जारी इस पत्र से किसानों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। इसके चलते पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने मामले में प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की थी। पीएम से मुलाकात में कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। जानकारी के मुताबिक सीएम चन्नी दिल्ली में पार्टी नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं। गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की नई सरकार मतदाताओं को आर्कषित करने में जुटी है। इसके चलते हाल ही में सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्य के किसानों को बिजली के बिल में बड़ी राहत दी थी। सीएम ने राज्य में 53 लाख किसानों का बिजली बिल माफ करने का ऐलान किया साथ ही कटे कनेक्शनों को बहाल करने का दावा भी किया।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/cwc-meeting-will-be-convened-very-soon-says-randeep-surjewala-7097846/,"कांग्रेस: जी-23 नेताओं की मांग पर बोले सुरजेवाला, जल्द होगी CWC की बैठक","नई दिल्ली। कांग्रेस में राजनीतिक घमासान के बीच मानमनौवल की कोशिशें जारी है। जी-23 नेताओं द्वारा कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक की मांग को मानते हुए आलाकमान ने निर्णय लिया है कि इसे जल्द कराया जाएगा। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने बीते हफ्ते संकेत दिया था कि सीडब्ल्यूसी की बैठक जल्द बुलाई जाएगी। सुरजेवाला ने मीडिया से कहा,'शिमला रवाना होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संकेत दिया था कि जल्द ही सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई जाएगी। इसके मुताबिक आने वाले दिनों में सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी।' पार्टी के आंतरिक मुद्दों का हल हो सके जी 23 नेताओं (G -23) के एक समूह के हिस्सा और पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने बुधवार को मांग की थी कि सीडब्ल्यूसी की बैठक अति शीघ्र बुलाई जाए, ताकि पार्टी के आंतरिक मुद्दों का हल हो सके। पंजाब सहित कई राज्यों में राजनीतिक उथल-पुथल देखी जा रही है। सिब्बल ने सवाल उठाए कि नियमित अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में पार्टी के निर्णय किस आधार पर लिए जा रहे हैं। सिब्बल के अनुसार, 'हमारी पार्टी में फिलहाल कोई अध्यक्ष नहीं है। ऐसे में हमें नहीं पता कि निर्णय कौन ले रहा है। उनका मानना है कि सोनिया गांधी को तुरंत सीडब्ल्यूसी बैठक बुलानी चाहिए। हम सीडब्ल्यूसी में बातचीत कर सकते हैं कि पार्टी की हालत ऐसी क्यों है।' पार्टी के सुझावों का स्वागत करना चाहिए गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की है। आजाद ने कहा कि पार्टी के सुझावों का स्वागत करना चाहिए, न कि उन्हें दबाना चाहिए। सिब्बल पर पलटवार करते हुए सुरजेवाला ने कहा था कि हर कांग्रेसी को गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है कि क्या वे अपने शब्दों और कार्यों से संकट के समय में कांग्रेस को कमजोर करने का प्रयास करने में लगे हैं।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/navjat-singh-sidhu-meet-punjab-cm-charanjit-singh-channi-on-his-resign-7097294/,"पंजाब CM चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह की वार्ता जारी, CM ने 4 अक्टूबर को बुलाई कैबिनेट की बैठक","नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा इस्तीफा देने के बाद से पार्टी नेता उन्हें मनाने की कोशिशों में लगे हैं। वहीं सिद्धू भी अपनी जिद पर अड़े हैं, नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि उनके लिए पंजाब का हित सबसे पहले है। इसी विषय पर आज पंजाब भवन में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आमंत्रण पर नवजोत सिंह सिद्धू उनसे मुलाकात करने पहुंचे हैं। दोनों के बीच वार्ता जारी है, जानकारी के मुताबिक सिद्धू पंजाब सरकार में दो नए अधिकारियों को पद से हटाने पर अडे हैं। इसी बीच सीएम चन्नी ने 4 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। बैठक में सुलझ सकता है मामला बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू को दो अफसरों कार्यवाहक डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता और एडवोकेट जनरल (एजी) अमरप्रीत सिं‍ह देयोल की नियुक्ति पर आपत्ति है। सिद्धू इन पर कई गंभीर आरोप लगा रहे हैं। वहीं माना जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू इनकी जगह वह अपने चहेते अधिकारियों की नियुक्ति करवाना चाहते हैं। मुख्‍यमंत्री चन्‍नी ने कल संकेत दिया था कि वह कुछ फैसले वापस ले सकते हैं। फिलहाल पंजाब भवन में वार्ता जारी है और माना जा रहा है कि इस बैठक में मामला सुलझ सकता है। DGP IPS Sahota was head of SIT investigating Beadbi case under Badal Govt, he wrongfully indicted two Sikh youth for sacrilege & gave clean chit to Badals. In 2018, I along with INC Ministers, then PCC Pres & present Home Minister assured them of our support in fight for Justice. https://t.co/yX3TT17fCv pic.twitter.com/aQpJ9xq0KQ — Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 30, 2021 सिद्धू ने डीजीपी पर लगाए गंभीर आरोप इस बैठक से पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में डीजीपी बनाए गए इकबाल प्रीत सहोता पर ट्वीट कर गंभीर आरोप लगाया था। उन्‍होंने कहा कि डीजीपी आइपीएस सहोता बादल सरकार के समय हुई बेअदबी की घटना की जांच के लिए गठित एसआइटी के प्रमुख थे। उन्‍होंने दो सिख युवकों को गलत ढ़ंग से फंसाया था और बादलों को क्‍लीनचिट दे दी थी। गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार शाम को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान सिद्धू ने साफ किया कि उन्होंने सिर्फ इस पद से इस्तीफा दिया है, वो आगे भी कांग्रेस का हिस्सा बने रहेंगे। इसके बाद कल उन्होंने एक वीडियो मैसेज जारी कर नई सरकार द्वारा की जा रही नियुक्तियों को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। वहीं पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने नवजोत सिंह सिद्धू को चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया था। इसके चलते सिद्धू आज पंजाब सीएम से मिलने पहुंचे हैं।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/anand-sharma-slams-hooliganism-outside-kapil-sibal-house-urges-sonia-gandhi-to-take-action-7096905/,"Kapil Sibal के घर पर हमले से नाराज कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, सोनिया गांधी से की दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग","नई दिल्ली। कांग्रेस ( Congress ) में अंदरुनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। कपिल सिब्बल ( Kapil Sibal ) के घर के बाहर हुए हमले को लेकर अब अन्य कांग्रेसी नेताओं की नाराजगी सामने आई है। आनंद शर्मा ( Anand Sharma ) ने गुरुवार को कपिल सिब्बल के घर के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने लगातार कई ट्वीट कर इस घटना की निंदा की और कहा कि इस घटना की खबर से आहत महसूस कर रहा हूं। आनंद शर्मा ने ट्वीट कर लिखा- कपिल सिब्बल के घर पर हमले और गुंडागर्दी की खबर सुनकर स्तब्ध और निराश हूं। इस तरह की हरकत पार्टी को बदनाम करती है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने लिखा- कांग्रेस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हमेशा से पक्षधर रही है। राय और धारणा के मतभेद लोकतंत्र के अभिन्न अंग हैं। लेकिन असहिष्णुता और हिंसा कांग्रेस के मूल्यों और संस्कृति से बिल्कुल अलग है। शर्मा ने आगे लिखा कि जिम्मेदार लोगों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें अनुशासित किया जाना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से संज्ञान लेने और कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह है। ये है मामला दरअसल बुधवार को कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की ओर से पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा किए जाने के बाद पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने उनके आवास के बाहर प्रदर्शन किया था। यही नहीं सिब्बल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी। विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं ने सिब्ब्ल के घर पर टमाटर भी फेंके उनकी कार को भी क्षतिग्रस्त किया। कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सिब्बल ने उठाया था सवाल नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी में एक बार फिर घमासान शुरू हुआ। इसके बाद कपिल सिब्बल ने पंजाब के बहाने कांग्रेस के खाली पड़े राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा, पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है पता नहीं फैसले कौन ले रहा है? सिब्बल ने कहा था कि कांग्रेस को इस तरह कमजोर होता नहीं देख सकते। ग्रुप-23 के अन्य नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस मुद्दे को लेकर जल्द से जल्द सीडब्बल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की थी।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/punjab-assembly-elections-2022-arvind-kejriwal-will-open-pind-clinic-7096868/,"Punjab Assembly Elections: दिल्ली CM केजरीवाल का पंजाब में चुनावी ऐलान, सबको मिलेगा मुफ्त इलाज, दिल्ली की तर्ज पर खुलेंगे मोहल्ला क्लीनिक","नई दिल्ली। Punjab Assembly Elections. पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी पार्टियां मैदान में हैं। चुनाव का समय नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक पार्टियों ने मतदाताओं को आर्कर्षित करने के लिए चुनावी ऐलान भी शुरू कर दिए हैं। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कल दो दिवसीय दौरे पर पंजाब पहुंचे हैं। आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में भी सबको दिल्ली की तर्ज पर अच्छा इलाज मुहैया कराया जाएगा। दिल्ली सीएम के चुनावी वादे अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम पंजाब में स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे, दिल्ली की तर्ज पर पंजाब में भी मोहल्ला क्लिनिक खोलेंगे। इन क्लिनिक्स को पिंड क्लिनिक कहा जाएगा। दिल्ली सीएम ने बताया कि राज्य में 16 हजार पिंड क्लिनिक बनवाएंगे, ताकि इलाज के लिए कहीं दूर न जाना पड़े। इसके साथ ही केजरीवाल ने पंजाब के लोगों को हेल्थ कार्ड भी मुहैया कराने का आश्वासन दिया। ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਮੇਰੀਆਂ 6 ਗਰੰਟੀਆਂ- ▪️ਸਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਮੁਫ਼ਤ ਤੇ ਵਧੀਆ ਇਲਾਜ ▪️ਸਾਰੀਆਂ ਦਵਾਈਆਂ, ਟੈਸਟ ਤੇ ਅਪਰੇਸ਼ਨ ਮੁਫ਼ਤ ▪️ਸਭ ਨੂੰ ਮਿਲੇਗਾ ਹੈਲਥ ਕਾਰਡ ▪️ਪੰਜਾਬ 'ਚ 16000 ਪਿੰਡ ਤੇ ਵਾਰਡ ਕਲੀਨਿਕ ▪️ਸਾਰੇ ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵ ਪੱਧਰੀ ਬਣਾਵਾਂਗੇ ਤੇ ਨਵੇਂ ਹਸਪਤਾਲ ਵੀ ਖੋਲ੍ਹਾਂਗੇ ▪️ਰੋਡ ਐਕਸੀਡੈਂਟ ਪੀੜਤ ਨੂੰ ਮੁਫ਼ਤ ਇਲਾਜ — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 30, 2021 सड़क दुर्घटना में होगा मुफ्त इलाज दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि हम सभी के लिए निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करेंगे। इकसे साथ ही पंजाब में सभी दवाएं, परीक्षण, ऑपरेशन बिल्कुल मुफ्त होंगे। दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर पंजाब में 16 हजार पिंड क्लीनिक खोले जाएंगे। राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों का नवीनीकरण होगा। इसके साथ ही सड़क दुर्घटना पीड़ितों का मुफ्त इलाज किया जाएगा। गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनाव नजदीक आता देख सभी पार्टियां मतदाताओं को साधने में जुटी हुई हैं। बीते दिन पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने किसानों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने 2 किलोवॉट की सामर्थ्यता वाले बिजली के बिल को माफ करने का ऐलान किया है। वहीं बिल जमा न करने पर काटे गए कनेक्शनों को फिर से बहाल करने का आदेश दिया है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/captain-s-wife-preneet-kaur-may-become-president-of-punjab-congress-7096689/,कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर बन सकती हैं पंजाब कांग्रेस की अध्यक्ष,"नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस आलाकमान को जैसी ही लगता है कि अब स्थिति नियंत्रण में है, वैसे ही कोई नया बखेड़ा खड़ा हो जाता है। नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से पार्टी के नेता उन्हें मनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। वहीं सिद्धू अपने फैसले पर कायम हैं। इसी बीच खबरें आ रही हैं कि पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। फैसले पर अटल हैं सिद्धू जानकारी के मुताबिक कांग्रेस, नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे से काफी नाराज है। जाहिर है कि पंजाब कांग्रेस में सबकुछ सही करने में पार्टी का काफी समय बर्बाद हो रहा है। जबकि कांग्रेस जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंकना चाहती है। खबरों की मानें तो कुछ नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को आश्वसान दिया था कि वो सिद्धू को इस पद पर बने रहने के लिए मना लेंगे। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू अपने फैसले पर अटल हैं। परनीत कौर बन सकती हैं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष इसके चलते अब पार्टी सिद्धू को मनाने के बजाय पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री परनीत कौर को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है। बता दें कि परनीत पंजाब के पटियाला से लोकसभा सांसद भी हैं। हालांकि इसके आलावा पार्टी 2-3 अन्य नामों पर भी विचार कर रही है, जल्द ही इस संबंध में फैसला लिया जाएगा। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि परनीत कौर पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर पार्टी पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह का गुस्सा शांत करने की कोशिश कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कल दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि कैप्टन जल्द ही बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिल सकते हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी में शामिल होने के बाद कैप्टन को राज्यसभा के जरिए केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/young-poets-start-poet-walk-between-blue-amber-and-nature-7096198/,नीले अम्बर और प्रकृति के बीच युवा कवियों ने शुरू की पोएट वॉक,"भोपाल. लॉकडाउन ने सभी को एक कमरे में बंद कर दिया था। शहर के युवा कवियों ने अब एक नई पहल की है। जिसमें कवि और कविता प्रेमी नेचर बीच और खुशनुमा हरियाली में अपनी सोच को कविताओं के जरिए पेश करते हैं। यह पोएट्स वॉक होती है। जिसमें सुबह ठंडी हवा और खुशनुमा हरियाली के बीच शहर के एक जगह रुक कर कविता पाठ करते हैं। इस दौरान रोबर्ट फ्रोस्ट, पाश, अल्हड़ मुरादाबादी, कैलाश वाजपयी, बाबुशा कोहली जैस कवियों की रचनाएं पेश की जाती हैं। युवा कवियों का कहना है कि नेचर के बीच कविताओं का पेश करन एक अलग तरह का अनुभव होता है। हर वीक में एक बार इस तरह की पोएट्स वॉक करते हैं। जहां शहर के कई सुंदर जगहों पर कविता, संस्कृति एवं अन्य की बातें की जाती हैं। कोरोना के कारण बाहर नहीं निकल पा रहा था। खासकर नेचर के बीच जाने का मौका कम ही मिलता था। इसलिए हमारे ग्रुप ने एक पहल की है जिसमें हम वीक में एक बार सुबह नेचर के बीच कविताओं, कहानियों को चलकर सुनाते हैं। इसके लिए शहर की बेस्ट लोकेशन चुनी जाती है। हम चलते-फिरते, खुली हवा में भी पढऩे और सुनने वालों के साथ इसे एन्जॉय करते हैं। बजाय किसी बंद कमरे में कुछ लोगों के साथ। अंकित पांडे, युवा कवि पोएट वॉक से इतने समय बाद युवा कवियों के लिए एक नया अनुभव रहता है। कोरोना काल में सृजनशीलता तो रही लेकिन सामाजिक दूरी के चलते काव्य रचना पर विमर्श हो पाना असम्भव रहता था। इसलिए ग्रुप के इस अनोखी पहल के चलते हम लोग कविता को नीले अम्बर और प्रकृति के बीच एक नए आयाम से अनुभव कर पाते हैं। मौलश्री, इंग्लिश लिटरेचर और कवि इस पहल से युवा कवियों को मोटिवेशन और इंप्रेशन मिलता है। हम एक साथ लिखते, सुनने और बातचीत करते हैं। सीनियर्स अपने अनुभव शेयर करते हैं। कई सारे कालजयी कवियों के बारे में भी बात करते हैं। निशांत उपाध्याय, युवा कवि",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/mahatma-gandhi-will-be-honored-with-honorary-educationist-prof-girish-7096178/,महात्मा गांधी सम्मान्य से सम्मानित होंगे शिक्षाविद् प्रो. गिरीश्वर मिश्र,"भोपाल. माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय में दो अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी अलंकरण समारोह आयोजित होगा। साहित्य, पत्रकारिता, विज्ञान, शिक्षा आदि क्षेत्रों की पांच विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा। संग्रहालय द्वारा दिया जाने वाला महात्मा गांधी सम्मान शिक्षाविद् प्रो. गिरीश्वर मिश्र को दिया जाएगा। संग्रहालय के संस्थापक निदेशक विजयदत्त श्रीधर ने बताया कि सम्मान समारोह इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी के मुख्य आतिथ्य तथा भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी की अध्यक्षता में होगा। कार्यक्रम दोपहर दो बजे से संग्रहालय के सभागार में होगा। पत्रकारिता में समान अधिकार रखने वाले सुप्रसिद्ध पत्रकार डॉ. प्रकाश हिंदुस्तानी को माधवराव सप्रे पुरस्कार, युवा वैज्ञानिक माया विश्वकर्मा को महेश गुप्ता सृजन सम्मान, शिक्षा के क्षेत्र में दिए जाने वाला डॉ. हरिकृष्ण दत्त शिक्षा सम्मान प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा तथा सकारात्मक पत्रकारिता के प्रति प्रतिबद्ध पत्रकार मनीष गुप्ता को कमलेश सिजारिया पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में महिला वर्ग में प्रथम और देश में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली जागृति अवस्थी को गौरव युवा प्रेरक सम्मान्य से सम्मानित किया जाएगा। जागृति ने भेल की नौकरी छोड़कर आईएएस के लिए प्रयास किया था और यह उपलब्धि प्राप्त की। देश की शीर्ष परीक्षा में यह गौरव हासिल करने वाली शहर की दूसरी बेटी हैं। शैली ने जीता राष्ट्रीय श्रीराम काव्य पाठ का पहला पुरस्कार भोपाल. सीहोर के एक सभा गृह में राष्ट्रीय कवि संगम जिला ईकाई भोपाल एवं सीहोर जिले की संभागीय स्तरीय श्री राम काव्यपाठ प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। भोपाल की शैली सोलंकी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।अध्यक्षता कथा वाचक पं. अजय पुरोहित ने की। मुख्य अतिथि समाज सेवी अखलेश राय रहेे। शैली सौंलकी को 5 हजार रुपए एवं अन्य प्रतिभागी बालिकाओं को 21 सौ रुपए की नगद राशि से पुरस्कृत किया गया। विशेष अतिथि गीतकार हरिओम शर्मा रहे।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/devas-and-betul-start-with-a-bang-7096157/,देवास और बैतूल की धमाकेदार शुरुआत,"भोपाल. देवास और बैतूल के महिला और पुरुष खिलाडिय़ों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सीनियर एवं जूनियर रग्बी स्टेट चैंपियनशिप में धमाकेदार जीत दर्ज की। चैंपियनशिप एलएनसीटी पर खेली जा रही है। तीन दिवसीय इस चैंपियनशिप में मप्र के 11 जिलों के 250 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। आयोजन सचिव पंकज जैन ने बताया कि सीनियर पुरुष वर्ग में देवास ने शाजापुर को 20-5 से, बैतूल ने मंदसौर को 5-0 से, रतलाम ने सीहोर को 5-0 से हराया। सीनियर महिला वर्ग में देवास ने बैतूल को 5-0 से, बैतूल ने सीहोर को 5-0 से, रायसेन ने भोपाल को 10-0 से हराया। जूनियर पुरुष वर्ग में देवास ने मंदसौर को 34-0, शाजापुर ने बैतूल को 15-0, इंदौर ने रतलाम को 15-5, रायसेन ने जबलपुर को 5-0 से हराया। जूनियर महिला वर्ग में शाजापुर ने रायसेन को 32-0 के अंतर से पराजित किया। वीनू मांकड़ ट्रॉफी में मप्र को महाराष्ट्र ने 87 से किया पराजित भोपाल. बीसीसीआई की ओर से दिल्ली में आयोजित वीनू मांकड़ ट्रॉफी में बुधवार को मप्र की टीम को महाराष्ट्र ने 87 रनों से पराजित किया है। महाराष्ट्र टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.4 ओवर में 284 रन बनाकर सिमटी। केएस तांबे ने 128, विक्की ओसवाल ने 86 रन बनाए। मप्र के लिए यतेंद्र प्रजापति ने चार, आर्यन पांडे, पृथ्वीराज सिंह तोमर और आर्यन देशमुख ने दो-दो विकेट लिए। जवाब में मप्र की टीम 50 ओवर में नौ विकेट खोते हुए 197 रन ही बना सकी। उसकी ओर से एकमात्र पृथ्वीराज सिंह तोमर ने 51 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली। जबकि आर्यन सोलंकी ने 24 रन का योगदान दिया। महाराष्ट्र के गेंदबाजों में आरएस हंगरेकर ने चार, एआर निशाद ने दो ने दो विकेट लिए। इसके जीत के साथ महाराष्ट्र को चार अंक मिले।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/the-natural-beauty-and-the-beauty-of-the-big-pond-were-captured-in-the-7096092/,पेंटिंग में प्राकृतिक सौंदर्य और बड़ा तालाब की खूबसूरती को किया कैद,"भोपाल। छह महीने बाद एक बार फिर भारत भवन की गैलरी में कलारसिकों की चहल-पहल देखने को मिली। रूपाभ श्रृंखला के अंतर्गत रंगदर्शनी दीर्घा में चित्रकार भावना चौधरी चंद्रा के 31 चित्रों को एग्जीबिट किया गया है। भावना ने बताया कि कोरोना काल में प्रतिदिन आठ से दस घंटे पेंटिंग कर इन चित्रों को तैयार किया है। उन्होंने पेंटिंग में प्राकृतिक सौंदर्य को दिखाने की कोशिश की है। - कुंभ के दृश्य को उकेरा भावना ने बताया कि 2016 में कुंभ के चित्र को कैनवास पर उकेरा है। इस चित्र को एक्रेलिक कलर से तैयार किया है, जिसमें मंत्र उच्चारण, त्रिशूल, झंडा, साधू-संत को दिखाने की कोशिश की है। इस पेंटिंग को तैयार करने में 2 महीने का समय लगा। कैनवार पर बड़ा तालाब की खूबसूरती को भी दिखाया है, जिसे तैयार करने में एर महीने लगे। कोविड के दौरान अपर लेक के पास की शांति, प्राकृतिक वातावरण, पानी की लहरें व शांत पानी को एब्स्ट्रेक्ट फार्म में तैयार किया है। 'प्रकृति मांगे स्वराजÓ 2 अक्टूबर को, पंजीयन शुरू भोपाल। आजादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत मप्र जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) की ओर से गांधी जयंती के अवसर पर इकोलॉजिकल ऑक्सीजन पार्क एवं एडवेंचर स्पोट्र्स परिसर में सुबह-10 बजे से 'प्रकृति मांगे स्वराजÓ कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, म्यूजिकल चेयर, हैंडमेट क्राफ्ट, फूड स्टॉल सहित प्रतिभागियों को लगभग 300 से अधिक फ्लोरा एवं फौना, वाल्मी फॉरेस्ट, जल संरक्षण एवं रिज टू वेली कॉन्सेप्ट से भी परिचित कराया जाएगा। साथ ही ट्रैकिंग एक्टिविटी, केमल और हॉर्स राइडिंग, नेचर हंट सहित इंडोर गेम्स भी होंगे। सभी गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति वाल्मी की वेबसाइट 222.द्वश्च2ड्डद्यद्वद्ब.शह्म्द्द पर पंजीयन कर सकते हैं, पंजीयन शुल्क प्रति व्यक्ति 55 रुपए है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/congress-leader-ghulam-nabi-writes-to-party-president-sonia-gandhi-7095842/,"गुलाम नबी ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, CWC बैठक बुलाने की मांग","नई दिल्ली। पंजाब की सियासत तेज होने के साथ ही पूरी कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं के बीच लगातार असंतोष की स्थिति देखी जा रही है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी के खिलाफ बोल रहे हैं। वहीं वरिष्ठ नेता कंपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद भी मैदान में उतर आए हैं। आखिर कांग्रेस में फैसले कौन ले रहा बीते साल जी-23 के नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के अंदर की खामियों को उजागर करने की कोशिश की थी। इसकी अगुवाई गुलाम नबी आजाद कर रहे थे। इस बार भी उन्होंने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग की है। उनसे पहले सिब्बल ने मीडिया से बात कर कहा कि आज यह भी पता नहीं चल रहा है कि आखिर कांग्रेस में फैसले कौन ले रहा है, जबकि पार्टी के पास एक नियमित अध्यक्ष तक नहीं है। सिब्बल उन 23 नेताओं (जी -23) के समूह में से एक हैं, जिन्होंने बीते वर्ष सोनिया गांधी को कड़े शब्दों में पत्र लिखा था। पत्र में पार्टी के नेतृत्व को लेकर सवाल उठाया गया था। गुलाम नबी के पत्र लिखे जाने से कुछ देर पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने प्रेसवार्ता कर कहा कि वो अपनी मांगो को उठाना जारी रखेंगे। हम जी हुजूर 23 नहीं हैं: सिब्बल सिब्बल ने कहा कि हम 'जी हुजूर 23"" नहीं हैं। यह बहुत स्पष्ट है। हम बात करते रहेंगे। हम अपनी मांगों को दोहराना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं भारी मन से आप लोगों से बात कर रहा हूं। मैं एक ऐसी पार्टी से जुड़ा हूं जिसकी ऐतिहासिक विरासत है और जिसने देश को आजादी दिलाई। मैं अपनी पार्टी को उस स्थिति में नहीं देख सकता जिस स्थिति में पार्टी आज है।' सिब्बल ने पूछा- क्यों नेता पार्टी छोड़ रहे सिब्बल ने प्रेसवार्ता में ने कहा, 'हमारे लोग हमें छोड़कर जा रहे हैं। सुष्मिता (देव) जी चली गईं और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री (लुईजिन्हो) फालेरयो भी चले गए। जितिन प्रसाद चले गए, (ज्योतिरादित्य) सिंधिया चले गए, ललितेश त्रिपाठी चले गए, अभिजीत मुखर्जी भी चले गए। कई अन्य नेता चले गए। अब सवाल ये उठता है कि ये लोग क्यों जा रहे हैं? हमें यह सोचने होगा कि शायद हमारी भी कोई गलती रही होगी।'",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/captain-amrinder-singh-visits-home-minister-amit-shah-s-residence-7095554/,"कैप्टन ने की अमित शाह से मुलाकात, जानिए किस मुद्दे पर हुई दोनों की बात","नई दिल्ली। पंजाब में हो रहे सियासी ड्रामे के बीच बुधवार शाम को पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। कुछ दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले कैप्टन की इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। वहीं, कैप्टन ने भी इस्तीफा देने के दौरान भविष्य के विकल्प खुले हुए हैं और अपमानित महसूस किया जैसी बातें कही थीं, जिसके बाद अब इस मुलाकात को बेहतर भविष्य से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि शाह से मुलाकात के बाद कैप्टन ने इसके मकसद पर भी खुलासा किया। गृह मंत्री अमित शाह से तकरीबन घंटे भर चली मुलाकात के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहाकार ने कहा कि उन्होंने इस दौरान कृषि कानूनों को लेकर लंबे वक्त से चले आ रहे किसान आंदोलन पर बात की। उन्होंने बताया, ""दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय तक किसानों के आंदोलन पर चर्चा की और उनसे फसलों के विविधीकरण में पंजाब का समर्थन करने के अलावा कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी के साथ संकट को तत्काल हल करने का आग्रह किया। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी में मौजूदा हालात को देखते हुए कैप्टन ने शाह से अपने भविष्य के विकल्पों पर चर्चा की। राजनीति के अच्छे खिलाड़ी अमरिंदर सिंह जानते हैं कि अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा भी जीतने के लि्ए पूरा जोर लगा रही है और उनके पास इसका विजन है। हालांकि इस मुलाकात का असल मकसद क्या है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। ""Met Union Home Minister Amit Shah in Delhi. Discussed prolonged farmers’ agitation against Farm Laws&urged him to resolve crisis urgently with repeal of the laws&guarantee MSP, besides supporting Punjab in crop diversification""-Captain Amarinder Singh: Media Advisor to Capt — ANI (@ANI) September 29, 2021 बता दें कि पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस में सामने आए एक ताजा सियासी संकट के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने उनके आवास पर दिल्ली पहुंचे। इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले अमरिंदर सिंह मंगलवार को दिल्ली पहुंचे थे। राष्ट्रीय राजधानी में अपने आगमन पर कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने संवाददाताओं से कहा था कि वह दिल्ली में कपूरथला हाउस यानी पंजाब के मुख्यमंत्री का आधिकारिक निवास खाली करने के लिए आए हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वह किसी राजनीतिक नेता से मिलने नहीं जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ""मैं यहां कपूरथला हाउस (नई दिल्ली में पंजाब के मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास) खाली करने आया हूं। मैं यहां किसी राजनेता से मिलने नहीं जा रहा हूं।"" #WATCH | Former Punjab CM and Congress leader Captain Amarinder Singh reaches the residence of Union Home Minister Amit Shah in New Delhi pic.twitter.com/787frIaou7 — ANI (@ANI) September 29, 2021 अमरिंदर सिंह की दिल्ली यात्रा, पंजाब कांग्रेस में मंगलवार को पीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद नए सिरे से सामने आए संकट के बीच अटकलों को तेज कर रही है। मंगलवार को सिद्धू के प्रति वफादार माने जाने वाले एक मंत्री और कुछ अन्य नेताओं ने भी बाद में इस्तीफा दे दिया था। वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के इस्तीफे पर तंज कसते हुए कहा था कि वह स्थिर व्यक्ति नहीं हैं। अमरिंदर सिंह ने एक ट्वीट में कहा था , ""मैंने आपको यह बताया था.. वह एक स्थिर व्यक्ति नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए फिट नहीं हैं।"" बता दें कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते समय, अमरिंदर सिंह ने पार्टी नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा था कि उन्हें निराश किया गया है। यह कहते हुए कि पिछले दो महीनों में उन्हें केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तीन बार बुलाया गया था, पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि वह ""अपमानित"" महसूस करते हैं। I told you so…he is not a stable man and not fit for the border state of punjab. — Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) September 28, 2021 उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने उनकी दिल्ली यात्रा पर टिप्प्णी की थी। मंगलवार को ठुकराल ने एक ट्वीट में कहा, ***** कैप्टन अमरिंदर सिंह के दिल्ली दौरे के बारे में बहुत कुछ पढ़ने को मिल रहा है। वह एक निजी दौरे पर हैं, इस दौरान वह कुछ दोस्तों से मिलेंगे और नए सीएम के लिए कपूरथला का घर भी खाली करेंगे। किसी भी तरह की अनावश्यक अटकलों की जरूरत नहीं है।"" पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह को रोकने के लिए जुलाई में सिद्धू को कांग्रेस नेतृत्व ने पीसीसी प्रमुख बनाया था। लेकिन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी अब एक नए संकट से जूझ रही है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/west-bengal-by-election-tight-security-arrangements-section-144-imposed-7095234/,"West Bengal By Election: सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, केंद्रीय बल की 15 कंपनियां तैनात, धारा 144 लागू","नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल उपचुनाव ( West Bengal By Election ) को लेकर सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजार कर दिए गए हैं। कल यानी 30 सितंबर को पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें हाईप्रोफाइल सीट भवानीपुर ( Bhawanipur ) पर हर किसी की नजरें टिकी हैं। क्योंकि इसी सीट से मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) चुनावी मैदान में हैं। अकेले भवानीपुर सीट पर मतदान के मद्देनजर केंद्रीय बलों (Central Force) की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं। जिन मतदान केंद्रों पर गुरुवार को मतदान होगा, उनके 200 मीटर के दायरे में CRPC (आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। दक्षिण कोलकाता की भवानीपुर सीट के उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उम्मीदवार हैं, जबकि बीजेपी ने प्रियंका टिबरेवाल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने श्रीजीव विश्वास को मैदान में उतारा है। ममता बनर्जी के सीएम पद पर बने रहने के लिए ये चुनाव जीतना काफी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि इस सीट पर चुनाव ने हर किसी की ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। भवानीपुर में 97 मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बल के जवान तैनात किए जाएंगे। बूथ के बाहर सुरक्षा का प्रभार कोलकाता पुलिस अधिकारियों के हाथ में होगा। कोलकाता पुलिस ने एक आदेश में कहा, ‘किसी भी मतदान केंद्र के 200 मीटर के दायरे में पांच या इससे अधिक लोगों को एकत्र होने की अनुमति नहीं होगी। पत्थर, हथियार, पटाखे या अन्य विस्फोटक सामग्री लाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।’ भवानीपुर में 38 स्थानों पर पुलिस चौकियां बनाई गई हैं। मतदान के दिन बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। भवानीपुर उपचुनाव के लिए एक अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के अलावा चार संयुक्त पुलिस आयुक्त, 14 उपायुक्त और इतने ही सहायक आयुक्त तैनात किए गए हैं। बारिश को लेकर किए विशेष इंतजाम बीते दो दिन से पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में भारी बारिश ने मुश्किल बढ़ा दी है। यही वजह है कि उपचुनाव में बारिश की वजह से विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसके चलते तीन अतिरिक्त नियंत्रण कक्ष भी खोले हैं। ईवीएम को पहुंचाने के लिए 141 विशेष वाहनों का प्रबंध किया गया है। शहर में रुक-रुक कर बारिश होने के कारण सभी पुलिसकर्मियों से रेनकोट पहनने और छाते साथ रखने को कहा गया है। अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग ने यहां के मौसम को देखते हुए सिंचाई विभाग से भी सतर्क रहने को कहा है। यही नहीं सभी मतदान केंद्रों को बाढ़ का पानी निकालने के लिए पंप तैयार रखने को कहा गया है। एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि जंगीपुर और शमशेरगंज में भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। इन सीटों पर भी गुरुवार को विधानसभा चुनाव होने हैं। तीनों सीटों पर मतगणना तीन अक्टूबर को की जाएगी।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/navjot-singh-sidhu-s-supporters-protesting-outside-of-his-residence-7095230/,Navjot Singh Sidhu Resignation: सिद्धू के आवास के बाहर समर्थकों का जोरदार प्रदर्शन,"नई दिल्ली। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। कल शाम नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर अपना इस्तीफा दे दिया था। सिद्धू ने इस पत्र में लिखा कि वो आगे भी कांग्रेस का हिस्सा बने रहेंगे। वहीं अब नवजोत सिंह सिद्धू को इस्तीफा दिए करीब 24 घंटे का समय हो गया है, लेकिन अभी तक कांग्रेस आलाकमान ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। पार्टी के नेता उन्हें पद पर बने रहने के लिए मना रहे हैं। इसी बीच सिद्धू के आवास के बाहर बड़ी संख्या में समर्थकों ने पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी। समर्थकों का कहना है कि कांग्रेस हाईकमान नेताओं को फैसले लेने की स्वतंत्रता नहीं दे रहा है। सिद्धू पर दवाब बनाना सही नहीं बता दे कि सिद्धू के इस्तीफे के बाद उनके आवास पर नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है। पार्टी नेता और विधायक उनसे इस पद पर बने रहने की अपील कर रहे हैं। ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थक भी उनके आवास के बाहर पहुंचने लगे हैं। समर्थक नारेबाजी करते हुए पार्टी आलाकमान उन्हें फैसले लेने की स्वतंत्रता दे। बता दें कि इन समर्थकों का नेतृत्व शेरी रियार तथा अन्य कांग्रेसी वर्कर कर रहे हैं। सिद्धू के समर्थकों का कहना है कि हमारे नेता पंजाब के हित में काम करना चाहते हैं और उनपर किसी भी तरह का दवाब बनाना कतई सही नही है। बाजवा का दावा दो दिन में होगा समाधान जानकारी के मुताबिक आज कादियां के विधायक फतेह जंग सिंह बाजवा और बलविंदर सिंह लाडी नवजोत सिंह सिद्धू से मिलने उनके आवास पहुंचे थे। सिद्धू के इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा कि उन्होंने जो भी कुछ किया है पंजाब की जनता से संबंधित मुद्दों पर ही किया हैं। उनके त्यागपत्र का मामला आने वाले 2 दिनों में हल हो जाएगा। बाजवा से पहले, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के हाल ही में बनाए गए कैशियर गुलजार इंदर चहल नवजोत सिंह सिद्धू के आवास पर पहुंचे थे। गौरतलब है कि कल शाम नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस का हिस्सा बना रहेगा। वहीं आज एक वीडियो संदेश जारी कर नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब की नई सरकार को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्‍होंने कहा कि जिन लोगों ने बेदअदबी के लिए दोषी लोगों को सुरक्षा दी और उनके केस लड़े उनकी नियुक्तियां हो रही हैं। ऐसे में पंजाब के हालातों में कोई बदलाव नहीं होने वाला, राज्य के हालात वहीं रहेंगे जो कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के समय थे।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/jdu-president-lalan-singh-formed-16-members-new-team-7093602/,"JDU अध्यक्ष ललन सिंह ने बनाई नई टीम, इन नेताओं पर जताया भरोसा","नई दिल्ली। जनता दल युनाइटेड के अध्‍यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पार्टी की एक नई टीम का गठन किया है। राजद अध्यक्ष ने इस टीम में ज्यादातर पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है। हालांकि इस नई टीम में कुछ नए चेहरे भी देखने को मिलेंगे। जानकारी के मुताबिक पार्टी की इस नई टीम के गठन का उद्देश्य राज्य में पार्टी को और मजबूत करना है। इस टीम में 18 सदस्यों को शामिल किया गया है। वहीं भविष्य में यह टीम और बड़ी हो सकती है। पुराने चेहरों पर ललन सिंह ने जताया भरोसा बताया गया कि ललन सिंह द्वारा गठित की गई इस टीम में केसी त्‍यागी को राष्‍ट्रीय प्रधान महासचिव की जिम्‍मेदारी सौंपी है। वहीं राज्य में एक बड़े वर्ग का प्रतिनित्व करने वाले उपेंद्र कुशवाहा संसदीय दल के अध्‍यक्ष बने रहेंगे। इसके साथ ही गोपालगंज के सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन पार्टी की इस नई टीम में कोषाध्‍यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। 18 सदस्यीय टीम में किसे मिली क्या जिम्मेदारी इसके अलावा इस 18 सदस्‍यीय टीम में सांसद रामनाथ ठाकुर को महासचिव बनाया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मो. अली अशरफ फातमी, बिहार सरकार के मंत्री संजय झा, प्रवीण सिंह, विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी, आफाक अहमद खान, पूर्व विधायक रामसेवक सिंह, विधान पार्षद कमरे आलम, हर्षवर्धन सिंह को भी महासचिव नियुक्त किया गया है। वहीं सांसद रामप्रीत मंडल, विद्यासागर निषाद , रविंद्र प्रसाद सिंह, राज सिंह मान और राजीव रंजन प्रसाद राष्ट्रीय सचिव बनाए गए हैं। इस टीम को देखने से यही लगता है कि इसमें आरसीपी सिंह के करीबियों को जगह नहीं दी गई है और सीएम नीतीश कुमरा के नजदीकियों पर भरोसा जताया गया है। माना जा रहा है कि जदयू ने राज्य में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी शुरू कर दी है। इसके चलते ही इस नई टीम का गठन किया गया है।",-1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/portfolios-distribute-to-new-ministers-of-punjab-cm-keeps-14-himself-7093388/,"पंजाब में नए मंत्रियों को बांटे गए विभाग, जानिए किसे मिली क्या जिम्मेदारी","नई दिल्ली। चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में कमान संभाल ली है। इसके साथ ही 6 दिन के मंथन के बाद पंजाब के नए सीएम को उनके मंत्री भी मिल गए हैं। सभी 18 मंत्रियों को राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिला दी है। इसके बाद कल पंजाब सीएम की अध्यक्षता में कैबिनेट की पहली बैठक हुई है। आज पंजाब सीएम ने सभी मंत्रियों को नई जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। मुख्यमंत्री ने अपने पास रखे 14 विभाग बता दें कि मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी ने अपने पास कार्मिक, विजिलेंस, सामान्‍य प्रशासन सहित 14 विभाग रखे हैं। जबकि डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा को गृह विभाग, सहकारी व जेल विभाग दिए गए हैं। दूसरे उपमुख्‍यमंत्री ओम प्रकाश सोनी स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण, पूर्व सैनिक कल्‍याण व स्‍वतंत्रता सेनानी कल्‍याण विभाग सौंपे हैं। राज्‍य कैबिनेट में सीएम और दो डिप्‍टी सीएम सहित 18 मंत्री हैं। इन 15 मंत्रियों को भी विभाग सौंप दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक मनप्रीत सिंह बादल को वित्‍त, कराधान, शासकीय सुधार, योजना और कार्यक्रम क्रियान्‍वयन विभाग सौंपे गए हैं। ब्रह्म मोहिंद्रा को स्‍थानीय निकाय, संसदीय व जन शिकायत निवारण विभाग दिए गए हैं। वहीं तृप्‍त राजिंदर सिंह बाजवा को ग्रामीण विकास और पंचायत, पशुपालन, मछली व डेयरी विकास विभाग दिए गए हैं। अरूणा चौधरी को सौंपे गए ये विभाग अगर बात अरूणा चौधरी की करें जिनका नाम सीएम पद के लिए सामने आ रहा था तो अरुणा चौधरी को राजस्‍वा, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग सौंपे गए हैं। वहीं सुखविंदर सिंह सरकारिया को जल संसाधन व आवास एवं शहरी विकास विभाग का प्रभार दिया गया है। इसके साथ ही राणा गुरतीज सिंह को तकनीकी शिक्षा व औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के साथ रोजगार संवर्द्धन व ट्रेनिंग, बागवानी और रेत व जल संरक्षण विभाग के कार्यभार सौंपे गए हैं। भारत भूषण आशू को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग भारत भूषण आशू को खाद्य एवं आपूर्ति, उपभोक्‍ता मामले विभाग का कार्यभार सौंपा गया है। बता दें कि पहले भारत भूषण आशू का नाम डिप्टी सीएम पद के लिए सामने आ रहा था। इसके आलावा रजिया सुल्‍ताना को जलापूर्ति व सीवरेज, सामाजिक सुरक्षा, महिला व बाल कल्‍याण, प्रिंटिंग और स्‍टेशनरी विभाग सौंपे गए हैं। विजय इंदर सिंगला को जनस्‍वास्‍थ्‍य और प्रशासनिक सुधार विभाग सौंपे गए हैं। इसके साथ ही रणदीप सिंह नाभा को कृषि और किसान कल्‍याण व खाद्य प्रसंस्‍करण विभाग सौंपे गए हैं। वहीं राजकुमार वेरका को सामाजिक न्‍याय, रोजगार, नई व अक्षय ऊर्जा और मेडिकल शिक्षा व शोध विभाग सौंपे गए हैं।",-1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/state-former-cm-harish-rawat-took-a-broom-in-nanakmatta-gurudwara-and-atonemented-by-cleaning-shoes-21988586.html,"पंजाब कांग्रेस प्रभारी व पूर्व सीएम रावत ने गुरुद्वारे में झाड़ू लगा किया पश्चाताप, जानिए पूरा मामला","जागरण संवाददाता, नानकमत्ता (ऊधमसिंह नगर) : कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पिछले दिनों पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व की तुलना पंज प्यारे से करने के अपने बयान पर प्रायश्चित करने शुक्रवार को नानकमत्ता गुरुद्वारा पहुंचे। यहां उन्होंने झाड़ू लगाकर सफाई की और श्रद्धालुओं के जूते साफ किए। उधर, उनके इस बयान के विरोध में नानकमत्ता, बाजपुर और किच्छा में प्रदर्शन भी किया गया। खटीमा में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के शुभारंभ के बाद हरीश रावत प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा और पूर्व सांसद महेंद्र पाल स‍िंह के साथ गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान कार्यालय में पहुंचे। यहां गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान सेवा स‍िंह, मैनेजर रंजीत स‍िंह, सुखवंत स‍िंह आदि से उन्होंने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अपने बयान पर प्रायश्चित करते हुए गुरुद्वारे में सेवा की। उसके बाद रावत नानकमत्ता स्थित कृषि उत्पादन मंडी समिति पहुंचे। यहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2024 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी। तब मोदी सरकार की ओर से किसानों पर लादे गए कृषि कानून को खत्म कर दिया जाएगा। सरकार बनने पर वह इस कानून की प्रतियां फाड़कर यमुना में बहा देंगे। उन्होंने सरकार में आने पर नानकमत्ता में राय सिख भवन का निर्माण कराए जाने और किसानों के ट्यूबवेल की बिजली फ्री करने की बात भी कही।बाजपुर, किच्छा, नानकमत्ता में प्रदर्शनपंज प्यारे से संबंधित बयान से आक्रोशित बाजपुर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने हरीश रावत के खिलाफ बैठक की। कमेटी की अध्यक्ष मनमीत कौर ने कहा कि सिख कौम की भावनाएं भड़काने के आरोप में हरीश रावत के खिलाफ सरकार मुकदमा दर्ज करे। इधर, नानकमत्ता में आप कार्यकर्ताओं ने हरीश रावत को काले झंडे दिखाए। किच्छा में भी हरीश रावत का पुतला फूंका गया। ",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-subramanian-swamy-letter-to-pm-modi-drawing-his-attention-to-the-delays-of-high-profile-corruption-court-cases-21989194.html,"पीएम मोदी को सुब्रमण्‍यम का पत्र, भ्रष्टाचार के हाई प्रोफाइल मामलों में देरी से BJP की छवि हो रही खराब","नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान ऐसे हाई प्रोफाइल भ्रष्टाचार के मामलों की और खींचा है जो सुनवाई के लिए अदालत में लंबित हैं। पत्र लिखकर भाजपा सांसद ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पी चिदंबरम राबर्ट वाड्रा समेत कई अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार मामलों के लंबित मुकदमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से कहा है कि इन मामलों में प्रासीक्यूशन में हो रही देरी भाजपा की छवि को नुकसान हो रहा है।सुब्रमण्यम स्वामी ने इस पत्र में 2G घोटाले, एयरसेल मैक्सिस व नेशनल हेराल्ड जैसे भ्रष्टाचार के मामलों का जिक्र किया है। उन्होंने इस मामलों के आकलन के लिए इंटर डिपार्टमेंटल मानिटरिंग बडी के गठन की मांग की है।स्वामी ने आरोप लगाया कि वाड्रा के खिलाफ दर्ज कालेधन के मामले में भी कुछ खास नहीं हुआ है। ट्विटर पर स्‍वामी ने बताया कि यह पत्र उन्‍होंने प्रधानमंत्री को 2 सितंबर 2021 को लिखी थी। प्रधानमंत्री को पत्र में स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित 2जी घोटाले की अपील, एयरसेल मैक्सिस और आईएनएक्‍स मीडिया रिश्‍वतखोरी मामले में पी चिदंबरम और उनके बेटे का केस व नेशनल हेराल्ड मामले में जमानत पर चल रहे सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ केस का जिक्र किया है।वर्ष 2014 में पार्टी ने ऐसे ही मामलों के खिलाफ अभियान की शुरुआत की थी। भाजपा सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गए इस दो पेज की चिट्ठी को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। उन्‍होंने लिखा, 'केंद्र में UPA के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के कई मामले आए थे। इसमें शक नहीं कि सरकार की ओर से भ्रष्टाचार के ऐसे कई मामलों के अभियोजन में काफी अधिक देरी हुई है।' ",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-congress-crisis-international-conflict-in-the-states-became-challenge-for-the-leadership-jagran-special-21988404.html,"राज्यों में अंदरूनी घमासान बना कांग्रेस नेतृत्व के लिए चुनौती, हाईकमान के अंकुश को मानने को तैयार नहीं दिख रहे सिद्धू","संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस के शीर्ष संगठन के चुनाव को लेकर असमंजस का दौर कायम है, लेकिन राज्यों के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव को को जारी रखते हुए हाईकमान अपनी पकड़ मजबूत बनाने में जुटा है। हालांकि इस सियासी कसरत के क्रम में नेतृत्व को फिलहाल कम से कम आधा दर्जन राज्य इकाईयों में भारी अंदरूनी घमासान की सिरदर्दी से रुबरू होना पड़ रहा है। पंजाब में थम नहीं रही कलह पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से आगे का सियासी भविष्य तैयार करने की योजना के तहत हाईकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को भारी मशक्कत के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तो बना दिया लेकिन सिद्धू अपनी निजी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को जिस रफ्तार से बाउंड्री के पार पहुंचाने के अंदाज में दिख रहे हैं वह अब नेतृत्व के लिए ही चुनौती बन गया है। सिद्धू के रुख ने पंजाब में संगठन पर पकड़ बनाने की नेतृत्व की कसरत को डांवाडोल कर दिया है क्योंकि वे तो हाईकमान के अंकुश को मानने के लिए तैयार नहीं दिख रहे।केरल में बदलाव के प्रयोग से फूटा विद्रोह कांग्रेस के दूसरे मजबूत गढ़ केरल में भी पार्टी नेतृत्व ने बड़ी तेजी से तीन महीने पहले के सुधाकरण को प्रदेश अध्यक्ष तो वीडी सतीशन को विपक्ष का नया नेता नियुक्त कर ओमेन चांडी और रमेश चेन्निथला जैसे दिग्गजों को झटका दिया। प्रदेश नेतृत्व के लिए हाईकमान की पसंद के इस बदलाव की आंच अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि पिछले हफ्ते हुए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में भी यही फार्मूला अपनाया गया। इसको लेकर केरल कांग्रेस में घमासान का आलम यह है कि सूबे के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है तो कई चेतावनी दे रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस का यह बदलाव चाहे हाईकमान के हाथ को मजबूत बनाए मगर केरल की सियासी जमीन पर पार्टी के आधार को अभी नुकसान पहुंचाती दिख रही है।छत्तीसगढ़ में बघेल और सिंहदेव के बीच फंसा नेतृत्व छत्तीसगढ़ में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष की नियुक्ति पहले हो गई थी और इसलिए संगठन के ढांचे में हाईकमान के लिए कोई सिरदर्दी भले नहीं है लेकिन सूबे की सत्ता में अस्थिरता की हलचल जरूर शुरू हो गई है। ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के वादे को लेकर पार्टी नेतृत्व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को पहले अहमियत दी और फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मजबूत राजनीतिक पेशबंदी और पकड़ को देखते हुए कदम खींच लिए। छत्तीसगढ़ में अपनी सियासत का प्रभाव नापने की नेतृत्व की इस कसरत से पार्टी संगठन और सरकार को मजबूती तो नहीं ही मिली है, उल्टे सूबे में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल पैदा होने की आशंका जरूर बढ़ गई है।राजस्थान में गहलोत नहीं दे रहे सचिन को तवज्जो राजस्थान में एक साल से भी अधिक समय से सरकार और संगठन के बीच समन्वय बनाने की कोशिश हो रही है मगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब भी अपने प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट और उनके समर्थकों को सत्ता-संगठन में मौका देने को राजी नहीं हैं। हाईकमान की यहां दिक्कत यह है कि गहलोत और सचिन दोनों उसके लिए दाई और बाई आंख जैसे हैं और यहां किसी एक के पक्ष में निर्णय लेना उसके लिए चुनौती है।महाराष्ट्र और उत्तराखंड में भी दिक्कतें कम नहीं महाराष्ट्र में हाईकमान ने छह महीने पूर्व नाना पटोले को प्रदेश कांग्रेस की बागडोर सौंप दी मगर सूबे के कई बड़े नेता या तो नाराज चल रहे या फिर उनसे तालमेल नहीं बिठा पा रहे। उत्तराखंड में चुनाव को देखते हुए गणेश गोंदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। गोंदियाल प्रदेश कांग्रेस के चुनावी चेहरा हरीश रावत के निकट माने जाते हैं और तभी पार्टी का एक वर्तेग इस पर अपनी नाखुशी जाहिर कर चुका है।फिलहाल झारखंड और तेलंगाना में शांति झारखंड में भी शीर्ष नेतृत्व ने पिछले हफ्ते नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की थी और हाईकमान के लिए राहत की बात यह है कि अभी तक इसको लेकर कोई मुखर असंतोष के सुर सामने नहीं आए हैं। तेलंगाना में भी रेवंत रेडडी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने में नेतृत्व को मशक्कत करनी पड़ी है लेकिन उनकी नियुक्ति के बाद असंतोष फिलहाल शांत हो गया है। ",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/nsui-protest-opposing-railway-highway-privatization,"रेलवे, हवाई जहाज, LIC,MTNL को ठेले पर बेचने निकली NSUI, निजीकरण का विरोध","नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने देश में बढ़ते निजीकरण और मोदी सरकार द्वारा रेलवे, हाईवे, हवाई जहाज, LIC ,MTNL को प्राईवेट करने के विरोध में प्रदर्शन किया. एनएसयूआई ने सरकारी संपत्ति के निजीकरण के विरोध में ठेले पर रेल, हवाई जहाज, MTNL, हाईवे के डमी खिलौने बनाकर इनकी सेल लगाई.प्रदर्शन का नेतृत्व एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन एवं प्रदेश अध्यक्ष कुनाल सहरावत ने किया. प्रदर्शन में एनएसयूआई दिल्ली राष्ट्रिय सचिव प्रभारी नीतीश गौड़, एनएसयूआई राष्ट्रीय महासचिव विशाल चौधरी, राष्ट्रीय सचिव वरुण चौधरी, राष्ट्रीय सचिव अविनाश यादव समेत तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे.NSUI के राष्ट्रीय सचिव लोकेश चुग के मुताबिक एनएसयूआई का मानना है कि ""जबसे बीजेपी सत्ता में आई है, तब से लगातार देश को निजीकरण की तरफ धकेल रही है. बीजेपी ने भारत एल्युमिनियम कंपनी (बाल्को), हिंदुस्तान जिंक में रणनीतिक विनिवेश किया और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, इंडियन पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को रिलायंस इंडस्ट्रीज और बीएसएनएल को टाटा समूह को बेच दिया.""नीरज कुंदन ने अपने प्रेस बयान में कहा ""भाजपा सरकार ने कांग्रेस की 70 साल की मेहनत को 7 साल में बेच दिया. यदि भाजपा सरकार युवाओं की अपेक्षाओं पर खरी नही उतर पा रही है और एक निजी फर्म की तरह काम करना चाहती हैं तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.""कुंदन ने आगे कहा, ""मेरे मन में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इन कंपनियों का ट्रैक रिकॉर्ड और भविष्य अच्छा था, फिर भी इनका निजीकरण क्यों किया गया? यह सिर्फ पैसे का लालच है और अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाना हैं.भाजपा सरकार ने कहा कि वह रोजगार लागू करेगी, लेकिन ऐसा नहीं है. सच तो यह है कि निजिकरण से कर्मचारियों की छंटनी होगी.""नीरज कुंदन ने आरोप लगाते हुए कहा कि निजी क्षेत्र लोगों के हितों की चिंता नहीं करेगा, क्योंकि उसका मूल उद्देश्य मुनाफा कमाना है.",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/punjab-election-captain-amarinder-singh-navjot-sidhu-punjab-congress-sad-aap,"कैप्टन या सिद्धू? कांग्रेस को लेना होगा फैसला, 1 म्यान में 2 तलवार मुमकिन नहीं","पंजाब (Punjab) कांग्रेस (Congress) के प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) ने 2 सितंबर 2021 को कहा कि पंजाब में अभी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसको सीधे शब्दों में कहे तो पंजाब कांग्रेस में ऑल इज नॉट वेल वाली स्थिति है. खुद हरीश रावत ने स्वीकार करते हुए कहा कि पार्टी में गुटबाजी का मसला अभी सुलझा नहीं है.इसके एक दिन पहले ही रावत ने कहा था कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी, लेकिन बाद में उन्हें अपने इस बयान पर सफाई देनी पड़ी.कांग्रेस पार्टी को किसी और के लिए न सही कम से कम रावत की खातिर पंजाब में नेतृत्व के लिए चल रहे घमासान को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए. क्योंकि हरीश रावत जितना ज्यादा वक्त पंजाब में बिताएंगे उतना कम समय उन्हें अपने गृह राज्य यानी उत्तराखंड को दे पाएंगे. जहां पार्टी अगर सही तरीके से काम करती है तो वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हरा भी सकती है.पंजाब में कांग्रेस के सामने कोई छोटी-मोटी दिक्कत नहीं है बल्कि विकराल समस्या है. वहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच संतुलन बनाना अब संभव ही नहीं लग रहा है.",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/abp-c-voter-survey-bjp-likely-to-win-in-uttarakhand-manipur-goa-elections-2022,"ABP-C Voter सर्वे: उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में BJP फिर बना सकती है सरकार","आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर एबीपी-सी वोटर का सर्वे सामने आया है. इस सर्वे के मुताबिक बीजेपी अन्य पार्टियों को पीछे छोड़ उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बाजी मार सकती है.एबीपी-सी वोटर सर्वे के अनुसार, 70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 44 से 48 सीटें मिलने की संभावना है वहीं 40 सीटों वाली गोवा विधानसभा में भी बीजेपी 22-26 सीटों पर जीत की संभावना के साथ ड्राइविंग सीट पर दिख रही है.इसके अलावा 60 विधानसभा सीटों वाली मणिपुर में भी बीजेपी का 32-36 सीटों पर जीत के साथ बाजी मारने का अनुमान जताया गया है.एबीपी-सीवोटर सर्वे के मुताबिक, 70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 46 सीटें मिलने की संभावना है. हालांकि मौजूदा संख्याबल से यह 11 सीटों का नुकसान है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के इस बार अच्छे प्रदर्शन की संभावना है क्योंकि सर्वे से पता चलता है कि यह 21 सीटों पर जीत सकती है.पहली बार उत्तराखंड में अपने आप को आजमा रही आम आदमी पार्टी (आप) को केवल 2 सीटें जीतने की उम्मीद है, जबकि अन्य को सर्वेक्षण के अनुसार सिर्फ 1 सीट मिलेगी .गोवा विधानसभा चुनाव पर एबीपी-सी वोटर सर्वे में कांग्रेस को 15.4%, बीजेपी को 39.4 %, आप को 22.2 % और अन्य को 23 % वोट शेयर मिलने का अनुमान लगाया गया है.सीटों में बात करें तो 40 सीटों वाली इस विधानसभा में कांग्रेस को 3-7 सीटों, बीजेपी को 22-26 सीटों, आप को 4 से 8 सीटों और अन्य को 3 से 7 सीटों का अनुमान है.मणिपुर एबीपी-सीवोटर सर्वे ने अनुमान लगाया है कि मणिपुर के आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 34.5 प्रतिशत, बीजेपी को 40.5 प्रतिशत, एनपीएफ को 7 प्रतिशत और अन्य को 18 प्रतिशत वोट मिलेंगे .सीटों में बात करें तो 60 सीटों वाली इस विधानसभा में कांग्रेस को 18-22 सीटें, बीजेपी को 32-36 सीटें, एनपीएफ को 2-6 और अन्य को 0-4 सीटों की भविष्यवाणी की गई है.",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/states/chapter-on-jp-narayan-removed-from-bihar-jp-university-syllabus-cm-nitish-kumar,"बिहार: JP यूनिवर्सिटी के सिलेबस से हटाया गया जेपी नारायण का चैप्टर, नीतीश नाराज","बिहार (Bihar) के जय प्रकाश विश्वविद्यालय ने अपने एमए राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम से सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता राम मनोहर लोहिया का चैप्टर हटा दिया है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि जिनके नाम पर विश्वविद्यालय का नाम है, यानी जयप्रकाश नारायण का भी चैप्टर हटा दिया है, जिस पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने नाराजगी जाहिर की है.अन्य कई हस्तियों के नाम हटाए गए अन्य प्रख्यात हस्तियां जिनके नाम पाठ्यक्रम से हटा दिए गए थे, उनमें दयानंद सरस्वती, राजा राम मोहन राय और बाल गंगाधर तिलक शामिल हैं. नीतीश कुमार ने परिवर्तनों को ""अनुचित"" और ""अवांछित"" कहा, और शिक्षा विभाग के माध्यम से सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कहा.बर्दाश्त नहीं किया जा सकता: लालू प्रसाद यादव नारायण और लोहिया पर अध्यायों को हटाने का मुद्दा एक विवाद में बदल गया है, विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने आरएसएस और बीजेपी-जेडीयू सरकार पर 'छिपे हुए एजेंडे' का आरोप लगाया है, यह कहते हुए कि जनहित में भविष्य में इस तरह के कदमों की अनुमति नहीं दी जाएगी, नीतीश कुमार ने राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों को भी अपने पाठ्यक्रम में बदलाव करने से पहले शिक्षा अधिकारियों से परामर्श करने की चेतावनी दी. मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि ""परंपरा का पालन नहीं किया गया"" और उनकी सरकार ""जनता के मूड के खिलाफ"" पाठ्यक्रम को स्वीकार नहीं कर सकती है.लालू प्रसाद यादव, जिन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए विश्वविद्यालय की स्थापना की, उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि, ""आरएसएस समर्थित बिहार सरकार और आरएसएस की मानसिकता ने महान समाजवादी नेताओं के विचारों को हटा दिया था"".उन्होंने ट्वीट किया, ""मैंने 30 साल पहले अपनी कर्मभूमि छपरा में जेपीयू की स्थापना की थी. इसका नाम जय प्रकाश जी के नाम पर रखा गया था. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. सरकार को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए""विश्वविद्यालय के कुलपति और अधिकारियों को आज पटना तलब किए जाने के बाद इस फैसले के पीछे का कारण बताने को कहा गया.",1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/politics/why-prashant-kishor-wants-to-join-congress-b621-1/,Congress में क्यों शामिल होना चाहते हैं Prashant Kishor?,"कांग्रेस की पहुंच से यूपी बाहर, पंजाब से उम्मीद किशोर का बिहार कनेक्शन बिहार में कांग्रेस के पास नहीं कोई चेहरा चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें जोरों पर हैं. प्रशांत किशोर ने बीती 13 जुलाई को राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी इसके बाद से ही यह कहा जा रहा है की प्रशांत किशोर कांग्रेस का दामन थाम एक बार फिर राजनीति में अपनी किस्मत आजमाएंगे. कई राजनीतिक विश्लेषक इसे कांग्रेस के रिवाइवल से जोड़ कर भी देख रहे हैं, उनका मानना है की 2014 के बाद कमजोर हो चुकी कांग्रेस को इससे नई जान मिलेगी. लेकिन यहां एक सवाल यह भी उठता हैं की प्रशांत किशोर क्यों कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं? कांग्रेस में शामिल होने के पीछे प्रशांत किशोर की क्या रणनीति है? प्रशांत किशोर के काम से कांग्रेस को कई राज्यों में हुआ नुकसान बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी की जीत में पीके का अहम योगदान रहा लेकिन बंगाल में टीएमसी के खिलाफ लड़ रही कांग्रेस को 0 पर निपटाने का श्रेय भी पीके को जाता है। इससे पहले 2018 में जगनमोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP ने भी आंध्र प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था, तब भी प्रशांत, जगनमोहन के साथ काम कर रहे थे. 2017 में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के साथ काम किया, पंजाब में जहां उन्हें सफलता मिली वही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन किया. बात अगर 2014 की करें तब भी प्रशांत किशोर ने मोदी के साथ मिलकर बीजेपी को जिताने के लिए कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का काम किया था. ऐसे में राष्ट्रीय स्तर और राज्यों में कांग्रेस के खिलाफ काम कर चुके किशोर क्यों आज कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं? ये सवाल तो बनता है. कांग्रेस की पहुंच से बाहर यूपी, पंजाब से उम्मीद 2022 में देश के 7 राज्यों गोआ, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव होने है. उत्तर प्रदेश और पंजाब की अगर बात कि जाए तो, 403 सीटों के साथ सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कमजोर ही नजर आती है, कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी ने जरूर यूपी की जिम्मेदारी संभाली हुई है लेकिन पार्टी अब भी पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के नतीजों को सुधारने की स्थिति में नहीं है. 2017 यूपी चुनाव में प्रशांत किशोर कांग्रेस के साथ थे इस बार भी अगर किशोर पार्टी के साथ रहे तब भी कांग्रेस के प्रदर्शन पर कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आता. यूपी में इस बार भी मुख्य लड़ाई बीजेपी, सपा और बसपा के बीच ही होनी है. पंजाब में कांग्रेस सरकार की स्थिति कुछ बेहतर नजर आती है, किसानों से जुड़े मुद्दे पर कांग्रेस और अकाली दल कोई कोताही नहीं बरत रहा और लगातार किसानों के साथ खड़े दिश रहे हैं. कांग्रेस को हाल में हुई सिद्धू की ताजपोशी का भी फायदा मिलने की उम्मीद है. बीजापी का पंजाब में वैसे ही कोई दखल नहीं है. पंजाब में प्रशांत किशोर पहले भी कांग्रेस की जीत में साथ थे लेकिन पार्टी ज्वाइन करने के बाद प्रशांत को यहां अलग भूमिका में देखा जा सकता है क्योंकि अब केवल अमरिंदर सिंह नहीं बल्कि नवजोत सिंह सिद्धू भी पंजाब में तैनात हैं. 2022 राष्ट्रपति चुनाव होगी पहली चुनौती कांग्रेस में शामिल होने के बाद प्रशांत किशोर का पहला काम 2022 के राष्ट्रपति चुनाव पर होगा, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अभी से सियासी गलियारों में बातें चल रही हैं. कुछ दिन पहले आई खबरों के मुताबिक एनसीपी प्रमुख शरद पवार राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार हो सकते हैं. इसके पीछे भी प्रशांत किशोर का ही दिमाग बताया जा रहा है. पवार भले ही अभी इस बात से इनकार कर रहे हो लेकिन अगले साल ऐसा ही देखने मिल सकता है. प्रशांत भी विभिन्न क्षेत्रीय दलों में अपनी पैठ का लाभ कांग्रेस को अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में दिलाना चाहेंगे. प्रशांत किशोर का बिहार कनेक्शन प्रशांत कई बार ‘ग्रासरूट’ पर काम करने की इच्छा जाता चुके हैं. अपनी पहली राजनितिक पारी प्रशांत ने जेडीयू के साथ शुरू की थी, इस दौरान उन्होंने कई बार बिहार के लिए काम करने की अपनी इच्छा जाहिर की थी. बिहार के युवाओं के 2015 चुनाव के बाद से प्रशांत किशोर कोई नया नाम नहीं है, वह खुद भी बिहार के ही रहने वाले हैं. जेडीयू से निकाले जाने के बाद प्रशांत ने बिहार में ‘बात बिहार की’ कैंपेन लॉन्च किया था. जिसका लक्ष्य उन्होंने अगले 10 सालों में बिहार को देश के 10 अग्रणी राज्यों में शामिल करना बताया था. हाल में हो रहे घटनाक्रम से यह लग रहा है कि प्रशांत किशोर बिहार को अग्रणी राज्य बनाने का सपना कांग्रेस पार्टी में होते हुए पूरा करना चाहते हैं. बिहार में कांग्रेस के पास नहीं कोई चेहरा बिहार में कांग्रेस की स्थिति पर बात की जाए तो इस प्रदेश में कांग्रेस 1989 के बाद से अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई है, 2020 में हुए विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर लड़कर केवल 19 पर ही जीत दर्ज कर पाई थी. ऐसी स्थिति में प्रशांत किशोर अगर कांग्रेस ज्वाइन करते हैं तो इसे बिहार की राजनीति से भी जोड़कर देखा जाना चाहिए. इससे यह सवाल तो उठता ही है कि क्या आने वाले समय में बिहार में प्रशांत किशोर कांग्रेस का चेहरा बन सकते हैं?",1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/politics/harsimrat-kaur-said-opposition-needs-to-unite-expresses-regret-over-those-who-do-not-support-farmers-b617/,"'विपक्ष एकजुट नहीं तो सरकार को होता रहेगा फायदा', किसान आंदोलन को लेकर बोलीं हरसिमरत कौर, विपक्षी दलों के रवैये पर जताया अफसोस","Highlights सांसद हरसिमरत कौर बादल ने किसानों को विपक्षी दलों से समर्थन की कमी पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष किसानों के पक्ष में एकजुट नहीं होता तो मोदी सरकार को फायदा होता रहेगा। हरसिमरत कौर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की। नई दिल्लीः शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने शनिवार को कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को विपक्षी दलों से समर्थन की कमी पर अफसोस जताया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जब तक विपक्ष किसानों के पक्ष में एकजुट होने का फैसला नहीं करता तब तक मोदी सरकार को फायदा होता रहेगा। हरसिमरत कौर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य शामिल थे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैंने एक साथ मुद्दों को उठाने के लिए कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके के नेताओं से संपर्क किया, लेकिन दुख की बात है कि आज तक किसी ने जहमत नहीं उठाई।' उन्होंने कहा, 'जब तक विपक्ष एकजुट नहीं होगा, तब तक सरकार को फायदा होता रहेगा।' मुद्दे को सुलझाने के लिए हो समिति का गठन उन्होंने आगे कहा, 'केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान 500 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए संयुक्त समिति का गठन किया जाना चाहिए।' 8 महीनों से बैठे किसान, केन्द्र नहीं दे रहा ध्यानः जरनैल सिंह एक दिन पहले दिल्ली विधानसभा ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य जरनैल सिंह द्वारा मानसून सत्र के दूसरे दिन पेश किया गया प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया। जरनैल सिंह ने कहा कि आप सदस्यों ने केंद्र को उसके “अड़ियल व्यवहार“ और इन कानूनों को वापस लेने के लिए कहा है। जरनैल सिंह ने कहा, “लगभग आठ महीने हो गए हैं कि लाखों किसान दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में बैठे हैं। हालांकि, केंद्र ने उन पर कोई ध्यान नहीं दिया। इससे पता चलता है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देश के किसानों के साथ कैसा व्यवहार करती है। इस प्रस्ताव में केंद्र का विरोध करने वाले किसानों से बात करने और लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे को हल करने की भी बात कही गई है। Web Title: Harsimrat Kaur said, ""Opposition needs to unite"": expresses regret over those who do not support farmers राजनीति से जुड़ी हिंदी खबरों और देश दुनिया खबरों के लिए यहाँ क्लिक करे. यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा लाइक करे",1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/videos/politics/rahul-gandhi-slams-modi-govt-on-privatization-b417/,Privatization को लेकर केंद्र पर भड़के Rahul Gandhi,"Privatization को लेकर केंद्र पर भड़के Rahul Gandhi, बोले- देश की 70 साल की पूंजी को PM ने बेच दिया! By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 24, 2021 09:59 PM कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा को युवाओं के 'भविष्य पर हमला करार देते हुए सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70 साल में बनी देश की पूंजी को अपने कुछ उद्योगपति मित्रों के हाथों में बेच दिया. राहुल गांधी ने ये दावा भी किया कि कुछ कंपनियों को यह 'उपहार देने से उनका एकाधिकार बनेगा जिस कारण देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाएगा.",1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/politics/rcp-singh-reached-patna-today-for-the-first-time-after-becoming-a-union-minister-said-nitish-kumar-b386/,"केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद आज पहली बार पटना पहुंचे आरसीपी सिंह का भव्य स्वागत, बोले-हमारी पार्टी में एक ही नेता हैं नीतीश कुमार","जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद आज पहली बार पटना पहुंचे. इस दौरान पटना एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया. हजारों की संख्या में जदयू नेताओं व कार्यकर्ताओं की भीड़ एयरपोर्ट पर जुटी. फूल मालाओं को पहना कर उनका स्वागत किया गया. राजधानी को बैनर-पोस्टर से पाट दिया गया. एयरपोर्ट से जदयू कार्यालय तक आरसीपी सिंह का रोड शो था. लेकिन पटना हाईकोर्ट पहुंचते-पहुंचे आरसीपी सिंह की तबीयत खराब हो गई. बताया जाता है कि आरसीपी सिंह जिस पिक-अप वैन पर रोड शो के दौरान सवार थे, उसी गाडी में बैठ गये. कार्यकर्ताओं ने बडी तेजी से उनकी गाडी को आगे बढाया. उनके स्वागत में आये लोग हाथ में माला-लिये खडे रह गये और उनकी गाडी तेजी से जदयू दफ्तर पहुंची. सूचना मिलते ही तुरंत पार्टी दफ्तर में डॉक्टरों की टीम पहुंची. आरसीपी सिंह का ईसीजी और बीपी की जांच की गई. बताया जा रहा है कि गर्मी अधिक होने के कारण आरसीपी सिंह की तबियत खराब हुई है. जदयू कार्यालय में बडी संख्या में नेता, सांसद, विधायक और कार्यकर्ता मौजूद थे. इस दौरान आरसीपी सिंह के साथ परिवहन मंत्री शीला कुमारी भी मौजूद थीं. इससे पहले पटना पहुंचने के बाद एयरपोर्ट के बाहर मीडिया के साथ संक्षिप्त बातचीत में आरसीपी सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी में एक ही नेता हैं नीतीश कुमार. बाकी सब लोग उन्हें मदद करते हैं. जितने कार्यकर्ता हैं, उनकी यही इच्छा है कि केंद्र में भी मजबूत सरकार रहे. प्रदेश में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास हो. इसलिए कार्यकर्ता उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि जदयू में कहीं कोई गुटबाजी नहीं है. मेरे और ललन सिंह में कोई मन मुटाव नहीं है. जदयू का मतलब ही है जनता दल यूनाईटेड, तो विवाद की बात कहा से आती है.",1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/videos/politics/rajya-sabha-mp-manoj-jha-on-obc-reservation-b417/,Rajya Sabha में Manoj Jha OBC reservation बहस में समझाया caste का गणित,"Rajya Sabha में Manoj Jha OBC reservation बहस में समझाया caste का गणित By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 11, 2021 07:04 PM Rajya Sabha में Manoj Jha ने OBC reservation bill पर बहस दौरान कहा कि हम सब लोगों की जातिगत मानसिकता के कारण ही caste देश से खत्म नहीं हो रही है. RJD के Manoj Jha ने caste based census की मांग दोहराते हुए कहा कि यह देश के पिछड़े-दलित(OBC-Dalit) लोगों के विकास के लिए जरूरी है.",1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/videos/politics/ruckus-in-rajya-sabha-over-farm-bills-b417/,"Rajya Sabha में भारी बवाल, काले कपड़े पहनकर विपक्षी सांसदों ने जमकर की नारेबाजी","Rajya Sabha में भारी बवाल, काले कपड़े पहनकर विपक्षी सांसदों ने जमकर की नारेबाजी By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 10, 2021 10:59 PM संसद के मानसून सत्र का आखिरी हफ्ता चल रहा है लेकिन, विपक्ष का हंगामा रुकने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्षी सांसदों ने आज राज्यसभा में जमकर हंगामा किया. इस दौरान विपक्षी दलों ने ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे लगाए और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यसभा में हुए हंगामे पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि विपक्ष किसानों के मुद्दे पर चर्चा की बात कर रहा था, हम चर्चा करने के लिए भी तैयार थे लेकिन जब चर्चा शुरू हुई हो विपक्ष ने भी हंगामा करना शुरू कर दिया. ऐसे में कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा.",1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/politics/prashant-kishor-might-join-congress-suggested-action-plan-for-party-b621/,"राजनीति में दोबारा किस्मत आजमायेंगे PK!, कांग्रेस को सुझाया ये एक्शन प्लॉन","13 जुलाई को पीके ने की थी राहुल-प्रियंका से भेंट 2024 के लिए कांग्रेस को सुझाया 'प्लान ऑफ एक्शन'पीके को लेकर कांग्रेस में रही हैं​​​​​​​ दो राय 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस ने कमर कसनी शुरू कर दी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल होने को लेकर पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बातचीत आरंभ की है. जिसमें ज्यादातर नेताओं का मानना है कि प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी में जरूर नई जान आएगी। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए प्रशांत किशोर की ओर से बताई गई योजना पर भी पार्टी विचार-विमर्श कर रही है. बताया गया है कि प्रशांत किशोर ने पार्टी के प्रदर्शन को लेकर कई सुझाव दिए हैं जिन पर चर्चा जारी है. 13 जुलाई को पीके ने की थी राहुल-प्रियंका से भेंट प्रशांत किशोर ने हाल में 13 जुलाई को दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की थी. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान सोनिया गांधी भी वीडियो कॉल के जरिए जुड़ीं थीं. इस मुलाकात में 2024 के लिए कांग्रेस को तैयार करने पर चर्चा हुई थी. इस दौरान प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के लिए एक 'प्लान ऑफ एक्शन' सुझाया था. हालांकि कांग्रेस के नेता इसे लेकर अब तक कुछ भी कहने से बच रहे हैं. एक नेता ने इस पर कहा कि पार्टी इन प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार कर रही है. राहुल गांधी ने 22 जुलाई को एक बैठक बुलाई थी, जिसका एजेंडा प्रशांति किशोर के पार्टी नें शामिल होने पर उन्हें दी जाने वाली भूमिका और इससे पार्टी को होने वाले फायदे-नुकसान पर चर्चा करना था. इस मीटिंग में प्रशांत किशोर के दिए 'प्लान ऑफ एक्शन' पर भी चर्चा की गई. 2024 के लिए कांग्रेस को सुझाया 'प्लान ऑफ एक्शन' राहुल गांधी की इस बैठक के बाद इस मुद्दे पर पार्टी समिति स्तर की कई बैठकें हो चुकीं हैे. इन बैठकों में कई बड़े नेता मौजूद रहे हैं. इन बैठकों में शामिल एक नेता के मुताबिक प्रशांति किशोर पार्टी की चुनावी रणनीति के साथ-साथ प्रबंधन और गठबंधन में भी सक्रिय भूमिका चाहते हैं. एक अन्य नेता ने कहा कि कांग्रेस को कैसे पुनर्जीवित किया जाए, इस पर यह एक बड़ी सूची है, और फिर किशोर औपचारिक रूप से पार्टी में आना चाहते हैं, विचार चल रहा है कि इस पर कैसे आगे बढ़ा जाए. सूत्रों ने मुताबिक किशोर ने सभी निर्णय लेने के लिए एक अधिकार प्राप्त समूह बनाने का सुझाव दिया है. यह समूह पार्टी से जुड़े सभी फैसले लेगा. इसके साथ ही पार्टी की प्रदेश और जिला इकाईयों को मजबूत करने का सुझाव भी प्रशांत किशोर ने दिया है. पीके को लेकर कांग्रेस में रही हैं दो राय हालांकि पीके को लेकर कांग्रेस में दो राय रही है. कुछ नेता प्रशांत किशोर को ओवर रेटेड व्यक्ति मानते हैं और इसके पीछे तर्क देते हैं कि यूपी में 2017 में उन्होंने ही पार्टी की लुटिया डुबोई. इन नेताओं को पीके के एकतरफा काम करने के तरीके से भी दिक्कत है. बंगाल चुनाव के बाद कहा था 'quit this space' हाल में हुए बंगाल चुनाव के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि वह अपनी इस भूमिका का त्याग कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि इस भूमिका के अलावा वह नया कुछ करेंगे. इसके बाद से ही संभावना जताई जा रही है कि प्रशांत अब सक्रिय रूप से राजनीति में उतरेंगे.",1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/politics/finally-punjab-cm-amrinder-singh-met-newly-appointed-pcc-chief-siddhu-in-chandigarh-b621/,पंजाब कांग्रेस में अब सब चंगा सी! अमरिंदर सिंह की मौजूदगी में सिद्धू ने संभाली पार्टी की कमान,"कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस विधायकों को दी चाय पार्टी चाय पार्टी में अमरिंदर सिंह की नवजोत सिंह सिद्धू से हुई मुलाकात पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद आखिरकार कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच आज आखिरकार मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में जारी संकट कुछ हद तक कम होता दिख रहा है। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की मौजूदगी में नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद का कार्यभार भी संभाला लिया। सिद्धू की ताजपोशी से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी कांग्रेसी विधायकों और पार्टी के पदाधिकारियों को चाय पार्टी पर भी बुलाया। पंजाब भवन में हुई इस चाय पार्टी में नवजोत सिंह सिद्धू समेत अन्य नेता भी मौजूद रहे। Newly appointed Congress chief Navjot Singh Sidhu and Punjab CM Captain Amarinder Singh, at Punjab Bhawan in Chandigarh. pic.twitter.com/mxC98P9y39 — ANI (@ANI) July 23, 2021 सीएम को सिद्धू ने भेजा था 65 विधायकों के हस्ताक्षर वाला आमंत्रण पत्र गुरुवार को पंजाब कांग्रेस के नए कार्यकारी अध्यक्ष संगत सिंह और कुलजीत नागरा का न्योता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वीकार कर लिया था. नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा भेजे गए इस न्योते में लिखा गया था कि कैप्टन परिवार के बड़े हैं, ऐसे में वह नई टीम को आकर आशीर्वाद दें। पदग्रहण समारोह कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को भी न्योता भेजा गया है।सिद्धू ने अपनी ताजपोशी के लिए 65 विधायकों के हस्ताक्षर वाला आमंत्रण पत्र सीएम को भेजकर अपनी ताकत भी दिखाई थी। सिद्धू के साथ पार्टी हाईकमान का हाथ देखकर बड़ी संख्या में विधायक सिद्धू के पीछे लामबंद हुए हैं। सिद्धू का माफीनामे से इनकार नवजोत सिंह सिद्धू लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते रहे हैं, ऐसे में काग्रेंस हाईकमान की मर्जी के बाद भी उन्हें पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मांग की थी कि सिद्धू को उनसे माफी मांगनी चाहिए लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू ने माफी मांगने से इनकार किया। अब केंद्रीय आलाकमान के निर्देश पर सभी कांग्रेसी नेता एक साथ एक मंच पर आ रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष का पद मिलने के बाद से ही नवजोत सिंह सिद्धू लगातार नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, उन्होंने हाल ही में अमृतसर, पटियाला, नवांशहर समेत कई इलाकों का दौरा किया।",1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/politics/meenakshi-lekhi-apologises-for-calling-farmers-hooligans-b621/,"मीनाक्षी लेखी ने किसानों को 'मवाली' कहने पर विवाद के बाद मांगी माफी, दी ये सफाई","मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया: मीनाक्षी लेखी सीएम अमरिंदर सिंह ने मीनाक्षी लेखी से मांगा इस्तीफा हम किसान है न कि मवाली: राकेश टिकैत केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों को मवाली कहने वाले अपने बयान को लेकर माफी मांगी है। गुरुवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तीन नए कृषि कानूनों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बयान दिया था जिसके बाद उनके इस बयान की चौतरफा आलोचना हुई थी। मीनाक्षी लेखी ने अपने बयान को तोड़मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस का किसानों से कोई लेना-देना ही नहीं था। मीनाक्षी लेखी ने अपने बयान पर माफी मांगी मीनाक्षी लेखी ने कहा कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है। उन्होंने कहा कि मेरे किसानों से संबंधित बयानों से किसी को दुख पहुंचा है तो मैं अपने शब्द को वापस लेती हूं। केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस पेगासस के खुलासे पर थी और उस दौरान यह सवाल किया गया कि 26 जनवरी को जो अपमान किया गया उस पर आपका क्या कहना है। मीनाक्षी लेखी के मुताबिक इस पर उन्होंने कहा कि ये किसानों का काम नहीं हो सकता है। ये मवाली लोग ही कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के लोगों के साथ खड़ा होना पसंद नहीं करती हूं जो लाल किले को अपमानित करे। My statement has been misinterpreted. Nonetheless, if my comments that are being linked with farmers have hurt anyone, then I take my words back: Union Minister Meenakshi Lekhi pic.twitter.com/zlu35SnLPo — ANI (@ANI) July 22, 2021 कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मांगा लेखी का इस्तीफा मीनाक्षी लेखी के किसानों को 'मवाली' करार दिए जाने के बाद किसान नेताओं के साथ-साथ पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी उन पर जोरदार हमला बोला। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे बीजेपी की किसान विरोधी मानसिकता करार दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा- पत्रकारों पर हमला निंदनीय है। लेकिन मीनाक्षी लेखी को किसानों को अपमानित करने का कोई अधिकार नहीं है। अमरिंदर सिंह ने मीनाक्षी लेखी से मंत्री के पद से इस्तीफे तक की मांग कर ली। इससे पहले, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के लिए इस तरह की टिप्पणी करना गलता है, हम किसान है न कि मवाली।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/congress-said-supreme-court-committee-investigate-jee-examinations?src=top-lead,मांग: कांग्रेस ने कहा- सुप्रीम कोर्ट की समिति जेईई परीक्षाओं की जांच करे,कांग्रेस ने संयुक्त प्रवेश जेईई मेन परीक्षाओं में धांधली का खुलासा होने पर मोदी सरकार के पूरे कार्यालय की जांच की मांग की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस ने इस मामले में सरकार पर हमला बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बनाकर सभी प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं की जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि जेईई मेन परीक्षा लीक हुई है। ऐसी प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले छात्र बहुत कठिनाइयों से जूझते हुए तैयारी करते हैं। हमें निष्पक्ष और सही रूप से परीक्षाएं लेनी चाहिए। जबकि सरकार अब इसे पूरा कर रही है ताकि गलती न माननी पड़े।पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय जवाबदेह हैं। भाजपा की सरकारों में पेपर लीक होना पुरानी बात है। यह सिलसिला मध्य प्रदेश के व्यापम से शुरू हुआ था और अब जेईई तक पहुंच गया है।युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है। पेपर लीक सरकार को युवाओं को जवाब देना होगा क्योंकि युवाओं की सीट बेची जा रही है। उन्होंने कहा कि एनटीए का गठन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने किया था। हम शिक्षा मंत्री और एनटीए को सीधे जवाबदेह मानते हैं।,1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/west-bengal-bjp-leader-suvendu-adhikari-has-been-summoned-by-cid-in-connection-with-death-of-his-guard-subhabrata-chakraborty,"पश्चिम बंगाल: सुवेंदु अधिकारी को सीआईडी का नोटिस, अंगरक्षक की मौत के मामले में किया तलब","पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को सीआईडी ने तलब किया है। जानकारी के अनुसार, सीआईडी ने अधिकारी को उनके अंगरक्षक सुभब्रत चक्रवर्ती की मौत के मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को पेश होने के लिए कहा है। ऐसे में अधिकारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में कभी ममता के खास रहे सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/no-poll-alliance-with-those-who-betrayed-us-says-maha-bjp-chief-latest-news-update,"महाराष्ट्र: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने शिवसेना पर साधा निशाना, बोले- विश्वासघात करने वालों के साथ चुनावी गठबंधन नहीं","महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने शनिवार को शिवसेना पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अब से उन लोगों के साथ गठबंधन में चुनाव नहीं लड़ेगी, जिन्होंने हमें धोखा दिया है। उनका इशारा भाजपा की पुरानी सहयोगी शिवसेना की तरफ था। शिवसेना ने 2019 में भाजपा के गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था। बाद में शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई थी।औरंगाबाद से करीब 60 किलोमीटर दूर जालना में पत्रकारों से बात करते हुए पाटिल ने कहा कि भाजपा को राज्य की जनता से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और इसलिए ऐसे लोगों के साथ गठबंधन करने की कोई जरूरत नहीं है, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कुशल प्रशासन के नाम पर वोट मिले हैं और चुनाव जीतने के बाद उन्होंने पाला बदल लिया हो।उन्होंने कहा कि हम उन लोगों के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, जिन्हें (शिवसेना) विधानसभा में 56 सीटों के साथ मुख्यमंत्री का पद मिला है या ऐसी पार्टी (एनसीपी) जिसे 54 सीटों के साथ डिप्टी सीएम का पद मिला है या जिन्हें (कांग्रेस) 44 सीटों के साथ राजस्व मंत्री का पद मिला है। उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव होंगे, हम रामदास आठवले, सदाबाहू खोत, महादेव जानकर, विनायक मेटे, विनय कोरे जैसे लोगों के साथ हमेशा खड़े रहेंगे। उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर के बारे में लगातार बोलने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जैसा कि दूसरी लहर में गिरावट आई थी, सावधानियों के साथ जीवन को सामान्य करने की आवश्यकता थी।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/bjp-to-organise-seva-and-samarpan-campaign-to-mark-modi-s-2-decades-in-public-service,"चुनावी राजनीति में मोदी के 20 साल: 20 दिन चलेगा सेवा और समर्पण कार्यक्रम, भाजपा करेगी यह खास आयोजन","प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनसेवा में 20 साल पूरे होने को भाजपा काफी जोर शोर से मनाने की तैयारी में है। भाजपा ने इस कार्यक्रम को सेवा और समर्पण अभियान का नाम दिया है। इसकी शुरुआत पीएम मोदी के जन्मदिन से होगी। भाजपा 17 सितंबर से 7 अक्टूबर तक सेवा सप्ताह मनाएगी। 7 अक्टूबर को ही पीएम मोदी का मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के तौर पर 20 साल पूरे हो रहे हैं।2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भाजपा उनके जन्मदिन को सेवा दिवस के रूप में मनाती आई है। इस दौरान एक सप्ताह के लिए देशभर में कल्याणकारी गतिविधियों का आयोजन किए जाते हैं, लेकिन भाजपा ने अब इस कार्यक्रम को 20 दिन का करने का फैसला किया है। इसके पीछे की वजह यह है कि इस साल पीएम मोदी को चुनावी राजनीति में उतरे हुए 20 साल पूरे हो रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अभियान के तहत स्वास्थ्य और रक्तदान शिविर आयोजित करने और गरीबों को राशन बांटने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने भाजपा की सभी राज्य इकाइयों से कहा है कि सभी लोकहित वाले कार्यक्रम कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही आयोजित किए जाएं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से टीकाकरण अभियान को सुविधाजनक बनाने के लिए कोविड टीकाकरण शिविरों का दौरा करने के लिए भी कहा है।इन कार्यक्रमों का होगा आयोजन",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/cji-trying-to-address-issue-of-vacancies-in-higher-judiciary-urgently,"जस्टिस रमण की खरी खरी : जजों के पद रिक्त होना मुश्किल चुनौती, कानून मंत्री रिजिजू को लेकर मजाकिया अंदाज में की टिप्पणी","देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में खरी खरी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि उच्च् अदालतों में बड़ी संख्या में रिक्त पदों को वे मुश्किल चुनौती के रूप में लेते हैं। इन पदों का भरने के लिए उन्होंने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा पदभार संभालने के बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने अब तक 82 जजों के नामों की सिफारिश की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार कॉलेजियम द्वारा मंजूर किए गए नामों को जल्द मंजूरी देगी। अपने भाषण के दौरान सीजेआई ने कानून मंत्री किरण रिजिजू को लेकर मजाकिया अंदाज में टिप्पणी भी की।सीजेआई ने कहा कि नेशनल ज्यूडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर कार्पोरेशन के गठन का व्यापक प्रस्ताव की तैयारी की जा रही है। इसे सरकार को जल्द भेजा जाएगा। जस्टिस रमण ने कहा कि न्यायिक तंत्र कई मुश्किल चुनौतियों का सामना कर रहा है। इनमें बुनियादी ढांचे, प्रशासनिक स्टाफ की कमी, जजों के बड़ी संख्या में रिक्त पद जैसी समस्याएं शामिल हैं।शीर्ष अदालत में नौ जजों की नियुक्तियों के लिए सीजेआई ने प्रधानमंत्री व कानून मंत्री को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में कानून मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद थे। सीजेआई ने कहा कि कॉलेजियम द्वारा सुझाए गए इन नामों को जेट स्पीड से मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि उच्च अदालतों में रिक्त पदों को अर्जेंट आधार पर भरा जा रहा है। सरकार व कॉलेजियम के साझा प्रयासों से शीर्ष कोर्ट में रिक्त पद की संख्या मात्र एक रह गई है।सीजेआई ने कहा कि मेरे द्वारा पदभार संभालने के बाद कॉलेजियम ने विभिन्न हाईकोर्टों में बतौर जजों की नियुक्ति के लिए 82 नामों की सिफारिश की है। उम्मीद करता हूं कि सरकार इन्हें उसी तरह मंजूरी देगी, जिस तरह सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की नियुक्ति को दी गई। इस तरह हम सभी उच्च न्यायालयों में करीब 41 फीसदी रिक्त पदों को भर देंगे। इसके एक माह में हम 90 फीसदी रिक्तियों को भरे जाने की उम्मीद करते हैं।इस मौके पर सीजेआई रमन ने कॉलेजियम के अपने सहयोगी जजों- जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ व जस्टिस नागेश्वर राव को भी सक्रिय व रचनात्मक सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। न्यायिक तंत्र में महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व पर सीजेआई ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद सभी स्तरों पर महिलाओं के लिए कम से कम 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व की उम्मीद की जानी चाहिए, लेकिन मुझे यह स्वीकार करना होगा कि बड़ी मुश्किलों के बाद अब हमने सर्वोच्च न्यायालय में महिलाओं का केवल 11 प्रतिशत प्रतिनिधित्व हासिल किया है।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/use-of-ed-ncp-chief-sharad-pawar-said-never-before-this-has-been-used-so-much-pressure-is-being-put-on-the-opposition-leaders,"ईडी का इस्तेमाल: शरद पवार बोले- इससे पहले कभी इतना उपयोग नहीं हुआ, विपक्ष पर दबाव डाला जा रहा","पूर्व रक्षा मंत्री व एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। पवार ने कहा कि ईडी का इस्तेमाल ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जैसा अब हो रहा है। इससे साफ है कि सरकार विपक्ष के नेताओं को इसके जरिए दबाव में ले रही है।पवार ने आगे कहा कि यह सिर्फ महाराष्ट्र में नहीं हो रहा है, बल्कि मप्र, राजस्थान, पंजाब व दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में भी हो रहा है। महाराष्ट्र में भाजपा द्वारा कोविड नियमों के उल्लंघन व उसे लेकर केस दर्ज किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को महामारी पर काबू करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने को कहा है। मुख्यमंत्री व राज्य सरकार यह काम कर रही है। लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन केंद्र सरकार कदम उठा रही है तो उसका सत्तारूढ़ पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं को भी पालन करना चाहिए।",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/punjab-assembly-elections-2022-aap-bhagwant-mann-showed-power-for-cm-candidate,"पंजाब चुनाव से पहले भगवंत मान समर्थकों का AAP पर दबाव, CM उम्मीदवारी की मांग","कांग्रेस के बाद अब पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की आंतरिक कलह सुर्खियों में है. पंजाब आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और संगरूर से दो बार सांसद रह चुके भगवंत सिंह मान के समर्थकों ने जोरदार प्रदर्शन किया और मांग की गई कि भगवंत सिंह को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाए. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक मान के समर्थक राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल चीमा के घर के बाहर जमा हुए और मांग करते हुए कहा कि पार्टी भगवंत सिंह को पंजाब का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाए.",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/bjp-leader-suvendu-adhikari-big-relief-from-calcutta-high-court-over-arresting,"सुवेंदु अधिकारी को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ी राहत, गिरफ्तारी से मिली सुरक्षा",पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को हराने वाले टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) को कोर्ट से राहत मिली है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2018 में सिक्योरिटी स्टाफ की गोली लगने से मौत के मामले में सुवेंदु अधिकारी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. उनके वकील के मुताबिक सुवेंदु पर चल रहे तीन मामलों में से एक में कोर्ट ने राहत दी है.,1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/jharkhand-assembly-cm-hemant-soren-namaz-hall-controversy-bjp-congress-jmm-hanuman-temple,"सोरेन सरकार ने दी विधानसभा में नमाज हॉल को मंजूरी, बीजेपी ने मांगा हनुमान मंदिर","2 सितंबर को झारखंड (Jharkhand) में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार ने विधानसभा परिसर में ""नमाज हॉल"" (Namaz hall) के आवंटन के लिए एक सरकारी आदेश जारी किया. लेकिन दो दिन बाद सार्वजनिक हुए इस आदेश ने अब राज्य की राजनीति में एक बड़े विवाद का रूप ले लिया है.",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/madhya-pradesh-mbbs-students-to-read-rss-founder-kb-hedgevar-deen-dayal-upadhyay-congress-attacks-bjp,"MP: हेडगेवार और दीनदयाल उपाध्याय को पढ़ेंगे MBBS छात्र, कांग्रेस हुई हमलावर","मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एमबीबीएस (MBBS) स्टूडेंट्स के लिए इसी सत्र से आरएसएस (RSS) के संस्थापक डॉ बलराम हेडगेवार और BJP के दीन दयाल उपाध्याय को पढ़ना जरूरी कर दिया गया है. इसके बाद से राजनीति गर्मा गई है. कांग्रेस मध्यप्रदेश सरकार पर छात्रों के ऊपर बीजेपी और RSS की विचारधारा थोपने का आरोप लगा रही है. जबकि बीजेपी इसे मूल्यों (Ethics) के लिए पढ़ना जरूरी बता रही है.",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/enforcement-directorate-asks-abhishek-banerjee-in-money-laundering-case-coal-scam,"कोयला घोटाला: ईडी ने अभिषेक बनर्जी से नौ घंटे की पूछताछ, बोले- हम और मजबूती से लड़ेंगे","पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पूछताछ के लिए टीएमसी महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी सोमवार को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय पहुंचे। मीडिया से बातचीत में अभिषेक ने कहा कि उन्हें ईडी ने पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था, उसी आधार पर वह ईडी के समक्ष पेश हुए। उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय एजेंसी को जांच में पूरा सहयोग करेंगे। बहरहाल, अब जानकारी आ रही है कि बनर्जी से ईडी ने करीब नौ घंटे की पूछताछ की। ईडी के सवालों का जवाब देकर दफ्तर से बाहर आए अभिषेक बनर्जी ने सीधे भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो भी बीजेपी के खिलाफ लड़ता है उसे परेशान किया जाता है। यह मामला कोलकाता से सामने आया है, मुझे दिल्ली तलब किया गया है। मुझसे पिछले 8 घंटों से लगातार सवाल पूछे जा रहे हैं। पहले दिन से, मैं अपने खिलाफ सबूत, यदि कोई हो तो, सार्वजनिक करने के लिए कह रहा हूं। बनर्जी ने कहा कि अगर बीजेपी को लगता है कि वह यह सब करके टीएमसी को डरा सकती है, अगर उन्हें लगता है कि टीएमसी भी कांग्रेस और अन्य पार्टियों की तरह हार मान लेगी, तो हम और मजबूती से लड़ेंगे। हम हर उस राज्य में जाएंगे, जहां उन्होंने (भाजपा) लोकतंत्र की हत्या की है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की तानाशाही परास्त होगी। बीजेपी को अपनी सारी ताकत, जोश, धमकी और संसाधन लगाने दो, मेरे शब्दों पर ध्यान दें, उनके संसाधन खत्म होने वाले हैं। टीएमसी अगले चुनावों में बीजेपी को हराएगी। उन्होंने कहा कि नौ घंटे मुझसे सवाल-जवाब किए गए। अगर मेरे खिलाफ सबूत हैं कि मैंने 10 पैसे का भी लेनदेन किया है तो मुझे फांसी पर चढ़ा दीजिए, मैं तैयार हूं। जो भाजपा के खिलाफ लड़ता है भाजपा उसे परेशान करती है। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ कोई सबूत हैं तो उसे लोगों के सामने लाएं। भाजपा को लगता है दूसरे दलों की तरह टीएमसी डर जाएगी, घर में बैठ जाएगी। आपको जो उखाड़ना है उखाड़ लीजिए। टीएमसी हर उस राज्य में जाएगी जहां भाजपा सत्ता में है। आपको जो करना है करें 2024 में तृणमूल कांग्रेस आपको हराएगी। हम इन निरंकुशों और कायरों के आगे नहीं झुकेंगे, जो हमें राजनीतिक रूप से नहीं हरा सकते। 25 भाजपा विधायक पार्टी से जुड़ने के लिए लाइन में हैं, लेकिन हम उन्हें नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई टीएमसी को जबरदस्ती रोकना चाहता है, तो मैं उन्हें चुनौती देता हूं। आप सीबीआई, ईडी, आयकर और किसी भी अन्य एजेंसी का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन हम नहीं झुकेंगे। हमें कोई रोक नहीं सकता है। Delhi: TMC General Secretary Abhishek Banerjee reaches Enforcement Directorate (ED) office ""I have come here as the agency had summoned me. I will cooperate with investigating agency, "" he says. pic.twitter.com/pTimzgklea — ANI (@ANI) September 6, 2021 मैं हर जांच के लिए तैयार: अभिषेक इससे पहले दिल्ली के लिए रवाना होते हुए अभिषेक ने कहा कि मैं हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं। हालांकि, पूछताछ कितने बजे शुरू होगी इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। बताया जा रहा है कि सेकेंड हाफ में अभिषेक बनर्जी से पूछताछ होगी। इससे पहले उनकी पत्नी को भी एजेंसी की तरफ से बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए अपने घर पर पूछताछ करने का अनुरोध किया था। डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने अपने ऊपर लगे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप को लेकर कहा कि अगर कोई केंद्रीय एजेंसी किसी भी अवैध लेन-देन में उनकी संलिप्तता को साबित कर दे, तो वह खुद को फांसी पर लटका लेंगे। इस दौरान अभिषेक बनर्जी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा राजनीतिक बदला ले रही है। मैं किसी भी जांच के लिए तैयार- अभिषेक बनर्जी जांच को लेकर अभिषेक बनर्जी ने कहा, ''मैं किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं।' 'अगर वे मेरे खिलाफ सबूत पेश कर सकते हैं, तो ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करने की कोई जरूरत नहीं है। अभिषेक बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे टीएमसी के साथ राजनीतिक रूप से नहीं लड़ सकते, इसलिए अब वे प्रतिशोध की राजनीति पर उतर आए हैं। वे अपने राजनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने केंद्र पर साधा था निशाना इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली हार का बदला लने के लिए कोयला घोटाला मामले में उनके भतीजे अभिषेक के खिलाफ जांच एजेंसियों का प्रयोग कर रही है।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/west-bengal/tmc-leader-madan-mitra-on-ed-chargesheet-against-him-in-narada-sting-case-636931.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,नारदा स्टिंग केस: टीएमसी के मदन मित्रा बोले- ED की चार्जशीट में मेरा नाम ना होता तो मैं बदनाम हो जाता,"कोलकाता, 2 सितंबर: नारदा स्टिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट में टीएमसी के दूसरे नेताओं के साथ अपना नाम आने पर मदन मित्रा ने कहा है कि उनको इसकी पूरी उम्मीद थी। उन्होंने मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि मैं टीएमसी में हूं इसलिए मेरा नाम आया, सुवेंदु अधिकारी भाजपा में हैं तो उनका नाम नहीं है। अगर मेरा नाम ना आता तो जनता मेरे ऊपर भी शक करती। ऐसे में नाम आना अच्छा है। गुरुवार को उनसे ईडी की चार्जशीट पर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा, मैं बहुत खुश हूं कि चार्जशीट में मेरा नाम है। अगर मेरा नाम नहीं होता तो देश और जनता के सामने बदनाम हो जाता कि कुछ गड़बड़ तो नहीं है। जैसे सुवेंदु का नाम नहीं है क्योंकि वो भाजपा में हैं। जो बीजेपी में नहीं है, उनका नाम आएगा और भाजपा वालों का नाम नहीं आएगा। उन्होंने आगे कहा कि चार्जशीट होने के बाद वो इस बात को लेकर भी खुश हैं कि अब बार-बार उनको पूछताछ के लिए नहीं बुलाया जाएगा। ईडी ने दाखिल की है चार्जशीट ईडी ने बुधवार को नारदा स्टिंगमामले में अपनी चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं- फिरहाद हकीम, मदन मित्रा, सुब्रत मुखर्जी,आईपीएस अफसर एसएमएच मिर्जा और पूर्व टीएमसी नेता सोवन चटर्जी का नाम शामिल है। क्या था नारदा स्टिंग केस नारदा न्यूज पोर्टल ने 2014 में ये स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसे 2016 में चुनाव से ठीक पहले रिलीज किया गया था। इस स्टिंग में मुकुल रॉय, सौगत रॉय, काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बनर्जी, सुवेंदु अधिकारी, अपरूपा पोद्दार, मदन मित्रा, सुब्रत मुखर्जी , फिरहाद हकीम जैसे नेताओं को कथित तौर पर रिश्वत लेते दिखाया गया था। नारदा न्यूज पोर्टल के संस्थापक सैमुअल के मुताबिक उन्होंने इम्पेक्स कंसल्टेंसी सॉल्यूशंस नाम की एक काल्पनिक कंपनी बनाकर इन नेताओं से संपर्क किया तथा उनसे पैसे के बदले में मदद मांगी थी। जो नेता रिश्वत लेने को तैयार हुए, उनका स्टिंग कर लिया गया।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/chhattisgarh/chattisgarh-bjp-leader-d-purandeswari-speech-at-bastar-cm-bhupesh-baghel-reply-636986.