Published June 28, 2024
| Version RRSSH - Apr.-May-Jun. 2024
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उत्तराखण्ड में पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की राजनीतिक भूमिका
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उत्तराखण्ड एक ऐसा पर्वतीय राज्य है, जो एक लम्बे संघर्ष के बाद मिला। इस संघर्ष में सिर्फ पुरुषों ने ही नहीं, बल्कि
महिलाओं ने भी अपना पूर्ण योगदान दिया। आज उत्तराखण्ड राज्य को बने 20 वर्ष से भी ज्यादा समय हो चुका है। आज
भी उत्तराखण्ड की महिलाओं का जीवन सदियों से ऐसा चल रहा है। पारिवारिक व सामाजिक जिम्मेदारियों ने महिलाओं
को इतना सशक्त कर दिया है कि वे अब आर्थिक क्षेत्र के साथ-साथ राजनीतिक क्षेत्र में भी पुरुषों के बराबरी कर रही
है। ये प्रयास सफल लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए जरूरी भी है। वर्तमान व्यवस्था में उत्तराखण्ड को देखे तो यह दृष्टि
दौड़ाए तो, उनकी भागीदारी सिर्फ महिला आरक्षित सीटों पर ही ज्यादा देखने को मिलती है। अधिकतर जगह पुरुषों को
ही वर्चस्व है।
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References
- सिंहल, एस.सी, ''समकालीन राजनीतिक मुद्दे'', लक्ष्मी नारायण अग्रवाल, आगरा।
- श्रीवास्तव, के.सी. (2012-13) ''प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति'', यूनाइटेड बुक डिपो, इलाहाबाद। पृष्ठ 88
- कुमार, डॉ नीशू ''महिला सशक्तिकरण भारतीय समाज में महिलाओं की भूमिका'', नालन्दा प्रकाशन दिल्ली 2021 पृष्ठ-1-2)