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,VIDEO: भाजपा नेता पुरंदेश्वरी बोली- हम थूकेंगे तो छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और उनका मंत्रिमंडल बह जाएगा,"बस्तर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में चल रहे भाजपा के चिंतन शिविर में प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने कुछ ऐसा बोल दिया कि विवादों में आ गईं। कांग्रेस सरकार को निशाने पर लेते हुए पुरंदेश्वरी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा, ""आपसे अपील है कि आप संकल्प के साथ काम करें। बीजेपी आपकी मेहनत से 2023 में सत्ता में आएगी...और जब आप पीछे मुड़कर थूकेंगे न, तो भूपेश बघेल और उनका मंत्रिमंडल बह जाएंगे।""",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/bihar/jdu-mla-gopal-mandal-travlel-in-train-in-undergarments-photo-viral-637009.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"पटनाः ट्रेन में चड्डी बनियान में घूमते नजर आए JDU विधायक गोपाल मंडल, कहा- अफसोस है इस बात पर","पटना। अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले जदयू विधायक गोपाल मंडल इस बार अपने कारनामे को लेकर चर्चा में हैं। राजेंद्रनगर से नई दिल्ली को जाने वाली राजधानी एक्स्प्रेस में चड्डी-बनियान में घूमने पर जदयू विधोयक गोपाल मंडल की खूब किरकिरी हो रही है। हालांकि अब उन्होंने इस घटना पर अफसोस जताया है। विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि राजधानी एक्स्प्रेस में हुई घटना पर उन्हें अफसोस है। बता दें कि ट्रेन में यात्रा कर रहे एक यात्री ने विधायक पर अभद्रता का भी आरोप लगाया था। गोपाल मंडल ने कहा कि उन्‍होंने यात्री से माफी मांग ली थी। उन्‍होंने कहा कि जो हुआ उसका मुझे अफसोस है, लेकिन मेरी कोई गलती नहीं थी। पेट खराब था, जिस वजह से जल्‍दबाजी में वॉशरूम के लिए निकल गया था। इसलिए कपड़े नहीं पहन सका था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीते गुरुवार की रात को पटना से नई दिल्ली तेजस राजधानी एक्सप्रेस के ए-1 कोच में जदयू के भागलपुर जिले के गोपालपुर विधानसभा के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल को अंडरवियर में टहलने पर यात्री का विरोध झेलना पड़ा। ट्रेन जैसे ही पटना से चली विधायक अपने कपड़े उतारकर अंडरवियर में आ गए। पटनाः JDU विधायक गोपाल मंडल पर BJP के नेताओं ने की कार्रवाई की मांग, डिप्टी सीएम पर लगाया था गंभीर आरोप इसके बाद वह इसी हाल में वह टॉयलेट की तरफ जाने लगे। विधायक का बोगी में इस तरह घूमना साथ में यात्रा कर रहे एक यात्री को नागवार गुजरा। इसके बाद जब पैसेंजर ने मना किया तो विधायक गोपाल मंडल रौब जताने लगे। देखते ही देखेते दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई और झड़प होने लगी। वहीं इस मामले में आरजेडी विधायक तेजप्रताप यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ये तस्वीर देख रहे हैं तो उन्हें पार्टी से तुरंत बाहर कर दें। मुख्यमंत्री को उनसे इस्तीफा मांग लेना चाहिए।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/west-bengal/bengal-bjp-making-strategy-after-3-mla-leaves-party-to-join-tmc-637061.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"बंगाल: अपने MLA के पार्टी छोड़ने से उड़ी बीजेपी की नींद, ममता के दौरे से और बढ़ी टेंशन","कोलकाता, 3 सितम्बर। चुनाव जीतने के बाद से अब तक तीन एमएलए के पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में जाने से बीजेपी की बंगाल इकाई में खलबली मच गई है। इसमें से दो विधायक को पिछले महीने के आखिर में एक दिन के अंतराल पर पार्टी छोड़कर टीएमसी में चले गए। विधायकों के टूटकर जाने को लेकर पार्टी में मंथन शुरू हो गया है। गुरुवार को बीजेपी के सांसद और पार्टी के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव राजू बिष्ट ने सिलीगुड़ी में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। बंगाल: BJP को एक और झटका, विधायक बिश्वजीत दास TMC में शामिल, चुनाव बाद पाला पदलने वाले तीसरे MLA",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/bihar/cm-nitish-kumar-angry-of-land-distribution-for-rjd-party-office-637182.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"RJD ने पार्टी कार्यालय के लिए मांगी जगह तो गुस्साए सीएम, कहा- जमीन क्या आसमान से लाएंगे","पटना। शुक्रवार को राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पार्टी कार्यालय के लिए और जमीन की मांग की थी, जिसके बाद सीएम नीतीश कुमार गुस्सा हो गए। उन्होंने कहा कि जमीन कहां आसमान से लाएंगे। इसके अलावा सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वे लोग क्या बोलते हैं वहीं जानें। सीएम के इस बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जदयू ने विधायकों के फ्लैट को तोड़कर जमीन कब्जाई है। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि सीएम से सबसे बड़ी पार्टी राजद के कार्यालय के लिए सबसे कम आवंटित जमीन की सच्चाई पर सवाल पूछ लिया तो आदतन गुस्सा आ गया। पार्टी कार्यालय के जमीन को लेकर सीएम नीतीश ने यह भी कहा था कि सारी रिकॉगनाइज पार्टियों को हम लोगों ने 2006 के बाद जमीन दी है। इन लोगों ने कभी दी है?। तेजस्वी यादव ने आंकड़ा देते हुए बताया कि जदयू के पास 41 विधायक हैं और कार्यालय 66 हजार वर्ग फीट में है, भाजपा के 74 विधायक हैं और कार्यालय 52 हजार वर्ग फीट में है। वहीं राजद के 75 विधायक हैं जबकि पार्टी के पास केवल 19 हजार 482 वर्ग फीट है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि अगर इस तरह की बात कोई करे तो उसी से पूछ लिया करिए। बता दें कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भवन निर्माण विभाग को लिखे अपने पत्र में कहा है कि जेडीयू को 66000 वर्ग फीट, भारतीय जनता पार्टी को 52000 वर्ग फीट और राष्ट्रीय जनता दल को केवल 19842 वर्ग फीट जमीन दी गयी है। यह आवंटन न्याय के सिद्धांत के विपरीत है। जेपी विश्विद्यालय के एमए के सिलेबस से जेपी-लोहिया का नाम हटाने पर भड़के नीतीश कुमार, दिये तुरंत बदलाव के आदेश इसके अलावा उन्होंने लिखा कि ऐसे में राजद कार्यालय के बगल में एक खाली प्लॉट है, जो दीवार से उत्तर तरफ सटा हुआ है। यह जमीन राजद कार्यालय के लिए उचित है। इस जमीन को राजद को आवंटित किया जाना चाहिए क्योंकि आवश्यक कार्यों के निष्पादन में कठिनाई हो रही है।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/muzaffarnagar/farmers-mahapanchayat-muzaffarnagar-rakesh-tikait-said-farmers-arriving-we-will-reach-637208.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत: राकेश टिकैत बोले- यूपी का अन्‍नदाता बड़ा परेशान, हम आवाज उठाएंगे","मुजफ्फरनगर। सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में कई महीनों से जारी किसान आंदोलन अब और तेज होने वाला है। कल यानी कि 5 सितंबर को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में संयुक्त किसान मोर्चा किसानों की महापंचायत कर रहा है। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत समेत कई पदाधिकारी हिस्‍सा लेंगे। राकेश टिकैत का कहना है कि, किसानों की महापंचायत में कई राज्यों के लोग आएंगे। संयुक्त मोर्चे के बैनर तले महापंचायत में बड़ी संख्‍या में किसान जुटेंगे।किसानों की ऐतिहासिक महापंचायत होगी टिकैत ने आज कहा, ""5 सितंबर को किसानों की ऐतिहासिक महापंचायत होगी। यदि कोई किसानों को मुजफ्फरनगर में जुटने से रोकेगा तो हम टुकडि़यों में जाएंगे।"" उन्‍होंने कहा कि, संयुक्त मोर्चे की तरफ से 20 लोग वहां बोलेंगे, जिनके नाम तय कर दिए गए हैं। वहां 3 कृषि कानूनों और आंदोलन पर चर्चा होगी। उत्तर प्रदेश के कल होने वाली किसान महापंचायत पर किसान नेता राकेश टिकैत ने आगे कहा कि, ""महापंचायत के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या के बारे में ठोस संख्‍या बता पाना मुमकिन नहीं है। लेकिन मैं वादा कर सकता हूं कि लोग बड़ी संख्या हुंचेंगे। किसानों को महापंचायत तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। अगर वे हमें रोकते हैं, तो हम टुकडियों में पहुंचेंगे। """,1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/west-bengal/bjp-mla-soumen-roy-from-kaliaganj-seat-of-west-bengal-joins-tmc-637218.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"पश्चिम बंगाल में BJP को एक और झटका, कालियागंज से विधायक सौमेन रॉय TMC में शामिल","कोलकाता, 04 सितंबर। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल की कालियागंज से बीजेपी विधायक सौमेन रॉय कोलकाता में राज्य मंत्री और पार्टी नेता पार्थ चटर्जी की मौजूदगी में टीएमसी में शामिल हो चुके हैं। भाजपा छोड़ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ज्‍वाइन करने वाले भाजपा विधायक सौमेन रॉय ने कहा",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/mumbai/central-government-misusing-ed-to-put-pressure-on-opposition-sharad-pawar-637246.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,विपक्ष पर दबाव बनाने के लिए ED का गलत इस्तेमाल कर रही केंद्र सरकार- शरद पवार,"मुंबई, 4 सितंबर। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) चीफ शरद पवार ने आज परोक्ष रूप से केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का जिस तरह से आज के समय में इस्तेमाल हो रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह पूरी तरह साफ है कि केंद्र विपक्षी नेताओं पर दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहा है। ईडी की छापेमारी केवल महाराष्ट्र में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और कुछ दक्षिणी राज्यों में भी हो रही है। आपको बता दें कि बंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के पूर्व सहायक संजीव पलांदे की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शुक्रवार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। पलांदे ने एजेंसी द्वारा दायर किए धन शोधन के मामले को रद्द करने का अनुरोध किया है। अनिल देशमुख के निजी सचिव रहे अतिरिक्त जिलाधीश रैंक के अधिकारी पलांदे को ईडी ने धन शोधन मामले में 26 जून को गिरफ्तार किया था। वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने भाजपा के नेताओं द्वारा कोरोना के नियमों की धज्जियां उड़ाने को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा केंद्र सरकार राज्य सरकारों से कोरोना को काबू करने के लिए उचित कदम उठाने को कहती है। यह भी पढ़ें: अब तमिलनाडु के स्कूल-कॉलेज में कोरोना की दस्तक, एक छात्रा मिली पॉजिटिव, 30 छात्राएं आइसोलेट मुख्यमंत्री और राज्य सरकार ऐसा कर रही है। लोकतंत्र में हर किसी को विरोध करने का अधिकार है लेकिन जब केंद्र सरकार एक रुख अपनाती है, तो उनकी पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को भी उसका पालन करना चाहिए। ज्यादा समय तक गिरफ्तारी ने नहीं बच बाएंगे अनिल देशमुख ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। उनकी गिरफ्तारी के लिए एजेंसी पूरे महाराष्ट्र में उनके विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। ईडी ने कहा है कि वह ज्यादा समय तक अपने आप को गिरफ्तारी से नहीं बचा पाएंगे। चूंकि देशमुख के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है, इसलिए वह देश नहीं छोड़ सकते। ",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/india/shiv-sena-on-javed-akhtar-comparing-rss-with-taliban-is-disrespectful-to-hindu-culture-637423.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"'RSS की तालिबान से तुलना, हिंदू संस्कृति का अपमान है', जावेद अख्तर के बयान पर शिवसेना भड़की","मुंबई, 06 सितंबर: शिवसेना ने सोमवार (05 सितंबर) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की तुलना तालिबान से करने के लिए गीतकार जावेद अख्तर की आलोचना की है। शिवसेना ने कहा है कि तालिबान से आरएसएस की तुलना ""हिंदू संस्कृति के लिए अपमानजनक"" है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि तालिबान और आरएसएस की तुलना करने वालों को ""आत्मनिरीक्षण"" करने की जरूरत है।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/bihar/tej-pratap-yadav-created-student-janshakti-parishad-for-rjd-637459.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"तेज प्रताप ने छात्र जनशक्ति परिषद का किया गठन, कहा- ये RJD का महत्वपूर्ण अंग होगा","पटना। राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप की नाराजगी अभी भी जारी है। सोशल मीडिया पर तेज प्रताप लगातार छोटे भाई तेजस्वी यादव पर तंज कस रहे हैं। बीते रविवार को शिक्षक दिवस के मौके पर उन्होंने छात्र जनशक्ति परिषद का गठन किया और खुद को इसका अध्यक्ष भी घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष को हटाकर नया अध्यक्ष बनाने और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर कार्रवाई नहीं होने के चलते तेज प्रताप खफा चल रहे हैं। रविवार को तेज प्रताप ने कहा कि छात्र जनशक्ति परिषद से वे नए आंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं। यह आंदोलन बिहार सहित अन्य राज्यों में भी होगा। उन्होंने युवाओं से इस मिशन में जुड़ने की अपील की। संगठन का नया फेसबुक और ट्विटर पेज भी बनेगा। सदस्यता फॉर्म भी तैयार किया जाएगा। यूनिवर्सिटी में कैंप भी लगाए जाएंगे। तेजप्रताप ने बताया कि छात्र जनशक्ति परिषद शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी के मुद्दे को दमदार तरीके से उठाएगी। यह संगठन RJD का ही अंग होगा। RJD को मजबूत बनाना ही छात्र जनशक्ति परिषद का बड़ा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि छात्र RJD अलग तरीके से चलेगा और अलग काम करेगा। बीकानेर एक्सीडेंट : तेज गति से दौड़ती कार सड़क से नीचे उतरकर पलटते हुए 50 फीट दूर जा गिरी, 5 की मौत बता दें कि लालू प्रसाद के बड़े बेटे और कृष्ण भक्त तेजप्रताप यादव ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर पटना इस्कॉन मंदिर पर बहुत गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि इस मंदिर को बर्बाद किया जा रहा है। यहां महिलाओं का शोषण किया जा रहा है। मंदिर की आड़ में दुर्गंध मचाया जा रहा है। मेरे पास इसके सबूत हैं। उन्होंने आगे कहा कि आठ साल के बच्चे के साथ वहां कांड हुआ है। मेरे पास इसके बारे में पूरा सबूत है। इसे मैं लोगों के सामने लाऊंगा। पापियों का सबूत मैं लोगों के सामने जल्द लाऊंगा।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/kolkata/defeated-mamata-banerjee-in-nandigram-what-will-happen-if-contest-from-bhawanipur-suvendu-adhikari-637517.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"सीएम ममता पर सुवेंदु अधिकारी ने कसा तंज, कहा- नंदीग्राम में हराया, अगर भवानीपुर से लड़ा तब क्या होगा","कोलकाता, 6 सितंबर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी परंपरागत सीट भवानीपुर से उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया है। भवानीपुर सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव होगा। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल चुनावों में नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें भाजपा उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। नंदीग्राम सीट पर ममता को हराने वाले अधिकारी ने ममता बनर्जी पर जोरदार तंज कसा है। उन्होंने रविवार को नदिया में उपचुनावों के मद्देनजर एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, 'आपको (ममता बनर्जी) नंदीग्राम आने के लिए किसने कहा था? अब यदि पार्टी मुझसे भवानीपुर से चुनाव लड़ने को कहती है तब क्या होगा? मैंने उन्हें 1956 वोटों से हराया था।' इसी तारीख को पश्चिम बंगाल के समसेरगंज, जंगीपुर और ओडिशा के पिपली में भी उपचुनाव होगा। कोरोना वायरस को देखते हुए चुनाव आयोग ने 31 अन्य सीटों पर चुनाव को टाल दिया है।चुनाव आयोग ने कहा, '... संवैधानिक आवश्यकताओं और पश्चिम बंगाल के विशेष अनुरोध पर विचार करते हुए विधानसभा क्षेत्र 159 - भवानीपुर के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया गया है। कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए आयोग द्वारा COVID से बचाव के लिए भरपूर सावधानी के रूप में बहुत सख्त मानदंड बनाए गए हैं।' यह भी पढ़ें: भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी को कोलकाता हाईकोर्ट से राहत, निजी गार्ड की मौत के मामले में CID ने किया था तलब आयोग ने आगे कहा कि, 'आयोग ने संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों और मुख्य चुनाव अधिकारियों के विचारों और इनपुट को ध्यान में रखते हुए अन्य 31 विधानसभा क्षेत्रों और 3 संसदीय क्षेत्रों में उपचुनाव नहीं कराने का फैसला किया है।' गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी की पार्टी ने 294 में से 213 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि वह खुद अपनी सीट नहीं बचा पाई थीं। ",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/india/tmc-leader-abhishek-banerjee-after-appearing-before-ed-in-delhi-in-coal-smuggling-case-637551.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"ईडी दफ्तर से निकलते ही भाजपा पर बरसे अभिषेक बनर्जी, बोले- आपके 25 विधायक हमारे संपर्क में","नई दिल्ली, 6 सितंबर: तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए। ईडी दफ़्तर में पूछताछ के बाद बाहर आने के बाद अभिषेक बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की सरकार को जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने अपने खिलाफ मामले को पूरी तरह राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि टीएमसी देश में भाजपा के सामने लड़ रही है, इसलिए ऐसा किया। बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी के 25 विधायकों के टीएमसी के संपर्क में होने की बात भी कही। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने ईडी ऑफिस के बाहर कहा, 8 घंटे मुझसे सवाल-जवाब किए गए। अगर मेरे खिलाफ सबूत है कि मैंने 10 पैसे का भी लेनदेन किया है तो मुझे फांसी पर चढ़ा दीजिए, मैं तैयार हूं लेकिन मेरे खिलाफ कुछ नहीं है। सच ये है कि जो भाजपा के खिलाफ लड़ता है भाजपा उसे परेशान करती है, वही मेरे साथ हो रहा है। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मेरी बीजेपी को चुनौती है कि अगर मेरे खिलाफ कोई सबूत है तो उसे लोगों के सामने लाए। भाजपा को लगता है दूसरे दलों की तरह टीएमसी डर जाएगी और घर में बैठ जाएगी तो वो गलत हैं। उनको जो करना है, कर लें। सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग और किसी भी अन्य एजेंसी को लगा दें लेकिन हम नहीं झुकेंगे। हमें राजनीतिक तौर पर ना हरा पाने का बदला वो ले रहे हैं। बनर्जी ने कहा कि टीएमसी हर उस राज्य में जाएगी जहां भाजपा सत्ता में है और भाजपा को हराएगी। आपको (भाजपा) जो करना है करें लेकिन हम रुकेंगे नहीं, 2024 में टीएमसी आपको हराएगी। पश्चिम बंगाल में बीजेपी में सब ठीक ना होने का इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि 25 बीजेपी विधायक लाइन में हैं, टीएमसी में आना चाहते हैं लेकिन हम उन्हें पार्टी में ले रहे हैं। ईडी ने भेजा था समन अभिषेक बनर्जी को ईडी की ओर से कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के कथित आरोपों को लेकर समन जारी किया गया था। जिसके बाद आज वो दिल्ली स्थिति ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश हुए। ये मामला आसनसोल और उसके आसपास कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से कोयला घोटाले से जुड़ा है। ईडी का दावा है कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध लेनदेन में लाभार्थी थे।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/punjab/punjab-assembly-election-bhagwant-mann-aap-internal-matter-cm-candidate-637555.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"सीएम उम्मीदवार घोषित करने पर बोले भगवंत मान- ये AAP का आंतरिक मामला, हर फैसले से सहमत","चंडीगढ़, 6 सितंबर: पंजाब में अगले साल विधानसभा के चुनाव हैं। जिस वजह से आम आदमी पार्टी (AAP) ने वहां पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सांसद और AAP के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत सिंह मान भी चुनाव को लेकर जी-जान से जुटे हैं। कुछ दिनों से उनके समर्थक पार्टी हाईकमान से उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ, लेकिन अब खुद भगवंत मान ने इस पर चु्प्पी तोड़ी है। संगरूर से दो बार सांसद बनने वाले भगवंत मान ने कहा कि ये हमारी पार्टी का आंतरिक मामला है। कार्यकर्ता सिर्फ अपनी मांगों को उठा रहे हैं। इस पर अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को लेना है। ऐसे में हम हर फैसले पर पार्टी के साथ खड़े रहेंगे। उनके इस बयान के पहले बहुत से AAP कार्यकर्ता नेता विपक्ष हरपाल चीमा के घर के बाहर जमा हुए। साथ ही मान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग की। ""पार्टी में हो रहा विरोध वैसे ये मांग कोई नई नहीं है, कई दिनों से भगवंत मान के समर्थक हाईकमान से इसका जिक्र कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी सीएम उम्मीदवार का नाम घोषित करने पर दो धड़े में बटी है। कुछ लोग चाहते हैं कि अगर सीएम कैंटिडेट का नाम पता रहेगा, तो चुनाव में आसानी होगी, जबकि कुछ लोग मान का विरोध कर रहे हैं।"" आम आदमी पार्टी अन्य दलों से अलग, इस बार पंजाब में बनाएंगे सरकार– AAP नेता सतीश सैनी का दावा ""AAP को सरकार बनने की उम्मीद आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि दिल्ली जैसा चमत्कार पंजाब में भी होगा और उनकी पार्टी की सरकार बनेगी। जिस वजह से सीएम अरविंद केजरीवाल भी जनता से लोक लुभावने वादे कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने पंजाब की जनता से मुफ्त बिजली देने का वादा किया था।""",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/up-elections-2022-bsp-mayawati-brahmin-politics-forget-core-voter-dalits-hindutva,मायावती के प्रबुद्ध सम्मेलन में शंख से लेकर त्रिशूल...क्या BSP दलितों को गई भूल?,"शंख की गूंज, मंत्रों का उच्चारण, त्रिशूल लहराना और भगवान गणेश की मूर्तियां... दलित समाज का झंडा उठाकर पिछले कई दशकों से राजनीति कर रहीं मायावती (Mayawati) के मंच पर यूपी चुनाव (UP Elections 2022) से पहले ये सब कुछ नजर आया. जिसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि मायावती के लिए आने वाले चुनाव करो या मरो की स्थिति वाले हैं. इसीलिए लखनऊ की एक रैली में मायावती ने पार्टी का चुनावी बिगुल बजाते हुए ब्राह्मण वोटों पर सीधा निशाना साधा.",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/rajasthan-panchayat-elections-rural-body-polls-district-congress-loss-bjp-win-analysis,"जयपुर, भरतपुर जिला परिषद चुनाव जीतकर भी क्यों हारी कांग्रेस? ये है पूरा खेल","जयपुर में 6 सितंबर को पंचायत चुनावों (Rajasthan Panchayat Elections) में हुए हाई वोल्टेज ड्रामें के बाद कुछ घंटों पहले कांग्रेस से बीजेपी में आयी रमा देवी, जयपुर की जिला प्रमुख चुन ली गयी. जयपुर में कांग्रेस ने जिला परिषद की कुल 50 सीटों में से 27 सीटें जीती थीं. मगर वार्ड नं 17 से जिला पार्षद रमा देवी के बीजेपी में चले जाने और एक अन्य जेकी कुमार टांटियावाल की क्रॉस वोटिंग से राजधानी जयपुर में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी और बीजेपी ने जयपुर जिला परिषद पर कब्जा कर लिया.",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/farmers-protests-muzaffarnagar-kisan-mahapanchayat-vs-bjp-up-assembly-elections-rakesh-tikait,उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में किसान यूनियन Vs बीजेपी: इस लड़ाई के 3 अहम पहलू,"उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसान यूनियनों ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए प्रचार करने की घोषणा की. महापंचायत पर प्रतिक्रिया देते हुए, बीजेपी ने इसे ""चुनावी बैठक"" कहा और आरोप लगाया कि ये राजनीतिक उद्देश्यों से की गई थी. किसान आंदोलन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए बीजेपी किसानों के साथ एक अभियान भी शुरू कर सकती है.",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/chhattisgarh/why-bhupesh-baghel-has-differences-with-father-nand-kumar-this-wish-was-expressed-against-pm-modi-637741.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,भूपेश बघेल के अपने पिता नंद कुमार बघेल से क्यों रहे हैं मतभेद ? पीएम मोदी के खिलाफ जताई थी ये ख्वाहिश,"रायपुर, 7 सितंबर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने बुजुर्ग पिता नंद कुमार बघेल के विवादास्पद बयानों के चलते पहलीबार फजीहत नहीं झेलनी पड़ी है। उनकी विवादित टिप्पणियों और विवादों की एक लंबी फेहरिस्त है, जिसको लेकर विरोधी कई बार भूपेश बघेल की ओर भी उंगली उठा चुके हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के सीएम के पिता को ब्राह्मण समाज के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया है और अदालत ने उन्हें 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले अपने 86 वर्षीय पिता के सिरफिरे बयान को लेकर एफआईआर दर्ज होने पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/uttar-pradesh/owaisi-made-a-bet-to-gain-sympathy-by-including-atiq-ahmed-s-family-eyes-on-many-assembly-seats-637725.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"ओवैसी ने अतीक के परिवार को शामिल कर चला सहानुभूति बटोरने का दांव, निगाहें पूर्वांचल की कई विधानसभा सीटों पर","लखनऊ/ अयोध्या: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अब सभी सियासी दल उन चेहरों को भुनाने में जुटे हुए हैं जिन्हें उनकी कौम या समाज आइकन मानता है। कुछ दिनों पहले ही समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने पूर्वांचल के माफिया और मऊ सदर सीट से विधायक शिवगतुल्लाह अंसारी को पार्टी में शामिल कराया था। इसके बाद अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को प्रयागराज से जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके परिवार का पार्टी में स्वागत किया। दरअसल , राजनीति में अपराधियों का संरक्षण कोई नई बात नहीं है। फूलपुर से समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अीतक अहमद जेल में बंद हैं। वह कई आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं और उसे योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा एक गैंगस्टर नामित किया गया है। उससे जुड़ी कई संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया है और उसके करीबी लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। हालांकि अतीक अहमद का प्रयागराज और सुल्तानपुर जिले में कई विधानसभा सीटों पर उनका वर्चस्व है। सपा में रहते हुए उन्होंने फूलपुर से चुनाव भी जीता था। यहां की कई विधानसभाएं मुस्लिम बाहुल्य हैं जहां अतीक अहमद का सीधा दखल है। ""'देश के लिए प्यार' अहमद की पत्नी, शाइस्ता परवीन, जिन्होंने ओवैसी के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने अपने पति द्वारा एक संदेश पढ़ा कि वह एआईएमआईएम में क्यों शामिल हो रहे हैं। अहमद ने कहा कि उन्होंने ओवैसी के देश, अल्पसंख्यकों और दलितों के प्रति प्रेम और उनके """"संविधान में विश्वास"""" को देखते हुए पार्टी में शामिल करने का विचार किया था।"" ओवैसी ने गिनाया बीजेपी का आपराधिक इतिहास ओवैसी ने अहमद का बचाव करते हुए कहा कि, उनको किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया था। यूपी में बीजेपी के 37 फीसदी विधायक हैं। पार्टी के 116 सांसदों को आपराधिक आरोप लगे हुए हैं। भोपाल की भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर पर लगे आतंकी आरोपों और 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े 77 मामलों की ओर इशारा किया, जिन्हें आदित्यनाथ सरकार ने वापस ले लिया था। उन्होंने कहा कि आदित्यनाथ ने गोरखपुर में एक कथित अभद्र भाषा से जुड़े एक मामले में खुद पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। अतीक का बचाव करते हुए ओवैसी ने कहा कि, '' इससे यह स्पष्ट होता है कि यदि किसी राजनेता का नाम प्रज्ञा, अजय, कुलदीप, संगीत, सुरेश या कपिल है, तो वह लोकप्रिय नेता होगा। लेकिन अतीक और मुख्तार नाम वालों को बाहुबली कहा जाएगा।""",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/kolkata/suvendu-adhikari-once-defeated-mamata-banerjee-now-someone-else-will-be-given-a-chance-dilip-ghosh-637713.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"सुवेंदु अधिकारी एक बार ममता बनर्जी को हरा चुके हैं, अब किसी और को मौका दिया जाएगा- दिलीप घोष","कोलकाता, 7 सितंबर। पश्चिम बंगाल उपचुनावों की घोषणा के बाद सत्ताधारी टीएमसी और बीजेपी ने चुनावों के लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। उपचुनावों में सबसे अधिक चर्चा का केंद्र भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र बना हुआ है, जहां से ममता बनर्जी ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। भाजपा अपना पूरा ध्यान इसी सीट पर लगा रही है, भाजपा की कोशिश है कि नंदीग्राम की तरह भवानीपुर सीट पर भी ममता बनर्जी को पटखनी दी जाए। भाजपा इस सीट पर ममता बनर्जी को पटखनी देने के लिए अपने सबसे दमदार उम्मीदवार की तलाश में लग गई है। अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा सुवेंदु अधिकारी को भवानीपुर सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है, लेकिन इन अटकलों पर बीजेपी ने विराम लगा दिया है। पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई के प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि हम भवानीपुर सीट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, हम चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। इस सीट पर उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा इस विषय पर संसदीय समिति फैसला लेगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या सुवेंदु अधिकारी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। तो उन्होंने कहा कि सुवेंदु अधिकारी एक बार ममता बनर्जी को हरा चुके हैं। अब किसी और को मौका दिया जाएगा। ""सुवेंदु अधिकारी को गिरफ्तार करने की हो रही साजिश निजी गार्ड की हत्या के मामले में सीआईडी द्वारा सुवेंदु अधिकारी को तलब किये जाने को लेकर घोष ने कहा, जब सुवेंदु टीएमसी में थे तब उनपर कोई केस नहीं था...उनके भाजपा में शामिल होने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी गई है...ऐसा लगता है कि उसे गिरफ्तार करने की साजिश रची जा रही है, यही कारण है कि मुझे लगता है कि अदालत ने उनके लिए अंतरिम सुरक्षा का आदेश दिया है।"" यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में BJP को एक और झटका, कालियागंज से विधायक सौमेन रॉय TMC में शामिल बता दें कि कोलकाता हाईकोर्ट ने सुवेंदु अधिकारी को सीआईडी के समन पर राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल सीआईडी के समन पर कार्रवाई करने की कोई जरूरत नहीं है। वहीं कोयला घोटाला मामले में ईडी की जांच का सामना कर रहे टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी को लेकर उन्होंने कहा- वह दोषी हैं या नहीं, इसका फैसला कोर्ट करेगा, प्रक्रिया अभी शुरू हुई है...यह हर जगह होता है। कई प्रमुख नेताओं ने ईडी की जांच का सामना किया है और बरी हुए हैं। इसमें डरने की क्या बात है?",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/press-release/aam-aadmi-party-criticize-bjp-due-to-delhi-school-children-are-not-getting-ration-of-bjp-negligence-637667.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"AAP का आरोप, भाजपा की लापरवाही से स्कूल के बच्चों को नहीं मिल रहा राशन, नहीं ले रहे हैं कोई जवाबदेही","नई दिल्ली, 7 सितंबर 2021: उत्तरी दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी से नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने निगम के स्कूलों के बच्चों को समय पर सूखा राशन नहीं बाटे जाने को लेकर निगम आयुक्त को पत्र लिखा है। पत्र में बाल अधिकार संरक्षण आयोग, दिल्ली सरकार द्वारा निगम को 1 सितंबर 2021 को दिए गए नोटिस पर 2 सप्ताह भीतर स्पष्टीकरण और दोषी अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। विकास गोयल ने कहा, निगम में सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने पिछले 15 वर्षों में केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है और वे निगम में एक जवाबदेही सुशासन देने में विफल रहे हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी से नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने बताया कि मिड डे मील स्कीम के अंतर्गत उत्तरी निगम में पढ़ने वाले बच्चों को कोरोना काल में जुलाई 2020 से मई 2021 तक का सूखा राशन दिया जा रहा था। जिसके लिए दिल्ली सरकार ने निदेशक शिक्षा को तीन बार पत्र लिखकर स्टोर से गेहूं चावल उठाए जाने का अनुरोध किया। लेकिन भाजपा शासित निगम द्वारा सुखा राशन न उठाए जाने पर यह लैप्स हो गया और उत्तरी निगम के बच्चे राशन से वंचित रह गए। इस गैर जिम्मेदाराना कार्य के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा निदेशक शिक्षा को 2 सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन उनकी ओर से अभी तक कोई जवाबदेही नहीं है। विकास गोयल ने आयुक्त महोदय को लिखे गए अपने पत्र में निदेशक शिक्षा से समय पर स्पष्टीकरण दिए जाने के साथ-साथ राशन लैप्स किए जाने में सभी संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही एमसीडी का करोड़ो का घोटाला सामने आया था। नार्थ एमसीडी ने एक बहुत शर्मसार कर देने वाली हरकत की थी। भाजपा नेताओं ने सूखे राशन में दी जाने वाली दाल के स्थान पर काला चना और वनस्पति घी के स्थान पर पामोलीन बांट दिया था। यहां तक कि बच्चों को दी जाने वाली सूखे राशन की किट के वजन में भी घोटाला किया गया था। ये भी पढ़ें- देश के कई हिस्सों में बढ़ रहा है डेंगू का खतरा, जानें कैसे फैलता है डेंगू, लक्षण और बचाव के तरीके नेता प्रतिपक्ष ने कहा, निगम में सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने पिछले 15 वर्षों में केवल और केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है और वे निगम में एक जवाबदेही सुशासन देने में विफल रहे हैं। भाजपा नेताओं ने अपने भ्रष्टाचार से निगम को दिवालिया कर दिया और अब आगामी चुनाव में अपनी हार को भांपते हुए निगम की सभी ज़मीनों को अपने ही लोगों को औने-पौने दामों में बेच रहे हैं या तो मुफ्त में बांट रहे हैं। दुख की बात तो यह है कि भाजपा ने मासूम बच्चों का राशन तक नहीं छोड़ा।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/uttar-pradesh/bjp-jdu-seat-sharing-screw-in-up-nitish-s-party-is-presenting-its-claim-on-30-seats-637651.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"UP में BJP-JDU के बीच फंसा सीटों के बंटवारे का पेंच, नीतीश की पार्टी 30 सीटों पर पेश कर रही अपनी दावेदारी","लखनऊ,7 सितम्बर: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले अब सभी राजनीतिक पार्टियां यूपी की सियासत में अपना भविष्य टटोलने में जुटी हैं। एक तरफ जहां असदुद्दीन ओवैसी यूपी में चुनाव लड़ने की हुंकार भर रहे हैं वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने का दावा कर रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और के बीच टिकट को सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। जेडीयू का दावा है कि यदि गठबंधन में हमें सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो अकेले अपने दम पर 200 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि दोनों दलों के बीच गठबंधन को जल्द ही औपचारिक रूप दिए जाने की संभावना है। सौदे को अंतिम रूप देने के लिए दोनों पक्षों के नेताओं ने पहले ही दो बैठकें की हैं। सूत्रों ने कहा कि जद (यू) के शीर्ष नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक की है। ""दो दर्जन सीटों पर जद यू का दावा जद (यू) ने दावा किया है कि बिहार सीमा के पास स्थित कम से कम दो दर्जन सीटों पर पार्टी का काफी प्रभाव है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जद-यू इन सीटों पर कुर्मी, कोईरी और भूमिहार वोटबैंक को लुभाने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले जदयू ने कहा था कि अगर यूपी में बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं हुआ तो वह उत्तर प्रदेश में 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 2017 में, जद-यू ने यूपी चुनाव नहीं लड़ा क्योंकि वह बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में लौटने की योजना बना रहा था।"" जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि, ""यूपी चुनाव में छोटे दलों का भी तैयार हो रहा भागीदारी मोर्चा जहां तक ​​​​भाजपा का सवाल है, भगवा पार्टी ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के नेतृत्व वाले राज्य में छोटे दलों के बीच गठबंधन, भागीदारी संकल्प मोर्चा के प्रभाव को कुंद करने की कोशिश कर रही है। अन्य दो प्रमुख दलों - अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी - ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे इस बार यूपी चुनाव में अकेले उतरेंगे। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने 2017 का चुनाव एक साथ लड़ा था, हालांकि गठबंधन भाजपा को कोई बड़ी चुनौती देने में विफल रहा।""",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/lucknow/aimim-chief-asaduddin-owaisi-said-our-objective-is-to-defeat-bjp-in-uttar-pradesh-637626.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,यूपी चुनाव में सपा-बसपा से गठबंधन के सवाल पर बोले असदुद्दीन ओवैसी- हम उनसे बात करने को तैयार हैं...,"लखनऊ, 07 सितंबर: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से जुट गई हैं। इसी को लेकर 100 सीटों पर लड़ने की घोषणा कर चुकी एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मंगलवार को राजधानी लखनऊ पहुंचे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव में सपा-बसपा से गठबंधन के सवाल पर कहा कि पहले सपा-बसपा को हमसे गठबंधन करने के लिए आने दीजिए। ओवैसी ने कहा, हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं। वे पहले बात तो करें। ओवैसी ने कहा- 100 सीटों से बढ़ भी सकती है असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, हमारा लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश से भाजपा को हराया जाए। हमारी कोशिश होगी कि उत्तर प्रदेश से एआईएमआईएम के विधायक बनें। हमने कहा है 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी हो रही है, 100 सीटों से बढ़ भी सकती हैं। ओबीसी आरक्षण के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत को आजाद हुए 70 साल से ज़्यादा हो गए हैं तो OBC समाज की गणना होनी चाहिए। 50 फीसदी आबादी को 27 फीसदी आरक्षण क्यों देंगे और जो 20 फीसदी है उनको 50 फीसदी आरक्षण मिल रहा है। जब गणना में SC/ST, हिंदू, गैर हिंदू लिखा जाता है, तो यह भी करना चाहिए। प्रबुद्ध सम्मेलन में बोलीं मायावती, सरकार बनी तो अब नहीं बनाएंगे पार्क-स्मारक, भागवत के बयान पर भी दिया जवाब ओवैसी ने भाजपा पर बोला हमला बता दें, यूपी चुनाव के मद्देनगर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को यूपी का दौरा शुरू किया। इस दौरान पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन एआईएमआईएम में शामिल हुईं। असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। ओवैसी ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों में जिन नेताओं का नाम आया, उनसे केस वापस ले लिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जो केस थे, वो भी वापस ले लिए गए। उन्होंने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर और कुलदीप सेंगर जैसे नेता लोकप्रिय होंगे, लेकिन अतीक अहमद या मुख्तार अंसारी को बाहुबली कह दिया जाता है।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/rajasthan/bjp-leader-gyan-dev-ahuja-says-new-face-should-be-elected-as-cm-in-rajasthan-not-vasundhara-637576.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"अब राजस्थान में बढ़ी BJP की टेंशन, ज्ञानदेव आहुजा बोले- वसुंधरा दो बार सीएम रहीं, अब युवाओं को मिले मौका","जयपुर। देश पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कर्नाटक और राजस्थान समेत कई राज्यों में मुख्यमंत्री के पद के दावेदार को लेकर अंतकर्लह से जूझ रही है। कर्नाटक के बाद अब राजस्थान में भी पार्टी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं के बीच मुख्यमंत्री के चेहरे पर चर्चा हो रही है। भाजपा के फायरब्रांड नेता माने जाने वाले ज्ञानदेव आहूजा ने ऐसा बयान दिया है कि, भाजपा से दो बार सीएम रह चुकी वसुंधरा राजे नाराज हो सकती हैं। विधायक रह चुके आहूजा ने कहा है कि, राजस्थान के आगामी चुनाव में भाजपा के पास इस बार सीएम पद के लिए नया चेहरा होना चाहिए। ""ज्ञानदेव आहूजा ने अपने श्रीगंगानगर दौरे के दौरान कहा, """"मैं वसुंधरा का व्यक्तिगत रूप से विरोधी नहीं हूं, इस बार संसदीय बोर्ड उन्हें ही सीएम का चेहरा बनाएगा तो हम स्वागत करेंगे। मगर.. मुझे लगता है कि अब युवाओं को मौका देना चाहिए। चुनाव में भाजपा के पास इस बार नया चेहरा होना चाहिए।"""" वसुंधरा को रिपीट करने की बात पर आहूजा बोले, """"मुझे लगता है कि अब उन्हें राजस्थान छोड़ देना चाहिए और केंद्र का रूख करना चाहिए।"""" उन्होंने कहा कि, वसुंधरा दो बार सीएम रह चुकी हैं, इस पद के लिए अब किसी युवा को मौका मिले। डेमोक्रेसी में सबको अधिकार है।"" कर्नाटक के बसवराज बोम्मई सातवें हैं, अभी ऐसे 6 मुख्यमंत्री कौन हैं जिनके पिता भी रह चुके हैं CM आगामी चुनाव में राजस्थान से भाजपा का सीएम का चेहरा कौन होगा? इस सवाल के जवाब में आहूजा ने कहा कि, प्रदेश का सीएम कौन होगा इसका फैसला संसदीय बोर्ड करेगा।"" उन्होंने वसुंधरा राजे को लेकर कहा कि वे वसुंधरा के व्यक्तिगत विरोधी नहीं हैं। वे दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। अब उन्हें राजस्थान छोड़ देना चाहिए और केंद्र में राजनीति करनी चाहिए। ये भी पढिए: पीएम मोदी से मिले कर्नाटक के नए सीएम, केंद्र से हर संभव मदद का मिला भरोसा मालूम हो कि, ज्ञानदेव पहले भी वसुंधरा राजे को लेकर कई दफा बयान दे चुके हैं। वे अपने बयानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/rss-agricultural-organization-bharatiya-kisan-sangh-hold-a-nationwide-demonstrations-from-september-8-on-farmers-issues,"आरएसएस समर्थित बीएमएस के बाद किसान संघ भी केंद्र सरकार से खफा, देशव्यापी प्रदर्शन का एलान","आरएसएस का कृषि संगठन भारतीय किसान संघ ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसान संघ ने आठ सितंबर से कृषकों से जुड़ी समस्याओं को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन का एलान किया है। किसान संघ का कहना है कि किसानों को मिलने वाला एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) एक छलावा है। एमएसपी का फायदा सिर्फ पंजाब और हरियाणा के किसानों को ही मिल पा रहा है, इसलिए सरकार को सभी किसानों को लाभकारी मूल्य मिलना सुनिश्चित करना चाहिए। भारतीय किसान संघ के महामंत्री बद्रीनाथ चौधरी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, अगस्त में हमने सभी प्रांतों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और किसानों से जुड़ी समस्याओं के विषय पर चर्चा की। आठ सितंबर को हम देशव्यापी प्रदर्शन करने जा रहे है। इस प्रदर्शन के अंतर्गत 500 जिलों में सांकेतिक धरना देंगे। सब जिलों में प्रशासन को ज्ञापन दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि एमएसपी से सभी किसानों को फायदा नहीं मिल पाता, इसलिए सरकार को लाभकारी मूल्य तय करना चाहिए और इसके लिए कानून बनाना चाहिए। व्यापारी अपने हिसाब से किसानों से फसल खरीदते हैं, सरकार एमएसपी की घोषणा करती है पर भुगतान छह महीने में होता है। सरकार उपज का सिर्फ़ 25 फीसदी खरीदती है। सरकार ज़्यादातर खरीद सिर्फ दो राज्यों से करती है। बाक़ी राज्य के किसान रजिस्ट्रेशन ही करते हैं। हम मांग करते हैं कि एमएसपी खरीद पर कानून बने। सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए कि किसान को लागत मिले। जो एमएसपी अभी दी जा रही है वह धोखा है छलावा है। हमने तीनों कृषि कानूनों को स्वीकार किए थे पर हमने कहा था कि इसमें पांच संशोधन किए जाएं। चौधरी ने साफ किया कि हम संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए गए भारत बंद के साथ नहीं हैं। गौरतलब है कि आरएसएस से जुड़े श्रमिक संगठन, भारतीय मजदूर संघ ने भी बढ़ती महंगाई के खिलाफ नौ सितंबर को प्रदर्शन का एलान किया है। 28 अक्तूबर को डिफेंस सेक्टर और कई दूसरे अहम सेक्टरों में मोदी सरकार के कॉरपोरेटाइजेशन और प्राइवेटाइजेशन के फैसले के खिलाफ भी देशभर में आंदोलन का फैसला किया है।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/west-bengal-govt-moves-division-bench-of-calcutta-high-court-challenging-the-interim-no-arrest-order-against-bjp-suvendu-adhikari,"पश्चिम बंगाल: सुवेंदु अधिकारी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, ममता सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच का किया रुख","कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी की गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले आदेश को चुनौती देने के लिए अब ममता सरकार ने दो जजों की डिवीजन बेंच का रुख किया है। राज्य सरकार ने यह कहते हुए याचिका दाखिल की है कि सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई पर क्यों रोक लगाई गई है। जानकारी के अनुसार इस मामले की सुनवाई अब बुधवार को हो सकती है। बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल बेंच ने सोमवार को अंगरक्षक की मौत समेत तीन मामलों में नेता प्रतिपक्ष सुभेंदु अधिकारी को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा अदालत ने कोलकाता के मानिकतला पुलिस स्टेशन में दर्ज एक कथित नौकरी घोटाले के मामले और तामलुक में पुलिस को धमकी देने के एक मामले की जांच की अनुमति देते हुए निर्देश दिया कि इन दोनों मामलों के संबंध में अधिकारी के खिलाफ फिलहाल कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती है। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि उसकी मंजूरी के बिना अधिकारी को मौजूदा और भविष्य के किसी मामलों में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। सीआईडी के समक्ष भी पेश नहीं हुए थे अधिकारी बता दें कि भवानी भवन स्थित सीआईडी के मुख्यालय में जांच अधिकारियों के समक्ष सोमवार को सुवेंदु अधिकारी को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन सुबह करीब साढ़े नौ बजे उन्होंने मेल किया, जिसमें कुछ राजनीतिक व्यस्तताओं का हवाला देते हुए कहा कि वह नहीं आ पाएंगे। इसके बाद सीआईडी ने जांच के अगले संभावित कदमों पर विचार विमर्श करने के लिए बैठक की।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/pakistan-wants-remote-control-government-of-taliban-in-afghanistan,'तालिबान खान' का धोखा: ‘लादेन’ व 'मुजाहिद भाई' को खत्म कराने वालों ने अब ‘अल-कायदा’ को साथ ले ‘पंजशीर’ ढहा दिया,"रक्षा विशेषज्ञ संजय कुलकर्णी ने मीडिया को बताया, पाकिस्तान सोचता है कि उसके इशारे पर तालिबानी सरकार चलेगी, ऐसा कुछ नहीं है। अभी वह हालात का फायदा उठा रहा है। जब 9/11 हुआ तो पाकिस्तान, अमेरिका का सहयोगी बन जाता है। बीस साल पहले जब बहुत कम देश तालिबान को मान्यता देने के लिए राजी थे, तो उस वक्त पाकिस्तान ही सबसे आगे खड़ा था। आज तालिबान के कब्जे के बाद इमरान खान कहते हैं कि तालिबान ने गुलामी की बेड़ियां तोड़ डाली हैं। मेजर जन. सुधाकर (रिटायर्ड) के अनुसार, पंजशीर में पाकिस्तानी संसाधन मौजूद हैं। इनके इनपुट बाहर आ चुके हैं। हालांकि तस्वीर या वीडियो आदि जैसे ठोस सबूत अभी नहीं मिले हैं। अगर तालिबान को पाकिस्तान की मदद नहीं मिलती तो पंजशीर पर कब्जा करना बहुत मुश्किल था। ये भी तो संभावना है कि कल तालिबान, पाकिस्तान में घुस जाए। पाकिस्तान की धोखे वाली नीति कब बैक फायर कर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/political-residence-politics-over-ram-vilas-paswans-government-bungalow-the-statue-and-the-board-after-vacating,"सियासी दांव : रामविलास पासवान के सरकारी बंगले पर खींचतान, खाली करने से पहले मूर्ति और बोर्ड लगाए","पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान के दिल्ली स्थित 12 जनपथ सरकारी आवास पर रार बढ़ गई है। पिछले दिनों इस बंगले को खाली कराए जाने की चर्चा सामने आई थी, लेकिन अब इस बंगले के बाहर रामविलास पासवान की मूर्ति लगा दी गई है। इतना ही नहीं बंगले के बाहर रामविलास पासवान स्मृति का बोर्ड भी टांग दिया गया है। एएनआई न्यूज एजेंसी की ओर से इसकी तस्वीरें भी जारी की गई हैं। चिराग पासवान ने मांगा था समय दरअसल, पिछले दिनों जनपथ 12 स्थित इस बंगले को खाली किए जाने का आदेश दिया गया था। रामविलास पासवान को यह बंगला आवंटित किया गया था, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे चिराग पासवान अपनी मां के साथ यहीं रहते हैं। आदेश जारी होने के बाद चिराग पासवान ने बंगला खाली करने के लिए कुछ समय मांगा था। जानकारी के मुताबिक, 14 जुलाई को चिराग पासवान को बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया था। सम्मान में लगाई मूर्ति रामविलास पासवान की मूर्ति लगाए जाने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी की युवा विंग के अध्यक्ष यामिनी मिश्रा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मूर्ति लगाने के पीछे सियासत नहीं है। यह सिर्फ इसलिए लगाई गई है, जिससे उनके प्रति अपने सम्मान को प्रकट कर सकें। वह देश के दूसरे आंबेडकर माने जाते हैं। Delhi | There is no political motive behind installing the bust of late Ram Vilas Paswan. It was done only to give him respect. He was known as the second Ambedkar in the country: Yamini Mishra, President, National Youth Wing of Lok Janshakti Party pic.twitter.com/iT9mbiktXR — ANI (@ANI) September 7, 2021 रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित हुआ था बंगला पिछले दिनों यह बंगला रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित हो चुका है, लेकिन अभी तक बंगला खाली नहीं हुआ है। वहीं अब नए केंद्रीय मंत्रियों को भी सरकार बंगले आवंटित होना शुरू हो गए हैं।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/west-bengal-suvendu-adhikaris-may-get-in-to-trouble-petition-filed-in-division-bench-against-hc-order-7053161/,"West Bengal: शुभेंदु अधिकारी की बढ़ सकती है मुश्किल, कोर्ट के फैसले के खिलाफ डिविजन बेंच में याचिका","नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) में बीजेपी ( BJP )के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ( Suvendu Adhikari ) की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं। दरअसल के दिन पहले बॉडीगार्ड मौत के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) से मिली राहत के बाद एक और मुश्किल खड़ी हो गई है। हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने डिविजन बेंच में याचिका दाखिल की है। 8 सितंबर को इस मामले में सुनवाई होना है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार को शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया था। अब हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने डिवीजन बेंच (Division Bench) में याचिका दायर की है। अब डिवीजन बेंच का फैसला विपरीत रहा, तो शुभेंदु अधिकारी की मुश्किलें बढ़ सकती है। याचिका में किया गया ये सवाल शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ राज्य सरकार ने एकल पीठ के निर्देश को चुनौती दी है। यही नहीं याचिका के जरिए सवाल किया गया है कि शुभेंदु अधिकारी रक्षक कवच क्यों दिया जा रहा है? न्यायमूर्ति राजशेखर मंथर की एकल पीठ ने सोमवार को बॉडीगार्ड हत्या सहित तीन मामलों पर स्थगनादेश लगा दिया था और कहा था कि शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाया जाए। यही नहीं कोई FIR दर्ज होता है उसकी जानकारी भी कोर्ट के पहले देनी होगी। हालांकि कोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी को भी जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। अब कोर्ट के सिंगल बेंच के इसी फैसले को राज्य सरकार ने डिविजन बेंच में चुनौती दी है। इस पर बुधवार को सुनवाई होना है। बता दें कि बीजेपी नेता के बॉडी गार्ड रहे शुभब्रत चक्रवर्ती की मौत के मामले में सीआईडी ने शुभेंदु अधिकारी को तलब किया था। अधिकारी ने मेल के जरिए उपलब्ध होने में असमर्थता जताई थी।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/tejashwi-called-the-cm-nitishs-janata-darbar-is-eyewash-7053111/,"बिहार सीएम के जनता दरबार को तेजस्वी यादव ने कहा ढकोसला, बताई यह वजह","नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल (rjd) के नेता तेजस्वी यादव (tejashwi yadav) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (bihar cm nitish kumar) के जनता दरबार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश (nitish kumar) कुमार का जनता दरबार सिर्फ एक ढकोसला है। यहां लोग फरियाद लेकर आते जरूर हैं, लेकिन उनपर कार्रवाई नहीं होती। बता दें कि तेजस्वी यादव ने अपने इस बयान की वजह भी बताई है। उन्होंने कहा कि पूर्वा जिला पार्षद दयानंद वर्मा की हत्या के 7 महीने बाद भी उस विधायक पर कार्रवाई नहीं हुई जो कि इस केस में नामजद हैं। तेजस्वी ने बताई यह वजह तेजस्वी (tejashwi yadav) ने बताया कि हाल ही में दिवगंत पार्षद की पत्नी सीएम के जनता दरबार (janta darwar) में न्याय की मांग करने पहुंची थी। इस दौरान महिला ने सीएम (cm) को बताया कि आपकी पार्टी के विधायक ने मेरे पति की हत्या की है। मैंने इस संबंध में थाने में मुकदमा भी दर्ज करवाया है। बावजूद इसके पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। महिला की आपबीती सुनने के बाद भी सीएम ने उसे वापस पुलिस के पास भेज दिया। विधायक को पुलिस से बचा रहे सीएम तेजस्वी ने बिहार के मुख्यमीं नीतीश कुमार (cm nitish kumar) पर आरोप लगाया है कि उनके ही आदेश पर पुलिस ने एमएलए को बचाया है। तेजस्वी यादव (tejashwi yadav) का कहना है कि मृतक की पत्नी न्याय के लिए मुख्यमंत्री के जनता दरबार पहुंची, लेकिन सीएम ने उसे न्याय नहीं दिया। नीतीश कुमार का जनता दरबार बस एक ढकोसला है, यहां किसी की फरीयाद नहीं सुनी जाती। गौरतलब है कि पश्चिम चंपारण के वाल्मिकीनगर निवासी जिला पार्षद दयानंद वर्मा की 7 महीने पहले हत्या हो गई थी। उनकी हत्या के आरोप में पत्नी कुमोद वर्मा ने जनता दल यूनाइटेड के विधायक धीरेन्द्र प्रताप सिंह ऊर्फ रिंकू सिंह को आरोपित किया गया था। बावजूद इसके पुलिस लगातार कार्रवाई से कन्नी काट रही है। सीएम ने कुमोद वर्मा की शिकायत सनने के बाद उन्हें डीजीपी के पास भेज दिया और कहा था कि डीजीपी सारे मामले को अपने से स्तर से देखेंगे।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/mehbooba-mufti-says-she-is-in-house-arrest-7053078/,"महबूबा ने केन्द्र सरकार पर लगाया नजरबंद करने का आरोप, कहा- सरकार को हमारी नहीं अफगानियों की चिंता है","नई दिल्ली। पीडीपी चीफ तथा जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है उन्हें फिर से नजरबंद कर दिया गया है। मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर में सामान्य हालात होने का दावा गलत है और यहां पर कश्मीरियों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत सरकार अफगानिस्तान के लोगों के अधिकारों की चिंता कर रही हैं परन्तु कश्मीरियों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। प्रशासन ने कहा कि स्थिति उपयुक्त नहीं है इसलिए मुझे आज अपने घर में नजरबंद कर दिया गया है। इससे पता चलता है कि कश्मीर में सब कुछ सही होने का केन्द्र सरकार का दावा कितना सही है। GOI expresses concern for the rights of Afghan people but wilfully denies the same to Kashmiris. Ive been placed under house arrest today because according to admin the situation is far from normal in Kashmir. This exposes their fake claims of normalcy. pic.twitter.com/m6sR9vEj3S — Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 7, 2021 महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में दो फोटोज भी साथ में शेयर की है। एक फोटो में घर के गेट पर ताला लगा हुआ है जबकि दूसरी फोटो में गेट के आगे पुलिस की गाड़ी खड़ी है। जहां एक तरफ महबूबा मुफ्ती सरकार पर हालात बिगड़ने का आरोप लगा रही है वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि राज्य में से अधिकांश प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। इंटरनेट भी शुरू हो गया है और कश्मीर में हालात सामान्य हो चुके हैं हालांकि अभी भी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। उल्लेखनीय है कि कश्मीर में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मृत्यु के बाद घाटी में माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया था। यही नहीं, गिलानी के शव पर पाकिस्तानी झंड़ा भी डाला गया और भारत विरोधी नारे लगाए गए। इसके बाद से कश्मीर में माहौल शांत बनाए रखने के लिए वहां पर इंटरनेट बंद कर दिया गया था।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/india/bmc-rs-15-26-crores-on-7-penguins-why-is-there-a-political-turmoil-in-shiv-sena-rule-638279.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"BMC: 7 पेंगुइन पर 15.26 करोड़ रुपये का खर्चा, शिवसेना शासन में क्यों मचा है सियासी घमासान ?","मुंबई, 10 सितंबर: 7 पेंगुइन की देखरेख के नाम पर 15 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्चे का अनुमान मुंबई की सियासी पार्टियों को हजम नहीं हो रहा है। दरअसल, यह टेंडर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना शासित बीएमसी की ओर से जारी किया गया है। जबकि, बीएमसी का दावा है कि इसके चलते उसकी कमाई कई गुनी बढ़ गई है तो उसके खाने-पीने पर खर्च होने वाली रकम को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। दिलचस्प बात ये है कि शिवसेना शासित बीएमसी पर सवाल राज्य में उसकी सहयोगी कांग्रेस ही बढ़-चढ़कर लगा रही है और यह मुद्दा इसलिए अहम हो गया है क्योंकि अगले साल ही चुनाव होना है।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/india/how-much-property-does-bjp-candidate-priyanka-tibrewal-own-638277.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,सीएम ममता को उनके गढ़ भवानीपुर में ही टक्कर देने वालीं प्रियंका हैं कितनी प्रॉपर्टी की मालिक?,"कोलकाता, 10 सितंबर: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां खत्म होने के महज चार महीने बाद ही प्रदेश का सियासी माहौल एक बार फिर से गर्म हो गया है। नंदीग्राम सीट पर हार के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने गढ़ भवानीपुर से चुनाव मैदान में हैं, जहां उनके मुकाबले में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तेजतर्रार नेता प्रियंका टिबरेवाल को टिकट दिया है। प्रियंका टिबरेवाला भाजपा की वही नेता हैं, जो पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले को कोर्ट तक लेकर आई हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भवानीपुर में ममता बनर्जी और प्रियंका टिबरेवाल के बीच एक कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं कि सीएम ममता को उन्हीं के गढ़ में चुनौती देने वालीं प्रियंका टिबरेवाल कितनी प्रॉपर्टी की मालकिन हैं।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/barabanki/new-case-registered-against-asaduddin-owaisi-for-allegedly-insulting-the-national-flag-in-barabanki-638273.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बाराबंकी में एक और केस दर्ज, राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का आरोप","बाराबंकी, 10 सितंबर: बाराबंकी में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी और कार्यक्रम के आयोजक के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया गया है। इन लोगों पर बाराबंकी में एक जनसभा में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप है। बता दें, असदुद्दीन ओवैसी और आयोजक मंडल के खिलाफ इससे पहले भी बाराबंकी के नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इससे पहले ओवैसी पर बिना अनुमति के जनसभा करने व धार्मिक भावनाओं को भड़काने, धारा 144 व कोविड-19 एवं महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा किया गया था। ओवैसी पर पीएम मोदी मोदी और सीएम योगी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का भी आरोप है। मिशन यूपी पर हैं असदुद्दीन ओवैसी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी में जुटे एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों उत्तर प्रदेश के दौर पर हैं। रामनगरी अयोध्या से चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए ओवैसी सुल्तानपुर फिर बाराबंकी पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक, ओवैसी को बाराबंकी के नगर के मुहल्ला कटरा में चौधरी फैज उर-रहमान के घर चाय-नाश्ता की अनुमति दी गई थी, लेकिन उन्होंने बड़ी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान कोविड नियमों का उल्लंघन किया गया। इसके अलावा मंच से ओवैसी ने पीएम मोदी और सीएम योगी को लेकर भी टिप्पणी की। मुख्तार अंसारी को ओवैसी ने दिया ऑफर, बोले- जिस सीट से चुनाव लड़ना चाहते, वहां का टिकट लें बीजेपी विधायक ने कार्रवाई के लिए लिखा पत्र दरियाबाद विधायक सतीश चंद्र शर्मा ने अपर मुख्य सचिव गृह से असदुद्दीन ओवैसी व कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ एफआईआर कराए जाने की मांग की थी। विधायक ने पत्र में लिखा कि गुरुवार को कटरा मुहल्ला में बिना अनुमति के मीटिंग कर ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर रामसनेहीघाट में 100 साल पुरानी मस्जिद शहीद कराने का आरोप लगाया है, जो निंदनीय व सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला है, जबकि अवैध ढांचे को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत गिराया गया है। बाराबंकी पुलिस ने बताया कि सिटी पुलिस चौकी प्रभारी हरिशंकर साहू की तहरीर पर बिना अनुमति के जनसभा करने व धार्मिक भावनाओं को भड़काने, धारा 144 व कोविड-19 एवं महामारी अधिनियम के तहत असदुद्दीन ओवैसी और आयोजक मंडल पर केस दर्ज किया गया है।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/maharashtra/union-minister-narayan-rane-calls-maharashtra-govt-anti-hindu-638253.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"नारायण राणे ने महाराष्ट्र सरकार को बताया 'हिंदू विरोधी', कहा- हिंदुओं के त्योहार पर ही सख्ती याद आती है","मुंबई, सितंबर 10। हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादित टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में रहे केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने एकबार फिर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। नारायण राणे ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने जानबूझकर फेस्टिव सीजन के समय ही प्रतिबंधों को कड़ा करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि ये सरकार हिंदू विरोधी हो चुकी है और जानबूझकर हिंदुओं के त्योहार के समय ही पाबंदियों के बारे में सोचती है। नारायण राणे ने कहा कि हिंदुत्व की बात करने वाली शिवसेना अब बदल चुकी है, जिस दिन बीजेपी ने उनसे नाता तोड़ा था, तभी से शिवसेना के अंदर का हिंदुत्व खत्म हो गया है। मुंबई में बप्पा के दर्शन होंगे ऑनलाइन आपको बता दें कि महाराष्ट्र में गणेश चतुर्शी के आते ही राज्य सरकार ने कोविड प्रोटोकॉल को सख्त कर दिया है। सरकार ने बप्पा के दर्शन के लिए लोगों को सिर्फ ऑनलाइन दर्शन का ही विकल्प दिया है। साथ ही सरकार ने गणेश महोत्सव के दौरान जुलूस या फिर यात्रा निकालने पर पूर्ण पाबंदी लगाई है और कहा है कि भक्तों को सिर्फ पंडाल से ऑनलाइन दर्शन की ही अनुमति होगी। अगले 2 महीने लागू रहेंगे कड़े प्रतिबंध महाराष्ट्र सरकार ने गणेश चतुर्थी समेत अगले 2 महीने में आने वाले सभी त्योहारों को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए कहा है कि हमें कोरोना की तीसरी लहर को लाने से बचना है, इसलिए त्योहारी सीजन में बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि यदि ऑक्सीजन की दैनिक मांग 700 टन से अधिक हो जाती है, तो सरकार लॉकडाउन जैसे उपायों पर विचार कर सकती है। आपको बता दें कि आज से देशभर में गणेश महोत्सव की शुरुआत हो गई है, जो 19 सितंबर तक चलेगा। गणेश महोत्सव के बाद नवरात्रि, दशहरा, दिवाली, ईद और भैया दूज जैसे त्योहार आने हैं। वहीं इन त्योहारों के बीच कोरोना की तीसरी लहर का खतरा भी बरकरार है। तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए सरकार कोरोना प्रतिबंध सख्त कर रही है।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/uttar-pradesh/rld-engaged-in-preparing-election-manifesto-focus-on-farmers-students-and-women-jayant-chaudhary-638249.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने में जुटा रालोद: किसान, छात्र और महिलाओं पर फोकस, 2 अक्टूबर को जारी करेंगे जयंत","लखनऊ, 10 सितम्बर: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सारी पार्टियां अपनी अपनी तैयारियां शुरू कर चुकी हैं। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) भी अपनी चुनावी तैयारियों में जुटा हुआ है। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मसूद अहमद ने कहा है कि बीजेपी सरकार से किसान, नौजवान, महिलाएं और छात्र सभी वर्ग परेशान हैं। सरकार लगातार किसानों की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है। इसको लेकर पार्टी एक लोक संकल्प पत्र तैयार कर रही है जिसमें इन सभी वर्गों की समस्याओं को शामिल किया जाएगा। लोक संकल्प पत्र एक तरह से रालोद का चुनावी घोषणा पत्र होगा और रालोद के मुखिया दो अक्टूबर को लखनऊ में इसे जारी करेंगे। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष ने वन इंडिया डॉट काम से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान यह बातें कही। उन्होंने विस्तार से बातचीत के दौरान सपा के साथ होने वाले गठबंधन से लेकर पश्चिमी यूपी में किसानों की सियासत पर भी खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि रालोद पश्चिम में जाट-मुस्लिम गठजोड़ बना रहा है लेकिन हम कह रहे हैं कि यह जाट- मुस्लिम नहीं बल्कि रालोद- किसान गठजोड़ है जो सरकार को उखाड़ फेकने का काम करेगा। प्रस्तुत है कि रालोद के यूपी चीफ और पूर्व मंत्री मशूद अहमद से बातचीत के प्रमुख अंश.... ""सवाल- चुनाव में अब सात महीने ही बचे हैं। सारी पार्टियां चुनावी तैयारियों और बैठकों में जुटा है। रालोद की क्या तैयारियां चल रही हैं ? जवाब- रालोद पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है। हम किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। पार्टी की तरफ लगातार भाइचारा सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं। इसमें भी रोचक बात यह है कि बसपा, कांग्रेस और बीजेपी के कई पूर्व विधायकों और सांसदों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। इस तरह से पार्टी लगातार अपना अभियान चला रही है।"" ""सवाल- चुनाव नजदीक आ गया है और अभी तक सपा और रालोद के बीच गठबंधन की स्थिति साफ नहीं हो पा रही है। ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ता और नेता भी भ्रम में हैं कि आखिर क्या होगा। सपा के साथ सीटों को लेकर बातचीत कब तक तय हो जाएगा जवाब- देखिए। कार्यकर्ता पूरी तरह से उत्साह में है। कहीं किसी तरह के भ्रम की स्थिति नहीं है। हम लगातार इस बात को कह रहे हैं कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद के राष्ट्रीय प्रमुख चौधरी जयंत सिंह के बीच बातचीत में गठबंधन को लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। रही बात सीटों की तो उसमें कोई अड़चन नहीं आएगी। समय आने पर और समय रहते ही इस पर भी अंतिम फैसला ले लिया जाएगा।"" सवाल- आप कह रहे हैं कि सरकार किसानों और नौजवानों के लिए कुछ नहीं कर रही है लेकिन सरकार तो लगातार किसानों की आमदनी दोगुनी करने का दावा कर रही है? जवाब- सरकार दावे तो बहुत कर रही है लेकिन क्या वो दावे जमीन पर कहीं दिखाई दे रहे हैं। सरकार ने गढ्‌ढा मुक्त यूपी का नारा दिया था। क्या हुआ। लखनऊ की सड़कों पर आप निकल जाइए फिर आपको सरकार के दावे की हकीकत का पता चल जाएगा। इसी तरह किसानों की बात करने का दावा करने वाली सरकार लगातार झूठ बोल रही है। पिछले साढ़े चार साल में किसानों के लिए कुछ नहीं किया। कहां पर किसानों की आमदनी दोगुनी हो रही है। किसान तो खेतों में पसीना बहा रहा है और सरकार कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचा रही है। ""सवाल- आप कह रहे हैं कि पार्टी की चुनावी तैयारियां शुरू हो गई हैं, लेकिन पश्चिमी यूपी के अलावा पूर्वांचल पर आपका फोकस क्यों नहीं ? जवाब- ऐसा नहीं है। फोकस हर जगह है और हर जिले में है। पार्टी पूरी गंभीरता के साथ अपनी तैयारियों में लगी हुई है। जहां तक बात पूर्वांचल की बात है कि तो वहां भी पार्टी का लगातार अपना विस्तार करने में जुटी हुई है।सदस्यता अभियान तेजी के साथ चलाया जा रहा है कि लोग पार्टी की नीतियों में अपनी आस्था व्यक्त कर रहे हैं।""",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/west-bengal/bhabanipur-by-election-bjp-tmc-both-line-up-their-armies-638214.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"दूसरा नंदीग्राम बनेगा भवानीपुर या ममता भेद देंगी बीजेपी का चक्रव्यूह, महासमर की क्या है तैयारी?","कोलकाता, 10 सितम्बर। पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा में 30 सितम्बर को होने वाले संग्राम के लिए मैदान सज चुका है। एक तरफ ममता बनर्जी हैं जिन्हें घरेलू फायदा मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी ने भी यहां पर एक बार फिर से नंदीग्राम दोहराने का बड़ा लक्ष्य अपने सामने रखा हुआ है। दोनों पक्ष जहां अपनी-अपनी सेनाएं तैयार कर रहे हैं वहीं वामपंथ के रूप में एक तीसरा मोर्चा भी है। तीनों ने अपने-अपने सेनापतियों का ऐलान कर दिया है जिनकी अगुवाई में ये मुकाबला लड़ा जाने वाला है। बहुत सारे लोग भवानीपुर में ममता बनर्जी को विजेता के रूप में देख रहे हैं। यह उनका गृहक्षेत्र रहा है और वह इसके पहले दो बार यहां से विजेता रह चुकी हैं। लेकिन इस बार भी हो ऐसा जरूरी नहीं। खुद ममता बनर्जी इस लड़ाई को आसान समझकर नहीं लड़ रही हैं। बुधवार को भवानीपुर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा ""दीदी जीतेंगी ही और आप घर पर बैठे रहेंगे, ऐसा मत करिएगा। साजिश होगी, इसलिए हमें हर जगह पहुंचना होगा। इसे हमें अधिक से अधिक संख्या में मतदान करना होगा। भवानीपुर सीट से ममता बनर्जी ने किया नामांकन, BJP की प्रियंका टिबरेवाल से मुकाबला",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/lucknow/asaduddin-owaisi-party-aimim-offer-up-election-ticket-to-mukhtar-ansari-638209.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"मुख्तार अंसारी को ओवैसी ने दिया ऑफर, बोले- जिस सीट से चुनाव लड़ना चाहते, वहां का टिकट लें","लखनऊ, 10 सितंबर: बसपा सुप्रीमो मायावती के मुख्तार अंसारी को टिकट देने से इनकार के बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उन्हें खुला ऑफर दे दिया है। 'आजतक' की खबर के मुताबिक, ओवैसी ने कहा है कि मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की जिस सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, वहां का टिकट वे उनकी पार्टी से ले सकते हैं। बसपा ने काटा मुख्तार का टिकट बता दें, बसपा सुप्रीमो मायावती ने मऊ से मुख्तार अंसारी का टिकट काट दिया है। बसपा ने मऊ से भीम राजभर को चुनाव लड़ने का टिकट दिया है। मायावती ने शुक्रवार को कहा, ""बीएसपी का आगामी यूपी विधानसभा आमचुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली व माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए। इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मण्डल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष श्री भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है।"" AIMIM ने मायावती पर साधा निशाना एआईएमआईएम प्रवक्ता आसीम वकार ने मुख्तार के टिकट काटे जाने को लेकर मायावती पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जबतक अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी से फायदा हो रहा था तब उनको टिकट देते थे और आज जब उनका बुरा वक्त आया है तो उनके साथ खड़े भी नहीं हो रहे। उन्होंने कहा, ""मायावती जी कह रही हैं कि मुख्तार अंसारी बहुत बड़े अपराधी हैं, इसलिए उनका टिकट काट दिया, मैं यह कहना चाहता हूं कि जबतक अतीक अहमद मुख्तार अंसारी से इन लोगों को फायदा था तो उनको निचोड़ रहे थे, पार्टी में ले रहे थे और चुनाव का टिकट भी दे रहे थे। आज बुरे वक्त में उनके साथ ये खड़े नहीं हो रहे हैं और उनको अपराधी कह रहे हैं। मायवाती ने कहा- BSP बाहुबली और माफियाओं को नहीं देगी टिकट, मुख्तार की जगह भीम राजभर को उतारेगी मैदान में असीम वकार ने कहा, ''मैं मायावती से पूछना चाहता हूं कि क्या मुख्तार अंसारी पिछले चुनाव में अपराधी नहीं थे, क्या मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद को लेकर नया नया ज्ञान मिला है इनको कि ये अपराधी हैं। अगर मुख्तार अंसारी चुनाव लड़ना चाहते हैं तो एआईएमआई के दरवाजे उनके लिए खुले हैं और उनको टिकट देंगे।""",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/bihar/gopalganj-tejashwi-yadav-distribute-note-of-500-rupees-jdu-give-reply-638191.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,चलती गाड़ी से तेजस्वी ने बांटे 500-500 के नोट तो JDU ने कहा- शर्म कर लो बबुआ,"गोपालगंज। गुरुवार को राजद नेता तेजस्वी यादव गोपालगंज की यात्रा पर थे। इस दौरान समर्थकों ने उनका जमकर स्वागत किया। उन्होंने रास्ते में कुछ महिलाओं को पांच-पांच सौ रुपये के नोट भी बांटे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह वीडियो राजद ने अपने ऑफिसियल पेज पर भी शेयर किया है। वीडियो में रुपये देते हुए तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि वे लालू प्रसाद के बेटे हैं। वहीं इस वीडियो पर पलटवार करते हुए जदयू ने कहा कि शर्म करो बबुआ। इस पर सफाई देते हुए राजद ने कहा कि तेजस्वी यादव बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे थे। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि बाढ़ पीड़ित महिलाएं मदद के लिए तेजस्वी यादव के पास आई थीं तो तेजस्वी यादव ने उन लोगों की मदद की। इसमें गलत क्या है। JDU प्रवक्ता नीरज कुमार ने सोशल मीडिया पर लिखा है- 'पीछे से कोई कहता है कि ये लाल उन्हीं का है... जिन्होंने लिखवा ली थी उनकी जमीन बदले उसके चंद नोट के टुकड़े, आंचल में सबके डाल आया था... लालू के लाल से पूछो गरीबी का माखौल क्यों उड़ाया... वोट को नोट क्यों दिखलाया इंसानों की मजबूरी का कुछ तो लिहाज कर लो...शर्म करलो बबुआ'। नोट बांटने वाले वीडियो पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। चिराग और तेजस्वी को साथ देखने वाले बयान पर तेजस्वी यादव ने कहा- पिता ने जो कहा उसके बाद हम कुछ नहीं कह सकते वहीं दौरे के दौरान तेजस्वी यादव ने लोगों को संबोधित किया और कहा कि गोपालगंज जिले में तीन मंत्री हैं। लेकिन, बाढ़ जैसी भयानक आपदा का समाधान सहित अन्य समस्याओं का समाधान करने में अब तक अक्षम साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम सिंचाई, दवाई, पढ़ाई, सुनवाई, कमाई को प्रमुखता देने की बात करते हैं। आज राज्य में लाख से अधिक कर्मियों के पद रिक्त पड़े हैं। बेईमान सरकार से रोजगार की उम्मीद नहीं की जा सकती। यादव ने कहा कि हमारी पार्टी सड़क से सदन तक जनता की आवाज हमेशा से ही उठाती रही है।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/barabanki/case-filed-against-asaduddin-owaisi-for-making-indecent-remarks-on-pm-modi-and-cm-yogi-638182.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"UP: असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भड़काऊ भाषण के लिए FIR, कोरोना नियमों के उल्लंघन का भी आरोप","बाराबंकी, 10 सितंबर: एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और आयोजक मंडल के खिलाफ बाराबंकी के नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। ओवैसी पर बिना अनुमति के जनसभा करने व धार्मिक भावनाओं को भड़काने, धारा 144 व कोविड-19 एवं महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा किया गया है। मुकदमे में ओवैसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का भी आरोप है। बिना अनुमति जनसभा करने का आरोप बता दें, असदुद्दीन ओवैसी यूपी दौरे पर हैं। गुरुवार को ओवैसी बाराबंकी पहुंचे थे और जनसभा को संबोधित किया था। जानकारी के मुताबिक, ओवैसी को नगर के मुहल्ला कटरा में चौधरी फैज उर-रहमान के घर चाय-नाश्ता की अनुमति दी गई थी, लेकिन उन्होंने बड़ी जनसभा को संबोधित किया। इसको लेकर दरियाबाद विधायक सतीश चंद्र शर्मा ने अपर मुख्य सचिव गृह से असदुद्दीन ओवैसी व कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ एफआईआर कराए जाने की मांग की थी। उन्होंने इसकी प्रति डीएम व एसपी को भी भेजी। इसके बाद विधायक ने डीएम व एसपी से बात की। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश का आरोप विधायक सतीश शर्मा ने अपर मुख्य सचिव को लिखे पत्र में लिखा है कि गुरुवार को कटरा मुहल्ला में बिना अनुमति के मीटिंग कर ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर रामसनेहीघाट में 100 साल पुरानी मस्जिद शहीद कराने का आरोप लगाया है, जो निंदनीय व सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला है, जबकि अवैध ढांचे को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत गिराया गया है। यूपी चुनाव 2022: मिशन यूपी पर निकले ओवैसी सुल्तानपुर में बोले- मुसलमान किसी का गुलाम नहीं पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा बाराबंकी के नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक अमर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सिटी पुलिस चौकी प्रभारी हरिशंकर साहू की तहरीर पर बिना अनुमति के जनसभा करने व धार्मिक भावनाओं को भड़काने, धारा 144 व कोविड-19 एवं महामारी अधिनियम के तहत असदुद्दीन ओवैसी और आयोजक मंडल पर केस दर्ज किया गया है। इस मामले में एसडीएम सदर पंकज सिंह ने बताया कि बिना अनुमति के जनसभा करने व कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन सहित अन्य बातें सामने आई हैं। कार्यक्रम के वीडियो और फुटेज की जांच की जा रही है। इसके बाद रात करीब साढ़े 10 बजे नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ने रिपोर्ट दर्ज किए जाने की जानकारी दी।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/west-bengal/bjp-chose-lawyer-priyanka-tibrewal-as-candidate-for-bhabanipur-by-election-638173.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"CM ममता के लिए आसान नहीं होगी 'भवानीपुर' पर विजय, BJP की प्रियंका टिबरेवाल से होगा सामना","कोलकाता, 10 सितंबर। पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु समेत 5 राज्यों में राज्यसभा की 6 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है। इसके साथ ही राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी शुरू कर दी है। बंगाल की नंदीग्राम सीट से बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी से मिली शिकस्त के बाद अब सीएम ममता बनर्जी ने भवानीपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ने का फैसला लिया है। सीएम ममता के लिए भवानीपुर जीतना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि बीजेपी ने उनके खिलाफ मैदान में प्रियंका टिबरेवाल को उतारने का फैसला होगा। भवानीपुर उपचुनाव के लिए बीजेपी ने वकील प्रियंका टिबरेवाल को अपना उम्मीदवार चुना है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने बंगाल सहित पांच राज्यों में उप चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। तमिलनाडु की दो और पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में एक-एक सीट पर अगले महीने 4 अक्टूबर को एक साथ मतदान होगा। इसी दिन शाम को नतीजे भी सामने आ जाएंगे। नंदीग्राम में मामूली अंतर से हार का सामना कर चुकी सीएम ममता बनर्जी के लिए अब भवानीपुर जीतना उनकी साख का सवाल बन गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल उन्हें कड़ी टक्कर दे सकती हैं। यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल उपचुनाव: भवानीपुर सीट पर ममता बनर्जी को चुनौती देंगे सीपीआई उम्मीदवार श्रीजीब विश्वास पूर्व राज्य सभा सांसद मानस रंजन भुनिया के भवानीपुर सीट से इस्तीफा देने के बाद से यहां की सीट खाली है। सीएम ममता बनर्जी ने शुक्रवार को भवानीपुर से अपना नामांकन दर्ज किया। पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने जबरदस्त जीत दर्ज की थी और भाजपा को पटखनी देकर एक बार फिर से सत्ता हासिल की थी। लेकिन ममता बनर्जी को नंदीग्राम से सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। अपने एक संबोधन में भाजपा पर हमला बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा, 'सिर्फ भगवान जानता है कि 2021 के चुनाव कैसे कराए गए थे। केंद्र सरकार ने झूठ बोला, फिर भी मुझे हरा नही पाए। नंदीग्राम में मेरे ऊपर हमले का षड़यंत्र रचा गया। हजारो गुंडे बाहर से आकर पश्चिम बंगाल को गुमराह करने की कोशिश कर रहे थे।' ""प्रियंका टिबरेवाल ने ममता पर बोला हमला प्रियंका टिबरेवाल ने सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा,""",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/india/sharad-pawar-compares-congress-with-old-landlord-who-is-lost-in-past-glory-638140.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"शरद पवार ने कांग्रेस की तुलना जमींदार से की, बोले- पुराने दिनों को ही याद करते रहते हैं","नई दिल्ली, 10 सितंबर। अगले साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी के सामने बड़ी चुनौती है कि वह अंतर्कलह को खत्म कर इन चुनाव में किस तरह से एकजुट हो। इस बीच नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने कांग्रेस पार्टी की तुलना जमींदार से की है। शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जमींदार की तरह है जो अपने पुराने गौरव को ही याद करती रहती है। इंडिया टुडे ग्रुप के वेब चैनल मुंबई तक से बात करते हुए शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस अब पुरानी कांग्रेस जैसी नहीं है इसकी बड़ी वजह यह है कि कांग्रेस काफी कमजोर हो गई है। अगले चुनाव में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर विपक्ष में एकजुटता नहीं होने पर शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस में कुछ नेता अपने नेतृत्व को लेकर काफी संवेदनशील हैं। पवार ने कहा कि मैंने यूपी के जमींदारों के बारे में एक कहानी बताई थी, जिनके पास बहुत बड़ी-बड़ी जमीनें थी, बड़ी हवेली थी। लेकिन भूमि सीमा एक्ट आने के बाद इन लोगों की जमीन 15-20 एकड़ में सिमट गई। उनके पास अपनी हवेली के रखरखाव की भी ताकत नहीं रही। हर सुबह जब वो जगते हैं अपनी जमीन को देखते हैं कहते हैं ये पूरी जमीन हमारी थी। कांग्रेस के लोगों की भी यही मानसिकता है। उन्हें सच्चाई को स्वीकारना होगा। इसे भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल उपचुनाव: भवानीपुर सीट से आज नामांकन दायर करेंगी ममता बनर्जी हालांकि शरद पवार ने इस बात को स्वीकार किया है कि पूरे देश की बात करें तो कांग्रेस की उपस्थिति है और राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर भाजपा का एकमात्रा विकल्प कांग्रेस पार्टी ही मुहैया करा सकती है। पहले कांग्रेस बहुत मजबूत थी, पहले उनके पास 140 सांसदों की ताकत थी। अब 40-45 में सिमट गए हैं। लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस एकमात्र पार्टी है देश में जो देशभर में प्रासंगिक है। कांग्रेस पार्टी की 5-7 राज्यों में सरकार है। भाजपा के खिलाफ कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जिसकी देशभर में उपस्थिति है। शरद पवार ने कहा कि हमे आदत है पुरानी कांग्रेस को देखने की। लेकिन अब कांग्रेस पहले के जैसी नहीं है, यही वजह है कि कांग्रेस बहुत कमजोर हो गई। उनके खुद के कई नेताओं ने साथ छोड़ दिया है। अगर आज आप कोई विकल्प खड़ा करना चाहते हैं तो हर किसी को एकजुट होने की जरूरत है। कुछ दिन पहले शरद पवार की प्रशांत किशोर से मुलाकात हुई थी, जिसके बाद अलग-अलग अटकलें लगाई जा रही थ। इन तमाम अटकलों पर शरद पवार ने कहा कि मुझे प्रशांत किशोर से किसी भी तरह की मदद की जरूरत नहीं है। यही नहीं मैं कहना चाहता हूं कि मेरी किसी पद को लेकर कोई लालसा नहीं है। लेकिन हां, मैं विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश करना चाहता हूं।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/sultanpur/aimim-chief-asaduddin-owaisi-target-akhilesh-yadav-and-mayawati-in-sultanpur-638019.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,यूपी चुनाव 2022: मिशन यूपी पर निकले ओवैसी सुल्तानपुर में बोले- मुसलमान किसी का गुलाम नहीं,"सुल्तानपुर, 09 सितंबर: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में जुटे एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों यूपी के दौरे पर हैं। पहले दिन रामनगरी अयोध्या, दूसरे दिन सुल्तानपुर और आज यानि तीसरे दिन ओवैसी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले पहुंचे हैं। बाराबंकी में ओवैसी ने वंचित-शोषित समाज सम्मेलन को संबोधित किया। ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों के साथ धर्मनिरपेक्षता को जानबूझकर कमजोर किया गया है, दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार भाजपा के इशारे पर किए गए हैं, जबकि अन्य दलों सपा, बसपा या कांग्रेस ने दर्शकों की भूमिका निभाई, उन्होंने सीएए, ट्रिपल तालक के खिलाफ नहीं बोला। अखिलेश-मायावती की वजह से मोदी दो बार पीएम बने: ओवैसी इससे पहले सुल्तानपुर में ओवैसी ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती की नासमझी की वजह से नरेंद्र मोदी दो बार देश के प्रधानमंत्री बने। ओवैसी ने अपने ऊपर लग रहे उन आरोपों को भी खारिज किया, जिसमें उन्हें राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में वोट काटने वाले के रूप में पेश किया गया। ओवैसी ने कहा- मुसलमान आज तक अपने समाज के साथ खड़े नहीं हुए मुसलमान आज तक जिन पार्टियों को वोट देते रहे, उनमें से किसी ने मुसलमानों को नेता नहीं बनाया। ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों ने बरसों एसपी-बीएसपी और कांग्रेस को वोट दिया, लेकिन अपने समाज अपने समाज के साथ खड़े नहीं हुए। अगर ऐसा करते तो यूपी में मुसलमान आज राजनीतिक ताकत बन गए होते। ओवैसी ने कहा, 'कहा जाता है ओवैसी लड़ेगा तो वोट काट देगा। सुल्तानपुर में आप सबने अखिलेश यादव को झोली भर कर वोट दिया तो सूर्या (सूर्यभान सिंह) कैसे जीते? 2019 में लोकसभा के चुनाव में सुल्तानपुर से भाजपा कैसे जीती, तब ओवैसी तो चुनाव नहीं लड़ रहा था। क्या अखिलेश यादव ने कहा कि हिंदू ने वोट नहीं किया इसलिए हारे? क्यों मुसलमानों को कहते हैं, मुसलमानों ने वोट नहीं दिया, क्या मुसलमान कैदी हैं? ओवैसी ने ये भी कहा कि दो बार भाजपा मुसलमानों के वोटो से नहीं जीती है।' उत्तर प्रदेश में ओवैसी की एंट्री से बढ़ा सियासी पारा, मुख्य राजनीतिक दलों के लिए अछूत क्यों बनी AIMIM ? अखिलेश से पूछा सवाल- क्या मुसलमान आपके गुलाम हैं? ओवैसी ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए सवाल किया, 'क्या मुसलमान आपके गुलाम हैं?' उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी अखिलेश और मायावती की 'नासमझी' के कारण दो बार प्रधानमंत्री बने।' ओवैसी ने कहा कि लोकसभा के चुनाव में मजलिस (एआईएमआईएम) तीन सीटों हैदराबाद, औरंगाबाद और किशनगंज से चुनाव लड़ी। उन्होंने कहा, ''हमने हैदराबाद में भाजपा को हराया, हमें हराने मोदी और अमित शाह आए थे, लेकिन उनकी दाल नहीं गली। औरंगाबाद में 21 साल से शिवसेना सांसद को मजलिस ने हराया। किशनगंज में हम हार जरूर गए, लेकिन लाखों वोट मिले।'",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/west-bengal/who-is-priyanka-tibrewal-bjp-candidate-against-mamata-banerjee-from-bhawanipur-know-637994.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"कौन हैं प्रियंका टिबरेवाल? जो ममता बनर्जी के खिलाफ भवानीपुर से होंगी भाजपा उम्मीदवार, जानिए","कोलकाता, 10 सितंबर: कोलकाता की भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ प्रियंका टिबरेवाल बीजेपी उम्मीदवार होंगी।। पश्चिम बंगाल भाजपा में पेशे से वकील टिबरेवाल कोई नया चेहरा नहीं हैं और वह न्यूज चैनलों पर भी जोरदार तरीके से अपनी पार्टी की वकालत करती रही हैं। हालांकि, चुनावी राजनीति का उनका अभी तक का रिकॉर्ड कोई प्रभावी नहीं रहा है, लेकिन उन्हें लगता है कि अगर पार्टी ने उनपर भरोसा किया है और वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद है तो 'न्याय और अन्याय' की इस जंग में भवानीपुर के मतदाताओं का उन्हें समर्थन जरूर मिलेगा।",1 https://hindi.oneindia.com,https://hindi.oneindia.com/news/uttar-pradesh/politics-heats-up-over-jat-icon-mahendra-pratap-singh-bjp-engaged-in-alleviating-the-anger-of-jats-637980.html?ref_medium=Desktop&ref_source=OI-HI&ref_campaign=Topic-Article,"चुनावी साल में BJP को आई राजा महेंद्र प्रताप सिंह की याद, UP में जाटों की नाराजगी दूर करने की कोशिश","कोलकाता, 10 सितंबर: कोलकाता की भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ प्रियंका टिबरेवाल बीजेपी उम्मीदवार होंगी।। पश्चिम बंगाल भाजपा में पेशे से वकील टिबरेवाल कोई नया चेहरा नहीं हैं और वह न्यूज चैनलों पर भी जोरदार तरीके से अपनी पार्टी की वकालत करती रही हैं। हालांकि, चुनावी राजनीति का उनका अभी तक का रिकॉर्ड कोई प्रभावी नहीं रहा है, लेकिन उन्हें लगता है कि अगर पार्टी ने उनपर भरोसा किया है और वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद है तो 'न्याय और अन्याय' की इस जंग में भवानीपुर के मतदाताओं का उन्हें समर्थन जरूर मिलेगा। लखनऊ, 9 सितम्बर: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार का हर कदम चुनावी लिहाज से रखा जा रहा है। योगी सरकार ने लगभग दो साल पहले जाट समुदाय में आइकन माने जाने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर एक विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान किया था लेकिन दो साल के भीतर इसको लेकर सरकार कदम नहीं बढ़ा पाई लेकिन अब चुनावी साल में पीएम मोदी उनके नाम पर बनने वाले विश्वविद्यालय की आधारशिला 14 सितम्बर को रखेंगे। दरअसल, 1929 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को जमीन दान करने वाले जाट समुदाय के इस नेता को लेकर आने वाले दिनों में अब सियासत और गरमाने वाली है। बीजेपी की रणनीति को भांपते हुए रालोद ने भी मोर्चा खोल दिया है। चुनाव से पहले जाटों की नाराजगी दूर करने की कवायद माना जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में जाटों की नाराजगी दूर करने के लिए ही संगठन और सरकार ने इस कार्यक्रम की योजना बनाई है। इस बीच पश्चिमी यूपी में खासा दखल रखने वाली राष्ट्रीय लोकदल ने हालांकि इस कदम का स्वागत किया है लेकिन साथ ही उसने महेंद्र प्रताप सिंह को भारत रत्न देने की मांग कर बीजेपी की परेशानी और बढ़ा दी है। जाट आइकन को सम्मानित करने का कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पिछले सितंबर में संसद के माध्यम से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के तहत समुदाय के कई सदस्यों ने भाजपा के खिलाफ लामबंद किया है। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी, जो किसानों के विरोध प्रदर्शन में एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं, ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया और महेंद्र प्रताप सिंह के लिए ""भारत रत्न"" की मांग की है। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे कहते हैं कि, ""अलीगढ़ में 92 एकड़ जमीन पर बनेगा राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गठन की घोषणा के लगभग दो साल बाद 14 सितंबर को अलीगढ़ लखनऊ, 9 सितम्बर: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार का हर कदम चुनावी लिहाज से रखा जा रहा है। योगी सरकार ने लगभग दो साल पहले जाट समुदाय में आइकन माने जाने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर एक विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान किया था लेकिन दो साल के भीतर इसको लेकर सरकार कदम नहीं बढ़ा पाई लेकिन अब चुनावी साल में पीएम मोदी उनके नाम पर बनने वाले विश्वविद्यालय की आधारशिला 14 सितम्बर को रखेंगे। दरअसल, 1929 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को जमीन दान करने वाले जाट समुदाय के इस नेता को लेकर आने वाले दिनों में अब सियासत और गरमाने वाली है। बीजेपी की रणनीति को भांपते हुए रालोद ने भी मोर्चा खोल दिया है। चुनाव से पहले जाटों की नाराजगी दूर करने की कवायद माना जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में जाटों की नाराजगी दूर करने के लिए ही संगठन और सरकार ने इस कार्यक्रम की योजना बनाई है। इस बीच पश्चिमी यूपी में खासा दखल रखने वाली राष्ट्रीय लोकदल ने हालांकि इस कदम का स्वागत किया है लेकिन साथ ही उसने महेंद्र प्रताप सिंह को भारत रत्न देने की मांग कर बीजेपी की परेशानी और बढ़ा दी है। जाट आइकन को सम्मानित करने का कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पिछले सितंबर में संसद के माध्यम से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के तहत समुदाय के कई सदस्यों ने भाजपा के खिलाफ लामबंद किया है। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी, जो किसानों के विरोध प्रदर्शन में एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं, ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया और महेंद्र प्रताप सिंह के लिए ""भारत रत्न"" की मांग की है। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे कहते हैं कि, ""अलीगढ़ में 92 एकड़ जमीन पर बनेगा राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गठन की घोषणा के लगभग दो साल बाद 14 सितंबर को अलीगढ़ जिले में राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की आधारशिला रखेंगे। जिले की कोल तहसील के लोढ़ा गांव में 92.27 एकड़ जमीन पर विश्वविद्यालय बनेगा। पहले चरण में, इस परियोजना पर 101 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है, जिसमें से 10 करोड़ रुपये मार्च में जारी किए गए थे। इस चरण में एक प्रशासनिक ब्लॉक, एक पुस्तकालय, सामान्य सुविधाओं और छात्रावास और आवासीय क्षेत्रों का निर्माण किया जाएगा। सरकार की योजना जनवरी 2023 तक इसे पूरा करने की है।"" बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि आदित्यनाथ और अन्य क्षेत्रीय नेता अगले सप्ताह के कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। मोदी के दौरे की तैयारियों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री बुधवार को अलीगढ़ में होंगे। एक जाट राजा के तौर पर उन्होंने 1929 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को जमीन दान की थी। बताया जाता है कि 1915 में अफगानिस्तान में एक अंतरिम सरकार के गठन का श्रेय दिया जाता है, आगामी विश्वविद्यालय भाजपा के लिए महत्वपूर्ण राजनीतिक महत्व रखता है क्योंकि अगले साल राज्य में चुनाव होने हैं। ""नवंबर 2019 में हुई थी महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की घोषणा नवंबर 2019 में राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के गठन की घोषणा करते हुए, आदित्यनाथ ने दावा किया था कि हालांकि उन्होंने एएमयू को जमीन दी थी, विश्वविद्यालय ने उनके योगदान को मान्यता नहीं दी थी। पिछले कुछ वर्षों में, भाजपा ने जाट राजा के योगदान को मान्यता देने पर काफी जोर दिया है, और उनके नाम पर एएमयू का नाम बदलने की मांग की है। कुछ भाजपा नेताओं ने यह भी मांग की है कि सिंह की जयंती एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की तरह मनाई जाए।"" ""395 कॉलेज राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से जुड़ेंगे अधिकारियों के अनुसार, अलीगढ़, एटा, हाथरस और कासगंज जिलों के 395 कॉलेज राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे। नियमित पाठ्यक्रमों के अलावा, सरकार की योजना उन्नत कंप्यूटिंग, जैव प्रौद्योगिकी, निर्णय विज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा और उन्नत आणविक आनुवंशिकी विभाग और बहुभाषी अध्ययन, आध्यात्मिक विज्ञान और योग के लिए स्कूल स्थापित करने की है। महेंद्र प्रताप सिंह का जन्म 1886 में हाथरस के मुरसन एस्टेट में हुआ था। वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे और 1915 में अफगानिस्तान में आजाद हिंद अंतरिम सरकार के गठन के पीछे उनकी अहम भूमिका थी। एएमयू को भूमि दान करने के अलावा, उन्होंने वृंदावन में आर्य समाज गुरुकुल को भूमि दान की थी।"" भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर एक विश्वविद्यालय बनाया जाएगा और उसकी आधारशिला प्रधानमंत्री रखेंगे। हर चीज को चुनाव से जोड़कर देखना ठीक नहीं है। राजा महेंद्र प्रताप सिंह का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। सरकार उनको पूरा सम्मान देने का काम करेगी।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/congress-leader-rahul-gandhi-on-jammu-kashmir-and-bjp-rss-128910000.html,"राहुल का कश्मीर दौरा: कांग्रेस लीडर बोले- सरकार की आर्थिक नीतियों ने देवी लक्ष्मी की शक्तियों को कम किया, कश्मीर की संस्कृति को खत्म कर रहे BJP-RSS","कांग्रेस नेता राहुल गांधी दो दिन के जम्मू दौरे पर थे। दौरे के आखिरी दिन शुक्रवार को उन्होंने कहा कि माता वैष्णो देवी का मंदिर मुझे मेरे घर जैसा लगता है। मेरे परिवार का जम्मू-कश्मीर से पुराना नाता है। मैं भी एक कश्मीरी पंडित हूं। राहुल ने गुरुवार को माता वैष्णो देवी के दर्शन किए थे। वे 14 किलोमीटर पैदल चलकर मंदिर पहुंचे थे। जम्मू-कश्मीर के बाद वे लद्दाख भी जाएंगे। राहुल ने कहा कि कल (गुरुवार) मैं मंदिर गया था। वहां मैंने तीन देवियों को देखा। दुर्गा जी, लक्ष्मी जी और सरस्वती जी। दुर्गा शब्द दुर्ग से आया है और दुर्गा का अर्थ है- वह शक्ति जो रक्षा करती है। देवी लक्ष्मी किसी लक्ष्य को हासिल करने की शक्ति का प्रतीक हैं और देवी सरस्वती ज्ञान की शक्ति हैं। जब देश में ये तीन शक्तियां होती हैं, तो राष्ट्र समृद्ध होता है। BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के नोटबंदी और GST समेत दूसरे आर्थिक फैसलों ने देश में देवी लक्ष्मी की शक्ति को कम किया है। ""कश्मीरी पंडितों से मुलाकात की राहुल ने बताया कि कश्मीरी पंडितों का एक प्रतिनिधिमंडल मुझसे मिला। उन्होंने मुझे बताया कि कांग्रेस ने उनके लिए कई योजनाएं लागू कीं, लेकिन BJP ने कुछ नहीं किया। मैं अपने कश्मीरी पंडित भाइयों से वादा करता हूं कि मैं उनके लिए कुछ करूंगा। मेरे दिल में जम्मू-कश्मीर की एक खास जगह है।"" हाथ दिखाकर कहा- दारो चटाई (डरो मत) जम्मू के त्रिकुटा में पार्टी पदाधिकारियों के सम्मेलन में राहुल ने कहा कि आप सभी के बीच मौजूद प्यार, भाईचारे की भावना को भाजपा और RSS बर्बाद कर रहे हैं। वे जम्मू-कश्मीर की मिली-जुली संस्कृति को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह आप सभी को कमजोर कर रहा है। आप खुद देख सकते हैं कि यहां की अर्थव्यवस्था, पर्यटन, व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राहुल ने कार्यकर्ताओं की ओर हाथ दिखाकर कहा कि हाथ का मतलब है-दारो चटाई यानी डरो मत। आपने भगवान शिव और वाहे गुरु की तस्वीरों में हाथ देखा होगा। भाजपा ने जम्मू-कश्मीर को कमजोर कर दिया है। राज्य का दर्जा छीन लिया। जम्मू-कश्मीर को अपना राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए। इस दौरान पार्टी के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद भी मौजूद रहे।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/haryana/karnal/news/farmers-protest-in-karnal-the-movement-starts-with-the-change-of-duty-of-the-policemen-many-khap-panchayats-supported-the-protest-128909542.html,करनाल में किसानों का धरना LIVE: प्रशासन ने देर शाम किसानों को वार्ता के लिए बुलाया; चढूनी की अगुवाई में 13 किसान ACS समेत अन्य अफसर कर रहे बातचीत,"हरियाणा के करनाल में जिला सचिवालय पर किसानों का धरना शुक्रवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया। प्रशासन ने देर शाम जिला सचिवालय पर धरना दे रहे किसानों को बातचीत के लिए बुलाया है। प्रशासन की ओर से चंडीगढ़ से करनाल पहुंचे एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ( ACS) देवेंद्र सिंह किसानों से वार्ता कर रहे हैं। प्रशासन से मीटिंग के लिए गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में सुरेश कौथ, रतन मान समेत 13 किसान मीटिंग के लिए पहुंचे हैं। इससे पहले सुबह 8 बजे पुलिस-पैरामिलिट्री कर्मचारियों की ड्यूटी बदलने से धरनास्थल पर हलचल शुरू हुई। वहीं किसानों ने राष्ट्रगान के साथ धरने की शुरुआत की। दोपहर बाद भाकियू हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने कहा कि प्रशासन की ओर से वार्ता का कोई मैसेज आया तो किसान जरूर जाएंगे। 11 सितंबर को महापंचायत आंदोलन के 5 दिनों की समीक्षा की जाएगी। किसान मोर्चा के पदाधिकारी पहुंचेंगे पंचायत में चढूनी ने बताया कि प्रदेश के सभी किसान संगठनों के नेता और संयुक्त माेर्चा के पदाधिकारी पंचायत में भाग लेंगे। धरना लगातार बढ़ रहा है और व्यवस्थाएं भी बेहतर हो रही हैं। वहीं भाकियू असंध ब्लाक प्रधान जोगिंद्र सिंह झींडा ने कहा कि यदि सरकार नेट बंद नहीं करती हो धरने की हजारों की भीड़ लाखों में बदल जाती। सरकार किसानों को बांटना चाहती है। संयुक्त माेर्चा के बड़े लीडर कल आएंगे। सभी इस बात पर चर्चा करेंगे कि सरकार की मंशा को पूरा होने से कैसे रोकना है। कुरुक्षेत्र के किसान संजीव ने कहा कि धरने पर पहले दिन से ज्यादा किसान आए। कुछ किसान सिंघु बॉर्डर से करनाल धरने पर आने के लिए चले हैं। दूसरे स्थानों से भी किसान आ रहे हैं। लगातार भीड़ बढ़ रही है। ""किसानों-सुरक्षाकर्मियों के लिए स्वास्थ्य सुविधा केंद्र जिला प्रशासन ने धरने पर बैठे किसानों और सुरक्षाकर्मियों की सुविधा के लिए अलग-अलग स्वास्थ्य सुविधा केंद्र खोले। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर आंदोलनकारी भी प्राथमिक उपचार ले रहे हैं। लघु सचिवालय परिसर में 2 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इनके स्वास्थ्य को देखते हुए भी लघु सचिवालय परिसर में स्वास्थ्य सुविधा केंद्र बनाया गया। प्रशासन का दावा है कि किसी भी सुरक्षाकर्मी को दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। इन केंद्रों पर एंटीबायटिक और दर्द निवारक के अतिरिक्त अन्य विभिन्न प्रकार की दवाइयां उपलब्ध रहेंगी। जिला प्रशासन ने 6 एंबुलेंस की तैनाती की, जो किसी किसान की तबीयत बिगड़ने पर स्थानीय नागरिक अस्पताल या कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचाएगी।"" ""डीसी की अपील : घबराएं नहीं, कानून व्यवस्था बनाने में सहयोग दें करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने धरने के मद्देनजर जनता से अपील की है कि किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। जिले में सभी कार्य सामान्य रूप से चल रहे हैं, शहर के साथ-साथ कस्बों के सभी बाजार खुले हैं। जीटी रोड सहित जिले की किसी भी सड़क को न तो आंदोलनकारियों ने बंद किया और न ही आगे बंद करने दिया जाएगा। सभी कार्यालय पहले की तरह खुल रहे हैं, किसी भी व्यक्ति को सरकारी कार्यालय में काम है तो वह सचिवालय आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की आंदोलनकारियों से लगातार अंतराल पर बातचीत हो ही है। आंदोलनकारियों ने करनाल की जनता को आश्वासन दिलाया कि उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। सभी चीजें सामान्य रूप से चल रही हैं। जिला प्रशासन की ओर से स्थिति नियंत्रित रहे इसके लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। कानून व्यवस्था बनाए रखना और लोगों के जानमाल की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की है। यदि कोई कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करेगा तो प्रशासन उससे सख्ती से निपटेगा। NH-44 से दिल्ली-चंडीगढ़ का रास्ता खुला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 से दिल्ली और चंडीगढ़ आने-जाने का रास्ता पूरी तरह से खुला है, यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं है। उन्होंने प्रशासन की ओर से आश्वस्त किया कि करनाल से गुजरने वाले यात्रियों के वाहनों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग खुला है।"" पिपली लाठीचार्ज की घटना को किया याद इससे पहले किसानों ने इस दौरान बसताड़ा टोल पर लाठीचार्ज के बाद मरे सुशील काजल को याद किया। साथ ही पिपली में लाठीचार्ज का एक साल पूरा होने पर भी घटना का स्मरण किया गया। किसानों का कहना था कि पिपली की घटना के बाद अब तक कई बार पुलिस लाठीचार्ज कर चुकी है। ""धरना स्थल को तीन भागों में बांटा किसानों ने चौथे दिन धरनास्थल को तीन भागों में बांट लिया। एक भाग महिलाओं के लिए अलग कर दिया। दूसरे में मंच सजाया। यहां माइक सैट, संचालक रहेंगे और वक्ता अपना भाषण देने के बाद पंडाल में चले जाएंगे। तीसरा भाग धरने पर पहुंचे पुरुषों के लिए है। वहीं किसानों ने गुरुवार को धूप में तेजी के कारण हुई समस्या को देखते हुए चौथे दिन शुक्रवार को धरने पर पंखों की संख्या बढ़ा दी।"" ""शुरू में 150 से 200 के बीच थे किसान शुक्रवार सुबह जब धरना शुरू हुआ उस समय जिला सचिवालय पर किसानों की संख्या मात्र 150 से 200 के बीच थी। दोपहर 1 बजे तक यह संख्या करीब 3000 से ज्यादा पहुंच गई। शुक्रवार को प्रदेश की कई खाप पंचायतें भी किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए धरनास्थल पर पहुंच रही हैं। वहीं आसपास के गांवों और शहरों से भी किसानों को समर्थन देने के लिए लोग पहुंच रहे हैं।"" ""वकीलों ने दिया किसानों को समर्थन जिला सचिवालय पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन को करनाल बार एसोसिएशन के सदस्यों ने शुक्रवार को किसानों के धरने को समर्थन दिया। जिला सचिवालय धरनास्थल पर वकीलों का प्रतिनिधिमंडल बार के दो पूर्व प्रधानों चांदवीर और निर्मल सिंह की अध्यक्षता में पहुंचा। इस मौके पर वकीलों ने कि किसान अनाज पैदा करता है और देश के विकास में सबसे बड़ा योगदान देता है। इसलिए सरकार से अपील की कि किसानों की मांगों की अनदेखी न करे।"" ""सुरक्षा के लिए 40 कंपनियां तैनात धरनास्थल और शहर में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और पैरामिलिट्री की 40 कंपनियों को बुलाया गया है। 5 जिलों के एसपी, 25 डीएसपी, 40 इंस्पेक्टर व्यवस्था बनाने के लिए लगाए गए हैं। करनाल, गुडगांव, रोहतक, हिसार, रेवाडी रेंज से फोर्स करनाल आई है। 10 कंपनियों में बीएसएफ, सीआरपीएफ, आरएएफ, आईटीबीपी शामिल हैं। मेवात, भिवानी, रेलवे अंबाला, कैथल व पानीपत के एसपी लगाए गए हैं। एक दिन पहले ही पुलिस और पैरामिलिट्री कर्मियों की ड्यूटी शिफ्टों में बांटी गई। सुबह 8 बजे शिफ्ट खत्म होने पर रात की पाली के जवान चले गए और दिन की शिफ्ट वाले जवान आए। इस आवाजाही से ही जिला सचिवालय पर धरने में थोड़ी हलचल शुरू हुई।""",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/haryana/news/home-minister-anil-vij-gave-a-befitting-reply-on-farmers-protest-ongoing-in-karnal-128906038.html,"करनाल में चल रहे धरने पर गृहमंत्री की टिप्पणी: अनिल विज ने कहा-जांच में दोषी पर कार्रवाई जरूर होगी, लेकिन किसी के कहने पर किसी को फांसी नहीं चढ़ा सकते","करनाल में लाठीचार्ज पर कार्रवाई को लेकर चल रहे किसानों के धरने पर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि किसी के कहने पर किसी को फांसी नहीं चढ़ाया जा सकता। मामले की जांच जारी है। आपको बता दें कि 28 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भाजपा संगठन की बैठक थी। इसमें पंचायत और शहरी निकाय चुनाव पर चर्चा की गई। इस बैठक को सफल बनाने के लिए शहर को चारों तरफ से सील किया हुआ था। इसी बीच SDM आयुष सिन्हा का लाठीचार्ज का आदेश देते एक वीडियो सामने आया था ।वीडियो में जो शब्द रिकॉर्ड हुए, बरताड़ा टोल पर वैसा ही हुआ। ""वीडियो में क्या बोले थे आयुष सिन्हा, पढ़िए वीडियो में वो बोलते नजर आ रहे हैं, ''सिम्पल है, जो भी यहां से (बैरिकेड की तरफ इशारा करके) कोई नहीं जाना चाहिए। जो जाए उसका सिर फोड़ दो, मैं ड्यूटी मजिस्ट्रेट हूं। सीधे लठ मारना, कोई डाउट। मारोगे। जवाब में पुलिस वालों की आवाज आई-जी सर।''"" सिन्हा बोले, ''सीधे उठा-उठाकर मारने पीछे। कोई डाउट नहीं है। कोई डायरेक्शन की जरूरत नहीं है। क्लीयर है। ये नाका किसी भी हालत में लीक नहीं होने देंगे। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में 100 की फोर्स पीछे है। कोई इश्यू नहीं है। ठीक है। हम पूरी रात नहीं सोए हैं। दो दिन से ड्यूटी कर रहे हैं। यहां से एक बंदा नहीं जाना चाहिए। जो जाए तो उसका सिर फूटा होना चाहिए।'' ""हो चुका आयुष सिन्हा का तबादला किसानों, विपक्ष, वकील और अन्य लोगों ने आयुष सिन्हा को बर्खास्त कर उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। हालांकि आयुष सिन्हा का तबादला हो चुका है। 1 सितंबर को सरकार ने 19 IAS और एक HCS का तबादला किया तो उन्हें इनमें एक नाम आयुष सिन्हा का भी शामिल रहा।"" ""अफसर पर कार्रवाई की मांग पर अड़े किसान 7 सितंबर से करनाल में सिन्हा को बर्खास्त करने की मांग को लेकर किसान धरने पर बैठे हुए हैं। इसी बीच इस मामले में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बड़ा बयान दे डाला है। अनिल विज ने कहा है कि हम निष्पक्ष जांच कराने को तैयार हैं। करनाल एपिसोड की जांच हुई तो अधिकारी, किसान या किसान नेता जो भी दोषी हुए, उन पर सख्त कार्रवाई भी होगी। अनिल विज ने यह भी साफ किया कि किसी के कहने पर किसी को फांसी नहीं चढ़ा सकते। सिर्फ जायज मांग ही मानेंगे।""",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/farooq-abdullah-mehbooba-mufti-support-taliban-government-in-afghanistan-128902807.html,"J&K के 2 पूर्व CM का तालिबानी राग: महबूबा बोलीं- तालिबान शरिया कानून से सरकार चलाए, फारूक ने कहा- उम्मीद है तालिबानी सरकार इस्लाम के सिद्धांतों का पालन करेगी","अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां से हिंसा और जुल्म की तस्वीरें सामने आ रही हैं। दूसरी तरफ कश्मीर में नेता उसके समर्थन में बयान दे रहे हैं। बुधवार को जम्मू-कश्मीर के 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों ने तालिबान सरकार का समर्थन किया। PDP चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि तालिबान अब हकीकत बन चुका है। यह बात समझनी चाहिए। तालिबान को अफगानिस्तान में शरिया कानून से सरकार चलाना चाहिए। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने भी तालिबान का समर्थन किया है। अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि मुझे उम्मीद है कि तालिबान अच्छी तरह सरकार चलाएगा। उम्मीद है कि तालिबान सरकार अफगानिस्तान में इस्लाम के सिद्धांतों का पालन करेगी और मानवाधिकारों का ख्याल रखेगी। तालिबान को सभी देशों से दोस्ताना रिश्ते बनाने की कोशिश करनी चाहिए। ""आर्टिकल 370 पर रुख में बदलाव नहीं फारूक नेशनल कॉन्फ्रेंस के फाउंडर शेख अब्दुल्ला की 39वीं पुण्यतिथि पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे जम्मू कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 बहाल करने और राज्य का दर्जा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके रुख में बदलाव नहीं आया है।"" ""उमर अब्दुल्ला ने भी पूछा था केंद्र से सवाल पिछले हफ्ते फारूक के बेटे उमर अब्दुल्ला ने तालिबान को लेकर केंद्र सरकार से सवाल किया था। उन्होंने कहा था कि केंद्र इस बात पर अपना रुख साफ करे क्या वह तालिबान को आतंकी संगठन मानता है या नहीं? अगर नहीं मानता है तो क्या संयुक्त राष्ट्र की आतंकी संगठनों की लिस्ट से तालिबान का नाम हटवाया जाएगा, क्योंकि भारत अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है।"" AIMPLB के प्रवक्ता ने कहा था- तालिबान को सलाम 18 अगस्त को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी ने एक वीडियो मैसेज जारी किया था। इसमें उन्होंने तालिबानियों को अफगानिस्तान में हुकूमत कायम करने की बधाई दी थी और कहा था कि गरीब और निहत्थी कौम ने दुनिया की सबसे मजबूत फौज को शिकस्त दी, आपकी हिम्मत को सलाम। उन्होंने कहा था कि 15 अगस्त 2021 की तारीख इतिहास बन गई। अफगानिस्तान की सरजमीं पर एक निहत्थी और गरीब कौम, जिसके पास न साइंस, न टेक्नोलॉजी, न दौलत, न हथियार और न तादाद थी, उसने पूरी दुनिया की सबसे ज्यादा मजबूत फौजों को शिकस्त दी और काबुल के सरकारी महल में वो दाखिल हो गए।' ""मुनव्वर राना ने RSS से की थी तालिबान की तुलना शायर मुनव्वर राना ने तालिबान की तुलना RSS, BJP और बजरंग दल से की थी। उनके बयान पर काफी विवाद हुआ था। राना ने कहा था कि अफगानिस्तान से ज्यादा क्रूरता तो हिंदुस्तान में है। तालिबानी-अफगानी जो भी हैं, जैसे भी हैं, सब एक हैं। जैसे हमारे यहां बजरंग दल, BJP और RSS सब एक हैं। 1000 साल पुराना इतिहास उठाकर देख लीजिए, अफगानियों ने कभी हिंदुस्तान को धोखा नहीं दिया है।""",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/amritsar/news/section-144-was-imposed-around-jallianwala-bagh-the-matter-reached-the-police-commissioner-and-the-dcp-was-asked-to-withdraw-the-order-128909355.html,"शहीदों के परिवारों की आवाज दबाने के आदेश वापस: जलियांवाला बाग के चारों ओर धारा-144 लगाई गई थी, पुलिस कमिश्नर तक मामला पहुंचा तो DCP को दिए वापस लेने के आदेश","पंजाब के अमृतसर जिले के पुलिस प्रशासन ने जलियांवाला बाग के चारों तरफ विशेष आदेशों के साथ धारा 144 लगा रखी थी, जिसके लिखित आदेश 24 घंटे बाद वापस लेने का फैसला लिया गया है। शहीदों की इस यादगार का मामला, जब पुलिस कमिश्नर विक्रम जीत दुग्गल के पास पहुंचा तो उन्होंने डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर परमिंदर सिंह भंडाल को आदेश वापस लेने के लिए कह दिया। गौरतलब है कि जलियांवाला बाग के चारों तरफ बुधवार शाम को धारा 144 लगा दी गई थी। इसके लिए विशेष लिखित आदेश जारी किए गए थे। वहीं पुलिस कमिश्नर विक्रम जीत दुग्गल का कहना है कि इस इलाके के आसपास किसी भी तरह की गैरकानूनी घटना को रोकने के लिए धारा 144 लगी ही रहती है, इसके लिए विशेष लिखित आदेश जारी करने की जरूरत नहीं थी। इसलिए लिखित आदेश वापस लिए जाते हैं। शहीदों के परिवार की आवाज दबाने के लिए लगाई गई थी धारा 144 अमृतसर पुलिस ने जलियांवाला बाग में किसी भी तरह के धरने-प्रदर्शन आदि को रोकने के लिए बुधवार शाम को 144 लगा दी थी। डीसीपी भंडाल ने अपने आदेशों में कहा था कि कुछ संगठन जलियांवाला बाग के नवीनीकरण के विरोध में प्रदर्शन करने और धरने देने की योजना बना रहे हैं। जिसकी सूचना उन्हें मिली है। इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए धारा 144 लगाई गई है, जिसके आदेश 6 नवंबर तक जारी रहने हैं। जलियांवाला बाग के शहीदों के परिवारों की संस्थाओं जलियांवाला बाग शहीद परिवार समिति और जलियांवाला बाग फ्रीडम फाइटर फेडरेशन बाग में किए गए नवीनीकरण के काम पर अलग विचार रखते हैं। इन संस्थाओं का कहना है कि सरकार ने नवीनीकरण के नाम पर विरासत को नुकसान पहुंचाया है, जिसके लिए ये संस्थाएं शांतिमय ढंग से अपने विचारों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/ludhiana/news/navjot-singh-siddus-nephew-joined-farmers-meeting-photo-viral-on-social-media-128910067.html,"किसान नेताओं के साथ मीटिंग में सिद्धू का ‘भतीजा’: चंडीगढ़ में हुई बैठक में सिद्धू, नागरा व परगट सिंह के साथ बैठा, नाभा PPS से पढ़ा सुमित ही देखता है सिद्धू का आईटी से जुड़ा काम","केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए आंदोलन कर रहे किसान संगठनों की शुक्रवार को पंजाब के सियासी दलों के साथ बैठक हुई। अगले विधानसभा चुनाव को लेकर, संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान जत्थेबंदियों ने पहले शिरोमणि अकाली दल, फिर कांग्रेस और उसके बाद आम आदमी पार्टी (आप), लोक इंसाफ पार्टी (लिप) समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों से मीटिंग की। हालांकि किसान यूनियनों और कांग्रेस नेताओं के बीच हुई बैठक खत्म होते ही एक नया विवाद शुरू हो गया। दरअसल किसान नेताओं के साथ महत्वपूर्ण मानी जा रही इस बैठक को अटैंड करने के लिए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PPCC) अध्यक्ष नवजोत सिद्धू अपने करीबी सुमित के साथ पहुंचे। सिद्धू के साथ पंजाब प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान कुलजीत नागरा और प्रदेश कांग्रेस महासचिव परगट सिंह भी थे। मीटिंग हॉल में किसान जत्थेबंदियों के प्रतिनिधियों और कांग्रेस नेताओं के साथ बैठे सुमित की एक फोटो वायरल हो रही है। इसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। गौरतलब है कि सुमित खुद को सिद्धू का भतीजा बताता रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर राजनीतिक पार्टियों के साथ रखी गई इस मीटिंग में सिर्फ उन्हीं नेताओं को शामिल होने दिया गया जिनके नाम पहले से दिए गए थे। सोशल मीडिया पर ‘अकाली मालवा’ नामक पेज पर इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा गया कि यह किसान यूनियनों के साथ कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक मीटिंग थी या PPCC प्रधान सिद्धू के साथ किसानों की कोई अलग मीटिंग थी? अगर किसानों की यह मीटिंग सिर्फ राजनीतिक पार्टियों और उनके नुमाइंदों से ही थी तो इसमें सिद्धू का खास रिश्तेदार सुमित किस हक के तहत शामिल हुआ? पोस्ट में यह भी लिखा गया कि पहले कैप्टन ने बर्फी खाई थी और अब कहीं सिद्धू भी अपने पूरे परिवार के साथ बर्फी का प्रबंध करने न गए हों। बता दें कि पंजाब सरकार की ओर से राज्य में गन्ने का प्रति क्विंटल रेट 50 रुपए बढ़ाकर 360 रुपए किए जाने पर किसान नेताओं ने पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह को चंडीगढ़ में मिठाई खिलाई थी। उसके बाद विरोधी दलों ने गन्ने के रेट को लेकर राज्यभर में हुए प्रदर्शनों को कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति बताया था। कांग्रेसी एमएलए धनवंत सिंह धुरी के बेटे हैं सुमित सुमित सिंह के पिता का नाम धनवंत सिंह धुरी है और वह धुरी से कांग्रेस के एमएलए रह चुके हैं। धनवंत सिंह धुरी और नवजोत सिद्धू के पिता के पारिवारिक रिश्ते रहे हैं। सिद्धू ने वर्ष 2004 में जब भाजपा की टिकट पर अमृतसर से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था जब धनवंत सिंह धुरी ही उनके इलेक्शन इंचार्ज थे। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह से हुए मतभेदों के बाद सिद्धू ने पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था और उसके लगभग सालभर बाद अपना यूट्यूब चैनल ‘जित्तेगा पंजाब’ शुरू किया। इस चैनल और सिद्धू का आईटी से जुड़ा सारा काम सुमित ही देखता है। सुमित ने नाभा के मशहूर पंजाब पब्लिक स्कूल (PPS) से पढ़ाई की है। गौरतलब है कि नाभा के PPS का दर्जा पंजाब में सनावर स्कूल के बराबर माना जाता है।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/uttar-pradesh-assembly-election-2022-taliban-rule-in-afghanistan-but-bjp-s-attack-on-sp-on-this-pretext,"उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022: तालिबान का शासन अफगानिस्तान में, लेकिन भाजपा की इस बहाने सपा पर चढ़ाई","तालिबान का शासन बेशक अफगानिस्तान के लिए है, लेकिन उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव को लेकर उसकी चर्चा ज्यादा यहां है। तालिबान का कब्जा और इसके मद्देनजर विभिन्न मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर उत्तर प्रदेश भाजपा के सोशल मीडिया अभियान के निशाने पर समाजवादी पार्टी है।"" अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा है लेकिन तालिबान के बहाने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी पर हमले हो रहे हैं। तालिबानी शासन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रचार अभियान में सबसे ज्यादा निशाने पर सपा है। जिसमें सपा पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि सपा मुसलमानों का तुष्टिकरण करती है। जानकारी के मुताबिक भाजपा सोशल मीडिया को तब तक सपा पर हमले जारी रखने को कहा गया है जब तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय में तालिबान राज की चर्चा हो रही है। व्हाट्सएप, ट्विटर समेत पार्टी के तमाम सोशल मीडिया हैंडल से साझा किए गए संदेशों पर एक नजर डालने से यह साफ पता चलता है भाजपा तालिबानी राज के बहाने लोगों की जेहन में सपा के पुराने शासन को याद दिलाने की कोशिश कर रही है। पिछले दो हफ्तों में कम से कम 30 फीसदी पोस्ट तालिबान से संबंधित मुद्दों पर किए गए हैं। जिसमें कट्टरपंथी संगठन के नियंत्रण में आने के बाद अफगानिस्तान में फैली अराजकता और मानवाधिकारों के उल्लंघन को व्यापक रूप से प्रचारित किया जा रहा है और सपा नेताओं के बयान साझा करके यह बताने की कोशिश हो रही है कि कैसे सपा नेता तालिबान के इन कृत्यों का समर्थन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने अमर उजाला डिजिटल से बातचीत में कहा- तालिबान महिला विरोधी, बच्चे विरोधी और युवा विरोधी है। वे विकास के विरोधी हैं। सपा की भी यही सोच है। उनके नेता तालिबान के समर्थन में बोलते रहते हैं। हम ऐसी सोच रखने वालों के खिलाफ हैं। दुनिया तालिबान का चेहरा देख रही है और यूपी की जनता को भी सपा का चेहरा देखना चाहिए। हम इनकी तालिबानी सोच और माफिया से इनकी सांठगांठ को लेकर उन्हें घेरेगें। आने वाले समय में यह हमला और तेज होगा। भाजपा-सपा में मुख्य मुकाबला भाजपा के सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक """"मजबूत व्यक्तित्व"""" और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को """"हिंदुत्व के ब्रांड"""" के रूप में कट्टरपंथी इस्लाम से मुकाबला करने के एकमात्र विकल्प के रुप में बताया जा रहा है। भाजपा के सोशल मीडिया अभियान में इसका जमकर प्रचार किया जा रहा है कि पिछली सरकार तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति कर रही थी। दरअसल तालिबान को लेकर भाजपा की सपा पर यह चढ़ाई इसलिए है क्योंकि यह माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश के चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि भाजपा ने कथित मुस्लिम तुष्टीकरण के प्रचार को तेजी से आगे बढ़ा रही है और सोशल मीडिया के लिए भी उसी आधार पर रणनीति बनाई गई है, जिससे कि हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण में मदद मिल सके। भाजपी इसी नीति के तहत बसपा और कांग्रेस पर भी हमले तेज कर रही है, लेकिन उसके मुख्य निशाने पर सपा है क्योंकि वह चुनाव में अपना मुख्य प्रतिद्वंदी उसे ही मान रही है। यूपी भाजपा ने 15 अगस्त के बाद काबुल में बढ़ते मानवीय संकट को दर्शाने वाले वीडियो पोस्ट किए। विशेष रूप से देश से बाहर निकलने के लिए बेताब हवाई अड्डों पर लोगों की भीड़, शरणार्थियों को निकालने के लिए खचाखच भरे विमान, राजधानी पर तालिबान के कब्जे के बाद हुए विस्फोट, महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंध, बुर्का पहनने को मजबूर महिलाएं और पत्रकारों का उत्पीड़न से संबंधित वीडियो पोस्ट हुए। दूसरी तरफ यूपी भाजपा की तरफ से कुछ ऐसे वीडियो भी पोस्ट किए गए हैं जिसमें कुछ मुस्लिम महिलाएं यह बता रही हैं कि कैसे उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने उनकी जिंदगी बदल दी है। तालिबानी सोच वाले नेता एक विशेष वीडियो में, पार्टी की राज्य इकाई उन """"तालिबानी मानसिकता वाले समाजवादी पार्टी के नेता"""" की आलोचना कर रही है जिन्होंने तालिबान के समर्थन में बयान दिया। वीडियो में इसे भारतीय समाज और उसके जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाला बताया जा रहा है। गौरतलब है कि तालिबान पर दिए गए बयान को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद और दो अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हो चुका है। सपा सांसद डॉक्टर शफीक उर रहमान बर्क ने तालिबान के समर्थन में बयान दिया था। बर्क ने कहा था कि तालिबान एक ताकत है और उसने अमेरिका के भी पैर नहीं जमने दिए। तालिबान अब अपना देश खुद चलाना चाहता है तो किसी को क्या दिक्कत है? बर्क के बयान ने भाजपा को दिया मौका बर्क के बयान ने भाजपा को सपा पर हमला करने का एक बढ़िया मौका दे दिया। भाजपा सोशल मीडिया टीम ने बिना देरी किए बर्क की निंदा में पोस्ट की बौछार कर दी। राज्य इकाई ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कुछ सदस्यों की टिप्पणियों की भी आलोचना की। मौलाना सज्जाद नोमानी ने अपने बयान में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को सही बताया था. उन्होंने बयान में कहा था कि अफगानिस्तान पर तालिबानियों का कब्जा जायज है। सोशल मीडिया टीम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 19 अगस्त को विधानसभा सत्र के दौरान सदन को संबोधित करते समय तालिबान समर्थकों पर दिए गए बयान का भी प्रचार कर रही है। सीएम योगी ने कहा था- कुछ लोग बेशर्मी से कर रहे तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। हमें जरूरत है कि वैसे लोगों को एक्सपोज किया जाए। अफगानिस्तान में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ क्रूरता की जा रही है। अखिलेश जी... जनता आपके कारनामे देख रही है तालिबानी सोच वाले सपा के बेशर्म नेताओं का समर्थन क्यों कर रहे हैं ? pic.twitter.com/ps6hK86LIK — BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) August 28, 2021 साथ ही सोशल मीडिया अभियान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान का भी जमकर प्रचार किया गया है कि पहले राज्य में हर तीसरे दिन एक दंगा होता था, लेकिन पिछले साढ़े चार साल में एक भी दंगा नहीं हुआ। राज्य पार्टी इकाई की तरफ से ट्वीट किए गए एक कार्टून में दिखाया गया है कि कैसे सपा, बसपा और कांग्रेस जैसी पार्टियां कथित तौर पर मुस्लिमों का तुष्टिकरण करती हैं। एक का कुछ कहना, पूरी पार्टी की राय नहीं हालांकि, सपा के एक नेता का कहना है ‘किसी एक सांसद के कुछ कहने से यह समझ लेना गलत है कि तालिबान के बारे में पूरी पार्टी की राय वही है ऐसा कहना गलत है। भाजपा तालिबान के बहाने हिंदू वोटों के धुव्रीकरण की कोशिश कर रही है। वहीं पार्टी प्रवक्ता नावेद सिद्दीकी ने मीडिया से कहा कि तालिबान मुद्दे को यूपी चुनाव में लाकर भाजपा कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान कुशासन और बदइंतजामी को जनता की याद्दाश्त से दूर करने की कोशिश कर ही है। जबकि भाजपा राज्य इकाई के सोशल मीडिया समन्वयक अंकित चंदेल का कहना है पार्टी सकारात्मक चुनाव अभियान पर ध्यान केंद्रित कर रही है लेकिन विपक्ष के झूठ को भी तो उजागर करना है।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/gujrat-political-drama-bjp-was-reduced-to-below-100-seats-after-22-years-vijay-rupani-narendra-modi,"गुजरात का सियासी घमासान: मोदी के बाद कोई भी सीएम अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका, 22 साल बाद 100 से नीचे हो गई थी भाजपा","रूपाणी ने 7 अगस्त 2016 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद 2017 में राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसमें भाजपा ने बहुमत हासिल कर सरकार बनाई थी। भाजपा ने गुजरात में 182 सीटों में से 99 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था।"" गुजरात में दिसंबर 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में पिछली बार 2017 में विधानसभा चुनाव हुए थे। भाजपा को 99 सीटें और 50 फीसदी वोट मिले थे। इस चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत एक फीसदी जरूर बढ़ा था, लेकिन 22 साल बाद उसकी सीटें सौ के नीचे चली गई थीं। इससे पहले 1995 में भाजपा को 121 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद 1998 में भाजपा को 117, 2002 में 127, 2007 में 117, 2012 में 115 सीटें मिली थीं। बता दें कि गुजरात में विधानसभा की कुल 182 सीटें हैं। गुजरात की सियासत में एक दिलचस्प बात यह भी रही है कि नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद यहां कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। मोदी के बाद आनंदी बेन पटेल और फिर विजय रूपाणी ने राज्य की सत्ता संभाली थी। गुजरात में 23 साल में पांच मुख्यमंत्री बदले केशुभाई पटेल 1995 में सात महीने तक मुख्यमंत्री रहे थे, लेकिन इसके बाद सत्ता शंकर सिंह वाघेला के हाथों में चली गई। केशुभाई 4 मार्च 1998 को दोबारा मुख्यमंत्री बने और करीब साढ़े तीन साल यानी 6 अक्टूबर 2001 तक मुख्यमंत्री रहे। केशुभाई के बाद नरेंद्र मोदी 7 अक्टूबर 2001 को मुख्यमंत्री बने। वे 22 मई 2014 तक इस पद पर रहे। उनके बाद आनंदीबेन पटेल 7 अगस्त 2016 तक दो साल तीन महीने मुख्यमंत्री रहीं। आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद विजय रूपाणी को राज्य की कमान मिली। वे दिसंबर 2017 तक मुख्यमंत्री रहे। फिर विधानसभा चुनाव के बाद भी उन्हें ही कमान मिली। रूपाणी ने दो बार संभाला सीएम पद रूपाणी ने 7 अगस्त 2016 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद 2017 में राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसमें भाजपा ने बहुमत हासिल कर सरकार बनाई थी। भाजपा ने गुजरात में 182 सीटों में से 99 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। विधानमंडल दल की बैठक में रुपाणी को विधायक दल का नेता और नितिन पटेल को उपनेता चुना गया था। रुपाणी ने 26 दिसंबर 2017 को दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पिछले महीने ही रूपाणी ने सीएम के तौर पर 5 साल पूरे किए थे। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि अब उन्हें जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, वह उसे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। उन्होंने कहा कि सीएम रहते हुए उन्हें गुजरात की जनता का भरपूर समर्थन मिला। राज्य के विकास में योगदान करने का भी उन्हें मौका मिला। आगे पढ़ें"" ""सार गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अब नए मुख्यमंत्री को लेकर भी अटकलें लगने लगी हैं।"" ""विस्तार गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वह राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलने पहुंचे और अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया। इसके बाद गुजरात में राजनीतिक हलचल तेज हो गई हैं। बता दें कि रूपाणी ने विधानसभा चुनाव से 15 महीने पहले यह बड़ा फैसला लिया। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद विजय रूपाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूपाणी के इस्तीफे के बाद कल विधायक दल की बैठक हो सकती है। मीडिया से कही यह बात इस्तीफे के बाद रूपाणी ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा, """"मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष के मार्गदर्शन में पार्टी संगठन में काम करने की अपनी इच्छा के बारे में शीर्ष नेतृत्व को बता दिया है। भाजपा प्रेक्षक यहां (गांधीनगर) आए थे और पार्टी जल्द ही नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करेगी।"""" नए सीएम की रेस में चार नाम जानकारी के मुताबिक, रूपाणी के इस्तीफे के बाद राज्य में नए मुख्यमंत्री को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। अब तक चार नाम सीएम पद के लिए सामने आए हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, नितिन पटेल, सीआर पाटिल और पुरषोत्तम रुपाला शामिल हैं। हालांकि, इस संबंध में भाजपा से जुड़े सूत्रों ने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया। गुरुवार रात अमित शाह ने किया था गुजरात दौरा गौरतलब है कि गुरुवार रात को ही गृह मंत्री अमित शाह निजी दौरे पर गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे थे। एक भाजपा नेता ने दावा किया था कि वे शुक्रवार सुबह ही दिल्ली भी लौट गए। उनके गुजरात पहुंचने पर कोई कार्यक्रम नहीं किया गया, न ही पार्टी या सरकारी स्तर पर उनकी किसी से मिलने की योजना सामने आई। 2016 में पहली बार सीएम बने थे रूपाणी रूपाणी ने सात अगस्त 2016 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद 2017 में राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसमें भाजपा ने बहुमत हासिल कर सरकार बनाई थी। भाजपा ने गुजरात में 182 सीटों में से 99 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। विधानमंडल दल की बैठक में रूपाणी को विधायक दल का नेता और नितिन पटेल को उपनेता चुना गया था। रूपाणी ने 26 दिसंबर 2017 को दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/muraleedharan-says-surprised-that-bishop-joseph-kallarangatt-analysis-criticized-by-some-leaders-of-congress-and-cpm,"सियासत : पादरी के बयान पर भाजपा ने राज्य सरकार पर साधा निशाना, कांग्रेस और सीपीएम नेता क्यों कर रहे विरोध","बिशप जोसेफ कल्लारंगट के युवा कैथोलिक लड़कियां राज्य में “लव एंड ड्रग जिहाद” की शिकार होने वाली टिप्पणी पर सियासत तेज हो गई। भाजपा ने राज्य सरकार और कांग्रेस नेताओं पर तंज कसा है। वी मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें आश्चर्य हो रहा है कि उनके बयान पर कांग्रेस और सीपीएम के नेता विरोध क्यों कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विजयन ने भी उनके बयान की निंदा की है।"" केरल के एक चर्च के बिशप जोसेफ कल्लारंगट के बयान पर सियासत शुरू हो गई है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता वी मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें आश्चर्य हो रहा है कि बिशप के बयान पर कांग्रेस और सीपीएम के नेता विरोध या आलोचना क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब जिहादियों का विरोध और भंडाफोड़ किया जा रहा है तो वे आलोचना या निंदा क्यों कर रहे हैं। यह बात समझ से परे है। मालूम हो कि चर्च के बिशप जोसेफ कल्लारंगट ने कहा था कि युवा कैथोलिक लड़कियां राज्य में “लव एंड ड्रग जिहाद” की शिकार हो रही थीं और गैर-मुसलमानों की छवि खराब करने के लिए एक रणनीति तैयार की जा रही है। कोट्टायम जिले के कुरुविलंगाडु में एक चर्च समारोह में बोलते हुए, कल्लारंगट ने कहा, “उन्होंने महसूस किया है कि भारत जैसे लोकतंत्र में हथियार उठाना और दूसरों को नष्ट करना आसान नहीं है और उन्होंने गैर-मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाए हैं। जिहादी गैर-मुसलमानों को नष्ट करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें लव जिहाद और ड्रग जिहाद शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने भी बयान की निंदा की गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बिशप जोसेफ कल्लारंगट के उस बयान की निंदा की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि युवा लव एंड नारकोटिक्स जिहाद की शिकार हो रही हैं। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर रहने वालों को सतर्क रहना चाहिए और समाज में धार्मिक विभाजन नहीं पैदा करना चाहिए।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/gujarat-cm-vijay-rupani-resigns-from-his-post-events-bjp-chose-him-over-nitin-patel-news-and-updates,"गुजरात की पांच साल पुरानी कहानी: मिठाई खिलाते रह गए थे नितिन पटेल, लेकिन भाजपा आलाकमान ने रूपाणी को चुना था","Vijay Rupani Resigns: अगस्त 2016 में आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद विजय रूपाणी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। रूपाणी गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री जरूर बने, लेकिन आखिरी वक्त तक सीएम पद की दौड़ में नितिन पटेल भी शामिल थे।"" गुजरात की सत्ता में नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है। बड़े सियासी घटनाक्रम के तहत विजय रूपाणी ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। साफ है कि दिसंबर 2022 में विधानसभा चुनाव होने से पहले पार्टी नेतृत्व में बदलाव चाहती है। यह घटनाक्रम पांच साल पुरानी कहानी की याद दिलाता है। उस वक्त भी भाजपा ने राज्य में नेतृत्व बदला था। ",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/indian-railways-soon-launch-gurudwara-circuit-train-for-sikh-devotees-amid-of-punjab-election-2022,गुरुद्वारा सर्किट ट्रेन: पंजाब चुनाव से पहले मोदी सरकार कर रही सिखों को तोहफा देने की तैयारी,"रामायण सर्किट और बुद्ध सर्किट के बाद गुरुद्वारा सर्किट सबसे नया प्रोजेक्ट होगा। महात्मा गांधी के जीवन दर्शन से लोगों को अवगत कराने के लिए जल्द ही 'गांधी सर्किट स्पेशल ट्रेन' शुरू करने की भी योजना है। इसी तर्ज पर कुछ और विशेष सर्किट भी शुरू किए जा सकते हैं..."" नए कृषि कानूनों के विरोध में बैठे पंजाब-हरियाणा के सिख किसानों को साधने के लिए भारतीय रेलवे सिख श्रद्धालुओं के लिए 'गुरुद्वारा सर्किट ट्रेन' चलाने की योजना पर काम कर रहा है। पंजाब के अमृतसर में शुरू और समाप्त होने वाली ये 11 दिवसीय यात्रा कम से कम चार प्रमुख गुरुद्वारों को कवर करेगी। इनमें अमृतसर में हरमिंदर साहिब, बिहार की राजधानी पटना में पटना साहिब, महाराष्ट्र के नांदेड़ में हजूर नांदेड़ साहब और भटिंडा में दमदमा साहिब शामिल हैं। इस ट्रेन में अंबाला, सहारनपुर, लखनऊ, मनमाड, सूरत, अहमदाबाद, जयपुर, बठिंडा और अमृतसर सहित कई स्टॉपेज होंगे। रेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में रेलवे इस तरह की कई योजनाओं पर काम कर रहा है। इसका उद्देश्य आम लोगों को देश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के प्रति जागरूक बनाना है। रामायण सर्किट और बुद्ध सर्किट के बाद गुरुद्वारा सर्किट सबसे नया प्रोजेक्ट होगा। महात्मा गांधी के जीवन दर्शन से लोगों को अवगत कराने के लिए जल्द ही 'गांधी सर्किट स्पेशल ट्रेन' शुरू करने की भी योजना है। इसी तर्ज पर कुछ और विशेष सर्किट भी शुरू किए जा सकते हैं। जानकारी के अनुसार, गुरुद्धारा सर्किट स्पेशल ट्रेन में स्लीपर क्लास और एसी क्लास समेत 16 कोच होंगे। एसी क्लास में एक यात्री के लिए यात्रा की लागत 900-1000 रुपये प्रति यात्री प्रति दिन के बीच होगी। यह सर्किट ट्रेन लीजिंग मॉडल पर चलाई जाएगी। इस ट्रेन में स्लीपर और एसी कोच दोनो होंगे। निजी आपरेटर द्वारा इसका किराया तय किया जाएगा। इसके साथ ही ट्रेन में एक पेंट्री कार की भी व्यवस्था की जाएगी, लेकिन यात्रियों को एडवांस में भोजन बुक कराना होगा। जानकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे चार से पांच हजार रेल कोच तैयार कर रहा है, जिसे प्राइवेट आपरेटरों को शर्तो के साथ लीज पर दिया जाएगा। इसमें न्यूनतम पांच साल की शर्त शामिल होगी। इस अवधि के दौरान आपरेटर रेलवे कोच की और संचालन की देखरेख की जवाबदेही रेलवे की होगी। अब तक करीब 50 ऑपरेटरों ने रेलवे के इस महत्वाकांक्षी स्पेशल सर्किट प्रोजेक्ट से जुड़ने में दिलचस्पी दिखाई है।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/political-war-continues-over-narcotic-jihad-remark-central-minister-rao-attacked-on-cpm-and-congress,"केरल : बिशप के 'नारकोटिक जिहाद' के आरोप पर सियासी जंग तेज, भाजपा का कांग्रेस व माकपा पर निशाना","केरल में लव जिहाद व नारकोटिक्स जिहाद जारी होने के बिशप कल्लारंगाट के आरोपों पर सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। माकपा व कांग्रेस ने बिशप के आरोपों का खंडन किया है तो भाजपा ने उनके रवैये को कड़वी सचाई से मुंह मोड़ने का प्रयास बताया है।"" केरल के बिशप जोसेफ कल्लारंगाट की विवादास्पद 'लव एंड नारकोटिक जिहाद' टिप्पणी ने केरल के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रखी है। भाजपा ने माकपा और कांग्रेस पर जिहादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस ने कहा है कि वह राज्य में ईसाई मुस्लिम सौहार्द भंग करने के लिए संघ परिवार के एजेंडे पर चल रही है। इस बीच चौतरफा आलोचना के बाद सायरो मालाबार चर्च के अधीन आने वाले पाला डायोसिस ने बिशप कल्लारंगाट के बयान को लेकर सफाई दी है। डायोसिस ने कहा कि बिशप का बयान किसी को आहत करने के लिए नहीं था और न ही किसी खास समुदाय के खिलाफ था। उन्होंने तो समाज में पनप रहे खतरनाक दौर को लेकर चेतावनी दी थी। डायोसिस के सहायक बिशप जैकब मुरिकेन ने यह बात कही। उन्होंने सभी समुदायों से आग्रह किया कि वे धर्मों के नाम व निशान का इस्तेमाल कर कट्टरपंथी व असामाजिक कार्य करने वाले तत्वों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई पर विचार करें। माकपा व कांग्रेस पर भड़के केंद्रीय मंत्री राव उधर, केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता वी. मुरलीधरन ने केरल में सत्तारूढ़ माकपा व विपक्षी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों को 'कड़वा सच' कहने वालों पर हमला करने और उन्हें चुप कराने की प्रथा बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके बयान का विरोध करने वाले माकपा मार्क्सवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे आईएसआईएस और जिहादियों के प्रवक्ता के रूप में ऐसा कर रहे थे? तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से चर्चा में मुरलीधरन ने कहा कि जो लोग कैथोलिक बिशप पर यह कहने के लिए हमला करते हैं कि केरल में इस्लामिक स्टेट के एजेंट हैं, वे वास्तव में गैर-मुसलमानों का सफाया करने के लिए जिहादियों की विचारधारा का समर्थन कर रहे हैं। बता दें, केरल के बिशप कल्लारंगाट ने बीते दिनों राज्य में लव जिहाद व नारकोटिक्स जिहाद फैलने और ईसाई युवतियों को इसका निशाना बनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि आतंकी भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हथियार के दम पर जो काम नहीं कर सकते, वह वे इस तरह के जिहाद के दम पर कर रहे हैं। युवतियों को फंसा कर उन्हें आतंकवाद में भी धकेला जा रहा है।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/mumbai-rape-case-reaction-latest-news-update-devendra-fadnavis-rekha-sharma-chitra-vagh?src=top-lead,"मुंबई दुष्कर्म पर प्रतिक्रियाएं: भाजपा नेता रोते हुए बोलीं- हम भाषण देने के अलावा कुछ नहीं कर पाए, यह हार है हमारी","मुंबई के साकीनाका इलाके में दुष्कर्म की शिकार हुई पीड़िता की गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। 32 साल की दुष्कर्म पीड़िता का इलाज घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल में चल रहा था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।"" भाजपा उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने शनिवार को दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मुलाकात के बाद कहा, हम कुछ नहीं कर पाए। हम भाषण देने और घोषणाएं करने के अलावा कुछ नहीं कर पाए। ये हमारी हार है और इसका हमें अफसोस है। समाज कहां जा रहा है? दुष्कर्म पीड़िता के साथ दरिंदगी हुई। उसकी आंतें काटनी पड़ीं। महिलाओं की सहनशीलता का यह अंत है। किस पीड़ा से गुजरी होगी वह लड़की... हमारे पास बोलने के लिए शब्द नहीं हैं।",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/tejashwi-wrote-a-letter-raised-the-demand-to-install-the-statue-of-ram-vilas-paswan,"तेजस्वी का नीतीश को लेटर, रामविलास पासवान की प्रतिमा स्थापित करने की मांग","राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश यादव को एक पत्र लिख पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के स्वर्गीय नेता राम विलास पासवान की राज्य में आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की मांग की. इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने दोनों नेताओ की जयंती और पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित करने की भी मांग की. तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री को समर्पित पत्र में लिखा कि स्वर्गीय डॉक्टर रघुवंश प्रताप सिंह और स्वर्गिय राम विलास पासवान, दोनों ही राज्य के महान विभूति होने के साथ साथ प्रखर समाजवादी नेता थे चिराग पासवान एनडीए के खिलाफ अब खासे मुखर दिख रहे हैं(फोटोः Ramvilas paswan) दोनों ही राजनेताओं ने अपने सामाजिक सरोकारों और सक्रिय राजनीतिक जीवन के माध्यम से बिहार राज्य की उल्लेखनीय सेवा की. दोनों बिहार के ऐसे सपूत रहे है जिनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से हम सभी बिहारवासी सदा ऋणी रहेंगे. पत्र में आगे तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को याद दिलाया के अपने निधन से कुछ दिन पहले स्वर्गिय रघुवंश बाबू ने अपनी कुछ मांगे पूर्ण करने की इच्छा व्यक्त की थी. तो उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री, रघुवंश बाबू की अंतिम इच्छाओ को पूर्ण करने हेतु आवयश्क कदम उठा रहे होंगे. यही रघुवंश प्रताप सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. लेटर के अंत मे तेजस्वी यादव ने रामविलास पासवान के लिए अनुरोध किया कि वह पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह और रामविलास पासवान की राज्य में आदमकद प्रतिमा स्थापित करते हुए उनकी जयंती अथवा पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित करने की कृपा करें. दोनी नेताओं के बीच बढ़ रही नजदीकियां भले में बिहार विधानसभा चुनावों में तेजस्वी और चिराग आमने सामने रहे हो, लेकिन चिराग पासवान के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संबधों में खटास आ जाने के बाद दोनों नेताओं की करीबियां बढ़ी हैं. चार दिन पहले ही चिराग पासवान पहले तेजस्वी यादव से मिले उसके बाद उनके पिता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव से मिलने गए थे. हालांकि चिराग पासवान का कहना था कि वह लालू प्रसाद यादव से पिता राम विलास पासवान की पुण्यतिथि का न्योता देने के संबंध में मिले थे. तेजस्वी यादव और चिराग पासवान भले ही दोनों नेता इसे शिष्टाचार भेंट कह रहे हों, लेकिन बिहार के राजनैतिक गलयारों में इन मुलाकातों के अलग ही मायने निकाले जा रहे हैं.",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/bjp-rss-destroying-love-and-brotherhood-among-people-rahul-gandhi-in-jammu-kashmir-srinagar,'BJP-RSS लोगों के बीच मौजूद प्यार और भाईचारे को बर्बाद कर रहे हैं'- राहुल गांधी,"कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर आरोप लगाते हुए कहा कि, दोनों संगठन जम्मू -कश्मीर की मिली-जुली संस्कृति को तोड़ने की कोशिश, और लोगों के बीच मौजूद प्यार और भाई चारे को बर्बाद कर रहें हैं. राहुल गांधी ने ये टिप्पणी अपने जम्मू दौरे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए की. जम्मू-कश्मीर की संस्कृति को तोड़ने की कोशिश- राहुल राहुल ने पार्टी पदाधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए, त्रिकुटा नगर में गुलाम नबी आजाद सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कहा, 'आप सभी के बीच मौजूद प्यार, भाईचारे की भावना को बीजेपी, आरएसएस के लोगों द्वारा बर्बाद किया जा रहा है. वे जम्मू-कश्मीर की मिली-जुली संस्कृति को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. यह हमको कमजोर बना रहा है. आप लोग खुद देख सकते है कि केंद्र शासित प्रदेश के व्यापार, इकनॉमी और पर्यटन को कितना नुकसान पहुंचा है. देवी दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती का आह्वान करते हुए, राहुल ने कहा, “जहां दुर्गा विरोध करने की शक्ति का प्रतीक हैं, लक्ष्मी किसी के उद्देश्य और सरस्वती ज्ञान को पूरा करने के लिए, ये सभी शक्तियां कमजोर हो गईं जब बीजेपी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया, कानून, विमुद्रीकरण और जीएसटी, और उच्च शिक्षा के संस्थानों में आरएसएस और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों के लोगों को नियुक्त किया. गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर कृषि कानून थोपे गए हैं, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है. ""बीजेपी डर का प्रतीक है जबकि कांग्रेस के प्रतीक का अर्थ है डर मत (डरो मत)."" राहुल गांधी केंद्र की आर्थिक नीतियों के बारे में बात करते हुए, गांधी ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि देश पर देवी दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती का आशीर्वाद फीका पड़ गया है. गांधी ने जम्मू-कश्मीर के साथ अपने परिवार के संबंध के बारे में भी बताया और इसे 'घर' कहा. राहुल गांधी ने आगे कहा,“यह एक महीने में जम्मू और कश्मीर की मेरी दूसरी यात्रा है, और मैं जल्द ही लद्दाख का दौरा करूंगा. मैंने श्रीनगर में कहा था कि जब भी मैं जम्मू-कश्मीर आता हूं, मुझे लगता है कि मैं घर आ गया हूं. कल मैं वैष्णोदेवी जी की पूजा करने गया था, और मुझे घर जैसा महसूस हुआ. राज्य, जो एक राज्य था, लेकिन अब एक केंद्र शासित प्रदेश है, का मेरे परिवार के साथ बहुत पुराना संबंध है, ”कांग्रेस नेता ने कहा, जिन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को ‘जय माता दी’ का नारा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया.",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/west-bengal-bypolls-bjp-priyanka-tibrewal-to-contest-elections-against-mamata-banerjee-who-is-she,बंगाल उपचुनाव में ममता बनर्जी के खिलाफ उतरने वालीं प्रियंका टिबरेवाल कौन हैं?,"30 सितंबर को भवानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव (Bhabanipur Bypolls) में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के खिलाफ वकील प्रियंका टिबरेवाल को उतारा है. टिबरेवाल पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के मामलों की वकील हैं. बीजेपी ने 10 सितंबर को उपचुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें भवानीपुर से प्रियंका टिबरेवाल, समसेरगंज से मिलन घोष और जंगीपुर से सुजीत दास को मैदान में उतारा गया है. मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए ममता बनर्जी का ये चुनाव जीतना अहम है. अप्रैल में हुए विधानसभा चुनावों में, बनर्जी को नंदीग्राम में बीजेपी उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी के हाथों हार झेलनी पड़ी थी. पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष ने दावा किया है कि बनर्जी को नंदीग्राम की तरह भवानीपुर में एक और हार का सामना करना पड़ेगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई प्रियंका टिबरेवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर्स की डिग्री ली है और कोलकाता यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है. वो कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं. उन्होंने थाइलैंड के असेम्प्शन यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री भी हासिल की है. पार्टी कार्यकतार्ओं का कहना है कि टिबरेवाल राज्य सरकार के अत्याचारों के पीड़ितों का बचाव करने से लेकर रानीगंज दंगा मामले और पुरुलिया हत्या मामले जैसे कई मामलों को संभाल रही हैं और हमेशा न्याय और स्वतंत्रता के लिए खड़ी रही है. टिबरेवाल ने बीजेपी में भी कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं और राज्य की पदाधिकारी रही हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल में हाल ही में चुनाव के बाद की हिंसा की घटनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, अभिजीत सरकार की हत्या के लिए न्याय की मांग करने के लिए मामलों को कलकत्ता हाईकोर्ट में लाया. टिबरेवाल सीबीआई जांच के लिए अदालती आदेश प्राप्त करने में सफल रही हैं और चुनाव बाद हिंसा के मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन भी किया है.",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/controversy-in-congress-for-2-seats-of-rajya-sabha-many-in-races-including-ghulam-nabi-milind,"कांग्रेस में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए घमासान,गुलाम नबी,मिलिंद समेत कई रेस में","राज्यसभा की 2 सीटों पर चुनाव की गुरुवार को घोषणा के साथ ही कांग्रेस (Congress) में टिकटों के लिए जोरदार पैरवी शुरू हो गई है. दो सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है - एक तमिलनाडु में और दूसरी महाराष्ट्र में. राज्य चुनावों के दौरान गठबंधन व्यवस्था में, एक सीट द्रमुक ने कांग्रेस को देने का वादा किया था और दूसरी सीट महाराष्ट्र से है जो राजीव सातव के निधन के बाद खाली हुई है. राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक, मिलिंद देवड़ा, संजय निरुपम और प्रमोद तिवारी समेत कई नेता मैदान में बताए जा रहे हैं, जबकि तमिलनाडु से सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मैदान में हैं. प्रवीण चक्रवर्ती के पक्ष में जो कांग्रेस पार्टी के डेटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष हैं. लेकिन सूत्रों का कहना है कि द्रमुक एक गैर राजनीतिक व्यक्ति को उच्च सदन में भेजने के विचार के खिलाफ है, जबकि गुलाम नबी आजाद के द्रमुक नेतृत्व के साथ अच्छे संबंध हैं. प्रमोद तिवारी एक बेहतर नाम हैं, वह प्रियंका गांधी से अपनी निकटता पर भरोसा कर रहे हैं और उच्च सदन चुनाव के लिए नामांकित होने के इच्छुक हैं. महाराष्ट्र से कांग्रेस के पास तीन नेताओं के साथ एकमात्र सीट है. दावेदार मुकुल वासनिक अनुसूचित जाति से हैं, उन्होंने फैसला नेतृत्व पर छोड़ दिया है, जबकि मिलिंद देवड़ा जो कभी राहुल गांधी के करीबी थे, पर भी विचार किया जा रहा है और मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम का नाम है, पिछले हफ्ते वह राहुल गांधी से मिले थे. सूत्रों ने कहा कि आजाद, वासनिक, वीरप्पा मोइली सहित कई नेता जी-23 समूह से हैं, जबकि मोइली और वासनिक ने राहुल गांधी के साथ रिश्ता सुधार लिया है. हालांकि पूरे चुनाव में बीजेपी को भी दो सीटें मिलने की संभावना है, एक मध्य प्रदेश में और दूसरी असम में जहां से सर्वानंद सोनोवाल को भेजे जाने की संभावना है और पुडुचेरी की सीट एनडीए को जाएगी, देखना होगा कि पुडुचेरी सीट बीजेपी के खाते में जाती है या नहीं. पश्चिम बंगाल से, कांग्रेस की 'टर्नकोट' सुष्मिता देव को तृणमूल द्वारा नामित किए जाने की संभावना है, लेकिन तमिलनाडु में चुनावों के लिए दोनों सीटें द्रमुक और उसके सहयोगियों के पास जाएंगी, क्योंकि वह पीएमके को साथ लेने के लिए काम कर रही है. चुनाव आयोग ने गुरुवार को विभिन्न राज्यों के राज्यसभा उपचुनाव की तारीखों की घोषणा की. राज्य परिषद में छह आकस्मिक रिक्तियां हैं, जबकि पुडुचेरी की एक सीट पर नियमित मतदान हो रहा है. बिहार में विधान परिषद की एकमात्र सीट के लिए भी उपचुनाव होना है.",1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/national/waterlogging-in-delhi-after-heavy-rain-rakesh-tikait-sat-on-dharna-in-water/1818831/,"भारी बारिश के बाद दिल्ली में जलभराव, पानी में ही ‘धरने पर’ बैठ गए राकेश टिकैत","महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भाटसा बांध के जल अधिग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश की वजह से शनिवार सुबह जलाशय के पांच द्वार खोल दिए गए। भाटसा नगर कार्यालय के सिंचाई विभाग के अधिकारी ने बताया कि जलाशय के दरवाजे सुबह करीब 10 बजे खोले गए। उन्होंने बताया, ‘‘बांध में जलस्तर सुबह नौ बजे 141.70 मीटर तक पहुंच गया था। जल अधिग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बांध के पांच दरवाजे खोल दिए गए।’’ शाहपुर, भिवंडी और कल्याण समेत अन्य निचले इलाकों में अधिकारियों को एहतियाती कदम उठाने के लिए कहा गया है।",1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/entertainment/gujarat-cm-vijay-rupani-resigns-congress-leader-srinivas-bv-taunted-on-narendra-modi-and-amit-shah/1818827/,विधायक खरीद मुख्यमंत्री नहीं बना पाने की मोदी-शाह की खुन्नस है ये- गुजरात के CM ने दिया इस्तीफा तो बोले कांग्रेस नेता,"रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने भी विजय रुपाणी के इस्तीफे पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने लिखा, ‘रुपाणी भी गए। अगला नंबर किसका? एंटी इनकंबेंसी रोकने के लिए कितने सीएम बदलोगे?’",1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/rajya/who-will-gujarat-cm-after-vijay-rupani-five-name-in-queue-know-about-bjp-leaders/1818830/,"अगले साल होने वाले चुनावों से पहले गुजरात में बड़ा उलटफेर, नए CM की रेस में ये पांच नाम, मनसुख मंडाविया सबसे आगे",वहीं वर्तमान उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल को भी प्रमोशन देकर मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है। नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में भी उनके कैबिनेट में शामिल रहे नितिन पटेल की नाराजगी की खबरें पिछले विधानसभा चुनाव के बाद सामने आई थी। अमित शाह से बातचीत के बाद ही उन्होंने उपमुख्यमंत्री का पद संभाला था। इसलिए माना जा रहा है कि इसबार मुख्यमंत्री पद देकर भाजपा नितिन पटेल की नाराजगी दूर कर सकती है।,1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/entertainment/priyanka-gandhi-visited-lucknow-ashoke-pandit-taunted-by-naming-rahul-and-sonia-gandhi-bjp-leader-swatantra-dev-singh-said-this/1818767/,प्रियंका का मिशन यूपी: भैया को हराया अब मां को हराना है- बॉलीवुड फिल्ममेकर ने किया कटाक्ष आने लगे ऐसे कमेंट्स,"प्रियंका गांधी ने अपने यूपी दौरे पर शनिवार सुबह एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, ‘उप्र कांग्रेस कमेटी कार्यालय में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक। इस बार चुनाव समिति में वरिष्ठ सदस्यों, युवाओं, महिलाओं और संगठन के पदाधिकारियों की भागीदारी के चलते बहुत सार्थक चर्चा हुई। सबकी भागीदारी, सबकी जिम्मेदारी के मंत्र के साथ कांग्रेस ने चुनावों के लिए जोरदार दस्तक दी है।’",1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/rajya/samajwadi-party-leader-attacked-bjp-by-sharing-priest-video-over-temple-demolishment-in-surat-gujrat/1818737/,"मंदिर टूटने पर रोते-बिलखते पुजारी का VIDEO शेयर कर सपा नेता बोले, किसी अन्य राज्य में ऐसा होता तो BJP उसे सांप्रदायिक रंग दे देती",मंदिर तोड़े जाने की घटना पर आम आदमी पार्टी ने भी गुजरात की भाजपा सरकार को निशाने पर लिया है। आप की गुजरात इकाई के नेता इसुदन गढ़वी ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि करीब 100 साल पुराने रामदेव पीर मंदिर को भाजपा सरकार ने तोड़ दिया। मंदिर के पुजारी ने बहुत कोशिश की और वे रो भी पड़े। मंदिर तोड़ कर भाजपा ने गुजरात और देश के हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाई है। इसलिए मुख्यमंत्री और भाजपा को लोगों से माफी मांगनी चाहिए। साथ ही दूसरा वैकल्पिक मंदिर दिया जाना चाहिए।,1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%aa%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a4%bf%e0%a4%ae-%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a6%e0%a5%8b-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%ae%e0%a5%87/,पश्चिम बंगाल में दो दिन में भाजपा के 2 विधायक...,विश्वजीत दास के टीएमसी में शामिल होने के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 77 से घटकर 72 हो गयी है। भाजपा के लिए आज खतरे वाली बात यह हुई कि उसे छोड़कर टीएमसी में शामिल होने वाले एमएलए विश्वजीत दास ने दावा किया कि 20 और पार्टी विधायक भाजपा छोड़ टीएमसी में आने वाले हैं।,1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a3%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a4%be/,"हरियाणा में पुलिस का किसानों पर लाठीचार्ज ; कई लहूलुहान,...","कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों पर शनिवार को हरियाणा पुलिस ने इतना लाठीचार्ज किया कि कई लहूलुहान हो गए। यही नहीं पुलिस ने किसानों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और उनपर लाठियां भांजी। कांग्रेस, किसान संगठनों सहित कई नेताओं ने इस लाठीचार्ज को निहत्थे किसानों पर जुल्म बताया है। कई ऐसे वीडियो वायरल हो गए हैं जिनमें पुलिस की लाठियों से घायल लहूलुहान किसान कराह रहे हैं। लाठीचार्ज में कई किसान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। किसान हरियाणा के करनाल के बस्तारा टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे कि इसी दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया। कई किसानों को घेरकर पीटा गया जिससे कई किसान घायल हो गए हैं, जिनमें बुजुर्ग भी शामिल हैं। हरियाणा पुलिस के करनाल में लाठीचार्ज के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। किसानों पर पुलिस के इस जुल्म की खबर आज दिन में टॉप ट्रेंड करती रही। वीडियो में पुलिस किसानों पर लाठी बरसाते दिख रही है। कई किसानों के कपडे खून से सने हैं और कई के चेहरे खून फैलने से पहचान में नहीं आ रहे। लाठीचार्ज के चलते कई किसानों घायल हो गए और कई के सिर फूट गए। कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार और भाजपा सर्कार का जुल्म बताया है। कांग्रेस ने कहा कि देश के अन्नदाता के साथ भाजपा सरकार की पुलिस का यह जुल्म बताता है कि वह किसके साथ खड़ी है।",1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/india/mva-leaders-expressed-grief-over-the-rape-incident-condemned-the-politicisation-of-the-case-b421/,"एमवीए के नेताओं ने बलात्कार की घटना पर जताया दुख, मामले के ‘राजनीतिकरण’ की निंदा की","मुंबई, 11 सितंबर महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के नेताओं ने मुंबई के उपनगरीय इलाके साकीनाका में बलात्कार और हमले की शिकार बनी 34 वर्षीय महिला की मौत पर दुख व्यक्त किया और कहा कि अपराधी को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने घटना का ‘राजनीतिकरण’ करने के प्रयासों की भी निंदा की। यह घटना शुक्रवार तड़के हुई थी। महिला की शनिवार सुबह एक अस्पताल में मौत हो गई। मामले में 45 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने पीड़िता के परिजनों को परामर्श और वित्तीय सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कांग्रेस नेता ने यह भी आशा व्यक्त की कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में शीघ्र न्याय प्रदान करने के लिए प्रस्तावित ‘शक्ति कानून’ को राज्य विधानमंडल द्वारा जल्द ही पारित किया जाएगा। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक ने घटना पर दुख जताया और कहा कि मामले में आरोपपत्र जल्द से जल्द दाखिल किया जाएगा। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि जिस तरह से विपक्ष एमवीए सरकार को निशाना बनाने के लिए घटना का राजनीतिकरण कर रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। राउत ने कहा, ‘‘हर कोई यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिले।’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि राज्य में महिलाओं के यौन उत्पीड़न की कई घटनाएं हुई हैं और अपराधियों में कानून का डर खत्म हो गया है।",1 https://www.lokmatnews.in,https://www.lokmatnews.in/india/bjp-keeps-looking-for-business-even-in-politics-akhilesh-yadav-b421/,राजनीति में भी कारोबार ढूंढती रहती है भाजपा : अखिलेश यादव,"लखनऊ, 11 सितंबर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह राजनीति में भी कारोबार ढूंढती रहती है। समाजवादी पार्टी कार्यालय के डॉक्‍टर लोहिया सभागार में सपा प्रमुख यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए क‍हा, ‘‘भाजपा की सबसे बड़ी ताकत झूठ है। उसका मानना है कि विकास संवेदनशील मुद्दा नहीं है, वह हर मामले में व्यापारिक दृष्टिकोण अपनाती है और राजनीति में भी कारोबार ढूंढ़ती रहती है।'' सपा मुख्‍यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा, ''भाजपा स्वतंत्रता विरासत की संस्कृति को नष्ट करना चाहती है, सामाजिक सद्भाव को तोड़ने में लगी रहती है और कुप्रचार कर समाजवादी पार्टी को बदनाम करना ही उसका मूल एजेण्डा है।'' प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए यादव ने कहा, ''2022 का चुनाव देश और लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है और उत्तर प्रदेश से ही बदलाव होगा, यह जनता ने तय कर लिया है।'' उन्होंने कहा कि काला धन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा की सच्चाई जनता जान चुकी है। समस्‍याएं गिनाते हुए उन्होंने कहा, ''फासिस्ट ताकतों से देश को बचाना है, महिलाओं की अस्मिता पर हो रहे हमले शर्मनाक हैं, सामाजिक न्याय के प्रति भाजपा सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है, असंगठित क्षेत्र के छह करोड़ मजदूर आत्महत्या करने को मजबूर हैं, किसान की दिक्कतें और बेकारी प्रमुख समस्या है और इनके समाधान की सरकार को कोई चिंता नहीं है।'' सपा के एक प्रवक्‍ता ने बताया कि पार्टी प्रमुख यादव से शनिवार को हस्तिनापुर के संत बाबा भूरेवाले सुखदेव सिंह ने भेंट की और पानी, पेड़, पहाड़ को बचाने तथा नदियों की निर्मलता पर चर्चा की और भाजपा सरकार में उनकी उपेक्षा पर चिंता जताई।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-27-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-%e0%a4%ac%e0%a4%82/,किसान मोर्चा का 27 को ‘भारत बंद’ और ‘रेल रोको’...,"मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत ने 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान कर दिया है। महापंचायत ने उस दिन ‘रेल रोको’ की भी घोषणा की है। मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ मुजफ्फरनगर में किसानों की भीड़ से शहर छोटा पड़ गया है और किसान नेताओं ने कहा है कि देश भर से 5 लाख किसान यहाँ पहुंचे हैं। मंच से किसान नेताओं ने मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प किया है। आज की मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत की भीड़ के बाद भाजपा में भी दरार दिखने लगी है। भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने आज कहा कि किसानों की सुनी जानी चाहिए। उनसे पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी किसानों के प्रति केंद्र सरकार की नीति की खुले रूप से आलोचना कर चुके हैं। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने आज कहा कि चुनाव आते जाते रहेंगे लेकिन किसान अपनी मांगों पर तब तक अडिग रहेंगे जब तक इन्हें मान नहीं लिया जाता। संयुक्त किसान मोर्चा महापंचायत में ऐलान किया कि 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ रखा जाएगा और उस दिन ‘रेल रोको’ भी होगा। आज की किसान महापंचायत में किसानों की इतनी संख्या पहुँची है कि इसके लिए स्थल छोटा पड़ गया। इसके बाद किसानों को आसपास की जगह में बैठना पड़ा। देश भर के लाखों किसान महापंचायत में जुटे हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी है जिनमें काफी पंजाब से हैं। महापंचायत के दौरान मंच से किसान नेताओं ने मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प किया है। वहां केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस न लेने पर उसके और नेताओं के खिलाफ नारे भी लगाए गए। किसानों में केंद्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा दिखा।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%9c%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%ab%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a4%97%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95/,"मुजफ्फरनगर में किसानों का बड़ा रेला, महापंचायत में देश भर से...","उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत में देश भर से एक लाख से ज्यादा किसान पहुंच चुके हैं। रैली शुरू हो गयी है और वहां किसानों की तरफ से लंगर से लेकर तमाम अन्य इंतजाम किए गए हैं। तमाम बड़े किसान नेता मंच पर मौजूद हैं। आम जनता का महापंचायत को समर्थन मिलने से किसानों की ताकत बढ़ती दिख रही है। यह पंचायत संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हो रही है। भाकियू ने शनिवार से ही एनएच-58 के सिवाया टोल को फ्री करा दिया था जबकि आज (रविवार) को भी मेरठ से मुजफ्फरनगर के बीच टोल फ्री रहेगा। महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए पिछली रात तक देश भर से लाखों किसान मुजफ्फरनगर पहुँच चुके थे और रात भर उनका आना जारी रहा। जबरदस्त जोश देखा जा रहा है और वे सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करने की तैयारी में दिखते हैं। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि यह रैली भाजपा के खिलाफ़ जारी देशव्यापी अभियान को नयी दिशा देगी। मोर्चा ने कहा है कि तीनों किसान विरोधी कानून रद्द कराने, बिजली संशोधन बिल 2020 वापस कराने और सभी कृषि उत्पादों की लागत से डेढ़ गुना दाम पर एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी की मांग न मानने वाली भाजपा के ख़िलाफ़ इस रैली के जरिए मिशन उत्तर प्रदेश–उत्तराखंड की ऐतिहासिक शुरुआत की जाएगी। सबसे ज्यादा किसान पंजाब से आए हैं जबकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ 15 राज्यों से किसान महापंचायत में शिरकत करने पहुंचे हैं। आज की महापंचायत में किसान नेता अपने आंदोलन के भविष्य की दिशा की दिशा को लेकर घोषणा कर सकते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 9 महीने से चल रहे इस किसान आंदोलन को समाज की सभी जातियों, धर्मों, राज्यों, वर्गों,छोटे व्यापारियों और समाज के सभी तबकों का समर्थन हासिल है। पिछले 9 महीने में देश भर में हुई महापंचायतों में मुजफ्फरनगर की महापंचायत अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत है। राजनीतिक दृष्टि से बहुत अहम पश्चिम उत्तर प्रदेश की इस किसान महापंचायत पर भाजपा की भी नजर है और जिस संख्या में किसान यहाँ पहुँच रहे हैं उससे निश्चित ही भाजपा में बेचैनी होगी। किसान नेता खुलकर भाजपा के खिलाफ बोलने लगे हैं, क्योंकि केंद्र में कृषि क़ानून लाने वाली भाजपा की ही सरकार है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा – ‘महापंचायत को किसान और मजदूर अपनी अस्मिता से जोड़कर देख रहे हैं। मैंने ‘बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं’ का संकल्प ले रखा है। किसान मोर्चा के आदेश पर मुजफ्फरनगर महापंचायत में जरूर आया हूँ लेकिन यहाँ अपने घर नहीं जाऊंगा।’ उधर किसान महापंचायत को लेकर पुलिस और प्रशासन अलर्ट है। भाकियू ने शनिवार से ही एनएच-58 के सिवाया टोल को फ्री करा दिया था। रविवार को भी मेरठ से मुजफ्फरनगर के बीच टोल फ्री रहेगा। मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में किसान महापंचायत हो रही है। भाकियू पदाधिकारियों का दावा है कि किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी। महापंचायत में लाखों किसान जुटें हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल तक से किसानी जत्थे वहां पहुंचे हैं।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%ae%e0%a4%ae%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%b5-%e0%a4%b2%e0%a5%9c%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a5%8d/,"ममता के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ़, आयोग ने बंगाल की...","काफी उहापोह के बाद आखिर चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सहित कुछ और जगह विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा कर दी है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण बंगाल में भवानीपुर की भी सीट है जहाँ से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उपचुनाव में उतरने की सम्भावना है। इन सीटों पर 30 सितंबर को उपचुनाव होगा जबकि वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी। हाल तक यह कयास लगाए जा रहे थे कि यदि नवंबर तक चुनावों की घोषणा नहीं हुई तो ममता को अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ सकता है। हालांकि, अब उपचुनावों की घोषणा होने से टीएमसी ने राहत की सांस ली है। जिन सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हुई हैं उनमें बंगाल की भवानीपुर, शमशेरगंज और जंगीपुर जबकि ओडिशा की पीपली सीटें शामिल हैं। चुनाव की घसोहसना के साथ ही इन सभी सीटों के क्षेत्र में आचार संहिता भी लागू हो गई है। चुनाव आयोग ने इन चार सीटों पर 30 सितंबर को उपचुनाव का ऐलान किया है। वैसे देश भर में वर्तमान में विभिन्न राज्यों में 31 विधानसभा सीटें और दो लोकसभा सीटें खाली हैं जिनपर उपचुनाव का इन्तजार है। कोरोना संक्रमण के चलते आयोग ने उपचुनाव को रोके रखा था। अब लगता है कि अन्य सीटों पर अन्य चारणों में चुनाव करवाया जाएगा। पश्चिम बंगाल सरकार के ख़ास अनुरोध पर चुनाव आयोग ने भवानीपुर और अन्य दो सीटों पर उपचुनाव कराने का ऐलान किया है। भवानीपुर से ममता बनर्जी के मैदान में उतरने की सम्भावना है। चुनाव आयोग की घोषणा के मुताबिक इन उपचुनाव के लिए गजट अधिसूचना 6 सितंबर को जारी होगी और तभी से 13 सितंबर तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकते हैं। तीस सितंबर को मतदान और 3 अक्टूबर को मतगणना की जाएगी।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%aa%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a4%ae%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%80-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%aa/,विपक्ष में ममता ही विकल्प!,"कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी विपक्षी एकता को एकजुट करने के लिए तामाम कोशिशें कर रही हैं। लेकिन हक़ीकत में भाजपा की तरह ही टीएमसी और सपा सहित अन्य क्षेत्रीय दल कांग्रेस के रूठे नेताओं को अपने पाले में लाने के लिए रात-दिन एक किये हुए हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि अनेकता में एकता की जगह एकता में अनेकता दिख रही है। भाजपा तो पहले से ही कांग्रेस के रूठे हुए नेताओं को अपने ख़ेमे में शामिल करती ही रही है। कई राज्यों में भाजपा की यह कोशिश कामयाब भी रही है, तो कई राज्यों में नाकाम भी। ऐसे में कांग्रेस को अपने को अंदरूनी कलह से बचकर ख़ुद को मज़बूत करने की पहले आवश्यकता है, उसके बाद ही वह अन्य दलों को अपने नेतृत्व में ले सकती है। पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने 19 विपक्ष दलों का आह्वान कर एक बैठक का आयोजन किया। उनकी मंशा है कि सभी विपक्षी दल एक होकर भाजपा को सत्ता से बाहर करें। इसके लिए कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लक्ष्य में रखा है। कांग्रेस की मंशा है कि सभी दल एकजुट होकर भाजपा को न केवल सत्ता से बाहर कर दें, बल्कि उसे इतना कमज़ोर कर दें कि वह दोबारा सत्ता में न आ सके। बताते चलें कि देश में मौज़ूदा समय में एनडीए की केंद्र्र सरकार के प्रति जनता में कई मामलों को लेकर काफी रोष है। इन दिनों महँगाई, बढ़ते गैस, डीजल, पेट्रोल के दाम और अब तक के सबसे बड़े किसान आन्दोलन जैसे मुद्दों को लेकर विपक्षी दल केंद्र्र सरकार को घेर रहे हैं। लेकिन हक़ीक़त में विपक्षी दल एक नहीं हो पा रहा है। दरअसल विपक्षी दल एकता के नाम पर दिखावे के तौर पर तो डिनर पार्टी में एक दिखते हैं; लेकिन फिर वही अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना ढोल बजाने लगते हैं। इसकी मुख्य वजह है कि नेतृत्व। सभी अपने-अपने हिसाब से नेतृत्व करने की चाहत रखते हैं। सियासत में अपने-पराये के साथ-साथ निजी हित भी देखा जाता है। जैसा कि मौज़ूदा दौर में कांग्रेस की हालत पतली है; जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राजनीति चमक रही है। उनके तेबर से साफ़ संकेत मिलते हैं कि वह केंद्र्र सरकार, ख़ासकर मोदी से सीधी टक्कर ले सकती हैं। हाल ही में कांगेस की नेता व पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने कांग्रेस को छोडक़र टीएमसी का दामन थामा है। इससे ये सियासी तौर पर स्पष्ट है कि कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेता आने वाले दिनों में टीएमसी का दामन थाम सकते हैं। भाजपा सहित कांग्रेस के रूठे हुए नेता टीएमसी में आने के लिए बेताब दिख भी रहे हैं। वहीं कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि भले ही कांग्रेस आज सत्ता में नहीं है; लेकिन देश की पुरानी और बड़ी पार्टी है। रहा सवाल नेताओं का दूसरे दलों में जाने का तो राजनीति में तो सब चलता ही रहता है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया गाँधी) के नेतृत्व में विपक्ष एक नहीं हो सका, तो ममता बनर्जी के साथ एकता को बनाये जाने में कोई हर्ज नहीं है। मौज़ूदा दौर में सभी विपक्षी दलों को एकजुट होने में देर नहीं करनी चाहिए। क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले पाँच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में एकता के बलबूते पर भाजपा को घेरा ही नहीं जाना चाहिए, बल्कि उसे बंगाल की तर्ज पर परास्त भी करना चाहिए। कांग्रेस के कई बड़े नेता इस बात को मानते हैं कि देश की सियासत आज धार्मिक और जातीय समीकरणों में उलझी हुई है। ऐसे में कांग्रेस को कुछ समय के लिए इंतज़ार और पैनी नज़र रखने की राजनीति करनी चाहिए। यह बात विपक्षी दल खुलकर भले न कहें; लेकिन वो यह तो मानते हैं कि मौज़ूदा दौर में देश की राजनीति का जो मिजाज़ है, वो ममता बनर्जी के पक्ष में काफ़ी हद तक है। ममता के समर्थन का इशारा कुछ नेताओं ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बता दिया था। कुछ राजनीतिक दलों ने तो ममता बनर्जी को जिताने के लिए ख़ुद को चुनावी रण से बाहर कर लिया था, तो कुछ ने ममता के साथ मंच साझा कर यह बता दिया था कि वे ममता के ही साथ हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गाँधी एकता की क़वायद कर विपक्ष को एक करने में लगी हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि सारे कांग्रेसी सोनिया की क़वायद में शामिल हैं। ज़ोर इस बात पर दिया जा रहा है कि सही मायने में भाजपा, नरेंद्र मोदी के मुक़ाबले में अगर कोई नेता है, तो वह हैं ममता बनर्जी। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने जिस तरह से मोदी और उनकी टीम को ललकारा और पटखनी दी, उससे सभी विपक्षी दलों का हौसला बुलंद हुआ है। यह भी सम्भावना है कि उन्हें अन्य दलों के अलावा कांग्रेस का भी साथ मिल जाए।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%b2-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a7%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ae/,"महंगाई पर राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला, कहा अन्याय...","सरकार ने बुधवार को घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें बढ़ा दी हैं वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शाम को एक प्रेस कांफ्रेंस करके मोदी सरकार पर बढ़ती महंगाई को लेकर जबरदस्त हमला बोला है। गांधी ने कहा कि देश में महंगाई बढ़ रही है और इसकी सबसे ज्यादा मार आम आदमी पर पड़ रही है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि जो पैसा यह (सरकार) जनता की जेब से ले रही है वह जा कहाँ रहा है। एआईसीसी मुख्यालय में हुई इस प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी – ‘एक तरफ डिमोनेटाइजेशन है और दूसरी तरफ मोनेटाइजेशन। किसानों, मध्यम वर्ग, गरीबों और छोटे किसानों का डिमोनेटाइजेशन हो रहा है। मोनेटाइजेशन सिर्फ सरकार के चार-पांच दोस्तों का भला हो रहा है।’ राहुल ने कहा कि जब वे (भाजपा) सत्ता में आए थे तो कहते थे कि पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम बढ़ रहे हैं। अब देखिए गैस और बाकी सबके दाम आसमान छू रहे हैं। कांग्रेस नेता – ‘ महंगाई बढ़ने से आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ रहा है। तेल की कीमतें बढ़ने से सीधे लोगों पर असर पड़ रहा है।’ उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि जो पैसा यह (सरकार) जनता की जेब से ले रही है वह जा कहाँ रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जीडीपी का मतलब है कि गैस, डीजल और पेट्रोल। उन्होंने कहा – ‘जीडीपी में बढ़ोतरी का मतलब है कि इनके चीजों के दाम में बढ़ोतरी। साल 2014 के मुकाबले रसोई गैस की कीमत 116 फीसदी बढ़ी है। पेट्रोल के दाम 42 फीसदी बढ़े हैं और डीजल की कीमत में भी 55 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रही सही कसर सरकार देश की संपत्तियों को बेचकर पूरा कर रही है।’ इससे पहले राहुल गांधी ने सुबह एक ट्वीट करके एलपीजी की कीमतें बढ़ने पर मोदी सरकार पर निशाना साधा। राहुल ने घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) के बढ़ते दामों को लेकर कहा कि देश अन्याय के खिलाफ एकजुट हो रहा है। ट्वीट में कांग्रेस नेता ने कहा – ‘जनता को भूखे पेट सोने पर मजबूर करने वाला ख़ुद मित्र-छाया में सो रहा है। लेकिन अन्याय के खिलाफ देश एकजुट हो रहा है।’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने हैशटैग ‘भाजपा की लूट के खिलाफ भारत’ में चार महानगरों में जनवरी से लेकर अब तक, एलपीजी गैस सिलेंडर के दामों में हुई वृद्धि की एक सूची भी साझा की है।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a7%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a3/,"सोनिया गांधी के निमंत्रण पर जुटा विपक्ष, भाजपा के खिलाफ देशहित...","कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार शाम अपने आवास पर विपक्ष के बड़े नेताओं के साथ बैठक कर विपक्षी एकता की तरफ एक और कदन बढ़ाया। इस मौके पर 19 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए जिनमें सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीएम एमके स्टालिन, फारूक अब्दुल्ला, सीएम हेमंत सोरेन, सीएम सीएम उद्धव ठाकरे और सीताराम येचुरी जैसे दिग्गज शामिल रहे। हाल में विपक्षी दलों के साथ कांग्रेस की यह तीसरी बैठक है जिसमें एक राहुल गांधी की नाश्ते की बैठक भी शामिल है। बैठक में सोनिया गांधी ने सभी नेताओं से देशहित में संसद और संसद के बाहर एकजुट होने की अपील की। अगले साल उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में होने वाले विधानसभा के चुनावों से पहले कांग्रेस की विपक्ष को एकजुट करने की यह कोशिशें भाजपा की परेशानी बढ़ा सकती हैं। कांग्रेस की इस बैठक में बसपा और सपा के अलावा आप को भी न्योता नहीं मिला था। आप ने कहा कि उसे कांग्रेस की तरफ से न्योता ही नहीं मिला था। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी को आगे करके चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है जिससे बसपा और सपा में बेचैनी है। सोनिया गांधी की आज की बैठक में 19 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। इनमें टीएमसी, एनसीपी, डीएमके, शिवसेना, जेएमएम, भाकपा, माकपा, फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरजेडी, एआईयूडीएफ, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, लोकतांत्रिक जनता दल, जनता दल सेकुलर, राष्ट्रीय लोक दल, केरल कांग्रेस (एम), वीसीके, आरएसपी और आईएयूएमएल शामिल हैं। ममता बनर्जी और शरद पवार के इस बैठक में शामिल होने को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष अब भाजपा की सामने एक मजबूत विकल्प के रूप में खड़ा होने की कोशिश करता दिख रहा है। विपक्ष के कई नेता कह चुके हैं कि कांग्रेस के बिना विपक्ष एक मजबूत विकल्प नहीं बन सकता लिहाजा कांग्रेस को आगे आना चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अब विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं। आज की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा – ‘यह एकता भविष्य में भी संसद से लेकर बाहर तक दिखेगी।’ सोनिया ने 2024 की सियासी लड़ाई की भी बैठक में बात की और कहा अगले लोकसभा चुनाव के लिए सभ्यी विपक्षी दलों को साझा रूप से रणनीति बनाने की सख्त ज़रुरत है। गांधी ने कहा – ‘हम सबके अपने-अपने राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं। लेकिन इन्हें परे रखकर राष्ट्रहित में हम एक साथ आ सकते हैं। कांग्रेस की तरफ से इस तरह की कोशिशों में कोई कमी नहीं मिलेगी।’",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%9d%e0%a4%9f%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%85%e0%a4%a7/,झटका: महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ने पार्टी छोड़कर तृणमूल का दामन...,"अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और पूर्व सांसद सुष्मिता देव तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी में शामिल हो गई हैं। उन्हें ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी व डेरेक ओ ब्रायन ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। इससे पहले सोमवार को ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजा था। पूर्वोत्तर से ताल्लुक रखने वाली सुष्मिता देव राहुल गांधी की करीबी मानी जाती थीं। सुष्मिता देव ने इस्तीफे की जानकारी सोनिया गांधी को पत्र के माध्यम से दी थी। इससे पहले सुष्मिता देव ने पार्टी के व्हाट्सएप ग्रुप को भी छोड़ दिया था, वहीं ट्विटर पर भी बायो बदल कर पूर्व पार्टी नेता कर लिया था। सुष्मिता देव 2014 के लोकसभा चुनाव में असम की सिल्चर सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर सांसद बनी थीं। इसके बाद उन्हें अखिल भारतीय महिला कांग्रेस का कार्यभार भी दिया गया था। लेकिन, असम विधानसभा चुनाव में हार के बाद सुष्मिता देव का इस्तीफा मुसीबत बन सकता है।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%b8%e0%a4%ad%e0%a4%be-%e0%a4%9a%e0%a5%81-2/,उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 अमित शाह के दौरे से गरमायी...,"उत्तर प्रदेश की सियासत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से गरमा गयी है। उनके दौरे से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं में जोश तो भरा ही है, योगी का सीना भी चौड़ा हो गया है। अब प्रदेश में भाजपा नेता और कार्यकर्ता पूरी ताक़त से चुनावी मैदान में हैं। इसकी वजह यह है कि गृह मंत्री भाजपा पर पूरा ध्यान केंद्रित करते हुए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में टीम भावना से काम करने को कह गये। उन्होंने योगी की जमकर तारीफ़ की और स्पष्ट कर दिया कि अब पार्टी के लोग विपक्ष को परिवारवाद और क़ानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरें। इसके साथ ही उन्होंने अपने सहयोगी दलों को भी गठबन्धन का संकेत देते हुए साफ़ कर दिया कि पार्टी में उन्हें पूरा मान-सम्मान मिलेगा। केंद्रीय गृहमंत्री ने यह भी संकेत दिया है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा गुजरात की थीम पर लड़ेगी। जैसा कि सब जानते हैं कि गुजरात में हर बार भाजपा एंटी इनकमबेंसी की काट के लिए पुराने विधायकों का टिकट काटकर नये चेहरे पर दाँव लगाती है। इस बार उत्तर प्रदेश में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकेत से यही ज़ाहिर है, जिसे हमने पिछले लेख में भी उजागर किया था। माना जा रहा है कि इस बार भाजपा से 100 से ज़्यादा मौज़ूदा विधायकों के टिकट कट सकते हैं और उनकी जगह रुतवेदार नये चेहरों को मैदान में उतारा जा सकता है। लेकिन इससे यह भी सम्भव है कि भाजपा के मौज़ूदा विधायक और उनके समर्थक पार्टी से नाराज़ हो जाएँ और किसी और पार्टी में खिसक जाएँ। यहाँ ध्यान दिला दें कि 2017 में भाजपा ने बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दम पर विधानसभा चुनाव लड़ा था और प्रदेश की 403 सीटों में से बहुत बड़े बहुमत के साथ 312 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था। मगर इस बार प्रदेश में पार्टी योगी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है और 300 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य बना चुकी है। इसके पीछे संघ की भी बड़ी भूमिका है। क्योंकि संघ की वजह से भाजपा में पक्के मतदाताओं की संख्या काफ़ी है, जो कभी भी कहीं नहीं जाएँगे। इधर, चुनाव की रणनीति प्रधानमंत्री ने स्वयं तय की है। 16 अगस्त से उनके नये मंत्रिमंडल में नियुक्त मंत्री अपने-अपने राज्यों में प्रचार कर रहे हैं। कांग्रेस की रणनीति प्रियंका गाँधी के पूरी तरह उत्तर प्रदेश में डेरा डाल लेने के बावजूद अभी प्रदेश में कांग्रेस की रणनीति कमज़ोर ही कही जाएगी। यह अलग बात है कि कांग्रेस ने प्रदेश के इस विधानसभा चुनाव में निडर, युवा और नये दावेदारों पर दाँव लगाने की रणनीति बनायी है और क़रीब 38 नेताओं की सूची जारी की है। माना जा रहा है कि कांग्रेस किसी भी हाल में प्रदेश में भाजपा को हराने की काट ढूँढ रही है, जिसके लिए प्रियंका गाँधी मैदान में उतर चुकी हैं। कुछ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि हो न हो, प्रियंका गाँधी प्रदेश में मुख्यमंत्री चेहरा हैं। क्योंकि कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी राजेश तिवारी यह दावा कर चुके हैं। कांग्रेस की इस रणनीति से भाजपा में एक डर तो बैठा है। हारने का हो न हो, लेकिन सीटें कम होने का तो पक्का है। हालाँकि कांग्रेस का जनाधार पिछले दो दशक में धीरे-धीरे बहुत खिसक चुका है और अब लोग उसमें सुपर नेतृत्व तलाश रहे हैं। अगर प्रियंका पर लोग भरोसा कर गये, तो कोई बड़ी बात नहीं कि कांग्रेस के दिन फिर जाएँ। इसके अलावा कांग्रेस भाजपा से रूठे लोगों को भी टिकट देकर अपनी शाख मज़बूत कर सकती है, जैसा कि उसने पंजाब में किया। क्योंकि भाजपा का किला घर के भेदी ही ढहाएँ, तो ही वह ढह सकता है। कहने का लब्बोलुआब यह है कि कांग्रेस को इस समय अपने अन्दर मज़बूती बनाने के साथ-साथ भाजपा में अन्दरखाने पड़ी फूट का भरपूर फ़ायदा उठाना चाहिए। समाजवादी पार्टी की स्थिति समाजवादी पार्टी (सपा) को प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने में मुश्किल तो बहुत है, मगर यह नामुमकिन नहीं है। जिस तरह से उसने कुछ ही समय पहले हुए ज़िला पंचायत के त्रिस्तरीय चुनावों में भाजपा को पटखनी दी, उससे यह साफ़ है कि लोग अब उसे एक बड़े विकल्प के रूप में देख रहे हैं। मगर सपा के लोगों को डर है कि भाजपा विधानसभा चुनाव में कोई ऐसा दाँव न चल जाए, जो उसने ज़िला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनावों में चला था। पहले भी गठबन्धन करके चुनाव लड़ चुके सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दूसरे दलों को संकेत दिया है कि सपा के दरवाज़े गठबन्धन के लिए खुले हैं। लेकिन उन्होंने अपनी इस बात में छोटे दलों की बात कही। इसका मतलब अखिलेश यादव भाजपा को छोडक़र बाक़ी को सपा से अब छोटा दल मानने लगे हैं और भाजपा के ख़िलाफ़ लड़ रहे दलों के साथ-साथ निर्दलीयों को भी गठबन्धन का न्यौता दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कह डाला कि 2022 के चुनाव में कई छोटी पार्टियाँ उनके साथ आएँगी। लेकिन उन्हें अपने इस समय के अनुमानित 18 से 22 फ़ीसदी वोट बैंक को खींचकर 35 फ़ीसदी करना होगा। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर अखिलेश को मुस्लिमों ने वोट दे दिया, तो वह जीत सकते हैं।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%aa%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a5%80-%e0%a4%8f%e0%a4%95%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a7%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%b2/,विपक्षी एकता का धरातल,"देश की सियासत करवटें बदल रही है। जो कभी पराये हुआ करते थे, उनको अपना बनाया जा रहा है। सारे विपक्षी दल एकजुटता दिखाने के प्रयास कर रहे हैं, ताकि केंद्र सरकार को घेरकर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा, ख़ासकर मोदी को हराया जा सके। लेकिन सियासी एकता के सूत्र बनते ही टूटने लगते हैं। देश में मौज़ूदा समय में पेगासस और किसान आन्दोलन जैसे बड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े की अगुवाई में सभी विपक्षी दलों ने एकता दिखायी और भाजपा की जन-विरोधी नीतियों को जनता के बीच लाने के लिए आपसी सहमति से रणनीति भी बनी। लेकिन ऐसा क्या हो गया कि यह एकता चंद घंटे के अन्दर ही टूटी-सी दिखने लगी? जब जंतर-मंतर पर 6 जुलाई को किसानों के आन्दोलन तक कांग्रेस की अगुवाई में राहुल गाँधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों के नेताओं को पहुँचना था, तो वहाँ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से कोई नेता नहीं दिखा। किसानों के समर्थन में राहुल गाँधी की यात्रा और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन में इन तीनों दलों के नेताओं के शामिल न होने पर तरह-तरह के राजनीतिक कयास लगाये जा रहे हैं। यह इसलिए भी, क्योंकि टीएमसी और आप, दोनों पार्टियाँ किसानों के साथ खुलकर खड़ी हैं। बसपा का मानना है आगामी साल में पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। इसलिए पार्टी उत्तर-प्रदेश और पंजाब में चुनाव को देखते हुए अपनी राजनीति के हिसाब से ही फ़ैसला लेगी; न कि कांग्रेस के मुताबिक। पंजाब में बसपा का गठबन्धन अकाली दल से है। अगर वह कांग्रेस के नेतृत्व में जाती है, तो पंजाब की सियासत में बसपा और अकाली दल गठबन्धन पर विपरीत असर पड़ेगा। ऐसे में अगर कांग्रेस को सही मायने में विपक्षी दलों का साथ चाहिए, तो उसे अकाली दल को भी सम्मान देना पड़ेगा। बसपा का यह भी मानना है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब के चुनाव लिहाज़ से बसपा ही एक ऐसी पार्टी है, जो दोनों राज्यों में भाजपा को टक्कर दे सकती है। टीएमसी का कहना है कि सियासत में अपना-पराया बनते देर नहीं लगती है। टीएमसी सूत्रों का कहना है कि कहीं कांग्रेस ममता बनर्जी को रोकने की सियासी चाल तो नहीं चल रही है। वहीं आम आदमी पार्टी का कहना है कि विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खडग़े की अगुवाई में रैली में शामिल होने की बात हुई थी, न कि राहुल गाँधी की अगुवाई में शामिल होने की। इसलिए पार्टी इस रैली से दूर हुई है।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%a8%e0%a4%af%e0%a5%87-%e0%a4%85%e0%a4%b5%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%b2-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%81%e0%a4%a7%e0%a5%80/,नये अवतार में राहुल गाँधी,"हाल के महीनों में विपक्ष में तेज़ी से बढ़ी है कांग्रेस नेता की स्वीकार्यता पेगासस से लेकर कोरोना वायरस और अर्थ-व्यवस्था पर तीखी आवाज़ उठा रहे राहुल गाँधी ने जब अगस्त के शुरू में नेताओं को अपने घर नाश्ते पर बुलाया, तो साफ़ हो गया कि कांग्रेस नेता अब भविष्य की तैयारी के लिया कमर कस चुके हैं। संसद में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने जिस तरह पेगासस पर मोदी सरकार को घेरा है और जैसे तेवर उसने दिखाये हैं, उससे साफ़ कि कांग्रेस संगठन को पटरी पर लाने के साथ-साथ अब विपक्षी एकता की धुरी बनने की कोशिश में जुट गयी है। इसमें कोई दो-राय नहीं कि राहुल गाँधी को इन तमाम विपक्षी दलों के केंद्र में ख़ुद को स्थापित करने के लिए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में ज़्यादा-से-ज़्यादा राज्यों में कांग्रेस को सत्ता में वापस लाना होगा। राष्ट्रीय चुनावों में अपनी कमज़ोर स्थिति की भरपाई कांग्रेस विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करके कर सकती है, जो उसके लिए ज़रूरी भी है। राहुल ने हाल के हफ़्तोंमें कई मौक़ों पर विपक्षी बैठकों का नेतृत्व किया है। उन्हें अपने घर नाश्ते पर बुलाया है और मानसून सत्र विपक्ष की रणनीति को लेकर अहम रोल निभाया है। तो क्या यह माना जाये कि राहुल गाँधी एक नये अवतार में मैदान में आये हैं? उनकी तैयारी और रणनीति में बदलाव तो यही संकेत करते हैं। इसमें कोई दो-राय नहीं है कि देश में कुछ गम्भीर मुद्दे उभरने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति जनता में समर्थन में कमी का अहसास करते ही कांग्रेस सक्रिय हुई है। राहुल गाँधी हाल के महीनों में प्रधानमंत्री मोदी के विरोध के केंद्र में रहे हैं। जनता में एक उनकी पहचान से कोई इन्कार नहीं कर सकता। कांग्रेस अध्यक्ष पद छोडऩे के बाद भी राहुल पार्टी में सर्वोच्च नेता बने हुए हैं, तो इसका कारण उनका पार्टी के बीच एकता की गारंटी होना भी है। ऐसे में यह तो तय ही है कि कांग्रेस की तरफ़ से राहुल गाँधी ही एक नेता के रूप में सामने होंगे। हाल के हफ़्तोंमें उनकी सक्रियता एक अलग स्तर पर दिखने लगी है। उन्होंने विपक्ष के नेताओं को जहाँ अपने यहाँ आमंत्रित किया है, वहीं जम्मू-कश्मीर और कुछ अन्य राज्यों का दौरा भी किया है। राहुल की चुनाव की राजनीति केलिहाज़ से सक्रियता ज़्यादा दिलचस्प है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 ख़त्म किये जाने के मोदी सरकार के फ़ैसले के बाद राहुल गाँधी पहली बार राज्य के दौरे पर गये। वे कई कार्यक्रमों में शामिल हुए, जिनमें कश्मीरी पंडितों के सबसे महत्त्वपूर्ण मंदिर ‘क्षीर भवानी’ में माथा टेकना भी शामिल है। राजनीतिक क्षेत्रों में राहुल के इस दौरे को ख़ासी तरजीह मिली। राहुल का कश्मीर दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब यूटी में परिसीमन निर्धारण की प्रक्रिया जारी है और अगले साल विधानसभा चुनाव करवाये जाने की चर्चा तेज़ है। पिछले क़रीब दो साल में कश्मीर की सियासत में क्या बदलाव आया है, इसे लेकर अभी कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी। तीन महीने हुए ज़िला विकास परिषदों (डीडीसी) के चुनावों के नतीजे ज़ाहिर करते हैं कि कश्मीर में क्षेत्रीय दलों के प्रति लोगों का भरोसा बना हुआ है। ऐसे में राहुल के दौरे के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के अलावा राष्ट्रीय मायने भी हैं। गाँधी ने दौरे में पार्टी की बैठक की, जिसमें प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल, प्रदेश अध्यक्ष जी.ए. मीर, वरिष्ठ नेता रमण भल्ला, एनएसयूआई राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन शामिल रहे। दौरे के दूसरे दिन राहुल गाँधी का कश्मीरी पंडितों के सबसे महत्त्वपूर्ण देवस्थान क्षीर भवानी मंदिर पहुँचना ख़ासी चर्चा में रहा। अनुच्छेद-370 ख़त्म होने के बाद इस मंदिर में माथा टेकने पहुँचने वाले राहुल गाँधी पहले राष्ट्रीय नेता हैं। राहुल श्रीनगर की हज़रतबल दरगाह भी पहुँचे, जिसकी कश्मीरी मुस्लिमों में बहुत ज़्यादा मान्यता है। राहुल ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा- ‘मैं आपके दर्द को समझता हूँ। क्योंकि मैं भी एक कश्मीरी हूँ। कश्मीर की राजनीति में कांग्रेस की हमेशा महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।’ राहुल की नाश्ता कूटनीति विपक्ष को एक जुट करने के लिए राहुल गाँधी ने जब लोकसभा और राज्यसभा के 100 से ज़्यादा सांसदों को नाश्ते पर बुलाया, तो इसकी काफ़ी चर्चा रही। दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में क़रीब 17 राजनीतिक दलों के 155 नेता राहुल की नाश्ता बैठक में जुटे। इसके बाद मानसून सत्र के बाक़ी बचे दिनों की रणनीति भी तय हुई। ज़ाहिर है राहुल की नाश्ता बैठक सफल रही; क्योंकि संसद में इसके बाद उन्हीं मुद्दों पर विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा, जिसका बैठक में फ़ैसला हुआ था। इसके अलावा राहुल गाँधी ने विपक्ष के संसद तक साइकिल मार्च में भी हिस्सा लिया। विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में राहुल गाँधी ने कहा- ‘मेरे विचार से सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि हम इस शक्ति को एक करते हैं। यह आवाज़ (जनता की) जितनी एकजुट होगी, यह आवाज़ उतनी ही शक्तिशाली होगी और भाजपा-आरएसएस के लिए इसे दबाना उतना ही मुश्किल होगा।’ राहुल की ऐसी बैठकों से बसपा को किनारा करते देखा गया है। इसका एक बड़ा कारण उत्तर प्रदेश की राजनीति है, जहाँ कांग्रेस बहुत तेज़ी से अपनी सक्रियता बढ़ा रही है। बसपा को लगता है कि कांग्रेस के साथ रहना उसके लिए घातक हो सकता है। कुछ-कुछ यही बात सपा को लेकर भी कही जा सकती है, जो कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता को लेकर काफ़ी चौकन्नी दिख रही है। हालाँकि सपा अपने प्रतिनिधि विपक्ष की इन बैठकों में भेजती ज़रूर है। राहुल की इस नाश्ता बैठक में शिवसेना, समाजवादी पार्टी, शरद पवार की एनसीपी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, लालू की राजद, समाजवादी पार्टी, माकपा, भाकपा, आरएसपी, आईयूएमएल, केसीएम, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेके), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), बिहार की लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) प्रमुख हैं। ख़ुद को बदल रहे हैं कांग्रेस नेता राहुल गाँधी में बदलाव दिख रहा है। अपनी पार्टी में वृहद् वर्ग का समर्थन हासिल करने वाले राहुल का विपक्षी दलों में स्वीकार्यता हासिल करने का यह प्रयास विपक्ष को भी रास आएगा; क्योंकि राहुल की पिछली निष्क्रियता ही थी, जिसने इन दलों को राहुल से दूर रखा हुआ था। राहुल गाँधी मानसून सत्र में पिछले वर्षों के मुक़ाबले अबकी बार कहीं ज़्यादा सक्रिय भूमिका में दिखे हैं। संसदीय कार्यवाही से पहले विपक्ष की बैठकों का नेतृत्व करना ज़ाहिर करता है कि उनकी स्वीकार्यता का दायरा विपक्ष में वृहद् होता जा रहा है।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%9c%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a5%82-%e0%a4%95%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a5%80%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%96%e0%a5%80%e0%a4%b0-%e0%a4%ad%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80/,जम्मू-कश्मीर के खीर भवानी मंदिर पहुंचे राहुल गांधी,"कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के तुलुमुला गांव स्थित, प्रसिद्ध खीर भवानी मंदिर में पूजा करने पहुंचे। राहुल गांधी कश्मीर में अपने दो दिवसीय दौरे पर हैं। साथ ही श्रीनगर में तैयार किया गया नया कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय का भी उद्घाटन करेंगे। अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर के सभी हिस्सों से कांग्रेस नेताओं व अन्य लोगों से भी मुलाकात कर रहें हैं। मंदिर परिसर में राहुल गांधी का स्वागत करने पार्टी के अन्य नेता व समर्थक भी वहां मौजूद रहे। पार्टी के एक नेता ने बताया कि, राहुल गांधी पार्टी के महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल के साथ राग्या देवी मंदिर गए थे। और यह एक निजी यात्रा है। मंदिर में पूजा अर्चना के बाद राहुल गांधी डल झील के किनारे स्थित दरगाह हजरत बल का भी दौरा करेंगे। आपको बता दे, सोमवार की शाम यहां एक होटल में कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर के बेटे की शादी के रिसेप्शन में भी वे शामिल हुए थे।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%9c%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%ae-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%8b/,"जंतर-मंतर पर मुस्लिम विरोधी नारे लगाए गए, ओवैसी ने संसद में...","दिल्‍ली के जंतर-मंतर में ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ के दौरान सोमवार को मुस्लिम विरोधी नारे लगाए गए और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील और भाजपा से जुड़े अश्विनी उपाध्‍याय द्वारा यह मार्च पुरातन समय से चले आ रहे कानूनों को हटाने की मांग को लेकर आयोजित किया गया था। जंतर-मंतर पर आयोजित इस प्रदर्शन में कुछ असामाजिक तत्व भी शामिल थे, जिन्होंने सांप्रदायिक नारे लए। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मुस्लिमों को ‘राम-राम’ कहने को लेकर धमकी दी जा रही हैं। जिसमें कहा गया है ‘हिंदुस्‍तान में रहना होगा, जय श्रीराम कहना होगा’। पुलिस का कहना है कि इस तरह के मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी गई थी, यानी यह बिना इजाज़त निकाला गया। संसद में इस मामले को एआईएमआईएम के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया। उन्‍होंने लोकसभा मे कहा कि मुस्लिमों के खिलाफ ‘नरसंहार’ के नारे लगाए गए और इसमें भाग लेने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। हैदराबाद से सांसद ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे नारे जंतर मंतर पर लगाए गए जो प्रधानमंत्री निवास से महज 20 मिनट की दूरी पर है। संसद से भी महज चंद कदमों का फासला है। बवाल मचने के बाद दिल्‍ली पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और वीडियो में दिखाए गए लोगों को पहचानने की कोशिश की जा रही है। ये प्रदर्शन पुरातन समय से चले आ रहे कानूनों को हटाकर एक समान कानून बनाने की मांग को लेकर आयोजित किया गया था।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%b2%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%98%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%be-%e0%a4%b9%e0%a5%88-%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%b6%e0%a4%b2-%e0%a4%ae%e0%a5%80%e0%a4%a1%e0%a4%bf/,"बेलगाम घोड़ा है सोशल मीडिया, इसका कोई माई-बाप नहीं: योगी आदित्यनाथ","उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के तेजतर्रार नेता योगी आदित्यनाथ अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को पार्टी की आईटी सेल के लोगों से बातचीत के दौरान कहा कि सोशल मीडिया एक बेलगाम घोड़ा है, ऐसे में इसपर भी लड़ाई लड़ने के लिए सभी को तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता अगर सतर्क नहीं रहेंगे तो प्रेस के लोग उन्हें मीडिया ट्रोल्स का शिकार बना सकते हैं। लखनऊ में आयोजित सोशल मीडिया वर्कशॉप में योगी आदित्यनाथ ने भाजपा आईटी सेल के कार्यकर्ताओं और अधिकारियों से ये बातें कहीं। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक, योगी ने आईटी सेल के लोगों से कहा कि टीवी चैनलों और अखबारों को चलाने वाले लोग औद्योगिक घराने से आते हैं, लेकिन सोशल मीडिया का कोई माई-बाप नहीं है। टीवी और अखबारों की चीजों पर नियंत्रण करने वाले लोग मौजूद हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसी व्यवस्था नहीं है। मुख्यमंत्री ने आईटी सेल के कार्यकर्ताओं से कहा कि सोशल मीडिया पर जवाब देने के लिए तैयार हो जाइए और किसी मुहूर्त का इंतजार मत कीजिए। योगी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को सतर्क करते हुए कहा कि हाल ही में यूपी की घटनाओं को लेकर दुनिया के कई देशों में मीडिया ट्रायल्स किए गए हैं और इन घटनाओं में वो लोग भी शामिल थे, जिनका यूपी से कोई दूर-दूर तक रिश्ता नहीं था। वहीं, इजरायल की निजी कंपनी पेगासस जासूसी के मामले पर सीएम योगी ने आईटी सेल के लोगों को कहा कि इसे काउंटर करने की दिशा में तत्काल कदम उठाने चाहिए। 1 2 Single Page TAGS CM Yogi Adityanath Social Media Previous article पोर्नोग्राफी मामले में राज कुंद्रा द्वारा दायर तत्काल रिहाई याचिका हुई खारिज Next article तालिबान के बढ़ते वर्चस्व को देख अमेरिका ने लड़ाकू विमानों से बम बरसाए तहलका ब्यूरो",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%b8%e0%a4%a6-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%94%e0%a4%b0/,संसद के बाहर कांग्रेसी और अकाली नेताओं में जुबानी जंग,"संसद के भीतर और बाहर नए कृषि कानूनों को लेकर पहले से ही हंगामा मचा हुआ है। बुधवार को इसका असर संसद के बाहर सांसदों के बीच भी देखने को मिला। इस मामले पर कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और शिरोमणि अकाली दल सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के बीच जुबानी जंग हुई। प्लेकार्ड्स लेकर संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहीं बादल और अकाली सांसद से बिट्टू ने कहा कि आपका यह प्रदर्शन नकली है। रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि जिस समय सरकार कृषि कानून संसद में पास करा रही थी, उस वक्‍त शिरोमणि अकाली दल सरकार के साथ थी। उसके किसी भी नेता ने केंद्र सरकार के बिल पर ऐतराज नहीं जताया। संसद में जब बिल पास हो गया और कानून भी बना दिया गया तब जाकर अकाली दल को लगा कि उसे किसान हितैषी बनना चाहिए। जब किसानों ने अकाली नेताओं के घर घेर लिए और बाहर निकलना दूभर कर दिया तब जाकर उन्होंने सत्ता से खुद को अलग करने का ऐलान किया। ये लोग रोज ड्रामा करते हैं, जबकि इन लोगों के कैबिनेट में रहते हुए बिल पास हुआ। इस पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पलटवार कर कहा कि जब बिल संसद में पास हो रहा था तो कांग्रेस ने बिल के समय वॉकआउट क्‍यों किया था? जब संसद में बिल पास हो रहा था, उस समय राहुल गांधी कहां पर थे? उस समय वो किसानों की आवाज बनकर संसद में क्‍यों नहीं आए। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि राहुल और सोनिया गांधी ने विधेयक के विरोध में संसद में अपनी बात क्‍यों नहीं रखी।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%b2%e0%a4%9f/,दुविधा में पायलट,"राजनीतिक कलह की आग में जब भी शोले भड़कते हैं, तो शिकवा-शिकायतों की चिंगारियाँ उड़े बिना नहीं रहतीं। पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर भारी भीड़ जुटाकर चुपके से अपना दर्द साझा करते हुए सचिन पायलट ने अपना दावा फिर दोहरा दिया कि पार्टी के लिए अपना सब कुछ झोंकने के बावजूद मुझे क्या मिला? जब उन्होंने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तभी अंदेशों के बादल उठने लगे थे कि मुख्यमंत्री न बन पाने की ख़लिश उन्हें बेचैन किये रहेगी। कुछ हफ़्तों बाद ही उनके और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच तनाव की ख़बरें रिसने लगीं।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%85%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9b%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%a4-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%96-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%85/,"‘अच्छे दिन’ बहुत देख लिए, अब‘सच्चे दिन’ देखना चाहते हैं :...","पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को विपक्षी नेताओं से मुलाकात की। इसस पहले मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा फोन पहले ही टैप किया जा चुका है। अगर अभिषेक बनर्जी का फोन टैप हो रहा है और मैं उनसे बात करती हूं तो अपने आप ही मेरा फोन भी टैप हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पेगासस ने सभी की जान को खतरे में डाल दिया है। बनर्जी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हमने ‘अच्छे दिन’ बहुत देख लिए, अब हम ‘सच्चे दिन’ देखना चाहते हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि जीडीपी का मतलब अब गैस-डीजल-पेट्रोल हो गया है। सरकार जनता की जेब से पैसा ले रही है, लेकिन इसके पास कोरोना वायरस के टीके उपलब्ध कराने के लिए पैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि अब पूरे देश में खेला होगा। यह एक हमेशा चलती रहने वाली प्रक्रिया है…जब 2024 का आम चुनाव मोदी बनाम देश होगा।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%8b-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%b0%e0%a5%87/,भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर सीएम...,"कर्नाटक में भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर मुख्यमंत्री बीएस येद्दियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया है। अब भाजपा आलाकमान अगले चेहरे का ऐलान करने के लिए संसद भवन में मंथन कर रहा है। इस अहम बैठक भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद हैं। शाम तक नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो सकता है। येद्दियुरप्पा ने सोमवार को राजभवन पहुंच कर राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, बीएल संतोष, लक्ष्मण सवदी और मुरुगेश निरानी का नाम आगे चल रहा है। भाजपा जल्द ही कर्नाटक में पर्यवेक्षण भेजेगी। नए मुख्यमंत्री के शपथ लेने तक येद्दियुरप्पा कार्यवाहक सीएम बने रहेंगे।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a5%82-65-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a5%89%e0%a4%9f-%e0%a4%86%e0%a4%89%e0%a4%9f-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%87%e0%a4%a8-15/,"सिद्धू 65 पर नॉट आउट, कैप्टेन 15 पर अब ‘रनर’ की...","मुट्ठी से रेत की तरह विधायक कैप्टेन अमरिंदर सिंह के पाले से फिसल गए। दो हफ्ते पहले तक सर्वशक्तिमान कैप्टेन कांग्रेस आलाकमान के एक ही फैसले से चित दिख रहे हैं। उन्होंने अपनी यह हालत खुद कर ली है। अमृतसर में पंजाब के नए अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ आज (बुधवार) के ‘शक्तिप्रदर्शन’ में 65 विधायक रहे। कुल मिलाकर 80 विधायकों में से सिर्फ 15 आज की तारीख में कैप्टेन के साथ खड़े हैं, लेकिन पंजाब में सांझ ढलने जैसी स्थिति में पहुँच चुकी कैप्टेन की राजनीति में कल का सूरज उगने तक इनमें से कितने और उनके साथ रहेंगे, कहना कठिन है। स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने पहुंचे सिद्धू पंजाब जैसे मुश्किल राज्य में इतनी जल्दी और इतने बड़े स्तर पर कांग्रेस विधायकों का समर्थन जीत लेंगे, इसकी उम्मीद कैप्टेन तो कैप्टेन, खुद सिद्धू समर्थकों को भी शायद नहीं रही होगी। माहौल साफ़ बता रहा है कि सिद्धू समझदारी से खेले और कम बोले तो कांग्रेस ही नहीं पंजाब की राजनीति में वे आने वाले सालों में एक बड़े नेता के रूप में उभर जाएंगे। कांग्रेस आलाकमान के पीछे खड़े होने की ताकत ने सिद्धू को रातों-रात कैप्टेन को टक्कर दे सकने वाला नेता बना दिया है। पंजाब की सड़कों पर सिद्धू के होर्डिंग बताते हैं कि कांग्रेस में एक नए नेता का उदय हो गया है और कांग्रेस के बड़े वर्ग ने उन्हें स्वीकार कर लिया है। सिद्धू के पीछे विधायकों की लम्बी कतार बता रही है कि कांग्रेस आलाकमान चाहे तो राज्यों में उसके इशारे के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता। पंजाब के बहाने कांग्रेस की आलाकमान अपनी ताकत के साथ सामने आई है, जो हाल के सालों में कमजोर दिख रही थी। अब अन्य राज्यों में भी इसका असर दिखेगा और जो वेवजह आँखें दिखाने की कोशिश करेगा, उसका हाल ‘सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेवार है’ जैसा हो जाएगा। सिद्धू की तैयारी अब कांग्रेस आलाकमान के 18 सूत्रीय ‘पंजाब मॉडल’ को ताकत देने की है ताकि सभी पंजाबियों को सूबे के विकास में साझीदार बनाया जा सके। कैप्टेन को अब जाकर एहसास हो रहा है कि खुद पर ज़रुरत से ज्यादा भरोसा करके उन्होंने जिस तरह कांग्रेस आलाकमान को हलके में लेने की भूल की, उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। आलाकमान के नियुक्त किये सिद्धू ने एक हफ्ते में ही कैप्टेन को पानी पिलाने जैसे हालत में पहुंचा दिया। विधायकों की शक्ति के बिना कैप्टेन शून्य हैं और अब अलगे कुछ दिनों में उन्हें आलाकमान की मर्जी से अपने मंत्रिमंडल का भी विस्तार करना पड़ सकता है। अध्यक्ष बनने के बाद आज नवजोत सिंह सिद्धू के आवास पर पंजाब कांग्रेस के 62 विधायक जुटे। सिद्धू के साथियों के दावे के मुताबिक सिद्धू के साथ जुटने वाले हैं। इसके बाद सिद्धू श्री स्वर्ण मंदिर साहिब में माथा टेकने पहुंचे। दुर्गियाना मंदिर और राम तीरथ स्थल भी सिद्धू गए हैं। साफ़ है अमृतसर जैसे पंजाब के सबसे मजबूत राजनीतिक केंद्र अपने शक्ति प्रदर्शन के लिए चुनकर सिद्धू ने कैप्टेन को सन्देश दे दिया है। राजा वडिंग, राज कुमार वेरका, इंदरबीर बोलारिया, बरिंदर ढिल्लों, मदन लाल जलालपुर, हरमिंदर गिल, हरजोत कमल, हरमिंदर जस्सी, जोगिंदर पाल, परगट सिंह और सुखजिंदर रंधावा जैसे बड़े विधायक सिद्धू के साथ जा खड़े हुए हैं। परगट तो खैर पहले से ही सिद्धू के साथ हैं। कांग्रेस में अब यह आरोप लगाया जा रहा है कि मंगलवार को सिद्धू के सामने किसानों का जो प्रदर्शन हुआ था, उसके पीछे कथित तौर पर कैप्टेन के ही लोग थे। कैप्टेन जिस तरह सिद्धू से ‘माफी मंगवाने’ पर अड़े हैं, उससे खुद कैप्टेन जैसे अनुभवी नेता की छवि को ही बट्टा लग रहा है। माफी मांगने के सवाल पर विधायक और पूर्व हॉकी दिग्गज परगट सिंह ने कहा – ‘प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू को सीएम से माफी क्यों मांगनी चाहिए ? माफी मांगना कोई सार्वजनिक मुद्दा नहीं है। ऐसे कई मुद्दे हैं जिनका समाधान सीएम ने नहीं किया है, लिहाज माफी तो जनता से उन्हें मांगनी चाहिए’।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%96%e0%a4%ab%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%a3%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95/,"मायावती ‘खफा’ ब्राह्मणों को साधेंगी, बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन का अयोध्या...","उत्तर प्रदेश में मिशन-2022 के लिए जोर आजमाइश चालू हो चुकी है। सभी प्रमुख दल अपने-अपने पत्ते खोलने लगे हैं। पिछले दिनों जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी पहुंचे तो उसके अगले दिन ही प्रियंका गांधी वाड्रा भी यूपी में डेरा डाले हुए हैं। इसके अलावा अखिलेश यादव भी जल्द इसका आगाज करने वाले हैं। इस बीच, सबसे पीछे माने जाने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा कार्ड खेला है। उन्होंने ककहा कि ब्राह्मण और बनिया समुदाय भाजपा सरकार से दुखी और नाराज है। दलित-ब्राह्मण गठजोड़ के लिए वे राजय के 18 मंडलों में ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन करेंगी। इसकी शुरुआत अयोध्या से की जाएगी। मायावती ने रविवार को इसका ऐलान किया। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि 23 जुलाई से प्रदेश के 18 मंडलों में बसपा की तरफ से ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। मायावती ने कहा कि जनता, देश और प्रदेश के बहुत से मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार से जवाबदेही चाहती है। जिन पर सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट और गंभीर होकर सरकार को कटघरे में खड़ा करना चाहिए। जनता भी यही चाहती है। यह समय की भी मांग है। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसान लंबे समय से दिल्ली की सीमाओं के साथ ही देश के कई अन्य हिस्सों में धरना दे रहे हैं। मगर केंद्र सरकार का रुख पूरी तरह उदासीन है। यह दुखद है। मानसून सत्र में इस संवेदनशील मुद्दे पर संसद में हर प्रकार का दबाव बनाना जरूरी है। ईंधन के दामों में इजाफे के साथ ही बढ़ती महंगाई पर मायावती ने कहा, ‘केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। आर्थिक संकट पैदा हो चुका है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस आदि की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। महंगाई आसमान छूने लगी है। केंद्र सरकार की लापरवाही से जनता बुरी तरह त्रस्त है।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%b0-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%97%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a5%8b/,"मुनव्वर राना बोले, योगी दोबारा मुख्यमंत्री बने तो यूपी छोड़ दूंगा","मशहूर शायर मुनव्वर राना ने कहा कि अगर असदुद्दीन ओवैसी की वजह से उत्तर प्रदेश में भाजपा जीती और योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बने तो वे यूपी छोड़कर कोलकाता लौट जाएंगे। मुनव्वर राना का कहना है कि चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में मुसलमानों का वोट बंट जाता है। उन्होंने कहा कि ओवैसी यूपी आकर यहां के मुसलमानों को बरगला रहे हैं। वह मुसलमानों के वोट बैंक को बांटकर एक तरह से भाजपा की मदद कर रहे हैं। ऐसे में यदि ओवैसी की मदद से प्रदेश में भाजपा जीती और योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बन गए तो वह प्रदेश छोड़ देंगे। भाजपा ने मुनव्वर राना के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि 2022 के चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे इसलिए उन्हें किसी दूसरे राज्य में घर ढूंढ़ लेना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि मुनव्वर राना को इस देश व प्रदेश ने भरपूर सम्मान दिया है और अब वह सियासी बयानबाजी कर रहे हैं। मुनव्वर राना पिछले दिनों से योगी सरकार से काफी खफा हैं। दरअसल, जमीन विवाद को लेकर उनके परिवार में मामला चल रहा है। इसी को लेकर उनके बेटे पर अपने ऊपर फायरिंग का इलजाम यूपी पुलिस ने लगाया। इसकी तलाश में यूपी पुलिस ने देर रात दो बजे मुनव्वर राना के घर में दबिश देकर उनके और परिजनों के साथ बदसलूकी की थी। बता दें कि उनकी बेटी समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता हैं। इससे पहले मुनव्वर राना ने हाल ही में कहा था कि एटीएस द्वारा राजधानी में कथित आतंकियों की गिरफ्तारी चुनाव जीतने के लिए की जा रही हैं। भाजपा सरकार का एक ही काम है कि किसी भी तरीके से मुसलमानों को परेशान करो। चाहे वो धर्मांतरण कानून व जनसंख्या नियंत्रण कानून का मामला हो या फिर आतंकवाद के नाम पर गिरफ्तारी हो।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b9%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a3%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%a6%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%b5-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a5%80/,हरियाणा में दबाव की राजनीति का पैंतरा,"हरियाणा में इन दिनों राजनीतिक सरगर्मियाँ कुछ ज़्यादा ही बढ़ी हुई हैं। किसान आन्दोलन से भाजपा-जजपा सरकार पस्त है। मंत्री और सत्ता पक्ष के विधायक सहमे हुए हैं। गाँवों में उनके बहिष्कार के बोर्ड लगे हुए हैं। सरकारी कार्यक्रम तक नहीं हो पा रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला तक अपने विधानसभा हलक़ों में जाने से डर रहे हैं। विपक्ष को किसान आन्दोलन पूरी तरह से रास आ रहा है। वे चाहते हैं कि आन्दोलन लम्बा खिंचे। ज़ाहिर है आन्दोलन जितना चलेगा, वह उतना ही वह सत्तापक्ष के लिए नुक़सानदेह होगा। कांग्रेस को तो ऐसे में सत्ता की काफ़ी उम्मीद होने लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल सुप्रीमो (इनेलो) प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला सज़ा पूरी करने के बाद जेल से रिहा चुके हैं। उम्र के इस पड़ाव में वह प्रदेश की राजनीति में नये समीकरण बनाने की बातें कह रहे हैं। सत्ता की उम्मीद में अब कांग्रेस में पार्टी का प्रमुख चेहरा बनने की नयी क़वायद शुरू हो गयी है। पार्टी में दबाव की राजनीति का चलन काफ़ी पुराना है। राजनीतिक दलों में इसे तुरुप माना जाता है, जिसके चलते न चाहते हुए भी बहुत बार बड़े उलटफेर होते रहे हैं। इन दिनों हरियाणा कांग्रेस में इसकी शुरुआत हो गयी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेद्र सिंह हुड्डा अब पार्टी के अब ख़ूद को पार्टी के प्रमुख चेहरे के तौर पर आगे लाने के इच्छुक हैं। वह विपक्ष के नेता के अलावा जनाधार वाले माने जाते हैं। अगर कोई अदालती फ़ैसला उनके ख़िलाफ़ नहीं आता है, तो आगामी विधानसभा चुनाव वही पार्टी के प्रमुख चेहरे के तौर पर होंगे। 31 में से 24 विधायक उनके समर्थक हैं। विधायकों पर उनकी पकड़ है; लेकिन पार्टी संगठन में नहीं। लिहाज़ा वह इसमें बदलाव चाहते हैं; लेकिन यह इतना आसान नहीं। क्योंकि मौज़ूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा की पहुँच सीधे नेतृत्व तक है। वह सोनिया गाँधी की भरोसेमंद हैं और उन्हें अशोक तँवर की तरह आसानी से हटाना मुमकिन नहीं। तँवर के साथ तो उनका 36 का आँकड़ा हो गया था, कई बार दोनों के समर्थकों में मारपीट जैसी स्थिति बन चुकी है। आख़िरकार हुड्डा ने दबाव की राजनीति अपनायी और तँवर को पद छोडऩा पड़ा। बाद में उन्होंने पार्टी ही छोड़ दी। तबसे वह राज्य की राजनीति से ओझल हो गये हैं। तँवर की जगह हुड्डा की पसन्द पर ही शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। अब वही हुड्डा और उनके समर्थकों को अखर रही हैं। हुड्डा उनकी जगह अपने कट्टर समर्थक को कुर्सी पर लाना चाहते हैं, ताकि संगठन पर उनकी पूरी तरह से पकड़ हो जाए; जैसा कि पहले भी वह कर चुके हैं। लेकिन शैलजा के रहते ऐसा सम्भव नहीं है। विधानसभा चुनाव से पहले हुड्डा अपने को और ज़्यादा मज़बूत करने में लगे हुए हैं; लेकिन उनके लिए स्थितियाँ ज़्यादा अनुकूल नहीं हैं। उनके ख़िलाफ़ कई मामले अदालतों में लम्बित हैं। बावजूद इसके वह और उनके समर्थक डटे हुए हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से उनके दो दर्ज़न विधायक मिलकर सारी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। बता चुके हैं कि प्रदेश में पार्टी संगठन बहुत कमज़ोर है। ज़िला स्तर पर पार्टी की समितियाँ तक गठित नहीं हो रही हैं। कमज़ोर हुए संगठन को मज़बूत करने की ज़रूरत है और इसके लिए मौज़ूदा संगठन में आमूलचूल बदलाव करने की ज़रूरत है। वेणुगोपाल ने हुड्डा समर्थकों के पक्ष को सुना है। इसके बाद वह सारी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व के पास रखेंगे। संगठन में बदलाव ज़रूरी है या नहीं, प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की ज़रूरत है या नहीं? इसका फ़ैसला सोनिया गाँधी को करना है। कुमारी शैलजा ने भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर अपना पक्ष रखा है। अपने कार्यकाल के दौरान शैलजा ने संगठन में कोई ऐसा बड़ा बदलाव नहीं किया, जो हुड्डा या अन्य किसी वरिष्ठ नेता की नाराज़गी का कारण बने। वह सभी गुटों को साथ लेकर चलने में भरोसा रखती हैं; लेकिन वह संगठन की मज़बूती के लिए ज़्यादा कुछ नहीं कर पायी हैं। हुड्डा ज़िला, ब्लॉक और राज्य स्तर पर संगठन में बड़ा बदलाव चाहते हैं। अहम पदों पर अपने समर्थकों को बैठाना चाहते हैं। जब उनके समर्थक उन पर दबाव बनाने का प्रयास करते हैं, तो उनके लिए बदलाव ही एक रास्ता नज़र आता है। प्रदेश कांग्रेस में कई गुट है; लेकिन कोई ऐसा मज़बूत नहीं, जो हुड्डा को चुनौती दे सके। विगत वर्षों में ऐसे कई प्रयास हुए; लेकिन हुड्डा से पार नहीं पा सके। क्योंकि वह दबाव की राजनीति करना बख़ूबी जानते हैं। पार्टी से असन्तुष्ट जी-23 के वरिष्ठ नेताओं में हुड्डा भी शामिल हैं। पार्टी नेतृत्व को बख़ूबी पता है कि हरियाणा में हुड्डा का फ़िलहाल कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में उनकी नाराज़गी पार्टी हित में नहीं होगी। पंजाब में पार्टी नेता खुलेआम मुख्यमंत्री के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर रहे हैं, सरकार की आलोचना कर रहे हैं। अनुशासनहीनता भी हो रही है। बावजूद इसके अभी तक किसी भी नेता पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। नेतृत्व फूँक-फूँककर क़दम रख रहा है कि कहीं कोई कार्रवाई पार्टी हित के ख़िलाफ़ न चली जाए। कांग्रेस में केंद्रीय नेतृत्व का मतलब गाँधी परिवार ही है; लेकिन वहाँ भी तीन पक्ष- सोनिया, राहुल और प्रियंका खड़े नज़र आते हैं। किसी गुट को राहुल का समर्थन है, तो किसी को प्रियंका का और किसी को सोनिया का आशीर्वाद है। हरियाणा भी गुटबाज़ी से अछूता नहीं है। लेकिन फ़िलहाल स्थितियाँ अनुकूल नहीं; लिहाज़ा कोई गुट सामने नहीं आ रहा। शैलजा के बदलाव के प्रयासों पर कुछ दलित नेताओं की नाराज़गी है, जिसे वह समय आने पर प्रकट कर सकते हैं। उनकी राय में हुड्डा और उनके समर्थक नहीं चाहते कि कोई दलित नेता या नेत्री प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहे। इसके जवाब में हुड्डा समर्थक विधायकों का कहना है कि प्रदेश में पार्टी संगठन बहुत कमज़ोर है। जब तक संगठन मज़बूत नहीं होगा, पार्टी की सत्ता में वापसी मुश्किल है। लिहाज़ा पहले इसे ठीक करना होगा। शैलजा ने अपने कार्यकाल के दौरान संगठन के लिए कुछ भी नहीं किया है; जबकि बहुत कुछ करने की ज़रूरत है। जो काम उन्हें कुर्सी सँभालने के बाद शुरू कर देने चाहिए थे, वो अब तक नहीं कर पायी हैं। प्रदेश में और कई दलित नेता या नेत्री हो सकते हैं, जो उनसे (शैलजा) से बेहतर नतीजे दे सकते हैं। उन्हें क्यों मौक़ा नहीं मिलना चाहिए? हुड्डा समर्थक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आर.एस. कादियान कहते हैं कि हम लोगों ने अपना पक्ष के.सी. वेणुगोपाल और हरियाणा के पार्टी प्रभारी विवेक बंसल के सामने रख चुके हैं। यह सब कुछ पार्टी हित में किया जा रहा है; किसी विशेष के ख़िलाफ़ कोई काम नहीं हो रहा है। किसी तरह की कोई अनुशासनहीनता नहीं हो रही है। संगठन की मज़बूती के लिए कुछ भी करना पड़े, इसमें क्या दिक़्क़त है? हुड्डा समर्थकों की राय में- ‘प्रदेश कांग्रेस में कोई गुटबाज़ी नहीं है। पार्टी एक है और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। पिछले विधानसभा चुनाव में जिस तरह से हुड्डा के नेतृत्व में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। अब तो स्थितियाँ हमारे अनुकूल होती जा रही हैं। पार्टी सत्ता में वापसी करेगी और इसके लिए सबसे पहले संगठन को मज़बूत बनाना होगा और कोशिश उसी के लिए हो रही है। कोई भी विधायक या पार्टी का नेता पार्टी मंच के बाहर बयानबाज़ी नहीं कर रहा है।’ हुड्डा की राह में रोड़े समर्थक हुड्डा को विस चुनाव में पार्टी के भावी मुख्यमंत्री के तौर पर आगे देखना चाहते हैं; पर डगर इतनी आसान तो नहीं है। हुड्डा पर गाँधी परिवार को आर्थिक तौर पर बहुत फ़ायदा पहुँचाने के आरोप है। एक दौर में वह गाँधी परिवार के क़रीबी लोगों में थे; लेकिन अब वह बात नहीं है। उनके ख़िलाफ़ कई मामले हैं, जिनमें प्रमुख तौर पर दो में तो कार्रवाई काफ़ी आगे तक पहुँच चुकी है। सर्वोच्च न्यायालय ने एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (नेशनल हेराल्ड) से जुड़ मामले की जाँच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री रहते भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उक्त कम्पनी को पंचकूला के सेक्टर-6 में सी-17 प्लॉट कोडिय़ों के भाव दे दिया था। उस समय प्लॉट का बाज़ार भाव 64 करोड़ 93 लाख रुपये आँका गया था; लेकिन कम्पनी को यह मात्र 59 लाख 39 हज़ार में दे दिया गया था। सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद जल्द ही सीबीआई जाँच शुरू कर देगी; जो हुड्डा के गले की फाँस बन सकती है। इसके अलावा गुडग़ाँव ज़िले के मानेसर में 1500 करोड़ के भूमि घोटाले का मामला है। आरोप है कि बिल्डर्स और कॉलोनाइजर को फ़ायदा पहुँचाने के लिए किस तरह से नियमों में बदलाव किये गये। इसके अलावा रोहतक में हुए भूमि घोटाले का मामला भी है। मुख्यमंत्री रहते हुड्डा के कार्यकाल के दौरान सन् 2002 में रोहतक के विकास के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने 850 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया। अप्रैल, 2003 में सरकार ने 441 एकड़ भूमि ही ली; बाक़ी 409 एकड़ भूमि विकास कार्यों के लिए निजी बिल्डरों और कॉलोनाइजर को सौंप दी। सन् 2013 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और सन् 2016 में सर्वोच्च न्यायालय ने भूमि अधिग्रहण के फ़ैसले को ग़लत ठहराते हुए कुछ अ$फसरों पर टिप्पणी की थी। मार्च, 2018 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मामले की जाँच सीबीआई से कराना चाहती थी; लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सन् 2017 में इस मामले की जाँच सेवानिवृत्त आईएएस राजन गुप्ता ने की। पूरी जाँच के बाद रिपोर्ट में उन्होंने किसी पर इस मामले में ज़िम्मेदारी तय नहीं की। हुड्डा इन तीनों ही मामलों में हैं; लिहाज़ा उनके लिए राजनीति की डगर काफ़ी मुश्किल भरी है। बावजूद इसके वह हरियाणा में पार्टी के लिए जनाधार वाले नेता हैं। परदे के पीछे अपने को प्रमुख चेहरे के तौर पर उभारने के प्रयास में लगे हुड्डा पूरी स्थिति समझते हैं। क़ानूनी मुश्किलों का उन्हें भी पता है; लेकिन जब तक कोई फ़ैसला आता नहीं, वह अपने को निश्चिंत ही मानकर चल रहे हैं।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%88%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%b2%e0%a4%97%e0%a4%be/,क्या भाजपा की नैया पार लगा पाएँगे धामी?,"उत्तराखण्ड में धामी के मुख्यमंत्री बनने से वरिष्ठ विधायकों में नाराज़गी उत्तराखण्ड में तीरथ सिंह रावत से अचानक इस्तीफ़ा लेने को भाजपा आलाकमान ने भले उपचुनाव न हो सकने से उपजा संवैधानिक कारण बताया हो, लेकिन यह सच नहीं है। इस पहाड़ी राज्य में भाजपा की वर्तमान स्थिति की असली कहानी तीरथ को हटाने के पीछे ही छिपी है। यह संवैधानिक संकट से ज़्यादा तीरथ के उपचुनाव में हार जाने के ख़तरे का नतीजा था। भाजपा के अपने सर्वे से ज़ाहिर हो रहा था कि तीरथ चुनाव हार जाएँगे। भाजपा को लगा कि देश में इसका बहुत ख़राब सन्देश जाएगा कि उसका मुख्यमंत्री ही उपचुनाव में हार गया। लिहाज़ा उसने तीरथ का ही पत्ता साफ़ कर दिया। युवा पुष्कर सिंह धामी को अब बेशक भाजपा ने मुख्यमंत्री बना दिया है, लेकिन अगले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की मुश्किलें आसानी से ख़त्म होने वाली नहीं हैं। पार्टी के भीतर वरिष्ठ विधायक धामी की ताजपोशी से ख़फ़ा हैं और अगले चुनाव से पहले यदि धामी पार्टी को बेहतर स्थिति में नहीं ला पाये, तो इनमें से कई पाला बदलने में देर नहीं करेंगे। धामी को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने यह सन्देश देने की कोशिश की है कि युवा नेता को अवसर दिया गया है। लेकिन पार्टी के भीतर इससे नाराज़गी है। भले परदे के सामने अब सब कुछ शान्त दिखता हो, भीतर सुगबुगाहट है। धामी और मंत्रियों की शपथ के बाद वरिष्ठ मंत्री सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत जिस तेवर के साथ वहाँ से गये, उससे भविष्य का संकेत मिलता है। यह दोनों पहले कांग्रेस में रह चुके हैं। शपथ के बाद यह दोनों बिना किसी पार्टी नेता, समर्थक या अन्य से बात किये वहाँ से निकल गये थे। भीतर का यह आक्रोश थोड़ी-सी चिंगारी से ही लपटों में बदल सकता है। भाजपा आलाकमान के आंतरिक सर्वे में उत्तराखण्ड में उसकी जैसी स्थिति आयी है, उससे वह चिन्तित है। यही कारण है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के हाल के विस्तार में उत्तराखण्ड से अजय भट्ट को मंत्री बना दिया गया है। भाजपा भट्ट को भविष्य के नेता के रूप में उभारना चाहती है। भट्ट पहली बार सांसद बने हैं; लेकिन उन्होंने उत्तराखण्ड में मंत्री के रूप में कई मंत्रालयों में काम किया है। अभी 60 साल के हैं; लिहाज़ा उनके लिए पार्टी में सम्भावनाएँ हैं। धामी की अगले कुछ महीनों की राह आसान नहीं है। वह भी जानते हैं कि उनके सर पर काँटों का ताज रखा गया है। वर्तमान कार्यकाल में ही भाजपा ने उनके रूप में तीसरा मुख्यमंत्री बनाया है। युवा नेता के प्रदेश की कमान सँभालने से प्रदेश के लोगों की उम्मीदें भी बहुत हैं। हाल के महीनों में कोरोना वायरस ने इस पहाड़ी सूबे में विकास, शिक्षा, उद्योग और पर्यटन के साथ-साथ रोज़गार को भी चौपट कर दिया है। सिर्फ़ सात महीने में प्रदेश को इस संकट से बाहर निकालने की मुश्किल चुनौती धामी के सामने है। उनकी सबसे बड़ी दिक़्कत प्रशासनिक अनुभव की कमी है। मुख्यमंत्री बनने से पहले वह कभी मंत्री तक नहीं रहे हैं। भले उनके मंत्रिमंडल सहयोगी तजुर्बेकार हैं, पर उनका कितना सहयोग मिलेगा? यह सबसे बड़ा सवाल है। बहुत जल्दी-जल्दी मुख्यमंत्री बदलने से भाजपा को नुक़सान हुआ है। क्योंकि जिन इलाक़ों के मुख्यमंत्री पहले बनाये और फिर हटा दिये; वहाँ लोग पार्टी से नाराज़ हुए हैं। चार महीने पहले ही तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री हुए थे। वह सांसद हैं और उनके मन में भी खटास रह गयी। ऊपर से केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में भी उन्हें जगह नहीं मिली। भाजपा का ‘संवैधानिक विवशता’ का बहाना किसी के गले नहीं उतरा है। विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को राज्य में पटरी पर लाने के लिए धामी को सिर्फ़ सात महीने ही मिले हैं। ऊपर से तुर्रा यह कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की भाजपा आलाकमान की घोषणा के बाद पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अपनी नाराज़गी सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की। यह माना जाता है कि सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, बिशन सिंह चुफाल जैसे वरिष्ठ नेता नाराज़ हैं। उनकी नाराज़गी को देखते हुए अमित शाह को दो नेताओं से फोन पर बात करनी पड़ी। धामी इसके बाद सबको साथ लेकर चलने की बात कह चुके हैं। यह माना जाता है कि प्रदेश भाजपा की गुटीय राजनीति में धामी कभी तटस्थ नहीं रहे हैं। नहीं भूलना चाहिए कि प्रदेश में इस समय जो भाजपा के अन्य मंत्री हैं, उनमें से आधे तो सन् 2016 में कांग्रेस से भाजपा में आये थे। कुल 12 मंत्रियों में से 5 कांग्रेस पृष्ठभूमि के हैं। भाजपा भले कह रही हो कि पार्टी और सरकार में नाराज़गी की बात कांग्रेस नेता उछाल रहे हैं और हक़्क़ीत में ऐसा नहीं है; पर ऐसा ही है। विपक्षी कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री अनुभव हरीश रावत को वापस प्रदेश लाकर चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप पेश करने की तैयारी कर चुकी है। फ़िलहाल रावत पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी हैं और वहाँ का संकट निबटते ही उन्हें उत्तराखण्ड में सक्रिय होने के लिए आलाकमान कह चुकी है। रावत भले पिछला चुनाव हार गये थे; लेकिन उन्हें बहुत अनुभवी नेता माना जाता है और अगले चुनाव में उनके मैदान में रहने से धामी और भाजपा के लिए बड़ी चुनौती रहेगी; ख़ासकर ऐसे हालत में, जब उसकी सरकार पिछले चार साल में जनता पर कोई असर नहीं छोड़ नहीं पायी है। धामी की क़िस्मत तीरथ सिंह रावत के इस्तीफ़े के बाद पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने की ज़्यादा चर्चा कहीं भी नहीं थी। धामी उत्तराखण्ड के ऊधम सिंह नगर ज़िले की खटीमा सीट से लगातार दो बार चुनाव जीते हैं। और अब तक उत्तराखण्ड में सबसे कम उम्र (45 साल) के मुख्यमंत्री भी हैं। धामी उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बहुत क़रीबी माने जाते हैं। एक समय जब कोश्यारी मुख्यमंत्री थे और धामी उनके ओएसडी हुआ करते थे। उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मण्डल के राजपूत धामी तीरथ सिंह रावत के विपरीत सत्ता सँभालने के बाद विवादित बयान देने से तो अभी तक बचे ही हैं, वह सभी वरिष्ठों को भी साथ लेने की कोशिश में जुटे हैं। विदित हो कि त्रिवेन्द्र रावत के इस्तीफ़े के बाद पौड़ी गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बहुत बचकाने वाले बयान दिये थे और विवाद पैदा किया था। यह बहुत दिलचस्प बात है कि सन् 2000 में उत्तराखण्ड के अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस और भाजपा 10-10 साल सत्ता में रहे हैं। हालाँकि भाजपा इन 10 वर्षों में 7 मुख्यमंत्री बना चुकी है, जबकि कांग्रेस ने 3 ही मुख्यमंत्री बनाये हैं। भाजपा को इसका नुक़सान भी हो सकता है; क्योंकि बार-बार मुख्यमंत्री बदलने से विकास की गति धीमी होती है। वैसे भी कोरोना से इस पहाड़ी सूबे में विकास का बंटाधार हुआ है। ‘तहलका’ ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से फोन पर बात की, तो उन्होंने कहा- ‘धामी को मुख्यमंत्री बनने पर बधाई और शुभकामनाएँ। लेकिन भाजपा जिस तरह राज्य में मुख्यमंत्री बदल रही है, उससे लोगों में निराशा है। क्योंकि उनके काम ठप पड़े हैं। भाजपा का कोरोना के कारण उपचुनाव न करवाने का बहाना भी किसी मज़ाक़ से कम नहीं। सच यह है कि राज्य में उसकी हालत बहुत ख़राब है और जनता का सरकार पर से भरोसा उठा है।’",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a3%e0%a4%b5-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9c%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%82%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b5-%e0%a4%b8%e0%a4%be/,प्रणव मुखर्जी के पूर्व सांसद बेटे अभिजीत टीएमसी में शामिल,"दो बार के पूर्व कांग्रेस सांसद और पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए हैं। वरिष्ठ पार्टी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने सोमवार को मुखर्जी को टीएमसी में शामिल किया। विधानसभा चुनाव में एक भी सीट न जीत पानी कांग्रेस के लिए यह एक झटका है। बता दें जंगीपुर से कांग्रेस टिकट पर जीतकर सांसद रह चुके अभिजीत मुखर्जी के बहन शर्मिष्ठा मुखर्जी भी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं। अभिजीत आज तृणमूल भवन, कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में टीएमसी के सांसद और लोकसभा में टीएमसी के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय और टीएमसी के प्रदेश महासचिव और मंत्री पार्थ चटर्जी की उपस्थिति में टीएमसी में शामिल हुए। कुछ रोज पहले अभिजीत मुखर्जी ने सीएम ममता बनर्जी के सांसद भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के साथ बैठक की थी जिसके बाद ही उनके टीएमसी में शामिल होने की अटकलें टैग रही थीं। आज कार्यक्रम में टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि अभिजीत मुखर्जी ने अभिषेक बनर्जी के माध्यम से टीएमसी में शामिल होने की अपील की थी। ममता बनर्जी की सहमति के बाद आज उन्हें टीएमसी में शामिल किया गया है। अभिजीत नलहाटी से विधायक रहने के अलावा दो बार जंगीपुर से सांसद रहे हैं। अभिजीत नई आज टीएमसी में जाने के बाद कहा – ‘आज मैं एक कांग्रेस छोड़कर दूसरी कांग्रेस में आया हूँ। मैं अपने राजनीतिक अनुभव को भारत को भाजपा से मुक्त करने और समाज को एकजुट करने की ममता बनर्जी के लड़ाई में इस्तेमाल करूंगा। सांप्रदायिक भाजपा की ताकत को ममता बनर्जी ने रोक दिया है। उनके सहयोग से पूरे भारत में भाजपा को रोकने में सफलता मिलेगी।’",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%9a%e0%a4%82%e0%a4%a6-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96/,चंद महीने के ‘बिना चुने’ मुख्यमंत्री तीरथ विवादों से चर्चा में...,"उत्तराखंड में चुनाव से ऐन पहले भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री बदलकर तीरथ सिंह रावत को कमान सौंपी, पर वह चार महीने भी इसे चला न सके। संवैधानिक संकट और सांसदी का ख्याल रखते हुए फिलहाल आलाकमान ने पिथौरागढ़ के युवा नेता पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंपी है। पार्टी को उम्मीद है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में यह नेता शायद कोई कमाल दिखा सके। क्योंकि इससे पहले कोरोना काल में तीरथ सिंह रावत ने शपथ लेने के साथ ही विवादित बयान और फैसलों को लेकर चर्चा में रहे और पार्टी की भी किरकिरी करवाते रहे। तीरथ रावत को अपनी ही पार्टी के उनसे पहले के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा लिए गए फैसलों को उलटने से शुरू हुआ, जो उन्होंने अपने चार साल तक सत्ता चलाने के दौरान किए थे। आलाकमान ने मार्च में उनसे इस्तीफा दिलवा दिया था। भाजपा नेताओं ने इस बदलाव को त्रिवेंद्र की कथित गलतियों के चलते सही करार देने की कोशिश की थी, लेकिन अब वही नेता किस मुंह से तीरथ रावत को सही करार दे सकेंगे। त्रिवेंद्र की तरह से तीरथ रावत की भी छुट्टी हो चुकी है। तीरथ सिंह रावत के प्रमुख विवादित फैसले और बयान गैरसैंण पर फैसला पलटा संघ से ताल्लुक रखने वाले तीरथ सिंह रावत ने शपथ ग्रहण के कुछ दिनों बाद, कैबिनेट के फैसले के जरिये गढ़वाल और कुमाऊं के बाद राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को राज्य में तीसरा प्रशासनिक प्रभाग घोषित करने के त्रिवेंद्र के फैसले को निलंबित कर दिया। तीरथ की कैबिनेट ने इस फैसले के पीछे जन भावनाओं का हवाला दिया था। बता दें कि इससे पहले कुमाऊं क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर उठी थी, जिसमें त्रिवेंद्र के इस्तीफे की मांग तेजी से की गई थी। चार धाम देवस्थानम बोर्ड की समीक्षा हरिद्वार कुंभ में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और संतों की अप्रैल में हुई बैठक में तीरथ सिंह रावत ने पिछले साल 15 जनवरी को त्रिवेंद्र द्वारा गठित उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड की समीक्षा की घोषणा की थी। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित चार प्रमुख मंदिरों और कई अन्य मंदिरों को बोर्ड के दायरे में लाया गया। विभिन्न मंदिरों और उनके पुजारी और पंडों और विहिप के सदस्य बोर्ड को खत्म करने और मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग कर रहे थे। मंत्रिमंडल का विस्तार 12 सदस्यीय राज्य मंत्रिपरिषद में, 2017 में सरकार बनने के बाद से कैबिनेट के दो पद खाले थे और 2019 में वित्त मंत्री प्रकाश पंत की मृत्यु के बाद यह मंत्रालय भी रिक्त हो गया था। विधायकों की बार-बार मांग के बावजूद त्रिवेंद्र ने विस्तार नहीं किया था। कैबिनेट और उनके पास 50 से अधिक विभाग थे। त्रिवेंद्र की जगह नए सीएम तीरथ ने दो दिन बाद मंत्रिपरिषद पूरी की। महामारी अधिनियम में दर्ज मामले वापस लिए तीरथ कैबिनेट की पहली ही बैठक में कोविड-19 दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत लॉकडाउन के दौरान दर्ज सभी मामलों को वापस लेने का फैसला किया। त्रिवेंद्र शासन के दौरान राज्य भर में लगभग 4,500 ऐसे मामले दर्ज किए गए थे। लॉकडाउन के दौरान लौटे भाजपा कार्यकर्ताओं, कांग्रेस नेताओं और प्रवासी मजदूरों के खिलाफ कई मामले दर्ज थे।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%b0%e0%a4%a5-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%87%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%ab%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%a6-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%9c/,तीरथ के इस्तीफे के बाद भाजपा विधायक उत्तराखंड में आज करेंगे...,"सिर्फ 114 दिन तक (उत्तराखंड के इतिहास में सबसे काम समय तक) मुख्य्मंत्री रहने वाले तीरथ सिंह के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड भाजपा में मुख्यमंत्री बनने वालों की फेहरिस्त लम्बी होती जा रही है। कहने को भाजपा आज शाम विधायल दल की बैठक कर नया नेता चुनेगी, लेकिन जानकारी के मुताबिक भाजपा आलाकमान ने पर्यवेक्षकों नरेंद्र तोमर और पुरंदेश्वरी को अपनी पसंद बता दी है और बैठक औपचारिकता मात्र है। नया नेता आज ही राज्यपाल से मिलकर शपथ ग्रहण के लिए वक्त मांग सकता है। फिलहाल यह बैठक के बाद ही साफ़ होगा कि उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा लेकिन फिलहाल सतपाल महाराज और धन सिंह रावत से लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत तक का नाम चर्चा में है। वरिष्ठ विधायक बिशन सिंह चुफाल, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, अजय भट्ट, पुष्कर सिंह धामी, अनिल बलूनी, ऋतू खंडूड़ी और रेखा आर्य कुछ और नाम हैं जिनकी चर्चा है। वैसे तीरथ रावत के इस्तीफा देने के कारण भाजपा को फ़ज़ीहत झेलनी पड़ी है। वैसे भी अगले चुनाव से पहले भाजपा अपनी हालत बेहतर करना चाहती हैं क्योंकि उसके आंतरिक सर्वे बता रहे हैं कि सरकार का कामकाज ऐसा नहीं रहा है कि वो अगला चुनाव जीतने की गारंटी बन सके। तीरथ रावत 114 दिन तक मुख्यमंत्री रहे लेकिन अपनी या सरकार की कोई पहचान बनाना तो दूर, अपने विवादित बयानों से उन्होंने भाजपा की फ़ज़ीहत ही करवाई। प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में जाहिर है ज्यादा समय नहीं बचा है और इसी दौरान भाजपा को अपनी स्थिति पटरी पर लानी है। आज की बैठक के लिए केंद्र के दूत नरेंद्र सिंह तोमर और पुरंदेश्वरी देहरादून पहुँच गए हैं। वे वहां भाजपा नेताओं से मिल रहे हैं। शाम 3 बजे भाजपा विधायक दल की बैठक होनी है। नया नेता आज ही राज्यपाल से मिलकर शपथ ग्रहण के लिए वक्त मांग सकता है।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%b0%e0%a4%a5-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%b9-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a4%a4-%e0%a4%87%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%ab%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%87/,तीरथ सिंह रावत इस्तीफा देंगे ! उत्तराखंड में गतिविधियां तेज,"भाजपा उत्तराखंड में एक बार फिर मुख्यमंत्री बदलने की तैयारी है। महज चार महीने पहले मुख्यमंत्री पद सँभालने वाले तीरथ सिंह रावत की छुट्टी तय हो गयी है। पिछले तीन दिन से दिल्ली में बैठे तीरथ दिल्ली से देहरादून लौट रहे हैं और उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलने का वक्त माँगा है। जानकारी के मुताबिक कल भाजपा विधायक दल की बैठक होगी और किसी विधायक को ही भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसमें केंन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पार्टी प्रेक्षक के रूप में उपस्थित होंगे। तीरथ, जो कि इस समय सांसद हैं, को 10 सितंबर तक किसी भी सूरत में विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है। हालांकि, ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक भाजपा आलाकमान ने तीरत को बता दिया है कि उन्हें इस्तीफा देना है। तीरथ के मुख्यमंत्री पद से जाने की ख़बरें तब सामने आई हैं जब जल्दी ही मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की भी चर्चा तेज है। जानकारी के मुताबिक कल उत्तराखंड भाजपा विधायक दल की बैठक होगी और किसी विधायक को ही भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसमें केंन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पार्टी प्रेक्षक के रूप में उपस्थित होंगे। तीरथ यदि इस्तीफा देते हैं तो सतपाल महाराज और धन सिंह रावत के उनकी जगह लेने की चर्चा है। महाराज और रावत के भी आज ही दिल्ली में होने की जानकारी है। उत्तराखंड में अगले साल ही चुनाव हैं और भाजपा वहां खुद को बहुत मजबूत नहीं मान रही। यहाँ यह बताना भी दिलचस्प है कि बंगाल में भी ममता बनर्जी को भी नवंबर से पहले विधानसभा का सदस्य बनना होगा। हिमाचल में एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव होना है। कुछ और जगह भी उपचुनाव होने हैं। हालांकि, अभी तक चुनाव आयोग ने इन उपचुनावों के लिए कोई संकेत नहीं दिए हैं। वैसे यह पहली बार है कि उपचुनावों को लेकर चुनाव आयोग खामोश बैठा है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि यदि उपचुनावों की घोषणा नहीं होती है, तो बंगाल सहित अन्य उपचुपानों का क्या होगा? फिलहाल उत्तराखंड में राजनीतिक हलचल तेज है। मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज राज्यपाल से मुलाकात के लिए समय मांगा है। वे इस समय दिल्ली से देहरादून लौट रहे हैं। चर्चा तेज है कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्‍तीफा देने वाले हैं। रावत ने शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर उनसे और गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाक़ात की थी। तीन दिन में वे दो बार नड्डा से मिले हैं। इसके बाद ही उनके इस्तीफे की चर्चा तेज हुई है।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/vijay-rupanis-soft-spoken-image-may-have-been-his-undoing-say-observers,"सियासत: गुजरात विजय में भाजपा को कमजोर कड़ी क्यों लगे रूपाणी, यह है जानकारों की राय","विजय रूपाणी भले ही सरल स्वभाव के मुख्यमंत्री रहे हों, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह उनके लिए खतरनाक भी साबित हुआ। इससे उनके कमजोर मुख्यमंत्री की छवि भी बनी। इस वजह से नौकरशाहों को राजनीतिक नेतृत्व के अहम फैसलों के खिलाफ कदम उठाने की हिम्मत मिली। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कुछ जानकार इस ओर भी इशारा करते हैं कि उन्होंने जिस तरह से कोरोना महामारी की दूसरी लहर और उसके बाद आने वाले आर्थिक और सामाजिक संकट को संभाला, यह भी उनके पतन का सबसे बड़ा कारण रहा। मुख्यमंत्री के तौर में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान रूपाणी ने जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून पारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कड़ी में गोहत्या के खिलाफ कानून भी शामिल है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गृह राज्य में 2019 के लोकसभा चुनाव अभियान में भाजपा का चेहरा थे। इस दौरान भी वह रूपाणी ही थे, जो अपेक्षाकृत छोटे जैन समुदाय से थे। जिन्होंने गुजरात में पार्टी मशीनरी को सीएम के रूप में चलाया। बता दें कि रूपाणी ने अगले विधानसभा चुनाव से करीब एक साल पहले शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। रूपाणी का इस्तीफा: वाघेला बोले- गुजरात में केंद्र ने अपनी पसंद का नेतृत्व थोपा तो यूपी के साथ हो सकते हैं विधानसभा चुनाव रंगून (अब यांगोन, म्यांमार) में जन्मे रूपाणी ने संघ को स्कूली छात्र के रूप में चुना था। भाजपा में शामिल होने से पहले वे संघ के छात्र विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के भी सदस्य रहे। 2016 में पहली बार सीएम बनने से पहले रूपाणी ने ज्यादातर गुजरात में पार्टी संगठन के लिए काम किया और 2014 में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। इस दौरान उन्होंने राजकोट पश्चिम सीट से उपचुनाव जीता। संघ के एक लो-प्रोफाइल व्यक्ति रूपाणी ने 2017 में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर वापसी की। यह इसलिए अहम था, क्योंकि लगातार कई सालों से सत्ता पर काबिज होने की वजह से राज्य में सरकार के खिलाफ माहौल होने का डर था और कोटे को लेकर पाटीदार भी भाजपा से नाराज चल रहे थे। विधि में स्नातक रूपाणी 2006 से 2012 तक राज्यसभा सांसद रहे। जब उन्होंने 2006 में गुजरात पर्यटन विकास निगम का नेतृत्व किया, उस वक्त मेगास्टार अमिताभ बच्चन द्वारा अभिनीत बेहद सफल विज्ञापन अभियान 'खुशबू गुजरात की' लॉन्च किया गया। इससे राज्य को पर्यटन हॉटस्पॉट के रूप में बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था। इसके बाद 19 फरवरी 2016 को पार्टी ने उनका कद और बढ़ा दिया और उन्हें गुजरात भाजपा का प्रमुख नियुक्त किया गया। जब राज्य की पहली और एकमात्र महिला मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने अगस्त 2016 में पाटीदार और दलित आंदोलनों को ठीक से नहीं संभालने के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया, तो रूपाणी को हॉट सीट पर बैठाया गया। रूपाणी ने राज्य में 1974 में हुए छात्रों और मध्यम वर्ग के आंदोलन के दौरान अपने राजनीतिक कौशल को साबित किया था। यह आंदोलन आर्थिक संकट और जनसेवा में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाया गया था। उस समय एबीवीपी से जुड़े रूपाणी आपातकाल के दौरान लगभग एक साल तक जेल में भी रहे। 1996-97 में राजकोट के मेयर के रूप में उन्होंने नागरिक बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए अपने कामों केजरिए शहर के लोगों के बीच खुद की अलग पहचान बनाई। एक राजनेता के रूप में रूपाणी की योग्यता की परीक्षा 2019 के लोकसभा चुनावों में हुई थी, जब केंद्र की सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए मोदी चुनावी मैदान में थे।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/kerala-govt-conducts-seroprevalence-study-to-assess-covid-spread-all-udates,"केरल: राज्य में सीरो सर्वे का रही विजयन सरकार, कोरोना के संक्रमण को समझने में मिलेगी मदद","केरल में कोरोना के बेकाबू होते हालात के बीच राज्य सरकार सीरो सर्वे (सीरोप्रिवलेंस स्टडी) करा रही है। इससे यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि राज्य में संक्रमण ने किस हद तक लोगों को प्रभावित किया। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि अध्ययन इस महीने की शुरुआत में शुरू हुआ था और उम्मीद है कि सितंबर के खत्म होने तक सर्वे पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अध्ययन के जरिए लोगों के बीच वायरस की सीरोपॉजिटिविटी दर को समझने में मदद मिलेगी। इसमें बच्चे समेत अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों पर संक्रमण की दर बारे में भी पता चल सकेगा। सर्वे में बच्चों से लेकर बड़ों तक को शामिल किया गया उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना के खिलाफ लडाई में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। इसी के मद्देनजर हमने यह अध्ययन कराने का फैसला किया था। इसमें बच्चों से लेकर बड़ों तक को शामिल किया गया है। अध्ययन की रिपोर्ट मुख्यमंत्री, सामान्य शिक्षा और अन्य संबंधित विभागों को सौंपी जाएगी। इसके बाद ही स्कूलों को खोलने का फैसला किया जाएगा। छले हफ्ते कोझिकोड में सामने आया था निपाह का मामला निपाह वायरस के खतरे के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि निपाह का मामला पिछले हफ्ते कोझिकोड में सामने आया था। अब तक लिए गए सभी सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। यह हमारे लिए राहत की बात है। उन्होंने कहा कि सोर्स ट्रैकिंग उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी कि कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की एक विशेष टीम पहले से ही वायरस के संक्रमण के प्रसार के स्रोत की पहचान करने के लिए राज्य से नमूने एकत्र कर रही है। हालांकि, मंत्री ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में जारी कड़ी निगरानी और प्रतिबंध कुछ और समय तक जारी रहेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी शुक्रवार को कहा था कि उनकी सरकार ने बुखार निगरानी के तहत पांच सितंबर को घर-घर जाकर सर्वेक्षण कराया था। यह सर्वे निपाह वायरस से मरने वाले 12 वर्षीय बच्चे के घर से तीन किलोमीटर के दायरे में कराया गया था। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में कंटेनमेंट जोन के लगभग 15 हजार घरों को शामिल किया गया था और लगभग 68 हजार लोगों से जानकारियां एकत्र की गई थीं। केरल: 20,487 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई केरल में शनिवार को 20,487 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस दौरान 22,155 लोगों ने महामारी को मात दी और 181 लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हो गई। यहां फिलहाल दो लाख 31 हजार 792 संक्रमितों का इलाज चल रहा है। यहां अब तक 22,484 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते 24 घंटों में एक लाख 34 हजार 861 सैंपलों की जांच की गई। यहां संक्रमण दर 15.19 फीसदी बनी हुई है।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/political-war-continues-over-narcotic-jihad-remark-central-minister-rao-attacked-on-cpm-and-congress,"केरल : बिशप के 'नारकोटिक जिहाद' के आरोप पर सियासी जंग तेज, भाजपा का कांग्रेस व माकपा पर निशाना","केरल के बिशप जोसेफ कल्लारंगाट की विवादास्पद 'लव एंड नारकोटिक जिहाद' टिप्पणी ने केरल के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रखी है। भाजपा ने माकपा और कांग्रेस पर जिहादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस ने कहा है कि वह राज्य में ईसाई मुस्लिम सौहार्द भंग करने के लिए संघ परिवार के एजेंडे पर चल रही है। इस बीच चौतरफा आलोचना के बाद सायरो मालाबार चर्च के अधीन आने वाले पाला डायोसिस ने बिशप कल्लारंगाट के बयान को लेकर सफाई दी है। डायोसिस ने कहा कि बिशप का बयान किसी को आहत करने के लिए नहीं था और न ही किसी खास समुदाय के खिलाफ था। उन्होंने तो समाज में पनप रहे खतरनाक दौर को लेकर चेतावनी दी थी। डायोसिस के सहायक बिशप जैकब मुरिकेन ने यह बात कही। उन्होंने सभी समुदायों से आग्रह किया कि वे धर्मों के नाम व निशान का इस्तेमाल कर कट्टरपंथी व असामाजिक कार्य करने वाले तत्वों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई पर विचार करें। माकपा व कांग्रेस पर भड़के केंद्रीय मंत्री राव उधर, केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता वी. मुरलीधरन ने केरल में सत्तारूढ़ माकपा व विपक्षी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों को 'कड़वा सच' कहने वालों पर हमला करने और उन्हें चुप कराने की प्रथा बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके बयान का विरोध करने वाले माकपा मार्क्सवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे आईएसआईएस और जिहादियों के प्रवक्ता के रूप में ऐसा कर रहे थे? तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से चर्चा में मुरलीधरन ने कहा कि जो लोग कैथोलिक बिशप पर यह कहने के लिए हमला करते हैं कि केरल में इस्लामिक स्टेट के एजेंट हैं, वे वास्तव में गैर-मुसलमानों का सफाया करने के लिए जिहादियों की विचारधारा का समर्थन कर रहे हैं। बता दें, केरल के बिशप कल्लारंगाट ने बीते दिनों राज्य में लव जिहाद व नारकोटिक्स जिहाद फैलने और ईसाई युवतियों को इसका निशाना बनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि आतंकी भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हथियार के दम पर जो काम नहीं कर सकते, वह वे इस तरह के जिहाद के दम पर कर रहे हैं। युवतियों को फंसा कर उन्हें आतंकवाद में भी धकेला जा रहा है।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/indian-railways-soon-launch-gurudwara-circuit-train-for-sikh-devotees-amid-of-punjab-election-2022,गुरुद्वारा सर्किट ट्रेन: पंजाब चुनाव से पहले मोदी सरकार कर रही सिखों को तोहफा देने की तैयारी,"नए कृषि कानूनों के विरोध में बैठे पंजाब-हरियाणा के सिख किसानों को साधने के लिए भारतीय रेलवे सिख श्रद्धालुओं के लिए 'गुरुद्वारा सर्किट ट्रेन' चलाने की योजना पर काम कर रहा है। पंजाब के अमृतसर में शुरू और समाप्त होने वाली ये 11 दिवसीय यात्रा कम से कम चार प्रमुख गुरुद्वारों को कवर करेगी। इनमें अमृतसर में हरमिंदर साहिब, बिहार की राजधानी पटना में पटना साहिब, महाराष्ट्र के नांदेड़ में हजूर नांदेड़ साहब और भटिंडा में दमदमा साहिब शामिल हैं। इस ट्रेन में अंबाला, सहारनपुर, लखनऊ, मनमाड, सूरत, अहमदाबाद, जयपुर, बठिंडा और अमृतसर सहित कई स्टॉपेज होंगे। रेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में रेलवे इस तरह की कई योजनाओं पर काम कर रहा है। इसका उद्देश्य आम लोगों को देश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के प्रति जागरूक बनाना है। रामायण सर्किट और बुद्ध सर्किट के बाद गुरुद्वारा सर्किट सबसे नया प्रोजेक्ट होगा। महात्मा गांधी के जीवन दर्शन से लोगों को अवगत कराने के लिए जल्द ही 'गांधी सर्किट स्पेशल ट्रेन' शुरू करने की भी योजना है। इसी तर्ज पर कुछ और विशेष सर्किट भी शुरू किए जा सकते हैं। जानकारी के अनुसार, गुरुद्धारा सर्किट स्पेशल ट्रेन में स्लीपर क्लास और एसी क्लास समेत 16 कोच होंगे। एसी क्लास में एक यात्री के लिए यात्रा की लागत 900-1000 रुपये प्रति यात्री प्रति दिन के बीच होगी। यह सर्किट ट्रेन लीजिंग मॉडल पर चलाई जाएगी। इस ट्रेन में स्लीपर और एसी कोच दोनो होंगे। निजी आपरेटर द्वारा इसका किराया तय किया जाएगा। इसके साथ ही ट्रेन में एक पेंट्री कार की भी व्यवस्था की जाएगी, लेकिन यात्रियों को एडवांस में भोजन बुक कराना होगा। जानकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे चार से पांच हजार रेल कोच तैयार कर रहा है, जिसे प्राइवेट आपरेटरों को शर्तो के साथ लीज पर दिया जाएगा। इसमें न्यूनतम पांच साल की शर्त शामिल होगी। इस अवधि के दौरान आपरेटर रेलवे कोच की और संचालन की देखरेख की जवाबदेही रेलवे की होगी। अब तक करीब 50 ऑपरेटरों ने रेलवे के इस महत्वाकांक्षी स्पेशल सर्किट प्रोजेक्ट से जुड़ने में दिलचस्पी दिखाई है।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/muraleedharan-says-surprised-that-bishop-joseph-kallarangatt-analysis-criticized-by-some-leaders-of-congress-and-cpm,"सियासत : पादरी के बयान पर भाजपा ने राज्य सरकार पर साधा निशाना, कांग्रेस और सीपीएम नेता क्यों कर रहे विरोध","केरल के एक चर्च के बिशप जोसेफ कल्लारंगट के बयान पर सियासत शुरू हो गई है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता वी मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें आश्चर्य हो रहा है कि बिशप के बयान पर कांग्रेस और सीपीएम के नेता विरोध या आलोचना क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब जिहादियों का विरोध और भंडाफोड़ किया जा रहा है तो वे आलोचना या निंदा क्यों कर रहे हैं। यह बात समझ से परे है। मालूम हो कि चर्च के बिशप जोसेफ कल्लारंगट ने कहा था कि युवा कैथोलिक लड़कियां राज्य में “लव एंड ड्रग जिहाद” की शिकार हो रही थीं और गैर-मुसलमानों की छवि खराब करने के लिए एक रणनीति तैयार की जा रही है। कोट्टायम जिले के कुरुविलंगाडु में एक चर्च समारोह में बोलते हुए, कल्लारंगट ने कहा, “उन्होंने महसूस किया है कि भारत जैसे लोकतंत्र में हथियार उठाना और दूसरों को नष्ट करना आसान नहीं है और उन्होंने गैर-मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाए हैं। जिहादी गैर-मुसलमानों को नष्ट करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें लव जिहाद और ड्रग जिहाद शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने भी बयान की निंदा की गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बिशप जोसेफ कल्लारंगट के उस बयान की निंदा की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि युवा लव एंड नारकोटिक्स जिहाद की शिकार हो रही हैं। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर रहने वालों को सतर्क रहना चाहिए और समाज में धार्मिक विभाजन नहीं पैदा करना चाहिए।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/uttar-pradesh-assembly-election-2022-taliban-rule-in-afghanistan-but-bjp-s-attack-on-sp-on-this-pretext,"उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022: तालिबान का शासन अफगानिस्तान में, लेकिन भाजपा की इस बहाने सपा पर चढ़ाई","अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा है लेकिन तालिबान के बहाने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी पर हमले हो रहे हैं। तालिबानी शासन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रचार अभियान में सबसे ज्यादा निशाने पर सपा है। जिसमें सपा पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि सपा मुसलमानों का तुष्टिकरण करती है। जानकारी के मुताबिक भाजपा सोशल मीडिया को तब तक सपा पर हमले जारी रखने को कहा गया है जब तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय में तालिबान राज की चर्चा हो रही है। व्हाट्सएप, ट्विटर समेत पार्टी के तमाम सोशल मीडिया हैंडल से साझा किए गए संदेशों पर एक नजर डालने से यह साफ पता चलता है भाजपा तालिबानी राज के बहाने लोगों की जेहन में सपा के पुराने शासन को याद दिलाने की कोशिश कर रही है। पिछले दो हफ्तों में कम से कम 30 फीसदी पोस्ट तालिबान से संबंधित मुद्दों पर किए गए हैं। जिसमें कट्टरपंथी संगठन के नियंत्रण में आने के बाद अफगानिस्तान में फैली अराजकता और मानवाधिकारों के उल्लंघन को व्यापक रूप से प्रचारित किया जा रहा है और सपा नेताओं के बयान साझा करके यह बताने की कोशिश हो रही है कि कैसे सपा नेता तालिबान के इन कृत्यों का समर्थन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने अमर उजाला डिजिटल से बातचीत में कहा- तालिबान महिला विरोधी, बच्चे विरोधी और युवा विरोधी है। वे विकास के विरोधी हैं। सपा की भी यही सोच है। उनके नेता तालिबान के समर्थन में बोलते रहते हैं। हम ऐसी सोच रखने वालों के खिलाफ हैं। दुनिया तालिबान का चेहरा देख रही है और यूपी की जनता को भी सपा का चेहरा देखना चाहिए। हम इनकी तालिबानी सोच और माफिया से इनकी सांठगांठ को लेकर उन्हें घेरेगें। आने वाले समय में यह हमला और तेज होगा। भाजपा-सपा में मुख्य मुकाबला भाजपा के सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक ""मजबूत व्यक्तित्व"" और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ""हिंदुत्व के ब्रांड"" के रूप में कट्टरपंथी इस्लाम से मुकाबला करने के एकमात्र विकल्प के रुप में बताया जा रहा है। भाजपा के सोशल मीडिया अभियान में इसका जमकर प्रचार किया जा रहा है कि पिछली सरकार तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति कर रही थी। दरअसल तालिबान को लेकर भाजपा की सपा पर यह चढ़ाई इसलिए है क्योंकि यह माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश के चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि भाजपा ने कथित मुस्लिम तुष्टीकरण के प्रचार को तेजी से आगे बढ़ा रही है और सोशल मीडिया के लिए भी उसी आधार पर रणनीति बनाई गई है, जिससे कि हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण में मदद मिल सके। भाजपी इसी नीति के तहत बसपा और कांग्रेस पर भी हमले तेज कर रही है, लेकिन उसके मुख्य निशाने पर सपा है क्योंकि वह चुनाव में अपना मुख्य प्रतिद्वंदी उसे ही मान रही है। यूपी भाजपा ने 15 अगस्त के बाद काबुल में बढ़ते मानवीय संकट को दर्शाने वाले वीडियो पोस्ट किए। विशेष रूप से देश से बाहर निकलने के लिए बेताब हवाई अड्डों पर लोगों की भीड़, शरणार्थियों को निकालने के लिए खचाखच भरे विमान, राजधानी पर तालिबान के कब्जे के बाद हुए विस्फोट, महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंध, बुर्का पहनने को मजबूर महिलाएं और पत्रकारों का उत्पीड़न से संबंधित वीडियो पोस्ट हुए। दूसरी तरफ यूपी भाजपा की तरफ से कुछ ऐसे वीडियो भी पोस्ट किए गए हैं जिसमें कुछ मुस्लिम महिलाएं यह बता रही हैं कि कैसे उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने उनकी जिंदगी बदल दी है। तालिबानी सोच वाले नेता एक विशेष वीडियो में, पार्टी की राज्य इकाई उन ""तालिबानी मानसिकता वाले समाजवादी पार्टी के नेता"" की आलोचना कर रही है जिन्होंने तालिबान के समर्थन में बयान दिया। वीडियो में इसे भारतीय समाज और उसके जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाला बताया जा रहा है। गौरतलब है कि तालिबान पर दिए गए बयान को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद और दो अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हो चुका है। सपा सांसद डॉक्टर शफीक उर रहमान बर्क ने तालिबान के समर्थन में बयान दिया था। बर्क ने कहा था कि तालिबान एक ताकत है और उसने अमेरिका के भी पैर नहीं जमने दिए। तालिबान अब अपना देश खुद चलाना चाहता है तो किसी को क्या दिक्कत है? बर्क के बयान ने भाजपा को दिया मौका बर्क के बयान ने भाजपा को सपा पर हमला करने का एक बढ़िया मौका दे दिया। भाजपा सोशल मीडिया टीम ने बिना देरी किए बर्क की निंदा में पोस्ट की बौछार कर दी। राज्य इकाई ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कुछ सदस्यों की टिप्पणियों की भी आलोचना की। मौलाना सज्जाद नोमानी ने अपने बयान में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को सही बताया था. उन्होंने बयान में कहा था कि अफगानिस्तान पर तालिबानियों का कब्जा जायज है। सोशल मीडिया टीम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 19 अगस्त को विधानसभा सत्र के दौरान सदन को संबोधित करते समय तालिबान समर्थकों पर दिए गए बयान का भी प्रचार कर रही है। सीएम योगी ने कहा था- कुछ लोग बेशर्मी से कर रहे तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। हमें जरूरत है कि वैसे लोगों को एक्सपोज किया जाए। अफगानिस्तान में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ क्रूरता की जा रही है। अखिलेश जी... जनता आपके कारनामे देख रही है तालिबानी सोच वाले सपा के बेशर्म नेताओं का समर्थन क्यों कर रहे हैं ? pic.twitter.com/ps6hK86LIK — BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) August 28, 2021 साथ ही सोशल मीडिया अभियान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान का भी जमकर प्रचार किया गया है कि पहले राज्य में हर तीसरे दिन एक दंगा होता था, लेकिन पिछले साढ़े चार साल में एक भी दंगा नहीं हुआ। राज्य पार्टी इकाई की तरफ से ट्वीट किए गए एक कार्टून में दिखाया गया है कि कैसे सपा, बसपा और कांग्रेस जैसी पार्टियां कथित तौर पर मुस्लिमों का तुष्टिकरण करती हैं। एक का कुछ कहना, पूरी पार्टी की राय नहीं हालांकि, सपा के एक नेता का कहना है ‘किसी एक सांसद के कुछ कहने से यह समझ लेना गलत है कि तालिबान के बारे में पूरी पार्टी की राय वही है ऐसा कहना गलत है। भाजपा तालिबान के बहाने हिंदू वोटों के धुव्रीकरण की कोशिश कर रही है। वहीं पार्टी प्रवक्ता नावेद सिद्दीकी ने मीडिया से कहा कि तालिबान मुद्दे को यूपी चुनाव में लाकर भाजपा कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान कुशासन और बदइंतजामी को जनता की याद्दाश्त से दूर करने की कोशिश कर ही है। जबकि भाजपा राज्य इकाई के सोशल मीडिया समन्वयक अंकित चंदेल का कहना है पार्टी सकारात्मक चुनाव अभियान पर ध्यान केंद्रित कर रही है लेकिन विपक्ष के झूठ को भी तो उजागर करना है।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/madhya-pradesh-digvijay-singh-says-rss-is-like-taliban-for-women,"मध्यप्रदेश : दिग्विजय सिंह का आरएसएस पर हमला, कहा- महिलाओं के लिए तालिबान के समान है विचारधारा","राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत आगामी चुनाव के मद्देनजर संगठन को मजबूत करने के लिए देश भर में भ्रमण कर रहे हैं। ऐसे में विपक्षी पार्टियों ने आरएसएस पर हमले तेज कर दिये हैं। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह आरएसएस की तुलना तालिबान से की है। उनका दावा है कि आरएसएस के पास महिलाओं के लिये तालिबान के समान विचारधारा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘तालिबान का कहना है कि महिलाएं मंत्री बनने के लायक नहीं हैं। मोहन भागवत ने कहा कि महिलाएं घर में रहें और घर की देखभाल करें। क्या ये समान विचारधाराएं नहीं हैं?’ दिग्विजय सिंह ने आगे केंद्र से अफगानिस्तान में तालिबान सरकार पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। बकौल दिग्विजय, ‘मोदी-शाह सरकार को अब यह स्पष्ट करना होगा कि क्या भारत तालिबान सरकार को मान्यता देगा, जिसमें घोषित आतंकवादी संगठन के सदस्य मंत्री हैं?’ इससे पहले, सिंह ने बुधवार को इंदौर में आयोजित सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन में बोलते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि संगठन झूठ और गलतफहमियों को फैलाकर हिंदू मुस्लिम समुदायों को विभाजित कर रहा है। भागवत की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक है, सिंह ने पूछा, ‘अगर ऐसा था तो लव जिहाद जैसे मुद्दे क्यों उठाए जा रहे थे? आरएसएस सदियों से बांटो और राज करो की राजनीति करता आ रहा है। वे झूठ और गलतफहमियां फैलाकर दो समुदायों को बांट रहे हैं।’",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/love-and-narcotic-jihad-exists-in-kerala-claims-catholic-bishop,"कैथोलिक बिशप का दावा : केरल में फैल रहा लव व नारकोटिक्स जिहाद, प्रदेश कांग्रेस ने की बयान की निंदा","केरल के सायरो मालाबार चर्च के बिशप जोसेफ कल्लारंगाट ने दावा किया है कि राज्य की ईसाई लड़कियों को लव व नारकोटिक्स जिहाद का शिकार बनाया जा रहा है। जहां हथियार काम नहीं आ सकते वहां उग्रवादी इन तरीकों का इस्तेमाल कर अन्य धर्मों के युवाओं को तबाह कर रहे हैं। बिशप के बयान की निंदा की है। बिशप के इस बयान से केरल में नया विवाद पैदा हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि लव जिहाद के तहत गैर मुस्लिम लड़कियों खासकर ईसाई समुदाय की युवतियों को फंसाने के बाद उनका धर्मांतरण कराया जाता है। इतना ही बाद में उनका शोषण करने के बाद आतंकवाद जैसे विध्वंसात्मक कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है। बिशप कल्लारंगाट सायरो मालाबार चर्च से संबद्ध हैं। कोट्टायम जिले के कुरुविलंगाडी में एक चर्च में आयोजित कार्यक्रम में बिशप ने यह बात कही। उन्होंने उपस्थित लोगों को आगाह किया कि वे उन जिहादियों से सतर्क रहें जो समूची दुनिया में सांप्रदायिकता, धार्मिक वैमनस्य, असहिष्णुता फैला रहे हैं। ये लोग अन्य धर्मों को तबाह करने के लिए विभिन्न तौर तरीके अपना रहे हैं। इनमें से दो तरीके लव जिहाद व नारकोटिक्स जिहाद हैं। बिशप ने कहा कि जिहादी जानते हैं कि हमारे जैसे लोकतांत्रिक देश में अन्य धर्मों के लोगों को हथियारों के दम पर तबाह नहीं किया जा सकता तो वे अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए ये तरीके अपना रहे हैं। पूर्व डीजीपी के बयान का किया जिक्र बिशप ने पूर्व डीजीपी लोकनाथ बेहरा के हालिया बयान का जिक्र करते हुए कहा कि केरल आतंकवादियों का भर्ती केंद्र बन गया है। राज्य के दक्षिणी हिस्से में एक आतंकियों का एक स्लीपर सेल सक्रिय था। बिशप ने आरोप लगाया कि जिहादियों को लड़कियों को फंसाने व उनका ब्रेनवॉश करने की ट्रेनिंग दी जाती है। राज्य की हिंदू व ईसाई युवतियों का धर्मांतरण किया गया और उन्हें हाल ही में अफगानिस्तान के ट्रेनिंग कैंपों में भेजा गया। इस मामले की गंभीरता से जांच होना चाहिए। यह पता लगाया जाना चाहिए कि उनका धर्मांतरण कैसे हुआ और वे अफगान कैंपों तक कैसे पहुंचीं। बिशप ने आरोप लगाया कि आजकल ईसाई युवतियों को ऐसे जाल में फंसाया जा रहा है। हमें उन जिहादियों की पहचान करना है, जो उग्रवादी विचारधारा के हैं। वे स्कूलों, कॉलेजों, हॉस्टलों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों व अन्य सार्वजनिक स्थलों व संस्थानों में कम उम्र की लड़कियों को फंसाते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग केरल में लव व नारकोटिक्स जिहाद नहीं होने का दावा कर रहे हैं, वे यहां नहीं रहते हैं और सचाई से आंखें फेर कर बैठे हैं। जो नेता, सामाजिक सांस्कृतिक नेता व पत्रकार इस तथ्य का खंडन करते हैं, उनके खुद के निहित स्वार्थ हैं। बिशप के बयान की कांग्रेस ने की निंदा, कहा- यह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बिशप के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। केरल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पीटी थॉमस ने कहा कि बिशप का बयान सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला और निंदनीय है। हम नहीं जानते कि किस आधार पर उन्होंने यह बयान दिया। इससे सामाजिक तानाबाना बुरी तरह प्रभावित होगा। मैं आग्रह करता हूं कि किसी को भी उसका समर्थन नहीं करना चाहिए। हमें राज्य में सौहार्द हर हाल में कायम रखना है।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/mallikarjun-kharge-said-that-there-is-no-necessity-to-constitute-an-inquiry-committee-to-probe-ruckus-on-august-11,"राज्यसभा में हंगामा: खड़गे बोले- अब मामला खत्म हो चुका, इसलिए जांच समिति बनाने की जरूरत नहीं","राज्यसभा में पिछले महीने 11 अगस्त को हुए हंगामे के मामले में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बड़ा बयान दिया है। खड़गे ने कहा कि मामले में जांच समिति बनाने की कोई जरूरत नहीं है। मैंने राज्यसभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू से भी इस मामले में निवेदन किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि अब मामला पहले ही खत्म हो चुका है और अब सदन भी नहीं चल रहा है। एक बार जब मामला बंद हो जाए, तो उसे दोबारा खोला नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समिति गठित करना और मामले की जांच करना वांछनीय नहीं है। हमारा मानना है कि अभी इसकी आवश्यकता नहीं है। मैंने इस मामले के बारे में अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को भी सूचित किया है। कई ने समिति के गठन से किया इनकार किया है। दरअसल, राज्यसभा में हुए हंगामे को लेकर पिछले उदाहरणों और ऐसी कार्रवाइयों का गहन अध्ययन किया गया है। सूत्रों के जरिए यह बात भी सामने आई थी कि मामले को विशेषाधिकार समिति को भी सौंपा जा सकता है या फिर एक नई समिति का गठन भी किया जा सकता है। मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में कुछ अमर्यादित घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई पर विचार किए जाने पर नायडू ने कहा था कि विस्तृत विचार के बाद जल्द से जल्द उचित निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने विधेयकों को सदन की प्रवर समिति को भेजे जाने पर भी अपने बात रखी थी। सरकार ने नायडू को रिपोर्ट सौंपी इससे पहले सरकार ने राज्यसभा में 11 अगस्त को हुए हंगामे को लेकर सभापति को रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कहा गया था कि सीपीआई (एम) सांसद इलामारन करीम ने पुरुष मार्शल के साथ अभद्रता की। वहीं, कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम और छाया वर्मा ने महिला मार्शल को खींचा और प्रताड़ित किया। रिपोर्ट में कहा गया कि जब सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी सभापति के चैंबर से निकलकर अपनी सीट की ओर जा रहे थे, तब तृणमूल सांसद डोला सेना ने उनका रास्ता रोका और धक्का देने की कोशिश की थी।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/west-bengal-cm-mamata-banerjee-to-file-nomination-today-for-bhabanipur-assembly-by-polls,"उपचुनाव: भवानीपुर सीट के लिए ममता बनर्जी ने किया नामांकन दाखिल, 30 सितंबर को होगा मतदान","पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी आज भवानीपुर सीट पर उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। अलीपुर में ममता बनर्जी ने भवानीपुर सीट के लिए नामांकन दाखिल किया। इस विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा ने प्रिंयका टिबरेवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। प्रियंका टिबरेवाल बाबुल सुप्रियो की कानूनी सलाहकार रह चुकी हैं और 2014 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। जिसके बाद वह वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ी, लेकिन टीएमसी नेता के हाथों वह चुनाव हार गई थीं। Kolkata | West Bengal CM Mamata Banerjee files nomination for by-polls to Bhabhanipur seat pic.twitter.com/9xXDWIy9tB — ANI (@ANI) September 10, 2021 वहीं, भाजपा ने इस उपचुनाव को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी ने यहां की कमान प.बंगाल भाजपा उपाध्यक्ष व सांसद अर्जुन सिंह को सौंपी है। इसके अलावा सांसद सौमित्र खान व ज्योतिर्मस सिंह महतो को सह प्रभारी बनाया है। वहीं आठ वार्डों का प्रभार आठ विधायकों को सौंपा गया है। गौरतलब है कि ममता बनर्जी भवानीपुर से पहले भी दो बार चुनाव जीत चुकी हैं। मालूम हो कि सीएम पद पर बने रहने के लिए ममता के लिए यह चुनाव बेहद अहम हैं, क्योंकि विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी चुनाव हार गई थीं। वह नंदीग्राम में सुवेंदु अधिकारी से चुनाव हार गई थीं। 30 सितंबर को होगा उपचुनाव चुनाव आयोग ने इसी हफ्ते पश्चिम बंगाल की तीन और ओडिशा की एक, आंध्र प्रदेश की एक समेत बाकी बचे विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने की तारीखों का एलान किया था। चुनाव आयोग की ओर से घोषित कार्यक्रम के मुताबिक, भवानीपुर सीट समेत बंगाल के समसेरगंज और जंगीपुर सीट पर उपचुनाव के लिए 30 सितंबर को वोट डाले जाएंगे और मतगणना तीन अक्तूबर को होगी। केंद्र सरकार पर ममता का तंज बीते दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ""केवल भगवान ही जानता है कि 2021 के चुनाव कैसे संपन्न हुए। केंद्र ने झूठ बोला, फिर भी मुझे हरा नहीं सका। इसके पीछे एक साजिश थी। नंदीग्राम में मुझ पर हमला हुआ। बाहर से हजारों गुंडे बंगाल को गुमराह करने आए। इतना ही नहीं ममता ने आरोप लगाया कि मोदी और शाह ने इस साल के शुरू में ही विधानसभा चुनाव के दौरान नंदीग्राम में उन्हें हराने की साजिश रची। उन्हें उपचुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/national-news/mehbooba-mufti-says-taliban-set-example-if-they-follow-real-sharia-law-7055865/,"महबूबा ने तालिबान से जताई उम्मीद, कहा-शरिया को लागू कर दुनिया के सामने पेश कर सकते हैं मिसाल","नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने शरिया कानून की वकालत करते हुए अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) शासन पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में यदि तालिबान असली शरिया को लागू करे तो वह दुनिया के लिए मिसाल होगा। महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों को अधिकार पर बोलते हुए महबूबा मुफ्ती ने ऐसे समय में तालिबान से उम्मीद जताई, जब तालिबान की ओर से घोषित अंतरिम सरकार में कम से कम 14 खूंखार आतंकवादी शामिल हैं। महबूबा मुफ्ती ने कुलगाम में मीडिया से बातचीत में कहा 'तालिबान एक हकीकत बनकर सामने आ रहा है। उनको चाहिए कि पहली बार (1996-2001) में जो उनकी छवि बनी, वह मानवाधिकारों के खिलाफ थी। दुनिया के लिए मिसाल महबूबा ने कहा कि अबकी बार यदि वह आए हैं और हुकूमत करना की चाहत रखते हैं तो अफगानिस्तान में तो उन्हें वाकई जो इस्लामिक शरिया कहता है, जो हमारे कुरान शरीफ में हैं, जिसमें औरतों के हुकूक हैं, बच्चों और बूढ़ों के अधिकार हैं और किस तरह सरकार चलानी चाहिए। जो मदीने का हमारा मॉडल रहा है। अगर वह वाकई उस पर अमल करते हैं तो मुझे लगता है वे दुनिया के लिए मिसाल बन सकते हैं।' महबूबा के अनुसार ऐसा करने पर ही तालिबान के साथ दुनिया के दूसरे देश कारोबार करेंगे। वहीं उन्होंने 90 के दशक का जो तरीका अपनाया था, उसको अपनाते हैं तो सारी दुनिया के लिए ही नहीं, खासकर अफगानिस्तान के लोगों के लिए काफी कठिन हो जाएगा।",1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/gujarat-bjp-legislature-party-meeting-may-be-held-tomorrow-1454722,"गुजरातः कल हो सकती है भाजपा विधायक दल की बैठक, नए सीएम के नाम पर होगा मंथन","विजय रूपाणी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए गुजरात भाजपा विधायक दल की रविवार को बैठक होने की संभावना है। पार्टी के एक नेता ने यहां यह बताया। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता यमल व्यास ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ विधायक दल की बैठक में शामिल हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से करीब साल भर पहले अचानक से हुए एक घटनाक्रम में मुख्यमंत्री रूपाणी ने शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। व्यास ने यहां पार्टी मुख्यालय कमलम में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव सहित वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक के बाद संवाददाताओं से यह कहा। उन्होंने कहा , ‘‘भाजपा विधायक दल की रविवार को बैठक होने की संभावना है, लेकिन (पार्टी के) केंद्रीय संसदीय बोर्ड द्वारा बैठक के सटीक समय से हमें अवगत कराये जाने के बाद ही हम इसकी पुष्टि कर सकेंगे। भाजपा के सभी विधायक केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ बैठक में शामिल होंगे।'' उन्होंने कहा कि बैठक में नये मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला होगा। इस बीच, संतोष और यादव ने पार्टी के प्रदेश इकाई प्रमुख सी आर पाटिल, उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा व प्रदीप सिंह जाडेजा, प्रदेश भाजपा महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला और राजूभाई पटेल तथा विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक पंकज देसाई सहित गुजरात भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। व्यास ने कहा कि रूपाणी ने मुख्यमंत्री के तौर पर कई सारे विकास कार्य कर राज्य को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने कहा, ‘‘यह भाजपा में सामान्य प्रकिया है...उन्हें एक नयी जिम्मेदारी दी जाएगी। वह पहले प्रदेश प्रमुख थे, फिर मुख्यमंत्री बने और अब वह नयी जिम्मेदारी निभाएंगे।'",1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/rahul-targeted-the-center-on-the-condition-of-farmers-1454720,"किसानों की हालत पर राहुल ने साधा केंद्र पर निशाना, कहा- आय नहीं, कर्ज बढ़ा","नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि देश में किसानों की आय नहीं, बल्कि कर्ज बढ़ा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ किसान की आय नहीं क़र्ज़ बढ़ा! देश का पेट भरने वाला जब अपने परिवार का पेट ना भर सके तो क्या करे?'' राहुल गांधी ने जिस खबर का हवाला दिया उसमें कहा गया है कि 2013 से 2018 के दौरान किसान परिवारों पर औसतन कर्ज 57 प्रतिशत बढ़ गया। ",1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/congress-s-first-reaction-on-vijay-rupani-s-resignation-1454708,"विजय रूपाणी के इस्तीफे पर कांग्रेस का पहला रिएक्शन, जानिए हार्दिक पटेल ने क्या कहा","नई दिल्लीः कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने मुख्यमंत्री पद से विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद शनिवार को भाजपा पर निशाना साधा और दावा किया कि उसने भले ही मुख्यमत्री बदला हो, लेकिन गुजरात की जनता ने सरकार बदलने का मन बनाया है। पटेल ने एक वीडियो के माध्यम से जारी बयान में यह आरोप भी लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने सिर्फ मुख्यमंत्री बदला है, लेकिन गुजरात की साढ़े छह करोड़ जनता ने सरकार बदलने का मन बनाया है।'' कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘पिछले कई वर्षों से चली आ रही भाजपा की गलत नीतियों के कारण लोग दुखी हैं। लाखों नौजवान बेरोजगार हुए हैं। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल है। गांव और किसान परेशान हैं। ऐसे समय जनता सिर्फ मुख्यमंत्री का बदलना नहीं, बल्कि सरकार बदलना चाहती है।'' हार्दिक पटेल ने आरोप लगाया, ‘‘सब जानते हैं कि कोरोना महामारी के समय गुजरात में क्या हुआ। इस स्थिति के लिए सिर्फ भाजपा की सरकार जिम्मेदार थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन के लिए उन्होंने इस्तीफा दिया है, जबकि सच्चाई यह है कि उन्होंने अपनी नाकामी छिपाने के लिए इस्तीफा दिया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात की जनता ने तय कर लिया है कि अब भाजपा को मौका नहीं देना है। कांग्रेस जनता की अपेक्षाओं के मुताबिक लड़ेगी और काम करेगी।'' गौरतलब है कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य में विधानसभा चुनाव होने से लगभग सवा साल पहले शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। गुजरात में अगले साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होना है।",1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/up-cji-nv-ramana-said-bold-decision-to-disqualify-indira-gandhi-1454650,UP: सीजेआई एनवी रमना बोले- इंदिरा गांधी को अयोग्य घोषित करना साहसिक फैसला,"भारत के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण ने शनिवार को कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश जगमोहन लाल सिन्हा द्वारा 1975 में चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों पर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अयोग्य करार देने का निर्णय “बहुत साहस भरा” था जिसने राष्ट्र को हिलाकर रख दिया और इसके परिणाम स्वरूप आपातकाल लागू हुआ। न्यायमूर्ति रमण यहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय परिसर में एक नए भवन का शिलान्यास राष्ट्रपति के कर कमलों द्वारा किया गया। न्यायमूर्ति रमण ने कहा, 1975 में वह न्यायमूर्ति जगमोहन लाल सिन्हा थे जिन्होंने ऐसा आदेश पारित किया जिसमें इंदिरा गांधी को अयोग्य करार दिया गया। इस निर्णय ने देश को हिलाकर रख दिया। वह बहुत साहस भरा निर्णय था और कहा जा सकता है कि इसीके परिणाम स्वरूप आपातकाल की घोषणा की गई। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का 150 साल से अधिक पुराना इतिहास है और इसके बार एवं पीठ ने देश को कई महान कानूनी विभूतियां दी हैं। उल्लेखनीय है कि 12 जून, 1975 को न्यायमूर्ति जगमोहन लाल सिन्हा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री (इंदिरा गांधी) को चुनाव में गड़बड़ी को दोषी पाया और उन्हें जनप्रतिनिधि कानून के तहत किसी भी निर्वाचित पद पर रहने से रोक दिया था। इंदिरा गांधी ने उत्तर प्रदेश में रायबरेली सीट से 1971 का लोकसभा चुनाव अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राज नारायण को हराकर जीता था। पराजित नेता ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि उनके चुनाव एजेंट यशपाल कपूर एक सरकारी सेवक थे और उन्होंने (इंदिरा गांधी) ने निजी चुनाव संबंधी कार्यों के लिए सरकारी अधिकारियों का इस्तेमाल किया। इस बीच, प्रधान न्यायाधीश रमण ने देश की अदालतों के आधारभूत ढांचे पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत में अब भी अदालतें जीर्ण-शीर्ण भवनों और खराब बुनियादी ढांचे के साथ काम कर रही हैं जहां उचित सुविधाएं नहीं हैं। ऐसी स्थिति सभी के लिए अहितकर है। न्यायमूर्ति रमण ने कहा, “अदालत में यह स्थिति कर्मचारियों और न्यायाधीशों के लिए अप्रिय वातावरण का निर्माण करती है जिससे उन्हें अपना काम प्रभावी ढंग से करने में मुश्किल होती है। अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद हम भारत में अदालतों के लिए अच्छा आधारभूत ढांचा उपलब्ध कराने में विफल रहे।” उन्होंने कहा, “यही वजह है कि मैं नेशनल ज्यूडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन का समर्थन कर रहा हूं जो राष्ट्रीय अदालत विकास परियोजना की अवधारणाएं विकसित कर उन्हें क्रियान्वित करेगा। यह उन विभिन्न ढांचागत विकास वैधानिक निकायों की तर्ज पर काम करेगा जो देशभर में राष्ट्रीय संपत्तियों के सृजन की दिशा में काम करते हैं।” इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित आपराधिक मामलों की चिंताजनक संख्या के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मल्टीलेवल पार्किंग और अधिवक्ताओं के चेंबर के निर्माण से लंबित मामलों के निपटारे को लेकर बार और पीठ में पुनः ऊर्जा का संचार होगा। न्यायमूर्ति रमण ने गरीबों और वादकारियों के हितों के लिए राष्ट्रपति कोविंद के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्णयों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने का विचार उनका ही था जिसे अब लागू किया जा चुका है। प्रधान न्यायाधीश ने उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति विनीत शरण के पिता और प्रख्यात अधिवक्ता आनंद भूषण शरण के तैल चित्र का भी अनावरण किया और उन्हें इलाहाबाद के सबसे उत्कृष्ट एवं सम्मानित अधिवक्ताओं में से एक बताया।",1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/karnataka-uttarakhand-and-now-gujarat-bjp-changed-4-cm-in-6-months-1454699,"कर्नाटक, उत्तराखंड, और अब गुजरात, 6 महीने में BJP ने बदले 4 मुख्यमंत्री; जानिए क्या है रणनीति","गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अचानक पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के पीछे कई कयास भी लगाए जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक इसे भाजपा की रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं। लेकिन भाजपा ने पिछले 6 महीनों में एक दो नहीं बल्कि तीन राज्यों में मुख्यमंत्री बदले हैं। गुजरात भी भाजपा ने लोगों की नाराजगी की काट के लिए चेहरा बदलने का फैसला किया है। हाल ही में उत्तराखंड और कर्नाटक में भी भाजपा ने यही फॉर्मूला अपनाया था। पार्टी ने पिछले 6 महीने में बीजेपी ने 4 मुख्यमंत्री बदल दिए हैं। रूपाणी से पहले कर्नाटक में जुलाई में बीएस येदियुरप्पा को कुर्सी छोड़नी पड़ी। बीएस येदियुरप्पा से पार्टी के कई नेता नाराज चल रहे थे। लिंगायत समुदाय के बड़े नेता और दक्षिण में पहली बार कमल खिलाने वाले येदियुरप्पा की जगह अब उनके ही करीबी नेता बीएस बोम्मई को कुर्सी सौंपी गई है। उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत को हटा दिया गया, जबकि मार्च में ही त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर उन्हें सीएम बनाया गया था। गुजरात और उत्तराखंड में अगले साल चुनाव होने जा रहा है। उत्तराखंड में भी त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ नाराजगी को लेकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन वह अधिक दिन तक कुर्सी नहीं संभाल पाए। अब वहां पुष्कर सिंह धामी को जिम्मेदारी दी गई है। उत्तराखंड के बीजेपी नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से तीरथ के खिलाफ शिकायत की थी। कई विवादित बयानों की वजह से वह मीडिया की सुर्खियों में रहे और सरकार की छवि खराब होते देख बीजेपी ने उनकी छुट्टी कर दी। उधर, असम को भी बीजेपी ने हाल ही में नया नेतृत्व दिया है। असम में सर्बानंद सोनेवाल पांच साल तक मुख्यमंत्री रहे और पार्टी यहां दोबारा सत्ता में लौटने में कामयाब रही। चुनाव के बाद बीजेपी ने हिमंत बिस्व सरमा को मुख्यमंत्री बनाया। सरमा ने नॉर्थ ईस्ट में बीजेपी की जड़ें मजबूत की हैं। कांग्रेस से बीजेपी में आने वाले सरमा को पर भरोसा जताकर बीजेपी ने कांग्रेस सहित दूसरी पार्टियों के उन नेताओं को संदेश देने की कोशिश की है, जो भगवा दल में शामिल होना चाहते हैं।",1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/congress-spoke-on-rupani-s-resignation-1454689,"रूपाणी के इस्तीफे पर बोली कांग्रेस, भाजपा की अंदरूनी लड़ाई और मोदी-शाह की विफलता सामने आई","कांग्रेस ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद से विजय रूपाणी के इस्तीफा देने के बाद शनिवार को दावा किया कि इस घटनाक्रम से विभिन्न राज्यों में भाजपा की अंदरुनी लड़ाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह की विफलता सामने आई है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि अब गुजरात को ‘भाजपा से मुक्ति दिलाने' का समय आ गया है। This show failure of PM’s & HM’s leadership. If their anointed CM, Sh. Vijay Rupani has failed #Gujarat & its people after 5 years, onus must lie at the doorsteps of Modiji. Time to rid Gandhi-Patel’s ‘Karambhoomi’ of the machiavellian BJP & its leadership.#VijayRupaniResigns https://t.co/k9iHPagFzj — Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 11, 2021 उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दो चीजें आज सामने आई हैं। पहली यह कि सभी भाजपा शासित राज्यों में अंदरुनी लड़ाई है, चाहे वह गुजरात हो, उत्तर प्रदेश हो, मध्य प्रदेश हो, असम हो या हरियाणा हो। दूसरी यह है कि भक्त मीडिया भाजपा में चल रही आपसी लड़ाई से बेखबर बना हुआ है क्योंकि उसका काम सिर्फ विपक्षी शासित राज्यों पर ध्यान केंद्रित रहना है।'' सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘यह मोदी और अमित शाह की विफलता को दिखाता है। उनके द्वारा बनाये गए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने पांच वर्ष के बाद गुजरात और उसके लोगों को निराश किया। इसकी जिम्मेदारी मोदी जी की भी है।'' शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘गांधी-पटेल की कर्मभूमि से कुटिल भाजपा एवं उसके नेतृत्व से मुक्त दिलाने का समय आ गया है।'' कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भाजपा पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘‘त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, बी एस येदियुरप्पा के बाद अब, विजय रूपाणी भी भाजपा के मार्गदर्शक मंडल में शामिल होंगे।'' गौरतलब है कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य में विधानसभा चुनाव होने से लगभग सवा साल पहले शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य के मुख्यमंत्री के पद से रूपाणी ने किन कारणों से इस्तीफा दे दिया है, जहां 182 सदस्यीय विधानसभा के लिये चुनाव अगले साल दिसंबर में होने हैं। रूपाणी (65) ने दिसंबर 2017 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।",1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/who-is-the-next-chief-minister-of-gujarat-1454668,"गुजरात का अगला मुख्यमंत्री कौन? नितिन पटेल, मांडविया के नामों को लेकर अटकलें तेज","विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद गुजरात के नए मुख्यमंत्री को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है। इनमें उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, राज्य के कृषि मंत्री आर सी फल्दू और केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला एवं मनसुख मांडविया के नामों की अटकलें लगाई जा रही हैं। रूपाणी ने राज्य में विधानसभा चुनाव से करीब सवा साल पहले बगैर कोई विशेष कारण बताए मुख्यमंत्री पद से शनिवार को इस्तीफा दे दिया। भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने बताया, ‘‘पटेल, फल्दू, रूपाला और मांडविया के नामों की चर्चा चल रही है। लेकिन यह कहना असंभव है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा क्योंकि इस बारे में फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।'' उल्लेखनीय है कि आनंदीबेन पटेल ने जब अगस्त 2016 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, तब यह कहा जा रहा था कि पटेल उनके उत्तराधिकारी होंगे, लेकिन आखिरी क्षणों में लिये गये एक फैसले में रूपाणी को इस शीर्ष पद के लिए चुन लिया गया। रूपाणी के इस्तीफे के बाद नितिन पटेल को अगला मुख्यमंत्री बनाने की मांग सोशल मीडिया पर जोरशोर से शुरू हो गई। वहीं, पटेल की तरह ही प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से आने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया को भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे माना जा रहा है। समुदाय के नेताओं ने हाल ही में यह मांग की थी कि अगला मुख्यमंत्री एक पाटीदार (समुदाय से) होना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल को मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं माना जा रहा है। वह मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। सूत्रों ने कहा कि भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव से एक साल पहले आनंदीबेन पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था। उन्होंने कहा कि रूपाणी के साथ भी ऐसा ही किया गया और उनके उत्तराधिकारी दिसंबर 2022 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं।",1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/gujarat-vijay-rupani-keshubhai-patel-keshubhai-anandiben-patel-1454625,"गुजरात में बड़ा सियासी उलटफेर, मोदी के बाद कोई भी CM अपना कार्यकाल नहीं कर सका पूरा","गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य में विधानसभा चुनाव होने से लगभग सवा साल पहले शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि रूपाणी ने किन कारणों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के 3 घंटे पहले रुपाणी पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। रूपाणी ने दिसंबर 2017 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। गुजरात की सियासत में सबसे हैरानी वाली बात यह है कि नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद यहां कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। आईए देखते हैं एक लिस्ट। गुजरात में 23 साल में पांच मुख्यमंत्री बदले केशुभाई पटेल 1995 में सात महीने तक मुख्यमंत्री रहे थे, लेकिन इसके बाद सत्ता शंकर सिंह वाघेला के हाथों में चली गई। केशुभाई 4 मार्च 1998 को दोबारा मुख्यमंत्री बने और करीब साढ़े तीन साल यानी 6 अक्टूबर 2001 तक मुख्यमंत्री रहे। केशुभाई के बाद नरेंद्र मोदी 7 अक्टूबर 2001 को मुख्यमंत्री बने। वे 22 मई 2014 तक इस पद पर रहे। उनके बाद आनंदीबेन पटेल 7 अगस्त 2016 तक दो साल तीन महीने मुख्यमंत्री रहीं। आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद विजय रूपाणी को गुजरात के सीएम बने। वे दिसंबर 2017 तक मुख्यमंत्री रहे। फिर विधानसभा चुनाव के बाद भी उन्हें ही कमान मिली। इस्तीफे के बाद क्या बोले रूपाणी रूपाणी ने शनिवार को राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पांच साल तक राज्य की सेवा करने का अवसर दिया गया। मैंने राज्य के विकास में योगदान दिया। आगे मेरी पार्टी जो काम देगी, मैं करुंगा।'' रूपाणी ने कहा, ‘‘भाजपा में यह परंपरा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां समय-समय पर बदलती हैं। पार्टी भविष्य में मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे लेने को तैयार रहूंगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की जनता की सेवा करने का यह अवसर देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं।'' रूपाणी ने राज्य भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्रियों पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख मांडविया, राज्य सरकार में सहयोगी उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, भूपेंद्रसिंह चूडास्मा और प्रदीप सिंह जडेजा के साथ राज्यपाल से मुलाकात की। इस्तीफे की वजह पूछने पर रूपाणी ने कहा, ‘‘भाजपा में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए यह रिले रेस की तरह है। इसमें एक कार्यकर्ता दूसरे को मशाल सौंपता है।'' राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी इस बारे में फैसला करेगी।",1 https://www.punjabkesari.in,https://www.punjabkesari.in/national/news/nadda-said--focus-on-village-poor-and-farmer-1454636,"भाजपा के बूथ विजय अभियान का आगाज, नड्डा बोले- गांव, गरीब और किसान पर फोकस","प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘बूथ जीता तो चुनाव जीता' के मंत्र साथ उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बूथ विजय अभियान का शुभारम्भ करते हुये पार्टी अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा ने कहा कि संघर्ष से समाधान की यात्रा से बनी भाजपा बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत और योगी सरकार की लोकप्रियता के बूते राज्य में एक बार फिर सरकार बनाने में सफल होगी। नड्डा ने शनिवार को 27,700 शक्ति केंद्र प्रभारियों को वर्चुअली संबोधित करते हुये कहा कि अपनी नीतियों और योजनाओं से गांव, गरीब,किसान,दलित और पिछड़े वर्ग को विकास की मुख्य धारा में लाने वाली केन्द्र की नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लोकप्रियता के शिखर पर है। भाजपा संघर्ष से समाधान की यात्रा से बनी है। पार्टी के कार्यकर्ता हमारी ताकत है, हम बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के बल पर यहां तक पहुंचे हैं और इन्ही के दम पर जनता का भरपूर आशीर्वाद योगी सरकार को फिर मिलेगा और प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होने कहा कि देश में जातिवाद, परिवारवाद, वंशवाद और सम्प्रदायवाद की राजनीति का अंत हुआ है और विकास की राजनीति प्रतिष्ठित हुई है। मोदी के नेतृत्व में 2017 के विधानसभा चुनाव में में भाजपा ने 325 सीटे जीतकर इतिहास रचा था। 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में भी उत्तर प्रदेश की जनता ने विकास की राजनीति को अपना समर्थन दिया था। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कार्यकर्ताओं की शक्ति ही हमारे लिए अमूल्य है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘सेवा ही संगठन' के दोनों कार्यक्रमों के तहत मानव सेवा और कर्मठता की मिशाल पेश की है। हमारा बूथ कोरोना मुक्त अभियान काफी सफल रहा है। कोई विश्वास नहीं करता था कि कोरोना मुक्त बूथ बनाने में भाजपा या भाजपा कार्यकर्ता आकर ऐसा कार्य करेंगे। हमारे कार्यकर्ताओं ने संकट के समय, विषम परिस्थितियों में मानवता की सेवा का अनुपम कार्य किया। योगी सरकार की तारीफ करते हुये उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने राज्य में विकास के सारे रिकॉडर् को तोड़ा है। अब इसको आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी संगठन की है। सभी कर्मठ कार्यकर्ताओं की शक्ति ही पार्टी के लिए अमूल्य है। उत्तर प्रदेश में चार एक्सप्रेस वे बनाएं जा रहे हैं, ये केवल एक्सप्रेस वे नहीं बल्कि डेवेलपमेंट एक्सप्रेस वे हैं। इनसे न केवल रोजगार बढ़ेगा, बल्कि उद्योग भी लगेंगे और निवेश भी आएगा। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने से पहले देश की जीडीपी में यूपी का योगदान 10.90 लाख करोड़ रुपये था। जबकि अब यह लगभग दोगुना 21.73 लाख करोड़ रुपये हो गया है। श्री योगी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में निवेश 11 लाख करोड़ से बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।",1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/entertainment/punjab-cm-captain-amrinder-singh-resigns-sayed-zafar-islam-epic-reply-to-news-anchor-call-him-patriot/1829650/,"कांग्रेस की आपदा में BJP को अवसर दिख रहा है? एंकर के सवाल पर BJP नेता ने दिया जवाब, कैप्टन अमरिंदर को बताने लगे देशभक्त","मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। इस बात को लेकर आजतक के शो में चर्चा हुई, जहां भाजपा प्रवक्ता ने उन्हें देशभक्त बताया|कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफ़ा। (फोटो सोर्स – सोशल मीडिया)पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने विश्वस्त विधायकों के साथ बैठक करने के बाद राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात कर उन्हें इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने अपने साथ-साथ पूरी कैबिनेट का इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा है। उनके इस कदम को लेकर आज तक के डिबेट शो ‘दंगल’ में भी चर्चा की गई, जहां न्यूज एंकर ने भाजपा नेता सैयद जफर इस्लाम से सवाल किया कि क्या कांग्रेस की इस आपदा में भाजपा को अवसर दिखाई दे रहा है। न्यूज एंकर की बात का जवाब देते हुए भाजपा नेता, कैप्टन अमरिंदर सिंह को देशभक्त बताने लगे। न्यूज एंकर चित्रा त्रिपाठी ने भाजपा प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम से सवाल किया, “कांग्रेस की इस आपदा में भाजपा को अवसर दिखाई दे रहा है क्या?” इसका जवाब देते हुए भाजपा नेता ने कहा, “एक फर्क आपको साफ दिखा होगा कि सरकारें बदलती हैं, मंत्री बदलते हैं, कैबिनेट बदलते हैं। किसी को उपलब्धि मिलती है या किसी को नहीं। लेकिन कांग्रेस में जो स्थिति देखी गई, वह किसी और पार्टी में नहीं देखी गई।” सैयद जफर इस्लाम ने इस बारे में बात करते हुए आगे कहा, “वही हाल पंजाब में, छत्तीसगढ़ में और राजस्थान में भी देखने को मिल रहा है। इससे समझ आता है कि उनके लिए सत्ता सबसे बड़ी प्राथमिकता है। भारतीय जनता पार्टी को फायदा होगा या नुकसान होगा, वह बाद की बात है।” उनकी बात पर न्यूज एंकर ने बीच में टोकते हुए गुजरात की याद दिलाई। चित्रा त्रिपाठी ने कहा, “पिछले शनिवार को गुजरात में आप लोगों ने बदल दिया था। अब इस शनिवार कांग्रेस ने पंजाब में बदल दिया, तो दोनों पार्टियां अलग कैसे हुईं?” इसका जवाब देते हुए सैयद जफर इस्लाम ने कहा, “वहां मुख्यमंत्री के साथ-साथ सारे मंत्री बदल दिये गए, लेकिन कोई चूं चां नहीं हुई।” सैयद जफर इस्लाम ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को देशभक्त बताते हुए कहा, “लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिस तरह से अपमानित किया गया। वह एक देशभक्त और अच्छे इंसान हैं और जनता देख रही है कि कांग्रेस की सत्ता की भूख कैसी है।” उनकी बात पर चुटकी लेते हुए न्यू एंकर ने कहा, “अब वो आपको देशभक्त लग रहे हैं, तारीफ शुरू हो गई उनकी।” न्यूज एंकर की बात पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “देश के जो मुद्दे होते थे, उनपर उनके ट्वीट कांग्रेस पार्टी से काफी अलग होते थे।”",1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/national/punjab-cm-captain-amrinder-singh-resigns-after-tussle-in-party-with-navjot-singh-sidhu/1829478/,"कैप्टन अमरिंदर ने दिया पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा, बोले- अपमानित महसूस करता था","पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दिन भर चली बैठकों के बाद उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को इस्तीफा सौंपा।राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद मीडिया से बात करते कैप्टन अमरिंदर सिंह। फोटो सोर्स- कमलेश्वर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने विश्वस्त विधायकों के साथ बैठक के बाद उन्होंने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात करके इस्तीफा सौंप दिया। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने साथ पूरी कैबिनेट का इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है। बीते कई महीनों से पंजाब में कांग्रेस के अंदर कलह चल रही थी। नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उनकी नाराजगी और बढ़ गई थी। वहीं सिद्धू भी कैप्टन अमरिंदर पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। बार-बार हुआ अपमानः कैप्टन राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद बाहर मीडिया से बात करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मेरा फैसला आज सुबह हो गया था, मैं बातचीत के लहजे से अपमानित महसूस करता था। मैंने सुबह कांग्रेस अध्यक्ष को अपने इस्तीफे की सूचना दे दी थी। उन्होंने कहा कि बार-बार विधायकों के साथ बैठक की जाती थी। पिछले दो महीनों में यह तीसरी बार हो रहा है, मै समझता हूं कि ऐसा माना जाता है कि मैं सरकार चला नहीं पा रहा हूं। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष (सोनिया गांधी) को जिस पर भरोसा होगा उसे सीएम बना देंगी। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद मीडिया से बात करते कैप्टन अमरिंदर सिंह कैप्टन अमरिंदर ने अपनी नाराजगी जाहिर की तो उनसे भविष्य की राजनीति को लेकर सवाल किया गया, इस पर पूर्व सीएम ने कहा कि अपने लोगों से बात करूंगा और उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने भावी मुख्यमंत्रियों के कयासों पर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मैं अब भी कांग्रेस में हूं। मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है। फ्यूचर पॉलिटिक्स हमेशा एक विकल्प होती है और जब मुझे मौका मिलेगा मैं उसका इस्तेमाल करूंगा। कैप्टन के इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी ने यूं कसा तंज बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने आज ही विधायक दल की बैठक बुलाई है और इसमें नेता चुना जा सकता है। बताया जा रहा है कि विधायक और कई मंत्री कैप्टन से असंतुष्ट थे और उन्होंने चुनाव से पहले मुंख्यमंत्री बदलने की गुजारिश आलाकमान से की थी। हरीश रावत ने भी ट्वीट कर बताया था कि विधायकों ने बैठक बुलाने की अपील की है।",1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/rajya/rjd-supremo-lalu-prasad-yadav-son-tejpratap-yadav-prepare-plan-for-his-own-organisation/1829525/,"लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप ने छात्र जनशक्ति परिषद के लिए बना दिया 100 दिन का ‘ऐक्शन प्लान’, दिया नारा- राजनीति सीखो, नेतृत्व करो…","तेज प्रताप यादव ने अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद के लिए राजनीति सीखो और नेतृत्व करो का नारा देते हुए 100 दिनों का ऐक्शन प्लान तैयार किया है। छात्र जनशक्ति परिषद नाम का एक नया संगठन बनाने के बाद से ही तेज प्रताप यादव ऐक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। (फोटो – फेसबुक/TejPratapYadav) राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से मनमुटाव के बाद छात्र जनशक्ति परिषद नाम का एक नया संगठन बनाया है। नया संगठन बनाने के बाद से ही तेज प्रताप यादव ऐक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। अब उन्होंने अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद के लिए राजनीति सीखो और नेतृत्व करो का नारा देते हुए 100 दिनों का ऐक्शन प्लान तैयार किया है। तेजप्रताप यादव के नए संगठन छात्र जनशक्ति परिषद में लोगों की मदद करने के लिए तीन प्रकोष्ठ बनाया गया है। शिक्षा से संबंधित मसलों को देखने के लिए शिक्षा परिषद, लोगों को न्याय दिलाने के लिए न्याय परिषद और सामान्य जन की मदद के लिए जनपरिषद बनाया गया है। इन परिषदों ने लोगों को उनकी योग्यता के हिसाब से रखा जाएगा। तेजप्रताप के इस संगठन से जुड़े लोग युवाओं को यूपीएससी और दूसरी नौकरियों में जाने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके लिए संगठन की तरफ से ही कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही तेजप्रताप ने इस संगठन के लिए राजनीति सीखो और नेतृत्व करो का नारा भी दिया है। इस नारे का असली मकसद युवाओं को राजनीति की तरफ प्रेरित करना भी है। संगठन ने आगामी 100 दिनों के लिए अपने कार्यक्रम का भी ऐलान कर दिया है। यह कार्यक्रम 26 सितंबर से लेकर 26 नवंबर तक चलेगा. इस दौरान संगठन से जुड़े लोग राज्य के अलग अलग हिस्सों में जाकर युवाओं, विद्यार्थियों और सामजिक कार्यकर्ताओं को संगठन से जोड़ेंगे। तेजप्रताप ने छात्र जनशक्ति परिषद के संगठन प्रभारी की जिम्मेदारी डॉ सुमंत राव को दी है और प्रशांत यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। हालांकि छात्र जनशक्ति परिषद ने चुनावी राजनीति में नहीं आने का ऐलान किया है। संगठन के नेताओं ने पिछले दिनों कहा था कि यह कोई राजनीतिक दल नहीं है इसलिए हमारा काम चुनाव लड़ना नहीं है। बल्कि हम राजद को मजबूत करने के लिहाज से काम कर रहे हैं। नए संगठन की शुरुआत के मौके पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने भी कहा था कि राजद को सशक्त करने के लिए यह नया सामाजिक संगठन बनाया गया है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून और बेरोजगारी सरीखे अहम मुद्दों को उठाने का काम करेगा। साथ ही उन्होंने कहा था कि हम इसके जरिए बिहार में नए आंदोलन की शुरुआत करेंगे, जो कि दूसरे राज्यों तक भी पहुंचेगा। छात्र राजद अलग काम करेगा, जबकि यह दूसरी तरह से चलेगा।",1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/rajya/babul-supriyo-meets-with-baba-ramdev-during-flight-and-join-bjp-mamata-banerjee-tmc/1829499/,"‘बंगाल से दीदी के खिलाफ एक सीट तो लाकर दूंगा’, फ्लाइट में बाबा रामदेव के साथ हुई मुलाकात के बाद BJP में इस तरह शामिल हुए थे बाबुल सुप्रियो","योग गुरु बाबा रामदेव के साथ मुलाकात में बाबुल सुप्रियो ने यह दावा किया था कि वह 2014 के लोकसभा चुनावों में ममता बनर्जी ‘दीदी’ के खिलाफ कम से कम एक सीट तो जीतकर दे सकते हैं। बाबुल सुप्रियो राजनीति में अपना गुरु बाबा रामदेव को मानते हैं, ममता बनर्जी के किले में सेंधमारी के लिए बीजेपी ने दिया था टिकट। Photo Source- Indian Express पश्चिम बंगाल की राजनीति में शनिवार को एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला। बाबुल सुप्रियो ने भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़, ममता बनर्जी की TMC का दामन थाम लिया। बाबुल सुप्रियो ने 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी ज्वाइन की थी। एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया था कि कैसे बाबा रामदेव से मुलाकात के बाद राजनीति में उनके लिए नए रास्ते बने थे। योग गुरु के साथ मुलाकात में सुप्रियो ने यह दावा किया था कि वह लोकसभा चुनावों में ममता बनर्जी ‘दीदी’ के खिलाफ कम से कम एक सीट तो जीतकर दे सकते हैं। इंडिया टीवी के कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ के एक एपिसोड में बाबुल सुप्रियो ने बताया था कि वह 2014 के चुनावों से पहले बाबा रामदेव से एक हवाई यात्रा के दौरान मिले थे। उन्होंने बताया कि मैं दिल्ली से एक शो करके वापस कोलकाता जा रहा था। फ्लाइट में मेरी पास वाली सीट पर बाबा रामदेव बैठे थे। रामदेव के सेक्रेटरी ने उन्हें बताया कि सुप्रियो एक सिंगर हैं और बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपनी आवाज दे चुके हैं। तो हमारे बीच बातें होने लगीं। कार्यक्रम में सुप्रियो बताते हैं कि मैंने देखा कि रामदेव के हाथ में एक पर्ची है और वह फोन पर लगातार किसी से बात कर रहे हैं, मैंने जब उनसे पर्ची के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि इसमें उम्मीदवारों के नाम है। इस पर मजाक में बाबुल सुप्रियो ने उनसे कह दिया कि आप मेरा नाम इस लिस्ट में लिख लिजिए, मैं बहुत अच्छा आदमी हूं। मजाक में कही गई बात पर जब गंभीरता से चर्चा हुई तो बाबुल सुप्रियो ने योग गुरु को आश्वासन दिया कि पश्चिम बंगाल में दीदी के खिलाफ एक सीट तो कैसे भी जीत करके दूंगा। इसके बाद बाबा रामदेव ने अपने सेक्रेटरी से उनका मोबाइल नंबर लेने के लिए कहा। कार्यक्रम में बाबुल सुप्रियो ने बताया कि इस मुलाकात के एक हफ्ते के बाद फोन आया, उन्होंने मुझसे इस दावे के बारे में पूछा गया। यहां बाबुल सुप्रियो ने फिर दोहराया कि आप अगर मुझे समर्थन देंगे तो मैं पश्चिम बंगाल से चुनाव लड़ूंगा और जीत कर भी दिखाउंगा। इसके बाद उन्हें बीजेपी ने आसनसोल सीट से टिकट दिया और वह 4 लाख 19 हजार वोट पाकर सांसद चुने गए, 2019 में भी वह इसी सीट से जीतने में कामयाब रहे थे। पश्चिम बंगाल चुनावों में मिली हार के बाद सुप्रियो के रिश्ते पार्टी के नेताओं के साथ बिगड़ने लगे थे। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद सुप्रियो का दर्द, पार्टी के प्रति नजर आया था। हालांकि उन्होंने सन्यांस की घोषणा की थी लेकिन आज तमाम अटकलों के बीच ममता बनर्जी की टीम के सिपाही बन गए। TMC की सदस्यता लेते वक्त उनके साथ अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ’ब्रायन भी नजर आए।",1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/entertainment/rakesh-tikait-on-his-chacha-jaan-remark-over-aimim-chief-asaduddin-owaisi-there-is-nothing-bad-in-taking-ones-name-with-respect/1829432/,"सम्मान से किसी का नाम लेना गलत बात नहीं- ‘चचाजान’ वाले बयान पर बोले राकेश टिकैत, ‘BJP वाले चचाजान क्यों नहीं बोल सकते?’","राकेश टिकैत ने अपने ‘चचाजान’ वाले बयान पर कहा है कि उन्होंने सम्मानित तरीके से ही असदुद्दीन ओवैसी का नाम लिया है और इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। राकेश टिकैत ने चचाजान वाले अपने बयान का बचाव किया है (Photo-PTI) आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर बयानबाजी अभी से शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘अब्बा जान’ वाले बयान पर विवाद अभी थमा नहीं था कि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को बीजेपी का ‘चचाजान’ बता दिया। उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव में बीजेपी को कोई दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि उनके चचाजान यूपी में आ चुके हैं। अब राकेश टिकैत ने अपने बयान पर एक बार फिर से प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने सम्मानित तरीके से ही ओवैसी नाम लिया है और इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। आज तक के एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘ये तो गांव के लोग कहते हैं कि दोनों (बीजेपी और एआईएमआईएम) ए और बी टीम है। गांव के लोग बताते हैं ये बातें, आप सर्वे करा लो।’ उन्होंने आगे कहा, ‘किसी को कोई नाम लेकर तो बुलाना पड़ेगा न। और फिर यूपी में आए हैं तो बीजेपी वाले कोई तो नाम देंगे न उन्हें। सम्मान से किसी का नाम लेना कोई गलत धारणा थोड़ी है। बीजेपी वाले चचाजान उनको क्यों नहीं कह सकते हैं? उसमें क्या दिक्कत हो गई?’ राकेश टिकैत ने हापुड़ में एक रैली के दौरान असदुद्दीन ओवैसी को बीजेपी का चचाजान कहा था। उन्हें आरोप लगाया था कि अगर असदुदीन ओवैसी बीजेपी को गाली देते हैं तो भी उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं होता। दोनों एक ही टीम हैं। उनके इस बयान पर असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया भी आई है। उन्होंने कहा है कि टिकैत को इस तरह की राजनीति बंद कर देना चाहिए। उनका कहना है कि मुसलमानों को उत्तर प्रदेश की राजनीति में भागेदारी दिलाने के मकसद से उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी, उनका मकसद मुस्लिम वोट को काटना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुसलमान किसी राजनीतिक दल के बंधुआ या कैदी नहीं हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मुझ पर वोट काटने का इल्जाम लगा रहे हैं लेकिन वो क्यों नहीं बताते कि 2019 के लोकसभा चुनाव में 75 फीसदी मुसलमानों ने समाजवादी पार्टी को वोट दिया मगर इसके बावजूद उनकी पत्नी और दोनो भाई चुनाव कैसे हार गए?’",1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/national/bjp-leader-and-former-union-minister-babul-supriyo-joins-trinamool-congress/1829438/,"पश्चिम बंगालः बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने ज्वॉइन कर ली ममता बनर्जी की TMC, मंत्री पद छिनने के बाद किया था सियासत से संन्यास का ऐलान","टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा है कि भाजपा के कई नेता टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं। कई नेता भाजपा से संतुष्ट नहीं हैं। एक (बाबुल सुप्रियो) आज शामिल हुए हैं, दूसरा कल शामिल होना चाहता है। यह प्रक्रिया चलती रहेगी। डेरेक ओ ब्रायन और अभिषेक बनर्जी के साथ बाबुल सुप्रीयो। फोटो- एएनआई ट्विटर हैंडल भारतीय जनता पार्टी से नाराज चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो शनिवार को टीएमसी में शामिल हो गए। बताते चलें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में वो हार गए थे उसके बाद उन्हें मोदी मंत्रिमंडल से भी हटा दिया गया था। जिसके बाद से वो पार्टी से नाराज थे। हालांकि उन्होंने पहले राजनीति छोड़ने के संकेत दिए थे। कई नेता हैं टीएमसी के संपर्क में: टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा है कि भाजपा के कई नेता टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं। कई नेता भाजपा से संतुष्ट नहीं हैं। एक (बाबुल सुप्रियो) आज शामिल हुए हैं, दूसरा कल शामिल होना चाहता है। यह प्रक्रिया चलती रहेगी। टीएमसी की तरफ से एक ट्वीट में कहा गया, ”आज राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में पूर्व केंद्रीय मंत्री व मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो तृणमूल परिवार में शामिल हो गए।” बताते चलें कि इससे पहले जुलाई महीने में उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने का फैसला कर लिया था। फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर करके उन्होंने कहा था कि अब समाजसेवा की तरफ ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं और यह काम राजनीति के बिना भी किया जा सकता है। बता दें कि मोदी कैबिनेट के विस्तार के बाद भी उन्होंने फेसबुक पर निराशा जताई थी। उन्होंने कहा था कि जो लोग बंगाल से मंत्रिमंडल मे शामिल हो रहे हैं, उनके लिए खुश हूं लेकिन अपने लिए दुखी भी हूं। फेसबुक पर लंबी-चौड़ी पोस्ट शेयर करते हुए बाबुल सुप्रियो ने लिखा था, ‘सब की बातें सुनी.. बाप, (माँ) पत्नी, बेटी, दो प्यारे दोस्त.. इसके बाद कहता हूँ मैं किसी और पार्टी में नहीं जा रहा.. न काग्रेस, न टीएमसी न सीपीआई। मैं एक टीम का खिलाड़ी हूँ! हमेशा एक टीम का समर्थन किया है।’ ‘अलविदा’ शब्द के साथ शुरू हुई पोस्ट में उन्होंने कहा था, ‘ सामाजिक कार्य करना है तो बिना राजनीति के भी कर सकते हैं।’",1 https://www.jansatta.com,https://www.jansatta.com/national/lord-ganesha-uniform-of-rss-in-gwalior-congress-leader-kk-mishra-said-fake-contractors-of-hindutva/1829260/,"भगवान गणेश की मूर्ति को पहना दी RSS की ड्रेस, विवाद! बोली कांग्रेस- कुछ कहेंगे हिंदुत्व के फर्जी ठेकेदार?","भगवान गणेश को संघ का गणवेश पहनाने पर कांग्रेस की तरफ से जुबानी हमला बोला गया है। कांग्रेस के एक नेता ने फोटो ट्वीट करते हुए कहा कि आखिर अब क्या कहेंगे हिंदुत्व के फर्जी ठेकेदार? मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भगवान गणेश की प्रतिमा को संघ(RSS) का गणवेश पहनाया गया है(Twitter)। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में गणेश चतुर्थी के मौके पर स्थापित भगवान गणेश की एक प्रतिमा इन दिनों चर्चा में है। दरअसल इस प्रतिमा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के गणवेश में दिखाया गया है। इस मूर्ति को आपागंज शीतला कॉलोनी में स्थापित किया गया है। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताते हुए पूछा है कि हिंदुत्व के फर्जी ठेकेदार कहां है? पार्टी का आरोप है कि भाजपा ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए श्रीराम के बाद अब श्रीगणेश का भी उपयोग करना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर, झांकी के आयोजक बलराम सिंह ने इन आरोपों से अलग अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि, भगवान को कौन किस रूप में देखना चाहता है, ये तो उसके भक्ति भाव पर निर्भर करता है। श्रीगणेश को संघ का गणवेश पहनाने के पीछे हमारा कोई विशेष उद्देश्य नहीं है। हम उन्हें इस रूप में देखना चाहते थे, इसलिए ऐसा किया गया। बलराम सिंह ने कहा कि हम अपने आयोजन में हर बार अलग-अलग मुद्रा में गणेश भगवान की प्रतिमा स्थापित करते हैं। गणेश की सवारी मूषक को भी RSS का गणवेश पहनाया गया है। दोनों प्रतिमाओं की मुद्रा उसी तरह है, जिस तरह संघ में प्रणाम करने की परंपरा होती है। प्रतिमा के पीछे शेर पर सवार भारत माता का एक बड़ा पोस्टर भी लगाया गया है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव केके मिश्र ने फोटो को ट्वीट करते हुए लिखा कि “जिस मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम ने अपने पिता के निर्देश पर सत्ता त्याग 14 साल वनवास भोगा,उनके नाम का दुरुपयोग कर सत्ता बनाने,बचाने व चंदा खाने वालों ने अब ग्वालियर में विघ्नहरण गणेश जी को बनाया आरएसएस कार्यकर्ता, क्या यह उचित है!कुछ कहेंगे हिंदुत्व के फर्जी ठेकेदार?” कांग्रेस नेता द्वारा किए गए इस ट्वीट पर उनके समर्थकों ने भी अपनी आपत्ति जताई। @atroliyaravi ने लिखा-, “यह तो वाकई हद है।अब गणपति भी संघी पोषाक में? वोट जो ना कराये कम है। भाजपा के पास दिखाने को कुछ नहीं है तभी कभी राम कभी गंगा, कभी गाय कभी गणेश की जी का सहारा। छि: धर्म का दुरुपयोग” @shivshaktijoshi ने लिखा- “जाकि रहीं भावना जैसी, प्रभु मुरत देखी तिन्ह वैसी।”",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/congress-crisis-indira-had-lost-her-life-in-rectifying-the-terrible-mistakes-of-punjab,"Congress crisis: पंजाब की भयंकर भूलें सुधारने में गई थी 'इंदिरा' की जान, फिर दोराहे पर कांग्रेस","कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं। उन्होंने सीएम बनने के बाद कई वादे किए थे। ड्रग्स रैकेट पर कठोर कार्रवाई की बात कही गई, लेकिन व्यवहार में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला।"" राजनीति में उलटफेर तो चलता ही रहता है। बड़ी बात ये है कि उससे पार्टी की साख नहीं गिरनी चाहिए। किसी के आत्मसम्मान को भी ठेस न लगे। वैसे दिल्ली और पंजाब के बीच लंबे समय तक तनाव रहा है। अतीत में पंजाब को लेकर भयंकर भूलें हुईं जिसकी कीमत इंदिरा गांधी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। उसके बाद डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री और कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस पार्टी ने सिखों का दिल जीता था। राजनीतिक विश्लेषक एवं जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर डॉ. आनंद कुमार बताते हैं, अमरिंदर सिंह का सामंती तरीका बहुत से लोगों को अखरता रहा है। राजा, महाराजा या नवाबों वाले शौक अभी छूटे नहीं थे। विधायकों के लिए कैप्टन साहब सुगमता से उपलब्ध नहीं होते थे। अगर कांग्रेस पार्टी उनका बेहतर विकल्प तलाशने में कामयाब रहती है तो पंजाब में 2022 के चुनावी दंगल में पांव उखड़ने की नौबत से बचा जा सकता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं। उन्होंने सीएम बनने के बाद कई वादे किए थे। ड्रग्स रैकेट पर कठोर कार्रवाई की बात कही गई, लेकिन व्यवहार में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। कैप्टन पर पंजाब में अकालियों से साठगांठ रखने का बड़ा आरोप लगता रहा है। चूंकि वे हर समय बतौर सीएम उपलब्ध नहीं होते थे तो ऐसे में ब्यूरोक्रेसी उन पर हावी हो चली थी। जनप्रतिनिधियों की सुनवाई न तो सीएम कार्यालय में और न ही नौकरशाह उनकी बात गंभीरता से सुन रहे थे। डॉ. आनंद कुमार कहते हैं कि वादे पूरे नहीं हुए। आम लोगों से दूरी बढ़ती जा रही थी। हां, कैप्टन ने किसान आंदोलन में किसानों को हद से ज्यादा छूट दी। धरना-प्रदर्शन, बंद, सड़क रोकना या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, कैप्टन को इन सबसे कोई मतलब नहीं था। उन्होंने बयान भी किसानों के समर्थन में दिए। पंजाब में जब किसान आंदोलन शुरू हुआ तो अमरिंदर सिंह के बारे में लोगों ने कहा कि 2022 में कांग्रेस की दोबारा सत्ता वापसी हो रही है। डॉ. आनंद कुमार के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी अमरिंदर सिंह के मामले में ज्यादा गुण दोष नहीं देख सकी। बैठे बिठाए पंगा मोल ले लिया। अभी कुछ दिन पहले मैंने कहा था कि इंदिरा गांधी की आत्मा भाजपा में चली गई है। वह बात मुख्यमंत्री बदलने के संदर्भ में कही थी। आज पंजाब का राजनीतिक घटनाक्रम देखकर कह सकता हूं कि पूर्व प्रधानमंत्री की आत्मा वापस कांग्रेस में लौट आई है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत पर संकट आया तो पार्टी ने आत्मसंयम बरता। नतीजा, गहलोत की कुर्सी बच गई। वैसे कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्रियों को सम्मान देने की परंपरा नेहरू के जमाने से रही है। अब कांग्रेस 'हाईकमान' का अनिश्चितता से भरा एक कदम पार्टी की साख को बट्टा लगा सकता है। यहां तक कि कांग्रेस हाईकमान की कार्यशैली को लेकर पीएम मोदी और एनसीपी नेता शरद पवार भी टिप्पणी कर चुके हैं। कांग्रेस हाईकमान की शैली को अजीब बताया गया है। मुख्यमंत्री हटते ही पंजाब का राजनीतिक सीन बदलने लगता है। अभी तक वहां कांग्रेस, अकाली और आप, ये तीन पार्टियां ही सक्रिय रहती हैं। कहा जाता है कि एक पार्टी सत्ता में आई तो माफिया राज आ जाएगा। दूसरी पार्टी को लेकर ऐसी चर्चा होती है कि वह सरकार में आ गई तो खालिस्तान आंदोलन दोबारा से खड़ा होने में देर नहीं लगाएगा। कैप्टन अमरिंदर पर 'राजा की तरह' शासन करने के आरोप भले ही लगते रहें, लेकिन उन्हें माफिया का करीबी तो कोई नहीं कह सकता। अब कांग्रेस पार्टी खुद को जब नए दौर में एडजस्ट करने के लिए राह तलाश रही है तो उसके लिए कैप्टन अरमेंद्र सिंह की विदाई घाटे का सौदा नहीं बनेगी। बशर्ते वे ऐसा विकल्प तलाशें, जो उन कमियों के पार जाने में सक्षम हो, जिनके भंवर में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह फंस कर रह गए।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/kerala-bjp-mp-kj-alphons-slams-ldf-and-udf-said-that-actively-contributed-to-extremism-latest-news-update,"केरल: भाजपा नेता बोले- केरल बन सकता है दूसरा अफगानिस्तान, एलडीएफ और यूडीएफ लगाया यह बड़ा आरोप","पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केरल में तालिबान जैसा बर्ताव हो रहा है। विशेषकर केरल के कुछ इलाकों में तो यह बीते 25 साल से हो रहा है। अगले पांच से दस सालों में केरल दूसरा अफगानिस्तान बन सकता है।"" भाजपा ने केरल में एलडीएफ और यूडीएफ पर जमकर निशाना साधा है। पार्टी के नेता केजे अलफोंस ने कहा कि केरल में एलडीफ और यूडीएफ के नेता कट्टरपंथ फैला रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केरल में तालिबान जैसा बर्ताव हो रहा है। विशेषकर केरल के कुछ इलाकों में तो यह बीते 25 साल से हो रहा है। अगले पांच से दस सालों में केरल दूसरा अफगानिस्तान बन सकता है। बता दें कि हाल ही में केरल भाजपा के नेता जॉर्ज कुरियन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खत लिखकर कहा था कि केंद्र सरकार राज्य में जिहादी एक्टिविटी को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप करे। केरल भाजपा के राज्य महासचिव और अखिल भारतीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष, जॉर्ज कुरियन ने केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह को पत्र लिखकर पाला के आर्क बिशप, जोसेफ बिशप कल्लारंगट को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की थी। इससे पहले केरल में सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआई (एम) ने भी पढ़ी-लिखी लड़कियों को आतंकवाद और सांप्रदायिकता के जाल में फंसाए जाने की आशंका जाताई थी। पार्टी का कहना था कि प्रफेशनल कॉलेजों में पढ़ने वाली लड़कियों को एक वर्ग आतंकवाद और सांप्रदायिकता की ओर आकर्षित कर सकता है। पार्टी की ओर से यह बयान कथित लव जिहाद और नार्कोटिक जिहाद को लेकर छिड़ी बहस के बीच आया है। इस पर विपक्षी कांग्रेस ने माकपा से आरोपों के बारे में सबूत मांगे थे। यह राज्य में शासन करने वाली पार्टी द्वारा लगाया गया एक गंभीर आरोप है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने यहां पत्रकारों से कहा कि सीपीआई (एम) नेतृत्व को यह बताना चाहिए कि क्या इस संबंध में कोई मामला दर्ज किया गया है या क्या उनके पास अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई डेटा है। पार्टी और उसकी सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह उसे उजागर करे।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/video/india-news/inside-story-of-the-dispute-between-navjot-singh-sidhu-and-captain-amrinder-singh-watch-the-video,"क्या है सिद्धू और कैप्टन के बीच विवाद की इनसाइड स्टोरी, देखिए वीडियो","सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति को जबरन ईसाई बनाने के मामले में दायर केस खारिज कर दिया। मामले में मप्र के एक व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया गया था।"" मध्यप्रदेश में जबरन धर्मांतरण कराने के एक आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी। शीर्ष अदालत ने आरोपी के खिलाफ दर्ज आपराधिक केस खारिज कर दिया। कोर्ट ने पाया कि जिस व्यक्ति के बलात् धर्मांतरण का यह केस था, उसने इस बात को गलत बताया कि उसे जबर्दस्ती ईसाई बनाया गया था। जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस. रवींद्र भट व जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने मप्र हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें आरोपी जॉर्ज मंगलपिल्ली को कोई राहत देने से इनकार कर दिया गया था। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि गवाह के बयान के अलावा इस केस में कुछ भी ठोस नहीं है, जिस पर आरोपी के खिलाफ सबूत के तौर पर भरोसा किया जा सके। पीठ ने कहा कि केस के सबूतों व परिस्थितियों को देखते हुए उस व्यक्ति का बयान महत्वपूर्ण है, जिसके जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाया गया है। कोर्ट की राय में कथित तौर पर जबरन धर्मांतरित किए गए व्यक्ति की गवाही महत्वपूर्ण है। उसका खुद का कहना है कि उसका न तो जबरन धर्मांतरण किया गया और न ही उससे अपीलकर्ता जॉर्ज मंगलपिल्ली ने कभी संपर्क किया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपीलकर्ता को मांगी गई राहत प्रदान कर दी और अपील स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट का आदेश खारिज कर दिया। इसके साथ ही आरोपी जॉर्ज मंगलपिल्ली के खिलाफ मप्र धार्मिक स्वतंत्रता कानून 1968 की धारा 3 व 4 के तहत दर्ज केस खारिज कर दिया। अभियोजन के अनुसार आरोपी ने कथित तौर पर धर्मेंद्र दोहर का धर्म परिवर्तन कराकर ईसाई बनाया था। यह धार्मिक स्वतंत्रता कानून की धारा 3 के तहत अपराध है। निचली कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान दोहरे ने कहा था कि आरोपी ने उसका धर्मांतरण नहीं कराया है। कुछ लोगों ने उससे कागज पर दस्तखत करा लिए थे, जिसके आधार पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/babul-supriyo-in-tmc-know-the-twitter-and-other-social-media-reactions-on-former-bjp-leader,"बाबुल सुप्रियो: किसी ने कहा- ये तो बड़ा जबर्दस्त एक्टर निकला, तो किसी ने दिखाए पुराने ट्वीट","बाबुल के इस कदम पर सोशल मीडिया में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। किसी ने ममता बनर्जी की आलोचना वाले पुराने ट्वीट दिखाए तो किसी ने अपने अंदाज में चुटकी ली।"" मोदी कैबिनेट में फेरबदल का शिकार हुए पूर्व मंत्री बाबुल सुप्रियो ने आज टीएमसी में शामिल होकर सभी को चौंका दिया। इससे पहले जुलाई में उन्होंने फेसबुक पर अचानक ही राजनीति से संन्यास का एलान कर हैरत में डाला था। टीएमसी में शामिल होते हुए उन्हें ममता बनर्जी का धन्यवाद किया और कहा कि वह बंगाल की सेवा करना चाहते हैं। बाबुल के इस कदम पर सोशल मीडिया में किस तरह की प्रतिक्रियाएं आईं आपको बता रहे हैं। किसी ने ममता बनर्जी की आलोचना वाले पुराने ट्वीट दिखाए तो किसी ने अपने अंदाज में चुटकी ली। 🤣🤣🤣🤣🤣 Yeh kyon hai @SuPriyoBabul 👇👇 pic.twitter.com/6k2W8wXeJt — Vikas Raina (𑆮𑆴𑆑𑆳𑆱 𑆫𑆽𑆤𑆳)🇮🇳🇮🇳 (@VikasInExile) September 18, 2021 ट्विटर पर एक यूजर राजीव लिखते हैं- बड़ा जबर्दस्त एक्टर निकला ये तो। एक यूजर ने लिखा- ये शख्स वीर दास (कॉमेडियन) को भी कड़ी टक्कर दे देगा। एक अन्य यूजर ने लिखा, पितामह बुरा मत मानिए, लेकिन सेल्फ सिक्योरिटी भी एक चीज होती है। यूजर अमित पांडे लिखते हैं- मेरे दादा जी ने कहा था, ये फिल्म वाले सब नचनिए और नौटंकीबाज होते हैं, इनका कोई ठिकाना नहीं होता, बाबुल ने आज साबित भी कर दिया। किसी ने इस तरह का मजेदार ट्वीट पोस्ट किया। https://t.co/rcUui0FNG7 — A.J. (@beingabhi2712) September 18, 2021 एक यूजर ने तीखी टिप्पणी की - सीधे सीधे कहो ना भाई डर लग रहा था बंगाल में, इसलिए दीदी की शरण में चले गए हो। इस ट्वीट पर भी एक नजर डालें- Arey fisal gaya 💃 pic.twitter.com/VuZfoZEFFy — नताशा ʷᵒᵏᵉ 🔪 (@STFUandStayAway) September 18, 2021 एक यूजर ने लिखा- जब आप फ्रीलांसर को कार्यकर्ताओं पर तरजीह देते हैं तो ऐसा ही होता है। यूजर गौरव मिश्रा ने बाबुल सुप्रियो का एक पुराना वीडियो शेयर किया है जिसमें वह ममता को लेकर बयान दे रहे हैं। #BabulSupriyo on Mamata Banerjee & today he joined TMC 😀 pic.twitter.com/5vAXosZl8r — Gaurav Mishra🇮🇳 (@IAmGMishra) September 18, 2021""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/punjab-what-will-be-the-political-future-of-captain-amarinder-singh-which-alternative-he-is-pointing,"पंजाब: क्या होगा कैप्टन अमरिंदर सिंह का राजनीतिक भविष्य, राष्ट्रवादी कैप्टन का किस ‘विकल्प’ की ओर है इशारा","मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद क्या करेंगे अब क्या करेंगे अमरिंदर सिंह? क्या वे भाजपा में अपने राजनीतिक भविष्य तलाशेंगे या अपनी अलग जमीन तैयार करेंगे? राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अमरिंदर सिंह अब नए तेवर के साथ पंजाब की राजनीति में उतरेंगे।"" पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद अब यह सवाल खड़ा हो रहा है कि राज्य की राजनीति में उनका भविष्य क्या है? वैसे इस्तीफे के बाद अमरिंदर सिंह ने जो बयान दिया उसमें ही कैप्टन ने अपने भविष्य को लेकर संकेत दे दिए हैं। कैप्टन ने कहा कि राजनीति में विकल्प हमेशा होते हैं। साथियों से बात करके फैसला करूंगा। आखिर अमरिंदर सिंह किस विकल्प की बात कर रहे हैं। कहीं उनका इशारा कांग्रेस से अलग राजनीतिक भविष्य तलाशने की तो नहीं है। कयास इस बात के लगाए जा रहे हैं कि वे अलग पार्टी बनाकर आगामी विधानसभा चुनाव में उतर सकते हैं और वे भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से पंजाब में अपनी सरकार बना सकते हैं। भाजपा नेता सैयद जफर इस्लाम ने पंजाब के आज के घटनाक्रम पर कहा,“ कैप्टन अमरिन्दर सिंह राष्ट्रवादी नेता हैं और आगे-आगे देखिये होता है क्या? मौका देखकर अमरिंदर सिंह ने अभी अपने राष्ट्रवादी विचारों को आगे रख दिया है और उन्होंने सिद्धू को मुख्यमंत्री पद दिए जाने की बात पर इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बना दिया है। इस्तीफे के बाद कैप्टन ने सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा सिद्धू के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से संबंध हैं और यदि पार्टी उन्हें चेहरा बनाती है तो देश हित में उनका विरोध करूंगा। भाजपा में जाने के कयास क्यों अमरिंदर के इस्तीफे के बाद भाजपा की चर्चा इसलिए होने लगी है क्योंकि इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कैप्टन के लिए भाजपा के दरवाजे भी खुले हुए हैं। पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह के सिद्धू की कलह पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा दोनों नजर बनाए हुए थी और उन्हें अपने पाले में करने की कोशिशें चल रही थीं। सूत्रों के मुताबिक भाजपा कैप्टन को अपने खेमे में करने को पूरी तरह तैयार थी, लेकिन यह फैसला कैप्टन पर छोड़ दिया गया था। इस मसले पर काफी समय से विचार चल रहा था और कई नेता कैप्टन के साथ लगातार संपर्क में अभी भी है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने यह पहले ही भांप लिया था कि कांग्रेस नेतृत्व ने दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने की कोशिश तो की लेकिन यह सुलह लंबी नहीं चलने वाली। क्योंकि कैप्टन इस सुलह को अपने लिए सम्मानजनक समझौता नहीं मान रहे थे। इसलिए पार्टी की कोशिश रही कि यदि अमरिंदर सिंह को उनके कद और प्रतिष्ठा के मुताबिक सम्मान देने की बात की जाए तो वो कांग्रेस छोड़ सकते हैं। कैप्टन भाजपा की राष्ट्रवादी छवि की मापदंड पर फिट बैठते हैं और उन्हें अपने साथ लेने से पार्टी की ताकत बढ़ सकती है। हालांकि अमरिंदर ने कांग्रेस आलाकमान को समय देते हुए इस पर फैसला लेने में जल्दीबाजी नहीं की। सूत्रों का कहना है कि अमरिंदर भाजपा में जाने के बजाए अलग पार्टी बनाने का रास्ता खोल सकते हैं जिसके बाद वे सत्ता में आने के लिए भाजपा का सहयोग ले सकते हैं।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/saamana-claimed-pm-modi-real-face-of-bjp-slams-amit-shah-latest-news-update,"महाराष्ट्र: शिवसेना के मुखपत्र सामना में पीएम मोदी की तारीफ, गृह मंत्री शाह को बंगाल में हार का जिम्मेदार बताया","लेख में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा गया है। इसमें बंगाल चुनाव में भाजपा की हार के लिए शाह को ही जिम्मेदार ठहराया गया है। यही नहीं, 25 साल पुराने सहयोगी शिवसेना से दूरी के लिए भी अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया गया है।"" शिवसेना के मुखपत्र सामना ने एक बर फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। सामना में छपे लेख में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा का असली चेहरा बताया गया है। इसमें कहा गया है कि मोदी ने पिछले कुछ दिनों में काफी बड़े फैसले लिए हैं और वे 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अच्छी तैयारी कर रहे हैं। हालांकि लेख में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा गया है। इसमें बंगाल चुनाव में भाजपा की हार के लिए शाह को ही जिम्मेदार ठहराया गया है। यही नहीं, 25 साल पुराने सहयोगी शिवसेना से दूरी के लिए भी अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया गया है। सामना में आगे लिखा गया कि पीएम मोदी के अलावा भाजपा में कोई भी दमदार नेता नहीं है। मोदी के बिना भाजपा के कई बड़े चेहरे नगर पालिका का चुनाव तक नहीं जीत सकते हैं। भाजपा ने जब से जेपी नड्डा को पार्टी अध्यक्ष बनाया है, पार्टी में बदलाव का दौर लगातार जारी है। लेख में कहा गया कि मोदी और नड्डा सही निर्णय लेकर 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। दोनों ने तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बदला है। गुजरात में भाजपा ने जड़ जमा चुके पुराने पेड़ों को उखाड़कर नए बीज बो दिए हैं। मोदी और नड्डा मध्यप्रदेश, हरियाणा और हिमाचल के मुख्यमंत्रियों पर भी नजर जमाए हैं। भाजपा हार को संभालने की कोशिश कर रही लेख में कहा गया कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र की हार को भाजपा संभालने की कोशिश कर रही है। लेख में शाह पर हमला करते हुए कहा गया कि कुछ दिनों पहले तक एक अभियान चलाया जा रहा था कि अमित शाह किसी भी चुनाव को जीता सकते हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में भाजपा ने शिवसेना जैसा 25 साल पुराना साथी खो दिया और पार्टी को महाराष्ट्र में विपक्ष में बैठना पड़ा।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/kurukshetra-political-risk-of-congress-in-punjab-being-veteran-leaders-is-not-a-guarantee-of-victory,"कुरुक्षेत्र: पंजाब में कांग्रेस की सियासी जोखिम, नेताओं का दिग्गज होना जीत की गारंटी नहीं","पंजाब में कैप्टन को कांग्रेस का पर्याय माना जाने लगा था। 2017 में हुए विधानसभा चुनावों की जीत का पूरा श्रेय उनको ही दिया गया। उनका कद कांग्रेस नेतृत्व से बड़ा हो गया था।"" पंजाब में कांग्रेस ने राज्य के कद्दावर और पार्टी के दिग्गज नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर एक बड़ा फैसला किया है। जाहिर है कि जिस कांग्रेस नेतृत्व पर फैसले न लेने या देर से लेने का आरोप लगता है, उसने पंजाब में पहले अमरिंदर के विरोध के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी और अब उन अमरिदंर सिंह को विदा कर दिया, जिन्हें प्रकाश सिंह बादल के बाद इस समय पंजाब की राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है। पंजाब में कैप्टन को कांग्रेस का पर्याय माना जाने लगा था। 2017 में हुए विधानसभा चुनावों की जीत का पूरा श्रेय उनको ही दिया गया और उनका कद पार्टी के भीतर और बाहर कांग्रेस नेतृत्व से बड़ा हो गया था। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों, विश्लेषकों और मीडिया में यह आम धारणा है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ही इस बार भी चुनावों में कांग्रेस की नैया पार लगा सकते थे और उन्हें हटाकर कांग्रेस ने अपनी जीत की सारी संभावनों को खुद ही खत्म कर दिया है। ऐसे में कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने का फैसला निश्चित रूप से न सिर्फ साहस बल्कि जोखिम से भी भरा है। हाल ही में गुजरात में भाजपा ने न सिर्फ मुख्यमंत्री बल्कि पूरा मंत्रिमंडल ही ऐसा बनाया है, जिसमें एक भी विधायक पहले कभी भी किसी भी सरकार में मंत्री नहीं रहा। भाजपा का भी यह फैसला साहस और जोखिम से भरपूर है, लेकिन पार्टी को जीवंत बनाने और नया नेतृत्व विकसित करने के लिए राजनीतिक दलों को ऐसे जोखिम लेने पड़ते हैं और लेने भी चाहिए। पंजाब के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का कहना है कि सिंघू बॉर्डर के पूरब में दिल्ली की तरफ कैप्टन बेहद लोकप्रिय नेता हैं, लेकिन सिंघू बार्डर के पश्चिम यानी पंजाब की तरफ कैप्टन अमरिंदर सिंह की लोकप्रियता बेहद निचले पायदान पर है और तमाम कारणों से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से लेकर आम लोग उनसे नाराज हैं। इसका फायदा आम आदमी पार्टी को मिल रहा था, लेकिन अब इस फेरबदल से लोगों का कांग्रेस से गुस्सा खत्म होगा और पार्टी ज्यादा बेहतर करेगी। अब इस कांग्रेस नेता की बात में कितना दम है ये तो आगामी विधानसभा चुनावों के नतीजे बताएंगे, लेकिन कुछ बातों का विश्लेषण बेहद जरूरी है। अक्सर जब किसी छत्रप के पर कतरे जाते हैं तो केंद्रीय नेतृत्व पर यह आरोप लगता है कि फलां बड़े और दिग्गज नेता को किनारे करने का नुकसान पार्टी को उठाना पड़ेगा। यह बात कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए कही जाती है। अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी की भाजपा इसकी बहुत परवाह करती थी इसलिए शिवराज सिंह चौहान, रमण सिंह, वसुंधरा राजे, बीएस येदियुरप्पा जैसे छत्रपों का निर्बाध राज चलता रहा।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/congress-shashi-tharoor-again-demanded-change-of-leadership-said-if-rahul-want-to-become-president-make-him-soon,"कांग्रेस: थरूर ने फिर की नेतृत्व परिवर्तन की मांग, बोले- राहुल बनना चाहते हों अध्यक्ष तो जल्द बनाएं","कांग्रेस के जी-23 में शामिल रहे वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पार्टी का नेतृत्व जल्दी बदलने की मांग की है। अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रति पूरा सम्मान जताते हुए उन्होंने यह मांग की।"" कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने एक बार फिर पार्टी के नेतृत्व परिवर्तन की आवाज मुखर की है। शनिवार को उन्होंने कहा कि पार्टी को नया नेतृत्व चाहिए। यदि राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष बनना चाहते हो तो, यह भी जल्दी होना चाहिए। पार्टी की सत्ता में वापसी के लिए बदलाव जरूरी है। थरूर ने नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने के साथ ही मौजूदा अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कोई बात नहीं कही। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी खुद पद छोड़ना चाहती हैं, इसलिए पार्टी को नया नेता जल्द तय करना चाहिए। बता दें, थरूर कांग्रेस के उन 23 असंतुष्ट नेताओं में शामिल रहे हैं, जो पार्टी के नए नेतृत्व की मांग करता रहा है। पिछले साल जी-23 के नेताओं अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक बदलाव की मांग की थी। शनिवार को तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से चर्चा में थरूर ने कहा कि यदि राहुल गांधी पदभार संभालना चाहते हों, तो उन्हें यह जिम्मा जल्दी दिया जाना चाहिए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता थरूर ने कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में वापसी चाहती है तो उसे जल्दी से बदलाव करते हुए चुनाव का सामना करने को तैयार हो जाना चाहिए। कांग्रेस की विभिन्न इकाइयां चाहती हैं कि राहुल गांधी को फिर अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/bjp-vs-congress-tears-remained-silent-on-change-of-leadership-in-gujarat-there-was-uproar-in-punjab-know-5-basic-difference-in-bjp-and-congress,"भाजपा बनाम कांग्रेस : गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन पर आंसू भी मौन रहे पंजाब में हंगामा मच गया, पांच बिंदुओं में जानिए दोनों पार्टी के बीच का फर्क","पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद नए सियासी घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी बन गई है जो आत्मघाती कदम उठा रही है। एक मजबूत नेतृत्व नहीं होने के कारण कांग्रेस अपने घर से उठने वाले शोर को शांत नहीं करा पाती। जबकि भाजपा नेतृत्व पूरे ‘घर’ के बदल डालती है और नाराजगी बाहर नहीं आ पाती। क्या है भाजपा और कांग्रेस संगठन के बीच का बुनियादी फर्क...."" पंजाब में कांग्रेस की अच्छी-भली सरकार चल रही थी लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने एक बड़ा जोखिम लिया। इसका नतीजा इस रूप में सामने आया कि जिस राज्य में कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव जीतने का प्रबल दावेदार मानी जा रही थी वहीं एक नेता के अड़िअल रवैए तो एक के बागी तेवर ने जीती हुई बाजी पलट दी है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा देने से पहले पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपनी नाराजगी भी जता दी और वह खबर मीडिया में लीक भी हो गई। इस्तीफे के बाद अमरिंदर ने मीडिया से कहा मुझ पर सरकार नहीं चलाने का संदेह किया गया। मेरा अपमान हुआ है। जबकि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले कुछ महीनों में कई उत्तराखंड, असम, कर्नाटक और गुजरात में मुख्यमंत्रियों को बदल दिया। गुजरात में पूरी कैबिनेट बदल दी लेकिन किसी तरह का अंसतोष बाहर नहीं आया। जबकि कांग्रेस को देखें तो छत्तीसगढ़, राजस्थान और कांग्रेस में कुर्सी की मार मची हुई है और इन झगड़ों को लेकर पार्टी की किरकिरी होती रही है। इससे साफ है कि भाजपा में हर राज्य के मामले में केंद्रीय आलाकमान की भूमिका महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि मध्यप्रदेश में अपनी सरकार गंवाने के बाद कांग्रेस अब महज तीन राज्यों में सिमट चुकी है जबकि भाजपा 17 राज्यों में अपने दम पर या सहयोगी दलों (एनडीए) के साथ सरकारों में हैं। आखिर ऐसी कौन सी बात है जिससे भाजपा राज्यों और केंद्र में मजबूत होती जा रही है और कांग्रेस का कुनबा बिखरता जा रहा है। इन पांच बिंदुओं में जानिए भाजपा और कांग्रेस संगठन के बीच का बुनियादी फर्क 1.भाजपा नेतृत्व का पार्टी पर पूरा कंट्रोल भाजपा और कांग्रेस में बुनियादी फर्क में यही है कि भाजपा नेतृत्व का पूरा कंट्रोल अपनी पार्टी में है और नेतृत्व मजबूत है। जबकि कांग्रेस का कोई कंट्रोल न तो पार्टी पर है और न ही कार्यकर्ताओं पर। भाजपा में हाईकमान का फैसला सर्वमान्य होता है और कोई उसके खिलाफ जाने की कोशिश नहीं करता। जबकि कांग्रेस छत्तीसगढ़, राजस्थान और अब पंजाब के संकट से जूझ रही है। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी कहती हैं यह दोनों पार्टी के बीच का सबसे बड़ा फर्क है कि एक पार्टी में नेतृत्व की बात पत्थर की लकीर है जबकि कांग्रेस में नेता उस लकीर को छोटा-बड़ा करने की कोशिश करते हैं। कांग्रेस का नेतृत्व उलझन में रहता है। वह सोचने में बहुत वक्त लेता है। जबकि भाजपा नेतृत्व की बात इसलिए पार्टी में सर्वमान्य होता है कि भाजपा नेतृत्व में चुनाव को जीतने की कुव्वत है।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/former-union-minister-and-ex-bjp-mp-babul-supriyo-formally-joins-tmc,"बंगाल की सियासत: बाबुल सुप्रियो टीएमसी में शामिल, कहा- अपने फैसले पर मुझे गर्व है","पश्चिम बंगाल में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे बाबुल सुप्रियो ने टीएमसी का दामन थाम लिया है। इस फैसले पर उन्होंने क्या-क्या कहा जानिए।"" पश्चिम बंगाल में उपचुनाव से पहले भाजपा को करारा झटका लगा है। पूर्व मंत्री रहे बाबुल सुप्रियो ने आज तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में बाबुल सुप्रियो टीएमसी में शामिल हो गए। जुलाई में बाबुल सुप्रियो ने अचानक ही भाजपा से इस्तीफा दे दिया था और राजनीति से संन्यास लेने का एलान किया था। लेकिन करीब एक महीने बाद बाबुल सुप्रियो ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होकर सबको चौंका दिया। बाबुल बोले- अपने फैसले पर है गर्व टीएमसी में शामिल होने के बाद बाबुल सुप्रियो ने प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा, जब मैंने कहा था कि मैं राजनीति छोड़ रहा हूं, मैंने ये दिल से कहा था। मेरे सभी दोस्तों ने कहा था कि राजनीति छोड़ने का मेरा फैसला गलत है और भावावेश में लिया गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे अपना फैसला बदलने पर गर्व है। बंगाल की सेवा करने के लिए टीएमसी में आया हूं। मैं बहुत उत्साहित हूं। मैं सोमवार को दीदी से मिलूंगा। मैं गर्मजोशी भरे स्वागत से अभिभूत हूं। I meant it from my heart when I said I'll leave politics. However, I felt there was a huge opportunity that was entrusted upon me (on joining TMC). All my friends said my decision to leave politics was wrong and emotional: Former BJP leader Babul Supriyo after joining TMC today pic.twitter.com/y3OyymSc6a — ANI (@ANI) September 18, 2021 भवानीपुर में ममता बनर्जी के लिए प्रचार करने के सवाल पर बाबुल ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि दीदी को मेरे प्रचार की जरूरत है। अगर प्रचार के लिए कहा गया तो जरूर करूंगा। मैं जनता की सेवा करना चाहता हूं। बाबुल सुप्रियो ने कहा कि दीदी और अभिषेक ने मुझे बड़ा मौका दिया है। टीएमसी में शामिल होने के बाद अब आसनसोल में अपनी सीट पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है। मैं आसनसोल की वजह से ही राजनीति में आया। जितना हो सके यहां के लोगों के लिए करूंगा। अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में हुए शामिल बाबुल सुप्रियो के पार्टी में शामिल की जानकारी टीएमसी की तरफ से बयान जारी कर दी गई। बयान में कहा गया- 'टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में पूर्व केंद्रीय मंत्री और आसनसोल से मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो टीएमसी में आ गए हैं। हम उनका पार्टी में स्वागत करते हैं।' अचानक तृणमूल कांग्रेस में हुए शामिल गौरतलब है कि जुलाई में उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देते हुए राजनीति से संन्यास का एलान किया था। इस दौरान उन्होंने फेसबुक पोस्ट पर लिखा था कि जनता की सेवा करने के लिए राजनीति में रहने की जरूरत नहीं है। राजनीति से अलग होकर भी अपने उस उदेश्य को पूरा कर सकते हैं, लेकिन अचानक ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल होकर उन्होंने सभी को चौंका दिया। टीएमसी ने कहा, कई नेता भाजपा में नाखुश वहीं, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि कई भाजपा नेता टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं। वे भाजपा में नाखुश हैं। एक ने (बाबुल सुप्रियो) ने आज ज्वाइन किया है, एक अन्य नेता कल टीएमसी में शामिल होना चाहते हैं। ये प्रक्रिया चलती रहेगी, इंतजार करिए और देखिए। ममता के भतीजे और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यह तो अभी शुरुआत है। इस बीच भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बाबुल सुप्रियो को पार्टी छोड़ने से पहले भाजपा को बताना चाहिए था। उनका जाना पार्टी के लिए नुकसान नहीं है। वह एक जन नेता नहीं हैं और न ही एक अच्छे राजनीतिक आयोजक हैं। हालांकि, व्यक्तिगत रूप से वह मेरे अच्छे दोस्त हैं। बाबुल की सुरक्षा में कटौती इस बीच केंद्र सरकार ने बाबुल सुप्रियो की सुरक्षा कम दी है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने शनिवार को भाजपा छोड़कर तृणमूल शामिल हुए बाबुल सुप्रियो को दिए गए केंद्रीय अर्धसैनिक कमांडो के सशस्त्र सुरक्षा कवच को कम कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को एक आदेश जारी किए जाने के बाद कवर को जेड श्रेणी के दूसरे उच्चतम स्तर से घटाकर वाई श्रेणी कर दिया गया है। केंद्रीय योजना के तहत वीवीआईपी और उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को दिया जाने वाला सुरक्षा कवर, उच्चतम जेड+ से लेकर जेड, वाई+, वाई और एक्स श्रेणियों तक होता है। बता दें कि बाबुल को हाल ही में मोदी कैबिनेट से बाहर किया गया था।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/punjab-congress-legislature-party-meeting-is-captain-amarinder-singh-s-chair-in-danger-strong-message-to-navjot-sidhu,"पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक: अमरिंदर को मिला कुर्सी छोड़ने का इशारा, पंजाब में बदलेगा मुख्यमंत्री का चेहरा","चुनाव में छह महीने से भी कम समय बचा है लेकिन पंजाब कांग्रेस चुनावी लड़ाई में एकजुट होने के बजाए म्यूजिकल चेयर खेलने में लग गई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है। इस विधायक दल की बैठक को लेकर अमरिंदर सिंह काफी नाराज बताए जा रहे हैं।"" कांग्रेस की पंजाब इकाई में जारी तनातनी के बीच कांग्रेस ने आज राज्य के कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है। वहीं अमरिंदर सिंह इस तरह विधायक दल की बैठक बुलाए जाने से नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस बात पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यदि इस तरह उन्हें कांग्रेस पद से हटाया जाता है तो यह उनका अपमान होगा। इस बीच पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि राहुल गांधी ने एक बड़ा फैसला ले लिया है। माना जा रहा है कि सुनील जाखड़ पंजाब के मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। एआईसीसी के महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने शुक्रवार रात को यह बैठक बुलाए जाने की घोषणा की। बताया जा रहा है कि बैठक में सभी विधायकों की बात सुनी जाएगी। कैप्टन के कामकाज से निराश 40 विधायकों के पत्र के बाद कांग्रेस आलाकमान ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आज शाम पांच बजे चंडीगढ़ के पंजाब कांग्रेस भवन में विधायक दल की बैठक बुलाई है। विधायक दल की बैठक को लेकर अमरिंदर सिंह को पहले कोई जानकारी नहीं दी गई थी। विधायकों ने आलाकमान को पत्र लिख कर यह बैठक बुलाने की मांग की थी। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन और हरीश चौधरी भी मौजूद रहेंगे। विधायकों की बात सुनने के बाद पूरी रिपोर्ट तैयार कर हाईकमान को भेजेंगे। रावत ने विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की पंजाब इकाई में छिड़ी बगावत की ओर इशारा करते हुए पिछले हफ्ते चंडीगढ़ में संवाददाताओं से कहा था कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है और वह कुछ भी छिपाना नहीं चाहते हैं। पंजाब कांग्रेस में उठापटक इस कदर बढ़ गई है कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की कुर्सी पर संकट दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ उनके चार मंत्रियों और दो दर्जन से अधिक विधायकों के 'खुले विद्रोह' पर उतर आने की चर्चा है जिसमें वे कह रहे हैं कि उनका मुख्यमंत्री पर से विश्वास उठ गया है। माना जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्दू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद यह विद्रोह तेज हुआ है। जो सिद्धू के साथ और जो नहीं साथ वे भी बेचैन कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने कहा कि पार्टी के अंदरूनी मामलों पर चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई गई है। लेकिन माना जा रहा है कि विधायकों की यह बैठक मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की जगह नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए बुलाई गई है। दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के दखल देने के बाद भी अमरिंदर और सिद्धू आपसी झगड़े और खींचतान को नहीं सुलझा पाए, यह पार्टी के लिए बडी चुनौती खड़ी कर रहा है। विशेष रूप से, नव नियुक्त पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू जिस तरह विभिन्न मुद्दों पर अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं और अमरिंदर सिंह के खिलाफ विधायकों में बगावत बढ़ रही है उससे पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा हो रही है। बताया जा रहा है कि सिदधू ने कुछ विधायकों को अपनी ओर कर लिया है और बागी विधायकों में ज्यादतर उनके गुट के ही हैं। सिद्धू के साथ 17-18 विधायक बताए जाते हैं, लेकिन जो सिद्धू के साथ नहीं है वे भी इस पूरे घटनाक्रम से बेचैन है। क्योंकि चुनावी साल में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की इस लड़ाई से दूसरे विधायकों को भी चुनाव में नुकसान पहुंचने का डर सताने लगा है। कांग्रेस के सामने चुनौतीपूर्ण स्थिति अभी तक हाईकमान का संदेश न अमरिंदर सिंह समझने की कोशिश कर रहे हैं और न ही सिद्धू मुख्यमंत्री पर हमले बंद कर रहे हैं। ऐसे में चुनावी समय में दोनों नेताओं की खींचतान ने कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। पार्टी के एक नेता ने बताया ‘मिल कर चलने की कोशिश दोनों तरफ से नहीं हो रही है, जल्दी ही राज्य में चुनाव होने हैं। यदि इस झगड़े को जल्द नहीं सुलझाया गया तो पार्टी को इसका नुकसान हो सकता है। दिक्कत यह है कि सिद्धू में संयम नहीं है, वहीं दूसरी तरफ कैप्टन राज घराने से आते हैं, उन्हें ज्यादा दूसरों को सुनने की, उस पर गौर करने की आदत नहीं है।’ इस वजह से बड़ी संख्या में विधायक उनके नेतृत्व का विरोध कर रहे हैं। क्योंकि इसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में उठाना पड़ सकता है। इसलिए पार्टी को यदि चुनाव में उतरना है तो सही समय पर सही फैसला करना ही होगा। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बनाकर पार्टी ने एक बड़ा जोखिम लिया है। यदि कैप्टन को भरोसे में लिए बिना जिस तरह सिद्धू को नेतृत्व हस्तांतरित किया गया है और भी दूसरे तरीके से किया जा सकता था। सिद्धू पार्टी के लिए सेल्फ गोल साबित हो सकते हैं। लेकिन अब जब उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है तो दोनों नेताओं को मिल कर चलना चाहिए था। चुनाव से पहले झगड़ा संभाले पार्टी पंजाब की राजनीति की जमीनी समझ रखने वाले राजनीतिक विश्लेषक राजकुमार सिंह कहते हैं यह बैठक विधायकों की मन की बात सुनने और अमरिंदर और सिद्धू दोनों को सख्त संदेश देने के लिए बुलाई गई है। आपसी गुटबाजी और झगड़े से कांग्रेस के लिए बड़ी विकट स्थिति पैदा हो गई है। ऐसी स्थिति में पार्टी के लिए यह बड़ी चुनौती है कि वे कैसे इस मामले को संभाले। अगले साल चुनाव है और पार्टी को यह विवाद सुलझाने की कोशिश करनी ही होगी। अमरिंदर के खिलाफ ला सकते हैं अविश्वास प्रस्ताव सूत्रों के मुताबिक सिद्धू गुट के कुछ विधायक पार्टी आलाकमान को यह कह सकते हैं कि उन्हें अमरिंदर सिंह पर विश्वास नहीं है और वे उनके खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि पार्टी किसी भी हाल में अपने मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की इजाजत नहीं देगी लेकिन अमरिंदर सिंह को यह जरूर कड़ाई से समझाया जा सकता है कि वे विधायकों की बात को सुने और उनकी समस्याओं का हल निकालें। वहीं कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाए जाने का पता चलते ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपने करीबी विधायकों को सिसवां फार्म हाउस पर बैठक के लिए बुला लिया है। माना जा रहा है कि कैप्टन भी यह रणनीति तैयार करने में लग गए हैं कि यही बागी विधायक उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं तो वे इस चुनौती से कैसे निपटेंगे। अमरिंदर को हटाने पर अड़े तो क्या होगा यदि बागी गुट अमरिंदर को हटाने पर अड़ गए तो पार्टी के सामने और बड़ी समस्या आ सकती है। वैसे समझा जा रहा है कि पार्टी अमरिंदर सिंह के खिलाफ कोई सख्त कदम उठाने से पहले कई बार सोचेगी क्योंकि पंजाब में अमरिंदर सिंह एक बड़े कद के नेता माने जाते हैं और पार्टी उनकी बदौलत ही चुनाव जीतती रही है। ऐसे में पार्ट के सामने यह सवाल होगा कि राज्य में पार्टी की कमान किसे सौंपी जाए जो राज्य में सर्वमान्य हो और चुनावी नैया भी पार लगा सके। एक चुनावी सर्वे में बताया गया कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार फिर से बन सकती है। लेकिन जब से दोनों नेताओं का यह झगड़ा शुरू हुआ है एक दूसरा सर्वे पंजाब में आम आदमी पार्टी के दोबारा उभार के रूप में विपक्ष की नई संभावना का संकेत दे रहा है। दूसरी तरफ पंजाब में चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा बनने के आसार लगाए जा रहे हैं जिसमें आप एक अहम भूमिका में आ सकती है। यदि भाजपा ने राह में रोड़े नहीं अटकाए होते तो 2017 में आप वहां करीब-करीब जीत ही गई थी। वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी के मुताबिक भाजपा ने एक बार अरुण जेटली ने खुलासा किया था, 'हमने आप को सत्ता में आने से रोकने के लिए अपने वोट कैप्टन को हस्तांतरित किए थे।' इसलिए पार्टी को चेत जाना चाहिए।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/babul-for-didi-after-mukul-roy-the-process-of-leaving-bjp-started-by-elections-will-be-affected,"दीदी को 'बाबुल' का साथ: मुकुल रॉय से शुरू हुआ भाजपा छोड़ने का सिलसिला, ममता का अभेद्य किला बन रहा बंगाल","बंगाल विधानसभा उपचुनाव से पहले बाबुल सुप्रियो ने टीएमसी में शामिल होकर भाजपा को परोक्ष झटका दिया है। बंगाल चुनाव में पराजय के बाद मुकुल रॉय समेत कई नेताओं ने भाजपा का साथ छोड़ दिया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो दूसरा बड़ा नाम है।"" तीन दशक से ज्यादा वक्त तक वामपंथ का किला रहा बंगाल अब दीदी का गढ़ बन गया है। कांग्रेस व वामपंथ हाशिये पर हैं तो भाजपा भी कमजोर हो रही है, क्योंकि सत्ता के बल पर टीएमसी दूसरे दलों के नेताओं को साम दाम दंड भेद से अपने पाले में कर रही है। बाबुल सुप्रियो उसी कड़ी में नया नाम है। बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में हार के बाद भाजपा राज्य में कमजोर होती नजर आ रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय के बाद अब बाबुल सुप्रियो ने दीदी हाथ थाम कर भाजपा को तगड़ा झटका दिया है। इसके लिए उन्होंने अलग तरीका अपनाया। पहले उन्होंने राजनीति से कथित 'संन्यास' लिया, जो कि नेता कम ही ले पाते हैं, और उसके बाद शनिवार को टीएमसी में शामिल हुए। बाबुल सुप्रियो को भाजपा ने संगीत की दुनिया से सियासत में लाकर केंद्रीय मंत्री तक की ऊंचाई दी, लेकिन एक चुनाव में पराजय ने उनकी पार्टी से बिदाई करा दी। जून में मुकुल रॉय के बाद तेज हुआ भाजपा छोड़ने का सिलसिला दरअसल, दो मई 2021 को आए बंगाल के नतीजों में भाजपा को कामयाबी नहीं मिलने पर जून में वरिष्ठ नेता मुकुल राय अपने बेटे शुभ्रांशु के साथ भाजपा छोड़कर वापस तृणमूल में शामिल हो गए थे। 30 अगस्त को बांकुड़ा के विष्णुपुर से भाजपा विधायक तन्मय घोष ने भाजपा छोड़ दी। 31 अगस्त को उत्तर 24 परगना जिले के बोगदा से विधायक विश्वजीत दास टीएमसी में शामिल हो गए थे। 4 सितंबर को उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज से विधायक सौमेन राय टीएमसी में शामिल हुए थे। 2019 में शुरू हुई थी तृणमूल नेताओं के भगवाकरण की शुरूआत बंगाल में एक वक्त ऐसा था जब तृणमूल के दिग्गज नेता भगवा रंग में रंगने को बेताब थे। 2019 के लोकसभा चुनाव से चंद महीनों पहले यह दौर शुरू हुआ था। सबसे पहले मुकुल रॉय ने भाजपा का दामन थामा और उसके बाद अनुपम हाजरा, सौमित्र खान आदि सांसद भाजपा में शामिल हो गए। इस बीच विधायक अर्जुन सिंह भी भाजपाई बने और उसका इनाम लोकसभा चुनाव में बतौर सांसद मिला। उसके बाद ममता के एकदम करीबी रहे राज्य के मंत्री सुवेंदु अधिकारी और शीलभद्र दत्ता आदि दिग्गज नेता भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा का कैडर आधार कहां खो गया? भाजपा पार्टी विद डिफरेंस व कैडर आधारित मानी जाती है, लेकिन बंगाल में उसकी इसी विशेषता से समझौता उसे भारी पड़ गया। इधर उधर के नेताओं को शामिल कर उसने वामपंथ व कांग्रेस को तो कमजोर कर दिया, लेकिन बंगाल को दीदी का अभेद्य किला बनने से रोक नहीं सकी। दीदी की नजर अब 2024 पर लगता है बंगाल को गढ़ बनाने के बाद टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की नजर 2024 के लोकसभा चुनाव पर है। वह संयुक्त विपक्ष की पीएम प्रत्याशी बनने की ओर अग्रसर है, इसलिए बंगाल को वह अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी व मुकुल रॉय तथा बाबुल सुप्रियो जैसे नेताओं के भरोसे छोड़ सकती हैं। भाजपा के लिए अब मुसीबत यह है कि वह बंगाल में अपने विधायकों को लामबंद रखे और टीएमसी का मुकाबला करे ताकि 2026 के विधानसभा चुनाव में 'तृणमूल' पर 'कमल' खिला सके।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/election-2022-ncrb-report-2020-says-atrocities-on-schedule-caste-increase-congress-will-organise-samta-chetna-varsh-to-take-sc-votes-in-seven-states,डॉ. अंबेडकर की चेतावनी दिलाएगी 'कांग्रेस' को वोट: सात राज्यों में अनुसूचित जाति के वोट लेने के लिए 'एनसीआरबी रिपोर्ट' का सहारा,"अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष डॉ. नितिन राउत के नेतृत्व में 21 राज्यों के राष्ट्रीय पदाधिकारियों और राज्य अध्यक्षों ने चुनावी रणनीति तैयार की है। दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित सम्मेलन में भविष्य की कार्य योजना भी साझा की गई। जिन सात राज्यों में विधानसभा और नगर निगम के चुनाव होने वाले हैं, उसकी तैयारी के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है..."" कांग्रेस पार्टी ने 2022 में सात राज्य में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। पार्टी ने अपने चुनावी एजेंडे में डॉ. बीआर अंबेडकर को खासी तव्वजो दी है। चुनावी राज्यों के अलावा देश के दूसरे हिस्सों में भी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अनुसूचित जाति विभाग 'समता चेतना वर्ष' कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। इसमें दो बातें रहेंगी। पहली, लोगों को डॉ. अंबेडकर की चेतावनी याद दिलाई जाएगी। दूसरी, जनता के समक्ष राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट रखकर उन्हें 'अनुसूचित जाति' के लोगों के साथ हुए अपराधिक मामलों की जानकारी देंगे। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एनसीआरबी रिपोर्ट का डाटा, जिसमें अनुसूचित जातियों के खिलाफ जातीय अत्याचारों में 9.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, वह कांग्रेस पार्टी को चुनावी बढ़त दिला पाएगा, इसमें संदेह है। हालांकि कांग्रेस पार्टी अनुसूचित जाति विभाग ने जो चुनावी रणनीति तैयार की है, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी/आरएसएस सरकार को अनुसूचित जातियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। बता दें कि एनसीआरबी रिपोर्ट 2020 इसी सप्ताह जारी हुई है। उसके मुताबिक, 2018 में अनुसूचित जातियों के खिलाफ जो अपराधिक घटनाएं हुई हैं, उनकी संख्या 42,793 थी। इसके अगले साल यह संख्या 45,961 हो गई। पिछले साल, यह आंकड़ा 50,291 पर पहुंच गया। हालांकि रिपोर्ट यह भी बताती है कि बहुत से मामले ऐसे भी रहे हैं, जिनमें पुलिस के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं था, उस कारण वे मामले खत्म कर दिए गए। पिछले साल ऐसे केसों की संख्या 44,338 थी, जबकि 17,113 केस लंबित दिखाए गए हैं। कांग्रेस पार्टी के अनुसूचित जाति विभाग का कहना है कि अगले वर्ष सात राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में इन मामलों को उठाया जाएगा। उत्तर प्रदेश में 2018 के दौरान अनुसूचित जातियों के खिलाफ हुई अपराधिक घटनाओं में 11,924 केस दर्ज किए गए थे। साल 2019 में केसों की यह संख्या घटकर 11,829 हो गई। पिछले साल यह संख्या बढ़ गई। ऐसे 12,714 मामले दर्ज किए गए। 2020 में कुल लंबित मामले, दर्ज केस और जिनमें जांच शुरू हुई है, उनकी संख्या 14,179 है। उत्तर प्रदेश में 24 केस ऐसे थे, जिनमें अनुसूचित जातियों के लोगों को सार्वजनिक स्थान पर जाने से रोका गया था। उत्तराखंड में 2018 में अनुसूचित जातियों के खिलाफ जो अपराधिक घटनाएं हुईं, ऐसे मामलों की संख्या 58 थी। 2019 में 84 और 2020 में वह संख्या 87 हो गई। लंबित मामले, दर्ज केस और जिनमें जांच शुरू हुई है, ऐसे मामले 120 हैं। तीसरा चुनावी राज्य गुजरात है। यहां 2018 में अनुसूचित जातियों के खिलाफ हुए अपराधों के चलते 1426 केस दर्ज किए गए थे। 2019 में 1416 और 2020 में 1326 केस दर्ज हुए हैं। पंजाब में 2018 के दौरान अनुसूचित जातियों के खिलाफ हुए अपराधों के चलते 168 केस दर्ज किए गए थे। 2019 में 166 और 2020 में 165 मामले दर्ज हुए थे। इसी तरह गोवा में यह संख्या क्रमश: 5, 3 और 2 रही है। हिमाचल प्रदेश में ये मामले 130, 189 व 251 हैं।",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/sanjay-raut-says-shiv-sena-works-on-its-commitments-if-anyone-feeling-joyous-over-cm-uddhav-thackeray-future-friend-remarks,"सियासत: सीएम उद्धव के बयान पर संजय राउत का भाजपा को जवाब, कहा- अभी तीन साल तक खुश होने की जरूरत नहीं","संजय राउत ने कहा कि शिवसेना अपने वादों पर काम करती है। अगर किसी को सीएम की टिप्पणी पर खुशी हो रही है, तो इसे तीन साल के लिए रहने दें, क्योंकि शिवसेना किसी की पीठ में नहीं छुरा घोंपती।"" महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के 'भविष्य के साथी' वाले बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा को जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार पांच साल तक सत्ता में रहने के लिए प्रतिबद्ध है। शिवसेना अपने वादों पर काम करती है। अगर किसी को सीएम की टिप्पणी पर खुशी हो रही है, तो इसे तीन साल के लिए रहने दें, क्योंकि शिवसेना किसी की पीठ में छुरा नहीं घोंपती। बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राव साहेब दानवे को भविष्य के साथी बताया था। संबोधन के दौरान उद्धव ने दानवे की ओर इशारा करते हुए कहा कि मंच पर बैठे मेरे पूर्व, मौजूदा और यदि हम साथ आते हैं तो भविष्य के सहयोगी। उन्होंने यह भी कहा था कि मुझे एक कारण से रेलवे पसंद है। आप ट्रैक नहीं छोड़ सकते और दिशा भी नहीं बदल सकते। अगर कोई डायवर्जन हो तो आप हमारे स्टेशन पर आ सकते हैं, लेकिन इंजन पटरियों को नहीं छोड़ता है। उद्धव के इस बयान के बाद से ही राजनीति के गलियारों में शिवसेना और भाजपा के फिर साथ आने की अटकलें लगाई जाने लगीं। इससे पहले भी पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद लगाई गई थीं अटकलें इससे पहले जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्धव ठाकरे के बीच बैठक हुई थी। दोनों की मुलाकात करीब 45 मिनट तक चली थी। तब भी दोनों दलों के साथ आने को लेकर अटकलें लगाई गई थीं। इस पर शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा था कि उद्धव और पीएम मोदी दुश्मन नहीं हैं। वे जब चाहे एक-दूसरे से मुलाकात कर सकते हैं।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/tmc-newspaper-jaago-bangla-says-rahul-gandhi-failed-to-emerge-as-alternative-to-pm-mamata-banerjee-should-lead-opposition,"विपक्षी एकता में दरार: टीएमसी ने कहा- पीएम मोदी को टक्कर देने में ममता बनर्जी सबसे आगे, राहुल गांधी को बताया फेल","पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के बंगाली मुखपत्र, 'जागो बांग्ला' में छपी एक आर्टिकल ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। इसमें लिखा गया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के विकल्प के रूप में उभरने में फेल रहे हैं।"" ऐसे समय में जहां पूरा विपक्ष 2024 के आम चुनाव से पहले एक भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के बंगाली मुखपत्र, 'जागो बांग्ला' में छपी एक आर्टिकल ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। इसमें लिखा गया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के विकल्प के रूप में उभरने में फेल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प है तो वह हैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। शुक्रवार को अखबार की प्रमुख शीर्षक में लिखा गया है कि 'राहुल गांधी असफल, केवल ममता वैकल्पिक चेहरा'। टीएमसी ने दी सफाई तो प्रदेश कांग्रेस ने किया पलटवार वहीं इस आर्टिकल पर बवाल होता देख टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने सफाई देते हुए कहा कि पार्टी कांग्रेस की अनदेखी नहीं कर रही, केवल यह कह रही है कि ममता बनर्जी पीएम मोदी का मुकाबला करने के लिए संभावित विपक्षी चेहरा हो सकती हैं। वहीं प्रदेश कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि यह कदम भाजपा की मदद करने के लिए है और हम इस स्टैंड का कड़ा विरोध करते हैं। अधीर रंजन चौधरी ने बताया सौदेबाजी इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने इसे टीएमसी द्वारा सौदेबाजी बताया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी कहती हैं कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए। वहीं दूसरी ओर बिना किसी दल से सलाह लिए वह अन्य दलों को अपमानित कर रही हैं। दीदी टीएमसी को पार्टी के मुखपत्र में लिखने के लिए कह रही हैं कि वह प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम इस स्टैंड का कड़ा विरोध कर रहे हैं। जानिए क्या छपा है आर्टिकल में बंगाली मुखपत्र 'जागो बांग्ला' में टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय के हवाले से कहा गया 'राहुल गांधी विफल रहे, ममता वैकल्पिक चेहरा हैं।' उन्होंने कहा कि देश एक मजबूत वैकल्पिक चेहरे की तलाश कर रहा है। मैं राहुल गांधी को लंबे समय से जानता हूं, लेकिन मुझे कहना होगा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैकल्पिक चेहरे के रूप में उभरने में फेल रहे हैं। लेकिन ममता बनर्जी एक वैकल्पिक चेहरे के रूप में उभरने में सफल रही हैं। टीएमसी के वरिष्ठ सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ‘हम कांग्रेस के बगैर गठबंधन की बात नहीं कर रहे हैं। लेकिन पूरा देश ममता को चाहता है, इसलिए हम ममता का चेहरा रखेंगे और प्रचार अभियान चलाएंगे।""",1 https://www.amarujala.com,https://www.amarujala.com/india-news/india-chief-scientific-adviser-vijay-raghavan-expressed-concern-over-less-research-in-the-country,"चिंताजनक: देश में कम हो रहे शोध, आवंटित धन का 90 फीसदी हिस्सा मात्र 10 फीसदी छात्रों पर खर्च","देशभर में करीब 75 केंद्रीय विश्वविद्यालय व सैकड़ों राज्य और निजी विश्वविद्यालय हैं। इनमें पढ़ने वाले छात्रों को निजी क्षेत्र व राष्ट्रीय शोध संस्थानों के संसाधनों तक पहुंच मिले तो बड़ा सकारात्मक बदलाव आ सकता है।"" सीआईआई लाइफसाइंसेज के कॉनक्लेव में देश के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने बताया कि देश में अनुसंधान सहायता का 90 फीसदी हिस्सा उन प्रयोगशालाओं को जाता है, जहां हमारे 10 फीसदी छात्र जाते हैं, जबकि 90 फीसदी छात्र ऐसे विश्वविद्यालयों या कॉलेजों में जाते हैं, जो प्रमुख शोध संस्थानों के बेहद करीब हैं, लेकन वहां बहुत कम शोध होता है। राघवन ने कहा, देश में अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र का व्यापक विस्तार हुआ है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीओबी), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग और वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) जैसे तमाम बेहतरीन शोध संस्थान देश में मौजूद हैं। इन संस्थानों के पास विशाल बौद्धिक, भौतिक और अन्य बुनियादी संसाधन व क्षमताएं हैं, जिनका लाभ देश को उठाना होगा। देश में शोध को बढ़ावा देने का आसान समाधान बताते हुए उन्होंने कहा, देश के तमाम बेहतरीन शोध संस्थानों के संसाधनों व क्षमताओं को उद्योगों व अकादमिक क्षेत्र से जोड़ा जाए। कोविड-19 ने भारत में उद्योगों और विज्ञान को पहले ही बहुत करीब कर दिया है, अब आगे मिलकर काम करने की जरूरत है। आगे कहा कि भारत जितने विशाल स्तर पर यह कर सकता है, इसके लिए बेवजह के बाध्यकारी नियम-कानूनों को खत्म किए जाने की जरूरत है। अकादमिक, उद्योग व शोध के क्षेत्र में सुधार एक सतत प्रक्रिया है। यूजीसी का आदेश, स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अनुप्रयुक्त गणित को गणित के बराबर माना जाए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश दिया है कि 12वीं में अनुप्रयुक्त गणित पढ़ने वाले छात्रों को स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के दौरान गणित के छात्रों की तरह ही माना जाए और बिना किसी भेदभाव के उन पाठ्यक्रमों में दाखिला दिया जाए, जिनमें गणित के छात्र दाखिले के लिए पात्र होते हैं। यूजीसी ने यह आदेश सीबीएसई के अनुरोध के बाद जारी किया है। सीबीएसई ने यूजीसी को बताया था कि कुछ विश्वविद्यालयों ने अर्थशास्त्र, वाणिज्य व समाज विज्ञान में दाखिले के लिए 12वीं में गणित विषय के अध्ययन को अनिवार्य बना रखा है। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपितयों को पत्र लिखकर यह आदेश जारी किए हैं।""",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%b2-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a7%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a5%88%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%a3%e0%a5%8b-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b5/,"राहुल गांधी ने वैष्णो देवी मंदिर में माथा टेका, बोले...","कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को कटरा की पहाड़ी पर स्थित माता वैष्णो देवी के मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। राहुल पैदल ही कटरा से वैष्णो देवी मंदिर पहुंचे। राहुल ने माता की आरती में भी हिस्सा लिया। इससे पहले जम्मू पहुँचने पर गांधी का जोरदार स्वागत किया गया। राहुल गांधी ने मीडिया के सवालों पर कहा – ‘मैं यहां माता के दर्शन करने आया हूं। मैं कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं करूंगा।’ जम्मू पहुंचे राहुल गांधी का एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत हुआ। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट से राहुल गांधी सीधे कटरा रवाना हुए। पैदल ही यात्रा मार्ग से माता के दरबार पहुंचे। राहुल गांधी ने मंदिर परिसर में काफी समय बिताया। उनकी लद्दाख जाने की भी योजना है। जम्‍मू-कश्‍मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने बताया कि राहुल की माता वैष्‍णो देवी में खास आस्‍था है। राहुल गांधी कई साल से वैष्‍णो देवी मंदिर आना चाहते थे। अब राहुल गांधी माता का आशीर्वाद लेने जम्‍मू पहुंचे हैं। कांग्रेस नेता का दो दिवसीय दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अगले साल यूपी और पंजाब समेत कई महत्‍वपूर्ण राज्‍यों में चुनाव हैं। फिर 2024 में लोकसभा चुनाव हैं। राहुल गांधी का मंदिरों का दौरा हाल के दिनों में हमेशा चर्चा का विषय बना है। बीते दिनों राहुल जम्मू-कश्मीर के अपने दौरे पर खीर भवानी मंदिर गए थे और वहां माथा टेका था। गुजरात चुनाव के दौरान वह सोमनाथ मंदिर गए थे।",1 http://tehelkahindi.com,http://tehelkahindi.com/%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a4%97%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%97%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%b5-%e0%a4%95/,दिल्ली नगर निगम के चुनाव को लेकर दिल्ली की सियासत गरमायी,"दिल्ली में अभी भाजपा का दिल्ली नगर की तीनों क्षेत्रों पर कब्जा है। दूसरे नंबर पर आप पार्टी है। ऐसे में अपनी ताकत बढ़ाने के लिये कांग्रेस पार्टी हर रोज कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता का मानना है कि दिल्ली में कांग्रेस की हालत कमज़ोर है। भाजपा का अगर मुकाबला हो सकता है तो आप पार्टी से, जबकि आप पार्टी के नेता दुष्यंत पाठक का मानना है कि भाजपा की वजह से दिल्ली नगर में भ्रष्ट्राचार बढ़ा है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-kj-alphons-said-kerala-could-become-another-afghanistan-in-5-to-10-years-22034034.html,"5 से 10 साल में दूसरा अफगानिस्तान बन जाएगा केरल, जानें पूर्व केंद्रीय मंत्री ने क्यों कही ये बात","केजे अल्फोंस ने केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ और विपक्षी यूडीएफ)पर चरमपंथी संगठनों को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य का तालिबानीकरण किया जा रहा है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो अगले पांच-दस वर्षो में केरल दूसरा अफगानिस्तान बन जाएगा। नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्व केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) व विपक्षी संयुक्त प्रगतिशील मोर्चा (यूडीएफ) पर चरमपंथी संगठनों को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य का तालिबानीकरण किया जा रहा है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो अगले पांच-दस वर्षो में केरल दूसरा अफगानिस्तान बन जाएगा। भाजपा नेता ने कहा, 'एलडीएफ व यूडीएफ केरल में चरमपंथ को बढ़ाने में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। पिछले 25 वर्षो से राज्य, खासकर कुछ क्षेत्रों का तालिबानीकरण किया जा रहा है। यह बहुत दुखद है। मैं एलडीएफ व यूडीएफ को चेतावनी देता हूं कि आग से न खेलें। इन परिस्थितियों से निपटने का प्रयास करें, वर्ना चरमपंथ की आग एक दिन पूरे राज्य को बड़ा नुकसान पहुंचाएगी।' राज्यसभा सदस्य अल्फोंस ने कहा, 'मैं केरल कैडर का आइएएस अधिकारी रहा हूं। वहां ऐसा कभी नहीं रहा। राज्य में शांति व सौहार्द रहा है। लोग भाईचारे के साथ रहते आए हैं, लेकिन ये दोनों गठबंधन चरमपंथ को बढ़ावा दे रहे हैं। उदाहरण के तौर पर यूडीएफ को ले लीजिए। कभी उसे नरमपंथी विचारधारा का माना जाता था, लेकिन आज वह कट्टर बन चुका है। कई चरमपंथी उसकी पनाह में फल-फूल रहे हैं। दूसरी तरफ, मुस्लिम मतों के चक्कर में एलडीएफ इन मसलों पर चुप्पी साधे है।' बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री मैटेरियल बताए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सपने देखने का हक सभी को है, चाहे वह सपना पीएम बनने का ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आखिरकार सच को स्वीकार कर लिया है कि राहुल गांधी फेल हो गए हैं और वे प्रधानमंत्री मैटेरियल नहीं बन सकते हैं, लेकिन यह कहते हुए राज्यसभा सांसद ने कहा कि ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री मैटेरियल के रूप में आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। अल्फोंस ने कहा कि एक समय था जब पश्चिम बंगाल में एक ईमानदार नौकरशाही थी, लेकिन अब यह सबसे भ्रष्ट नौकरशाही है और अधिकांश भ्रष्टाचार ममता बनर्जी और उनके परिवार के सदस्यों के आशीर्वाद से ही होते हैं। अगर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं तो पहले उन्हें पश्चिम बंगाल को ठीक करना चाहिए और फिर प्रधानमंत्री बनने का सपना देखना चाहिए।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-ambika-soni-refuses-punjab-cm-post-turns-down-congress-high-commands-offer-22034448.html,"अंबिका सोनी ने ठुकराया कांग्रेस आलाकमान का प्रस्ताव, पंजाब का सीएम बनने से किया इनकार","कांग्रेस की अनुभवी नेता और गांधी परिवार की करीबी अंबिका सोनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद की पेशकश के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। नई दिल्ली, एएनआइ। कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने पार्टी आलाकमान के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पद की पेशकश के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक अंबिका सोनी ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री पद के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करना चाहती हैं। हालांकि, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक सोनी के इनकार पर फैसला नहीं लिया है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस की अनुभवी नेता और गांधी परिवार की करीबी सोनी ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। सोनी का नाम इसलिए सीएम पद के लिए आया है, क्योंकि वह पार्टी की सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू दोनों ही सोनी का बहुत सम्मान करते हैं। सूत्रों ने आगे बताया कि चंडीगढ़ गए पर्यवेक्षक सभी विधायकों से लिखित में राय ले रहे हैं। इससे पहले विधायकों की मौखिक राय ली गई थी, लेकिन सभी विधायकों को इस पर लिखित रूप में देने के लिए कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि विधायकों के विचारों से कांग्रेस आलाकमान को अवगत कराया जाएगा और अंतिम निर्णय जल्द से जल्द लिया जाएगा। मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवारों की अटकलों के बावजूद अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान ही करेगी। वर्तमान में पर्यवेक्षक अजय माकन, हरीश रावत, हरीश चौधरी और नवजोत सिंह सिद्धू चंडीगढ़ के एक होटल में विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं। इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को पार्टी विधायकों की बैठक से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सीएलपी ने शनिवार को सर्वसम्मति से कैप्टन अमरिंदर सिंह के पद छोड़ने के बाद पंजाब के नए मुख्यमंत्री को नामित करने के लिए कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को शक्ति देने का प्रस्ताव पारित किया।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-congress-high-command-removed-because-of-caption-amarinder-singh-popularity-says-pralhad-joshi-22034474.html,"पंजाब में सियासत तेज, भाजपा ने बताया- कैप्टन अमरिंदर सिंह को क्यों कांग्रेस ने हटाया","केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने कहा कि कैप्टन एक लोकप्रिय नेता हैं। उन्होंने सीएम के पद से इसलिए हटा दिया गया है क्योंकि वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तुलना में अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं। नई दिल्ली, एएनआइ। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कैप्टन एक लोकप्रिय नेता हैं। उन्होंने सीएम के पद से इसलिए हटा दिया गया है क्योंकि वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तुलना में अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं। इतने गहरे संटक में फंसे लोग हमसे सवाल कर रहे हैं। उन पर प्रतिक्रिया देना उचित नहीं है। वहीं, भाजपा के प्रवक्ता एनवी सुभाष ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को हर राज्य में उनकी पार्टी द्वारा अपमानित किया जा रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बारे में एएनआई से बात करते हुए सुभाष ने कहा, 'हर कांग्रेस शासित राज्य में कांग्रेस के सभी नेता पार्टी आलाकमान के उदासीन रवैये के कारण अपमानित हो रहे हैं।' उन्होंने कहा कि आलाकमान को सिर्फ परिवार के शासन की चिंता है, न कि 135 साल पुरानी पार्टी की। Capt Amarinder Singh is a popular leader. They've removed him because they were apprehensive that he was growing more popular than Sonia Gandhi & Rahul Gandhi. People who're stuck in such deep mess are questioning us. It's not worth reacting to them: Union Minister Pralhad Joshi pic.twitter.com/70fV6s2mBL सुभाष ने यह भी कहा कि धीरे-धीरे सभी मंत्री और पार्टी कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी की असंगति के कारण उसे छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को पंजाब या उत्तर प्रदेश में कहीं भी एक भी सीट नहीं मिलेगी। भाजपा अगले विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत के साथ जीतेगी, क्योंकि हम कांग्रेस शासित राज्यों में भी कई विकास कर रहे हैं।भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी नेताओं के रूप में पद छोड़ देना चाहिए। इससे पहले कैप्टन अमरिंदर के इस्तीपे को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने एक बयान में कहा कि मुझे उम्मीद है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जी ऐसा कोई कदम नहीं उठायेंगे जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो। कैप्टन साहब पार्टी के सम्मानित नेता हैं और मुझे उम्मीद है कि वो आगे भी पार्टी का हित आगे रखकर ही कार्य करते रहेंगे।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-cong-social-media-department-passes-resolution-to-make-rahul-gandhi-party-president-22033535.html,"जल्द कांग्रेस अध्यक्ष बनें राहुल गांधी, पार्टी के सोशल मीडिया डिपार्टमेंट का प्रस्ताव","राहुल गांधी को जल्द से जल्द पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग करते हुए कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग ने कहा कि इससे देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार होगा। विभाग के अध्यक्ष रोहन गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह प्रस्ताव पेश किया गया। नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस (Congress) के सोशल मीडिया डिपार्टमेंट ने शनिवार को राहुल गांधी के लिए एक प्रस्ताव (Resolution) पारित किया है। इसमें जल्द से जल्द कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर राहुल को नियुक्त किए जाने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि राहुल के नेतृत्व से पार्टी कैडर में नई ऊर्जा का संचार होगा। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से सोशल मीडिया डिपार्टमेंट की एक्जीक्यूटीव मीटिंग 'दृष्टि 2021' में पारित किया गया है। इससे पहले, भारतीय युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग और दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस ने पिछले दिनों प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग की थी। सोशल मीडिया डिपार्टमेंट के अध्यक्ष रोहन गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव में कहा गया है, 'सच के साथ खड़े होने और नागरिकों के कल्याण के बारे में बात करने का साहस और संकल्प दिखाने वाले राहुल गांधी देश के एकमात्र नेता हैं। हमारा मानना है कि राहुल गांधी के नेतृत्व से देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार होगा। इसलिए, हम सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित करते हैं कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी जल्द से जल्द संभालनी चाहिए।’ I thank Shri @RahulGandhi for attending @INCIndia Social Media Department's National Executive Drishti 2021 & interacting with our team for more than two hours. No words to express how his encouragement & motivation has inspired everyone to work harder for well being of India. pic.twitter.com/oCx12Hyb5F उल्लेखनीय है कि पार्टी के सोशल मीडिया डिपार्टमेंट राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 'दृष्टि 2021' को राहुल गांधी ने संबोधित किया। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कांग्रेस की विचारधारा, महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के दर्शन, संविधान एवं लोकतंत्र की बुनियाद तथा देश के सामने उपस्थित मौजूदा मुद्दों के बारे में चर्चा की। उन्होंने सोशल मीडिया विभाग के कार्यकताओं से कहा कि वह नफरत का मुकाबला प्रेम से करें तथा समाज में भाईचारा और सौहार्द को बढ़ावा दें।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-captain-amarinder-singh-and-rahul-gandhi-were-already-face-to-face-know-about-this-jagran-special-22033518.html,"कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और राहुल गांधी पहले से रहे आमने- सामने, जानें क्‍यों बढ़ गई बात","कांग्रेस का पंजाब संकट इस साल जुलाई में शुरू हुआ जब कैप्टन अमरिंदर सिंह के कड़े प्रतिरोध के बावजूद नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया गया। उसके बाद नवजोत सिद्धू के कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से तीखे झगड़े से शुरू हो गए। नई दिल्ली/चंडीगढ़, एजेंसियां। कांग्रेस का पंजाब संकट इस साल जुलाई में शुरू हुआ, जब कैप्टन अमरिंदर सिंह के कड़े प्रतिरोध के बावजूद नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया गया। उसके बाद नवजोत सिद्धू के कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से तीखे झगड़े से शुरू हो गए। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पूरी तरह से सिद्धू के साथ रहे। उन्हीं के इशारे पर सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान भी सौंपी गई थी। राहुल और प्रियंका का मानना है कि युवाओं के हाथ में कांग्रेस की कमान आनी चाहिए। कांग्रेस को उठानी पड़ी शर्मिंदगी कहा जाता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ही ऐसे मुख्‍यमंत्री थे, जो कांग्रेस हाईकमान की सुनते नहीं थे। कई बार कैप्टन का स्‍टैंड कांग्रेस से अलग होता था, जिससे कांग्रेस को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। पिछले दिनों जब जालियावाला बाग के पु्र्निनिर्माण को लेकर राहुल गांधी ने सरकार के स्‍टैंड की आलोचना की तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सरकार के स्‍टैंड का समर्थन किया। इससे राहुल गांधी को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। 2017 में शुरू हो गई टसल पंजाब के मामले की जानकारी रखने वाले नेताओं ने बताया कि माना जाता है कि यह राहुल गांधी के इशारे पर हुआ है क्योंकि कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और राहुल गांधी के बीच झगड़ा तब शुरू किया, जब 2017 के विधानसभा चुनावों के लिए प्रताप सिंह बाजवा का समर्थन करना चाहते थे। हालांकि, अमरिंदर खेमे के कड़े प्रतिरोध ने कांग्रेस को उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित करने के लिए मजबूर किया। हालांकि बाजवा को पंजाब कांग्रेस प्रमुख बनाया गया था, लेकिन राहुल गांधी और अमरिंदर सिंह के बीच समय-समय पर समस्याएं पैदा हुईं क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री राहुल गांधी के करीबी सहयोगियों के साथ तालमेल नहीं बिठा रहे थे। तीन बार अपमानित किया गया अपना इस्तीफा सौंपने के बाद कैप्टन ने मीडिया से कहा, 'मुझे दो महीने में एक या दो बार नहीं बल्कि तीन बार अपमानित किया गया है। पार्टी हाईकमान के सामने मेरे बारे में संदेह पैदा किया गया कि मैं सरकार चलाने में असमर्थ हूं। मैंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया जी को कह दिया था कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं। दो महीनों में तीसरी बार विधायक इस तरह इकट्ठा हुए हैं। मैंने साफ कह दिया है कि आपको जिस पर भरोसा है, उसे सीएम बना दें।' यह बयान राहुल गांधी के नेतृत्व वाली टीम के लिए एक ब्रेकिंग पॉइंट साबित हुआ। कैप्टन ने कही यह बात कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह 52 साल से राजनीति में हैं और 9.5 साल से मुख्यमंत्री हैं, लेकिन चुनाव से कुछ महीनों पहले कांग्रेस का जुआ उल्टा साबित हो सकता है क्योंकि उन्हें लंबे समय तक किसान आंदोलन और केंद्र सरकार का मुकाबला करने का श्रेय दिया जाता है। वह कांग्रेस पार्टी में अपमानित महसूस कर रहे हैं। पद छोड़ने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री पद पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनके भविष्य के विकल्प खुले हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने समर्थकों से बात करेंगे। चूंकि अमरिंदर सिंह के कड़े प्रतिरोध के बाद भी राहुल गांधी ने कैप्टन को मुख्‍यमंत्री हटाने का मन बना लिया था। यही कारण है कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके लिए पर्दे के पीछे से काम को पूरा करने के लिए हरीश चौधरी थे, जो राजस्थान में राजस्व मंत्री हैं और पंजाब मामलों के सचिव थे, लेकिन ऐसा लगता है कि अमरिंदर सिंह ने हार नहीं मानी है और चुनाव के दौरान वह वापसी कर सकते हैं। 2014 के चुनावों में अरुण जेटली को हराने वाले अमरिंदर सिंह आसानी से नहीं झुकने वाले शख्‍स हैं, जैसा कि उनके बेटे रनिंदर ने संकेत दिया था कि कांग्रेस के लोग उनके साथ सहानुभूति रखते हैं। शनिवार को महत्वपूर्ण कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक से कुछ ही मिनट पहले रनिंदर ने ट्वीट किया कि मुझे अपने पिता के साथ राजभवन में जाने पर गर्व है, जब उन्‍होंने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा सौंपा। अब हम हमारे परिवार के मुखिया के रूप में एक नई शुरुआत की ओर ले जाते हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह राज्यपाल के आवास पर पहुंचे और अपना और उनके मंत्रिपरिषद का इस्तीफा सौंप दिया। हाईकमान का फैसला समझ से परे देर रात निवर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के हवाले से उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेस हाईकमान का फैसला समझ से परे है। हमने 2017 के बाद से पंजाब में सभी चुनाव जीते हैं। लोग स्पष्ट रूप से मेरी (कैप्टन) सरकार से खुश थे, लेकिन पार्टी के नेताओं ने अपने ही चेहरे के लिए अपनी नाक काट ली है और जीत की स्थिति से हार की तरफ बढ़ गए हैं।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-amit-shah-said-is-not-afraid-of-asaduddin-owaisi-will-celebrate-hyderabad-liberation-day-after-coming-to-power-22033243.html,"केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोले, ओवैसी से नहीं डरते, सत्ता में आने पर मनाएंगे 'हैदराबाद मुक्ति दिवस'","अमित शाह ने चेतावनी दी कि जो लोग यह सोचते हैं कि ओवैसी की आड़ लेकर वो बच जाएंगे तो उनसे वह कहना चाहते हैं कि तेलंगाना के लोग अब जाग गए हैं और ओवैसी की आड़ लेकर वे बच नहीं सकते। नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि तेलंगाना में सत्ता में आने पर भाजपा 17 सितंबर को 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' मनाएगी। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पर घोषणा के बाद भी 17 सितंबर को तेलंगाना दिवस नहीं मनाने पर निशाना साधा। तेलंगाना के निर्मल में सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए शुक्रवार को शाह ने कहा कि के. चंद्रशेखर राव यानी केसीआर की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (केसीआर) ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआइएमआइएम) से डरती है और इसलिए तेलंगाना दिवस मनाने से पीछे हट गई। उन्होंने कहा कि जिसे ओवैसी से डरना है डरे, भाजपा किसी से नहीं डरती। शाह ने चेतावनी दी कि जो लोग यह सोचते हैं कि ओवैसी की आड़ लेकर वो बच जाएंगे तो उनसे वह कहना चाहते हैं कि तेलंगाना के लोग अब जाग गए हैं और ओवैसी की आड़ लेकर वे बच नहीं सकते। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि टीआरएस में दम नहीं है कि वह ओवैसी की पार्टी और कांग्रेस से मुकाबला कर सके। सिर्फ भाजपा ही राज्य में टीआरएस का विकल्प बन सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता में आने के बाद उनकी पार्टी 17 सितंबर को आधिकारिक रूप से 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' घोषित करेगी। बता दें कि आजादी के बाद तत्कालीन हैदराबाद राज्य के निजाम ने भारत में विलय करने से इन्कार कर दिया था। बाद में तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने वहां सेना को उतारा था। इसके बाद ही औपचारिक रूप से हैदराबाद 17 सितंबर, 1948 को भारत का हिस्सा बना। शाह 'तेलंगाना मुक्ति दिवस' के अवसर पर सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जबकि सरकार वल्लभ भाई पटेल ने राज्य को 17 सितंबर, 1948 को आजादी दिलाई थी, तेलंगाना वास्तव में एक परिवार से तब मुक्त होगा जब राज्य में एक ऐसी सरकार बनेगी जो एआइएमआइएम पर निर्भर न हो। उन्होंने कहा कि टीआरएस ने इसलिए तेलंगाना दिवस नहीं मनाया कि इससे एआइएमआइएम के समर्थक नाराज हो जाएंगे जो शुरू में हैदराबाद के भारत में विलय के खिलाफ थे। शाह का तेलंगाना दौरा हुजुराबाद विधानसभा सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव से ठीक पहले हुआ है जो पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने में अहम भूमिका निभाएगा। पूर्व मंत्री ई. राजेंदर के इस्तीफे का बाद यह सीट खाली हुई है और अक्टूबर के आखिर में यहां उपचुनाव कराए जाने की उम्मीद है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-shashi-tharoor-asks-for-immediate-change-of-leadership-in-congress-22031873.html,"शशि थरूर ने कांग्रेस में तत्काल नेतृत्व बदलने की मांग की, राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने की पैरवी की","एर्नाकुलम में मीडिया से बातचीत में थरूर ने कहा कि सोनिया गांधी के खिलाफ किसी ने एक शब्द नहीं बोला है लेकिन वह खुद पद छोड़ने की इच्छा जता चुकी हैं इसलिए नए नेतृत्व को तुरंत कार्यभार संभालना चाहिए। तिरुअनंतपुरम, आइएएनएस। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के झटके से अभी कांग्रेस उबरी भी नहीं है कि उसके वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पार्टी में तुरंत नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर दी है। तिरुअनंतपुरम से तीसरी बार सांसद चुने गए थरूर ने कहा कि कांग्रेस को तत्काल नया अध्यक्ष मिलना चाहिए। एर्नाकुलम में मीडिया से बातचीत में थरूर ने कहा कि सोनिया गांधी के खिलाफ किसी ने एक शब्द नहीं बोला है, लेकिन वह खुद पद छोड़ने की इच्छा जता चुकी हैं, इसलिए नए नेतृत्व को तुरंत कार्यभार संभालना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष बनना चाहते हैं तो यह भी तुरंत होना चाहिए। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई की राहुल गांधी के तहत एक नया नेतृत्व उभरेगा। थरूर ने कहा कि अगर कांग्रेस वापसी करना चाहती है और चुनाव के लिए तैयार होना चाहती है तो सबकुछ जल्द व्यवस्थित करना होगा। कांग्रेस के कई इकाइयों की तरफ से राहुल गांधी को ही दोबारा अध्यक्ष बनाने की मांग की जा रही है। थरूर कांग्रेस के उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल पार्टी में आमूलचूल बदलाव लाने के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से दिया इस्तीफा वहीं, दूसरी ओर पंजाब की सियासत में बड़ा उलटफेर हो गया। पंजाब कांग्रेस की खींचतान के बीच कांग्रेस हाईकमान ने मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा ले लिया है। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले सीएम पद से इस्‍तीफा दे दिया। इस दौरान उनकी पूरी कैबिनेट ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-gujarat-congress-change-delay-in-reshuffle-in-gujarat-congress-increased-uneasiness-among-leaders-like-hardik-patel-22032886.html,गुजरात कांग्रेस में फेरबदल की हो रही देरी से हार्दिक पटेल जैसे नेताओं में बढ़ी बेचैनी,"सियासी दांव ने जहां हार्दिक समेत सूबे के कांग्रेस नेताओं की बेचैनी बढ़ा दी है, वहीं पार्टी नेतृत्व के लिए भी संगठन में बदलाव की कसरत चुनौतीपूर्ण हो गई है। इसके मद्देनजर ही हार्दिक के साथ सूबे के कई नेता हाईकमान पर फैसले का दबाव बना रहे हैं। पाटीदारों को साधने के लिए प्रदेश अध्यक्ष पद पर दावेदारी जता रहे हार्दिक उनका साफ कहना है कि संगठन में फेरबदल की दुविधा का जल्द अंत नहीं हुआ तो गुजरात में कांग्रेस की सियासी तैयारियों की कारवां बहुत पीछे छूट जाएगा। समझा जाता है कि गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने पार्टी नेतृत्व को यह संदेश पहुंचा दिया है कि भाजपा के चौंकाने वाले सियासी कदमों के बाद प्रदेश संगठन के नेतृत्व को लेकर किसी तरह की देरी अगले साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले चुनाव में कांग्रेस की मौजूदा चुनौतियों में इजाफा करेगी। पाटीदारों को साधे रखना कांग्रेस के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं ने भी नेतृत्व को इशारा किया है कि हार्दिक जैसे चेहरों को आगे लाने की पहल में सूबे के दिग्गजों की अड़चन डालने की कोशिश नहीं रुकी तो गुजरात के सबसे प्रभावशाली पाटीदार समुदाय के बीच सही संदेश नहीं जाएगा। पाटीदारों को साधे रखना कांग्रेस के लिए अब ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है, क्योंकि भाजपा ने पाटीदार समुदाय के ही गैर विवादास्पद नेता भूपेंद्र पटेल को नया मुख्यमंत्री बनाया है। पुराने दिग्गज कर रहे विरोध, गुजरात कांग्रेस की हालत बिन पतवार नाव जैसी बताया जाता है कि भरत सोलंकी, अर्जुन मोढ़वाडिया, अमित चावड़ा और परेश धनाणी जैसे गुजरात कांग्रेस के प्रमुख नेता हार्दिक पटेल को संगठन की कमान देने का विरोध कर रहे हैं। वहीं अगले चुनाव में पाटीदारों को साधने के लिहाज से हार्दिक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपनी मजबूत दावेदारी जता रहे हैं और पिछले दिनों दिल्ली आकर उन्होंने पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं से बातचीत भी की। सूबे के सियासी समीकरण के लिहाज से दावेदारी जता रहे हैं हार्दिक पटेल गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ पाटीदार समुदाय के बड़े आंदोलन की अगुआई कर रहे हार्दिक के रुख के चलते कांग्रेस को इस वर्ग का भरपूर वोट मिला। हालांकि यह अलग बात है कि कांटे के टक्कर के बावजूद भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता की दौड़ में पीछे छोड़ दिया। हार्दिक पिछले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए और पिछले साल उन्हें गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। अब जब पार्टी नए अध्यक्ष की तलाश कर रही है तो हार्दिक सूबे के सियासी समीकरण के लिहाज से अपनी दावेदारी जता रहे हैं। बीते मार्च में ही स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा और विधायक दल के नेता परेश धनाणी ने इस्तीफा दे दिया था और तभी से बदलाव की मशक्कत चल रही है। इसी बीच कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गुजरात कांग्रेस के प्रभारी पार्टी के युवा नेता राजीव साटव का असमय निधन हो गया और तब से चार महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी हाईकमान नए प्रभारी की नियुक्ति नहीं कर सका है। इस लिहाज से गुजरात कांग्रेस की मौजूदा हालत बिन पतवार नाव की तरह है क्योंकि सूबे में पार्टी के पास न पूर्णकालिक अध्यक्ष है, न विधायक दल का नेता ही और न ही कोई केंद्रीय प्रभारी। इसके उलट भाजपा ने चार-पांच दिन की सियासी कसरत में ही सूबे की अपनी पूरी सरकार के साथ एक तरह से चुनाव की टीम ही बदल डाली है। ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व के इस अनिर्णय के रुख से हार्दिक जैसे नेताओं की बेचैनी का बढ़ना लाजिमी है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-after-captain-amrinder-singh-resignation-in-punjab-eyes-are-on-rajasthan-and-chhattisgarh-22032655.html,"पंजाब में कैप्टन के इस्तीफे के बाद अब निगाहें राजस्थान व छत्तीसगढ़ पर, गहलोत और बघेल की बढ़ेगी टेंशन","इस समय तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है और तीनों में राजनीतिक उठापटक जारी है। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अब राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री में भूपेश बघेल की टेंशन बढ़ गई होगी। नई दिल्ली, आइएएनएस। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही अब सबकी निगाहें राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर टिक गई है, जहां कांग्रेस की सरकार है। पंजाब की तरह इन दोनों राज्यों में भी सियासी खींचतान जारी है। राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट चाहते हैं कि उन्हें राज्य में शीर्ष पद दिया जाए और छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव चाहते हैं कि रोटेशनल मुख्यमंत्री 2.5-2.5 साल मुख्यमंत्री के फार्मूले का सम्मान किया जाए। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट खेमे को समायोजित करने के आलाकमान के फैसले से बचते रहे हैं और पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने अपनी ताकत दिखाने के लिए 50 से अधिक विधायकों को दिल्ली में लामबंद किया। कांग्रेस नेतृत्व दोनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों द्वारा कांग्रेस नेतृत्व के फैसलों की अवहेलना करने से नाराज है। पंजाब में कैप्टन के इस्तीफे के साथ कांग्रेस ने इन दो मुख्यमंत्रियों को भी कड़ा संदेश दिया है। राजस्थान के कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने गुरुवार को कहा था कि राज्य में कैबिनेट विस्तार और संगठनात्मक फेरबदल के लिए रोडमैप तैयार है।अगर अशोक गहलोत बीमार नहीं पड़ते तो हम कैबिनेट विस्तार करते और बोर्ड निगमों और जिला अध्यक्षों में नियुक्ति के लिए रोडमैप तैयार है। उन्होंने यह बात गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में कही। कांग्रेस नेता ने कहा कि गहलोत अभी भी अस्वस्थ हैं और घर से अपना काम कर रहे हैं और जैसे ही वह ठीक होंगे कैबिनेट विस्तार और संगठनात्मक फेरबदल किया जाएगा। सचिन पायलट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर हम सभी मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन अगर एआइसीसी के स्तर पर कुछ दिया जाता है तो यह मेरे दायरे से बाहर है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव के समर्थक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सत्ता में ढाई साल पूरे होने के बाद से मुख्यमंत्री बदलने पर जोर दे रहे हैं। रोटेशनल मुख्यमंत्री के मुद्दे पर अभी भी रहस्य बना हुआ है, क्योंकि शीर्ष नेतृत्व की ओर से कोई इसपर कोई स्पष्टता नहीं है। रोटेशनल मुख्यमंत्री के फार्मूले पर जोर दे रहे सिंहदेव ने कहा है कि सब कुछ पार्टी नेतृत्व के दायरे में है और जो भी निर्णय लिया जाएगा वह स्वीकार होगा।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-karnataka-students-given-tabs-and-laptops-to-mark-pm-modi-birthday-22029749.html,कर्नाटक के मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर छात्रों को टैब और लैपटाप वितरित किया,"कर्नाटक के उच्च शिक्षा और आइटी-बीटी मंत्री डा सीएन अश्वथ नारायण ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 71 वें जन्मदिन पर अपने विधानसभा क्षेत्र मल्लेश्वरम में सरकारी और नगरपालिका स्कूलों के छात्रों को एक हजार टैब और 350 लैपटाप वितरित किए। बेंगलुरु,पीटीआइ। कर्नाटक के उच्च शिक्षा और आइटी-बीटी मंत्री, डा सीएन अश्वथ नारायण ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 71 वें जन्मदिन पर अपने विधानसभा क्षेत्र मल्लेश्वरम में सरकारी और नगरपालिका स्कूलों के छात्रों को एक हजार टैब और 350 लैपटाप वितरित किए। हाई स्कूल के छात्रों को टैब और प्राथमिक स्कूल के छात्रों को लैपटाप दिए गए। मंत्री ने सभा को बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के अनुरूप डिजिटल शिक्षा को मजबूत करने के लिए विभिन्न संगठनों और संस्थानों द्वारा गैजेट्स का योगदान दिया गया है। इस दौरान नारायण ने कहा, ' हम भाग्यशाली हैं कि हमें नरेंद्र मोदी जैसा नेता मिला है, जो शिक्षा और प्रौद्योगिकी सहित सभी क्षेत्रों को उपयुक्त प्रमुखता देकर देश का नेतृत्व कर रहा है। आने वाले वर्षों में भारत को 'विश्वगुरु' बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाए हैं।' मंत्री ने गैजेट्स का योगदान देने वाले संगठनों और संस्थानों के प्रति आभार व्यक्त किया। गोवा के राज्यपाल ने 71 अनाथालयों और वृद्धाश्रमों को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 71वें जन्मदिन के अवसर पर राज्यपाल कोष से 71 अनाथालयों और वृद्धाश्रमों को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने डायलिसिस के 71 मरीजों को राज्यपाल के विवेकाधीन कोष से वित्तीय सहायता देने की भी घोषणा की है। बयान में कहा गया कि राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन के अवसर पर बधाई देते हुए 71 वृद्धाश्रमों, अनाथालयों और ऐसे ही अन्य संस्थानों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की है। इसके अलावा, राज्यपाल ने घोषणा की है कि डायलिसिस उपचार के लिए 71 व्यक्तियों को राजभवन से वित्तीय सहायता मिलेगी। इसमें कहा गया है कि इच्छुक व्यक्तियों और संस्थानों को अपनी गतिविधियों के बारे में सभी व्यक्तिगत विवरण और जानकारी के साथ आवेदन करना होगा। आवेदन राज्यपाल के सचिव को संबोधित करते हुए लिखे जाएं और इसे 30 सितंबर से पहले जमा करना है। सहायता पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर स्वीकृत की जाएगी।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-rahul-gandhi-exploring-new-team-of-young-leaders-kanhaiya-kumar-likely-to-join-congress-soon-22028649.html,"कांग्रेस नेता राहुल गांधी को युवा नेताओं की नई टीम की तलाश, कन्हैया कुमार पार्टी में हो सकते हैं शामिल","कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस वक्त कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए ऐसे युवा नेताओं की टीम तलाश कर रहे हैं जो उनकी डगमगाती नैया को पार लगा सके। माना जा रहा है कि कन्हैया कुमार कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं। जानें सभी अपडेट। नई दिल्ली, एएनआइ। राहुल गांधी इस वक्त कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए ऐसे युवा नेताओं की टीम तलाश कर रहे हैं जो उनकी डगमगाती नैया को पार लगा सके। पहले ही कई राज्यों में आंतरिक कलह से जूझ रहे कांग्रेस के लिए यह काफी अहम हो जाता है। ऐसे में खबर है कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार पार्टी में जल्द शामिल हो सकते हैं। सूत्रों की मानें तो कन्हैया को पार्टी में शामिल करने को लेकर कांग्रेस नफा-नुकसान का आकलन कर रही है। बताया जा रहा कि कन्हैया कुमार लगातार कांग्रेस के संपर्क में हैं और जल्द ही पार्टी में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि कन्हैया कुमार वर्तमान में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। सूत्रों की माने तो कन्हैया कुमार बिहार में पार्टी के एक महत्वपूर्ण युवा चेहरे के रूप में काम करेंगे और राष्ट्रीय भूमिका भी निभा सकते हैं। बता दें कि कन्हैया कुमार ने हाल ही में इस मामले पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी। कांग्रेस पार्टी में कन्हैया की भूमिका को लेकर चर्चा अंतिम चरण में बताई जा रही है। माना जा रहा कि कांग्रेस पार्टी भाजपा के खिलाफ एक राष्ट्रीय आंदोलन की रणनीति बना रही है। इसके लिए प्रभावशाली युवाओं की पहचान की जा रही है। इसके लिए राहुल गांधी ऐसे युवा नेताओं की एक टीम का गठन कर रहे हैं, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को मिले भारी वोट आधार का मुकाबला किया जा सके। बता दें कि इस साल की शुरुआत में जितिन प्रसाद और सुष्मिता देव ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। जिसमें से जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए थे, जबकि सुष्मिता देव तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए थे। ऐसे में पार्टी को पुनर्जीवित करने और युवा चेहरों को सबसे आगे लाने के लिए राहुल गांधी गुजरात विधानसभा सदस्य जिग्नेश मेवाणी सहित युवा नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-mp-politics-once-again-there-is-a-ruckus-in-the-politics-of-madhya-pradesh-over-reservation-jagran-special-verified-22025380.html,MP Politics: मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर आरक्षण को लेकर मचा घमासान,"संजय मिश्र। MP Politics मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर आरक्षण को लेकर घमासान मचा हुआ है। कोई भी दल इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहता। जबलपुर उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने आरक्षण को बचाने के लिए नई तरकीब क्या निकाली, कांग्रेस भी परेशान हो उठी। उसने इसका श्रेय भी खुद को देना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस के नेता दमखम के साथ मैदान में उतर गए हैं। इससे साफ है कि राज्य की राजनीति में एक बार फिर पिछड़ों का आरक्षण बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी 50 फीसद से अधिक है। जाहिर है कि यह वर्ग जिस ओर झुकेगा सत्ता के समीकरण भी उस ओर ही रहेंगे। यही वजह है कि 15 साल बाद 2018 में सत्ता में आई कांग्रेस ने सिलसिलेवार तरीके से पिछड़े व आदिवासी वर्गो को साधने की कवायद शुरू की थी। पहले आदिवासी वर्ग को साधने के लिए अगस्त 2019 तक अधिसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों द्वारा साहूकारों से लिए गए ऋण को शून्य करने के लिए साहूकारी अधिनियम में प्रविधान किया। लोकसभा चुनाव के पहले उसने पिछड़ा वर्ग को सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का दांव चल दिया। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अध्यादेश के माध्यम से प्रविधान को लागू कर दिया। कुछ दिनों बाद विधानसभा में विधेयक भी पारित करा लिया। इस बीच पिछड़ा वर्ग को 27 फीसद आरक्षण देने के खिलाफ जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी गई। उच्च न्यायालय ने 14 फीसद से अधिक आरक्षण को नियम विरुद्ध मानते हुए इसके क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। तब से ही यह मामला उलझा हुआ है। इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग चल रही है। हाल ही में हुए विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस ने इसे फिर हवा दी और शिवराज सरकार को घेरने की कोशिश की। सियासी नफा-नुकसान को भांपने में माहिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न सिर्फ सदन में तगड़ा पलटवार किया, बल्कि कमल नाथ और कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। इतना ही नहीं, महाधिवक्ता के अभिमत के आधार पर उन्होंने उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरणों को छोड़कर शेष विभागों में पिछड़ा वर्ग को 27 फीसद आरक्षण देने का नया आदेश जारी करके बढ़त भी बना ली। मध्य प्रदेश की राजनीति में पिछड़ा वर्ग का समीकरण बेहद महत्वपूर्ण है। भाजपा ने उमा भारती, बाबूलाल गौर और उनके बाद शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाकर इस वर्ग को संदेश दिया कि वही उनकी सबसे बड़ी हितैषी है। पिछड़ों को साधने में भाजपा की इस मजबूती को देखते हुए ही कांग्रेस ने इस वर्ग को लक्ष्य कर 27 फीसद आरक्षण का दांव खेला था। कांग्रेस जानती है कि यदि पिछड़ा वर्ग को साध लिया तो सत्ता के सिंहासन तक पहुंचने का रास्ता आसान हो जाएगा। हालांकि आरक्षण का विधेयक तैयार करते समय उससे बड़ी चूक हुई है, जो अब उसे भारी पड़ रही है। इसी को आधार बनाकर भाजपा हमलावार है। कांग्रेस सरकार में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से विधानसभा में आरक्षण का जो विधेयक प्रस्तुत किया गया था उसमें बताया गया था कि राज्य में पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत है, जबकि वास्तव में यह 50 प्रतिशत से अधिक है। इसी को आधार बनाकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी गई। न्यायालय को भी इसमें खामियां मिलीं जिसके आधार पर उसने क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने तो इसी मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा और आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर विधेयक के उद्देश्य एवं कथन में पिछड़ा वर्ग की आबादी कम बताई थी, जिसके कारण उच्च न्यायालय ने 27 प्रतिशत आरक्षण के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी। प्रकरण की सुनवाई के दौरान तत्कालीन सरकार के महाधिवक्ता भी हाईकोर्ट में प्रस्तुत नहीं हुए। अब शिवराज सरकार पूरी दमदारी के साथ न सिर्फ पक्ष रख रही है, बल्कि देश के नामचीन अधिवक्ताओं को भी पैरवी के लिए खड़ा कर रही है। कांग्रेस भी यह जताने में कसर नहीं छोड़ रही कि पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देने का जो निर्णय शिवराज सरकार ने अब लिया है उसका आधार कमल नाथ सरकार का निर्णय ही है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-pm-modi-slams-opposition-for-criticising-central-vista-project-says-some-people-did-the-work-of-spreading-rumours-22025745.html,"PM मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर की विपक्ष की खिंचाई, बोले- कुछ लोगों ने भ्रम फैलाने का काम किया","प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने नई दिल्ली में रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की नई वेबसाइट लांच की। इस दौरान पीएम मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) पर विपक्ष पर निशाना साधा। नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने सेंट्रल विस्टा परियोजना(Central Vista project) की आलोचना करने को लेकर विपक्ष की खिंचाई की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को दिल्ली में कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) की नई वेबसाइट को भी लांच किया। इस मौके पर परोक्ष रूप से सेंट्रल विस्टा परियोजना की आलोचना करने के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने को कहा कि उन्होंने कभी भी उल्लेख नहीं किया कि रक्षा कार्यालय परिसर भी इस परियोजना का एक हिस्सा है। पीएम मोदी ने कहा कि आधुनिक बुनियादी ढांचा देश के आर्थिक विकास के लिए प्रासंगिक है। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष में आज हम देश की राजधानी को नए भारत की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुसार विकसित करने की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे बड़ी चालाकी से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ये भी एक हिस्सा है 7000 से अधिक सेना के अफसर जहां काम करते हैं, वो व्यवस्था विकसित हो रही है उस पर बिल्कुल चुप रहते थे। उन्होंने कहा कि अब केजी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यु में बने ये आधुनिक ऑफिस, राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े हर काम को प्रभावी रूप से चलाने में बहुत मदद करेंगे। राजधानी में आधुनिक डिफेंस एऩ्क्लेव के निर्माण की तरफ ये बड़ा स्टेप है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब हम राजधानी की बात करते हैं तो वो सिर्फ एक शहर नहीं होता। किसी भी देश की राजधानी उस देश की सोच, संकल्प, सामर्थ्य और संस्कृति का प्रतीक होती है। भारत तो लोकतंत्र की जननी है. इसलिए भारत की राजधानी ऐसी होनी चाहिए, जिसके केंद्र में लोक हो, जनता हो। आज जब हम Ease of living और Ease of doing business पर फोकस कर रहे हैं, तो इसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी उतनी ही बड़ी भूमिका है। सेंट्रल विस्टा से जुड़ा जो काम आज हो रहा है, उसके मूल में यही भावना है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-rahul-gandhi-is-a-wishful-hindu-says-narottam-mishra-22025654.html,"राहुल गांधी इच्‍छाधारी हिंदू, सुविधा से लगाते हैं टोपी और टीका: नरोत्‍तम मिश्रा","नरोत्‍तम मिश्रा ने कहा राहुल गांधी धार्मिक पर्यटन पर जाते हैं और धार्मिक पर्यटन पर जाने के बाद वे इस तरह की बात करते हैं। अभी तक मुझे लगता था कि राहुल गांधी में बालपन है। लेकिन जब उन्‍होंने संघ के बारे में ऐसी बात कही तो बहुत दुख हुआ। भोपाल, एएनआइ। कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी के भारतीय जनता पार्टी और राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर की गई टिप्‍पणी पर पलटवार करते हुए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राहुल गांधी इच्छाधारी हिंदू हैं, वे सुविधा से टोपी और टीका लगाते हैं। राहुल गांधी धार्मिक पर्यटन पर जाते हैं और धार्मिक पर्यटन पर जाने के बाद वे इस तरह की बात करते हैं। अभी तक मुझे लगता था कि राहुल गांधी में बालपन है। लेकिन जब उन्‍होंने संघ के बारे में ऐसी बात कही, तो बहुत दुख हुआ। नरोत्‍तम मिश्रा ने कहा, 'राहुल गांधी संघ को क्‍या समझ पाएंगे। मूल पिंड जब किसी संस्‍था का ये व्‍यक्ति का विदेशी होता है, तो ऐसी बातें करता है। इसलिए मैं इस बारे में कानून विशेषज्ञों से राय लूंगा कि इस मुद्दे पर राहुलगांधी के खिलाफ एफआइआर की जा सकती है।' दरअसल, राहुल गांधी ने अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के स्‍थापना दिवस के अवसर पर भाजपा और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस अपने राजनीतिक फायदे के लिए धर्म का प्रयोग करते हैं। साथ ही उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा-आरएसएस की विचारधारा अलग-अलग है। वह भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के साथ कभी समझौता नहीं कर सकते हैं। बता दें कि उत्‍तर प्रदेश के अलावा कई राज्‍यों में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इन दिनों राजनीतिक पार्टियों के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-after-the-abrogation-of-article-370-now-mohan-bhagwat-will-visit-jammu-and-kashmir-for-the-first-time-know-about-the-program-22025398.html,"अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद अब पहली बार जम्मू-कश्मीर जाएंगे मोहन भागवत, जानें- कार्यक्रम के बारे में","संघ शासित प्रदेश में बुद्धिजीवियों से मिलने के अलावा आरएसएस के सरसंघचालक का कार्यक्रम बहुत व्यस्त रहने वाला है। बताया गया कि यह यात्रा दो साल से अधिक के अंतराल के बाद हो रही है। अगस्त 2019 में केंद्र ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया। नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत अनुच्छेद 370 और 35 ए के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर की अपनी पहली यात्रा करने वाले हैं। भागवत, 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक केंद्र शासित प्रदेश की अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। सूत्रों ने बताया कि वे इस दौरान 'प्रबुद्ध वर्ग' के सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे। संघ शासित प्रदेश में बुद्धिजीवियों से मिलने के अलावा, आरएसएस के सरसंघचालक का कार्यक्रम बहुत व्यस्त रहने वाला है। बताया गया कि यह यात्रा दो साल से अधिक के अंतराल के बाद हो रही है। सूत्रों ने कहा कि जम्मू में बुद्धिजीवियों से मिलना ही एकमात्र सार्वजनिक कार्यक्रम है, भागवत इसमें शामिल होंगे। संघ के सूत्रों ने कहा कि आरएसएस के सरसंघचालक, जो आमतौर पर हर प्रांत में दो साल में एक बार आते हैं, पिछले दो वर्षों में चल रहे COVID-19 महामारी के कारण कम आए हैं। बताया गया कि अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त करने के बाद केंद्र शासित प्रदेश की अपनी पहली यात्रा कर रहे मोहन भागवत पहले महामारी के कारण पहले नहीं जा सके थे। COVID-19 महामारी के कारण आवाजाही और सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। आरएसएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'वह आमतौर पर दो साल में एक बार प्रांत का दौरा करते हैं, लेकिन कोविड से संबंधित प्रोटोकाल के कारण, उनके दौरे सीमित रहे। इसके अलावा, यदि सरसंघचालक किसी क्षेत्र का दौरा करते हैं तो वे प्रचारकों और संघ के कार्यों में शामिल लोगों से मिलना चाहते हैं और प्रगति की समीक्षा करना चाहते हैं। कोविड की स्थिति के कारण यह संभव नहीं हो सका था।' आरएसएस प्रमुख जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे प्रचारकों और आरएसएस से जुड़े संगठनों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगे और जमीनी हालात का जायजा लेंगे। सूत्र ने कहा, 'हम समाज और उसकी चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं और केंद्र शासित प्रदेश में बेहतर स्थिति के मद्देनजर यह दौरा महत्वपूर्ण है। गतिविधियों का जायजा भी लिया जाएगा।' अगस्त 2019 में, केंद्र ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया, जिसने तत्कालीन राज्य जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया और इस क्षेत्र को दो क्षेत्रों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-rahul-gandhi-says-i-can-compromise-with-any-ideology-but-not-with-rss-and-bjp-22022881.html,"मैं किसी विचारधारा से समझौता कर सकता हूं, पर आरएसएस और भाजपा से नहीं : राहुल गांधी","अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा भाजपा और आरएसएस से अलग है। एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में मैं अन्य विचारधाराओं के साथ समझौता कर सकता हूं लेकिन भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के साथ नहीं। नई दिल्ली, एजेंसियां। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को भाजपा-आरएसएस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे अपने फायदे के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं। राहुल ने यहां अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की विचारधारा भाजपा और आरएसएस से अलग है। एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में, मैं अन्य विचारधाराओं के साथ समझौता कर सकता हूं, लेकिन भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के साथ नहीं। बता दें कि राहुल गांधी राजधानी दिल्ली में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के नए लोगो अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा और संघ पर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने कहा कि देवी लक्ष्मी सबको लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करती हैं और देवी दुर्गा सबकी रक्षा करती हैं। उनकी पार्टी ने जब सत्ता में थी तो उसने इन शक्तियों को मजबूत किया था। सत्तारूढ़ भाजपा ने इन शक्तियों को कमजोर कर दिया है। राहुल ने यह भी कहा कि लक्ष्मी और दुर्गा महिला सशक्तिकरण की प्रतीक हैं और सरकार नोटबंदी, जीएसटी, कृषि कानूनों और महंगाई के जरिए उन्हें कमजोर किया है। सरकार की नीतियों का नतीजा है कि दीवाली नजदीक आ रही है, लेकिन लोगों की जेब खाली है। उन्होंने आरएसएस पर नारी शक्ति की अनदेखी करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि कांग्रेस ने एक महिला प्रधानमंत्री दिया है। राहुल गांधी ने आगे कहा कि भाजपा-आरएसएस के लोग कहते हैं कि वे हिंदू पार्टी हैं। पिछले 100-200 वर्षों में, महात्मा गांधी वह व्यक्ति हैं जिन्होंने हिंदू धर्म को समझा और उसका पालन किया। हम इसे पहचानते हैं और इसी तरह भाजपा और आरएसएस के लोग भी। अगर महात्मा गांधी ने अपना पूरा जीवन हिंदू धर्म को समझने में लगा दिया, तो गोडसे ने उन्हें क्यों मारा। यह एक विरोधाभास है और आपको इसके बारे में सोचना होगा।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-speculation-intensifies-regarding-cabinet-formation-in-gujarat-know-who-will-be-involved-whose-address-will-be-clear-22021266.html,"गुजरात में मंत्रिमंडल गठन को लेकर अटकलें तेज, जानें कौन होगा शामिल, किसका पत्‍ता होगा साफ","गुजरात में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के साथ ही अब गुरुवार को होने वाले मंत्रिमंडल गठन पर मंथन शुरू हो गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की गुजरात भाजपा के निरीक्षक भूपेंद्र यादव से सोमवार शाम की मुलाकात के बाद अटकलें शुरू हो गई। अहमदाबाद। गुजरात में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के साथ ही अब गुरुवार को होने वाले मंत्रिमंडल गठन पर मंथन शुरू हो गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की गुजरात भाजपा के निरीक्षक भूपेंद्र यादव से सोमवार शाम की मुलाकात के बाद जहां अटकलें शुरू हो गई, वही मंगलवार को कई मंत्रियों को दफ्तरों में फाइलों का वजन कम करते भी देखा गया। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली जाने से पहले अहमदाबाद के शाहीबाग स्थित सरकारी अतिथि गृह में केंद्रीय मंत्री एवं गुजरात भाजपा के निरीक्षक भूपेंद्र यादव से मंत्रिमंडल गठन को लेकर चर्चा की। यादव को गुजरात के मंत्रिमंडल गठन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रदेश भाजपा संसदीय बोर्ड के नेताओं ने मुख्यमंत्री के साथ गांधीनगर में चर्चा की जिसके बाद रुपाणी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल कई मंत्रियों को दफ्तरों में फाइल निस्तारण के साथ फाइलों को कम करते भी देखा गया। इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल गठन पर चर्चा के लिए मंगलवार को गांधीनगर स्थित मुख्यमंत्री आवास पर प्रदेश भाजपा के संसदीय बोर्ड के सदस्यों ने बैठक की वही दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटील से भी विधायकों के मिलने का तांता लगा रहा। विधायक मोहन डोडिया, अरुण सिंह, पीयूष देसाई, राजेंद्र सिंह चावड़ा सहित कई विधायक पाटिल से मिले। नए मंत्रिमंडल में युवाओं एवं महिलाओं को अधिक स्थान मिल सकता है। जातीय समीकरण को बिठाने के साथ साफ-सुथरी छवि के नेताओं को इसमें शामिल किया जाएगा उधर उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के मंत्रिमंडल में शामिल होने पर भी संशय है। रुपाणी सरकार के 8 से 10 मंत्रियों को सरकार के बजाय संगठन के काम में लगाया जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भी इस बीच कहा है कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी, वे उसे पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री पद गंवाने का जरा भी गम नहीं है। पहले भी सीएम थे और आज भी सीएम (कामन मैन) हैं। भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल में विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी व वरिष्ठ विधायक डॉ नीमाबेन आचार्य दो बड़े चेहरे हो सकते हैं, दोनों ही ब्राह्मण समुदाय से हैं। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी, विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक पंकज देसाई के भी मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना है। गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा को कैबिनेट रेंक मिलने की पूरी पूरी संभावना है। जबकि वरिष्ठ मंत्री भूपेंद्र सिंह चूड़ासामा को विधानसभा अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है। भाजपा अध्यक्ष पाटिल के करीबी सूरत के विधायक हर्ष संघवी व संगीता पाटिल, अहमदाबाद एलिसब्रिज से विधायक राकेश शाह वडोदरा से विधायक मनीषा वकील, दुष्यंत पटेल भरूच, मोहन डोडिया महुआ, ऋषिकेश पटेल विसनगर, आत्माराम परमार गढडा, गोविंद पटेल राजकोट, किरीट सिंह राणा लिंबडी, कीर्ति सिंह वाघेला कांकरेज विधायक का नाम मंत्रीमंडल के लिए चर्चा में है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-bjp-says-love-and-narcotic-jihad-issue-should-be-discussed-congress-demands-permanent-solution-22020869.html,"भाजपा बोली- लव व नार्को जिहाद पर होनी चाहिए व्यापक चर्चा, केरल कांग्रेस ने भी की स्थायी समाधान की मांग","केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि पाला बिशप जोसफ कल्लरैंगाट की लव व नार्कोटिक जिहाद संबंधी चिंताओं पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए। उधर कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से सर्वदलीय बैठक बुलाकर मामले के स्थायी समाधान की मांग की है। कोट्टायम, एएनआइ। केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि पाला बिशप जोसफ कल्लरैंगाट की लव व नार्कोटिक जिहाद संबंधी चिंताओं पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए। उधर, कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से सर्वदलीय बैठक बुलाकर मामले के स्थायी समाधान की मांग की, जबकि सत्तारूढ़ माकपा ने भाजपा पर सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने का आरोप लगाया है। सुरेंद्रन ने कहा, 'आतंकी संगठन पैसे के लिए वैश्विक तौर पर ड्रग्स तस्करी करते हैं। देश में तस्करी के जरिये आने वाले ड्रग्स का 75 फीसद हिस्सा केरल पहुंच रहा है। यह गंभीर मुद्दा है और इस पर चर्चा होनी चाहिए।' भाजपा नेता ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि जो यह कहते हैं कि लव व नार्कोटिक जिहाद है ही नहीं, वे आतंकी संगठन आइएसआइएस में शामिल होने वाले केरल के लोगों की चर्चा भी नहीं करते। उन्होंने पूछा, 'जिन लड़कियों से आप प्यार करते हैं, उन्हें सीरिया क्यों भेज देते हैं?' प्रेट्र के अनुसार, सुरेंद्रन ने मंगलवार को पलक्कड़ में कहा कि एराटूपेटा नगरपालिका चुनाव में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) व सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) के संबंध जाहिर हो चुके हैं। एसडीपीआइ पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) की राजनीतिक इकाई है। एराटूपेटा नगरपालिका चुनाव में सोमवार को एलडीएफ ने एसडीपीआइ के सहयोग से कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील मोर्चा (यूडीएफ) का सूपड़ा साफ कर दिया था। उन्होंने कहा कि माकपा ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए राष्ट्र विरोधी व सांप्रदायिक ताकतों से हाथ मिला लिया है। उधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने तिरुअनंतपुरम में कहा कि कुछ लोग सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने में जुटे हैं और पुलिस व खुफिया विभाग चुप है। सरकार को सभी दलों और समुदायों के नेताओं की बैठक बुलाकर मामले का स्थायी समाधान तलाशना चाहिए। माकपा के कार्यवाहक प्रदेश सचिव ए. विजयराघवन ने एक ट्वीट में कहा, 'किसी को वैसा बयान नहीं देना चाहिए, जिससे प्रदेश का सौहार्द खराब हो। भाजपा इस मुद्दे का लाभ उठाना चाहती है।' एसडीपीआइ से हाथ मिलाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी विधानसभा चुनाव में अपने फायदे के लिए जमात ए इस्लामी से हाथ मिला चुकी है। उल्लेखनीय है कि पाला बिशप कल्लरैंगाट ने नौ सितंबर को चर्च में संबोधन के दौरान कहा था कि राज्य में गैर मुस्लिम युवाओं को लव व नार्कोटिक जिहाद का शिकार बनाया जा रहा है। इसके बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक घमासान जारी है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-there-is-a-competition-in-the-congress-for-the-one-seat-of-rajya-sabha-22020875.html,"राज्यसभा की इकलौती सीट के लिए कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार की स्थिति, जानिए क्या है राजनीतिक हलचल","कांग्रेस ने अपने अंदरूनी समीकरण साधने की रणनीति के साथ ही छह साल के पूरे कार्यकाल की राज्यसभा सीट के लिए इंतजार करना मुनासिब माना है। समझा जाता है कि अगले साल जून में तमिलनाडु की पांच राज्यसभा सीटों के चुनाव में कांग्रेस वादे के अनुरूप अपनी एक सीट लेगी। संजय मिश्र, नई दिल्ली। राज्यसभा की पांच सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में दावेदारी को लेकर कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति है। महाराष्ट्र से मिलने वाली एक सीट के लिए कम से कम पार्टी के आठ गंभीर दावेदार हैं, जबकि तमिलनाडु में एक सीट के लिए होड़ में जुटे आधे दर्जन नेताओं की उम्मीद मंगलवार को द्रमुक की ओर से राज्य की दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा के साथ खत्म हो गई। कांग्रेस के असंतुष्ट खेमा जी-23 की अगुआई कर रहे वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को तमिलनाडु से राज्यसभा में लाए जाने की संभावनाएं टटोल रहा था तो दूसरी ओर पार्टी नेतृत्व डाटा एनालेटिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती की उम्मीदवारी पर विचार कर था। तमिलनाडु में द्रमुक के दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के एलान से साफ हो गया है कि आजाद के लिए फिलहाल राज्यसभा में वापसी की गुंजाइश नहीं है। मालूम हो कि चार महीने पहले हुए तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के समय द्रमुक ने कांग्रेस को 25 सीटें देकर चुनावी समझौता किया था और कम सीटें देने की एवज में उसे एक राज्यसभा सीट का वादा किया था। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने अपने अंदरूनी समीकरण साधने की रणनीति के साथ ही छह साल के पूरे कार्यकाल की राज्यसभा सीट के लिए इंतजार करना ज्यादा मुनासिब माना है। समझा जाता है कि अगले साल जून में तमिलनाडु की पांच राज्यसभा सीटों के चुनाव में कांग्रेस वादे के अनुरूप अपनी एक सीट लेगी। इस लिहाज से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की टीम के प्रमुख सदस्यों में गिने जाने वाले प्रवीण चक्रवर्ती को राज्यसभा में आने के लिए अभी कुछ समय और इंतजार करना पड़ेगा। कांग्रेस के युवा चेहरों में शामिल रहे राजीव साटव के निधन से खाली हुई महाराष्ट्र की एक सीट पार्टी के खाते में आना तय है और इसलिए यहां उम्मीदवार बनने की मारामारी सबसे ज्यादा है। कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा में बनी सहमति के अनुसार यह सीट कांग्रेस के खाते में ही रहेगी। साटव पार्टी नेतृत्व के काफी करीबी थे और इसी वजह से उनकी पत्नी को उम्मीदवार बनाए जाने की संभावनाएं खारिज नहीं की जा रही हैं। हालांकि लंबे समय से नाखुश चल रहे युवा नेता मिलिंद देवड़ा भी इस होड़ में हैं। देवड़ा जिस तरह बीच-बीच में कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर अपनी बेचैनी उजागर करते रहे हैं, वह पार्टी नेतृत्व के लिए भी चिंता का सबब रहा है। जम्मू-कश्मीर की कांग्रेस प्रभारी रजनी पटेल भी इस दावेदारी में हैं तो मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम भी जोर लगाने में पीछे नहीं हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व से नाराज चल रहे निरूपम ने पिछले दिनों राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी। पार्टी के वरिष्ठ महासचिव और जी-23 का हिस्सा रहे मुकुल वासनिक भी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। असंतुष्ट खेमा यहां भी आजाद के लिए गुंजाइश टटोलने का मौका नहीं छोड़ना चाहता। वहीं, हिमाचल प्रदेश के प्रभारी और बीसीसीआइ के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ल और वरिष्ठ नेता अविनाश पांडे भी अपने-अपने सियासी समीकरणों के सहारे इस सीट पर निगाह लगाए हुए हैं।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-maharashtra-politcs-politics-of-people-from-other-provinces-heats-up-again-in-mumbai-complaint-against-cm-know-what-is-the-whole-matter-22020687.html,"मुंबई में फिर गरमाई परप्रांतियों की राजनीति, सीएम के खिलाफ शिकायत, जानें क्‍या है पूरा मामला","मुंबई में एक बार फिर परप्रांतियों की राजनीति गरमाती दिख रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा परप्रांतियों को लेकर दिए गए एक बयान पर आज भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबई में एक बार फिर परप्रांतियों की राजनीति गरमाती दिख रही है। परप्रांतियों के विरोध में आ रहे शिवसेना के बयान विरोधी दल भाजपा को प्रतिक्रिया व्यक्त करने का अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा परप्रांतियों को लेकर दिए गए एक बयान पर आज भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मुंबई के साकीनाका थाना क्षेत्र में पिछले सप्ताह हुई एक दुष्कर्म की घटना के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को गृहविभाग के उच्च अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य में बाहर से आने-जानेवालों की निगरानी की जाए एवं उनका रिकार्ड रखा जाए। इसके पहले सोमवार को ही शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में इसी दुष्कर्म की घटना का उल्लेख ‘जौनपुर पैटर्न’ के नाम से किया गया था। भाजपा के हिंदीभाषी नेताओं ने कल भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। जबकि आज मुंबई के एक वरिष्ठ भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने उद्धव ठाकरे द्वारा अधिकारियों को दिए गए निर्देश पर आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ कांदीवली पूर्व पुलिस थाने में शिकायत आईपीसी की धारा 153ए के तहत शिकायत दर्ज कराई है। दो वर्गों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश भातखलकर के अनुसार, ऐसा करके मुख्यमंत्री ने दो वर्गों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री के इस निर्देश से यह संदेश जाता है कि राज्य में दुष्कर्म की घटनाएं दूसरे राज्यों से आनेवालों के कारण ही बढ़ रही हैं। भातखलकर कहते हैं कि मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद परप्रांतीय लोग भयभीत हो गए हैं, जिसके कारण मुझे मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत दर्ज करानी पड़ी है। मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किया अतुल भातखलकर महाराष्ट्र में हुई कुछ चर्चित घटनाओं की ओर ध्यान खींचते हुए मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा करते हैं। अपनी कथित दूसरी पत्नी के कारण चर्चा में रहे महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्री धनंजय मुंडे का उल्लेख करते हुए भातखलकर पूछते हैं कि धनंजय मुंडे कौन हैं ? भातखलकर उद्धव सरकार में ही शिवसेना कोटे से मंत्री रहे संजय राठौड़ की भी याद दिलाते हैं, जिन्हें एक महिला की आत्महत्या के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। भातखलकर कहते हैं कि मैं शिवसेना के आधा दर्जन से ज्यादा नेताओं के नाम ले सकता हूं, जिनपर दुष्कर्म के आरोप हैं। क्या ये सभी परप्रांतीय हैं ? भातखलकर के अनुसार राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। मुख्यमंत्री उसे संभालने में असफल हो रहे हैं, और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इधर-उधर की बात कर रहे हैं।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-reasons-why-bhupendra-patel-was-chosen-gujarat-chief-minister-jagran-special-verified-22018901.html,"गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन के मायने, संगठन के बाद बदला सरकार का चेहरा","नवनीत मिश्र। Gujarat CM Bhupendra Patel गुजरात में नए मुख्यमंत्री के तौर पर भूपेंद्र पटेल के चुने जाने को लेकर भले ही तमाम तरह की बातें कही जा रही हों, लेकिन समग्रता में देखने पर ऐसा लगता है कि भाजपा ने 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव और रघुबर दास प्रकरण से सबक लेते हुए समय रहते खतरे को भांपकर कठोर कदम उठाने की रणनीति अपनाई है। इसी कारण एक साल में चार राज्यों में पांच मुख्यमंत्री बदल दिए गए। दरअसल भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि घाव इससे पहले की नासूर बने, उसका समय रहते इलाज कर दिया जाए। वर्ष 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के अंदरखाने से रघुबर दास को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग जोर पकड़ती रही। रघुबर दास के व्यवहार और कार्यशैली से आहत पार्टी के स्थानीय नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व से शिकायतें की थीं। यहां तक कहा गया कि रघुबर के नेतृत्व में चुनाव में जाना खतरे से खाली नहीं होगा। हालांकि पार्टी नेतृत्व ने शिकायतों को नजरअंदाज करते हुए रघुबर दास के ही नेतृत्व में चुनाव में जाना पसंद किया। विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे रहे रघुबर दास खुद पार्टी के बागी सरयू राय से तो हारे ही, भाजपा भी सत्ता गंवा बैठी। इस प्रकार पार्टी को स्थानीय नेताओं के सटीक फीडबैक को नजरअंदाज करना पड़ा भारी पड़ा था। झारखंड की चूक के बाद दूसरे किसी राज्य में खतरे की घंटी बजते ही पार्टी एक्शन मोड में आ जाती है। असम में जब सर्बानंद सोनोवाल सफल होते नहीं दिखे तो पार्टी ने अपेक्षाकृत लोकप्रिय और हार्डलाइनर माने जाने वाले हिमंता बिस्व सरमा को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय किया। इसी तरह उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की लोकप्रियता में लगातार गिरावट आने की खबरें सामने आईं। स्थानीय नेताओं के फीडबैक के आधार पर भाजपा को यह भी भनक लग गई कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के चेहरे पर पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल नहीं कर सकती तो पार्टी नेतृत्व ने बिना समय गंवाए उन्हें हटाने का निर्णय ले लिया। आखिरकार मार्च 2021 में त्रिवेंद्र सिंह रावत को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत भी कुछ छाप नहीं छोड़ पाए और उन्हें भी पांच महीने से भी कम समय में हटना पड़ा। यह अलग बात है कि तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के पीछे छह महीने में विधानसभा सदस्य न बन पाने से उत्पन्न संवैधानिक संकट का हवाला दिया गया था। जुलाई में कर्नाटक में भी नेतृत्व परिवर्तन हुआ। हालांकि यहां लोकप्रियता या परफार्मेस को आधार बनाने की जगह उम्र के पैमाने पर 78 वर्षीय बीएस येदियुरप्पा की विदाई की पटकथा पार्टी ने लिखी। दरअसल पुराने सिपाही बीएस येदियुरप्पा की उम्र को देखते हुए पार्टी ने नए नेतृत्व को मौका देना जरूरी समझा। पार्टी ऐसा नेतृत्व राज्य में विकसित करना चाहती थी, जिसके नेतृत्व में 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ा जा सके। गुजरात को लेकर यह सवाल उठ रहा है कि अगर पाटीदार को ही मुख्यमंत्री बनाना था तो सबसे मजबूत चेहरे और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल में आखिर कमी क्या थी? भूपेंद्र पटेल की तुलना में पाटीदारों के बीच नितिन पटेल कहीं ज्यादा असरदार माने जाते हैं। उम्र और राजनीतिक करियर दोनों पैमानों पर भूपेंद्र से कहीं बीस ठहरते हैं। कहां एक बार के विधायक भूपेंद्र पटेल और कहां छह बार के विधायक और कई बार मंत्री रहे नितिन पटेल। नितिन पटेल की जगह अपेक्षाकृत कम चíचत भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक साथ कई गोल किए हैं। भाजपा ने यह भी संदेश दे दिया कि उसके लिए परंपरागत पाटीदार मतदाता सवरेपरि हैं और यह भी संदेश कि पार्टी जातीय क्षत्रप विशेष के दबाव में भी नहीं आने वाली है। इस फैसले से एक तरफ पाटीदारों को साधने की कोशिश भी परवान चढ़ गई, दूसरे यह भी संदेश दे दिया गया कि पार्टी समुदाय के सबसे ताकतवर नेता के ही भरोसे नहीं बैठना चाहती, बल्कि राज्य में नए नेतृत्व को भी गढ़ना जरूरी है। पार्टी की राजनीति अब मुट्ठी भर चेहरों के इर्द-गिर्द सिमटकर नहीं रहने वाली। मुख्यमंत्री बनने की रेस से कोसों दूर सिर्फ एक बार के विधायक भूपेंद्र पटेल के मुख्यमंत्री बनने से उन जमीनी नेताओं में भी यह संदेश गया कि पार्टी के लिए समíपत भाव से कार्य करने पर वह भी एक दिन सीएम बन सकते हैं। पालिटिक्स आफ परफार्मेस : गुजरात में हालिया नेतृत्व परिवर्तन के और भी कई बड़े मायने हैं। गृहमंत्री अमित शाह कई अवसरों पर कह चुके हैं कि जनता पालिटिक्स आफ परफार्मेस चाहती है। केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार आने के बाद इसका दौर शुरू हुआ है। ठीक इसी तर्ज पर चुनावी रैलियों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘नामदार बनाम कामदार’ का नारा भी उछाल चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की इन बातों से साफ संकेत मिलते रहे हैं कि अब केवल नाम के सहारे लंबी राजनीति नहीं चलने वाली, बल्कि परफार्मर यानी कामदार बनना होगा। भूपेंद्र पटेल नामदार नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कार्यो से अपनी पहचान जरूर बनाई है। अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के मुखिया के तौर पर कुछ उल्लेखनीय कार्य किए हैं। नगर निकायों से उनका जुड़ाव रहा है। पटेल समाज की महत्वपूर्ण संस्थाओं सरदार धाम और विश्व उमिया फाउंडेशन में उनकी सक्रिय भूमिका रही है। भूपेंद्र लो-प्रोफाइल जरूर हैं, लेकिन जमीनी नेता हैं। वह 2017 के विधानसभा चुनाव में 1.17 लाख वोटों से जीतकर आए हैं। मोदी-शाह की जोड़ी के पालिटिक्स आफ परफार्मेस के पैमाने पर विजय रूपाणी खरे नहीं उतर सके। गुजरात में कोरोना की दूसरी लहर को रूपाणी सरकार सही से हैंडल नहीं कर सकी। जनता में भारी नाराजगी रही। तैयारियों में चूक को लेकर सरकार को हाई कोर्ट से भी कई बार फटकार सुननी पड़ी, जिससे भाजपा नेतृत्व की चिंताएं बढ़ती गईं। गुजरात में नई नौकरियों के सृजन की दिशा में भी रूपाणी अपनी सरकार में कुछ खास नहीं कर सके। अगले वर्ष गुजरात में विधानसभा चुनाव होना है। राज्य में करीब 15 प्रतिशत पाटीदार मतदाता हैं। पाटीदार-पटेल मतदाता राज्य की 70 से 75 सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। पाटीदार आंदोलन के बाद से भाजपा से इस वर्ग की नाराजगी बढ़ने लगी थी। आम आदमी पार्टी भी पाटीदारों के बीच बीच पैठ बनाने लगी थी। पाटीदार मतदाता लगातार भाजपा नेतृत्व से समुदाय से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाटीदार समुदाय से नाता रखने वाले मनसुख मंडाविया और पुरुषोत्तम रूपाला को अपनी सरकार में जगह दी। फिर भी पार्टी ने यह महसूस किया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पाटीदारों का पूरा समर्थन जरूरी है। लिहाजा पार्टी ने पांच साल बाद फिर पाटीदार चेहरे को सीएम की कमान सौंपी। देखा जाए तो पार्टी ने बहुत विचार-विमर्श कर यह फैसला किया है। माना जाता है कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में जहां 80 प्रतिशत पाटीदारों का वोट भाजपा को मिला था, वहीं उसकी तुलना में 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को पाटीदार समाज के 55 प्रतिशत वोट मिलने का ही अनुमान लगाया गया। विजय रूपाणी के नेतृत्व में 2017 का विधानसभा चुनाव जीतने में पार्टी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। 182 सदस्यीय विधानसभा वाले राज्य में जहां भारतीय जनता पार्टी ने 150 का टारगेट सेट किया था, वहां पार्टी 99 के चक्कर में फसकर रह गई थी, जबकि कांग्रेस को अप्रत्याशित रूप से 77 सीटें मिली थीं। नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी के लिए वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश से कम महत्वपूर्ण गुजरात विधानसभा चुनाव नहीं है। चूंकि गृह राज्य में हार-जीत देश की राजनीति में एक परसेप्शन और नैरेटिव खड़ा करती है, लिहाजा भारतीय जनता पार्टी गुजरात में किसी भी प्रकार को जोखिम नहीं लेना चाहती है। गुजरात में हुए नेतृत्व परिवर्तन को राज्य में किंगमेकर मानी जाने वाली एक जाति विशेष को साधने के लिहाज से ही नहीं देखा जाना चाहिए। गुजरात में मुख्यमंत्री पद से विजय रूपाणी की विदाई और भूपेंद्र पटेल की ताजपोशी को समग्रता में देखने की जरूरत है। देखा जाए तो भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाने के निर्णय से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा ने न केवल अपने चिरपरिचित अंदाज में फिर से सबको चौंकाया, बल्कि कई दूरगामी संदेश भी दिए हैं विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर पार्टी नेतृत्व ने पहले संगठन स्तर पर व्यापक बदलाव शुरू किया। जुलाई, 2020 में नवसारी से तीसरी बार सांसद बने और जनाधार वाले नेता सीआर पाटिल को प्रदेश अध्यक्ष की कमान दी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबियों में गिने जाने वाले सीआर पाटिल ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नवसारी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी को 6.89 लाख वोटों से हराया था। वह दो बार पांच लाख से अधिक मतों से चुनाव जीत चुके हैं। गुजरात के राजनीतिक विश्लेषकों से बात करने पर पता चलता है कि प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सीआर पाटिल ने संगठन और सरकार के बीच तालमेल पर जोर दिया। उन्होंने रूपाणी सरकार के मंत्रियों को प्रदेश कार्यालय पर जनसुनवाई के लिए बैठने का निर्देश दिया। लेकिन गिने-चुने मंत्रियों को छोड़कर अन्य ने प्रदेश कार्यालय में जनसुनवाई में रुचि नहीं दिखाई। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री रूपाणी के स्तर से मंत्रियों को सही से निर्देशित नहीं किया गया। इस बीच कुछ मुद्दों पर सीआर पाटिल और रूपाणी के बीच मतभेद बढ़ने की खबरें आईं, जिसे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने काफी गंभीरता से लिया। विजय रूपाणी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले भाजपा संगठन में एक अगस्त को एक बड़ा निर्णय हुआ। यह निर्णय था, गुजरात में डेढ़ दशक से संगठन महामंत्री रहे भीखू भाई दलसनिया को हटाकर बिहार भेजने का। भीखू भाई दलसानिया ने 2005 से जुलाई 2021 तक काम करने के दौरान गुजरात के तीन विधानसभा चुनाव और तीन लोकसभा चुनाव कराए। भीखू भाई की जगह पर पार्टी ने बिहार के सह-संगठन मंत्री और युवा चेहरे रत्नाकर को गुजरात में संगठन महामंत्री बनाकर भेजा। गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले दो महीनों में गुजरात के करीब पांच दौरे किए। प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल मानसून सत्र के दौरान संसद भवन में देखे गए थे। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान उन्होंने रूपाणी की कार्यशैली की पार्टी नेतृत्व से शिकायत की थी। पार्टी नेतृत्व लगातार स्थानीय स्तर से विजय रूपाणी को लेकर फीडबैक लेता रहा। इस बीच एक से तीन सितंबर तक गुजरात के केवडिया में हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में पहुंचे राज्य प्रभारी भूपेंद्र यादव और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ‘वन टू वन’ नेताओं से बातकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर शीर्ष नेतृत्व को अगवत कराया, जिसके बाद राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त हुआ।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-suspended-congress-kerala-leader-kp-anil-kumar-resigned-from-party-work-for-43-years-now-join-cpi-m-22019581.html,"कांग्रेस को केरल से मिला झटका, निलंबित नेता केपी अनिल कुमार ने तोड़ा 43 साल का नाता; सोनिया गांधी को भेजा इस्तीफा","निलंबित कांग्रेस नेता और केरल प्रदेश कमेटी के पूर्व महासचिव केपी अनिल कुमार ( KP Anil Kumar) ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया है। अपने ताजा बयान में उन्होंने एलान किया है कि वह सीपीआई(एम) में शामिल हो रहे हैं। तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। निलंबित कांग्रेस नेता और केरल प्रदेश कमेटी के पूर्व महासचिव केपी अनिल कुमार ( KP Anil Kumar) ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया है। अपने ताजा बयान में उन्होंने एलान किया है कि वह सीपीआई (एम) में शामिल हो रहे हैं। साथ ही बताया,' मैंने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा मेल कर दिया है। 43 सालों तक मैंने कांग्रेस पार्टी के साथ काम किया है, लेकिन नए नेतृत्व ने मेरी पीठ में छुरा घोंप दिया। मेरे निलंबन के बारे में मुझे मीडिया के जरिए पता चल रहा है। पार्टी में लोकतंत्र नहीं है।' अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत हुए थे निलंबित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के. सुधाकरन को उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है। बता दें कि जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) के अध्यक्षों के चयन पर सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया देने के लिए अनिल कुमार को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत पहले निलंबित कर दिया गया था। अनिल कुमार ने पेश की अपनी सफाई, वेणुगोपाल पर लगाए आरोप इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कि वह किसी भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हैं और सौर घोटाले में अन्य कांग्रेस नेताओं की तरह उनका नाम नहीं लिया गया है। अनिल कुमार ने एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल पर निशाना साधा और दावा किया कि वह कांग्रेस में समस्याओं का मूल कारण हैं। इतना ही नहीं कहा कि केसी वेणुगोपाल कांग्रेस को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि जैसे ही अनिल कुमार ने अपने इस्तीफे की घोषणा की वैसे ही केपीसीसी अध्यक्ष के.सुधाकरन ने एक बयान जारी कर अनिल कुमार को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया। केरल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, 'अनुशासनात्मक कार्रवाई के संबंध में केपी अनिल कुमार का स्पष्टीकरण मिलने के बाद उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-bjp-has-no-agenda-other-than-polarization-alleges-congress-22018802.html,"ध्रुवीकरण के अलावा भाजपा के पास कोई एजेंडा नहीं, कांग्रेस का आरोप","विपक्षी पार्टी ने अब्बा जान वाली टिप्पणी के लिए की आदित्यनाथ की आलोचना। नाथूराम गोडसे को भारत का पहला आतंकवादी बताया। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि आदित्यनाथ की यह टिप्पणी विधानसभा चुनाव से पहले आई है। नई दिल्ली, प्रेट्र। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अब्बा जान वाली टिप्पणी के लिए कांग्रेस ने उनकी आलोचना की है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि आदित्यनाथ की यह टिप्पणी विधानसभा चुनाव से पहले आई है। भाजपा के पास ध्रुवीकरण के अलावा कोई और एजेंडा नहीं है। आदित्यनाथ द्वारा कांग्रेस को आतंकवाद का निर्माता बताए जाने का जवाब देते हुए वल्लभ ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भारत का पहला आतंकी करार दिया। आदित्यनाथ ने रविवार को कुशीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि लोगों को आज जिस तरह राशन मिल रहा है, 2017 से पहले उस तरह नहीं मिल रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा था, क्योंकि तब अब्बा जान कहने वाले लोग राशन खा जाते थे। कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश जाता था। आज अगर कोई गरीब लोगों के राशन को हथियाने की कोशिश करेगा तो वह निश्चित रूप से जेल चला जाएगा। योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी के बारे में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर वल्लभ ने कहा कि वे अब्बा जान और भाई जान कहते हुए सत्ता में आए थे। अब चुनाव नजदीक आते ही उन्होंने श्मशान और कब्रिस्तान करना शुरू कर दिया है। कानकोर का भूमि लाइसेंस शुल्क कम करने का आरोप वल्लभ ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कंटेनर कारपोरेशन आफ इंडिया (कानकोर) के विनिवेश से पहले भूमि लाइसेंस शुल्क को कम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसका मकसद निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाना है। वल्लभ ने कहा कि सरकार भूमि लाइसेंस शुल्क छह फीसद से घटाकर दो-तीन फीसद और पट्टे की अवधि पांच साल से बढ़ाकर 35 साल करना चाहती है। कांग्रेस को एक परिवार के अलावा कुछ नहीं दिखता : नकवी केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी को एक परिवार के अलावा कुछ दिखता ही नहीं, जबकि योगी सरकार उत्तर प्रदेश के विकास और संपन्नता के लिए काम कर रही है।कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के एक बयाना का हवाला देते हुए नकवी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक सामंती परिवार पर निर्भर है और उसे परिवार के अलावा कुछ नहीं दिखता।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-mamata-banerjee-oppose-to-power-reforms-union-minister-rk-singh-answered-22017715.html,"प्रस्‍तावित बिजली सुधारों पर ममता बनर्जी का विरोध, बिजली मंत्री आरके सिंह ने कसा तंज, जानें क्‍या कहा","प्रस्‍तावित बिजली सुधारों पर ममता बनर्जी के आरोपों पर केंद्र सरकार ने पलटवार किया है। बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि संभवत ममता को उनके कार्यालय ने सही तरीके से ब्रीफिंग नहीं दी है। इस रिपोर्ट में पढ़ें आरके सिंह का पूरा बयान... जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का मोदी सरकार की नीतियों के विरोध का राजनीतिक मंतव्य समझ में आता है लेकिन क्या वह विरोध करने के लिए उन तथ्यों को भी नजरअंदाज कर देती हैं जो बतौर मुख्यमंत्री उनकी प्रशासनिक कुशलता के लिए बहुत जरूरी हैं। उन्होंने केंद्र के बिजली सुधार को लेकर उठाये जाने वाले कदमों के विरोध में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा कि प्रस्तावित इलेक्ट्र‍िसिटी संशोधन विधेयक-2021 के बारे में राज्य सरकार से कोई चर्चा ही नहीं की गई। ...लगता है आपके कार्यालय ने सही जानकारी नहीं दी हालांकि हकीकत यह है कि केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने ना सिर्फ इस पर बंगाल समेत सभी राज्यों से कई बार चर्चा की है बल्कि प्रस्तावित विधेयक के मसौदे को भी राज्य सरकारों से साझा किया था। इस आधार पर बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि संभवत: ममता को उनके कार्यालय ने सही तरीके से ब्रीफिंग नहीं दी है। सभी राज्‍यों के सुझावों के बाद ही अंतिम रूप दिया बिजली मंत्री ने 13 सितंबर, 2021 को भेजे गये इस पत्र में लिखा है कि प्रस्तावित विधेयक पर सभी राज्यों के सुझाव मिलने के बाद ही उसे अंतिम रूप दिया गया है। पत्र में ममता बनर्जी के इस आरोप को कई उदाहरणों के साथ खारिज किया गया कि विधेयक लागू होने के बाद देश में बिजली की कीमतों में इजाफा होगा। बिजली वितरण क्षेत्र में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा उन्होंने लिखा कि इस विधेयक से बिजली वितरण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, लोग बेहतर सेवा वाली वितरण कंपनी को चुनेंगे। केंद्रीय बिजली मंत्री ने इस आरोप को भी खारिज किया है कि वितरण कंपनियों को बेतहाशा कीमत तय करने की छूट होगी क्योंकि हर क्षेत्र के लिए अधिकतम बिजली शुल्क की सीमा तय होगी। इसलिए यह सवाल ही नहीं है कि बिजली की दरें बढ़ेंगी बल्कि उनमें कमी होगी। ममता से पूछा सवाल आरके सिंह ने कोलकाता का उदाहरण दिया है जहां एक ही बिजली वितरण कंपनी की व्यवस्था है और यह शहर देश के सबसे ज्यादा बिजली दर वाले शहरों में गिना जाता है। आगे उन्होंने लिखा है कि आप निजी कंपनियों को क्यों बचाना चाहती हैं, यह स्पष्ट नहीं है। जारी रहेगी क्रास सब्सिडी की व्यवस्था पत्र में बिजली मंत्री ने यह भी लिखा है कि क्रास सब्सिडी की व्यवस्था जैसा अभी चल रहा है वैसा ही आगे चलता रहेगा। अतिरिक्त क्रास सब्सिडी की राशि को राज्य सरकार की तरफ से नामित एजेंसी के पास जमा कराया जाएगा। यह पिछड़े इलाकों की बेहतरी में इस्तेमाल होगा। साथ ही यह भी पता होना चाहिए कि यह देश में पहली बार नहीं है कि एक सर्किल में एक से ज्यादा वितरण एजेंसी स्थापित करने की बात हो रही है। मुंबई में पहले से ऐसी व्यवस्था है। कंपनियों के खराब प्रदर्शन की तरफ इशारा बिजली वितरण कंपनी के एकाधिकार की स्थिति में बिजली वितरण कंपनियों के खराब प्रदर्शन की तरफ इशारा करते हुए आरके सिंह ने लिखा है कि बंगाल राज्य बिजली विकास निगम सिर्फ 81.43 फीसद बिजली कनेक्शन की ही बिलिंग कर पाता है जबकि राष्ट्रीय औसत 85.36 फीसद है। बिजली शुल्क कम करने में मदद मिलेगी राज्य में ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रिब्यूशन से हानि 20.40 फीसद है और यह सबसे ज्यादा हानि वाले राज्यों में शामिल है। वर्ष 2019-20 में डब्लूबीएसईडीसी को 1867 करोड़ रुपये की हानि हुई थी। इस सबके बावजूद प्रस्तावित विधेयक मौजूदा वितरण कंपनियों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाता है। बस यह बदलाव होगा कि अब उस सेक्टर में दूसरी बिजली वितरण कंपनियां भी काम करने लगेंगी। ये बेहतर सर्विस देंगी। साथ ही बिजली शुल्क कम करने में मदद मिलेगी।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-yogi-adityanath-and-ts-singhdev-clashed-on-twitter-ahead-of-up-assembly-elections-22017670.html,यूपी विधानसभा चुनाव से पहले टि्वटर पर भिड़े योगी आदित्यनाथ और टीएस सिंहदेव,"UP assembly elections 2022 योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया था-कांग्रेस देश में आतंकवाद की जननी है। देश को जख्म देने वाले लोगों को बर्दाश्त करने की आवश्यकता नहीं है। भाजपा है तो सभी का सम्मान है आस्था का सम्मान है। मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस को आतंकवाद की जननी बताया तो छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पलटवार किया। छत्‍तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री का पलटवार, इतिहास पलट कर देखे भाजपा इसे लेकर टीएस सिंहदेव ने ट्वीट किया- इतिहास पलट कर देख लें, कांग्रेस के नेता स्वतंत्रता संग्राम के जनक रहे हैं। देश को जख्मी और नागरिकों को निरंतर प्रताड़ि‍त तो भाजपा कर रही है। उसने कभी किसी आस्था का सम्मान तो किया नहीं है, बल्कि राष्ट्र के आत्मसम्मान को तार-तार जरूर किया है। यूपी के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को आतंकवाद की जननी कहा इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया था-कांग्रेस देश में आतंकवाद की जननी है। देश को जख्म देने वाले लोगों को बर्दाश्त करने की आवश्यकता नहीं है। भाजपा है तो सभी का सम्मान है, आस्था का सम्मान है। एक और पलटवार इसके पलटवार में सिंहदेव ने एक और ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और उनकी लोकप्रियता से इतनी चिढ़ थी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा ने उनके हत्यारे को सिर माथे चढ़ा लिया। गांधी के सत्य, अहिंसा और एकता की विचारधारा से इतना डर है कि झूठ, नफरत और सांप्रदायिकता की राजनीति को गले लगा लिया। बारिश गुजरात में हुई और छाता लखनऊ में तन गया छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया-बारिश गुजरात में हुई और छाता लखनऊ में तन गया। कांग्रेस को गाली देकर कुर्सी बचाने की जुगत में एक सत्ता भोगी जुटा है। देश को जख्म गांधी के सीने में गोडसे ने गोली मारकर दिया। 'विज्ञापन वार' में अपनी छवि चमका रही छत्तीसगढ़ सरकार यूपी सरकार के विज्ञापन विवाद के बाद अब कांग्रेस छत्तीसगढ़ सरकार की छवि को चमकाने में उतर गई है। कांग्रेस नेता छत्‍तीसगढ़ के बेहतर स्कूलों से लेकर महिलाओं के सशक्तीकरण और गोशालाओं की मजबूत स्थिति के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। कांग्रेस नेता बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बेहतर काम किया है। कांग्रेस सांसद और विधायक विदेश की तस्वीर पोस्ट करके उत्तर प्रदेश के विकास पर निशाना भी साध रहे हैं। कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने विदेश की एक तस्वीर पोस्ट करके कहा- लखनऊ विधानसभा की खूबसूरत तस्वीर..। इसे 1500 से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने साधा निशाना दरअसल, यूपी के विकास को लेकर एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में विज्ञापन प्रकाशित हुआ, जिसमें कोलकाता के फ्लाई ओवर की तस्वीर लगा दी गई। इसे लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने निशाना साधा। हालांकि, समाचार पत्र ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए सफाई दी कि यह तस्वीर यूपी सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया है। इस बीच, कांग्रेस ने इस मुद्दे को छत्तीसगढ़ में लपक लिया। कांग्रेस नेताओं ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल से लेकर अन्य विकास की योजनाओं की तस्वीर पोस्ट करना शुरू कर दिया।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-leadership-change-in-gujarat-message-for-all-only-clear-image-not-enough-for-cm-in-bjp-jagran-special-verified-22014540.html,"गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन सभी के लिए संदेश, भाजपा में मुख्यमंत्री के लिए सिर्फ साफ छवि ही पर्याप्त नहीं, यह भी जरूरी","नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पहले असम में नेतृत्व परिवर्तन और फिर उत्तराखंड, कर्नाटक और अब गुजरात में चुनाव से महज से एक साल पहले मुख्यमंत्री का बदला जाना साफ संकेत है कि भाजपा में मुख्यमंत्री के लिए सिर्फ साफ छवि पर्याप्त नहीं है। विकास कार्य भी पर्याप्त नहीं है। जनता के बीच यह भावना जरूरी है कि विकास हो रहा है। जिस तरह चार-पांच महीनों में चेहरे बदले गए हैं, उसके बाद यह चर्चा भी तेज हो गई है कि अन्य राज्यों में भी बदलाव हो सकता है। इन राज्‍यों में यह रही वजह असम में यूं तो सर्बानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री थे और कई विकास कार्य भी हो रहे थे लेकिन शुरुआत से ही वर्तमान मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ही चेहरा थे। उत्तराखंड में रावत सरकार में विकास ही गति नहीं पकड़ पाई थी और कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के कारण पार्टी के अंदर खेमेबाजी बढ़ गई थी। केंद्रीय नेतृत्व की मजबूती का संकेत गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी पांच साल में अपनी धमक ही नहीं जमा पाए। इन सभी बदलावों में एक बात और काबिलेगौर रही कि कहीं भी कोई असंतोष नहीं पनपा। कर्नाटक जैसे राज्य में भी बहुत शांति के साथ सत्ता का हस्तांतरण हो गया और हर स्थान पर पार्टी एकजुट है। जाहिर तौर पर यह केंद्रीय नेतृत्व की मजबूती का संकेत देता है। इसलिए भी क्योंकि गुजरात में अब चुनाव को बहुत लंबा वक्त नहीं है। उत्तराखंड तो चुनाव के मुहाने पर ही खड़ा है। हर राज्य के नेतृत्व के लिए यह संदेश सामान्यतया ऐसे वक्त में बदलाव से हर पार्टी बचती रही है लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इसे भी कर दिया। सूत्रों के अनुसार, हर राज्य के नेतृत्व के लिए यह संदेश है कि उन्हें काम करना भी पड़ेगा और काम करते दिखना भी पड़ेगा। पिछले दिनों जातिगत समीकरण पर भी तेज काम होता देखा गया है। कर्नाटक में पार्टी ने फिर से लिंगायत के हाथ ही कमान दी है। गुजरात में पाटीदार फिर से सरदार हुआ। यह संकेत भी अहम है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-gujarat-new-cm-bhupendra-patel-will-be-the-new-cm-of-gujarat-will-take-oath-on-monday-22015016.html,"Gujarat New CM: गुजरात की राजनीति के अजातशत्रु भूपेंद्र पटेल होंगे राज्य के नए मुख्यमंत्री, आज लेंगे शपथ","भाजपा आलाकमान ने फिर सबको चौंकाते हुए गुजरात का ताज एक नए चेहरे भूपेंद्र पटेल के सिर पर रख दिया। सरल स्वभाव भूपेंद्र पटेल (59) को प्रदेश की राजनीति में अजातशत्रु के रूप में देखा जाता है। दो दिनों तक चली चर्चा में उनका दूर तक कहीं नाम नहीं था। अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। भाजपा आलाकमान ने एक बार फिर सबको चौंकाते हुए गुजरात का ताज एक नए चेहरे भूपेंद्र पटेल के सिर पर रख दिया। सरल स्वभाव व मिलनसार भूपेंद्र पटेल (59) को प्रदेश की राजनीति में अजातशत्रु के रूप में देखा जाता है। नए सीएम को लेकर दो दिनों तक चली चर्चा में उनका दूर तक कहीं नाम नहीं था। पहली बार विधायक बने पटेल को सोमवार दोपहर करीब दो बजे राजभवन में गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। रविवार को गुजरात भाजपा विधायक दल की बैठक में भूपेंद्र पटेल का चयन सर्वसम्मति से किया गया। बैठक में भाजपा के सभी 103 विधायक मौजूद रहे। सोमवार को केवल मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। मंत्रिमंडल के सदस्यों को दो दिन बाद शपथ दिलाई जाएगी। पांच साल बाद एक बार फिर गुजरात की कमान पाटीदार नेता के हाथ में आई है। निवर्तमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल, प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री एवं पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर, प्रल्हाद जोशी सहित अन्य नेताओं के साथ पटेल रविवार शाम को ही राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया। एक दर्जन से अधिक नेताओं के नाम सीएम के लिए आए गांधीनगर में प्रदेश भाजपा कार्यालय श्रीकमलम पर रविवार को दिन भर गहमागहमी रही। गुजरात के अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर हर वर्ग में उत्सुकता थी। बीते दो दिनों से एक दर्जन से अधिक नेताओं के नाम मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री पद के लिए चल रहे थे। लेकिन तमाम अटकलों को खारिज करते हुए भाजपा विधायक दल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की सहमति से भूपेंद्र पटेल के नाम पर मुहर लगा दी। आसान नहीं था नए मुख्यमंत्री का चयन भाजपा के लिए नए मुख्यमंत्री का चुनाव काफी टेढ़ी खीर माना जा रहा था। एक ओर पाटीदार इस पद पर अपना दावा जता रहे थे, वहीं ओबीसी, आदिवासी तथा अनुसूचित जाति के नेताओं की भी दावेदारी थी। केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर व प्रल्हाद जोशी ने रविवार सुबह सबसे पहले प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी के सदस्यों से नए नेता को लेकर चर्चा की। विधायक दल की बैठक में विजय रूपाणी ने भूपेंद्र पटेल के नाम का प्रस्ताव रखा। नितिन पटेल एक बार फिर दौड़ में पिछड़े नितिन पटेल एक बार फिर मुख्यमंत्री की दौड़ में पिछड़ गए। 2016 में भी विजय रूपाणी को चुने जाने से पहले इस पद के लिए उनका नाम चला था। रविवार दोपहर तक नितिन पटेल को राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखा जा रहा था। राजनीतिक गलियारों में ओबीसी, आदिवासी व अनुसूचित जाति में से किसी भी दो समुदाय के उपमुख्यमंत्री बनाने की अटकलें थीं। लेकिन भाजपा ने भूपेंद्र पटेल का चयन कर उनकी ताजपोशी का फैसला किया। कुशल प्रशासक हैं भूपेंद्र भूपेंद्र पटेल की छवि एक कुशल प्रशासक की है। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है। व्यवसाय से बिल्डर हैं तथा कई सामाजिक संस्थाओं से जुडे़ हैं। -उन्होंने 2017 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा तथा एक लाख, 17 हजार मतों से जीता। यह चुनाव उन्होंने आनंदीबेन पटेल की परंपरागत सीट घाटलोडिया से लड़ा। -2015-17 तक पटेल अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष थे। 2010-15 के बीच वे अहमदाबाद नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष थे। -विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले पटेल स्थानीय राजनीति में सक्रिय थे। अहमदाबाद जिले के मेमनगर नगरपालिका के वे दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं। भूपेंद्र पटेल को गुजरात विधायक दल का नेता चुने जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामना। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन व पटेल के नेतृत्व में प्रदेश की अनवरत विकास यात्रा को नई ऊर्जा व गति मिलेगी। अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा आदि नेताओं का आभार। मुझ पर जो विश्वास जताया गया है, उसे टूटने नहीं दूंगा। गुजरात की विकास यात्रा को आगे बढ़ाना ही मेरी प्राथमिकता होगी। भूपेंद्र पटेल, गुजरात के मनोनीत मुख्यमंत्री",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-kerala-bjp-writes-to-union-home-minister-amit-shah-for-protection-of-catholic-bishop-22014009.html,"केरल भाजपा ने गृह मंत्री को लिखा पत्र, कैथोलिक बिशप को सुरक्षा देने की मांग, कहा- इस्लामिक संगठनों की ओर से मिल रही धमकियां","केरल भाजपा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आर्क बिशप जोसेफ बिशप कल्लारंगट को सुरक्षा दिए जाने की मांग की है। पार्टी की राज्‍य ईकाई ने कहा है कि पाला के आर्क बिशप जोसेफ बिशप कल्लारंगट को सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए। तिरुवनंतपुरम, आइएएनएस। केरल भाजपा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आर्क बिशप जोसेफ बिशप कल्लारंगट को सुरक्षा दिए जाने की मांग की है। पार्टी के राज्य महासचिव एवं अखिल भारतीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष जार्ज कुरियन ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा है कि पाला के आर्क बिशप जोसेफ बिशप कल्लारंगट को सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए क्‍योंकि इस्लामिक संगठनों की ओर से उन्‍हें खुले तौर पर धमकियां दी जा रही हैं। बिशप जोसेफ कल्लारंगट के इस बयान पर बवाल दरअसल बिशप जोसेफ कल्लारंगट (Bishop Joseph Kallarangatt) ने बुधवार को कोट्टायम जिले के कुरुविलांगड में मार्थ मरियम पिलग्रिम चर्च में कहा था कि केरल में गैर-मुसलमानों को नारकोटिक जिहाद का शिकार होना पड़ता है। यह जिहाद दो तरह है- नारकोटिक जिहाद और लव जिहाद... मौजूदा वक्‍त में नारकोटिक जिहाद गैर-मुस्लिम युवाओं को नशे का आदी बनाकर उनके जीवन को बर्बाद कर रहा है। बिशप के खिलाफ उतरी सरकार केंद्रीय गृह मंत्री को लिखे पत्र में भाजपा प्रदेश महासचिव ने जार्ज कुरियन ने कहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता बिशप के खिलाफ उतरे हैं जिससे इस्लामिक संगठनों को सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों को आयोजित करने की ताकत मिल गई है। कुरियन ने कहा कि मुख्यमंत्री और राज्य के विपक्षी नेताओं की कारगुजारी ने विभाजनकारी ताकतों को मजबूती दी है। केरल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब चरमपंथी संगठनों ने बिशप हाउस की ओर मार्च किया। चरमपंथी दे रहे धमकी भाजपा नेता ने कहा कि मार्च में शामिल चरमपंथियों ने बिशप के घर के पास उनके खिलाफ अभद्र शब्‍दों का इस्तेमाल किया। यही नहीं चरमपंथियों ने बिशप को धमकी दी है कि उनको सड़क पर चलने नहीं दिया जाएगा। जार्ज कुरियन ने कहा कि बिशप का जीवन खतरे में है इसलिए मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से बिशप जोसेफ कल्लारंगट को सुरक्षा मुहैया कराने की गुजारिश की है। मालूम हो कि केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और केरल भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वी मुरलीधरन ने हाल ही में कहा था कि भाजपा बिशप को पूरी सुरक्षा देगी। बिशप का बयान प्रभावित समुदायों की आवाज भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता टाम वडक्कन ने दिल्ली में कहा, 'बिशप कल्लरैंगाट ने न सिर्फ लोगों को सतर्क किया है, बल्कि उन्होंने उन समुदायों की आवाज उठाई है जो लव जिहाद व नार्कोटिक आतंकवाद से पीडि़त हैं। केरल बिशप परिषद का भी मत है कि खुफिया एजेंसियों की सूचना के बावजूद राज्य सरकार ने ड्रग्स व लव जिहाद के अंतरसंबंधों पर संज्ञान नहीं लिया।' भाजपा व कांग्रेस में बढ़ी तकरार समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक इस मुद्दे पर रविवार को केरल भाजपा व कांग्रेस में तकरार बढ़ गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने मीडिया से कहा कि उनकी पार्टी बिशप पर हमले नहीं कर रही थी। सिर्फ उनकी गलतियों के बारे में बता रही थी। पार्टी राज्य में न तो सांप्रदायिक हिंसा चाहती और न ही संघ परिवार को पांव जमाने का मौका देना चाहती है। इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि बिशप की टिप्पणी आतंकवाद के खिलाफ थी, लेकिन कांग्रेस व माकपा अब उन पर हमले कर रही है। यह कतई स्वीकार्य नहीं है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-ncr-nsui-passes-resolution-to-make-rahul-gandhi-congress-president-22015267.html,"एनएसयूआइ ने पारित किया राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव, चुनावों में युवाओं को मौका देने का एलान","भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रविवार को दूसरे दिन सांसद राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। कार्यकारिणी में और कौन से प्रस्‍ताव पारित हुए जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट... नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रविवार को दूसरे दिन सांसद राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव एनएसयूआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने रखा। इसे राष्ट्रीय संयोजक अभिषेक यादव, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कुनाल सहरावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा सहित 200 से अधिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों ने पारित किया। साथ ही देशभर में आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने का भी प्रस्ताव पास हुआ। इसके जरिये एनएसयूआइ तमाम प्रदेशों में छात्रों से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करेगी। कार्यक्रम में तमाम प्रदेशों से आए कार्यकर्ताओं ने अपने कार्यों को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन (पीपीटी) के माध्यम से प्रस्तुत किया और भविष्य की रूपरेखा तैयार की। कार्यकारिणी के दूसरे दिन कांग्रेस पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने पहुंचकर देशभर से आए एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम में पवन खेड़ा, नितिन राउत, रागिनी नायक, इमरान प्रतापगढ़ी, सचिन राव, रोहन गुप्ता, श्रीनिवास बीवी और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी शामिल रहे। इस दौरान चौधरी ने कहा कि दिल्ली निगम चुनाव में इस बार एनएसयूआइ के युवाओं को भी टिकट देंगे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक एनएसयूआइ के पांच रायसीना रोड स्थित राष्ट्रीय कार्यालय पर संपन्न हुई। गौरतलब है कि एनएसयूआइ ने राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव ऐसे वक्‍त में दिया है जब कई राज्‍यों में पार्टी के भीतर अंदरूनी खटपट की रिपोर्टें सामने आ रही हैं। पार्टी में जी-23 गुट के नेता पहले ही पूर्ण कालिक अध्‍यक्ष की मांग कर चुके हैं। यह भी बता दें कि पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नेतृत्व की नीतियों के प्रति असंतोष जता चुके हैं। मालूम हो कि इन नेताओं ने पिछले साल कांग्रेस की नीतियों में सुधार पर जोर देते हुए जमीनी स्तर के नेताओं व कार्यकर्ताओं को शामिल कर संगठनात्मक चुनाव कराने पर जोर दिया था।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-pm-modi-and-amit-shah-surprised-again-bhupendra-patel-became-the-cm-of-gujarat-22014064.html,"Gujarat New CM: पीएम मोदी और अमित शाह ने फिर चौंकाया, भूपेंद्र पटेल बनेंगे गुजरात के सीएम","Gujarat New CM भूपेंद्र पटेल गुजरात की घाटलोडिया विधानसभा सीट से विधायक हैं। इसी सीट से पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल चुनाव जीतती रहीं। भूपेंद्र पटेल का पूरा नाम भूपेंद्रभाई रजनीकांत पटेल है। इससे पहले भूपेंद्र अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन रहे हैं। नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। गुजरात में विजय रुपाणी के इस्‍तीफे के बाद भाजपा ने गुजरात के नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर दिया है। अहमदाबाद के घाटलोडिया क्षेत्र से विधायक भूपेंद्र पटेल गुजरात के नए मुख्यमंत्री होंगे। भूपेंद्र पटेल 2017 में पहली बार ही विधायक बने हैं। चुनाव से करीब डेढ़ साल पहले भाजपा नेतृत्‍व ने उन्हें सीएम पद से नवाजा है। जिस भूपेंद्र पटेल को पीएम मोदी और अमित शाह ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात में बतौर सीएम की जिम्मेदारी दी है, उनका नाम दूर- दूर तक चर्चा में नहीं था। जानिए कौन हैं भूपेंद्र पटेल भूपेंद्र पटेल गुजरात की घाटलोडिया विधानसभा सीट से विधायक हैं। इसी सीट से पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल चुनाव जीतती रहीं। पटेल का पूरा नाम भूपेंद्रभाई रजनीकांत पटेल है। वह करवा पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वह जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और लंबे समय से आरएसएस से जुड़े रहे हैं। इससे पहले भूपेंद्र अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन रहे हैं। पटेल ने अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की स्टैंडिंग कमेटी के बतौर चेयरमैन के तौर पर भी काम किया है। उन्होंने गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक अहमदाबाद से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है। 2017 के अपने चुनावी पेपर में 5 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की थी। कई नामों को लेकर थी कयासबाजी शनिवार को जब विजय रूपाणी ने कुर्सी छोड़ी थी तो उसी समय से कई नाम गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मीडिया और सोशल मीडिया में चल रहे थे। कभी नितिन पटेल को विजय रुपाणी का उत्तराधिकारी माना जा रहा था तो कभी स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को गुजरात में नया सीएम बनाने की चर्चा थी। कभी गोरधन झड़पिया का नाम आया तो कभी गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल इस रेस में आगे नजर आए। कभी प्रफुल्‍ल पटेल के नाम की चर्चा थी। 24 घंटे में मीडिया, सोशल मीडिया और राजनीतिक कयासबाजियों में कई चेहरे सीएम पद की रेस के लिए उभरे। विधायक दल की बैठक से पहले पूर्व गुजरात भाजपा अध्‍यक्ष रणछोड़ फालदू नाम सामने आया। आसान नहीं था नए मुख्यमंत्री का चयन भाजपा के लिए नए मुख्यमंत्री का चुनाव काफी टेढ़ी खीर माना जा रहा था। एक ओर पाटीदार इस पद पर अपना दावा जता रहे थे, वहीं ओबीसी, आदिवासी तथा अनुसूचित जाति के नेताओं की भी दावेदारी थी। केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर व प्रल्हाद जोशी ने रविवार सुबह सबसे पहले प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी के सदस्यों से नए नेता को लेकर चर्चा की। विधायक दल की बैठक में विजय रूपाणी ने भूपेंद्र पटेल के नाम का प्रस्ताव रखा। नहीं थी भूपेंद्र पटेल की चर्चा इतना तो तय है कि दिल्ली से पीएम मोदी और अमित शाह का संदेश लेकर अहमदाबाद में भाजपा दफ्तर आए केंद्रीय पर्यवेक्षक भूपेंद्र यादव, नरेंद्र सिंह तोमर प्रहलाद जोशी ओर तरुण चुग को भूपेंद्र पटेल की इस ताजपोशी का अंदाजा जरूर था। इस बारे में उन्‍होंने गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल, कार्यकारी सीएम विजय रुपाणी, डिप्टी सीएम नितिन पटेल और अन्‍य को अवगत कराया। विधायक दल का नेता चुने जाने गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट के जरिए बधाई देते हुए कहा कि भूपेंद्र पटेल को गुजरात भाजपा के विधायक दल का नेता चुने जाने की बधाई और शुभकामनाएं। चौंकाने के लिए जाने जाते हैं पीएम मोदी और अमित शाह पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने राजनीतिक फैसलों में चौंकाने के लिए जाने जाते हैं। नरेंद्र मोदी और अमित शाह अपने फैसलों के बाद इस तरह की गोपनीयता रखते हैं कि इसकी भनक मीडिया को भी नहीं लग पाती है। इससे पहले पीएम मोदी और शाह ने उत्‍तराखंड में चौंकाया था। वहां त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर पहले तीरथ सिंह रावत और फिर पुष्‍कर सिंह धामी को मुख्‍यमंत्री के लिए चुना गया। दोनों के नाम रेस में नहीं थे, लेकिन भाजपा नेतृत्व ने आश्चर्यजनक रूप से उनके नाम का एलान किया। इससे पहले यहां सीएम की रेस में सतपाल महाराज, धनसिंह रावत जैसे दिग्गज नेता थे।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-veerappa-moily-says-some-leaders-misused-g-23-calls-for-prashant-kishor-induction-in-congress-22013653.html,मोइली बोले- कुछ नेताओं ने जी-23 का 'दुरुपयोग' किया; प्रशांत किशोर को कांग्रेस में होना चाहिए शामिल,"कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने रविवार को कहा कि कुछ नेताओं ने जी-23 का दुरुपयोग किया। उन्होंने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने का भी कड़ा समर्थन किया और कहा कि पार्टी में उनके प्रवेश का विरोध करने वाले सुधार के विरोधी हैं। नई दिल्ली,पीटीआइ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने रविवार को कहा कि कुछ नेताओं ने जी-23 का 'दुरुपयोग' किया। उन्होंने कहा कि अगर कोई इसके साथ बना रहता है तो यह 'निहित स्वार्थ' के लिए होगा, क्योंकि सोनिया गांधी की लीडरशिप में पार्टी में सुधार पहले से ही चल रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने का भी कड़ा समर्थन किया और कहा कि पार्टी में उनके प्रवेश का विरोध करने वाले सुधार के विरोधी हैं। पिछले साल गांधी को पत्र लिखकर संगठनात्मक सुधार की मांग करने वाले 23 नेताओं में शामिल मोइली समाचार एजेंसी पीटीआइ के दिए इंटरव्यू में कहा कि हम में से कुछ ने केवल पार्टी के सुधार के लिए और पार्टी के पुनर्निर्माण के लिए हस्ताक्षर किए थे, न कि इसे नष्ट करने के लिए। कांग्रेस के वरीष्ठ नेता ने किसी नाम लिए बगैर कहा, 'हमारे कुछ नेताओं ने जी-23 का दुरुपयोग किया। सोनिया जी ने जैसे ही पार्टी को अंदर से और जमीनी स्तर पर सुधार करने की सोची, तब से हमने जी-23 की अवधारणा को नाकार दिया।' मोइली ने कहा कि पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के नेतृत्व में सुधार की शुरुआत के साथ अब जी-23 की कोई भूमिका नहीं है और यह अप्रासंगिक हो गया है। अगर वे (कुछ नेता) बने रहते हैं (जी -23 के साथ) तो इसका मतलब है कि वे अपने निहित स्वार्थ के लिए कांग्रेस पार्टी के खिलाफ काम कर रहे हैं, जिसे हम स्वीकार नहीं करते और इसका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी फिर से जी-23 का उपयोग करता है, वह कांग्रेस और उसकी विरासत के लिए एक बड़ा नुकसान पहुंचाएगा। इस तरह के कार्यों से कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वियों को मदद मिलेगी। उनकी टिप्पणी का महत्व इसलिए है क्योंकि जी-23 के कई नेताओं ने या तो इससे दूरी बना ली है या पिछले साल उनके द्वारा लिखे गए पत्र के बाद चुप हो गए हैं। सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं के उस समूह में से जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए हैं। जी -23 के कुछ सदस्य हाल ही में कपिल सिब्बल के आवास पर सामाजिक समारोहों में एक साथ नजर आए थे और कथित तौर पर पार्टी के मुद्दों पर चर्चा की थी। एक सभा में सिब्बल ने कई विपक्षी नेताओं को भी अपने आवास पर आमंत्रित किया था। मोइली ने कहा कि पार्टी की 'बड़ी सर्जरी' यानी वह संगठन को पुनर्जीवित करने की बात कर रहे हैं, उस पर सोनिया गांधी पहले से ही विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि वह (सोनिया गांधी) सक्रिय हैं और फैसले ले रही हैं, ऐसे फैसलों की जरूरत है। वह पार्टी प्रमुख द्वारा उठाए गए कदमों से खुश हैं। प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर मोइली ने कहा कि यह उचित होगा कि वह कांग्रेस में शामिल हों और पार्टी में रहकर इसमें सुधार करें। उन्होंने कांग्रेस में किशोर के शामिल होने का विरोध करने वाले पार्टी के भीतर लोगों से ऐसा नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि देश और कांग्रेस के लिए यह महत्वपूर्ण है कि पार्टी में सुधार किया जाए। जो उन्होंने कहा वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मंशा थी। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी किशोर को शामिल करने पर अंतिम फैसला लेंगी और इस मुद्दे पर कई वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर चुकी हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि किशोर को शामिल करना पार्टी के लिए फायदेमंद होगा? मोइली ने कहा कि चुनावी रणनीतिकार ने साबित कर दिया है कि वह रणनीति बनाने में सफल रहे हैं। बाहर से काम करने के बजाय, अगर वह पार्टी में शामिल होते हैं, तो यह काफी फायदेमंद होगा।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-chhattisgarh-bjp-mlas-likely-to-submit-memorandum-to-governor-over-religious-conversion-issue-22013128.html,"छत्तीसगढ़ में जोर पकड़ रहा धर्मांतरण का मुद्दा, भाजपा विधायक आज राज्यपाल को सौंप सकते हैं ज्ञापन","छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन को लेकर सिसायत तेज हो गई है। राज्य में अब इस मुद्दे को लेकर भाजपा और काग्रेस आमने-सामने है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रदेश में धर्मांतरण के मामले में राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंप सकते हैं। नई दिल्ली, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन को लेकर सिसायत तेज हो गई है। राज्य में अब इस मुद्दे को लेकर भाजपा और काग्रेस आमने-सामने है। बीते दिन मुख्यमंत्री भुपेश बघेल द्वारा भाजपा सरकार के कार्यकाल में सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद भाजपा की तरफ से जवाब आया है। दरअसल, प्रदेश में इस मामले के तूल पकड़ने के बाद भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की जानकारी दी है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रदेश में धर्मांतरण के मामले में राज्यपाल अनुसुइया उइके को एक ज्ञापन सौंप सकते हैं। भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल बोले- अनुसुइया उइको जल्द ज्ञापन सौंपेगे भाजपा विधायक इस मामले पर बोलते हुए भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, 'छत्तीसगढ़ में कई धर्मांतरण हो रहे हैं और उन्हें रोकने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।' उन्होंने कहा, 'भाजपा विधायक धर्म परिवर्तन के मामले में राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंप सकते हैं।' मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने भाजपा पर लगाया था आरोप बता दें कि इससे पहले 1 सितंबर को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी सरकार के तहत बढ़ते धर्मांतरण के भाजपा के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में भाजपा शासन के तहत सबसे अधिक चर्चों का निर्माण किया गया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा चिंतन शिविर पर मीडिया में आई खबरों में बताया गया है कि रमन सिंह के 15 साल के कुशासन पर चर्चा हो रही है। धर्म परिवर्तन भी इस चर्चा का हिस्सा है। रिकार्ड बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासन में सबसे ज्यादा चर्च बनाए गए।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-vijay-rupani-resigns-these-are-the-main-reasons-for-vijay-rupani-resignation-from-the-post-of-cm-22011958.html,Vijay Rupani Resigns: विजय रूपाणी के सीएम पद से इस्तीफे के ये हैं प्रमुख कारण,"विजय रूपाणी को चेहरा बनाकर पार्टी अगले चुनाव में नहीं उतरना चाहती थी। इसके पीछे एक बड़ी वजह थी गुजरात का जातीय समीकरण। रूपाणी जैन समुदाय से आते हैं। उनकी संख्या गुजरात में काफी कम है। रुपाणी के रहते गुजरात के जातीय समीकरण साध पाना मुश्किल हो रहा था। नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। अहमदाबाद में विश्व पाटीदार समाज के सरदार धाम के उद्घाटन के चंद घंटों बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा राज्य में विधानसभा चुनाव से करीब एक साल पहले आया है। उन्होंने 7 अगस्त 2016 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। वह वर्तमान में विधायक के रूप में गुजरात के राजकोट पश्चिम का प्रतिनिधित्व करते हैं। विजय रूपाणी को साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को हटाकर गुजरात के सत्ता की कमान सौंपी गई थी। 2017 का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने विजय रूपाणी के नेतृत्व में लड़ा था, लेकिन यह चुनाव जीतने में भाजपा को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए भाजपा अपने आपको को मजूबत करने में जुट गई है। हालांकि विजय रूपाणी हटाए जाने की चर्चा काफी समय थी। लेकिन अभी उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया, इसको लेकर अटकलबाजियों का दौर तेज है। वैसे बताया जा रहा है कि विजय रूपाणी भाजपा के गुजरात विधान सभा के विजय अभियान में फिट नहीं बैठ रहे थे। आइये जानते हैं वो कौन से कारण थे, जिसके कारण विजय रूपाणी को उनके पद से हटाया गया। नहीं बन सके दमदार चेहरा नहीं विजय रुपाणी पांच साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के बावजूद राजनीतिक तौर पर प्रभाव नहीं जमा सके। 2017 में भले ही विजय रुपाणी चेहरा रहे हैं, लेकिन चुनाव नरेंद्र मोदी के दम पर भाजपा जीती थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने गुजरात में पूरी ताकत झोंककर भाजपा की सत्ता को तो कायम रखा, लेकिन विधानसभा की 182 सीटों में से भाजपा 99 पर ही अटक गई थी। वहीं कांग्रेस 77 सीट जीतने में सफल रही थी। । भाजपा ने तय किया कि विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में अपने चेहरे को मजबूत करेगी। इसी का नतीजा है कि उत्तराखंड, कर्नाटक के बाद अब गुजरात में सीएम मुख्यमंत्री है, ताकि 2022 के चुनाव में मजबूत चेहरे के सहारे कमल खिला सके। पाटीदार समाज की राजनीतिक ताकत और जातीय समीकरण में अनफिट विजय रूपाणी को चेहरा बनाकर पार्टी अगले चुनाव में नहीं उतरना चाहती थी। इसके पीछे एक बड़ी वजह थी गुजरात का जातीय समीकरण। रूपाणी जैन समुदाय से आते हैं। उनकी संख्या गुजरात में काफी कम है। रुपाणी के रहते भाजपा के लिए गुजरात के जातीय समीकरण साध पाना मुश्किल हो रहा था। विजय रूपाणी के इस्तीफे को गुजरात में पाटीदार समाज के पटेल समाज की ताकत रूप में देखा जा रहा है। राज्य में पाटीदार के बाद दूसरे नंबर पर मौजूद ओबीसी समुदाय और दलित-आदिवासी वोटर सबसे अहम है। गुजरात में पाटीदार समुदाय काफी अहम है, जो सूबे के राजनीतिक खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखता है। राज्य में पाटीदार समाज भाजपा का परंपरागत वोटर रहा है, जिसे साधे रखने के लिए भाजपा हरसंभव कोशिश में जुटी है। यही वजह है कि गुजरात के सीएम पद की दौड़ में सबसे आगे नितिन पटेल, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडवीया, केंद्रीय मंत्री पुरुसोत्तम रूपाला तथा गुजरात भाजपा के उपाध्यक्ष गोवर्धन झड़फिया का नाम चर्चा में है। कोरोना के नियंत्रण में फेल रहे रुपाणी विजय रुपाणी के सीएम पद की कुर्सी जाने में प्रमुख वजह कोरोना महामारी बनी। गुजरात में कोरोना संकट को निपटने में विजय रूपाणी बहुत बेहतर नहीं रहे, जिसे लेकर विपक्ष और गुजरात हाईकोर्ट ने तमाम सवाल खड़े किए हैं। गुजरात में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर लोगों के बीच नाराजगी देखने को मिल रही थी। कोरोना में बीजेपी सरकार के कामों को लेकर भी खुश नहीं थे. ऐसे में विजय रुपाणी इसे खत्म नहीं कर पा रहे थे। कोरोना के दौरान रुपाणी के कामकाज से पीएम नरेंद्र मोदी भी खुश नहीं थी। अपने गृह प्रदेश में इस तरह की लापरवाही होती देख पीएम मोदी काफी रेशान थे। सीआर पाटिल से अनबन विजय रूपाणी के सीएम पद से हटने की सबसे बड़ी वजह प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल से अनबन रही। सीआर पाटिल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से दोनों के बीच बन नहीं रही थी। रुपाणी गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। इसीलिए वह इतने समय तक बचे रहे। असल में पाटिल ने पार्टी नेतृत्व के सामने इरादा जाहिर किया है कि वह प्रदेश में बड़ी जीत हासिल करना चाहते हैं। उनके इस प्लान में विजय रूपाणी फिट नहीं बैठ रहे थे। ऐसे में विजय रूपाणी को रास्ता खाली करना पड़ा। सीआर पाटिल ने पार्टी से स्पष्ट कर दिया था कि अगर अगले साल चुनाव में बड़ी जीत हासिल करनी है तो फिर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन करना होगा। रोजगार बना अहम मुद्दा अन्य राज्यों की तरह गुजरात में नौकरी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना है। विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर भाजपा को घेर रहा है। गुजरात में अब तक कांग्रेस ही प्रमुख विपक्षी दल थी, लेकिन अब आम आदमी पार्टी भी तीसरी ताकत के तौर पर जगह बना रही है। इसके अलावा विपक्ष गुजरात के विकास को लेकर भी हमलावर है। माना जा रहा है कि भाजपा सत्ताविरोधी लहर से निपटने के लिए सीएम फेस बदलने का दांव चला है।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-political-war-continues-over-narcotic-jihad-remark-of-bishop-joseph-kallarangatt-bjp-slams-congress-and-left-22011669.html,"बिशप के नार्कोटिक जिहाद बयान पर केरल में राजनीतिक घमासान जारी, भाजपा ने कांग्रेस-माकपा को घेरा","पाला बिशप जोसफ कल्लरैंगाट की विवादास्पद लव एवं नार्कोटिक जिहाद टिप्पणी पर केरल के राजनीतिक दायरे में घमासान शनिवार को भी जारी रहा। भाजपा ने माकपा और कांग्रेस पर जिहादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है । तिरुअनंतपुरम, प्रेट्र। पाला बिशप जोसफ कल्लरैंगाट की विवादास्पद 'लव एवं नार्कोटिक जिहाद' टिप्पणी पर केरल के राजनीतिक दायरे में घमासान शनिवार को भी जारी रहा। भाजपा ने माकपा और कांग्रेस पर जिहादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है। उधर कांग्रेस ने राज्य में ईसाई-मुस्लिम सौहार्द को तबाह करने के लिए 'संघ परिवार के एजेंडे' के खिलाफ चेतावनी दी है। स्यारो-मालाबार चर्च के तहत आने वाले पाला चर्च ने सफाई दी है। चर्च ने कहा कि बिशप का इरादा किसी को चोट पहुंचाना नहीं था और उनकी टिप्पणी किसी खास समुदाय के खिलाफ नहीं है। चर्च के अतिरिक्त बिशप मार जैकब मुरिकेन ने एक बयान में कहा, 'उन्होंने केवल समाज में मौजूद खतरनाक रुझान के बारे में चेतावनी दी है।' बिशप ने सभी समुदायों से धर्म के नाम और प्रतीक का इस्तेमाल करने वाले कट्टरपंथी और समाज विरोधी समेत गौण तत्वों की गतिविधियों को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है। उन्होंने गुमराह करने वाले सभी दुष्प्रचार को खत्म करने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ने का संदेश दिया है। सत्य कहने वालों पर हमले से बाज आएं कांग्रेस, माकपा : मुरलीधरन राज्य में सत्ताधारी माकपा और विपक्षी कांग्रेस को फटकार लगाते हुए केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता वी. मुरलीधरन ने कहा कि राज्य में मुख्य धारा की पार्टियां 'कठोर' सत्य कहने वालों पर हमले और उन्हें चुप करने से बाज आएं। उन्होंने कहा कि मा‌र्क्सवादी पार्टी और कांग्रेस के जिन नेताओं ने बिशप के बयान का विरोध किया है वे यह स्पष्ट करें कि क्या वे लोग आइएस एवं जिहादियों के प्रवक्ता हैं। केंद्रीय मंत्री ने तिरुअनंतपुरम में कहा, 'जो लोग यह कहने के लिए कि केरल में आइएस के एजेंट मौजूद हैं, कैथोलिक पादरी पर हमला कर रहे हैं वे वास्तव में जिहादियों की गैर मुस्लिमों को मिटाने की विचारधारा का समर्थन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन गहराई में जाकर मुद्दे का अध्ययन करें।'",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-union-minister-ajay-mishra-teni-says-digvijay-singh-mehbooba-mufti-farooq-abdullah-are-standing-with-taliban-22008598.html,"तालिबान के साथ खड़े हैं दिग्विजय सिंह, महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला : केंद्रीय मंत्री","केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी ने दिग्विजय सिंह महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा है कि इनके जैसे नेता तालिबान के साथ खड़े हैं। हमारी सरकार में सबसे ज्यादा महिला मंत्री हैं और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए लगातार काम कर रहे हैं। नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी ने शुक्रवार को कहा कि दिग्विजय सिंह, महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला जैसे नेता तालिबान के साथ खड़े हैं। उन्होंने पूछा कि महिलाओं को लेकर क्या वे तालिबान के विचारों से सहमत हैं? यदि नहीं तो इसका उन्हें खुलकर विरोध करना चाहिए। मोहन भागवत ने यह नहीं कहा था कि महिलाओं को सिर्फ घर के कामकाज तक सीमित रहना चाहिए। हमारी सरकार में सबसे ज्यादा संख्या में महिला मंत्री हैं और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। यह हमेशा से हमारी प्राथमिकता रही है। हम उन्हें सबसे अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं। इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि महिलाओं को लेकर आरएसएस और तालिबान के विचार समान हैं। उन्होंने ट्वीट किया, तालिबान कहता है कि महिलाएं मंत्री बनने के योग्य नहीं हैं। मोहन भागवत ने कहा है कि महिलाओं को घर में रहना चाहिए और घरेलू कामकाज देखना चाहिए। क्या ये दोनों समान विचार नहीं हैं? कपिल सिब्बल के ट्वीट पर टेनी ने कहा कि इन लोगों के लिए सब कुछ चुनाव के बारे में ही है। लोगों ने उन्हें खारिज कर दिया है। अफगानिस्तान को लेकर अपनी नीति पर हमने वास्तव में अच्छा काम किया है। हमने अपने लोगों को वहां से निकाला है और निरंतर उसके सामने स्पष्ट किया है कि हम अपने लोगों को सुरक्षित रखना चाहते हैं। सिब्बल ने कहा था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार अफगानिस्तान में तालिबान शासन का अपने फायदे के लिए लाभ उठाने का प्रयास करेगी। मायावती द्वारा भीम राजभर को टिकट देने पर उन्होंने कहा, 'मायावती और उनकी पार्टी का काम और विचार सत्ता हासिल करने के इर्द-गिर्द घूमते हैं। मुख्तार अंसारी को टिकट किसने दिया? उसके भाई को टिकट किसने दिया, जो अभी भी सांसद है? यह चिंताजनक बात है कि किसी पूर्व मुख्यमंत्री को अपने राज्य में माफिया के बारे में पता नहीं है। वह यह सब इसलिए कह रही हैं क्योंकि हमारी सरकार ने अंसारी सहित माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की है। सदस्य उनकी पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने जनता का विश्वास खो दिया है।' बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी के स्थान पर मऊ विधानसभा क्षेत्र से पार्टी अपने प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को मैदान में उतारने की घोषणा करते हुए कहा कि किसी भी माफिया या 'बाहुबली' को पार्टी का टिकट नहीं मिलेगा। यूपी विधानसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-mp-congress-took-out-rally-praising-kamal-nath-thanked-him-for-increasing-obc-reservation-to-27-percent-22008145.html,"मप्र कांग्रेस ने कमलनाथ की सराहना करते हुए निकाली रैली, OBC आरक्षण को 27% तक बढ़ाने पर दिया धन्यवाद","कमलनाथ ने कहा भाजपा 18 साल तक सत्ता में थी लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। जब हमने 27% कोटा पेश किया तो वे अदालत गए। अब वे क्रेडिट ले रहे हैं। राज्य में शिवराज सरकार ने पिछड़ा वर्ग को सरकारी भर्तियों में 27% आरक्षण लागू कर दिया है। भोपाल, एजेंसी। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने राज्य में अपने कार्यकाल के दौरान ओबीसी आरक्षण को 27% तक बढ़ाने के लिए पूर्व सीएम कमलनाथ को धन्यवाद देने के लिए रैली निकाली। राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच ओबीसी आरक्षण पर श्रेय लेने का खेल चालू है। इस बीच कांग्रेस ने शुक्रवार से यात्रा भी शुरू कर दी है। यात्रा प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों से निकलेगी। इससे वह कमलनाथ सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने रखेगी व भाजपा पर वार करेगी। वहीं, भाजपा ने इस रैली पर सवाल उठाए हैं। उधर, कमलनाथ ने कहा, 'भाजपा 18 साल तक सत्ता में थी लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। जब हमने 27% कोटा पेश किया, तो वे अदालत गए। अब वे क्रेडिट ले रहे हैं।' बता दें कि राज्य में शिवराज सरकार ने पिछड़ा वर्ग को सरकारी भर्तियों में 27% आरक्षण लागू कर दिया है। Madhya Pradesh Congress carries out rally to thank former CM Kamal Nath for raising OBC reservation to 27% during his tenure in the state ""BJP was in power for 18 years but they did nothing. When we introduced 27% quota, they went to court. Now they're taking credit,"" he says pic.twitter.com/bm48YZZgou",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-congress-refuses-to-join-rs-inquiry-committee-to-probe-violence-in-house-22007598.html,कांग्रेस ने सदन में हिंसा की जांच के लिए राज्यसभा की जांच समिति में शामिल होने से किया इनकार,"खड़गे ने पत्र में यह भी कहा कि सरकार ने न केवल विपक्षी दलों की चर्चा की मांग को खारिज कर दिया बल्कि उन महत्वपूर्ण विधेयकों और नीतियों को भी आगे बढ़ाया जो संभावित रूप से देश पर गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। नई दिल्ली, एएनआइ। कांग्रेस ने 11 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान सदन में हुई हिंसक घटनाओं की जांच के लिए गठित की जा रही सांसदों की प्रस्तावित जांच समिति में शामिल होने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को लिखे पत्र में कहा, '11 अगस्त, 2021 की घटनाओं पर एक जांच समिति का गठन, सांसदों को चुप कराने के लिए डराने के लिए बनाया गया लगता है। यह केवल जनप्रतिनिधियों की आवाज को दबाने का ही नहीं, बल्कि जानबूझकर उन सभी को दरकिनार करेंगे जो सरकार के लिए असहज हैं।' उन्होंने कहा, 'इसलिए, मैं स्पष्ट रूप से जांच समिति के गठन के खिलाफ हूं और इस समिति में नामांकन के लिए किसी पार्टी के किसी सदस्य का नाम प्रस्तावित करने का सवाल ही नहीं उठता।' कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष चर्चा में भाग लेने का इच्छुक है और दावा किया कि यह सरकार ही थी जिसने सत्र के सुचारू संचालन में बाधा उत्पन्न की। खड़गे ने पत्र में यह भी कहा कि सरकार ने न केवल विपक्षी दलों की चर्चा की मांग को खारिज कर दिया, बल्कि उन महत्वपूर्ण विधेयकों और नीतियों को भी आगे बढ़ाया, जो संभावित रूप से देश पर गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। विपक्ष के नेता ने बताया कि उनकी पार्टी ने भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति, किसानों के विरोध, मुद्रास्फीति, पेट्रोल और डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी, चीन द्वारा भारत की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन, पेगासस और राफेल घोटालों सहित कई अन्य राष्ट्रीय मुद्दों पर रचनात्मक विचार-विमर्श करने की उम्मीद में, प्रक्रिया के नियमों के तहत कई नोटिस दिए। पत्र में कहा गया कि पार्टी द्वारा स्थायी समितियों को भी दरकिनार कर दिया और विधेयकों, नीतियों और मुद्दों पर कोई सार्थक चर्चा करने से इनकार कर दिया। इसके अतिरिक्त, वरिष्ठ मंत्री संसद से अनुपस्थित थे, जबकि विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। ऐसा करने में, सरकार ने संसद की संप्रभुता को कम कर दिया। खड़गे ने यह भी कहा कि उन्होंने इस संबंध में अन्य विपक्षी दलों से बात की है और उनमें से लगभग सभी ने जांच समिति के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। बता दें कि 11 अगस्त को राज्यसभा में हंगामा हुआ, विपक्ष ने मार्शलों द्वारा दुर्व्यवहार का आरोप लगाया, जबकि सत्तारूढ़ दल ने विपक्षी सांसदों द्वारा संसद कर्मचारियों और अन्य के खिलाफ हिंसा का आरोप लगाया। कांग्रेस की दो महिला सांसद फूलो देवी और छाया वर्मा ने आरोप लगाया था कि सदन में हंगामे के दौरान उनके साथ मारपीट की गई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पिछले महीने समाप्त हुए मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज की गई है। राज्यसभा के सभापति और केंद्रीय मंत्रियों की बैठक में तय हुआ कि कमेटी बनाकर चर्चा के बाद कार्रवाई की जाएगी। 19 जुलाई को शुरू हुए पूरे सत्र के दौरान, विपक्षी सदस्यों ने पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से निगरानी के आरोपों की जांच और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने सहित अपनी विभिन्न मांगों पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विरोध किया, जिस कारण सदन में कार्यवाही ज्यादातर बाधित रही। लोकसभा और राज्यसभा दोनों को 13 अगस्त को मानसून सत्र के निर्धारित अंत से दो दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था।",1 https://www.jagran.com,https://www.jagran.com/politics/national-adr-report-says-congress-lost-highest-number-of-leaders-since-2014-and-bjp-big-gainer-22006317.html,"पिछले सात वर्षों में सर्वाधिक सांसदों, विधायकों और उम्‍मीदवारों ने छोड़ा कांग्रेस का साथ, फायदे में रही भाजपा","कांग्रेस पार्टी के भीतर नेताओं का असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सात वर्षों के दौरान सबसे अधिक सांसदों विधायकों और उम्मीदवारों ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर दूसरे दलों का दामन थाम लिया। नई दिल्‍ली, पीटीआइ। कांग्रेस पार्टी के भीतर नेताओं का असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सात वर्षों के दौरान सबसे अधिक सांसदों, विधायकों और उम्मीदवारों ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर दूसरे दलों का दामन थाम लिया। दिलचस्‍प यह कि इसी अवधि के दौरान भाजपा सबसे अधिक फायदे में रही। सबसे ज्यादा नेता भाजपा के साथ जुड़े। चुनाव पर नजर रखने वाली संस्था 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (Association for Democratic Reforms, ADR) की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। एडीआर ने उम्मीदवारों के चुनावी हलफनामों का अध्‍ययन करने के बाद जारी की गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साल 2014 से 2021 के दौरान कुल 222 उम्मीदवारों ने कांग्रेस छोड़कर दूसरी पार्टियों का दामन थाम लिया। यही नहीं इन्‍हीं सात वर्षों के दौरान 177 सांसदों एवं विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया। हालांकि इन सात वर्षों के दौरान अन्‍य पार्टियों के 61 सांसद और विधायकों के साथ 115 उम्मीदवार कांग्रेस में शामिल भी हुए। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 से 2021 तक भाजपा से भी 111 उम्मीदवार अलग हुए। यही नहीं इन्‍हीं सात वर्षों के दौरान 33 सांसदों विधायकों ने भाजपा का दामन छोड़ दिया। एडीआर ने पाया कि इन्‍हीं सात वर्षों के दौरान 253 उम्मीदवारों ने दूसरे दलों का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा। यही नहीं इसी दौरान 173 सांसद और विधायक भाजपा में भी शामिल हुए। कुल मिलाकर इन सात वर्षों के दौरान 1133 उम्मीदवारों और 500 सांसदों-विधायकों ने पार्टियां बदलीं और चुनाव में हाथ आजमाया। 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (Association for Democratic Reforms, ADR) की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के बाद बहुजन समाज पार्टी दूसरी ऐसी पार्टी रही जिससे सबसे ज्‍यादा उम्मीदवारों और सांसदों-विधायकों ने नाता तोड़ा। बीते सात वर्षों के दौरान कुल 153 उम्मीदवारों ने बसपा का साथ छोड़कर दूसरी पार्टियों का दामन थामा। यही नहीं 20 सांसदों विधायकों ने भी बसपा से किनारा कर लिया। हालांकि कुल 12 सांसद एवं विधायक और 65 उम्मीदवार भी बसपा में शामिल हुए। राजद के 20 उम्मीदवारों व 11 सांसदों-विधायको ने पार्टी से किनारा किया, जबकि 15 उम्मीदवार और छह सांसद-विधायक दूसरे दलों से राजद में आए। राकांपा ने 52 उम्मीदवार और 25 विधायक-सांसद खोए तथा 41 उम्मीदवार एवं आठ सांसद-विधायक उसमें शामिल हुए।गत सात वर्षो में भाकपा को उसके 13 उम्मीदवारों और दो सांसदों-विधायकों ने अलविदा कह दिया तथा पांच उम्मीदवार उसमें शामिल हुए। माकपा से उसके 13 उम्मीदवार और छह सांसद-विधायक अलग हुए, जबकि सिर्फ एक उम्मीदवार पार्टी में शामिल हुआ।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/union-home-minister-amit-shah-praised-prime-minister-narendra-modi-129009519.html,"मोदी के आलोचकों को शाह का जवाब: गृहमंत्री बोले- विरोधी की बात भी धैर्य से सुनते हैं PM, जरूरी मसलों पर 2-3 बैठकों के बाद ही फैसला लेते हैं","मोदी के आलोचकों को शाह का जवाब:गृहमंत्री बोले- विरोधी की बात भी धैर्य से सुनते हैं PM, जरूरी मसलों पर 2-3 बैठकों के बाद ही फैसला लेते हैं नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी बड़े मुद्दे पर फैसला लेने से पहले 2 से 3 बार बैठक करते हैं। वे विरोधी की बात भी धैर्य के साथ सुनते हैं। यह बात रविवार को गृहमंत्री अमित शाह ने संसद टीवी को इंटरव्यू देते हुए कही। गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के काम करने के अंदाज को काफी करीब से देखा है। किसी मसले पर जब कोई बैठक होती है तो मोदीजी कम बोलते हैं। उन्होंने मोदी जैसा अच्छा श्रोता नहीं देखा। उन्होंने कहा कि पीएम पर निरंकुश होने का जो आरोप विपक्ष लगाता है, वह निराधार है। किसानों की बेहतरी के लिए लाए कृषि सुधान कानून शाह ने कहा कि मोदी अच्छी सलाह देने वाले लोगों की बातों को प्राथमिकता देते हैं। इससे फर्क नहीं पड़ता कि सलाह देने वाला व्यक्ति कौन है। उनकी आलोचना करने वाले भी इस बात को मानते हैं कि इससे पहले किसी कैबिनेट ने इतने स्वतंत्र रूप से कभी काम नहीं किया। अमित शाह ने कृषि सुधार कानूनों के मुद्दे पर भी पीएम मोदी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि इस कानून के बारे में चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है। गृहमंत्री ने बिल को किसानों के लिए उठाया गया जरूरी कदम करार दिया। मोदी के मन की बात: युवा पीढ़ी लौटा रही खादी का गौरव 1.5 लाख करोड़ किसानों के खाते में जा रहे शाह ने कहा कि 11 करोड़ किसानों को हर साल 6 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। इसका मतलब है किसानों को हर साल 1.5 लाख करोड़ रुपए मिल रहे हैं। कुछ समय पहले यूपीए सरकार ने 60 हजार करोड़ का लोन माफ किया था। यह पैसे बैंकों को तो मिल गए थे, लेकिन किसानों के हाथों में कुछ नहीं आया था, लेकिन एनडीए सरकार द्वारा दिए गए 1.5 लाख करोड़ सीधे किसानों तक पहुंचे हैं। शाह ने कहा कि किसानों के पास एवरेज 1.5 से 2 एकड़ जमीन है। इस पर खेती करने के लिए 6 हजार रु. दिए जा रहे हैं, जिससे किसानों को लोन नहीं लेना पड़ रहा है। प्रशासन की बारीकियों को समझते हैं मोदी शाह ने मोदी की लीडरशिप पर उठने वाले सवालों पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मोदी ने जब गुजरात की कमान संभाली, वहां भाजपा की हालत अच्छी नहीं थी। जिम्मेदारी लेने के बाद उन्होंने पार्टी को नई दिशा दी। मोदी प्रशासन की बारीकियों को अच्छी तरह से समझते हैं।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/uttar-pradesh/lucknow/news/lakhimpur-violence-update-story-of-banveerpur-village-people-who-scared-after-lakhimpur-kheri-violence-129009177.html,"मंत्री के दंगल का भास्कर इन्वेस्टिगेशन: बनवीरपुर गांव के लोग बोले- सुबह मोनू भइया दंगल में थे, लेकिन शाम को हिंसा के वक्त नहीं थे; ज्यादा बता नहीं सकते, मंत्रीजी का मामला है","मंत्री के दंगल का भास्कर इन्वेस्टिगेशन:बनवीरपुर गांव के लोग बोले- सुबह मोनू भइया दंगल में थे, लेकिन शाम को हिंसा के वक्त नहीं थे; ज्यादा बता नहीं सकते, मंत्रीजी का मामला है लखीमपुर खीरी तीन अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र ने अपने गांव में दंगल का आयोजन किया था। ये तस्वीर उसी वक्त की है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़की और 4 किसानों की गाड़ी से कुचलकर मौत हो गई। इसके बाद गाड़ी के ड्राइवर और 3 भाजपा कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मार डाला गया। इस मामले के मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष को शनिवार रात को गिरफ्तार किया जा चुका है। मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी के बाद भी सबसे बड़ा सवाल अभी भी वही है कि तिकुनिया में जिस वक्त किसानों को थार जीप से कुचला गया, उस वक्त आशीष कहां था? पूरी हिंसा में मंत्री के बेटे का क्या रोल है? क्योंकि जिस जीप से किसानों को कुचला गया, वह मंत्री की ही थी। घटना के करीब दो घंटे के बाद केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र का बयान आया था कि मेरा बेटा तो गाड़ियों में था ही नहीं, वह उस उक्त बनवीरपुर प्राथमिक विद्यायल में दंगल का आयोजन कर रहा था। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष उर्फ मोनू ने 3 अक्टूबर को बनवीरपुर गांव में दंगल का आयोजन किया था। यहां सुबह 10 बजे दंगल शुरू हुआ, डिप्टी CM दोपहर बाद कार्यक्रम में पहुंचे। आइए हम बताते हैं कि उस दिन असल दंगल क्या था, इसमें कौन शामिल था और कौन नहीं? मंत्री के बेटे का कनेक्शन इस घटना में है या नहीं? इन सवालों के जवाब हम सिलसिलेवार तरीके से रख रहे हैं। बनवीरपुर गांव में हमने यह जानने की कोशिश की कि कुश्ती प्रतियोगिता के वक्त आशीष मिश्रा उर्फ मोनू कहां था? पढ़िए भास्कर रिपोर्टर की बनवीरपुर गांव से ग्राउंड रिपोर्ट… पहले बनवीरपुर गांव की बात हिंसा के 7 दिन बाद जब हम गांव पहुंचे तो वहां लोगों में आज भी दहशत है। गांव पहुंचने के 500 मीटर पहले दो रास्ते हैं। एक रास्ता सीधे उस प्राथमिक स्कूल को जाता है, जहां दंगल आयोजित किया गया था। स्कूल पहुंचने पर हमने देखा कि उसके सामने ही पूर्व प्रधान का घर है। पूर्व प्रधान दो भाई हैं। छोटे और बड़े भाई की अलग-अलग दुकान है। छोटे भाई ने कहा- गांव में मंत्री जी का मकान है। वे हर साल दंगल करवाते हैं। इस बार केवल 2 अक्टूबर की जगह 3 अक्टूबर को दंगल का आयोजन किया गया था। किसानों के विरोध के चलते दंगल में हर तरफ अलग-अलग तरह की चर्चा थी। लोगों में दहशत भी थी। नाम न छापने की शर्त पर गांव वालों ने कहा- दंगल और हिंसा होने के समय मोनू भैया कहां थे, ये नहीं मालूम। इतने में पूर्व प्रधान आ जाते हैं। वे बोलते हैं कि मंत्री जी ने कभी गलत काम नहीं किया। घटना के समय मंत्री का बेटा यहां था कि नहीं, यह हम कह नहीं सकते हैं, क्योंकि हमारी दुकान सामने है। बहुत से लोग आ जा रहे थे। इसी बीच एक और युवक आ जाता है। वह कहता है फेसबुक पर एक वीडियो था, लेकिन इंटरनेट बंद होने की वजह से डिलीट कर दिया। उधर मंत्री के घर से 500 मीटर पहले एक मंदिर है। मंदिर के बाहर एक दर्जन लोग आपस में बात करते हुए दिखाई देते हैं। इसी बीच हम पहुंच गए। कार से उतरने पर लोग चुप हो गए। हमने बात करनी शुरू कर दी। इसी बीच एक युवक बोला, कोई कुछ नहीं बोलेगा। मोबाइल से वीडियो न बनाइएगा। बनवीरपुर गांव के लोग नाम न छापने की शर्त पर बोले दंगल के शुरू होने पर मोनू यहां मौजूद थे, लेकिन हिंसा के समय वहां नहीं दिखाई दिए थे, वे कहां थे यह हम नहीं सकते। एक 60 साल के व्यक्ति ने बात करते-करते कहा- सब जानते हुए भी कोई कुछ नहीं बोलेगा। अगर मंत्री के लिए कोई कुछ बोलेगा, तो सिख सरदार घर में घुसकर उपद्रव करेंगे। कोई भी सिख सरदार के लिए बोलेगा, तो मंत्री जी के लोग नहीं छोड़ेगे। तभी एक व्यक्ति बोला- सिख सरदार लोग हम सबको देशी भइया बोलते हैं। गांव में जगह-जगह मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष उर्फ मोनू के होर्डिंग्स लगे हैं। बनवीरपुर से 3 किमी दूर है हिंसा वाली जगह तिकुनिया जिस तिकुनिया में मंत्री के बेटे की 3 गाड़ियों ने आठ लोगों को कुचला, उसकी बनवीरपुर गांव से दूरी महज 3 किलोमीटर है। यह घटना शाम करीब 5 बजे हुई। मंत्री के बेटे का कहना है कि दंगल शाम तक चला। जिस वक्त घटना हुई तो वे दंगल में मौजूद थे। मंत्री के बेटे ने शनिवार को क्राइम ब्रांच के सामने पेन ड्राइव में ले जाकर 10 वीडियो पेश किए। पुलिस के सामने मंत्री के बेटे ने जो वीडियो पेश किए, उसमें वह खुद को घटना के समय दंगल में रहना साबित नहीं कर पाए। गांव के पहले यह सड़क है, जिसमें बाईं तरफ का रास्ता मंत्री के घर की तरफ जाता है। अब हम बात करते हैं कि तिकुनिया की हिंसा को लेकर मंत्री के गांव और दंगल होने वाली जगह पर लोगों का क्या कहना है? हिंसा के समय आशीष मिश्र उर्फ मोनू कहां थे। इसको लेकर कोई भी गांव वाला सही नहीं बता पाया। न ही कोई ऐसा साक्ष्य दे पाया जिससे यह साबित हो सके आशीष मिश्र उर्फ मोनू दंगल में मौजूद थे। दंगल प्राथमिक स्कूल में आयोजित किया गया था। स्कूल में मौजूद छात्रों ने साफ-साफ कहा मोनू भैया दंगल में थे। स्कूल के बाहर नाई की दुकान वाले ने कहा- हिंसा के समय मोनू भैया दंगल में थे। फोटो-वीडियो मांगने पर बोला धीमे बोलिए- हमारे पास कुछ नहीं है। न ही कोई भी यहां कुछ देगा। इसकी तरह कई दुकानदारों ने हिंसा के समय फोटो-वीडियो होने की बात से मना कर दिया। तिकुनिया के करीब इसी कॉलेज ग्राउंड में किसानों का जमावड़ा था। दहशत में बनवीरपुर के लोग कुछ नहीं बोलते उत्तर प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का 2.15 मिनट पर केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के घर जाने का समय तय था। इसके बाद उन्हें कुश्ती प्रतियोगिता में शामिल होने जाना था। डिप्टी सीएम के दंगल प्रतियोगिता में पहुंचने की बात जब बनवीरपुर गांव के लोगों से पूछी गई तो वह यह नहीं बता पाए वह पहुंचे थे कि नहीं। बनवीरपुर गांव के लोगों में दहशत इतनी है, वे खुल कर कुछ भी बता नहीं पाए। साहब फोटो मत खींचना, न वीडियो बनाना यह वह अखाड़ा है, जहां पर तीन अक्टूबर को दंगल लड़ा गया था। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी के गांव में आज भी लोग दहशत में हैं। एक तरफ मंत्री का डर तो दूसरी तरफ किसानों की मुखालफत का डर है। गांव वाले बात करते हुए कहते हैं कि साहब हमारी फोटो मत खींचना और न वीडियो बनाना।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/on-navjot-sidhus-opponents-haryana-minister-vij-said-if-you-keep-a-fast-of-permanent-silence-then-the-country-and-congress-will-get-peace-sukhbir-told-dramabaazi-129009101.html,नवजोत सिद्धू की भूख हड़ताल पर तंज: हरियाणा के मंत्री अनिल विज बोले- सिद्धू परमानेंट मौन व्रत रख लें तो देश-कांग्रेस को मिलेगी शांति; सुखबीर ने भी बताया ड्रामेबाजी,"नवजोत सिद्धू की भूख हड़ताल पर तंज:हरियाणा के मंत्री अनिल विज बोले- सिद्धू परमानेंट मौन व्रत रख लें तो देश-कांग्रेस को मिलेगी शांति; सुखबीर ने भी बताया ड्रामेबाजी जालंधर पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिद्धू के लखीमपुर खीरी मौन व्रत पर अब विरोधी खूब तंज कस रहे हैं। पंजाब से लेकर हरियाणा के मंत्री भी उन्हें नहीं बख्श रहे। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने तो यहां तक कहा कि सिद्धू परमानेंट मौन धारण कर लें तो देश और कांग्रेस को शांति मिल जाएगी। वहीं शिरोमणि अकाली दल (SAD) बादल के प्रधान सुखबीर बादल इसे ड्रामेबाजी बता रहे हैं। सुखबीर बोले कि सिद्धू ने डिनर के बाद भूख हड़ताल शुरू की और ब्रेकफास्ट के समय इसे तोड़ दिया। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि मुझे पता चला कि कांग्रेस के नेता नवजोत सिद्धू ने लखीमपुर खीरी जाकर मौन व्रत रखा है। अगर वे हमेशा के लिए मौन व्रत रखें तो कांग्रेस और देश, दोनों को शांति मिल जाएगी। अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की नैया डूबने वाली है। इसलिए सिद्धू चाहे जो करें, कांग्रेस का भला नहीं होगा। शुक्रवार शाम को लखीमपुर खीरी में सिद्धू इस अंदाज में भूख हड़ताल पर बैठे थे। मेरी सिद्धू साहब से विनती, ड्रामे बंद कर दो अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कटाक्ष भरे अंदाज में कहा कि मैं सिद्धू साहब से विनती करना चाहता हूं कि ड्रामे करना बंद कर दो। वे शाम को भूख हड़ताल पर बैठ जाते हैं, फिर सुबह 7 बजे तोड़ देते हैं। मांग तो गिरफ्तार करने की थी, लेकिन जैसे ही केंद्रीय मंत्री का बेटा पेश हुआ, सिद्धू ने भूख हड़ताल खत्म कर दी। सुखबीर ने कहा कि सिद्धू को पॉलिटिकल ड्रामा करने की बजाय सही ढंग से किसानों का साथ देना चाहिए। इससे पहले सुखबीर सिद्धू को मिसगाइडेड मिसाइल तक बता चुके हैं, जो पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह पर गिरी तो उनकी सीएम कुर्सी चली गई। फिर इस्तीफा देकर वे कांग्रेस पर गिर पड़े। शनिवार को सिद्धू ने भूख हड़ताल खत्म की। अमरिंदर भी कर चुके हैं तल्ख टिप्पणी सिद्धू पर कैप्टन अमरिंदर सिंह भी तल्ख टिप्पणी कर चुके हैं। CM की कुर्सी जाने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिद्धू के खिलाफ आर-पार की लड़ाई छेड़ चुके हैं। वह सिद्धू को मूर्ख और ड्रामेबाज कह चुके हैं। कैप्टन ने कहा था कि सिद्धू ड्रामा करके भीड़ जुटा सकते हैं, लेकिन वोट नहीं ला सकते। पिछले लोकसभा चुनाव में सिद्धू को बठिंडा और गुरदासपुर की जिम्मेदारी दी गई थी। वहां भीड़ तो खूब जुटी, लेकिन कांग्रेस दोनों सीटें हार गई।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/advice-to-sidhus-government-on-power-crisis-take-action-on-private-thermal-plants-that-do-not-stock-coal-for-30-days-negotiate-solar-power-129009348.html,बिजली संकट पर सिद्धू की सरकार को नसीहत: 30 दिन का कोयला स्टॉक न करने वाले प्राइवेट थर्मल प्लांटों पर जुर्माना लगाओ; सोलर बिजली समझौते करें,"बिजली संकट पर सिद्धू की सरकार को नसीहत:30 दिन का कोयला स्टॉक न करने वाले प्राइवेट थर्मल प्लांटों पर जुर्माना लगाओ; सोलर बिजली समझौते करें जालंधर कोयले की कमी से संकट में घिरे पंजाब पर नवजोत सिद्धू ने अपनी ही सरकार को नसीहत दी है। सिद्धू ने कहा कि सरकार को बाद में पछताने और मरम्मत के बजाय पहले इसकी निगरानी और निपटने की तैयारी करनी चाहिए। तय हिदायतों के मुताबिक 30 दिन का कोयला स्टॉक न रख घरेलू उपभोक्ताओं को परेशान कर रहे प्राइवेट थर्मल प्लांटों पर जुर्माना लगाना चाहिए। इसके अलावा अब सरकार को तीव्र गति से सोलर बिजली खरीद के समझौते करने चाहिए। इसके अलावा छत के ऊपर सोलर पैनल लगा इन्हें बिजली ग्रिड से जोड़ा जाना चाहिए। सिद्धू ने यह सुझाव बिजली विभाग देख रहे CM चरणजीत चन्नी को सीधे देने के बजाय सोशल मीडिया पर डाला है। बिजली मुद्दे पर मुखर रहे सिद्धू लेकिन कुछ न कर सके पंजाब में बिजली को लेकर सिद्धू हमेशा मुखर रहे हैं। सिद्धू कहते रहे हैं कि अकाली-भाजपा सरकार के गलत बिजली समझौतों (PPA) की वजह से लोगों को महंगी बिजली मिल रही है। जो बिजली 3 से 5 रुपए यूनिट मिलनी चाहिए, उसके लिए 11 रुपए देने पड़ रहे हैं। सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को इसका जिम्मेदार ठहराया। हालांकि अब कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी से हटाने के बावजूद न तो बिजली सस्ती हुई और न ही बिजली समझौते रद्द हुए। सिद्धू कहते रहे कि विधानसभा सेशन बुलाकर बिजली समझौते रद्द किए जाएं। जिसको लेकर अब खुद सिद्धू और कैप्टन की जगह पर नए सीएम बने चरणजीत चन्नी घिरते जा रहे हैं। सिद्धू का ट्वीट। पहली कैबिनेट से पहले भी जोश में थे सिद्धू चरणजीत चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग से पहले सिद्धू ने उनके साथ मीटिंग की थी। बाहर आकर सिद्धू ने कहा कि कैबिनेट में बिजली पर बड़ा फैसला आ रहा है। हालांकि सीएम चन्नी ने 2 किलोवाट तक के बकाया बिजली बिल माफ करने की घोषणा की। इसके अलावा बकाया न भरने पर कटे करीब एक लाख कनेक्शन जोड़ने को कहा। इसमें कहीं भी बिजली समझौते रद्द करने या हर घर को 3 से 5 रुपए यूनिट बिजली देने की बात नहीं थी। सरकार में नहीं चल रही सिद्धू की सिद्धू ने जिद करके कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी से हटवा दिया। इसके बाद सिद्धू को उम्मीद थी कि नई सरकार को वो अपने ढंग से चलाएंगे। हालांकि इसके कुछ वक्त बाद ही मनमुटाव शुरू हो गया। खासकर, डीजीपी और एडवोकेट जनरल की नियुक्ति पर चन्नी सरकार ने सिद्धू के सुझाव दरकिनार कर दिए। इस वजह से सिद्धू पंजाब कांग्रेस के प्रधान पद से इस्तीफा तक दे चुके हैं। सरकार कोई सिफारिश नहीं मान रही तो सिद्धू अब सोशल मीडिया के जरिए ही संवाद करने को मजबूर हो चुके हैं।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/himachal/shimla/news/in-fatehpur-arki-bjp-senior-leaders-do-not-want-to-campaign-in-their-area-people-are-gathering-in-support-of-chetan-bragta-129009261.html,"हिमाचल में भाजपा कैसे करेगी डैमेज कंट्रोल: फतेहपुर-अर्की में पार्टी के वरिष्ठ नेता नहीं करना चाह रहे अपने क्षेत्र में प्रचार, चेतन बरागटा के समर्थन में उमड़ रहा जनसमूह","हिमाचल में भाजपा कैसे करेगी डैमेज कंट्रोल:फतेहपुर-अर्की में पार्टी के वरिष्ठ नेता नहीं करना चाह रहे अपने क्षेत्र में प्रचार, चेतन बरागटा के समर्थन में उमड़ रहा जनसमूह शिमला जुब्बल-कोटखाई से चेतन बरागटा का लोग रात तक कर रहे इंतजार। हिमाचल प्रदेश उपचुनाव 2021 में भाजपा पार्टी की परेशानियां बागियों ने बढ़ा रखी हैं। 2 सीटों पर नाराज चल रहे नेताओं ने निर्दलीय नामांकन दाखिल तो नहीं किया, लेकिन अब उन्होंने अपने क्षेत्रों में पार्टी के लिए प्रचार करने से भी इनकार कर दिया है। जिसके चलते भाजपा के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। अब भाजपा के आला नेताओं को समझ नहीं आ रहा कि डैमेज कंट्रोल किस तरह किया जाए। क्योंकि धीरे-धीरे वोटिंग के दिन नजदीक आते जा रहे हैं और कहीं न कहीं भाजपा के लिए यह सब परेशानी का कारण बनेगा। मंडी लोकसभा सीट के अलावा तीनों विधानसभा सीटों पर टिकट न मिलने पर भाजपा बंट गई है। इतना ही नहीं जुब्बल-कोटखाई में तो भाजपा के पूर्व स्वर्गीय विधायक नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन बरागटा ने निर्दलीय नामांकन भरकर चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। उनके समर्थन में उमड़ रही भीड़ भाजपा के लिए चिंता का कारण बन गई है। फतेहपुर और अर्की विधानसभा क्षेत्रों में नाराज नेताओं ने निर्दलीय नामांकन तो दाखिल नहीं किया, लेकिन अपने क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार करने से साफ इनकार कर दिया। इन नेताओं का कहना है कि उन्हें पार्टी से नहीं, बल्कि व्यक्ति से समस्या है और उन्हें कहीं और भेज कर पार्टी का काम करवाया जाए। गोविंद राम शर्मा नहीं करना चाहते अर्की में प्रचार। पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार को दिया बड़ी जिम्मेदारी का भरोसा फतेहपुर में पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा स्वयं बात कर चुके हैं। सीएम भी उन्हें मनाने गए और उन्हें अपने साथ जुब्बल कोटखाई ले आए। यहां पर मुख्यमंत्री ने उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने का भरोसा दिलाया। लेकिन परमार ने साफ किया है कि वह फतेहपुर में प्रचार नहीं कर पाएंगे। उन्हें किसी और क्षेत्र में प्रचार का जिम्मा दे दिया जाए। ऐसे में अब भाजपा के लिए रोजाना नई-नई परेशानियां खड़ी होती जा रही हैं। अर्की से गोविंद राम शर्मा की भी अन्य क्षेत्रों में ड्यूटी लगाने की मांग अर्की विधानसभा क्षेत्र के दो बार के भाजपा विधायक गोविंद राम शर्मा भी अन्य क्षेत्रों में ड्यूटी लगाने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गोविंद राम शर्मा और पूर्व मंत्री नगीन चंद्रपाल की बेटी आशा परिहार को शिमला बुलाकर उन्हें नामांकन नहीं भरने के लिए मनाया और सरकार व संगठन में पूरा मान सम्मान देने की बात भी की। लेकिन गोविंद राम शर्मा का शुरू से ही कहना है कि उन्हें मान सम्मान नहीं दिया गया। पिछले विधानसभा चुनाव में भी उन्हें यही कहकर बिठा दिया गया कि बड़ी जिम्मेवारी दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब जब वह निर्दलीय नामांकन पत्र दायर करने जा रहे थे तो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अर्की में जाकर उनसे बात की। इसके बाद उन्होंने नामांकन पत्र दायर नहीं किया। फतेहपुर के कृपाल परमार भी पार्टी से चल रहे नाराज। भाजपा में पैदा हुआ गलत संदेश जाने का डर भाजपा अब कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश जाने के डर से चिंतित है। भाजपा के लिए चुनौती यह है कि स्थानीय नेता चुनाव प्रचार में नहीं उतरते हैं तो क्षेत्र में गलत संदेश जाएगा और इसका पूरा लाभ विपक्ष की पार्टी अपने पक्ष में वोट लेने के लिए करेगी। वहीं स्थानीय नेताओं के साथ जुड़े कार्यकर्ता भी कहीं न कहीं पार्टी के लिए दिक्कत खड़ी कर सकते हैं।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/mamata-banerjee-tmc-party-star-campaigners-list-west-bengal-nusrat-jahan-babul-supriyo-129005845.html,"नुसरत जहां से ममता का मोहभंग: बाबुल सुप्रियो भी नहीं होंगे उपचुनाव के लिए TMC के स्टार प्रचारक, नुसरत के BJP नेता से कथित संबंध बनी वजह","नुसरत जहां से ममता का मोहभंग:बाबुल सुप्रियो भी नहीं होंगे उपचुनाव के लिए TMC के स्टार प्रचारक, नुसरत के BJP नेता से कथित संबंध बनी वजह कोलकाता तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पश्चिम बंगाल में होने वाले उपचुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। इसमें BJP से TMC में आए पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो और TMC सांसद नुसरत जहां का नाम नहीं है। सुप्रियो और नुसरत का नाम लिस्ट में नहीं होने से उनके समर्थकों में निराशा है। भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव से पहले बाबुल सुप्रियो TMC में शामिल हुए। ऐसा माना जा रहा था कि TMC में सुप्रियो काफी सक्रिय भूमिका में होंगे। हालांकि, भवानीपुर उपचुनाव के दौरान BJP उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के खिलाफ प्रचार में वो नहीं उतरे। बताया गया कि टिबरेवाल से दोस्ती के चलते उन्होंने प्रचार न करने का फैसला लिया। नुसरत ने विधानसभा चुनाव में बढ़-चढ़कर प्रचार किया वहीं, नुसरत ने इसी साल मार्च-अप्रैल में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान TMC के लिए काफी बढ़-चढ़कर प्रचार किया था। लेकिन आगामी विधानसभा उपचुनाव में CM ममता ने उन्हें यह जिम्मेदारी नहीं दी है। हाल ही में मां बनीं नुसरत ने एक्टर यश दासगुप्ता और एक भाजपा नेता के साथ अपने कथित संबंधों को लेकर सुर्खियां बटोरी थीं। TMC के स्टार प्रचारकों में ममता, अभिषेक समेत ये नाम तृणमूल सुप्रीमो और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, TMC महासचिव और ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी, देव, मिमी चक्रवर्ती, राज चक्रवर्ती और सयानी घोष स्टार प्रचारकों में शामिल हैं। साथ ही सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम, सौगत रॉय और अरूप बिस्वास जैसे अनुभवी तृणमूल नेताओं को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है। BJP के स्टार प्रचारकों में राज्य के बाहर के नेता भी शामिल BJP ने भी बंगाल उपचुनाव के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। इसमें राज्य के बाहर के कई बड़े नाम भी शामिल हैं, जैसे कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, ​​असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और बिहार के सांसद गिरिराज सिंह। राज्य से पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और भाजपा बंगाल के प्रमुख सुकांत मजूमदार जैसे दिग्गज नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए उतारा है। केंद्रीय मंत्री और उत्तर बंगाल के सांसद जॉन बारला और निसिथ प्रमाणिक और मटुआ समुदाय के मंत्री-सांसद शांतनु ठाकुर को भी इसमें शामिल किया गया था। बंगाल की 4 विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव बंगाल की चार विधानसभा सीटों दिनहाटा, शांतिपुर, गोसाबा और खड़दह में उपचुनाव होना है। इसके लिए 1 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 8 अक्टूबर थी। 11 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 13 अक्टूबर तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकते हैं। 30 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि 2 नवंबर को काउंटिंग होगी।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/punjab-chief-minister-home-wedding-ceremony-pictures-cm-charanjit-channi-drove-the-grooms-sons-car-himself-ate-food-sitting-on-the-ground-129009503.html,CM चन्नी का परिवार मानता है बहू को लक्की: दूल्हा बने बेटे की कार चलाकर ले गए CM चन्नी; बेटे नवजीत और बहू सिमरन के साथ जमीन पर पंगत में बैठकर खाया खाना,"CM चन्नी का परिवार मानता है बहू को लक्की:दूल्हा बने बेटे की कार चलाकर ले गए CM चन्नी; बेटे नवजीत और बहू सिमरन के साथ जमीन पर पंगत में बैठकर खाया खाना जालंधर दूल्हा बने बेटे की कार चलाकर ले जाते सीएम चन्नी। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के बेटे नवजीत सिंह का रविवार को मोहाली में विवाह समारोह हुआ। नवजीत का विवाह सिमरन धीर से हुआ है जो इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट है। बेटे की शादी के दौरान CM चन्नी अलग अंदाज में दिखे। दूल्हे बने बेटे नवजीत की कार को वो खुद ड्राइव कर ले गए। यही नहीं, VIP शानो-शौकत से दूर उन्होंने बेटा-बहू के साथ जमीन पर पंगत में बैठकर खाना खाया। चरणजीत चन्नी पंजाब की राजनीति के इतिहास में पहले अनुसूचित जाति के सीएम है। सीएम बनते ही उन्होंने अपनी सिक्योरिटी कम करवा दी थी। अब शादी समारोह को भी उन्होंने सादगी से रखा। पंजाब सरकार के मंत्रियों से लेकर कांग्रेसी नेताओं और अफसरों तक ने समारोह में हाजिरी भरी। बेटे-बहू के साथ जमीन पर बैठकर खाना खाते सीएम चन्नी और उनकी पत्नी। नवजीत का सिमरन से रिश्ता होते ही सीएम बन गए चन्नी CM चरणजीत चन्नी का परिवार अपनी नई बहू को लक्की मानता है। डेढ़ महीना पहले तक चरणजीत चन्नी पंजाब सरकार में मंत्री थे और मुख्यमंत्री बनने के बारे में शायद ही कभी सोचा था। उनके बेटे नवजीत सिंह का सिमरन धीर से रिश्ता होते ही अचानक राजनीति ने अचानक पलटा खाया और कैप्टन अमरिंदर सिंह के हटते ही चन्नी सीएम बन गए। यह इसलिए चौंकाने वाला था क्योंकि अमरिंदर के हटने के बाद चन्नी का नाम सीएम के लिए चर्चा में तक नहीं था। पंजाब में हर बार जट्‌टसिख ही सीएम बनते रहे हैं लेकिन अचानक चन्नी ने सबको चौंका दिया। सीएम चरणजीत चन्नी के बेटे-बहू को आशीर्वाद देने पहुंचे अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह। ज्योतिष में भरोसा रखते हैं चन्नी सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को ज्योतिष में खूब भरोसा है। पहले उनकी राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल करने के लिए हाथी की सवारी की तस्वीरें सामने आई थी। इसके बाद चंडीगढ़ में सरकारी निवास का वास्तु ठीक करने के लिए उन्होंने ग्रीन बैल्ट भी तुड़वा दी थी। सीएम चरणजीत चन्नी को बेटे की शादी की बधाई देते पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत। सीएम चन्नी और उनके बेटे को बधाई देने पहुंचे पंजाब के मंत्री राजकुमार वेरका। सीएम चन्नी को बधाई देते मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग। सीएम चन्नी को बधाई देने पहुंचे वित्त मंत्री मनप्रीत बादल। सीएम चन्नी के बेटे के शादी समारोह में पहुंचे मंत्री राणा गुरजीत सिंह, विधायक सुशील रिंकू, लाडी शेरोवालिया और हरजोत कमल।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/news/the-government-gave-full-man-power-yet-failed-who-is-responsible-for-the-future-of-23-lakh-students-129009036.html,"REET पेपर लीक का खुलासा: राजस्थान सरकार ने पूरा मैन पावर झोंक दिया, फिर भी फेल; 23 लाख छात्रों के भविष्य का जिम्मेदार कौन?","REET पेपर लीक का खुलासा:राजस्थान सरकार ने पूरा मैन पावर झोंक दिया, फिर भी फेल; 23 लाख छात्रों के भविष्य का जिम्मेदार कौन? जयपुर3 घंटे पहलेलेखक: विक्रम सिंह सोलंकी राजस्थान में प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा राजस्थान टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (REET)-2021 में 23 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। पेपर लीक और नकल न हो, इसके लिए सरकार ने पूरा मैन पावर झोंक दिया, फिर भी एग्जाम से ढाई घंटे पहल ही पेपर लीक हो गया। आखिर पेपर लीक होने के 15 दिन बाद रविवार को मास्टरमाइंड बत्तीलाल गिरफ्तार हो गया। पेपर बनने से एग्जाम हॉल तक पहुंचने और लीक होने की कहानी पढ़िए...। ग्राफिक्स : राजकुमार गुप्ता, इलस्ट्रेशन : गौतम चक्रवर्ती",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/mp/news/there-was-love-from-bhopal-nephew-abdul-jabbar-said-he-regretted-going-to-pakistan-he-used-to-say-i-should-have-made-a-career-in-india-129009492.html,"पाकिस्तान को एटमी ताकत बनाने वाले डॉ. कदीर भोपाली थे: भतीजे अब्दुल जब्बार बोले- उन्हें पाकिस्तान जाने का अफसोस था, कहते थे- हिंदुस्तान में कैरियर बनाना चाहिए था","पाकिस्तान को एटमी ताकत बनाने वाले डॉ. कदीर भोपाली थे:भतीजे अब्दुल जब्बार बोले- उन्हें पाकिस्तान जाने का अफसोस था, कहते थे- हिंदुस्तान में कैरियर बनाना चाहिए था मध्यप्रदेश पाकिस्तान को परमाणु ताकत बनाने वाले साइंटिस्ट डॉ. अब्दुल कदीर खान का भोपाल से गहरा रिश्ता रहा है। उनक जन्म भोपाल में 1936 में एक साधारण परिवार में हुआ था। उस वक्त अंग्रेजों की हुकूमत थी। मैट्रिक तक की पढ़ाई उन्होंने भोपाल में ही पूरी की थी। 1947 में विभाजन के बाद जब भारत आजाद हुआ तो खान अपने बड़े भाई-बहनों के साथ पाकिस्तान में बस गए। रविवार सुबह 85 साल की उम्र में डॉ. अब्दुल कदीर खान का पाकिस्तान में निधन हो गया। जानिए भोपाल से जुड़ी उनकी विरासत... अब्दुल कदीर के भतीजे राष्ट्रीय हॉकी प्लेयर रहे आगा अब्दुल जब्बार खान ने बताया कि उनका परिवार अब भी भोपाल के गिन्नौरी इलाके में रहता है। आजादी के पहले वे संयुक्त परिवार में यहीं रहते थे। वे कहते हैं कि अब्दुल कदीर खान को पाकिस्तान जाने का अफसोस था। वे कहा करते थे कि मुझे हिंदुस्तान में कैरियर बनाना चाहिए था। जब्बार के मुताबिक, अब्दुल कदीर के पिता अब्दुल गफ्फूर खान देश बंटवारे के विरोध में थे। उन्होंने भोपाल में ही रहने का फैसला लिया था। उनके 5 बेटे और 2 बेटियां थी। इसमें से 4 बेटे और 2 बेटियां पाकिस्तान चले गए थे। एक बेटा हफीज खान अपने पिता के साथ यहीं रह गए। वे नगर निगम में राजस्व निरीक्षक थे। 1995 में वे भी पाकिस्तान चले गए। कदीर खान का भोपाल स्थित घर। हालांकि, इस मकान को दोबारा बनाया गया है। पिता होशंगाबाद में हेडमास्टर थे अब्दुल कदीर खान के पिता अब्दुल गफ्फूर होशंगाबाद में एक स्कूल में हेडमास्टर थे। उनके भाई हमीद खान और महबूब खान के परिवार ने भी भोपाल में ही रहने का फैसला लिया था। आगा अब्दुल जब्बार, हमीद खान के बेटे हैं। जब्बार खान बताते हैं कि डाॅ. अब्दुल कदीर अक्सर कहा करते थे कि मैंने पाकिस्तान जाकर बहुत बड़ी गलती कर दी। मैं गलत आ गया इस मुल्क (पाकिस्तान) में। मुझे हिंदुस्तान में कैरियर बनाना चाहिए था। जब कभी भी उनका मैसेज, चिट्ठी आती थी, तब वह हमेशा भोपाल छोड़ने का अफसोस जताते थे। वह कहा करते थे कि दुनिया में हमारा भोपाल शहर सबसे खूबसूरत है। मुझे भोपाल में ही रहना था। 1972 में आखिरी बार भोपाल आए थे कदीर जब्बार बताते हैं कि 1972 में वह आखिरी बार भोपाल आए। अब्दुल कदीर बहुत मिलनसार शख्स थे। हॉकी, पतंगबाजी के बहुत शौकीन थे। हम लोगों को वह गिन्नौरी स्कूल की छत में पतंगबाजी के लिए ले जाया करते थे। बचपन से उन्हें शायरी सुनने का बहुत शौक था। बचपन में हम दोनों एक ही घर में रहे। घर के पास ही उनके साथ खेला करते थे। पिता बंटवारे को मानने को तैयार नहीं जब्बार बताते हैं कि अब्दुल कदीर खान के पिता अब्दुल गफ्फूर खान ब्रिटिश हुकूमत के दौरान स्कूल में प्रिंसिपल रहे। वह होशंगाबाद से रिटायर हुए थे। उनके 7 बच्चों में कदीर खान सबसे छोटे बेटे थे। भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद जब कदीर खान समेत उनके 5 बच्चे पाकिस्तान जाने लगे तो गफ्फूर ने विरोध किया। उन्होंने पाकिस्तान जाने से मना कर दिया। बेटे-बेटियां उन पर पाकिस्तान चलने को लेकर काफी दबाव बना रहे थे। गफ्फूर ​​​​​​खान ने कभी भी बंटवारे को नहीं माना। उनका मानना था कि देश का विभाजन गलत हुआ। कदीर के सभी भाई-बहनों की मौत हो चुकी है। गिन्नौरी स्कूल, जहां कदीर ने प्राइमरी तक पढ़ाई की थी। मैट्रिक तक भोपाल में पढ़े-लिखे अब्दुल कदीर मैट्रिक तक भोपाल में पढ़े। घर के पास ही गिन्नौरी स्कूल में प्राइमरी शिक्षा हासिल की। इसके बाद जहांगीरिया स्कूल से 8वीं पास की थी। 11वीं की पढ़ाई हमीदिया हायर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की थी। मैट्रिक पास होने के बाद भोपाल से 1949 में पाकिस्तान चले गए। दो बार पाकिस्तान का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज मिला पेशे से इंजीनियर कदीर खान एक दशक से ज्यादा वक्त तक परमाणु बम बनाने की तकनीक, मिसाइल बनाने के लिए यूरेनियम संवर्धन, मिसाइल में लगने वाले उपकरण और पुर्जों के व्यापार में काम कर चुके हैं। उन्हें 1996 और 1999 में दो बार पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से भी नवाजा गया। भोपाल में जन्मे कादिर खान का भारत से लेकर यूरोप तक का सफर 1960 में पाकिस्तान के कराची यूनिवर्सिटी से मेटालर्जी यानि धातु विज्ञान की पढ़ाई करने के बाद खान ने परमाणु इंजीनियरिंग से संबंधित और पढ़ाई करने के लिए पश्चिमी जर्मनी, बेल्जियम और नीदरलैंड्स का रुख किया। लेकिन, ये पाकिस्तान ही था जहां उन्हें काफी शोहरत हासिल हुई। कहा जाता था कि 1980 और 1990 के दशक में इस्लामाबाद के सबसे ताकतवर व्यक्ति डॉ. खान ही थे। स्कूलों की दीवारों पर उनकी तस्वीरें दिखती थीं, उनकी तस्वीरें सड़कों-गलियों में पोस्टरों पर दिखती थीं। उन्हें 1996 और 1999 में दो बार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से भी नवाजा गया। लेबोरेटरी में नौकरी से की शुरुआत साल 1972 में उन्हें एम्सटर्डम में फिजिकल डायनमिक्स रिसर्च लेबोरेटरी में नौकरी मिली। कंपनी छोटी थी, लेकिन एक मल्टीनेशनल कंपनी यूरेन्को के साथ इसका करार था। बाद में परमाणु उपकरणों और ख़ुफिया जानकारी के बाजार की दुनिया में डॉ. खान के लिए उनका ये काम अहम रहा। साल 1974 में जब भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया, पाकिस्तान के ये इंजीनियर फिजिकल डायनमिक्स रिसर्च लेबोरेटरी में ही काम कर रहे थे। अमेरिकी पत्रिका फॉरेन अफेयर्स में साल 2018 में छपे एक लेख में कहा गया था- इस घटना ने डॉ. खान के भीतर छिपे राष्ट्रवाद को एक तरह से चुनौती दी और पड़ोसी मुल्क से बराबरी करने में पाकिस्तान की मदद करने की कोशिश करने लगे। दिसंबर 1975 में एक दिन अचानक डॉ. खान और उनका परिवार हॉलैंड छोड़कर पाकिस्तान चला गया था।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/power-crisis-deepens-in-punjab-2-days-of-coal-left-with-thermal-plants-production-stopped-in-5-units-8-hours-cut-possible-on-sunday-129009067.html,पंजाब में बिजली संकट गहराया: थर्मल प्लांटों के पास 2 से 5 दिन का कोयला बचा; 5 यूनिटों में उत्पादन बंद; रविवार को 8 घंटे का कट संभव,"पंजाब में बिजली संकट गहराया:थर्मल प्लांटों के पास 2 से 5 दिन का कोयला बचा; 5 यूनिटों में उत्पादन बंद; रविवार को 8 घंटे का कट संभव जालंधर तलवंडी साबो थर्मल प्लांट। कोयले की कमी से पंजाब में बिजली संकट गहरा गया है। 3 थर्मल प्लांट की 5 यूनिट बंद हो चुकी हैं। थर्मल प्लांटों में 2 से 5 दिन का कोयला बचा हुआ है। शनिवार को दोपहर बाद 6-6 घंटे के कट लगे। रविवार को 8-8 घंटे तक के कट लगाने की तैयारी है। अगर जल्द कोयले की आपूर्ति न हुई तो पंजाब में ब्लैक आउट हो सकता है। चिंताजनक बात यह है कि दशहरे तक यही स्थिति रह सकती है। ऐसे में फेस्टिवल सीजन में लोगों की मुश्किल बढ़ सकती है। कोयले की कमी से थर्मल प्लांटों की यूनिट बंद होनी शुरू हो गई हैं। हालांकि मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने केंद्र से जल्द आपूर्ति करने की मांग की है। बावजूद इसके जल्द हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे। माना जा रहा है कि पंजाब में सीएम चेहरा बदलने के चक्कर में सरकार से लेकर अफसरशाही तक इतनी व्यस्त रही कि बिजली संकट की तरफ किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। जिसकी वजह से अब हालात बेकाबू हो सकते हैं। आधे से 2 दिन का ही स्टॉक बचा पावरकॉम के सीएमडी ऑफिस से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी सूचना के मुताबिक, थर्मल प्लांटों में कोयले की उपलब्धता बहुत कम है। तलवंडी साबो थर्मल प्लांट के पास डेढ़ दिन, रोपड़ और लेहरा मुहब्बत के पास 4 और 5 दिन का स्टॉक है। गोइंदवाल यानी जीवीके थर्मल प्लांट के पास तो आधे दिन का ही कोयला है। वहीं राजपुरा थर्मल प्लांट के पास 2 दिन का कोयला है। थर्मल प्लांटों की यूनिट बंद होने लगीं ताजा जानकारी के मुताबिक, कोयले की कमी से तलवंडी साबो थर्मल प्लांट की 5 में से 2 यूनिट बंद हो गई हैं। इसी तरह रोपड़ थर्मल प्लांट की भी 2 और लेहरा मुहब्बत थर्मल प्लांट की एक यूनिट को बंद कर दिया गया है। इससे बिजली उत्पादन में भारी गिरावट आई है। बिजली संकट को देखते हुए पावरकॉम ने लोगों के लिए अपील जारी की है। मांग से 37% फीसदी बिजली की कमी पंजाब में सरकारी और प्राइवेट थर्मल प्लांटों में 8 हजार मेगावाट की जरूरत के हिसाब से 37% कम बिजली पैदा हुई। पंजाब में इस वक्त बिजली की मांग करीब 8 हजार मेगावाट है। इसके मुकाबले शनिवार को सिर्फ 3,784 मेगावाट ही बिजली पैदा हुई। हालात संभालने के लिए पावरकॉम ने करीब 3,200 यूनिट बिजली बाहर से खरीदी। क्यों आई कमी? एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल-मई महीने में कोरोना की वजह से कोयला खदानों का रखरखाव ढंग से नहीं हो सका। इसके अलावा मानसून से पहले कोयला निकालने की तैयारियां भी नहीं हो पाई। अब कोरोना के हालात ठीक होने के बाद इंडस्ट्री भी चल पड़ी हैं। ऐसे में बिजली की मांग एकदम बढ़ गई। सितंबर महीने में बारिश के बाद खदानों में पानी भर गया, जिसकी वजह से अब कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। 2-3 दिन में कोयला मिलने की उम्मीद पावरकॉम के सीएमडी ए. वेणुप्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी केंद्र सरकार से बात कर रहे हैं। 2-3 दिन में कोयले की आपूर्ति की उम्मीद है। यह भी पता चला है कि पंजाब के लिए कोयले के कुछ रैक रास्ते में हैं।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/yogis-verbal-attack-on-cm-channis-visit-to-up-uttar-pradesh-chief-minister-said-punjab-is-not-well-he-is-not-willing-to-apply-dgp-he-is-hiding-his-failure-by-coming-here-129002934.html,"CM चन्नी के UP दौरे पर योगी का तंज: आदित्यनाथ बोले- पंजाब संभल नहीं रहा, DGP अपॉइंट करने में चल नहीं रही, यहां आकर नाकामी छुपा रहे","CM चन्नी के UP दौरे पर योगी का तंज:आदित्यनाथ बोले- पंजाब संभल नहीं रहा, DGP अपॉइंट करने में चल नहीं रही, यहां आकर नाकामी छुपा रहे जालंधर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी पर उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने तंज कसा है। योगी ने कहा कि चरणजीत चन्नी पंजाब को तो संभाल नहीं पा रहे और UP आकर बयानबाजी कर रहे हैं। यह शर्मनाक है कि पंजाब में DGP तक उनकी मर्जी से नहीं लगाया जा रहा। कांग्रेस पंजाब में आंतरिक झगड़ों में फंसी है। उसी से ध्यान बंटाने के लिए लखीमपुर खीरी के मामले का सियासीकरण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक CM को इस बात के लिए तरसना पड़ रहा है कि वह अपनी मर्जी से अफसरों की नियुक्ति करें। वह अपनी तरफ से डीजीपी की नियुक्त नहीं कर पा रहे हैं। पंजाब के भीतर किसानों और आम नागरिकों से हो रहे व्यवहार को नहीं रोक पा रहे हैं। दरअसल वे भी छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के रास्ते पर चल रहे हैं। योगी ने लखीमपुर खीरी मामले पर कहा कि कानून अपना काम करेगा। सरकार किसी के दबाव में भी काम नहीं करेगी। लखीमपुर खीरी हिंसा पीड़ितों से मिलने राहुल गांधी के साथ सीएम चन्नी और भूपेश बघेल। राहुल गांधी के साथ गए थे CM चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी बुधवार को राहुल गांधी के साथ यूपी गए थे। उनके साथ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी थे। वहां चन्नी ने हिंसा में मारे गए किसानों के परिजनों को 50-50 लाख की वित्तीय मदद की घोषणा की थी। जिसके बाद योगी की तरफ से यह प्रतिक्रिया दी गई। नवजोत सिद्धू लगातार नए सीएम के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं। सिद्धू के झगड़े से विरोधियों को मिल रहा मौका पंजाब में कांग्रेस की कलह सुलझ नहीं रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के हटने के बाद सिद्धू अब सीएम चन्नी से भिड़े हुए हैं। यह विवाद अब डीजीपी और एडवोकेट जनरल की नियुक्ति को लेकर चल रहा है। सिद्धू इसी गुस्से में पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा भी दे चुके हैं। पहले अमरिंदर और अब चन्नी से सिद्धू के झगड़े विरोधियों को बोलने का खूब मौका दे रहे हैं।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/distance-between-sidhu-and-cm-channi-increased-sidhu-wanted-to-hold-hands-the-chief-minister-himself-began-to-grow-did-not-participate-in-each-others-demonstrations-increased-discord-in-punja-128996004.html,सिद्धू और चन्नी में बढ़ी दूरियां: चन्नी का हाथ पकड़कर चलाना चाहते थे नवजोत; एक-दूसरे के प्रदर्शन में शामिल भी नहीं हुए,"सिद्धू और चन्नी में बढ़ी दूरियां:चन्नी का हाथ पकड़कर चलाना चाहते थे नवजोत; एक-दूसरे के प्रदर्शन में शामिल भी नहीं हुए जालंधर कैप्टन अमरिंदर सिंह काे CM की कुर्सी से हटाने के बाद पंजाब कांग्रेस में नई कलह शुरू हो गई है। नवजोत सिद्धू और CM चरणजीत चन्नी के बीच लगातार दूरियां बढ़ रही हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि सिद्धू मुख्यमंत्री को हाथ पकड़कर चलाना चाहते थे। इसके उलट मुख्यमंत्री खुद आगे बढ़ने लगे। सिद्धू पीछे छूट गए। दूरियों का ताजा उदाहरण लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में चंडीगढ़ में हुए प्रदर्शन हैं। BJP सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के वक्त भी पंजाब कांग्रेस एकजुटता नहीं दिखा सकी। पहले प्रदर्शन में सिद्धू राजभवन पहुंचे तो CM चन्नी नहीं आए। उस वक्त CM चंडीगढ़ में ही मौजूद थे। अगले दिन चन्नी गांधी भवन धरने पर बैठे तो सिद्धू वहां नहीं आए। सिद्धू उस वक्त चंडीगढ़ में ही थे। चंडीगढ़ राजभवन में प्रदर्शन करते सिद्धू। बिगड़ती गई सिद्धू-चन्नी की बात चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो सिद्धू साये की तरह साथ चले। दिल्ली से लेकर अमृतसर तक सिद्धू साथ रहे। दूरियों की शुरूआत अमृतसर में ही हुई। सिद्धू ने दमनदीप उप्पल को अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का चेयरमैन लगा दिया। इसका नियुक्ति पत्र आते ही सिद्धू सीधे सौंपने लगे। सीएम चन्नी ने नियुक्ति पत्र उनके हाथ से लेकर उसे गौर से पढ़ा और फिर सौंपा। इसके बाद चन्नी जालंधर आए, लेकिन सिद्धू उनके साथ नहीं थे। यहीं से सिद्धू और सीएम चन्नी के बीच की दूरी शुरू होने लगी। सिद्धू चाहते थे कि सिद्धार्थ चट्‌टोपाध्याय डीजीपी और एडवोकेट डीएस पटवालिया AG लगें, लेकिन सीएम चन्नी ने सहोता और देयोल को नियुक्त कर दिया। इसके विरोध में सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया। कलह सुलझाने के लिए पंजाब भवन चंडीगढ़ में मीटिंग हुई। सुलह का फार्मूला भी निकला, लेकिन सिद्धू तुरंत फैसला चाहते हैं, जिससे सीएम राजी नहीं। चंडीगढ़ गांधी भवन में प्रदर्शन करते सीएम चरणजीत चन्नी। फिर वहीं पहुंची पंजाब कांग्रेस पंजाब कांग्रेस में कलह सिद्धू के प्रधान बनने पर शुरू हुई। कांग्रेस हाईकमान को लगा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर यह कलह शांत होगी। पंजाब प्रधान और सरकार के बीच तालमेल बन जाएगा। चन्नी सीएम बने तो शुरू के दो दिन ऐसा लगा भी। हालांकि अब कांग्रेस फिर वहीं पहुंच गई है। सिद्धू का जिन बातों पर अमरिंदर से मनमुटाव था, वही झगड़ा अब चन्नी के साथ है। सिद्धू भले ही मुद्दों की बात करें, लेकिन सियासी माहिर मानते हैं कि सिद्धू सुपर-CM न बन पाने और पंजाब के अगले चुनाव का इकलौता चेहरा न होने से नाराज हैं। CM चन्नी के तेवर बता रहे, सिद्धू की इच्छा पूरी नहीं होगी बेशक कैप्टन अमरिंदर के बाद सिद्धू पंजाब कांग्रेस के बड़े चेहरे हैं। हालांकि कांग्रेस सरकार उनके बताए रास्ते पर ही चलेगी, यह नहीं होगा। CM चरणजीत सिंह चन्नी कह चुके हैं कि सिद्धू चाहें तो पार्टी फोरम में अपनी बात रखें। कोऑर्डिनेशन कमेटी में मुद्दा उठाएं। साफ है कि सरकार अपने ढंग से चलेगी। सीएम कह भी चुके हैं कि वे पार्टी का काम देखें। सरकार अपना काम करेगी। अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के नए चेयरमैन दमनदीप उप्पल को नियुक्ति पत्र सौंपते वक्त की यही वो तस्वीर है, जहां से सिद्धू और CM के बीच खटास बढ़ती गई। जो गलती अमरिंदर ने की, वही सिद्धू भी कर बैठे नवजोत सिद्धू को कैप्टन अमरिंदर सिंह की CM कुर्सी से जाने की बड़ी वजह बेशक माना जाए, लेकिन इसके पीछे दूसरा बड़ा कारण भी है। अमरिंदर को 2017 में सत्ता में लाने के लिए माझा के तीन मंत्रियों सुखजिंदर रंधावा, तृप्त राजिंदर बाजवा और सुख सरकारिया ने सब कुछ झोंका। साढ़े 4 साल कैप्टन सीएम रहे, लेकिन अंतिम दिनों में इनसे दूरियां बढ़ाते चले गए। यही गलती अब सिद्धू भी कर चुके हैं। डिप्टी सीएम रंधावा से सिद्धू की दूरी बढ़ चुकी हैं। उनके डिप्टी सीएम की कुर्सी संभालते वक्त भी सिद्धू नहीं आए। बाकी दो मंत्री भी सीएम चन्नी के साथ हैं। ऐसे में सिद्धू नहीं झुकते तो उनकी विदायगी तय है।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/punjab/jalandhar/news/farmers-furious-with-political-rally-shoe-thrown-at-sukhbir-badals-car-akali-dal-is-a-true-friend-of-farmers-from-the-stage-129006158.html,"सुखबीर ने CM चन्नी को बताया टेंपरेरी इंचार्ज: कांग्रेस और AAP के मुख्यमंत्री-मत्री दिल्ली से तय होते हैं, अकाली दल पंजाब की पार्टी और यहां फैसला पंजाबी ही करेंगे","सुखबीर ने CM चन्नी को बताया टेंपरेरी इंचार्ज:कांग्रेस और AAP के मुख्यमंत्री-मत्री दिल्ली से तय होते हैं, अकाली दल पंजाब की पार्टी और यहां फैसला पंजाबी ही करेंगे जालंधर में रैली को संबोधित करते SAD अध्यक्ष सुखबीर बादल। जालंधर में बसपा की रैली में SAD अध्यक्ष सुखबीर बादल ने अकाली दल को सबसे बड़ी किसान हितैषी पार्टी बताया। उन्होंने मख्यमंत्री चन्नी को टेंपरेरी इंचार्ज बताते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। सुखबीर बादल ने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक दिल्ली से तय किए जा रहे हैं। अकाली दल पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी है और उनका फैसला सिर्फ पंजाबी ही करेंगे। सुखबीर बादल ने पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के बहाने कांग्रेस पर हमला बोला। सुखबीर ने कहा कि पंजाब में चन्नी को टेंपरेरी इंचार्ज लगाया गया है। कांग्रेस हाईकमान तो सुनील जाखड़ को मुख्यमंत्री बनाना चाहता था लेकिन उनके हिंदू होने की वजह से नहीं बनाया। फिर सुखजिंदर रंधावा का नंबर आया तो नवजोत सिद्धू समझ गए कि उनका पत्ता कट जाएगा। इसलिए टेंपरेरी तौर पर चन्नी को लगा दिया। अगली बार कोई और सीएम बनने के सपने देख रहा है। सुखबीर बादल का विरोध करने में लिए इकट्‌ठा हुए किसानों को रोकती पुलिस। चन्नी को मर्जी से अफसर लगाने की छूट नहीं सुखबीर ने कहा कि कांग्रेस ने सुनियोजित तरीके से चरणजीत चन्नी को सीएम बनाया। इसके बहाने वो अनुसूचित जाति भाईचारे के वोट बटोरना चाहती थी। मैं पूछना चाहता हूं कि जब सीएम चन्नी को अपनी मर्जी से डीजीपी और एडवोकेट जनरल लगाने की छूट नहीं है तो फिर कांग्रेस किस मुंह से उनके नाम पर वोट मांगेगी। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति भाईचारे का असली प्रतिनिधित्व अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन करेगा। दोआबा में कांशीराम के नाम पर मेडिकल कॉलेज सुखबीर बादल ने कहा कि सरकार बनने पर दोआबा में मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा। जिसका नाम बसपा के दिग्गज नेता कांशीराम के नाम पर रखा जाएगा। इसके अलावा दोआबा में ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम पर यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। सुखबीर ने कांग्रेस पर तंज कसा कि वो गरीबी हटाओ कहकर सत्ता में आते रहे और कांग्रेसियों की गरीबी मिटाते रहे। अकाली दल के सत्ता में आने पर अनुसूचित जाति और गरीबों के लिए कई भलाई स्कीमें शुरू की जाएंगी।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/haryana/hisar/sirsa/news/the-partys-candidate-govind-kanda-who-went-to-bow-his-head-was-thrown-out-of-the-gurudwara-by-the-farmers-the-urban-head-was-pushed-129006472.html,"ऐलनाबाद में किसानों ने भाजपा नेताओं को मारे धक्के: उपचुनाव लड़ रहे पार्टी प्रत्याशी गोविंद कांडा को गुरुद्वारे से बाहर निकाला, शहरी भाजपा प्रधान गिरते-गिरते बचे","ऐलनाबाद में किसानों ने भाजपा नेताओं को मारे धक्के:उपचुनाव लड़ रहे पार्टी प्रत्याशी गोविंद कांडा को गुरुद्वारे से बाहर निकाला, शहरी भाजपा प्रधान गिरते-गिरते बचे ऐलनाबाद भाजपा के उम्मीदवार गोविंद कांडा को गुरुद्वारे से बाहर निकालते किसान। हरियाणा की ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में उतरे भाजपा कैंडीडेट गोविंद कांडा को शनिवार को किसानों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। शनिवार शाम को भाजपा नेताओं के साथ गुरुद्वारा सिंह सभा में माथा टेकने पहुंचे गोविंद कांडा को किसानों ने गुरुद्वारे से बाहर निकाल दिया। किसानों ने कांडा के साथ मौजूद भाजपा की ऐलनाबाद शहरी इकाई के प्रधान जसवीर सिंह चहल को बुरी तरह धक्के मारे। इन धक्कों की वजह से चहल मुंह के बल जमीन पर गिरते-गिरते बचे। मौके की नजाकत को भांपते हुए गोविंद कांडा के निजी सुरक्षाकर्मी उन्हें वहां से निकालकर ले गए। धक्का लगने के बाद संभलने की कोशिश करते भाजपा के ऐलनाबाद शहरी प्रधान जसवीर सिंह चहल ( सफेद कपड़ों में)। ऐलनाबाद उपचुनाव में भाजपा ने अपना पार्टी कार्यालय अंबेडकर चौक पर खोला है। शनिवार सुबह से किसान पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों की नारेबाजी के समय सिरसा से हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) के विधायक और गोविंद कांडा के बड़े भाई गोपाल कांडा भी पार्टी कार्यालय में मौजूद थे। यहां किसानों को संभालने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। शनिवार को भाजपा कैंडीडेट गोविंद कांडा के ऐलनाबाद शहर में कई जगह कार्यक्रम भी रखे गए। गोविंद कांडा और भाजपा नेता जैसे ही इन कार्यक्रमों में पहुंचते,किसान भी नारेबाजी करते हुए वहां पहुंच जाते। मौके पर इकट्‌ठा लोगों को समझाने का प्रयास करती पुलिस टीम। शनिवार शाम 4 बजे गोविंद कांडा की एक भाजपा पार्षद के घर चुनावी बैठक तय थी। इसी मीटिंग के लिए जाते समय गोविंद कांडा का काफिला शहर के गुरुद्वारा सिंह सभा के सामने रुका। गोविंद कांडा भाजपा की ऐलनाबाद शहरी इकाई के प्रधान जसवीर सिंह चहल और कुछ अन्य नेताओं के साथ माथा टेकने गुरुद्वारे के अंदर चले गए। उस समय गोविंद कांडा के साथ उनके पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड भी थे। भाजपा नेताओं के गुरुद्वारे पहुंचने की सूचना मिलने ही दर्जनों किसान नारेबाजी करते हुए वहां पहुंच गए। गोविंद कांडा के निजी सुरक्षा गार्डों ने किसानों को गुरुद्वारे के दरवाजे पर रोकने का प्रयास किया मगर किसान उन्हें हटाते हुए अंदर घुस गए। किसानों ने कांडा और दूसरे भाजपा नेताओं को गुरुद्वारे से बाहर निकाल दिया। मौके की नजाकत को भांपते हुए गोविंद कांडा भी निजी सुरक्षा गार्डों के घेरे में बाहर निकल आए और तुरंत अपनी गाड़ी के अंदर बैठ गए। गुरुद्वारे के बाहर गोविंद कांडा का विरोध करने के लिए पहुंचे किसान। शहरी भाजपा प्रधान को मारे धक्के किसानों की नारेबाजी के बीच गुरुद्वारे से बाहर निकलते समय भाजपा की ऐलनाबाद शहरी इकाई के प्रधान जसवीर सिंह चहल गोविंद कांडा से कुछ पीछे चल रहे थे। जैसे ही चहल गुरुद्वारे की सीढ़ियों पर पहुंचे, पीछे से कुछ लोगों ने उन्हें बुरी तरह धक्के मारे जिसमें चहल मुंह के बल गिरते-गिरते बचे। किसानों के गुस्से को देखते हुए भाजपा नेता तुरंत वहां से निकल गए। मौके पर मौजूद पुलिस जवानों ने किसानों को किसी तरह समझाकर शांत किया।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/haryana/rohtak/news/in-protest-against-the-lakhimpur-khiri-episode-farmers-will-stop-trains-across-the-country-on-october-18-farmers-will-celebrate-martyrdom-day-on-october-12-129005666.html,18 अक्टूबर को किसानों का रेल रोको आंदोलन: लखीमपुर हिंसा के विरोध में ऐलान; दो मांगे- केंद्रीय राज्यमंत्री को बर्खास्त और आरोपी बेटे को गिरफ्तार करो,"18 अक्टूबर को किसानों का रेल रोको आंदोलन:लखीमपुर हिंसा के विरोध में ऐलान; दो मांगे- केंद्रीय राज्यमंत्री को बर्खास्त और आरोपी बेटे को गिरफ्तार करो रोहतक संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 अक्टूबर को देशभर में रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है। यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद केंद्र और यूपी सरकार के रवैये से नाराज होकर मोर्चा ने न्याय के लिए यह कॉल दी है। संयुक्त किसान मोर्चा की 2 मांगे हैं। इनमें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय‌ मिश्र को बर्खास्त करना और लखीमपुर हिंसा के आरोपी उनके बेटे समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तारी करना शामिल है। 12 को किसान शहीदी दिवस मनाएं संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों और आम जनता से लखीमपुर में शहीद हुए पांच किसानों को श्रद्धांजलि देने की अपील की है। मोर्चा ने कहा कि 12 अक्टूबर को सभी लोग अपने-अपने घरों के आगे 5 मोमबत्तियां जलाकर किसान शहीदी दिवस मनाएं। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रोकेंगे ट्रेन ​​​​​​कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा समन्वय समिति की बैठक के बाद वरिष्ठ सदस्य डॉ. दर्शनपाल ने बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और यूपी सरकार लखीमपुर के दोषियों को बचाने के लिए जोर लगा रही है। सरकार का यह रवैया गलत है और इससे किसानों में गुस्सा है। अब किसान और इंतजार नहीं कर सकते। डॉ. दर्शनपाल ने बताया कि 18 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा। मोर्चा का कहना है कि हम देश की जनता को परेशान नहीं करना चाहते, लेकिन गूंगी-बहरी सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए ऐसा करना पड़ रहा है। धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर प्रार्थना सभा डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि 12 अक्टूबर को शहीद किसान दिवस मनाया जाएगा। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा देशवासियों से लखीमपुर खीरी कांड में शहीद हुए 5 किसानों की अंतिम अरदास में शामिल होने की अपील करता है। उन्होंने 12 अक्टूबर को गुरुद्वारों, मंदिरों, चर्च, मस्जिद और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर प्रार्थना सभा और श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने की अपील की।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/uttar-pradesh/prayagraj/news/insult-to-ram-krishna-is-an-insult-to-the-whole-country-allahabad-high-court-129006279.html,"राम के बिना भारत अधूरा है: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- राम और कृष्ण के खिलाफ अश्लील टिप्पणी पूरे देश का अपमान है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं है","राम के बिना भारत अधूरा है:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- राम और कृष्ण के खिलाफ अश्लील टिप्पणी पूरे देश का अपमान है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं है प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं है, कुछ प्रतिबंध भी है। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किसी को दूसरे की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है। भगवान राम और कृष्ण के खिलाफ सोशल मीडिया में अश्लील टिप्पणी के मामले में कोर्ट ने कहा कि राम के बिना भारत अधूरा है। जिस देश में रह रहे हैं, उस देश के महापुरुषों व संस्कृति का सम्मान करना जरूरी है। कोई ईश्वर को माने या न माने, उसे किसी की आस्था पर चोट पहुंचाने का अधिकार नहीं है। आकाश जाटव की सशर्त जमानत मंजूर कोर्ट ने कहा हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की रही है। सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यंतु, मा कश्चित दुःख भाग भवेत। ऐसी कामना करने वाले लोग हैं। कोर्ट ने भगवान राम कृष्ण के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करने वाले आकाश जाटव उर्फ सूर्य प्रकाश को दोबारा ऐसे अपराध न करने की चेतावनी देते हुए सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा कि याची पिछले 10 माह से जेल में बंद हैं। विचार शीघ्र पूरा होने की संभावना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी दाताराम केस में कहा है कि जमानत अधिकार है और जेल अपवाद। इसलिए जमानत पर रिहा किया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने हाथरस के आकाश जाटव की अर्जी पर दिया है। याची ने कोर्ट में खुद को बताया निर्दोष याची का कहना था कि 28 नवंबर 19 को किसी ने उसकी फर्जी आईडी तैयार कर अश्लील पोस्ट डाली। वह निर्दोष है।और यह भी तर्क दिया कि संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी है, जिसे अपराध नहीं माना जा सकता। सरकारी वकील ने कहा कि याची अहमदाबाद अपने मामा के घर गया था। जहां अपना सिम कार्ड मामा के लड़के के मोबाइल फोन में लगाकर अश्लील पोस्ट डाली है और एफआईआर दर्ज होते ही मोबाइल फोन व सिम कार्ड तोड़कर फेंक दिया है। धर्म न मानने वाला नास्तिक हो सकता है कोर्ट ने कहा कि संविधान में मूल अधिकार दिए गए हैं। उसी में से अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार भी है। संविधान बहुत उदार है। धर्म न मानने वाला नास्तिक हो सकता है। इससे किसी को दूसरे की आस्था को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं मिल जाता। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा कि मानव खोपड़ी हाथ में लेकर नृत्य करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह अपराध है। ईद पर गोवध पर पाबंदी है कोर्ट ने कहा ईद पर गोवध पर पाबंदी है। वध करना अपराध है। सूचना प्रौद्योगिकी कानून में भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम गैर जमानती अपराध है। अभिव्यक्ति की आजादी असीमित नहीं है। राज्य में सुरक्षा, अफवाह फैलाना, अश्लीलता फैलाना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं, वल्कि अपराध है। तांडव सीरीज पर कोर्ट ने कहा है कि अभिव्यक्ति के असीमित अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा हमारे ऋषि मुनियों ने इंसान को भगवान बनने के रास्ते दिखाएं हैं। टैगोर जी ने कहा कि रामायण महाभारत में भारत की आत्मा के दर्शन होते हैं। महात्मा गांधी के जीवन में भी राम का महत्व रहा है। सामाजिक समरसता रामायण से इतर कहीं नहीं दिखती।सबरी के जूठे बेर खाने से लेकर निषादराज को गले लगाने तक सामाजिक समरसता का ही संदेश दिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम् के भाव अन्य किसी भी देश में नहीं भगवत गीता में कर्म फल सिद्धांत का वर्णन है।आत्मा अमर है। वह कपड़े की तरह शरीर वैसे बदलती है, जैसे बछड़ा झुंड में अपनी मां को ढूंढ़ लेता है। मन शरीर का हिस्सा है।सुख दुख का अहसास शरीर को ही होता है। भगवान कृष्ण ने कहा कर्म पर ध्यान दो,फल मुझ पर छोड़ो। वसुधैव कुटुंबकम् के भाव अन्य किसी भी देश में नहीं है। धर्म की हानि होने पर भगवान अवतार लेते हैं धर्म रक्षार्थ भगवान आते हैं। धर्म की हानि होने पर भगवान अवतार लेते हैं। भारतीय संविधान में भी भगवान राम सीता के चित्र अंकित है।ऐसे में राम कृष्ण के खिलाफ अश्लील टिप्पणी माफी योग्य नहीं है। हिन्दुओं में ही नहीं मुसलमानों में भी कृष्ण भक्त रहे हैं। रसखान,अमीर खुसरो,आलम शेख, वाजिद अली शाह नज़ीर अकबराबादी,राम कृष्ण भक्त रहे हैं। राम कृष्ण का अपमान पूरे देश का अपमान है।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/maharashtra/news/nawab-malik-on-ncb-over-mumbai-cruise-ship-aryan-khan-drug-case-129005866.html,"ड्रग्स केस में NCB Vs NCP: नवाब मलिक का आरोप- BJP के बड़े नेताओं के कहने पर क्रूज से 3 लोग छोड़े गए, NCB ने कहा- बदनाम करने की नीयत से लगाए आरोप","ड्रग्स केस में NCB Vs NCP:नवाब मलिक का आरोप- BJP के बड़े नेताओं के कहने पर क्रूज से 3 लोग छोड़े गए, NCB ने कहा- बदनाम करने की नीयत से लगाए आरोप मुंबई नवाब मलिक के मुताबिक, यह तस्वीर 2 अक्टूबर की है। इसमें ऋषभ सचदेवा (दाएं) अपने पिता के साथ NCB ऑफिस से निकलते हुए नजर आ रहे हैं। मुंबई रेव पार्टी मामले में एक बार फिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता नवाब मलिक मीडिया के सामने आए और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) पर कई गंभीर आरोप लगाए। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री मलिक ने शनिवार को कहा कि NCB ने टारगेट करके क्रूज पर छापा मारा और 1300 लोगों में से सिर्फ 11 लोगों को हिरासत में लिया था। इन्हें पकड़ने के बाद NCB ऑफिस लाया गया और इसमें से आर्यन, अरबाज और मुनमुन समेत 8 को अपने पास रखते हुए बाकी 3 आरोपियों को जाने दिया गया। मलिक ने आरोप लगाया है कि जिन तीन लोगों को NCB ने छोड़ा उनमें एक भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके मोहित कंबोज का साला ऋषभ सचदेवा भी है। अपनी बात की पुष्टि के लिए नवाब मलिक ने कुछ वीडियो और तस्वीरें भी जारी की हैं, जिसमें ऋषभ सचदेवा अपने पिता और चाचा के साथ NCB ऑफिस से निकलते हुए नजर आ रहे हैं। मलिक के मुताबिक, मोहित कंबोज ने अपना नाम बदल कर मोहित भारतीय कर लिया है। 14 में से 6 को सबूतों के अभाव में छोड़ा गया: NCB मलिक के आरोपों के बाद NCB ने सफाई दी। जांच एजेंसी के DDG ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा- NCB जो भी कार्रवाई करती है, वह एक स्पेसिफिक इंफॉर्मेशन के बाद की जाती है। यह इंफॉर्मेशन हमारे सोर्सेस या फिर पब्लिक की तरफ से दिए जाते हैं। नियम के मुताबिक, हर रेड में 2 इंडिपेंडेंट विटनेस को शामिल करते हैं। इस पूरे ऑपरेशन में कुल 9 इंडिपेंडेंट विटनेस शामिल किए गए। हमने 14 लोगों को शिप से पकड़ा था और उसमें से 6 लोगों को सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया। एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि हिरासत में पूछताछ के दौरान आरोपी व्यक्तियों द्वारा किए गए खुलासे के आधार पर हमने 6 जगहों पर रेड की और मुंबई के विभिन्न स्थानों से 10 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। मलिक के मुताबिक, ऋषभ सचदेवा भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष मोहित कंबोज के साले हैं। मलिक के मुताबिक, आर्यन को ट्रैप करके शिप पर बुलाया गया मलिक ने आगे कहा कि NCB प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला नाम के दो युवकों को भी हिरासत में लेकर NCB ऑफिस आई थी। अदालत में जब इस केस की सुनवाई चल रही थी तो इन दोनों के नाम को लेकर चर्चा हुई थी। आर्यन ने अपने बयान में कहा है कि इन दोनों के बुलाने पर ही वे क्रूज पर गए थे। मलिक ने आगे आरोप लगाया कि इससे साबित होता है कि इन दोनों ने ट्रैप करके आर्यन को क्रूज पर बुलाया था। इनके वीडियो जारी करते हुए मलिक ने कहा इन दोनों को भी NCB ने जाने दिया। नवाब मलिक के मुताबिक, आर्यन खान और प्रतीक गाबा अच्छे दोस्त हैं और प्रतीक ने ही आर्यन को बुलाया था। NCB से तीनों को पकड़ने और छोड़ने का कारण बताने को कहा नवाब मलिक ने NCB चीफ समीर वानखेड़े के काम करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि समीर वानखेड़े को सामने आकर बताना चाहिए कि उन्होंने इन तीनों को क्यों पकड़ा और फिर इन्हें क्यों छोड़ दिया गया। मलिक ने यह भी कहा है कि उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं कि ऋषभ सचदेवा को छोड़ने के लिए दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक के नेताओं ने फोन करके आदेश दिया था। मलिक ने आगे कहा, 'हम मांग करते हैं कि वानखेड़े इसका खुलासा तत्काल रूप से करें। जब पूरी जांच वॉट्सऐप चैट पर आगे बढ़ रही है, तो क्या NCB ने इनके रिकॉर्ड्स को खंगाला।' NCB ऑफिस से बाहर निकलता हुआ आमिर फर्नीचरवाला। CM उद्धव ठाकरे से इस पूरे मामले की जांच करवाने का आग्रह किया मलिक ने आगे कहा कि छापेमारी का काम पूरी तरह से फर्जीवाड़ा है, सेलिब्रिटी को बुलाने के लिए यह प्लान किया गया था। उन्होंने कहा कि हम CM उद्धव ठाकरे से इस संबंध में जांच करवाने का आग्रह करते हैं। हम मुंबई और महाराष्ट्र की पुलिस, एंटी नारकोटिक्स सेल से भी मांग करेंगे कि इन सभी के कॉल डिटेल निकाले जाएं और इस मामले की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। समीर वानखेडे के भी कॉल डिटेल निकाले जाएं। वानखेड़े को यह बताना होगा कि उनके चाचा और पिताजी कैसे NCB ऑफिस में गए और अपने साथ अपने बेटे को लेकर निकले।""",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/national/news/delhi-electricity-coal-supply-shortage-update-tata-power-alert-message-to-customers-129006190.html,"दिल्ली में बिजली संकट की आहट: टाटा पावर ने कहा- बिजली संभलकर इस्तेमाल करें, दिल्ली के ऊर्जा मंत्री बोले- 1 दिन का कोयला बचा; केजरीवाल की मोदी को चिट्‌ठी","दिल्ली में बिजली संकट की आहट:टाटा पावर ने कहा- बिजली संभलकर इस्तेमाल करें, दिल्ली के ऊर्जा मंत्री बोले- 1 दिन का कोयला बचा; केजरीवाल की मोदी को चिट्‌ठी नई दिल्ली दिल्ली में बिजली संकट की आहट शुरू हो गई है। दिल्ली के उत्तरी हिस्से में बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी टाटा पावर ने लोगों को मैसेज भेजकर सतर्क रहने और बिजली का संभलकर इस्तेमाल करने के लिए कहा है। मैसेज में कहा गया है कि राजधानी में दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक सप्लाई पर असर पड़ सकता है। अगर जल्द ही कोयला सप्लाई नहीं की गई तो 2 दिन बाद बड़े स्तर पर कटौती शुरू हो सकती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बिजली संकट को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्‌ठी लेकर इस मसले पर ध्यान देने की अपील की। पंजाब ने कोयले की आपूर्ती बढ़ाने की मांग की पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज केंद्र सरकार से बिजली संकट से निपटने के लिए कोटा के अनुसार राज्य की कोयले की आपूर्ति को तुरंत बढ़ाने के लिए कहा है। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड का कहना है कि देश में कोयले की भारी कमी है। ग्राहकों से अपील है कि जरूरत न होने पर लाइट, डिवाइस और एयर कंडीशनर बंद करके बिजली की बचत करें। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री ने कहा- कोयला नहीं है दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पूरे देश में कोयले से चलने वाले पावर प्लांट में कोयले की बहुत कमी है। दिल्ली को जिन प्लांट से बिजली आती है, उनमें 1 दिन का स्टॉक बचा है। कोयला बिल्कुल नहीं है। केंद्र सरकार से अपील है रेलवे वैगन का इस्तेमाल कर कोयला जल्द पहुंचाया जाए। कोयला संकट की वजह से परेशानी देश में लगभग 70% बिजली कोयले से बनती है। बिजली उत्पादन के लिए पावर प्लांट्स के पास कोयले का स्टॉक काफी कम रह गया है। देश में कोयले से 135 पावर प्लांट हैं। इनमें अभी 2 से 4 दिन का स्टॉक है। केजरीवाल ने पत्र में क्या लिखा दिल्ली के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से बिजली की आपूर्ति करने वाले संयंत्रों को पर्याप्त मात्रा में कोयले की व्यवस्था करवाने की अपील की है। उन्होंने इस मामले में केंद्र से हस्तक्षेप करने को कहा है। एक परेशानी यह भी देश की लगभग तीन चौथाई कोयले की जरूरत घरेलू खानों से पूरी होती है, लेकिन भारी बारिश के चलते उनमें और ट्रांसपोर्ट रूट पर पानी भर गया है। ऐसे में कोयले से पावर प्लांट्स चलाने वाली कंपनियों के सामने दुविधा यह है कि नीलामी में जो भी कोयला मिले, उसके लिए ज्यादा प्रीमियम दें या विदेशी बाजार से मंगाएं, जहां पहले से कीमत रिकॉर्ड हाई लेवल पर है। प्लांट्स को मिल रहा 60-80 हजार टन कम कोयला एल्यूमीनियम प्रॉडक्शन कंपनियों की शिकायत है कि कोल इंडिया ने पावर प्लांट्स को कोयला देने के लिए उनकी सप्लाई घटा दी है। कोयला सचिव अनिल कुमार जैन ने कहा कि बारिश के चलते खानों में पानी भर जाने से पावर प्लांट्स को रोज 60 से 80 हजार टन कम कोयला मिल रहा है।",1 https://www.bhaskar.com,https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sriganganagar/hanumangarh/news/knocked-down-on-the-ground-sitting-with-his-neck-under-his-knees-pleaded-to-save-his-life-kept-beating-after-drinking-water-threw-the-dead-body-outside-the-house-to-spread-panic-129006260.html,"हनुमानगढ़ हत्याकांड पर सियासत शुरू: केंद्रीय मंत्री ने वीडियो शेयर कर कहा- राहुलजी आप लखीमपुर की चिंता न करें, वहां योगीजी का शासन है, गहलोतजी का नहीं","हनुमानगढ़ हत्याकांड पर सियासत शुरू:केंद्रीय मंत्री ने वीडियो शेयर कर कहा- राहुलजी आप लखीमपुर की चिंता न करें, वहां योगीजी का शासन है, गहलोतजी का नहीं हनुमानगढ़ हनुमानगढ़ के प्रेमपुरा गांव में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या के मामले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राहुल गांधी पर तंज कसा है। शेखावत ने ट्वीट कर कहा कि राहुल जी आप लखीमपुर की चिंता न करें। वहां योगी जी का शासन है। आपके प्रिय गहलोत जी का नहीं! आप राजस्थान के प्रेमपुरा में इस दलित युवक की हत्या पर कुछ कहने की हिम्मत दिखाएं, ताकि जनता को मालूम हो कि आप कितने सच्चे हैं? शेखावत जगदीश नाम के जिस युवक को दलित बता रहे हैं, वह चुनाई मिस्त्री का काम करता था। यह घटना 7 अक्टूबर की है। यहां कुछ युवकों ने जगदीश को लाठियों से बुरी तरह पीटा। उसे जमीन पर पटककर एक ने घुटने से गर्दन दबाई और बाकी पीटते रहे। बीच-बीच में उसे पानी भी पिलाते रहे। इस दौरान 3 युवक इस घटना का वीडियो बना रहे थे। हत्या के बाद वे जगदीश का शव उसके घर के बाहर फेंककर चले गए। हनुमानगढ़ पुलिस के मुताबिक, जगदीश की हत्या प्रेम प्रसंग में की गई है। वीडियो के बाद हरकत में आई पुलिस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस हरकत में आई और 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि जगदीश को किस बेरहमी से मारा गया। गुस्साए परिवार ने 2 दिन तक शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया। उनका आरोप है कि वीडियो में आरोपियों के चेहरे साफ दिख रहे हैं, फिर भी पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं की। इसके लिए परिजनों को शनिवार को आंदोलन करना पड़ा। दबाव बढ़ा तब पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है। गहलोत का योगी सरकार पर हमला:बोले- यूपी में विपक्षी पार्टियों को पीड़ितों से मिलने से रोकने की परंपरा है, मंत्री अजय मिश्रा से इस्तीफा नहीं लेना दुर्भाग्यपूर्ण केंद्गीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का ट्वीट। परिवार ने दो दिन बाद धरना खत्म किया एसडीएम रंजीत कुमार ने बताया कि प्रेमपुरा हत्याकांड मामले में शनिवार दोपहर बाद जगदीश के परिजनों से प्रशासन की बातचीत हुई। जगदीश के हत्यारों और उसकी हत्या करने की साजिश में शामिल आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी करवाने, मामले की निष्पक्ष जांच और पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देने की मांग रखी गई। तीनों मांगों पर सहमति बनने पर पीड़ित परिवार शव ले जाने को तैयार हुआ। तीन आरोपी हिरासत में पीलीबंगा थाना प्रभारी इंद्रकुमार ने बताया कि अब तक इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुकेश, ओमप्रकाश उर्फ शिवप्रकाश और हंसराज को हिरासत में लिया गया है। ये सभी प्रेमपुरा के रहने वाले हैं। फरार आरोपियों की धरपकड़ के लिए दो टीमें गठित की गई हैं। फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए उनके परिजनों को भी हिरासत में लिया है। जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तार कर लिया जाएगा। विनोद, मुकेश, लालचंद उर्फ रामेश्वर, सिकंदर, दलीप ओड, गंगाराम, महेंद्र, इंद्राज, ओमप्रकाश उर्फ नेन्हो, सुमन, हंसराज ओड के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पीलीबंगा थाने का घेराव कर प्रदर्शन:युवक की हत्या को लेकर ग्रामीणों का धरना, बोले- पूर्व प्लानिंग के तहत अपहरण कर किया मर्डर, आरोपियों की गिरफ्तारी तक नहीं लेंगे शव हत्या कर युवक का शव फेंका:दो बाइकों पर आए चार बदमाश, घर के बाहर लाश डालकर हो गए फरार, पीट-पीटकर हत्या की आशंका, हत्यारों की तलाश में जुटी पुलिस",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/priyanka-gandhi-attacks-pm-narendra-modi-and-up-cm-yogi-adityanath-over-lakhimpur-kheri,"लखीमपुर खीरी, किसान आंदोलन, एयर इंडिया...वाराणसी में मोदी-योगी पर बरसीं प्रियंका","प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) हिंसा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम आदित्यनाथ पर निशाना साधा है. प्रियंका ने वाराणसी में किसान न्याय रैली में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आरोपी मंत्री का बचाव कर रहे हैं, जबकि पीएम लखनऊ आने के बाद भी लखीमपुर खीरी के पीड़ित परिवारों से मिलने नहीं गए. प्रियंका ने लखीमपुर खीरी कांड का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार केंद्रीय मंत्री और उसके आरोपी बेटे को बचाने में लगी हुई है. प्रियंका ने कहा, ''मैं पीड़ित परिवारों से मिलने जा रही थी, मुझे रोकने के लिए हर जगह पुलिस तैनात कर रखी थी, पीड़ित परिवारों को नजरबंद किया गया, लेकिन अपराधी को पकड़ने के लिए कोई पुलिस वाला तैयार नहीं दिखा.'' कांग्रेस महासचिव ने कहा, ''आपने कभी ऐसा देखा है कि कोई आदमी 6 किसानों को कुचल दे और उसपर कोई कार्रवाई नहीं हो. उससे कहा जाए कि आइए हमसे बात कीजिए.मुख्यमंत्री खुद आरोपी मंत्री का बचाव कर रहे हैं.'' उन्होंने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि जो पीएम लखनऊ आ सकते थे, वो 2 घंटे की दूरी पर लखीमपुर खीरी नहीं जा सकते थे? पीड़ित परिवारों का हाथ नहीं पकड़ सकते थे, उनके आंसू नहीं पोछ सकते थे? जो पीएम लखनऊ आ सकते थे, वो 2 घंटे की दूरी पर लखीमपुर खीरी नहीं जा सकते थे? पीड़ित परिवारों का हाथ नहीं पकड़ सकते थे, उनके आंसू नहीं पोछ सकते थे? प्रियंका गांधी ने कहा कि किसान 300 से ज्यादा दिन से आंदोलन कर रहे हैं, 600 से ज्यादा किसानों की इस आंदोलन में मौत हुई है. यह किसानों की फसल पीएम के खरबपति मित्रों को देने की साजिश है. इस देश में बस 2 तरह के लोग सुरक्षित हैं, बीजेपी वाले और पीएम मोदी के खरबपति दोस्त. एयर इंडिया को टाटा के बेचे जाने पर भी उन्होंने सवाल उठाए. कांग्रेस महासचिव ने कहा, '' पीएम मोदी ने खुद के लिए जो 2 विमान खरीदे हैं, उसकी कीमत 16,000 करोड़ रुपये है, लेकिन पूरे एयर इंडिया को केवल 18,000 करोड़ रुपये में बेच दिया.''",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/tej-pratap-hits-out-at-political-advisor-of-tejashwi-yadav-sanjay-yadav,तेज प्रताप ने तेजस्वी के राजनीतिक सलाहकार को क्यों कहा सी ग्रेड कहानी का राइटर?,"बिहार की राजनीति में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में चल रही खींचतान किसी से छिपी नहीं है. दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले अब ये मनमुटाव सोशल मीडिया पर भी खुलकर सामने आ रहा है. हाल ही में जब उपचुनाव के लिए आरजेडी ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की तो उससे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) का नाम गायब था. जिससे वो आगबबूला हो गए और मां राबड़ी देवी (Rabri Devi) और बहन मीसा (Misa Bharti) के सहारे तेजस्वी यादव पर खूब निशाना साधा. अब उन्होंने एक बार फिर ट्वीट करके तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव (sanjay Yadav) को निशाने पर लिया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि संजय यादव कह रहे हैं कि तेजप्रताप मेरे लिए प्रचार करेंगे और पार्टी कहती है कि संजय यादव ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. तेज प्रताप ने आगे लिखा है कि, ना मैंने कुछ कहा, ना लिखा तो इसमें मेरा क्या रोल था या है? उन्होंने यहां तक लिख दिया कि हरियाणवी स्क्रिप्ट राइटर तुम ये फालतू की सी-ग्रेड कहानी कहीं और लिखना, बिहारी सब समझते हैं. तेज प्रताप यादव की संजय यादव से अदावत नई नहीं है, वो पहले भी कई बार संजय यादव को निशाने पर लेते रहे हैं, तो आखिर ये संजय यादव कौन हैं जो दो भाइयों के झगड़े में इतने महत्वपूर्ण हैं. लालू यादव की एक बेटी की शादी हरियाणा में हुई है. उसी की तरफ से संजय यादव, लालू यादव के रिश्तेदार हैं. लेकिन इससे भी बढ़कर वो तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार हैं, दरअसल तेजस्वी से संजय की मुलाकात 2010 में दिल्ली में हुई थी. तेजस्वी यादव संजय के काम से प्रभावित हुए, और उन्हें अपना राजनीतिक सलाहकार बना लिया. लेकिन तेज प्रताप यादव को संजय यादव कभी पसंद नहीं आये. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी साल अगस्त में तेज प्रताप यादव ने आरजेडी के छात्रसंघ का अध्यक्ष आकाश यादव को नियुक्त किया था. बताया जात है कि इस नियुक्ति के बारे में तेजप्रताप ने ना तो तेजस्वी यादव को बताया और ना ही प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagada Nand Singh) से कोई बात की. इसके बाद जगदानंद सिंह ने आकाश यादव को तुरंत हटाकर छात्र नेता गगन कुमार को छात्र आरजेडी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. इसके बाद ही तेज प्रताप यादव ने जगदानंद और तेजस्वी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. इसके बाद लालू यादव (lalu yadav) को लेकर भी तेज प्रताप यादव ने सवाल उठाये थे, उन्होंने कहा था कि लालू यादव को दिल्ली में बंधक बनाकर रखा गया है. तेजस्वी और तेज प्रताप की इस खींचतान पर बीजेपी (BJP) नेता निखिल आनंद (Nikhil Anand) ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि लालू चाचा- राबड़ी चाची के शासनकाल में लोगों के शोषण- दोहन करने के लिए साधु गुट- सुभाष गुट बना हुआ था. उसी तर्ज पर तेजस्वी और तेज प्रताप गुट भी राजद के नेताओं- समर्थकों के बीच ग्रुप- ग्रुप का खेल रचके पारिवारिक हित साधने में लगे हैं. हकीकत में सब एक हो, मिले हुए हो भाई. बिहार में दो विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने हैं. इससे पहले आरजेडी की ये लड़ाई उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने भी आरजेडी के सामने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. जिससे गठबंधन में भी सबकुछ ठीक है या नहीं इस पर भी सवालिया निशान है.",1 https://hindi.thequint.com,https://hindi.thequint.com/news/politics/tej-pratap-was-saddened-to-see-his-name-missing-in-the-rjd-star-campaigners-list,RJD स्टार प्रचारकों की लिस्ट पर तेजप्रताप- 'मां और दीदी का नाम रहना चाहिए था',"राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव( Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव(Tej Pratap Yadav) ने प्रचार लिस्ट में नाम न होने के कारण प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट पर अपना दुख शेयर किया है. तेज प्रताप ने अपने ट्वीट में कहा है कि मैं सूची में न रहता लेकिन मां और दीदी का नाम तो रहना चाहिए था. तारापुर विधानसभा उपचुनाव के लिए आरेजेडी ने चुनाव प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है.लिस्ट में पहले नंबर लालू प्रसाद यादव और दूसरे नंबर तेजस्वी यादव का नाम है. सूची में, गौर करने वाली बात यह है कि खुद को बिहार का दूसरा लालू बताने बाले तेज प्रताप का नाम नहीं है. लिस्ट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, और तेज प्रताप, तेजस्वी की बड़ी बहन मीसा भारती का भी नाम नदारद है. इस बात को लेकर तेज प्रताप का दुख सामने आया है. तेज प्रताप ने ट्वीट कर लिखा 'अंधेरे देख ले मुंह तेरा काला हो गया. मां ने आंखें खोल दीं, घर में उजाला हो गया… मेरा नाम रहता ना रहता मां और दीदी का नाम रहना चाहिए था. इस गलती के लिए बिहार की महिलाएं कभी माफ नहीं करेगीं. दशहरा में हम मां की ही अराधना करतें हैं ना जी.' तेज प्रताप ने अपने ट्वीट में तारापुर विधानसभा उप-चुनाव के लिए आरजेडी की स्टार प्रचारक वाली लिस्ट भी शेयर की, जिसमें तीसरे नंबर पर अब्दुल बारी सिद्दिकी का नाम है. चौथे पर जेपी यादव, पांचवे पर उदय नारायण चौधरी, छटे पर श्याम रजक,सातवें पर भोला यादव, आठवें पर वृषण पटेल, नवें पर ललित कुमार यादव और दसवें नंबर पर मनोज कुमार झा का नाम है. सूची में 11वें नंबर की सूची पर तनवीर हसन, 12 में पर आलोक कुमार मेहता, 13वें पर शिवचंद्र राम, 14वें पर अनिल कुमार सहनी, 15 में पर श्रीमती लवली सिंह, 16वें पर चंद्रहास चौपाल, 17वें पर भरत बिंद, 18वें पर रामवृक्ष सादा, 19वें पर अनिल कुमार उर्फ साधु पासवान और 20वें नंपर बर भरत मंडल के नाम हैं. आपको बता दें, बिहार में 30 अक्टूबर को तारापुर विधानसभा उप-चुनाव होंगे. जिसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारी में लगी है.सभी पार्टियों ने स्टार प्रटारकों की लिस्ट जारी कर दी है. वहीं, तेज प्रताप का राजद की स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नाम न होने के कारण, कांग्रेस के लिए वोट मांगने का ऐलान कर दिया है.",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/devendra-singh-rana-and-surjit-singh-resign-from-national-conference-7114518/,"जम्मू-कश्मीर: देवेंद्र सिंह राणा और सुरजीत सिंह सलाथिया ने नेशनल कॉन्फ्रेंस से दिया इस्तीफा, BJP में शामिल होने की अटकलें तेज़","नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले दो बड़े नेताओं देवेंद्र सिंह राणा और सुरजीत सिंह सलाथिया ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। बता दें कि देवेंद्र सिंह राणा जम्मू संभाग में पार्टी के अध्यक्ष थे। जबकि सुरजीत सिंह सलाथिया सरकार में मंत्री रह चुके हैं। दोनों नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है। Jammu & Kashmir: National Conference leader and former minister Surjit Singh Slathia resigns from the primary membership of the party — ANI (@ANI) October 10, 2021 जानकारी के मुताबिक नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने दोनों नेताओं के इस्तीफे के स्वीकार कर लिया है। इसके बाद से ही दोनों नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देवेंद्र सिंह राणा और सुरजीत सिंह सलाथिया कल बीजेपी मुख्यालय दिल्ली में BJP में शामिल हो सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से राणा के बदले स्वर सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए थे। संभागीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला व उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मुलाकात भी की थी।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/air-india-sold-by-gov-for-just-rs-18-000-crores-priyanka-gandhi-says-7114450/,"प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर हमला,कहा- अपने अरबपति दोस्तों को कौड़ी के भाव बेच दी AIR India","नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एयर इंडिया की बिक्री को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी का कहना है कि सरकार ने अपने दोस्तों को एयर इंडिया कौड़ी के भाव बेच दी है। उन्होंने बताया कि मोदी जी ने पिछले साल 16 हजार करोड़ रुपए में अपने लिए दो विमान खरीदे थे। वहीं सिर्फ 18,000 करोड़ रुपए में इस देश की पूरी एयर इंडिया अपने अरबपति दोस्तों को बेच दी। अरबपति दोस्तों को होगा फायदा दरअसल, प्रियंका गांधी इन दिनों यूपी में हैं और लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के लिए न्याय मांग रही हैं। इसी दौरान प्रियंका गांधी ने वाराणसी में 'किसान न्याय' रैली में एयर इंडिया की बिक्री को लेकर यह बयान दिया है। उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले से सिर्फ उनके अरबपति दोस्तों को फायदा होगा। Modi Ji bought two aircraft for himself for Rs 16,000 crores last year. He sold the entire Air India of this country for just Rs 18,000 crores to this billionaire friends: Congress leader Priyanka Gandhi Vadra at 'Kisan Nyay' rally in Varanasi pic.twitter.com/qglpMreF91 — ANI UP (@ANINewsUP) October 10, 2021 रतन टाटा बोले, बैलकम बैक बता दें कि हाल ही में एयर इंडिया की कमान एक बार फिर से टाटा को सौंप दी गई है। अब एयर इंडिया टाटा संस की होगी। टाटा संस ने सबसे ज्यादा 18000 करोड़ की बोली लगाकर एयर इंडिया को खरीद लिया है। इसके साथ ही 68 साल बाद एयर इंडिया फिर से टाटा के पास पहुंच गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रतन टाटा ने इसे एयर इंडिया की घर वापसी बताया। उन्होनें सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर साधा करते हुए लिखा ‘वेलकम बैक एयर इंडिया’। गौरतलब है कि टाटा संस की एयर इंडिया और इसके दूसरे वेंचर एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसदी हिस्सेदारी होगी, जबकि ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमटेड में भी 50 फीसदी की हिस्सेदारी होगी। निवेश एवं लोक संपत्ति व प्रबंधन विभाग ने बताया कि टाटा की 18000 करोड़ रुपए की सफल बोली में 15,300 करोड़ रुपए का कर्ज लेना और नकद भुगतान शामिल है। वहीं, सरकार को 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के एवज में टाटा से 2700 करोड़ रुपए नकद मिलेंगे।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/centre-denies-permission-to-delhi-government-doorstep-ration-delivery-scheme-again-7114043/,"केंद्र ने दिल्ली सरकार की राशन डिलीवरी स्कीम की अनुमति फिर खारिज की, सीएम अरविन्द केजरीवाल का घर-घर राशन पहुंचाने का सपना टूटा !","नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बार फिर से दिल्ली सरकार की घर-घर राशन की डिलीवरी की स्कीम को अनुमति देने की याचिका खारिज कर दी है। हालांकि दिल्ली सरकार ने इस स्कीम के लिए हाई कोर्ट की अनुमति भी ले ली थी, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने इस स्कीम को एक बार फिर से अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। ऐसा करके एक बार फिर से केंद्र ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के घर-घर राशन की डिलीवरी के सपने को चकनाचूर कर दिया है। हाई कोर्ट से 1 अक्टूबर को मिली थी अनुमति घर-घर राशन की डिलीवरी के लिए दिल्ली सरकार को हाई कोर्ट से 1 अक्टूबर को अनुमति मिली थी। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से इस स्कीम के लिए उन लोगों के राशन कार्ड की डिटेल्स शेयर करने को कहा था जो होम डिलीवरी का ऑप्शन चुनते हैं। तीसरी बार भेजी थी याचिका घर-घर राशन की डिलीवरी स्कीम के लिए दिल्ली सरकार ने फिर से लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बजाज को इस विषय में याचिका भेजी थी। यह तीसरी बार था जब दिल्ली सीएम ने यह याचिका भेजी थी, जिसे अनुमति नहीं मिली। आप पार्टी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना आम आदमी पार्टी ने घर-घर राशन की डिलीवरी स्कीम को अनुमति नहीं मिलने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। आप पार्टी ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि केंद्र ने फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट को पत्र लिखकर इस स्कीम का समर्थन करने से मना किया है। आप पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी और राशन माफिया के बीच कनेक्शन है और इसी वजह से दिल्ली सरकार की घर-घर राशन की डिलीवरी स्कीम को अनुमति नहीं दी गई।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/adhir-ranjan-chowdhury-attacks-mamta-banerjee-says-she-is-stabbing-congress-7112847/,"ममता बनर्जी पर अधीर रंजन का वार, बोले- कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंप रही टीएमसी","नई दिल्ली। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) के बीच रिश्तों में खटास अब बढ़ती जा रही है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ( Adhir Ranjan Chowdhury ) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। रंजन ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए ममता बनर्जी कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंप रही हैं। दरअसल इस वर्ष विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ममता बनर्जी का सहयोग करते हुए अपने उम्मीदवारों को कम सीटों पर उतारा था। यही नहीं उपचुनाव में भी ममता के खिलाफ कांग्रेस ने प्रत्याशी ही नहीं उतारा। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी भारत के अलग-अलग हिस्सों से कांग्रेस नेताओं को लुभाकर अपनी पार्टी में शामिल कर रही हैं। ऐसा लग रहा है कि वो कांग्रेस को कांग्रेस (M) बनाना चाहती हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘वो विपक्षी गठबंधन में एक कील चला रही हैं। 'मैं आपको याद दिलाना चाहूंगा कि राजीव गांधी ने उन्हें कांग्रेस में प्रमोट किया था। बाद में उन्हें कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए में मंत्री पद मिला। अब वही महिला अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंप रही हैं।' कांग्रेस एक आसान लक्ष्य है क्योंकि कुछ कांग्रेस नेताओं के साथ उनके अच्छे रिश्ते हैं। ये पहली बार नहीं है इससे पहले भी अधीर रंजन ममता बनर्जी और पीएम मोदी के बीच डील को लेकर भी निशाना साधा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच कोई डील हो गई है। उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि दीदी और मोदी के बीच इन दिनों गुप्त समझौता चल रहा है। अपनी पार्टी के नेताओं को सीबीआई और ईडी से बचाने के लिए ममता ने मोदी जी के सामने सिर झुका लिया है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/babul-supriyo-name-does-not-feature-in-tmc-star-campaigner-list-for-west-bengal-by-election-7112330/,"TMC में शामिल होने के बाद भी बाबुल सुप्रियो को नहीं मिल रही तवज्जो, चुनाव प्रचार अभियान से ममता ने रखा दूर","नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) में खुद की अनदेखी से नाराज होकर हाल में तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) का दामन थामने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ( Babul Supriyo )को यहां भी तवज्जो नहीं मिलती दिख रही है। दरअसल जिस उम्मीद से बाबुल सुप्रियो ने टीएमसी जॉइन की थी, उस पर भी पानी फिरता दिख रहा है। बंगाल की चार विधानसभा सीटों पर 30 अक्तूबर को होने वाले उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी गई है जिसमें ममता बनर्जी और अभिषेक के साथ कई नेताओं का नाम है लेकिन बाबुल सुप्रियो को इसमें जगह नहीं दी गई है। बाबुल सुप्रियो भले ही बीजेपी छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गए हैं, लेकिन अनदेखी का सिलसिला यहां भी जारी है। उपचुनावों के लिए हो रहे चुनाव प्रचार में बाबुल को ममता बने काबिल नहीं समझा है। खास बात यह है कि इस स्टार प्रचारकों की सूची में अभिनेत्री से सांसद बनीं नुसरत जहां को जगह दी गई है, लेकिन बाबुल को एंट्री नहीं है। राजनीति के क्षेत्र में नुसरत जहां, बाबुल सुप्रियो से कम अनुभवी हैं लेकिन उन्हें फिर भी तरजीह दी गई है, जो कि बाबुल सुप्रियो के लिए एक बड़ा झटका है। भवानीपुर में प्रचार से बाबुल ने बनाई थी दूरी इन चार सीटों के चुनाव प्रचार के लिए भले ही ममता बनर्जी ने बाबुल को जगह नहीं दी, लेकिन भवानीपुर चुनाव के दौरान ममता ने उन्हें प्रियंका टिबरेवाल के खिलाफ प्रचार करने को कहा था। हालांकि उस दौरान बाबुल ने इनकार कर दिया था। बाबुल ने कहा था कि टिबरेवाल लंबे समय से मेरी दोस्त हैं, मुझे उनके खिलाफ प्रचार करने में शर्मिंदगी महसूस होगी। इसलिए मुझे इस प्रचार अभियान से दूर रखा जाए। टीएमसी के स्टार प्रचारकों की सूची टीएमसी के स्टार प्रचारकों की सूची पर नजर डालें तो इनमें अभिनेता व सांसद देव, मिमी चक्रवर्ती, लोकप्रिय गायिका-विधायक अदिति मुंशी, फिल्म निर्माता-विधायक राज चक्रवर्ती, तृणमूल कांग्रेस की राज्य युवा शाखा की प्रमुख सयानी घोष के अलावा वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम और सौगत रॉय को जगह दी गई है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/bjp-president-jp-nadda-told-what-party-think-about-farmers-protest-7111899/,"किसान आंदोलन पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रखा पार्टी का पक्ष, कहा- BJP की ज़मीन हिलाना आसान नहीं","नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर किसान बीते कई महीनों से राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं ले लेती, हमारी प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं केंद्र सरकार इन कानूनों को रद्द न करने की जिद पर अड़ी हुई है। सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं, अन्नदाताओं को इस मुद्दे पर विपक्ष गुमराह कर रहा है। बीजेपी की ज़मीन हिलाना आसान नहीं ऐसे में एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किसान आंदोलन पर सरकार का पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों से इस मुद्दे पर बात की है और आगे भी हम बात करने के लिए तैयार हैं। जेपी नड्डा का कहना है कि किसानों को मुद्दा बनाकर किसान आंदोलन के जरिए भाजपा को निशाना बनाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन जो लोग ऐसा करने के बारे में सोच रहे हैं वो यह भी याद रखें कि भाजपा की ज़मीन हिलाना इतना भी आसान नहीं है। हमने किसानों के लिए बहुत किया बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कहना है कि किसानों के नेता के नाम से कई राजनेताओं ने देश में पहचान बनाई है। बावजूद इसके उन्हें पावर मिलने के बाद वो किसानों को भूल जाते हैं। हमारी सरकार ने किसानों के लिए जितना किया और कर रही है उतना आज तक किसी सरकार ने नहीं सोचा, करना तो दूर की बात है। गौरतलब है कि कृषि कानूनों के संसद से पास होने के बाद से इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस विषय पर किसान और सरकार के बीच कई बात भी हुई, लेकिन मसले का कुछ हल नहीं निकल सका। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है, बावजूद इसके किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इसको लेकर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नाराजगी भी जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा जब मामला कोर्ट में है तो प्रदर्शन क्यों हो रहा है। क्या आपको कोर्ट पर भरोसा नहीं या फिर ये प्रदर्शन कोर्ट के ही खिलाफ है। मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/mumbai-drugs-case-ncb-says-ncb-leave-bjp-leaders-relative-7111162/,"Mumbai Drugs Case: उद्धव ठाकरे के मंत्री का आरोप, ड्रग्स पार्टी में मौजूद था BJP नेता का रिश्तेदार, NCB ने नहीं की गिरफ्तारी","नई दिल्ली। Mumbai Drugs Case. मुंबई ड्रग्स पार्टी मामले में नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) लगातार हमलावर है। अब एनसीपी ने एनसीबी पर गंभीर आरोप लगा दिया है। एनसीपी प्रवक्ता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक का कहना है कि ड्रग्स पार्टी मामले की जांच में एनसीबी भेदभाव कर रही है। आरोप है कि ड्रग्स पार्टी में भाजपा नेता का एक रिश्तेदार भी शामिल था, लेकिन उसकी पहचान होने पर उसे छोड़ दिया गया। बीजेपी नेता के रिश्तेदार को एनसीबी ने छोड़ा उद्धव ठाकरे के मंत्री नवाब मलिक का कहना है कि मुंबई से गोवा के रास्ते में क्रूज पर की जा रही रेव पार्टी के दौरान छापेमारी में एनसीबी ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया था, वहीं इनमें से दो को छोड़ दिया। नवाब मलिक का दावा है कि इनमें से एक शख्स बीजेपी नेता की पत्नी का भाई भी था, जिसकी पहचान होने पर एनसीबी ने उसे छोड़ दिया। बीजेपी ने दी ये सफाई इस मामले पर बीजेपी का कहना है कि नवाब मलिक द्वारा लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। नवाब मलिक निजी कारणों से एनसीबी पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। एनसीबी अपना काम बखूबी कर रही है और सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। बीजेपी का कहना है कि जब एनसीबी ने शाहरुख खान के बेटे को नहीं बक्शा तो बीजेपी नेता के रिश्तेदार को क्यों छोड़ेगी। गौरलतब है कि कल आईटी विभाग ने पार्टी नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के दफ्तरों में छापेमारी की थी। इसके बाद आज पार्टी की ओर से एनसीबी पर ये गंभीर आरोप लगाए गए हैं। नवाब मलिक का कहना है कि वह कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उस बीजेपी नेता का नाम बताएंगे। वहीं आयकर विभाग की छापेमारी को उन्होंने अजित पवार की छवि खराब करने की साजिश करार दिया।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/car-hits-farmer-in-haryna-ambala-allegations-on-bjp-leaders-7109839/,"लखीमपुर खीरी के बाद अब हरियाणा में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास, BJP नेताओं पर है आरोप","नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलने का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि हरियाणा के अंबाला से भी ऐसा ही प्रकरण सामने आया है। आरोप है कि यहां बीजेपी सांसद का विरोध कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया गया। इस दौरान कई किसान घायल भी हो गई। गनीमत रही कोई किसान गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है। भाजपा कार्यक्रम का विरोध करने पहुंचे थे किसान जानकारी के मुताबिक हरियाणा के अंबाला जिले के नारायणगढ़ में आज खेल मंत्री संदीप सिंह और कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नायब सैनी का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम की खबर मिलते ही किसान विरोध करने पहुंच गए। किसानों का कहना है कि इस दौरान लखीमपुर खीरी की घटना के तरह उन्हें कुचलने का प्रयास किया गया। भाजपा नेताओं और उनके बेटों को लगने लगा है कि कृषि आंदोलन से निबटने के लिए किसानों को गाड़ियों से कुचल देना चाहिए। pic.twitter.com/m6mB02IeFl — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 7, 2021 कांग्रेस का भाजपा पर हमला बताया गया कि विरोध के दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी की और रोड़ पर जाम लगा दिया। इस दौरान एक किसान घायल हो गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। किसानों द्वारा लगाए गए आरोप के बाद इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है। हरियाणा कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर बीजेपी पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि ऐसे अमानवीय कृत्य के लिए जनता कभी माफ नहीं करेगी। इसके साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं और उनके बेटों को लगने लगा है कि कृषि आंदोलन से निबटने के लिए किसानों को गाड़ियों से कुचल देना चाहिए।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/kashmiri-pandit-bindroo-murder-case-mahbuba-mufti-attack-on-bjp-7109659/,"कश्मीरी पंडित बिंदरू हत्याकांड: महबूबा मुफ्ती का बीजेपी पर हमला, फेल हुई डबल इंजन की सरकार","नई दिल्ली। मंगलवार को कश्मीर में घंटेभर में तीन आतंकी हमले हुए थे। घाटी में अलग-अलग स्थानों पर हुए तीन हमलों में तीन लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से एक कश्मीरी पंडित माखन लाल बिंदरू भी शामिल हैं। अब बिंदरू की मौत को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कश्मीर की प्रमुख पार्टियों समेत तमाम विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर बीजेपी पर हमलावर हैं। फेल हुई डबल इंजन की सरकार इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती माखन लाल बिंदरू के परिजनों से मिलने पहुंची थीं। यहां उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय का आश्वासन दिया। इसके बाद से महबूबा मुफ्ती बीजेपी पर हमलावर हैं। उनका कहना है कि घाटी में इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से फेल हुई है। J&K: PDP chief Mehbooba Mufti visited the residence of Makhan Lal Bindroo in Srinagar who was killed by terrorists on Tuesday ""It's a failure of double engine govt. I fear that after these incidents, they will get an excuse to put more restrictions on Kashmir,"" she says pic.twitter.com/EOY31Shns5 — ANI (@ANI) October 7, 2021 सरकार को मिल गया घाटी में प्रतिबंध लगाने का बहाना पीडीपी प्रमुख यहीं नहीं रुकीं उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी को इन घटनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता। लोग मरते हैं तो मरने दो उन्हें बस राज करना आता है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इसमें भी कोई हैरानी की बात नहीं है कि सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए कश्मीर में फिर से प्रतिबंध लगा दे, इन घटनाओं से उसे ऐसा करने का बहाना मिल जाएगा। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के लाल चौक में इकबाल पार्क के पास मंगलवार शाम को आतंकियों ने कश्मीरी पंडित बिंदरू मेडिकेट के मालिक माखन लाल बिंदरू पर गोलियां चला दी, जिसके बाद अस्पताल ले जाया गया। यहां इलाज के दौरान बिंदरू की मौत हो गई। इसके बाद से विपक्ष इस मुद्दे को लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/bjp-new-national-executive-announced-varun-gandhi-maneka-gandhi-dropped-7109235/,"बीजेपी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी हुई घोषित, वरुण गांधी और मेनका गांधी की हुई छुट्टी!","नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियों में से एक बीजेपी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी आज 7 अक्टूबर को घोषित हो गई है। कुछ बदलावों के साथ घोषित हुई नई 80 सदस्य वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी शामिल हैं। पर जो बदलाव हैरान करता है वो है वरुण गांधी और मेनका गांधी की इससे छुट्टी होना। वरुण गांधी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से छुट्टी का सम्भव कारण वरुण गांधी पिछले कुछ समय से बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ खुलकर आलोचनात्मक बयान दे रहे थे। ऐसे में कारण साफ है कि क्यों वरुण गांधी की बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से छुट्टी की गई। बेटे के कर्मों का खामियाजा भुगतना पड़ा मां को भी मेनका गांधी की बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से छुट्टी का कारण वरुण गांधी की बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ आलोचना के सुर ही हैं। ऐसे में बेटे के किए कर्मों का खामियाजा मां को भी भुगतना पड़ा। मिथुन चक्रवर्ती को मिली जगह बीजेपी की घोषित 80 सदस्य वाली नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को भी शामिल किया गया है। मिथुन इसी साल 7 मार्च को पश्चिम बंगाल में बीजेपी पार्टी से जुड़े है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/west-bengal-by-election-after-tmc-and-left-bjp-has-now-diclare-candidates-list-7109050/,"West Bengal By Election: टीएमसी और लेफ्ट के बाद बीजेपी ने की उम्मीदवारों की घोषणा, दो बड़ी चुनौतियों से निपटना अहम","नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में ( West Bengal By Election ) चार विधानसभा सीटों के लिए होने उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने एक बार फिर कमर कस ली है। तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) और लेफ्ट ( Left ) के बाद अब बीजेपी ( BJP ) ने इन चारों सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। गुरुवार को भाजपा ने 3 लोकसभा और 16 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। इसमें से चार विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की हैं। हालांकि बीेजेपी के चुनाव की राह आसान नहीं है। दो बड़ी चुनौतियों से पार पाना पार्टी के लिए काफी अहम है। बीजेपी ने उतारे ये चार उम्मीदवार गुरुवार को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की चार सीटों के लिए जिन प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है उनमें दिनहाटा से अशोक मंडल, शांतिपुर से निरंजन विश्वास, खड़दह से जय साहा और गोसाबा से पलाश राणा को चुनावी मैदान में उतारा है। इन चारों सीटों के लिए हुए उपचुनाव के परिणाम 2 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। हाल में तीन विधानसभा सीटों पर टीएमसी की जीत के बाद बीजेपी के लिए ये उपचुनाव कड़ी चुनौती है। बता दें कि 30 सितंबर को पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इसमें पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट पर उपचुनाव में रिकार्ड 58 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। जंगीपुर और समसेरगंज सीट पर भी टीएमसी ने जीत हासिल की थी। ये हैं टीएमसी के प्रत्याशी जीत के साथ ही टीएमसी ने शांतिपुर से ब्रजकिशोर गोस्वामी, दिनहाटा से उदयन गुहा, खड़दह से शोभनदेव चट्टोपाध्याय और गोसाबा से सुब्रत मंडल को उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया है। बीजेपी के लिए दो बड़ी चुनौती पश्चिम बंगाल में बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती पार्टी का साथ छोड़ रहे नेताओं से निपटना है। इस वजह से पार्टी की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है, जिसका असर मतदान के दौरान दिख सकता है। इसके अलावा हाल में तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में मिली टीएमसी की शानदार जीत बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती साबित हो सकती है। यह भी पढ़ेँः ममता बनर्जी ने त्रिपुरा में भी BJP खेमे में मारी सेंध! जल्द TMC में शामिल होंगे विधायक आशीष प्रत्याशियों के निधन से खाली हुई सीटें चार में से दो सीटों पर प्रत्याशियों के निधन के चलते उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें उत्तर 24 परगना जिले की खड़दह सीट पर इस साल मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल उम्मीदवार काजल सिंह की परिणाम घोषित होने से पहले ही कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। उसी तरह से दक्षिण 24 परगना जिले के गोसाबा से जीत दर्ज करने वाले तृणमूल विधायक जयंत नस्कर की विधायक पद की शपथ लेने के कुछ दिन बाद ही निधन हो गया था। इसके अलावा, भाजपा के दो सांसदों निशिथ प्रमाणिक और जगन्नाथ सरकार ने दिनहाटा और शांतिपुर से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसीलिए इन चारों सीटों पर उपचुनाव की नौबत आई।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/tej-pratap-yadav-is-not-in-rjd-says-shivanand-tiwari-7108053/,"शिवानंद तिवारी का दावा, तेज प्रताप को राजद से किया गया निष्कासित","नई दिल्ली। बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव में वर्चस्व की लडाई जारी है। इसी बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने बड़ा दावा कर दिया है। दरअसल, शिवानंद का कहना है कि राजद सांसद तेज प्रताप यादव अब पार्टी का हिस्सा नहीं हैं। वह पार्टी से निष्काषित हैं। तेज प्रताप को नहीं लालटेन के इस्तेमाल की अनुमति राजद नेता शिवानंद यही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि तेज प्रताप यादव को पार्टी का चुनाव चिन्ह लालटेन के इस्तेमाल की अनुमति तक नहीं है। इस दौरान शिवानंद ने तेज प्रताप द्वारा बनाए गए संगठन का भी जिक्र किया। बता दें कि शिवानंद के इस बयान से बिहार की राजनीति में भूचाल आना तय है। फिलहाल इस विषय पर शिवानंद की प्रतिक्रिया का इंतजार है। तेज प्रताप ने बनाया नया संगठन बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से राजद में वर्चस्व की लड़ाई सामने आ गई है। तेज प्रताप यादव लगातार बिहार विधानसभा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी पर पार्टी में उन्हें, उनका हक न देने का आरोप लगा रहा है। हाल ही में उन्होंने छात्र जनशक्ति परिषद नाम से नया संगठन बनाया है। गौरतलब है कि तेज प्रताप यादव भी बीते कई दिनों से लगातार तेजस्वी यादव पर हमलावर हैं, हाल ही में उन्होंने कहा था कि कुछ लोगों ने पार्टी अध्यक्ष बनने की लालच में पिता लालू प्रसाद यादव को दिल्ली में बंधक बनाकर रखा है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/tmc-target-congress-leader-rahul-gandhi-is-part-time-politician-we-are-on-roads-7107726/,"TMC का राहुल गांधी पर तंज, जानिए क्यों बताया पार्ट टाइम पॉलिटिशियन","नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी हिंसा ( Lakhimpur Kheri Violence ) को लेकर सियासत काफी गर्मा गई है। गैर भाजपाई दल लगातार सरकार पर निशान साध रहे हैं, लेकिन इस बीच तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) पर तंज कसा है। दरअसल राहुल गांधी को जब लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत नहीं मिली थी तब उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने टीएमसी नेताओं को जिस तरह इस कांड के पीड़ित परिवारों से मिलने दिया वैसे ही कांग्रेस नेताओं को भी इजाजत दें। राहुल गांधी के इसी बयान पर अब तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार करते हुए तंज कसा है। घोष ने राहुल गांधी को पार्ट टाइम पॉलिटिशियन बताया। Rahul Gandhi should not try to confuse people by distorting facts. TMC will not accept any loose non political comment from any part time politician who has failed to combat BJP. We respect INC. We are in favour of non BJP unity. We are on roads, not in tweeter only. — Kunal Ghosh (@KunalGhoshAgain) October 6, 2021 टीएमसी के महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने ट्वीट कर कहा, 'राहुल गांधी को लोगों को तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए। टीएमसी किसी भी पार्ट टाइम पॉलिटिशयन की तरफ से गैर-राजनीतिक कमेंट को स्वीकार नहीं करेगी जो बीजेपी का सामना करने में नाकाम रही। घोष ने कहा कि, हम कांग्रेस का सम्मान करते हैं और गैर भाजपाई एकता के समर्थन में हैं। हम सड़क पर हैं सिर्फ ट्विटर में नहीं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि टीएमसी के सांसद लंबी लड़ाई के बाद लखीमपुर खीरी में हैं। यहां ये जान लेना जरूरी है कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद वहां बीजेपी विरोधी दलों के नेता लगातार पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। टीएमसी के अलावा भीम आर्मी के सदस् भी लखीमपुर खीरी जा चुके हैं। हालांकि बाद में सरकार ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत भी दे दी है। लेकिन टीएमसी के इस तंज ने कांग्रेस और टीएमसी के बीच एक विवाद जरूर खड़ा कर दिया है। वहीं घोष के बयान के बाद बंगाल कांग्रेस के प्रवक्ता सौम्या रॉय ने कहा, 'देश की जनता इस बात की गवाह है कि किसानों ने कांग्रेस को खड़ा किया और इसके बाद यह भाजपा विरोधी चेहरा बनी। सच्चाई यह है कि टीएमसी नेताओं को आसानी से लखीमपुर खीरी जाने दिया गया, जिससे यह भी पता चलता है कि बीजेपी और टीएमसी अंदर ही अंदर एक साथ हैं। कुछ इस तरह से बीजेपी विपक्षी दल को कमजोर बनाना चाहती है।'",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/west-bengal-two-bjp-leaders-sabyasachi-dutta-and-rajiv-banerjee-may-join-tmc-soon-7107511/,"West Bengal: बीजेपी को फिर लगेगा बड़ा झटका, सव्यसाची और राजीव बनर्जी के TMC में शामिल होने की अटकलें तेज","नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) में भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पार्टी के नेता लगातार साथ छोड़कर टीएमसी ( TMC ) का दामन थाम रहे हैं। विधानसभा चुनाव के बाद से ये सिलसिला जारी है। हालांकि इसको लेकर बीजेपी कोर्ट में लड़ाई लड़ रही है, लेकिन नेताओं के जाने के क्रम को नहीं तोड़ पा रही है। अब पार्टी को दो अन्य नेताओं के टीएमसी में वापसी करने की अटकलें तेज हो गई हैं। सव्यसाची दत्ता और पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं चल रही हैं। माना जा रहा है कि कल ममता बनर्जी के विधायक के तौर पर शपथ लेने के बाद इन दोनों नेताओं को भी टीएमसी में शामिल किया जा सकता है। पश्चिम बंगाल में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) लगातार बीजेपी (BJP) को झटका दे रही है। कई विधायक और कुछ सांसदों ने हाल ही में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी का दामन थाम लिया था। अब खबर आ रही है कि विधाननगर के पूर्व मेयर सब्यसाची दत्ता (Sabyasachi Dutta) और पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी (Rajib Banerjee) भी बीजेपी का दामन छोड़ सकते हैं। टीएमसी के पूर्व विधायकों की अपनी पुरानी पार्टी में ‘घर वापसी’ को लेकर अटकलें तेज हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि, सब्यसाची दत्ता, जो पश्चिम बंगाल बीजेपी में राज्य सचिव हैं, पहले ही शीर्ष टीएमसी नेतृत्व से बात कर चुके हैं। अगर योजना के मुताबिक चीजें चलती हैं, तो वह जल्द ही तृणमूल कांग्रेस में वापस आ सकते हैं। उसी तरह से राजीव बनर्जी भी बीजेपी से नाराज चल रहे हैं और उन्होंने पहले ही बीजेपी से किनारा करना शुरू कर दिया है। राजीवन भवानीपुर में ममता बनर्जी को रिकॉर्ड जीत पर बधाई भी दी थी। दरअसल सब्यसाची दत्ता ने 2019 में दुर्गा पूजा से ठीक पहले बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी। विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने टीएमसी छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अगले हफ्ता दुर्गा पूजा से ठीक पहले टीएमसी में वापसी कर सकते हैं। हालांकि, टीएमसी में वापसी के बाद दत्ता की राह आसन नहीं होने वाली है। उन्हें अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी विधाननगर विधायक और राज्य मंत्री सुजित बोस और राजारहाट न्यूटाउन के विधायक तापस चटर्जी के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/lakhimpur-kheri-violence-arvind-kejriwal-ask-to-police-when-murderers-will-be-arrest-7107382/,"Lakhimpur Kheri Violence: केजरीवाल ने पुलिस पर उठाए सवाल, पूछा- कब गिरफ्तार होंगे हत्यारे","नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी हिंसा ( Lakhimpur Kheri Violence ) मामले में सियासत लगातार गर्मा रही है। कांग्रेस के बाद अब आम आदमी पार्टी ( Aam Aadmi Party ) ने भी इस मामले सरकार और प्रशासन को घेरना शुरू कर दिया है। राहुल गांधी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal ) ने लखीमपुर खीरी की घटना को निंदनीय बताया है। प्रेस वार्ता में उन्होंने पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठए। केजरीवाल ने पूछा अभी तक हत्यारों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि कैसे एक कार आती है किसानों को कुचलते हुए निकल जाती है। सरकार हत्यारों को बचा रही है। लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद विरोधी दलों के हमले तेज हो गए हैं। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी बुधवार को प्रेस वार्ता के जरिए पुलिस और प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, अभी तक हत्यारों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया है? आखिर क्या मजबूरी है? उन्हें क्यों बचाया जा रहा है? इतनी भीड़ के सामने कोई इतने लोगों को कुचलते हुए निकल जाए और पूरा सिस्टम उस हत्यारे को बचाने में लग जाए..ऐसा तो फिल्मों में हम देखा करते थे। केजरीवाल ने कहा, एक तरफ देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है तो दूसरी ओर किसानों को कुचला जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी सिस्टम कह रहा है कि मंत्री का बेटा उस कार में नहीं था, कल सिस्टम कहेगा कि वह कार भी नहीं थी। यूपी सरकार को घेरते हुए केजरीवाल ने कहा कि, मृतकों के परिजनों से विपक्ष के नेता मिलने जा रहे हैं तो उन्हें जेल में डाला जा रहा है। किसी मीडिया वाले को वहां नहीं पहुंचने दिया जा रहा है, आखिर ऐसा क्या है जिसे छु़पाया जा रहा है। किसान एक साल से धरने पर बैठे हैं, छह सौ से अधिक किसानों की वहां मौत हो चुकी है। उनकी मांगे नहीं सुनी जा रही हैं अब उन्हें कुचला जा रहा है। पीएम मोदी से की अपील केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से से मांग है कि संबंधित मंत्री को आप अपनी कैबिनेट से बर्खास्त कर दें और मृतक किसानों के परिवारों से मिलें, इससे पीड़ितों का मन हल्का होगा।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/lakhimpur-kheri-violence-rahul-gandhi-says-we-do-not-care-about-manhandling-we-are-with-farmers-7107251/,"Lakhimpur Kheri जाने पर अड़े राहुल गांधी, बोले- मारो चाहे गाड़ो, फर्क नहीं पड़ता","नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा ( Lakhimpur Kheri Violence ) के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राहुल गांधी ने सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र को निशाने पर लेते हुए कहा कि किसानों ( Farmer ) पर सरकार का आक्रमण हो रहा है। किसानों को जीप से कुचला जा रहा है। राहुल ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि पीएम लखनऊ गए लेकिन लखीमपुर नहीं गए। वहीं प्रियंका के साथ धक्का-मुक्की को लेकर राहुल ने कहा, ये किसानों का मुद्दा है। उन्होंने कहा- हमें मार दीजिए, गाड़ दीजिए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लखीमपुर खीरी में धारा 144 लागू है यह केवल 5 लोगों को रोकती है, हम 3 लोग जा रहे हैं। हमने उनको चिट्ठी लिख दिया है। विपक्ष का काम दबाव बनाने का है ताकि कार्रवाई हो: कांग्रेस नेता राहुल गांधी pic.twitter.com/FU63Zgvkxg — ANI_HindiNews (@AHindinews) October 6, 2021 कल प्रधानमंत्री लखनऊ में थे मगर लखीमपुर खीरी नहीं जा पाए। ठीक से पोस्टमार्टम नहीं किया जा रहा है। आज हम 2 मुख्यमंत्रियों के साथ लखीमपुर खीरी जाकर उन परिवारों से मिलने की कोशिश करेंगे: राहुल गांधी https://t.co/80rKfozLjB — ANI_HindiNews (@AHindinews) October 6, 2021 लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। खास तौर पर सियासत काफी गर्माई हुई है। इस बीच राहुल गांधी लखीमपुर खीरी जाने से रोकने पर यूपी सरकार को आड़े हाथों लिया। बुधवार को दिल्ली में प्रेसवार्ता के जरिए राहुल ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की ताकत नहीं समझ पा रही है। राहुल ने कहा पूरे देश के किसानों पर योजनागत तरीके से हमला हो रहा है। पहले भूमि अधिग्रहण बिल वापस किया गया और फिर तीन काले कानून लाए गए। हमें फर्क नहीं पड़ता, हमारी ट्रेनिंग ऐसी हुई है प्रियंका गांधी के साथ हुई धक्का-मुक्की और गिरफ्तारी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा- ये किसानों का मुद्दा, प्रियंका के साथ क्या हुआ ये ज्यादा महत्व नहीं रखता। हमें मार दीजिए, गाड़ दीजिए, हमें फर्क नहीं पड़ता। हमारी ट्रेनिंग ऐसी हुई है। राहुल को नहीं मिली लखीमपुर आने की इजाजत लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए गईं प्रियंका गांधी पहले ही गिरफ्तार हो चुकी हैं। वहीं बुधवार को राहुल गांधी भी लखीमपुर खीरी जाने वाले हैं। हालांकि, इलाके में धारा 144 लगी होने की वजह से यूपी सरकार ने उन्हें इस दौरे की परमिशन नहीं दी है। राहुल ने बताया कि हमने सरकार को तीन लोगों के आने की इजाजत मांगी, जो धारा 144 का उल्लंघन नहीं करता। सचिन पायलट दिल्ली हुए रवाना वहीं राजस्थान से सचिन पायलट दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। माना जा रहा है कि वे राहुल गांधी के साथ लखीमपुर खीरी जा सकते हैं।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/up-govt-denies-permission-to-congress-delegation-led-by-rahul-gandhi-to-visit-lakhimpur-kheri-7106900/,यूपी सरकार ने नहीं दी राहुल गांधी को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत,"नई दिल्ली। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को लखीमपुर खीरी जाने के कार्यक्रम का ऐलान किया था। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार देर रात इस प्रतिनिधिमंडल को जाने की इजाजत नहीं दी। यूपी सरकार ने तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में घटी घटना के बाद लागू धारा 144 का हवाला देते हुए आवेदन को खारिज कर दिया। ताजा जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत मांगी थी। हालांकि देर रात यूपी सरकार ने धारा 144 लागू होने के चलते उनके आवेदन को खारिज कर दिया। प्रतिनिधिमंडल में राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के भी शामिल होने की जानकारी थी। कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी के नेतृत्व वाला प्रतिनिधमंडल बुधवार दोपहर 12 बजे लखनऊ पहुंचेगा। UP Govt denies permission to Congress delegation led by Rahul Gandhi to visit Lakhimpur Kheri area in the wake of Sec 144 that has been imposed following Oct 3 incident Earlier Cong General Secy KC Venugopal had sought permission for Rahul Gandhi-led delegation to visit the area — ANI (@ANI) October 5, 2021 हालांकि, इससे पहले शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी मंगलवार शाम को दिल्ली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की। राहुल संग बैठक के बाद राउत ने कहा था कि विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल को लखीमपुर खीरी भेजे जाने पर विचार मंथन चल रहा है। जबकि, कांग्रेस की ओर से पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा उत्तर प्रदेश में पहले से मौजूद हैं और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लखनऊ हवाई अड्डे पर आगे जाने की इजाजत ना मिलने के बाद धरना देने के बाद वापस अपने राज्य लौट गए। गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया। उनके लिए सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में अस्थायी जेल बना दी गई है। प्रियंका गांधी के साथ हरियाणा से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा और उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने धारा 151, 107, 116 के तहत मामला दर्ज किया है। 5-member Congress delegation led by Rahul Gandhi to visit Lakhimpur Kheri, Uttar Pradesh tomorrow 8 people including 4 farmers were killed in violence in the district on Sunday (file photo) pic.twitter.com/3hOm7yEyUl — ANI (@ANI) October 5, 2021 राहुल गांधी से मुलाकात के बाद संजय राउत ने बताया, ""प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अगर सभी के लिए कानून एक है, तो फिर क्यों प्रियंका गांधी जेल में क्यों हैं और अन्य मंत्री आजाद क्यों घूम रहे हैं?"" उन्होंने आगे कहा, ""लखीमपुर खीरी में विपक्षी नेताओं को किसानों से मिलने से रोका जा रहा है। उत्तर प्रदेश में सरकार के दमन के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होकर कदम उठाने की जरूरत है।"" बता दें कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में 8 लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है। इनमें किसान भी शामिल हैं। उस दिन उत्तर प्रदेश के डिप्टी-सीएम केशव प्रसाद मौर्य एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लखीमपुर जा रहे थे। इसके खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान हिंसा हो गई और इसके लिए केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे और किसानों के प्रदर्शन में शामिल उपद्रवी तत्वों पर आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है और हिंसा के बाद पूरे इलाके में धारा-144 लागू कर करने के साथ इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/rjd-supremo-lalu-prasad-yadav-tells-formula-to-remove-bjp-from-power-7106855/,राजद सुप्रीमो लालू यादव ने दिया भाजपा को सत्ता से हटाने का फार्मूला,"पटना। राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा है कि राजद सेल्फ मेड पार्टी है और इसके गठन के लिए किसी की कृपा की जरूरत नहीं थी। राजद प्रमुख ने बिना किसी का नाम लिए यह भी कहा कि पहले लोगों को आसानी से टिकट मिलता नहीं था और दिल्ली में बैठे आलाकमान से ही सब तय होता था। फिर भी हमने पेड़ के नीचे बैठकर टिकट बांटे। इस दौरान लालू ने विपक्षी दलों को सत्ताधारी भाजपा को हटाने का फॉर्मूला भी बताया। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को यह बात राजद के प्रशिक्षण शिविर में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि संगठन को तेज और धारदार बनाना हम सभी कार्यकर्ताओं की ही जिम्मेदारी है। डरना मना है इतना ही नहीं लालू ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि ज्वलंत मुद्दों पर आंदोलन करें क्योंकि अन्याय के खिलाफ सत्याग्रह करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जेल जाने से भी डरते हैं। जब इतना डरेंगे तब आंदोलन और सत्याग्रह कैसे कर सकेंगे? लोग तो मुकदमा होने से डर जाते हैं। कई तो इस बात से ही परेशान हो जाते हैं कि कहीं उन पर पुलिस केस न दर्ज हो जाए। सरकार को घेरो लालू ने कहा कि ऐसी बातों से किसी को डरना नहीं चाहिए, बल्कि देश में फैली समस्याओं को लेकर लोगों की आवाज बनना चाहिए और आगे बढ़कर सरकार को घेरने का काम करना चाहिए। सेल्फ मेड पार्टी अपनी पार्टी के बारे में उन्होंने कहा कि राजद सेल्फ मेड पार्टी है और इसका गठन किसी की कृपा से नहीं हुआ है। इस पार्टी को बिहार के लोगों ने अपने पैरों पर खड़े होकर मजबूत बनाया है और लोगों के प्यार से ही ये पार्टी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंची है। जातीय जनगणना जरूरी जातीय जनगणना कराने की मांग पर हुए उन्होंने कहा कि इसका होना बहुत जरूरी है। यह कोई साधारण या आम मांग नहीं है। जातीय जनगणना ना होने के चलते समाज के अंतिम पायदान पर बैठा व्यक्ति, समाज पीछे छूटता जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि वह जातीय जनगणना करा कर ही दम लेंगे। क्यों भाजपा कर रही है शासन इस दौरान लालू ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को भी घेरा। लालू ने कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के सफल गठबंधन बनाने में असमर्थता पर अफसोस जताया और इस अक्षमता के लिए एक कार्यशील सरकार बना पाने में उनकी विफलता को भी जिम्मेदार ठहराया। लालू ने कहा, ""कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल एक साथ आने में असमर्थ हैं। हम बार-बार एक राजनीतिक विकल्प बनाने की कोशिश करते हैं लेकिन कुछ कारणों से विफल हो जाते हैं, इसलिए वे (भाजपा) देश पर शासन कर रहे हैं।"" भाजपा को हटाने का तरीका लालू ने दावा किया कि यदि सभी विपक्षी दल एक साथ रैली करते हैं तो सत्तारूढ़ भाजपा को हराया जा सकता है। बिहार के बारे में उन्होंने कहा, ""अगर विपक्षी दल एक साथ आते हैं, तो भाजपा सत्ता खो देगी।"" टिकट पर चुुटकी प्रसाद ने कहा कि चुनाव नजदीक आता है तब टिकट लेने वालों की भीड़ जुट जाती है। पहले लोगों को आसानी से टिकट नहीं मिल पाता था। दिल्ली से आलाकामान तय करता था। लेकिन हमनें अपने हाथों से पेड़ के नीचे बैठकर लोगों को टिकट दिया है। लालू की यह टिप्पणी उसके पूर्व सहयोगी कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर राजद को ठुकराने और 30 अक्टूबर को तारापुर और कुशेश्वर अस्थान विधानसभा सीटों पर दोनों उपचुनावों के लिए उम्मीदवार उतारने का फैसला करने के बाद आई है, जबकि राजद किसी एक सीट से चुनाव लड़ना चाहती है। पूर्व राजद सुप्रीमो, जिन्हें चारा घोटाले के कारण 1997 में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ना पड़ा था, इस साल अप्रैल में दुमका कोषागार मामले में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद इलाज के लिए दिल्ली में ह",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/lakhimpur-kheri-incident-is-2nd-jallianwala-bagh-kand-punjab-cm-says-7105923/,लखीमपुर खीरी की घटना को पंजाब सीएम चन्नी ने बताया दूसरा जलियांवाला बाग कांड,"नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी की घटना पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने योगी सरकार और भाजपा पर निशाना साधा है। पंजाब सीएम चन्नी का कहना है कि लखीमपुर की घटना दूसरा जलियांवाला बाग कांड है। कृषि कानूनों को लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों को जान बूझकर कार से कुचलना शर्मनाक है। इस घटना ने जलियांवाला बाग की यादें ताजा कर दी हैं। प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी अवैध पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रियंका गांधी को पीड़ित परिजनों से मिलने न देने पर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी को पीड़ित परिजनों से मिलने से रोका जा रहा है, सरकार को अब अपनी कुर्सी का डर सता रहा है। उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है। The incident at Lakhimpur Kheri has brought back horrendous memories of Jallianwala Bagh. Those who massacred the farmers are roaming free while @priyankagandhi has been detained illegally. I appeal to the Union Govt to repeal the three farm laws immediately. pic.twitter.com/UbZrzsk3cI — Charanjit S Channi (@CHARANJITCHANNI) October 5, 2021 प्रियंका गांधी ने साझा किया घटना का वीडियो बता दें कि उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी की घटना पर पीड़ितों से मिलने पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रिंयका गांधी को सीतापुर पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। अब जानकारी मिल रही है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इस दौरान उन्होंने ट्विटर पर घटना से जुड़ा एक दर्दनाक वीडियो शेयर किया है, जिसमें एक कार किसानों को कुचलती नजर आ रही है। .@narendramodi जी आपकी सरकार ने बग़ैर किसी ऑर्डर और FIR के मुझे पिछले 28 घंटे से हिरासत में रखा है। अन्नदाता को कुचल देने वाला ये व्यक्ति अब तक गिरफ़्तार नहीं हुआ। क्यों? pic.twitter.com/0IF3iv0Ypi — Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 5, 2021 प्रियंका गांधी द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया गया यह वीडियो तेजी से वायरल रहा है। वीडियो साझा करते हुए उन्होंने पीएम मोदी से कई सवाल भी किए हैं। प्रियंका गांधी ने पूछा कि अन्नदाताओं को कुचलने वाला कब गिरफ्तार किया जाएगा।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/mamata-banerjee-started-giving-pain-to-bjp-in-tripura-mla-ashish-will-join-tmc-soon-7105865/,ममता बनर्जी ने त्रिपुरा में भी BJP खेमे में मारी सेंध! जल्द TMC में शामिल होंगे विधायक आशीष,"नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा ( West Bengal ) चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद उपचुनाव में अच्छे प्रदर्शन ने तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) का आत्मविश्वास काफी बढ़ा दिया है। यही वजह है की टीएमसी अब विस्तार के लिए कदम बढ़ा रही है। ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) लगातार अपनी पार्टी को विस्तार देने की कोशिश में जुटी हैं। इसी कड़ी में दीदी अब बीजेपी को त्रिपुरा ( Tripura ) में दर्द देने की तैयारी कर रही हैं। दरअसल त्रिपुरा बीजेपी के विधायक आशीष ने ममता की जमकर तारीफ की है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वे जल्द ही टीएमसी की दामन थाम लेंगे। ममता को बताया मां, माटी और मानुष की असली नेता त्रिपुरा से बीजेपी विधायक आशीष दास टीएमसी का दामन थामने जा रहे हैं। वह फिलहाल कोलकाता में हैं। यहां विधायक आशीष दास (Ashish Das) ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को बंगाल की ‘मां, माटी, मानुष की असली नेता’ बताया। दास ने कहा कहा कि अगर भविष्य में वह प्रधानमंत्री बनती हैं तो यह प्रत्येक बंगाली के लिए गर्व की बात होगी। सिर मुंडवाकर टीएमसी में शामिल होंगे आशीष राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि त्रिपुरा में बीजेपी एमएलए आशीष दास बुधवार को गंगा में स्नान करने के बाद सिर मुड़वाकर टीएमसी में शामिल होंगे। दास के ऐसा करने के बाद वो पहले ऐसे विधायक होंगे जो त्रिपुरा से टीएमसी में शामिल होंगे। अपने वादों से लड़खड़ा गए पीएम मोदी आशीष दास ने कोलकाता में कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समावेशी विकास के मॉडल से 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीयों के दिल जीते थे, लेकिन वह अपने वादों से लड़खड़ा गए हैं। दास ने सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने और ईंधन के दामों में बढ़ोतरी को लेकर भी मोदी सरकार की आलोचना की।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/west-bengal-after-the-victory-of-mamata-now-governor-new-twist-asked-to-wait-for-oath-7105334/,"West Bengal: ममता की जीत के बाद अब राज्यपाल जगदीप धनखड़ का ट्विस्ट, शपथ के लिए इंतजार करने को कहा","नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) में उपचुनाव में शान जीत अर्जित करने के बाद ममता बनर्जी ( CM Mamta Banerjee ) ने सीएम पद पर बने रहने की अटकलों पर विराम लगा दिया है। लेकिन ममता की इस जीत के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar ) के एक कदम ने मामले में नया ट्विस्ट ला दिया है। दरअसल राज्यपाल ने फिलहाल ममता दीदी को विधायक के तौर पर शपथ लेने से रोक दिया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ को सरकार ने 7 अक्टूबर को एक विधायक के रूप में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शपथ दिलाने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन राज्यपाल ने फिलहाल सरकार को इंतजार करने को कहा है। राज्यपाल ने क्या कहा? भवानीपुर उपचुनाव में रिकॉर्डतोड़ जीत दर्ज करने के बाद ममता बनर्जी को बतौर विधायक शपथ लेना थी, लेकिन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस मामले में 'खेला' कर दिया है। गवर्नर ने ममता बनर्जी को शपथ दिलाए जाने को लेकर इंतजार करने को कहा है। राज्यपाल ने कहा कि वह आधिकारिक राजपत्र तक इंतजार करेंगे और उसके बाद ममता के शपथ लेने का कार्यक्रम होगा। राज्यपाल जगदीप धनखड़ के इस कदम के बाद राजभवन और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच एक ताजा गतिरोध पैदा हो गया है। ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘हमने माननीय राज्यपाल से 7 अक्टूबर को दोपहर से पहले ममता बनर्जी को शपथ दिलाने का अनुरोध किया है। हम चाहते हैं कि वह शपथ दिलाने के लिए राज्य विधानसभा में आएं। हमें उम्मीद है कि 7 अक्टूबर तक गजट नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा और वह विधानसभा में आकर हमारे अनुरोध का सम्मान करेंगे। बता दें कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के अलावा समसेरगंज और जंगीपुर में जीत दर्ज करने वाले तृणमूल कांग्रेस के अन्य दो विधायकों को भी शपथ दिलाई जानी है। राज्यपाल ने स्पीकर से छीना अधिकार मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विधानसभा स्पीकर से शपथ दिलाने की शक्ति छीन ली है। एक अधिकारी ने बताया, ‘भवानीपुर और मुर्शिदाबाद जिले की दो सीटों पर हुए उपचुनाव से कुछ दिन पहले ही राजभवन की तरफ से स्पीकर के दफ्तर को एक चिट्ठी मिली थी। इस पत्र में संविधान के अनुच्छेद 188 का जिक्र किया गया है, जो राज्यपाल को शपथ दिलवाने की शक्ति देता है। राज्य सरकार के अनुरोध के जवाब में फिलहाल राज्यपाल ने कहा कि एक बार उपचुनाव परिणाम की अधिसूचना प्रकाशित हो जाए। उसके बाद वह इस मामले में निर्णय लेंगे। बता दें कि ममता सरकार को लेकर राज्यपाल लगातार हमला बोलते रहे हैं। वे कई मामलों में ममता सरकार के रवैए को लेकर भी केंद्र सरकार से शिकायत कर चुके हैं। खास तौर पर चुनाव बाद हिंसा मामले में भी राज्यपाल ने ममता सरकार को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। ममता के पास इस तारीख तक का समय ममता बनर्जी ने भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव 58,835 मतों के भारी अंतर से जीता है। यही नहीं इस सीट से ममता बनर्जी ने वर्ष 2011 का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ है। बता दें कि मुख्यमंत्री बने रहने के लिए तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी को 4 नवंबर तक विधानसभा के सदस्य के तौर पर शपथ लेना जरूरी है। टीएमसी नेताओं का कहना है कि ममता दुर्गा पूजा से पहले ही सभी औपचारिकताएं निपटा लेना चाहती हैं, जिसमें अब काफी कम वक्त बचा है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/lakhimpur-kheri-violence-protest-around-india-many-detained-purse-mobile-of-congress-leaders-stolen-7104987/,"Lakhimpur Kheri Violence: देश में कई जगह प्रदर्शन के बाद तमाम हिरासत में, दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के पर्स-मोबाइल चोरी","नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी प्रकरण के बाद देशभर में विपक्षी नेताओं द्वारा प्रदर्शन किया गया। इनमें पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत, पश्चिम बंगाल समेत तमाम राज्यों का प्रदर्शन शामिल रहा। इस कड़ी में यूपी-हरियाणा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा समेत अन्य कांग्रेसी विधायकों को हिरासत में ले लिया गया। वहीं, दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे कई नेताओं के बटुए और मोबाइल चोरी हो गए। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने सोमवार को यूपी-हरियाणा सीमा पर लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और अन्य कांग्रेस विधायकों को हिरासत में ले लिया। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रंधावा और पंजाब के विधायक कुलजीत सिंह नागरा को स्थिति का पता लगाने और शोक संतप्त परिवारों से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी जाने के लिए कहा था। उन्होंने खुद क्षेत्र का दौरा करने की भी योजना बनाई। We condemn the unfortunate incident happened in Lakhimpur Kheri & guilty should be arrested. The reason behind this incident is three farm laws... I along with my ministers met Governor Banwarilal Purohit& gave him the memorandum to repeal the three farm laws: Punjab CM CS Channi pic.twitter.com/v72IRONKHE — ANI (@ANI) October 4, 2021 हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को हिंसा की घटनाओं के कारण धारा 144 लागू होने के मद्देनजर चन्नी और रंधावा को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पहले रविवार को लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई। चन्नी के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर को उतारने और उतारने की अनुमति मांगने वाले एक पत्र के जवाब में, सचिव गृह, यूपी सरकार ने निदेशक नागरिक उड्डयन, पंजाब को सूचित किया था कि लखीमपुर खीरी में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए सीएम और डिप्टी सीएम को अनुमति देना संभव नहीं है। Leader of Opposition in Karnataka Assembly Siddaramaiah, State Congress president DK Shivakumar along with other party leaders staged a protest in Bengaluru against the Lakhimpur Kheri violence incident and Priyanka Gandhi Vadra's detention pic.twitter.com/Mn6piNvQqn — ANI (@ANI) October 4, 2021 इससे पहले, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी के सीतापुर जिले में लखीमपुर खीरी जाते समय हिरासत में लिए जाने के बाद भूख हड़ताल शुरू की। कांग्रेस नेताओं ने भी उनके गेस्ट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और उनकी ""गिरफ्तारी"" को लेकर भाजपा नीत राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस बीच, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी के कई विधायकों के साथ सोमवार को चंडीगढ़ में राजभवन के बाहर धरना दिया। सिद्धू, मदन लाल जलालपुर, गुरप्रीत सिंह समेत कांग्रेस के अन्य विधायक और पंजाब युवा कांग्रेस के कई सदस्यों ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के आवास के बाहर धरना दिया और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। Kolkata | West Bengal youth Congress workers staged a protest outside the Governor house today over the Lakhimpur Kheri incident & detention of Priyanka Gandhi by UP police pic.twitter.com/lHXzsRkhES — ANI (@ANI) October 4, 2021 चंडीगढ़ पुलिस ने सिद्धू और अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और राजभवन के बाहर से एक बस में बिठा लिया। प्रदर्शनकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे को लखीमपुर खीरी कांड में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। लखीमपुर हिंसा में मारे गए आठ लोगों में से चार कारों में यात्रा कर रहे थे। जाहिर तौर पर वे मंत्री का स्वागत करने आए भाजपा कार्यकर्ताओं के काफिले का हिस्सा थे। उन्हें कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला गया। अधिकारियों ने कहा कि चार अन्य किसान थे। मिश्रा के बेटे और कई अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। Punjab Deputy CM Sukhjinder Randhawa & Congress leader Kuljit Nagra along with other party leaders have been detained by UP police in Saharanpur, while they were on their way to Lakhimpur Kheri to meet families of farmers who lost their lives in violence. pic.twitter.com/1YzmLQ52tg — ANI UP (@ANINewsUP) October 4, 2021 कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मोबाइल और बटुए चोरी दिल्ली स्थित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर लखीमपुर खीरी घटना का विरोध कर रहे कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मोबाइल फोन और पर्स चोरी हो गए। सोमवार दोपहर तमाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित दिल्ली पार्टी कार्यालय से मार्च शुरू किया और मिंटो ब्रिज के नजदीक स्थित भाजपा मुख्यालय की ओर बढ़ने लगे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उन्हें रंजीत सिंह फ्लाईओवर पर रोक दिया। इस दौरान कई ने वहां लगे भाजपा के बैनर और पोस्टर भी फाड़े। जबकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंका। तब तक कई लोगों के बटुए और मोबाइल चोरी हो चुके थे। इस दौरान दिल्ली पुलिस को भी घोषणा करनी पड़ी। पुलिस ने ऐलान किया, ""कृपया सतर्क रहें। कुछ लोगों के मोबाइल चोरी हो चुके हैं। हम आपसे अपील करते हैं कि शांति बनाए रखें और अपनी जेब और मोबाइल फोन सुरक्षित रखें।"" Mumbai: Congress staged a protest in front of Gandhi Statue near Mantralaya over Lakhimpur Kheri violence State Congress President Nana Patole, Congress leader Sachin Pilot and Mumbai Congress chief Bhai Jagtap were also present. pic.twitter.com/jSoKmdmh4x — ANI (@ANI) October 4, 2021",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/lakhimpur-kheri-violence-omar-abdullah-target-on-government-says-up-is-new-jammu-and-kashmir-7103811/,"Lakhimpur Kheri Violence: उमर अब्दुल्ला ने सरकार पर साधा निशाना, बोले- नया जम्मू-कश्मीर बना यूपी","नई दिल्ली। लखीमपुर हिंसा ( Lakhimpur Kheri Violence ) को लेकर देशभर में सियासी पारा हाई है। कांग्रेस से लेकर शिवसेना और नेशनल कॉन्फ्रेंस ( National Conference ) तक तमाम राजनीतिक दल इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) के पूर्व मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्ला ( Omar Abdullah ) ने की प्रतिक्रिया सामने आई है। लखीमपुर में हुई घटना को लेकर उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। Uttar Pradesh is the “naya J&K”. — Omar Abdullah (@OmarAbdullah) October 4, 2021 नया जम्मू-कश्मीर बना उत्तर प्रदेश नेशनल कॉन्फ्रेंस के डिप्टी चीफ उमर अब्दुल्ला ने लखीमपुर हिंसा को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नया जम्मू और कश्मीर बन गया है। बता दें कि लखीमपुर हिंसा को लेकर तमाम राजनीतिक दलों से प्रतिनिधियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इसी कड़ी में शिवेसना सांसद संजय राउत ने सरकार पर निशाना साधा। राउत ने सत्ताधारी पार्टी से पूछा है कि क्या किसानों के साथ क्रूर व्यवहार बीजेपी की आधिकारिक नीति है? इतना ही नहीं राउत ने मोदी सरकार की तुलना ब्रिटिश शासन से भी की और क्रांतिकारी बाबू जेनु का जिक्र किया। उन्होंने इस घटना की तुलना ब्रिटिश शासन काल से की है। राउत ने विरोधी दलों के नेताओं के प्रवेश पर रोक और हिरासत में लिए जाने पर एतराज जताया है। बता दें कि कृषि कानूनों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों और मंत्री के बेटे के काफिले के बीच रविवार को हिंसक टकराव हो गया। तिकुनिया कस्बे में हुए बवाल के दौरान मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की गाड़ी से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। जानबूझकर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाते हुए गुस्साए किसानों ने मंत्री के बेटे की गाड़ियों में तोड़फोड़ करने के बाद आग लगा दी। किसानों के मुताबिक, मंत्री के बेटे ने खेतों में भागकर जान बचाई, लेकिन इस दौरान हुई पिटाई से चालक सहित और तीन भाजपाइयों की भी मौत हो गई। इस घटना के बाद 10 से ज्यादा घायल किसानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किसानों का कहना है कि उन्होंने मंत्री के बेटे के काफिले को रोका तो नारे लगाते हुए उन पर गाड़ी चढ़ा दी गई। बवाल के बाद भाकियू नेता राकेश टिकैत के दिल्ली से कूच करने की सूचना के बाद किसानों ने कस्बे के इंटर कॉलेज में मृत किसानों के शव रखकर धरना शुरू कर दिया।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/west-bengal-by-election-tmc-celebrate-despite-ec-prohibitory-order-7103174/,"पश्चिम बंगाल में नियमों का उल्लंघन, EC की निषेधाज्ञा घोषणा के बावजूद तृणमूल ने मनाया जीत का जश्न","नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में उपचुनाव में टीएमसी की जीत के बाद चुनाव आयोग की निषेधाज्ञा घोषणा के बावजूद जश्न मनाया गया। दरअसल, चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर कहा था कि राज्य में मतगणना के दौरान या बाद में किसी भी तरह का जश्न मनाने की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को किसी भी अप्रिय घटना के बचने के लिए पर्याप्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे। तीनों सीटों पर टीएमसी का कब्जा इसके बावजूद आज विधानसभा की तीन सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया। गमीमत यह रही कि इस दौरान किसी भी तरह की हिंसा की खबर सामने नहीं आई। बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा की तीन सीटों भवानीपुर और मुर्शिदाबाद जिले की समसेरगंज के साथ जांगीपुर सीट पर बीते 30 अक्टूबर को मतदान हुआ था। वहीं आज हुई मतगणना में इन तीनों सीटों पर टीएमसी ने कब्जा कर लिया है। नंदीग्राम सीट पर शुभेंदु ने दी थी ममता को मात बता दें कि हाल ही में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से मैदान में उतरी थीं। यहां शुभेंदु अधिकारी और ममता बनर्जी की कड़ी टक्कर देखने को मिली। वहीं देर शाम आए चुनावी नतीजों में शुभेंदु ने ममता बनर्जी को 1956 वोटों से मात दे दी। इसके बाद पार्टी के पास बहुमत होने के कारण टीएमसी की सरकार बनने के साथ ममता बनर्जी सीएम तो बन गईं, लेकिन वो राज्य की विधायक नहीं थे। ऐसे में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती थीं। गौरलतब है कि पश्चिम बंगाल में हुए चुनाव के बाद राज्य में हिंसा देखने को मिली थी। दरअसल, चुनावी नतीजों में टीएमसी की जीत पर मुहर लगने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर आगजनी और पत्थरबाजी की खबरें भी सामने आईं। इसके चलते राज्य में तनावपूर्ण स्थिति बन गई थी। फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/punjab-cm-gives-advice-to-sidhu-on-appointment-of-dgp-and-ag-7102363/,"पंजाब सरकार पर हमलावर सिद्धू को CM चन्नी की सलाह, कहा - ये तरीका सही नहीं, पार्टी फोरम में बैठकर रखें अपनी बात","नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। अब पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू अब सूबे की नई सरकार पर हमलावर नजर आ रहे हैं। दरअसल, आज उन्होंने एक ट्वीट कर पंजाब में डीजीपी और एजी की नियुक्ति को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नवजोत सिंह सिद्धू को नसीहत दी है। पंजाब सीएम का कहना है कि सिद्धू का यह तरीका बिल्कुल सही नहीं है। अगर आपको कोई बात करनी है, तो पार्टी फोरम में बैठकर चर्चा की जा सकती है। हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने मीडिया से बात करते हुए सिद्धू के रवैये पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सिद्धू को पार्टी का काम करना चाहिए। यदि कोई किसी तरह की आपसी कोई बात पसंद नहीं आ रही तो पार्टी फोरम में बैठकर कोआर्डिनेशन कमेटी में आकर बात की जा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह से रवैये से समय बर्बाद हो रहा है। हमें जनता के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है अगर कोई बात है तो उसे कहने का एक तरीका होगा है। अभी अस्थाई इंतजाम किए गए हैं इस दौरान डीजीपी की नियुक्ति को लेकर पंजाब सीएम ने कहा कि अभी बस अस्थाई प्रबंध किए गए हैं, जिससे लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। मैंने नवजोत सिंह सिद्धू से इस संबंध में चर्चा की है। उन्हें यह भी पता है कि इसके लिए सीधा सा कानून है, जिसके अनुसार केंद्र सरकार को उन अफसरों के नाम भेजे गए हैं, जिनकी सेवा 30 साल पूरी हो चुकी है। तीन नाम का पैनल केंद्र सरकार ने हमें भेजना है। उन्हीं नामों को लेकर सिद्धू साहिब से भी और विधायकों-मंत्रियों से बातचीत करके डीजीपी नियुक्त किया जाएगा। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल ही में सरकार में हो रही नियुक्ति पर आपत्ति जताते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से वो लगातार डीजीपी और एजी को हटाने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले सिद्धू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भी आरोप लगाते रहे हैं।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/pm-modi-says-opposition-is-cheating-farmers-over-farms-law-7101564/,"कृषि कानूनों पर बोले PM मोदी, किसानों संग धोखाधड़ी कर रहा है विपक्ष","नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों को लेकर बीते कई महीनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं सरकार और विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं। अब देश के प्रधानमंत्रा नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को लेकर एक बार फिर से विपक्ष पर हल्ला बोला है। पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष कृषि कानूनों को लेकर किसानों संग धोखाधड़ी कर रही है। उन्हें किसानों के हितों से कोई मतलब नहीं, विपक्ष हर मुद्दे पर अपना फायदा देखता है। राजनीति के लिए किसानों का अहित कर रहा विपक्ष आज एक साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कृषि कानूनों पर हो रहे विरोध को लेकर पूछे गए एक सवाल के जबाव में कहा कि किसानों को विपक्ष भ्रमित कर रहा है। पीएम मोदी का कहना है कि विपक्ष किसानों के साथ धोखाधड़ी कर रहा है। ये वही लोग हैं जो मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कृषि कानूनों की मांग करते थे। इन लोगों ने तब भी किसानों के हितैषी होने का दिखावा करके अपनी छवि चमकाई और आज भी अपनी राजनीति के लिए किसानों का अहित कर रहे हैं। अब देश का नेतृत्व सही हाथों में विपक्ष का मकसद सिर्फ किसानों को गुमराह करना है। कुछ राजनीतिक दल तो ऐसे हैं जिन्होंने इन बिलों के पास होते ही यू-टर्न ले लिया। अब वे कोशिश कर रहे हैं कि कैसे किसानों के इस मुद्दे पर अपना फायदा किया जाए। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक देश में जितनी भी सरकारें बनीं सबमें कहीं न कहीं कांग्रेस का दखल था, लेकिन अब देश का नेतृत्व सही हाथों में है। गौरतलब है कि कृषि कानूनों को संसद में हरी झंडी मिलने के बाद से इसके विरोध में सड़कें लबालब हैं। बीते कई महीनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार ये काले कानून वापस नहीं ले लेती तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे। वहीं इस मुद्दे को लेकर विपक्ष पर सरकार लगातार एक दूसरे पर हमलावर है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/tej-pratap-s-allegation-tejashwi-has-taken-lalu-prasad-hostage-7101516/,"तेजप्रताप यादव का अपने ही भाई पर आरोप, तेजस्वी ने पिता लालू को दिल्ली में बंधक बना रखा है","नई दिल्ली। बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में वर्चस्व की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। कई दिनों से शांत तेजप्रताप यादव एक बार फिर से एक्शन मोड़ में नजर आ गए हैं। अब उन्होंने अपने भाई और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर बड़ा आरोप लगा दिया है। तेजप्रताप का कहना है कि उनके भाई तेजस्वी ने पिता लालू प्रसाद यादव को दिल्ली में बंधक बना रखा है। कुछ लोगों ने पिता लालू को बंधक बनाया बता दें कि तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग हैं, जो बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो को दिल्ली से पटना नहीं आने दे रहे हैं। तेजप्रताप का कहना है कि उन्हें जेल से निकले करीब एक साल हो गया, लेकिन अभी तक उन्हें दिल्ली में बंधक बनाकर रखा गया है। वो मेरे पिता को बंधक बनाकर राजद अध्यक्ष बनना चाहते हैं, लेकिन उनका यह सपना कभी पूरा नहीं होगा। लालू के बाद बहुत बदल गई राजद तेजप्रताप का कहना है कि लालू प्रसाद यादव के समय और की राजद में बहुत बदलाव आ गया है। जब पिताजी पटना में रहते थे तो राजद के दरवाजे आम लोगों के लिए हमेशा खुले रहते थे, लेकिन अब वहां एक रस्सा लगा दिया गया है और आम लोगों को अंदर जाने की अनुमति नहीं है। तेजप्रताप यादव ने अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद के प्रशिक्षण शिविर के दौरान संबोधित करते हुए कहा लालू यादव दिल्ली में हैं। मैंने पिता जी से बात की है। हमारे साथ चलिये पटना, हम लोग साथ रहेंगे। तेजप्रताप ने कहा कि कुछ लोगों ने बिहार की महान जनता से मिलने के लिए रस्सा बंधवा दिया है। हमारे पिता को आने नहीं दे रहे हैं, बंधक बना कर दिल्ली में रखा हुआ है। बता दें कि इससे पहले भी तेजप्रताप कई बार तेजस्वी यादव पर हमला बोल चुके हैं।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/captain-amarinder-singh-says-congress-doing-comedy-with-sidhu-7101389/,"कैप्टन अमरिंदर सिंह का कांग्रेस पर हमला, कहा- सिद्धू के साथ मिलकर कॉमेडी कर रही है पार्टी","नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर से कांग्रेस पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि जब पार्टी से पंजाब कांग्रेस में कलह संभाली नहीं जा रही है तो मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है। इसके साथ ही पंजाब पूर्व सीएम ने एक बार फिर से नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अब पंजाब कांग्रेस सिद्धू के साथ मिलकर कॉमेडी कर रही है। कांग्रेस ने बताई कैप्टन को पद से हटाने की वजह बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस प्रदेश प्रभारी हरीश रावत और रणदीप सुरजेवाला के बयानों के बाद आई है। दरअसल, दोनों नेताओं ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब के सीएम पद से हटाने की वजह बताई है। दोनों का कहना है कि पार्टी विधायकों ने कैप्टन के खिलाफ अविश्वास जताया था, इसके साथ ही बड़ी संख्या में विधायकों ने इस संबंध में पत्र भी लिखा था। इसके चलते ही पार्टी आलाकमान ने कैप्टन को पंजाब सीएम के पद से हटाने का फैसला किया। कांग्रेस में कलह शांत नहीं कर पा रही पार्टी हरीश रावत का कहना है कि कैप्टन के विरोध में करीब 43 विधायकों ने पत्र लिखा था। वहीं रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक 78 विधायकों ने पत्र लिखकर कैप्टन के खिलाफ अविश्वास जताया था। इसके जवाब में पूर्व सीएम कैप्टन का कहना है कि पार्टी के दो नेताओं की बातों में कितनी असमानता है। जब कांग्रेस अपने घर की कलह शांत नहीं कर पाई तो मुझपर आरोप लगा रही है। कल को 177 विधायकों द्वारा मेरे खिलाफ पत्र लिखने का दावा भी किया जा सकता है। इसके साथ ही कैप्टन ने दावा किया है कि कुछ विधायकों ने उनके खिलाफ अविश्वास जताया था, जिसके पीछे नवजोत सिंह सिद्धू का हाथ है। वहीं अब पार्टी सिद्धू के साथ कॉमेडी कर रही है। बता दें कि हाल ही में कैप्टन ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, इसके बाद कैप्टन के बीजेपी में शामिल होने की खबरें आने लगीं। इस पर सफाई देते हुए कैप्टन ने कहा कि मेरा कांग्रेस छोड़ना तो तय है, लेकिन अभी बीजेपी में शामिल होने का कोई विचार नहीं। अब माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले कैप्टन अपनी पार्टी बना सकते हैं।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/kapil-sibal-target-pm-modi-over-gandhi-jayanti-in-gujarat-visit-7100563/,"कपिल सिब्बल का पीएम मोदी पर वार, गुजरात से दिल्ली पहुंचने वाले नेता महात्मा गांधी के बारे में बहुत कम जानते","नई दिल्ली। कांग्रेस ( Congress ) में भले ही अंदरुनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही, लेकिन जब बात बीजेपी ( BJP ) की आती है तो कांग्रेसी नेता निशाना साधने से नहीं चूकते हैं। कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े करने वाले दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ( Kapil Sibal ) ने गांधी जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। गुजरात ( Gujarat ) के अहमदाबाद ( Ahmedabad ) पहुंचे कपिल सिब्बल ने मीडिया से बात के दौरान कहा कि जो नेता गुजरात से दिल्ली पहुंचे हैं, वो शायद गांधी जी के बारे में बहुत कम जानते हैं। गुजरात के नेता जो दिल्ली पहुंच गए हैं, वो महात्मा गांधी के बारे में बहुत कम जानते हैं। वे कहते थे 'द ओन्ली गॉड इज द गॉड ऑफ ट्रुथ'। मैं मोदी से पूछना चाहता हूं वो सत्य कहां गया? आंकड़ों में, वाणी में, काम में और हर चीज़ में असत्य है: PM मोदी पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, अहमदाबाद pic.twitter.com/tNvLC6EuK4 — ANI_HindiNews (@AHindinews) October 2, 2021 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल 2 अक्टूबर के गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे हैं। यहां मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। कपिल सिब्बल ने कहा कि, 'गांधी जी कहते थे कि केवल ईश्वर है और ईश्वर ही सत्य है। मैं मोदी जी से पूछना चाहता हूं कि आपकी सच्चाई कहां है? आपके शब्दों में भी झूठ होता है और कामों में भी।' बता दें कि इन दिनों कपिल सिब्बल काफी चर्चा में हैं। कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर सवाल उठाने से लेकर उनके घर पर हुए हमले के बाद कपिल सिब्बल के सपोर्ट में कई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आ चुके हैं। यही नहीं अब तो गीतकार जावेद अख्तर ने भी कपिल सिब्बल के घर पर हुए हमले को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से सवाल किए हैं। हालांकि इस मामले में जावेद अख्तर के दखल देने के बाद फिल्मेकर अशोक पंडित ने जावेद से ही सवाल किया है कि क्या इस तरह का हमला कांग्रेस आलाकमान की मंजूरी के बिना संभव है? बता दें कि 152वीं गांधी जयंती के मौके पर शनिवार को पीएम मोदी ने राजघाट जाकर गांधी जी की समाधि पुष्पांजलि अर्पित की थी। साथ ही पीएम मोदी लाल बहादुर शास्त्री जी की भी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे थे। राजघाट जाने से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि महात्मा गांधी का जीवन हर पीढ़ी को प्रेरित करेगा। पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित उनका जीवन देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रहेगा।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/harish-rawat-attacked-captain-amarinder-singh-over-his-statement-7098918/,"हरीश रावत का कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला, कहा- अपनी भाषा सुधारें, कांग्रेस ने नहीं किया अपमान","नई दिल्ली। कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में अपमान किए जाने वाले बयान पर हरीश रावत ने प्रतिक्रिया दी है। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व सीएम को अपनी भाषा पर ध्यान देना चाहिए, इसके साथ ही उन्हें अपनी भाषा सुधारने की भी आवश्यकता है। कांग्रेस में किसी का भी अपमान नहीं किया जाता और कैप्टन अमरिंदर सिंह तो एक राज्य के सीएम थे। मुखौटा बनने का प्रयास कर रहे कैप्टन दरअसल, हरीश रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह किसी का मुखौटा बनने का प्रयास कर रहे हैं। उनके कद को यह बिल्कुल शोभा नहीं देता कि वो भाजपा का मुखौटा बनें। इस दौरान पंजाब में सीएम के बदले जाने के सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि पंजाब में जो कुछ भी हुआ वह पार्टी और जनता दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। कैप्टन अकाली दल के करीबी हैं इसी वजह से सवाल उठ रहे हैं। दबाव में हैं पंजाब के पूर्व सीएम बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के पंजाब सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद से हरीश रावत ने पहली बार इस विषय पर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि इन बातों का कोई अर्थ नहीं है कि पार्टी में कैप्टन का अपमान किया गया। हरीश रावत ने कहा कि पंजाब पूर्व सीएम के बयानों से लग रहा है कि वो दबाव में हैं। गौरतलब है कि पंजाब सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पार्टी में उनका सम्मान नहीं हो रहा है। वहीं बुधवार को कैप्टन ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, इसके साथ ही गुरुवार को वो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल से मिले। माना जा रहा है कि भाजपा ने कैप्टन को राज्यसभा के जरिए केंद्र में मंत्री बनाने का ऑफर दिया है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/west-bengal-by-election-bjp-target-election-commission-did-not-upload-the-voting-data-in-bhawanipur-seat-7098588/,"West Bengal By Election: चुनाव आयोग ने जारी नहीं किए भवानीपुर में हुए मतदान के आंकड़े, BJP ने उठाया सवाल","नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल उपचुनाव ( West Bengal By Election ) की हाईप्रोफाइल सीट भवानीपुर ( Bhawanipur ) शुरू से ही चर्चा में रही। मतदान के बाद भी इस सीट को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। दरअसल इस चर्चा की वजह है चुनाव आयोग की ओर से भवानीपुर में हुए मतदान का आंकड़ा जारी ना करना। आयोग की ओर से भवानीपुर में 30 सितंबर को हुई वोटिंग के आंकड़े जारी नहीं किए जाने के बाद विपक्षी दल बीजेपी ( BJP ) ने निशाना साधा है। बीजेपी ने सवाल किया है कि आखिर चल क्या रहा है? पश्चिम बंगाल उपचुनाव की हाईवोल्टेज सीट भवानीपुर सीट पर अभी भी गहमागहमी जारी है। यहां हो रहे उपचुनाव के लिए मतदान हो चुका है, बावजूद आरोप-प्रत्यारोप का दौर खत्म नहीं हुआ है। अब बीजेपी नेता और पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने चुनाव आयोग पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, निर्वाचन क्षेत्र में मतदान खत्म होने के बाद भी अबतक मतदान के आंकड़े अपलोड नहीं किए गए हैं। ऐसे में अमित मालवीय ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है- आखिर चल क्या रहा है? मालवीय का यह ट्वीट देर रात को आया। इसमें उन्होंने लिखा- चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दोपहर तीन बजे तक 48.08 फीसदी तक मतदान हुआ था, शाम पांच बजे यह 53.32 फीसदी पहुंचा, दो घंटे में सिर्फ 5.24 प्रतिशत वोटिंग ही बढ़ी। जो समझ से परे हैं। लेकिन वोटिंग खत्म होने के दो घंटे बाद भी फाइनल आंकड़े जारी नहीं कए गए हैं। इसके बाद उन्होंने लिखा- आखिर चल क्या रहा है? चुनाव आयोग आज जारी करेगा आंकड़े चुनाव आयोग ने बताया कि भवानीपुर सीट पर शाम छह बजे तक मतदान कितने फीसदी हुआ, इसके आंकड़े शुक्रवार को जारी की जाएंगे। ममता बनर्जी की साख दांव पर भवानीपुर सीट से लड़ रही टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की साख दांव पर है। चुनाव जीतने पर उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी बनी रहेगी। ममता को चुनौती देने के लिए बीजेपी की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के साथ 12 अन्य प्रत्याशी चुनौती दे रहे हैं। हालांकि इसमें से ज्यादातर मनोरंजन और मशहूर होने के चक्कर में चुनाव लड़ रहे हैं। प्रियंका के अलावा सीपीआई(एम) के श्रीजीब बिस्वास चुनाव लड़ रहे हैं।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/jdu-asked-a-qus-to-tejashwi-yadav-over-bihar-flood-scam-7097107/,"बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार को लिखा पत्र, JDU ने पूछा बाढ़ घोटाले में आपके परिवार से कौन-कौन था","नई दिल्ली। बिहार में बाढ़ को लेकर राजद और जदयू एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। दरअसल, कल बिहार विधानसभा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बाढ़ के मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा था। इसके जवाब में जदयू ने तेजस्वी यादव से बिहार में हुए बाढ़ घोटाले पर सवाल पूछ लिया है। जदयू नेता निखिल मंडल ने पूछा कि बिहार में हुए बाढ़ घोटाले में आपके परिवार से कितने सदस्य थे। जदयू ने तेजस्वी यादव से पूछा ये सवाल जेडीयू के नेता निखिल मंडल ने ट्वीट कर कहा कि तेजस्वी यादव को बिहार में बाढ़ की समस्या पर सीएम से किसी भी तरह का अनुरोध करने की जरूरत नहीं है। इस मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार काम कर रहे हैं। इसके साथ ही तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए निखिल मंडल ने पूछा कि मेरे पास कुछ सवाल हैं, बाढ़ घोटाला में आपके परिवार के कितने सदस्य थे। आपके अनुरोध की जरुरत नही है,बाढ़ से निजात कैसे पाया जाए इसपर @NitishKumar जी लगातार काम कर रहे है। वैसे कुछ सवाल है- 1.बाढ़ घोटाला में आपके परिवार के कितने सदस्य थे.? 2.बाढ़ आया मछली लाया किसने कहा था.? 3.गंगा मैया आपके द्वार आयी जिसने कहा था,क्या वो सही थे.? जवाब है तो दीजिए.? https://t.co/2rIsvsZK8w — Nikhil Mandal (@nikhilmandalJDU) September 30, 2021 जदयू नेता यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि बाढ़ आई मछली लाई किसने कहा था। गंगा मैया आपके द्वार आईं जिसने कहा था, क्या वो सही थे। अगर तेजस्वी यादव के पास इसका जवाब हो तो जरूर बताएं। बिहार की जनता इस बारे में जानना चाहती है। गौरतलब है कि बिहार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था, जिसमें तेजस्वी ने बिहार में बाढ़ और सुखाढ़ जैसे मुद्दों पर सीएम का ध्यान खींचा था। इसके साथ ही सीएम को सलाह दी थी कि उन्हें इस मुद्दे पर पीएम मोदी से मुलाकात करनी चाहिए। तेजस्वी ने इस पत्र को अपने ट्विटर अकाउंट पर भी साझा किया था। हालांकि इस विषय पर नीतीश कुमार का कहना है कि उन्हें ऐसा कोई पत्र मिला ही नहीं।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/captain-amrinder-singh-says-i-will-not-join-bjp-but-leave-congress-7096939/,"गृहमंत्री से मुलाकात पर बोले कैप्टन अमरिंदर सिंह, कांग्रेस छोड़ना तय, लेकिन BJP में नहीं जा रहा हूं","नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मुश्किलें लगातार बढ़ती नजर आ रही हैं। एक ओर नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं दूसरी ओर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि उनका भाजपा में शामिल होने का कोई विचार नहीं है। बीजेपी में शामिल होने पर क्या बोले कैप्टन दरअसल, कल पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद से कैप्टन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। इसी बीच मीडिया से बात करते हुए पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनका भाजपा में शामिल होने का कोई विचार नहीं है, लेकिन अब वो कांग्रेस में नहीं रह सकते। कैप्टन बोले और अपमानित नहीं होना चाहता कैप्टन ने बताया कि पार्टी में मेरा बहुत अपमान हुआ है। इसी वजह से मैंने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब मैं कांग्रेस में रहकर और अपमानित नहीं होना चाहता हूं। बता दें कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मुझे जानकारी दिए बिना सीएलपी की बैठकें हो रही थीं, जिससे मैं अपमानित महसूस कर रहा था। इसके बाद मैंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात कर इस्तीफा दे दिया। यह भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में दिल्ली सीएम केजरीवाल का चुनावी ऐलान गौरतलब है कि कैप्टन अमरिदंर सिंह के दिल्ली दौरे से पहले ही खबरें आ रही थीं कि वो गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि इस पर सफाई देते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि मैं दिल्ली अपना घर खाली करने जा रहा हूं। जानकारी के मुताबिक अमित शाह ने कैप्टन को राज्यसभा सांसद और केंद्र में मंत्री बनाने का ऑफर दिया है। अब देखने वाली बात यह है कि अमरिंदर क्या फैसला लेते हैं। माना जा रहा कि कैप्टन का फैसला जो भी हो, उससे कांग्रेस को नुकसान पहुंचना तो तय है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/west-bengal-by-election-tmc-mp-performs-yagya-for-mamata-banerjees-record-victory-7096938/,"West Bengal By Election: ममता बनर्जी की जीत के लिए TMC सांसद ने किया यज्ञ, BJP ने की नजरबंद करने की मांग","नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल उपचुनाव ( West Bengal By Election ) की बहुचर्चित सीट भवानीपुर (Bhawanipur) पर गुरुवार को वोटिंग जारी है। इस दौरान बीजेपी ( BJP ) और टीएमसी ( TMC ) के बीच तनाव भी जारी है। दरअसल बीजेपी लगातार टीएमसी पर अलग-अलग आरोप लगा रही है। एक तरफ टीएमसी पर जानबूझकर ईवीएम बंद कराने का आरोप लगाया है तो अब टीएमसी सांसद को नजरबंद करने की मांग की है। बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत कर आरोप लगाया है कि मंत्री सुब्रत मुखर्जी (Subrata Mukherjee) और फिरहाद हकीम (Firhad Hakim) मतदाताओं को प्रभावित कर रहे हैं। मतदान होने तक उन्हें नजरबंद किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर, हुगली जिले के खानाकुल में ममता बनर्जी की रिकार्ड जीत की प्रार्थना के लिए टीएमसी सांसद अपरूपा पोद्दार ने यज्ञ किया है। प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल (Priyanka Tibrewal) ने भवानीपुर के वार्ड नंबर 61 में 128 पर बूथ जाम की शिकायत की है। इसके साथ ही आरोप लगाया कि टीएमसी के नेता और मंत्री विभिन्न इलाकों में भीड़ इकट्ठा कर रहे हैं। अलग-अलग तरीकों से मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने गुरुद्वारा के पास फिरहाद हकीम पर भीड़ एकट्ठा करने का आरोप लगाया और इसकी शिकायत की। बता दें कि बीजेपी की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है। बीजेपी की ओर से चुनाव आयोग के लिखित शिकायत में कहा गया है कि फिरहाद हकीम को सुबह से ही 159 एसी पर मतदाताओं को प्रभावित करते देखा गया है। अब मंत्री सुब्रत मुखर्जी पूरे निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को प्रभावित करते नजर आ रहे हैं. यह नियमों के प्रावधानों का घोर उल्लंघन है। इन दोनों मंत्रियों को कम से कम मतदान प्रक्रिया समाप्त होने तक इस निर्वाचन क्षेत्र के बाहर तुरंत नजरबंद किया जाए। बता दें कि भवानीपुर में सुबह 11 बजे तक 21.73 फीसदी मतदान हुआ है। अभी भी भवानीपुर की मतदान की गति अन्य दो सीटों समसेरगंज ( 40.23 फीसदी) और जहांगीपुर ( 36.11फीसदी ) से धीमी है। ममता के लिए यज्ञ आरामबाग से टीमसी सांसद अपरूपा पोद्दार ने ममता बनर्जी को रिकॉर्ड अंतर से जीत दिलाने के लिए खानकुल में घंटेश्वर शिव मंदिर के सामने यज्ञ का आयोजन करवाया। अपरूपा के अलावा विभिन्न आरामबाग लोकसभा क्षेत्रों के तृणमूल कार्यकर्ता यज्ञ के दौरान मौजूद थे। पोद्दार ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य का सर्वांगीण विकास हो रहा है। उनकी जीत तो तय है, लेकिन हमयज्ञ कर ईश्वर से कामना कर रहे हैं कि ममता बनर्जी रिकार्ड मतों से जीत हासिल करे, ताकि बीजेपी का पूरा देश से सफाया किया जा सके।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/west-bengal-by-election-voting-tmc-mamata-banerjee-bjp-priyanka-tibrewal-contesting-in-bhawanipur-7096571/,"West Bengal By Election:बीजेपी नेता अमित मालवीय ने मतदाताओं से अपील, बंगाल के विकास के लिए 'दीदी' को ना दें वोट","नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल ( West Bengal By Election ) में तीन विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव की वोटिंग ( Voting ) जारी है। मतदान के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मतदान केंद्रों के 200 मीटर के दायरे में CRPC की धारा 144 लागू कर दी गई है, ताकि वोटिंग के दौरान किसी भी तरह की घटना से बचा जा सके। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि भवानीपुर इतिहास के उस छोर पर खड़ा है, जहां अगर वह ममता बनर्जी को हरा देता है, तो वह बंगाल को प्रतिगामी राजनीति से मुक्त कर देगा। इसलिए यदि आप निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता हैं तो बाहर निकलें और अपने वोट करें और बंगाल की नियति की दिशा बदलें। आप अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए ऋणी रहेंगे। सुबह 11 बजे तक भवानीपुर सीट पर 21.73 फीसदी मतदान हो चुका है। जबकि समसेरगंज सीट पर 40.23 फीसदी तो वहीं जांगीपुर सीट पर 36.11 फीसदी वोटिंग हुई है। समसेरगंज में वोटिंग शुरू होने से कुछ घंटे पहले समसेरगंज में बम फेंके जाने के मामले में टीएमसी नेता ( TMC Leader ) अनारुल हक को गिरफ्तार किया गया। हर बूथ पर केंद्रयी बलों की तैनाती की गई है। इस बीच हाईप्रोफाइल सीट भवानीपुर ( Bhawanipur ) से बीजेपी प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल ( Priyanka Tibrewal ) ने केंद्र का दौरा किया। उन्होंने टीएमसी ( TMC ) पर जानबूझकर वोटिंग मशीनें बंद करवाने का आरोप लगाया। बता दें कि भवानीपुर सीट से टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) की साख दांव पर लगी है। Bhabanipur stands at the cusp of history, where if it defeats Mamata Banerjee, it will rid Bengal of regressive politics. So, if you are a voter from the constituency, get out and make your vote count, change the course of Bengal’s destiny. You owe it to your future generations. — Amit Malviya (@amitmalviya) September 30, 2021 #WestBengalBypolls | Polling underway in Murshidabad for Jangipur constituency, in compliance with COVID norms (Visuals from booth no. 72 & 72A in Ramjanpur Primary School) pic.twitter.com/SVf561F2Rr — ANI (@ANI) September 30, 2021 तृणमूल पर आरोप लगा है कि उसने समशेरगंज में टीएमसी कार्यालय के सामने फर्जी ईवीएम ( Fake EVM ) दिखाकर मतदाताओं को प्रभावित किया गया। कथित तौर पर, तृणमूल कार्यकर्ता बूथ के कुछ दूरी पर मतदाताओं को नकली ईवीएम के माध्यम से दिखा रहे थे कि उन्हें अपना वोट कहां डालना है। #WestBengalBypolls | Security deployment at a polling booth of ward number 71 in Bhabanipur Besides Bhabanipur, bypolls will also be held in Shamsherganj and Jangipur in the Murshidabad district. pic.twitter.com/P1HAShSrRX — ANI (@ANI) September 30, 2021 पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए गुरुवार सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो गया। प्रशासन ने वोटिंग के लिए कड़े सुरक्षा (Security) इंतजाम किए हैं। हर बूथ पर केंद्रीय बलों के जवान तैनात किए गए हैं। Madan Mitra (TMC MLA) has purposely shut the voting machine here as he wants to capture the booth: Priyanka Tibrewal, BJP candidate for Bhabanipur by-poll at polling booth of ward number 72 pic.twitter.com/lFB5hQytTY — ANI (@ANI) September 30, 2021 इस बीच भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरीवाल ने आज सुबह 72 नंबर वार्ड का दौरा किया। उन्होंने कहा, ‘मदन मित्रा ने इस बूथ को कैप्चर करने के लिए मशीनों को बंद करा रखा है ताकि वोटर आएं और चले जाएं।’ पश्चिम बंगाल में भवानीपुर समेत तीन सीटों पर कड़ी सुरक्षा और बारिश से निपटने के उपायों के बीच विधानसभा का उपचुनाव हो रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) की उम्मीदवार के तौर पर भवानीपुर से चुनाव लड़ रही हैं। उपचुनाव दक्षिण कोलकाता की भवानीपुर सीट के अलावा मुर्शिदाबाद जिले की जंगीपुर और समसेरगंज सीटों पर भी हो रहा है। EVM की सुरक्षा के लिए 141 विशेष वाहनों की व्यवस्था की गई है। लॉर्ड सिन्हा रोड स्थित सखावत मेमोरियल गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल में ईवीएम को स्टोर करने के लिए दो स्ट्रांग रूम बनाए गए हैं। भवानीपुर में 97 मतदान केंद्रों के 287 मतदेय स्थलों में से प्रत्येक पर केंद्रीय बल के जवान तैनात किए गए हैं।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/kapil-sibal-comment-reaction-delhi-congress-workers-smashed-his-car-and-protest-outside-house-7095985/,"कपिल सिब्बल के बयान पर बवाल, कांग्रेस कार्यकर्ताओं का घर के बाहर प्रदर्शन-तोड़ दी गाड़ी","नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल द्वारा पंजाब के सियासी संकट के बीच पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाने के कुछ ही घंटों बाद, बुधवार शाम दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राजधानी में उनके आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने सिब्बल की कार को भी तोड़ दिया और 'सिब्बल पार्टी छोड़ो! अपने होश में आओ', 'राहुल गांधी जिंदाबाद', जैसे नारे लगाए। इतना ही नहीं इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'गेट वेल सून कपिल सिब्बल' जैसे नारे लिखी तख्तियां भी दिखाईं। इससे पहले मंगलवार दिन में, कपिल सिब्बल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे मुद्दों को उठाना जारी रखेंगे क्योंकि वे ""जी -23 हैं, निश्चित रूप से जी हुजूर-23 नहीं""। G-23 असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं का समूह है, जिन्होंने पिछले अगस्त में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था, जिसमें संगठन के भीतर व्यापक बदलाव का आह्वान किया गया था। सिब्बल ने आगे कहा कि कांग्रेस का कोई अध्यक्ष नहीं है। इसके अलावा उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव और लुइज़िन्हो फलेरियो का उल्लेख करते हुए हाल ही में पार्टी छोड़ने वालों से हुए नुकसान की भी बात कही। #WATCH | Workers of Delhi Congress protest against senior party leader Kapil Sibal outside his residence in New Delhi, hours after Sibal reiterated demands for sweeping reforms raised by G-23 leaders; show placards reading 'Get Well Soon Kapil Sibal' pic.twitter.com/6A1dNrbuLT — ANI (@ANI) September 29, 2021 सिबल का यह बयान उस घटना के एक दिन बाद आया है जब नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था, जिससे राज्य के राजनीतिक हलकों में सदमे की लहर दौड़ गई। सिब्बल ने कहा. “मैं यहां भारी मन से खड़ा हूं। हमारे लोग हमें छोड़ रहे हैं। सुष्मिता, फलेरियो... जितिन मंत्री बने.. सिंधिया भी बहुत पहले चले गए... हर जगह लोग हमें छोड़ रहे हैं। हमारी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है। हम जानते हैं, फिर भी हम नहीं जानते।"" उन्होंने यह भी कहा कि वह कांग्रेस को कमजोर होते नहीं देख सकते। उन्होंने कहा, ""हमारे वरिष्ठ सहयोगियों में से एक को तुरंत सीडब्ल्यूसी (बैठक) बुलाने के लिए लिखना है।"" सिब्बल जी-23 के सबसे आक्रामक चेहरों में से एक हैं। उन्होंने अगस्त में 'मिशन 2024' के लिए विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए प्रमुख विपक्षी नेताओं के लिए रात्रिभोज की मेजबानी की थी। यह ऐसे समय में आया है जब राहुल गांधी भी विपक्षी एकता सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे थे।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/abhishek-banerjee-says-to-save-country-it-is-essential-to-defeat-bjp-7095653/,"टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी बोले, देश बचाने के लिए भाजपा को हराना जरूरी","नई दिल्ली। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को प्रेसवार्ता के दौरान कांग्रेस के रवैये पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई कांग्रेस या किसी राजनीतिक दल से नहीं है। हमें भारत को बचाना है और उसके लिए भाजपा को हराना जरूरी है। कांग्रेस बीते सात वर्षों से राष्ट्रीय विपक्ष के क्षेत्र में है। टीएमसी लगातार भाजपा को हरा रही है। उन्होंने कहा कि अगर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस कुछ नहीं कर रही है, तो हम बतख बनकर नहीं बैठे रह सकते। कांग्रेस को कुर्सी से उठकर सड़कों पर उतरना होगा। यह काम घरों में बैठकर आराम से नहीं किया जा सकता है। हम ऐसी पार्टी नहीं हैं जो केवल सोशल मीडिया पर मौजूद है जब टीएमसी गोवा में इकाई शुरू करेगी, तो हम निश्चित रूप से चीजों में तेजी लाएंगे क्योंकि तीन से साढ़े तीन महीने (चुनावों में) बाकी हैं। पार्टी अपना पूरा वजन गोवा इकाई के पीछे लगाने जा रही है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आने वाले दिनों में गोवा के लोग एक नई सुबह देखें।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/bihar-cm-says-central-will-take-decision-on-special-state-state-bihar-7095388/,"बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग पर CM नीतीश कुमार का जवाब, फैसला केंद्र के हाथ में है","नई दिल्ली। बिहार में इन दिनों जातिगत जनगणना और राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। जातिगत जनगणना पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़ा फैसला लेने के मूड में नजर आ रहे हैं। इस बीच उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग हमने अभी छोड़ी नहीं है। हालांकि इस संबंध में फैसला लेना केंद्र सरकार के हाथ में है। तेजस्वी का बिहार सीएम को पत्र बता दें कि आज बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर राज्य में बाढ़ की समस्या पर उनका ध्यान खींचा। इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने सीएम से कहा कि उन्हें बिहार के इन मुद्दों के लेकर पीएम मोदी से मुलाकात करनी चाहिए। राजद नेता ने कहा कि 2011 में राज्य में नदियों को जोड़ने की योजना शुरू हुई थी। जिसका उद्देश्य राज्य में बाढ़ के प्रभाव को कम करना था, लेकिन यह योजना अधर में लटकी है। माननीय मुख्यमंत्री से व्यापक जनहित में मांग है कि बिहार में प्रतिवर्ष बाढ़ और सुखाड़ की विभीषिका के कारण होने वाले नुकसान एवं नदी जोड़ने की योजना के महत्व के संदर्भ में राज्यहित में उनके नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल मा॰ प्रधानमंत्री से मिलकर उपर्युक्त उचित माँगों को रखे pic.twitter.com/lw3LCgYLyL — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 29, 2021 बाढ़ से प्रभावित रहते हैं ये इलाके पत्र में तेजस्वी यादव ने हर साल बाढ़ से प्रभावित होने वाले इलाकों का जिक्र भी किया। तेजस्वी यादव ने बताया कि बिहार का किशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, भागलपुर, कटिहार और वैशाली सहित राजधानी पटना में भी बाढ़ का कहर देखने को मिलता है। बावजूद इसके सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। वही नीतीश कुमार का कहना है कि हमें कोई पत्र कहां मिलता है। हमें तो ऐसे मामलों की जानकारी मीडिया से ही मिलती है। गौरतलब है कि बिहार में सभी पार्टियां जातीय जनगणना और राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने में एकमत हैं। वहीं केंद्र ने जातिगत जनगणना कराने से इंकार कर दिया है। ऐसे में बिहार सीएम नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में सरकार अपने बूते राज्य में जातीय जनगणना कराने का फैसला ले सकती है। इसके लिए जदयू 5 करोड़ की आर्थिक मदद देने को तैयार है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/congress-leader-kapil-sibal-said-there-is-no-president-so-we-dont-know-who-is-taking-decisions-7095313/,"कांग्रेस नेतृत्व को लेकर कपिल सिब्बल ने उठाए सवाल, बोले- बिना अध्यक्ष के पता नहीं कौन ले रहा फैसले?","नई दिल्ली। पंजाब में कांग्रेस ( Punjab Congress Crisis ) के राजनीतिक संकट के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में अब जी23 के सदस्य कपिल सिब्बल ( Kapil Sibal ) ने भी पार्टी आलाकमान के खिलाफ मोर्चा कोल दिया है। हालांकि उन्होंने किसी नाम नहीं लिया लेकिन कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कपिल सिब्बल ने कहा कि 'हमारी पार्टी में इस वक्त कोई अध्यक्ष नहीं है, नहीं पता कौन फैसले करता है? हम जानते भी हैं और नहीं भी जानते हैं। #WATCH | We are not “Jee Huzoor 23”. It is very clear. We will keep talking. We will continue to reiterate our demands: Congress leader Kapil Sibal, one of the 23 party leaders who wrote a letter to Congress president last year, demanding a slew of organizational reforms pic.twitter.com/JIy4HYqHeT — ANI (@ANI) September 29, 2021 कांग्रेस में आंतरिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पंजाब कांग्रेस में चल रही उथल पुथल का असर अब दिल्ली में बैठे पार्टी के बड़े नेताओं की नाराजगी के रूप में भी देखने को मिल रहा है। मनीष तिवारी के बाद अब कपिल सिब्बल की का रिएक्शन भी सामने आया है। बुलाई जाए CWC की बैठक कपिल सिब्बल ने कहा कि, पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है, पता नहीं कौन फैसले ले रहे है? हम ऐसी परिस्थिति में क्यों हैं इसके लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई जाए ताकि अंदर खुल कर बात हो जो सार्वजनिक रूप से नहीं हो सकती। सिब्बल ने कहा, 'मैं आपसे (मीडिया) उन कांग्रेसियों की ओर से बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में पत्र लिखा था। पत्र लिखे जाने के बाद भी हम सीडब्ल्यूसी और केंद्रीय अध्यक्ष के पद के चुनाव के संबंध में की जाने वाली कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं।' इंतजार की भी हद होती है-सिब्बल कांग्रेस नेता ने कहा, ‘इंतजार की भी एक हद होती है। हम कब तक इंजतार करेंगे। हम सिर्फ एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा चाहते हैं। कुछ बात होना चाहिए। CWC में किसी भी मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। पंजाब के हालातों पर चर्चा होनी चाहिए। सिब्बल ने कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं है। हम पार्टी के साथ हैं, लेकिन फैक्ट ये है कि हमारी पार्टी का कोई चुना हुआ अध्यक्ष नहीं है। यही नहीं कपिल सिब्बल ने पंजाब में हो रही उठाकर को लेकर कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को दिल्ली से कंट्रोल नहीं किया जाना चाहिए।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/rahul-gandhi-targets-pm-modi-over-savarkar-in-kerala-7095188/,"राहुल गांधी का PM मोदी पर हमला, कहा- सावरकर को पढ़ने वाले क्या जाने भारत का मतलब","नई दिल्ली। पंजाब की कमान सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को सौंपने के साथ ही नई कैबिनेट का गठन भी हो गया है। इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को केरल के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान राहुल गांधी मलप्पुरम में हिमा डायलिसिस सेंटर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में राहुल गांधी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित भी किया। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर आप सावरकर जैसे लोगों को पढ़ेंगे तो वे कहेंगे कि भारत एक भूगोल है। राहुल गांधी ने बताया भारत का अर्थ राहुल गांधी ने कहा कि वे कलम लेकर नक्शा खींचते हैं और कहते हैं कि यह भारत है। इस रेखा के बाहर यह भारत नहीं है और इस रेखा के अंदर यह भारत है। फिर एक सवाल उठता है कि क्या भारत सिर्फ एक नक्शा है। नहीं क्योंकि अगर इस क्षेत्र में लोग नहीं होते तो आप यह नहीं कहते कि यह भारत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मेरे लिए भारत का अर्थ यहां रहने वाले लोगों से है, जहां सभी धर्म हर भाषा को बोलने वाले लोग रहते हैं। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर लगाए गंभीर आरोप कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझे तकलीफ होती है जब देश के पीएम को इस संबंधों को तोड़ते देखता हूं। अगर कोई भारतीय अमेरिका में जाकर बस जाता है तो क्या वह भारतीय नहीं रहता। भारत एक शब्द या कोई नक्शा नहीं है यह एक विचार है, भारत एक संस्कृति है। राहुल गांधी ने कहा कि सावरकर को पढ़ने वाले भारत का मतलब क्या समझेंगे। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश के पीएम भारत के विचार पर हमला कर रहे हैं। ऐसे में देश का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मेरा फर्ज है कि मैं इस हमले के लिए उनका विरोध करूं, मैं इस सोच का विरोध करता हूं। भारत का मतलब प्यार है, जहां हर धर्म और हर विचार के लोगों को रहने और जीवन जीने की आजादी है, ऐसे भारत में नफरत फैलाने के विचार का मैं विरोध करता हूं।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/punjab-cm-charanjit-singh-channi-announces-to-waive-electricity-bills-7095161/,"पंजाब CM चरणजीत सिंह चन्नी का किसानों को बड़ा तोहफा, असमर्थ लोगों के बिजली बिल भरेगी सरकार, कटे कनेक्शन होंगे बहाल","नई दिल्ली। पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने विधानसभा चुनाव से पहले आज कई बड़े ऐलान कर दिए हैं। पंजाब सीएम का कहना है कि बिजली का बिल न भरने की वजह से जिन लोगों के कनेक्शन काटे गए हैं उन्हें जल्द ही बहाल किया जाएगा। चरणजीत सिंह चन्नी का कहना है कि मैं अच्छी तरह से समझता हूं कि बिजली का अधिक बिल आने से हमारे किसान भाई उसका भुगतान नहीं कर पाते। अब उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। पंजाब सीएम ने कहा कि जो लोग बिजली के बिल का भुगतान करने में असमर्थ हैं, उनके लिए मैं हूं। 53 लाख लोगों के बिजली बिल होंगे माफ आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पंजाब सीएम ने ऐलान किया कि 2 किलोवॉट की सामर्थ्यता वाले लोगों का बिजली का बिल माफ किया जाएगा, इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। सीएम ने बताया कि इसका लाभ लेने के लिए पात्र लोगों को एक प्रक्रिया को फॉलो करना होगा। राज्य के करीब 53 लाख लोगों को इसका लाभ मिलेगा। वहीं सरकार इसके लिए करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च करेगी। सिद्धू के इस्तीफे पर क्या बोले चन्नी इस दौरान पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर भी बात की। उन्होंने बताया कि मैंने इस विषय पर सिद्धू से बात की है और उन्हें आमत्रित किया है। आज या कल मैं उनसे मुलाकात करूंगा। बता दें कि इस्तीफे के बाद आज नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी नारजगी की वजह भी बताई है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि नई सरकार में ऐसे लोगों की नियुक्ती की है, जिन्होंने बेदअदबी के लिए दोषी लोगों को सुरक्षा दी और उनके केस लड़े हैं। गौरतलब है कि पंजाब के सीएम बनने के बाद ही चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के हित में काम करने की बात कही थी। इसके साथ ही उन्होंने बिजली के बिल में राहत देने और जिन लोगों के कनेक्शन काटे गए थे उन्हें फिर से बहाल करने का ऐलान किया था। बता दें कि पंजाब में बिल बकाया होने की वजह से करीब 1 लाख लोगों के कनेक्शन काटे गए हैं।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/mehbooba-mufti-claims-that-she-is-placed-under-house-arrest-again-in-jammu-kashmir-7095060/,"महबूबा मुफ्ती का दावा, फिर किया गया नजरबंद, बोलीं- यही है कश्मीर की असली तस्वीर","नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) से एक बार फिर बड़ी खबर सामने आई है। पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी ( PDP ) चीफ महबूबा मुफ्ती ( Mehbooba Mufti ) ने दावा किया है कि उन्हें एक बार फिर से नजरबंद कर दिया गया है। महबूबा ने कहा है कि त्राल में सेना की ओर से की गई मारपीट के पीड़ित परिवार से मिलने वह त्राल जा रही थीं, लेकिन उन्हें रोकने के साथ ही एक बार फिर घर में ही बंद कर दिया गया है। यह भी पढ़ेंः LoC पर सुरक्षाबलों को मिली कामयाबी, उरी में पाकिस्तानी आतंकी ढेर, एक को जिंदा पकड़ा Locked up in my house today yet again for attempting to visit the village in Tral allegedly ransacked by army. This is the real picture of Kashmir that visiting dignitaries must be shown instead of GOIs sanitised & guided picnic tours. pic.twitter.com/Hp9wcuw1qT — Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 29, 2021 पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 'मैं दक्षिण कश्मीर के त्राल जाना चाहती थी। लेकिन पुलिस ने मुझे घर में नजरबंद कर दिया है। मेरे घर के बाहरी दरवाजे पर पुलिस ने बाहर से ताला लगा दिया है। त्राल में बीते दिनों सुरक्षाबलों ने ग्रामीणों के साथ मारपीट की है, मैं वहां हालात का जायजा लेने और पीड़ितों से मिलने जाना चाहती थी। इस बीच, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीडीपी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती को एसपी अवंतीपोर व दक्षिण कश्मीर रेंज के डीआइजी ने सुरक्षा कारणों से त्राल न जाने की सलाह दी है।' मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'सेना की ओर से कथित तौर पर एक परिवार से मारपीट के बाद मेरे त्राल दौर पर जाने की वजह से आज मुझे मेरे घर में बंद कर दिया गया है। यह कश्मीर की असली तस्वीर है। भारत सरकार को यहां आने वाले प्रतिनिधिमंडल को पिकनिक टूर की बजाय यह तस्वीर दिखानी चाहिए।' मुफ्ती ने ट्वीट में तस्वीर भी साझा की है। इसमें गुपकर रोड स्थित उनके घर के मेन गेट पर सेना के वाहन दिख रहे हैं। बता दें कि दो दिन पहले ही महबूबा मुफ्ती ने मीडिया की स्वतंत्रता पर चिंता सताई थी। उन्होंने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को खत लिखा कि विशेषकर कश्मीर में पत्रकारों को प्रताड़ित किया जा रहा है। लिहाजा कश्मीर में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया इस मामले की जांच के लिए कश्मीर में एक टीम भेजे। यही नहीं पीडीपी वर्करों ने श्रीनगर में पीडीपी पार्टी कार्यालय के बाहर मीडिया की स्वतंत्रता और अधिकारों के तथाकथित हनन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था। वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी लोन ने कहा था कि कश्मीर में अभिव्यक्ति की आजादी का हक खत्म हो चुका है। यहां जो कोई भी सरकार की जननीतियों के खिलाफ बोलता है, उसके खिलाफ लिखता है उसे झूठे मामलों में फंसा दिया जाता है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/tejashwi-yadav-wrote-a-latter-to-cm-nitish-kumar-on-flood-in-bihar-7095017/,"बिहार में बाढ़ को लेकर तेजस्वी यादव ने CM नीतीश कुमार को लिखा पत्र, कहा- PM मोदी से मिलकर करें ये मांगें","नई दिल्ली। बिहार में हर साल बाढ़ से राज्य की बड़ी आबादी प्रभावित होती है। ऐसे में बिहार विधानसभा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस मुद्दे को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की बात कही है। तेजस्वी ने बताया कि इस साल बिहार में करीब 20 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए जबकि कई लोगों की मौत भी हो गई। तेजस्वी यादव में पत्र में इन बातों का किया जिक्र तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्यहित में प्रतिवर्ष बाढ़ की विभीषिका के कारण होने वाले नुकसान और नदी जोड़ने की योजना के महत्व के संदर्भ में एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल बनाएं और प्रधानमंत्री से मिलकर इन मांगों को रखें। बता दें कि इस पत्र में नीतीश कुमार ने बिहार में सुखाड़ और इससे प्रभावित होकर असामयिक मृत्यु के साथ-साथ अरबों रुपयों की फसल की हो रही क्षति को बचाने के लिए जिक्र किया है। माननीय मुख्यमंत्री से व्यापक जनहित में मांग है कि बिहार में प्रतिवर्ष बाढ़ और सुखाड़ की विभीषिका के कारण होने वाले नुकसान एवं नदी जोड़ने की योजना के महत्व के संदर्भ में राज्यहित में उनके नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल मा॰ प्रधानमंत्री से मिलकर उपर्युक्त उचित माँगों को रखे pic.twitter.com/lw3LCgYLyL — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 29, 2021 रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट्स पर तेजस्वी ने उठाए सवाल राजद नेता ने बताया कि 2011 में बिहार में रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट्स की घोषणा की गई थी। इसमें राज्य की कई नदियों को जोड़ने के लिए अनेक योजनाओं की बात कही गई थी, लेकिन सरकारों की लापरवाही के चलते योजना अधर में लटकी है। केंद्र सरकार ने 2019 में मात्र एक ‘कोशी-मेची’ नदी को जोड़ने की योजना को रास्ता दिया, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस योजना का कार्यान्वयन अभी तक शुरू नहीं हुआ है। तेजस्वी ने बताया कि राज्य बारिश के चलते हर साल राज्य की कई नदियां बाढ़ का कारण बनती हैं। ऐसे में इन नदियों को उन नदियों से जोड़ा जा सकता है, जिनमें पानी कम हो। इससे बिहार के लोगों को बाढ़ से काफी राहत मिलेगी। पत्र में तेजस्वी यादव ने हर साल बाढ़ से प्रभावित होने वाले इलाकों का जिक्र भी किया। तेजस्वी यादव ने बताया कि बिहार का किशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण जैसे इलाके बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही शिवहर, सुपौल, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर, सीवान, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा, भागलपुर, कटिहार और वैशाली सहित राजधानी पटना में भी बाढ़ का कहर देखने को मिलता है। बावजूद इसके सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/navjot-singh-siddu-raised-questions-on-appointments-in-punjab-gov-7094982/,"इस्तीफे के बाद नवजोत सिंह सिद्दू का सख्त रवैया, पंजाब की नई सरकार में कई नियुक्तियों पर उठाए सवाल","नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का बड़ा बयान सामने आया है। नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि मैंने हमेशा पंजाब के लोगों की जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया है। अपने इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा कि मेरा इस्तीफा पंजाब के हितों और नैतिकता के सवाल पर है, जिनसे मैं कतई समझौता नहीं कर सकता। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब की नई सरकार में कुछ नियुक्तियों पर सवाल उठाए हैं। सिद्धू बोले- अंतिम सांस तक जारी रहेंगी लड़ाई दरसअल, कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो मैसेज साझा किया है। सिद्धू का कहना है कि मेरे लिए कोई पद मायने नहीं रखता था और न ही आगे किसी पद का महत्व पंजाब के हित से ऊपर होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब के हित के लिए, यहां के लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए मैं अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा। इस वीडियो मैसेज में सिद्धू ने अपने इस्तीफे के बाद से उठ रहे कई सवालों के जवाब भी दिए। सिद्धू ने कहा कि मेरा मकसद चुनाव से पहले पार्टी को संकट में डालना नहीं है और न ही में कांग्रेस नेतृत को गुमराह कर रहा हूं। मैं क्या कांग्रेस आलाकमान को कोई गुमराह नहीं कर सकता, लेकिन मैं पंजाब के हितों और नैतिकता से समझौता भी नहीं कर सकता। आगे में अपने गुरूओं के आदर्शों और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का प्रयास करूंगा। इसके साथ ही सिद्धू ने पंजाब के नए एडवो‍केट जनरल (AG) और कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति पर सवाल भी उठाए हैं। उन्‍होंने कहा कि जिन लोगों ने बेदअदबी के लिए दोषी लोगों को सुरक्षा दी और उनके केस लड़े उनकी नियुक्तियां हो रही हैं। ऐसे में पंजाब के हालातों में कोई बदलाव नहीं होने वाला, राज्य के हालात वहीं रहेंगे जो कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के समय थे। इससे साफ हो रहा है कि सिद्धू नए सरकार को लेकर लिए गए कुछ फैसलों से खुश नहीं है। अब लोगों की नजर इसपर टिकी है कि सिद्धू का अगला कदम क्या होगा। हालांकि वो कह रहे हैं कि मैं पार्टी के साथ जुड़ा रहूंगा।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/navjot-singh-sidhus-resignation-has-not-been-accepted-by-top-leaders-7094055/,"कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे को किया नामंजूर, कहा-हल निकाला जाए","नई दिल्ली। पंजाब में सियासी पारा उतरने का नाम नहीं ले रहा है। नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के इस्तीफे को कांग्रेस आलाकमान ने नामूंजर कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने इस्तीफे को स्वीकार नहीं करा है। इसके साथ प्रदेश कांग्रेस को निर्देश दिए कि समस्या का हल निकाला जाए। नवजोत सिंह सिद्धू ने आज (28 सितंबर) पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट से समझौता शुरू होता है, तो मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं। उन्होंने लिखा कि इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा। सिद्धू ने इस वर्ष जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था। नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के कुछ देर बाद रजिया सुल्ताना ने पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को दिए त्यागपत्र में सुल्ताना ने कहा कि वह नवजोत सिंह सिद्धू के प्रति एकजुटता दिखाते हुए इस्तीफा दे रही हैं। सुल्ताना सिद्धू की काफी करीबी हैं। उनके पति मोहम्मद मुस्तफा सिद्धू के प्रधान रणनीतिक सलाहकार हैं। रजिया सुल्ताना के इस्तीफे के बाद पंजाब के मंत्री परगट सिंह ने भी इस्तीफा दिया है। उन्होंने भी सिद्धू के समर्थन में शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दिया।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/kanhaiya-kumar-has-no-faith-in-communist-ideology-d-raja-7093865/,"कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने पर बोले डी राजा, वे पार्टी नेतृत्व के साथ सच्चे नहीं थे","नई दिल्ली। कन्हैया कुमार (Kanhaiya kumar) ने खुद को भाकपा से निष्कासित कर दिया है, पार्टी के महासचिव डी राजा (D Raja) ने मंगलवार को कहा कि जेएनयू के पूर्व नेता ने वाम दल छोड़ दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेतृत्व के साथ ""सच्चे नहीं"" थे। इसके साथ पार्टी से अपनी मांगों को लेकर साफ नहीं थे। राजा ने ने कहा, ""कुमार ने खुद को पार्टी से निकाल दिया। वे पार्टी के प्रति सच्चे नहीं थे। कन्हैया के पार्टी में आने से बहुत पहले से भाकपा मौजूद थी और उनके जाने के बाद भी बनी रहेगी।"" राजा ने कुमार के कम्युनिस्ट विचारधारा में विश्वास पर भी सवाल उठाया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव ने कहा, ""उनकी व्यक्तिगत और राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं और आकांक्षाएं हैं। यह दिखाता है कि उन्हें कम्युनिस्ट विचारधारा में कोई विश्वास नहीं है।"" जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। गुजरात के दलित नेता और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी पार्टी में शामिल हो गए हैं। कुमार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाकपा में शामिल हो गए थे और उन्होंने बिहार के बेगूसराय से भाजपा के गिरिराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था और असफल रहे थे।",1 https://www.patrika.com,https://www.patrika.com/political-news/kanhaiya-kumar-and-gujarat-mla-jignesh-mewani-joins-congress-7093562/,कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी ने राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थामा,"नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी (Jignesh Mewani) आखिरकार कांग्रेस में शामिल हो गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने इन दोनों युवाओं और कांग्रेस नेतृत्व के बीच मध्यस्थता का काम किया है। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों युवाओं का कांग्रेस में शामिल होना साबित करता है कि राहुल गांधी बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषज्ञों की राय के अनुसार पार्टी में अब युवाओं को ज्यादा अहमियत देने की कोशिश हो रही है। कांग्रेस को करीब से जानने वालों का कहना है कि कन्हैया कुमार को कांग्रेस के निकट लाने में सबसे बड़ी भूमिका विधायक शकील अहमद खान ने निभाई है। बताया जा रहा है कि कन्हैया से उनके अच्छे तालमेल हैं। उन्होने राहुल गांधी से कन्हैया कुमार की मुलाकात करवाई थी। प्रशांत किशोर का भी अहम रोल माना गया दरअसल नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरुद्ध आंदोलन में शकील बिहार में कन्हैया के संग दिखाई दिए थे। हालांकि, इसमें चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का भी अहम रोल माना गया है। गौरतलब है कि पीके की गाइडलाइन के तहत राहुल गांधी युवा नेताओं की एक नई टीम बना रहे हैं। इसमें कन्हैया की भूमिका काफी अहम हो सकती है। कांग्रेस कन्हैया कुमार को यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कई स्तरों पर इस्तेमाल करना चाहती है। 2019 में कन्हैया लड़ चुके हैं लोकसभा चुनाव मूल रूप से बिहार से जुड़ाव रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों आए। वे बीते लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे। मगर वह यहां हार गए थे। वहीं दूसरी तरफ, दलित समुदाय से जुड़े जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।",1